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बड़े भाई ने बहन के बुर की सील तोड़ी

जुलाई 1, 2025 by hamari Leave a Comment

XXX Sister Chudai Kahani

दोस्तों यह कहानी नीरू और नीरज की है नीरू 16 साल की बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक स्लिम ट्रिम बदन वाली नवयौवना है उसका सगा भाई, नीरज , जो पच्चीस साल का और बेहद खूबसूरत और कसरती बदन का मालिक है, वह बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर था पिछले दो सालों से वह फ्रॉम होम कर रहा था. XXX Sister Chudai Kahani

उसकी अपनी सैलरी 2 लाख रू, महीने की थी, दोनों भाई बहन रोज सुबह 1 घंटा जिम में पसीना बहाते थे, दोनों इतने खूबसूरत और आकर्षक थे जितना हॉलीवुड की प्रसिद्ध रोमांटिक जोड़ी है। नीरज और नीरू के माता-पिता का 6 महीने पहले एक कार एक्सीडेंट में निधन हो गया था माता-पिता के निधन के बाद पापा का टर्म इंश्योरेंस का मिला हुआ 5 करोड़ रूपया और बसंत कुंज का 6 करोड़ का दो मंजिला मकान यही संपत्ति इनके पास थी.

मकान का ग्राउंड फ्लोर एक विदेशी कंपनी को किराए पर दे दिया था जिससे 2लाख का किराया प्रति माह आता था ऊपर के फ्लोर पर अब दोनों भाई बहन रहते थे, पैसा देख कर सभी रिश्तेदारों ने अपने जाल को बिछा कर पैसे लेने की कोशिश की जो नीरज और नीरू की सतर्कता से नहीं ले सके तो सभी रिश्तेदारों ने इनसे मुंह मोड़ लिया कोई इनका हाल-चाल भी नहीं लेता था.

नीरज बेहद समझदार था उसने एक फाइनेंशियल प्लानर की मदद ली और 5 करोड रुपए को बहुत ही अच्छी तरह से इन्वेस्ट किया जिससे उसकी मंथली साढे तीन लाख रुपए की आय होने लगी और उसने एक हेल्थ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस ले लिया था ताकि भविष्य में जैसे दुर्घटना उनके साथ हुई वैसे उनकी आने वाली जनरेशन के साथ ना हो और वो भी फाइनेंशली सुरक्षित रहें.

माता-पिता की मृत्यु के बाद जिंदगी ठहर सी गई थी एक धीमी रफ्तार से चल रहे थे जीवन में एक उदासी सी छाई हुई थी. नीरज ने शहर की घुटन भरी जिंदगी,शोरगुल और भागदौड़ से दूर जाने के लिए 10 दिन छुट्टियों का प्लान किया था वह अपनी छोटी बहन को दिल्ली के घर की घुटन भरी सीमाओं से दूर अपने माता-पिता के बिना अपनी पहली सर्दियों की छुट्टी के लिए जा रहा था।

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नीरू, जो हमेशा आज्ञाकारी बहन रही है, वह तुरंत तैयार हो गई वह हमेशा भैया को आदर्श मानती थी, उसकी शांत शक्ति एक सुकून देने वाली उपस्थिति थी, उनके माता-पिता की मृत्यु ने उन्हें असंभावित भाई-बहन के रूप में एक साथ और करीब ला दिया था। लेकिन हाल ही में, उनके बीच एक अजीब सा लगाव पनप रहा था, एक अनकहा प्रवाह जो जब भी उनकी आँखें बहुत देर तक मिलती थीं.

तो शरमाने लगते वैसे दोनों एक दूसरे का बहुत ख्याल रखते थे एक मिनट भी एक दूसरे को देखे बिना नहीं रह पाते थे लेकिन यह अनकहा छोटा सा लगाव क्या था दोनों कुछ महसूस कर रहे थे परंतु समझ नहीं पा रहे थे और जो अहसास हो रहा था उसे एक दूसरे से कहने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे.

धर्मशाला की ठंडी पहाड़ी हवा में देवदार की खुशबू और कुछ जंगलीपन की प्राकृतिक खुशबू थी, जिसने दोनों के दिलों दिमाग में सुकून की अनुभूति के पैदा कर दी थी। यहां धर्मशाला में बर्फ से ढके देवदारों के बीच बसा उनका किराए का कॉटेज, कड़कड़ाती ठंड से एक आरामदायक सुकून दे रहा था। बोनफायर में आग चटक रही थी, जिससे दीवारों पर नाचती हुई परछाइयाँ पड़ रही थी हमने पूरे दिन साइट सीन किया और स्ट्रीट फूड का आंनद लिया.

और बाहर डिनर करके काटेज में लौट आए भैया, दिन भर की सैर से थककर अपने काले बालों को उलझाए हुए, कालीन पर पैर मोड़कर बैठा था और गिटार पर धुन बजा रहा था। मोटी शॉल में लिपटी नीरू उसे देख रही थी, उसकी निगाहें उसकी उंगलियों के अभ्यास से सहजता से चलने के तरीके पर टिकी हुई थीं।

नीरू: “यह जगह बहुत सुंदर है, है न भैया?” उसने फुसफुसाते हुए सहज चुप्पी तोड़ी।

भैया ने ऊपर देखा, उसकी गहरी भूरी आँखें उसकी आँखों से मिलीं। “हाँ,” उसकी आवाज़ धीमी और स्पष्ट थी। “शांत।” एक विराम था, जो अनकहे विचारों से भरा हुआ था। नीरू ने महसूस किया कि उसका दिल धड़क रहा था, उसके सीने में एक अजीब सी गर्मी फैल रही थी। उसने अपनी नज़रें हटा लीं, और टिमटिमाती लपटों पर ध्यान केंद्रित किया।

नीरू: ” भैया मैं… मैं आपको यहाँ लाने के लिए थैंक्यू कहना चाहती थी,” उसने कहा, उसकी आवाज़ फुसफुसाहट से थोड़ी ऊपर थी। “यह… बहुत लम्बे समयांतराल के बाद अलग ट्रिप रही है आज बहुत मज़ा आया।”

भैया ने अपना गिटार एक तरफ रख दिया, मुस्कुराते हुए उनकी नज़रें मेरे चेहरे पर केंद्रित हो गईं।

भैया: “अलग है अच्छा?” तुम खुश हो ना? उसने पूछा, उसकी आवाज़ में कुछ ऐसा था जिसे मैं ठीक से समझ नहीं पाई।

नीरू ने सिर हिलाया, शर्मा कर उसके गाल लाल हो गए। “हाँ,” उसने स्वीकार किया, “अलग और बहुत अच्छी।” उनके बीच की हवा घनी हो गई, एक विद्युत ऊर्जा से भर गई। नीरज आगे बढ़ा और नीरू को अपनी बाहों के घेरे में ले लिया, उसकी आँखें अपनी बहन की आँखों में कुछ खोज रही थीं।

नीरज: “नीरू,” उसने कहा, “मुझे तुम्हें कुछ बताना है।”

नीरू के कानों में उसका दिल धड़क रहा था, आग की लय की गूंज में एक बहुत दूर किसी उत्सव की आदिम ढोल की आवाज़। वह जानती थी, भैया क्या कहना चाहता था। नीरू का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा उनके बीच जो अनकही इच्छा उबल रही थी, वह उबलने वाली थी।

भैया: मां पापा के जाने के बाद मेरे जीवन में सिर्फ मेरी प्यारी बहन है और मैं उससे बहुत प्यार करता हूं “मैं…मैं तुम्हारे लिए कुछ अलग सा महसूस कर रहा हूँ। कुछ ऐसा जो मुझे नहीं करना चाहिए।”

नीरू की साँस उसके गले में अटक गई। उसे भावनाओं का उफान महसूस हुआ, डर एक रोमांचकारी उत्साह के साथ मिल गया। यह गलत था, बहुत ही गलत, फिर भी यह बहुत अच्छा लगा।

नीरू: “भैया,” मैं भी आपसे बहुत प्यार करती हूं आई लव यू उसने फुसफुसाते हुए कहा, मां पापा के जाने के बाद मेरा आपके सिवाय और कौन है उसकी आवाज़ कांप रही थी, “मुझे भी ऐसा लगता है।”

भैया: हां यह बात बिल्कुल सही है कि हमारा एक दूसरे के अलावा कोई भी नहीं है आई लव यू टू लेकिन मैं तुम्हें कुछ कहना चाहता हूं पहले प्रॉमिस करो कि तुम बुरा नहीं मानोगी।

नीरू: आई लव यू भैया आप जो भी कहना चाहते हैं अपनी छोटी बहन से खुलकर कह सकते हैं मैं आपकी किसी की बात का बुरा नहीं मानूंगी और आप मुझसे नहीं कहेंगे तो फिर किसे कहेंगे।

भैया: मां पापा के जाने के बाद मैं तुम्हें लेकर बहुत बहुत डरा सा महसूस कर रहा हूं मैं तुम्हें अपने से दूर नहीं कर सकता मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं लेकिन यह कुछ अलग सा प्यार है आई लव यू नीरू.

नीरू: आई लव यू टू भैया मैं भी आपसे दूर जाने के ख्याल से डर जाती हूं मैं भी आपसे कुछ दूसरी तरह का प्यार महसूस करती हूं और आपकी भावनाओं को भी समझी हूं आपकी झिझक मैं दूर कर दूं?

शब्द हवा में लटके हुए थे, एक स्वीकारोक्ति जिसने उनके भाई-बहन के रिश्ते की नाजुक सीमाओं को तोड़ दिया। नीरज, नीरू को अपनी गोद में लेकर बैठ गया और उसको अपनी बाहों में भर लिया नीरज ने उनके बीच की दूरी को कम कर दिया, उसका हाथ उसके गाल को सहला रहा था, उसका अंगूठा उसके होंठों को छू रहा था।

भैया: “तुम बहुत खूबसूरत हो, नीरू,” उसने बड़बड़ाते हुए कहा, उसकी साँस उसकी त्वचा पर गर्म हो रही थी। “आई लव यू नीरू मैं तुम्हें बहुत समय से चाहता था यह प्यार भाई बहन होते हुए भी इस रिश्ते से ऊपर एक अप्सरा सी लड़की और लड़के का है।” क्या तुम भी ऐसा ही महसूस करती हो.

उसके शब्दों ने उसकी रीढ़ की हड्डी में सिहरन पैदा कर दी, एक अजीब सी खुशी और रोमांच का मिश्रण। वह जानती थी कि यह गलत है, समाज इसे अपराध मानता है अपराध जिसके भयानक परिणाम हो सकते हैं फिर भी, उसके भीतर जलती हुई इच्छा इतनी शक्तिशाली थी कि उसे अनदेखा नहीं किया जा सकता था।

नीरू: आई लव यू टू भैया मैं भी आपको उसी निगाह से देख रही थी आप मेरे सपनों के राजकुमार हो और फिर मां पापा के जाने के बाद मैं आपसे दूर होने का सोच भी नहीं सकती।

वह उसके स्पर्श में झुक गई, उसकी आँखें बंद हो गईं क्योंकि उसके होंठ नीरज के होंठों को छू रहे थे। यह एक कोमल चुंबन था, अनिश्चित और अव्यक्त लालसा से भरा हुआ। आग भड़क उठी, इसकी गर्मी उनके भीतर जल रही गर्मी की तुलना में फीकी पड़ गई।

नीरज ने किस को और गहरा किया, उसकी जीभ नीरू के होंठों की सिलवटों को छू रही थी, उसकी होंठों में घुसने की मांग कर रही थी। नीरू ने अपने होंठ खोले, उस अनुभूति के प्रति समर्पण कर दिया, उसका शरीर एक ऐसी भूख के साथ प्रतिक्रिया कर रहा था जिसका उसे कभी पता ही नहीं था।

भाई बहन के होंठ एक दूसरे से किसी प्रेमी प्रेमिका की तरह चिपक गए नीरज के हाथ नीरू की पीठ पर चले गए, उसे करीब खींचते हुए, उनके शरीर एक दूसरे से दब रहे थे। नीरू ने भैया के मजबूत शरीर और उसकी कठोरता महसूस की, एक अनजाना लेकिन रोमांचक अनुभूति।

नीरू: धीरे से कराह उठी, आह भैया आई लव यू नीरू के हाथ नीरज के बालों में उलझ गए, उसे और भी करीब खींच लिया।

दोनों एक दूसरे को कसकर जकड़ कर चूमते हुए एक दूसरे की आंखों में देखा दोनों की आंखों में वासना के लाल डोरे तैर रहे थे जुबान में साथ देना बंद कर दिया और एक दूसरे में समा जाने की एक मूक सहमति थी चुंबन अधिक तीव्र, अधिक गहरा हो गया दोनों की जीभ एक दूसरे की जीभ से पेच लड़ा रही थी।

नीरज ने नीरू का टाप जल्दी से उतार दिए गए, उसके शरीर पर काले रंग की ब्रा में कैद चूचियां बहुत ही सुन्दर लग रही थी नीरज से रुका नहीं गया और उसने नीरू के नाजुक चूची को चूमना शुरू कर दिया नीरू के मुंह से गहरी सी सिसकी निकली.

नीरू: सी… उफ़ भैया क्या कर दिया आपने उफ मेरे अंदर एक आग सी जल रही है पूरा बदन गरम हो गया है.

नीरज ने हाथ पीछे ले जाकर की ब्रा के हुक को खोल दिया और ब्रा निकाल कर दूर कोने में फेंक दी नीरू ने शर्म के मारे अपनी आंखें बंद कर ली, नीरज उसकी चूचियों को अपने हाथों में लेकर सहलाया उसके निप्पल को चुटकी में लेकर मसला तो नीरू कराह उठी.

नीरू: आह सी सी भैया यह क्या कर रहे हो आज तक इसे किसी ने नहीं किया मेरी इच्छा थी आप ही इन्हें प्यार करो.

कहकर नीरू ने नीरज का मुंह अपनी चूची पर दबा दिया नीरज ने नीरू के निप्पल को मुंह में भर लिया और चूची को पीने लगा, दूसरे को इस तरह से मसलते रहा नीरू की सिसकारियां तेज होती जा रही थी नीरू, रोमांच से कांपती हुई, कालीन पर वापस लेट गई, उसकी आँखें भय और इच्छा के मिश्रण से चौड़ी हो गईं।

उसने नीरज की शर्ट और बनियान उतारकर बेड पर डाल दी उसकी जींस को उतार कर दूर फेंक दिया अब नीरज रूपा की चड्डी में था. नीरज धीरे से नीरू को चूमते हुए उसके ऊपर लेट गया था, उसकी निगाहें तीव्र थीं, किसी भी तरह की हिचकिचाहट की तलाश में।

नीरज : “क्या तुम मेरी गर्लफ्रेंड बनोगी, नीरू क्या मैं तुम्हें और प्यार कर सकता हूं?”, उसकी आवाज़ ज़रूरत से स्पष्ट हो गई थी।

नीरू: “हाँ,” हां भैया मैं भी आपको अपना बॉयफ्रेंड बनाना चाहती हूं आपका प्यार पाने के लिए तड़प रही हूं उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज़ मुश्किल से सुनाई दे रही थी। “मुझे आपकी बाहों में आकर बॉयफ्रेंड वाला प्यार चाहिए।”

उसने सिर हिलाया, उसकी आँखें जुनून से काली हो गईं। नीरज ने उसे फिर से चूमा, उसके हाथ उसके शरीर पर घूम रहे थे, हर मोड़, हर ढलान को तलाश रहे थे। उसकी उँगलियाँ उसकी पैंटी की इलास्टिक को छू रही थीं, उसे उतारने से पहले एक पल के लिए हिचकिचाहट हुई। नीरू की चूचियां, छोटी और कड़ी, निप्पल बाहर की ओर निकल कर पीने का आमंत्रण दे रहे थे उसकी निगाह के सामने थे।

उसने उन्हें धीरे से पकड़ा, उसके अंगूठे उसके निप्पल को छू रहे थे, जो पहले से ही उत्तेजना से भरे हुए थे। नीरज ने अपने होंठों को झुका कर निप्पल को अपने मुंह में भर लिया धीरे से चूसते हुए, उसकी जीभ संवेदनशील घुंडी के चारों ओर घूमती रही। नीरू ने हांफते हुए अपना सिर पीछे की ओर झुकाया, अपना शरीर भैया की ओर उठा दिया।

नीरू: आह.. सी… सी… उसके होंठों से एक नरम आह.. निकल रही थी।

भैया: “बहुत सुंदर, चूची है नीरू”.

वह बड़बड़ाया, उसके होंठ उसकी गर्दन पर लटक रहे थे, काट रहे थे और चूस रहे थे, उनके पीछे आग की लपटें छोड़ रहे थे। “भैया,” उसने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आवाज़ और जोर से चूची पीने के लिए विनती कर रही थी। भैया अपनी बहन की इच्छा को कैसे टाल सकता था वह उसकी दूसरी चूची की ओर बढ़ रहा था, उसे भी उसी ध्यान से सहला रहा था।

उसके हाथ नीचे की ओर बढ़े, उसकी जींस की बेल्ट के नीचे सरकते हुए, उसकी उंगलियाँ उसकी पैंटी के इलास्टिक को छू रही थीं। नीरू की साँसें रुक गईं क्योंकि भैया की उंगलियाँ उसके दिल से टकरा रही थीं, जो पहले से ही उत्तेजना से गीली हो चुकी थी। भैया ने अपनी उंगलियाँ उसकी जींस और पैंटी की इलास्टिक में फंसाईं, उन्हें उसकी टाँगों से नीचे खींच लिया, जिससे वह पूरी तरह नंगी हो गई।

उसकी छोटी सी बिना बालों वाली चिकनी बुर भैया की आंखों के सामने नंगी पड़ी हुई थी बुर गीली होकर लार टपकाने लगी थी. नीरू खुद को बेपर्दा, असुरक्षित महसूस कर रही थी, फिर भी उसके भीतर जलती हुई इच्छा ने शर्म की किसी भी भावना को दबा दिया। भैया की निगाहें उस पर घूम रही थीं, उसकी आँखें भूख से काली हो गई थीं।

भैया: “तुम बहुत बढ़िया हो बहुत ही चिकनी सैक्सी हो नीरू,” उसने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आवाज़ में इच्छाएँ भरी हुई थीं। मैं तुम्हें प्यार करना चाहता हूं तुम्हारी जवानी का सारा रस चूस लेना चाहता हूं.

नीरू ने बिना कुछ कहे मुस्कुराते हुए अपनी टांगें खोलकर चौड़ी कर ली तो भैया उसकी टांगों के बीच में आगया वह उसकी टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया, उसकी साँसें उसके संवेदनशील शरीर पर चल रही थीं। नीरू ने अपनी साँस रोक ली, उसका दिल उसकी छाती में जोर जोर से धड़क रहा था।

फिर, भैया का मुँह नीचे की ओर आया, उसकी जीभ उसकी नाभि से नीचे की ओर एक रास्ता बनाती हुई, उसकी जाँघों के जोड़ पर उसकी छोटी बहन की कोमल बिना बालों वाली चिकनी बुर पर रुकी। उसने गहरी साँस ली, उसकी साँसें उसके खिलाफ़ गर्म और नम थीं।

नीरू: “भैया क्या कर रहे हो बहुत गंदी जगह है वहां से अपने होंठों को हटाइए ना प्लीज ,” उसने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आवाज़ कांप रही थी।

भैया ने उसकी ओर देखा, उसकी आँखें तीव्रता से जल रही थीं।

भैया : “शश,” कुछ मत बोलो उसने बड़बड़ाया, “बस मेरे प्यार को महसूस करो शोना आई लव यू बस महसूस करो।”

भैया की जीभ छोटी बहन की बुर पर फड़फड़ाई, एक जानबूझकर किया गया काम जिसने नीरू की रीढ़ की हड्डी में सिहरन पैदा कर दी। नीरू ने हांफते हुए, अपने हाथों से कालीन को पकड़ लिया, उसका शरीर उसकी ओर झुका हुआ था। भैया ने अपनी जीभ से बुर को टटोला, उसका स्वाद लिया, उसे छेड़ा, उसे पागलपन की कगार पर पहुँचा दिया। उसकी उंगलियाँ भी शामिल हो गईं, बुर की दरार में डूबते हुए, उसे एक लय में सहलाते हुए कि वह नीरू नाम पुकार रही थी।

नीरू : सी…. सी…. उफ़ “भैया ,प्लीज मत करिए ना मुझे बहुत अजीब सा लग रहा है उसने विनती की, उसकी आवाज़ से महसूस हो रहा था उसे बहुत अच्छा लग रहा है वहां और चाहती थी।

भैया: मुस्कुराते हुए, एक धीमी, गड़गड़ाहट वाली आवाज़ जो उसके संवेदनशील शरीर को उत्तेजित कर रही थी। “अभी नहीं,” शोना भैया फुसफुसाया, “मैं तुम्हारी बुर का स्वाद लेना चाहता हूँ‌ उसके रस को पीना चाहता हूं”.

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भैया ने बुर को अपने मुँह में भर लिया उसे निगल गया, उसकी जीभ बुर के होठों को खोलकर छोटे से छेद में गहरी धँस गई, उसकी उंगलियाँ एक साथ काम कर रही थीं, उसे स्खलन के और करीब धकेल रही थीं। नीरू उसके नीचे तड़प रही थी, उसका शरीर स्खलन से अकड़ गया था, उसकी साँस छोटी, स्पष्ट साँसों में आ रही थी। जैसे ही उसने सोचा कि वह अब और सहन नहीं कर सकती, वह रुक गया, भैया ने मुँह हटा लिया और बुर तपता और धधकता हुआ तड़पता हुआ छोड़ दिया।

नीरू: “भैया ,” वो फुसफुसायी, उसकी आवाज़ में हताशा थी।

भैया मुस्कुराया, उसकी आँखों में एक प्रेम और वासना की मिश्रित चमक थी।

भैया: अब और अधिक मजे की “मेरी बारी.”

और अपने लंड को बुर की दरार पर घिसते हुए मुस्कुरा रहा था. नीरू की आँखें चौड़ी हो गईं जब उसने भैया की आंखों में देखा, लंड की कठोरता उत्तेजना से धड़क रही थी। उसकी आँखों में डर झलक रहा था, लेकिन यह जल्दी ही इच्छा की लहर में बदल गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

भैया: आई लव यू सोना पुच्च पुच्च “यह दर्द देगा,” पहली बार है ना उसने चेतावनी दी, उसकी आवाज़ कोमल थी।

नीरू: “मुझे पता है बाबू,” पुच्च पुच्च लेकिन अगर आप प्यार से करोगे तो मैं सब सह लूंगी उसने फुसफुसाते हुए कहा.

लंड को अपने अंदर लेने लिए अपनी बुर के होठों को खोलकर अपने भैया के लंड के सुपाड़े को दरार में फंसा कर पकड़ लिया।

भैया: पुच्च पुच्च आई लव यू नीरू क्या तुम अपने भैया का लंड अपने अंदर लेने के लिए तैयार हो.

नीरू: आंखों में अनजाने से डर के साथ मुस्कुराते हुए पुच्च पुच्च आई लव यू भैया थोड़ा धीरे-धीरे करियेगा ये बहुत बड़ा है मेरी बुर बहुत छोटी है आज तक इसमें मैंने उंगली भी नहीं डाली।

भैया: पुच्च पुच्च आई लव यू मेरी जान मैं धीरे-धीरे करूंगा लेकिन पहली बार है थोड़ा तो दर्द होगा तुम उसे बर्दाश्त कर लो तो फिर कभी दर्द नहीं होगा और तुम हमेशा मजे करोगी.

भैया ने थोड़ा सा धक्का लगाया तो भैया के लंड का सुपड़ा मेरी बुर के अंदर घुस गया मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ और मेरी जोर की सिसकारी निकल गई.

नीरू: सी…..सी… आ..आह भैया थोड़ा धीरे-धीरे प्यार करिए आराम से मुझे दर्द हो रहा है आ आ.

फिर भैया ने मेरी कमर को पकड़ा और एक और धक्का लगाया अब उनका लंड 2 इंच मेरी बुर में चुका था मेरी बुर का छेद फैल गया था.

नीरू: सी…..सी… आ..आह भैया मर जाऊंगी आप थोड़ा आराम से करो जानू आई लव यू पुच्च पुच्च.

भैया: पुच्च पुच्च बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है मेरी बहन अगर तू कहे तो मैं निकाल लूं।

नीरू: नहीं भैया निकालना नहीं बस थोड़ा धीरे-धीरे प्यार से अंदर घुसाइए मुझे आपका पूरा प्यार लेना है कुछ सेकंड का समय चाहिए मुझे इतनी से लंड को अपनी बुर में एडजस्ट कर लेने दीजिए.

थोड़ी देर बाद मुझको आराम आया तो मैंने अपनी गांड नीचे से हिलाई भैया समझ गए उन्होंने मेरे कंधे को पकड़ा और मेरे होठों को चूमने लगे धीरे-धीरे भैया ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी इस समय एक जोर की ठाप मारी और उनका 4 इंच लंड मेरी बुर के अंदर टकरा गया मैं तड़प उठी लेकिन मेरे होंठ बंद थे मेरी आंखों से आंसू बहने लगा भैया कुछ देर रुके और मेरी आंखों से निकले आंसुओं को जीभ से चाटने लगे और मेरी आंखों को चूसने लगे मुझे थोड़ी सी राहत आई.

नीरू: सी…..सी… आ..आह भैया पुच्च पुच्च आई लव यू भैया थोड़ा आराम से कीजिए ना मेरी जान निकल जाएगी अभी आपने कितने जोर से किया था ऐसा लगा अंदर कुछ टूट जाएगा। भैया पूरा घूसा दिया क्या?

भैया: पुच्च पुच्च शोना आई लव यू टू, बस बहाना बस हो गया यह आखिरी पड़ाव है इसे बुर की सील कहते हैं एक थक में जब यह टूटेगी तो थोड़ा सा दर्द होगा उसके बाद तुझे कभी भी यह दर्द नहीं सहना पड़ेगा और अभी लंड आधे से ज्यादा बाहर है तुझे थोड़ी सी हिम्मत दिखानी होगी और अपने भैया का पूरा 9 इंच अपनी बुर में लेना होगा आज मैं तेरी बुर्का उद्घाटन कर रहा हूं मैं बहुत लकी हूं की अपनी बहन की नाजुक बुर् का उद्घाटन मेरे लंड से हो रहा है.

नीरू: पुच्च पुच्च आई लव यू भैया मैं भी अपना प्रथम संभोग अपने भैया से ही चाहती थी और अपनी बर का उद्घाटन आपके ही बड़े लंड से करवाना चाहती थी आज आपने अपनी बहन की इच्छा पूरी करती आई लव यू भैया पुच्च पुच्च.

भैया धीरे-धीरे, इंच-दर-इंच दर्द से नीरू की बुर में अंदर-बाहर कर रहे थे, भैया आँखें मेरी आँखों पर टिकी हुई थीं, दर्द के किसी भी संकेत की तलाश में। नीरू ने अपने होंठ काटे, उसके नाखून उसके कंधों में गड़ गए, क्योंकि वह उसे पूरी तरह से भर रहा था। दर्द तेज था, एक जलता हुआ आंसू जो उसकी आँखों में आँसू ला रहा था।

लेकिन दर्द के नीचे, कुछ और था, एक अजीब, उत्साहजनक आनंद जिसे वह नकार नहीं सकती थी। भैया ने उसे एडजस्ट करने के लिए एक पल देते हुए पूछा। “क्या तुम ठीक हो?” भैया की आवाज़ चिंता से भरी हुई थी। नीरू ने सिर हिलाया, उसकी साँस छोटी-छोटी साँसों में आ रही थी।

नीरू: सी…..सी… आ..आह भैया पुच्च पुच्च आई लव यू आप धीरे-धीरे “चलते रहो.”

उसने फुसफुसाते हुए कहा, उसकी आवाज़ में एक नया आत्मविश्वास था। भैया पहले धीरे-धीरे और स्थिर रूप से आगे बढ़ने लगा, फिर बढ़ती हुई तत्परता के साथ। नीरू ने उसकी लय के साथ तालमेल बिठाया, उसका शरीर उसके साथ तालमेल बिठाते हुए आगे बढ़ रहा था, उनकी साँसें एक आदिम नृत्य में एक दूसरे से जुड़ रही थीं।

आग चटक रही थी, उसकी गर्मी उनके भीतर भड़की हुई नरक की मात्र प्रतिध्वनि थी। भैया के हाथों ने उसके कूल्हों को जकड़ लिया, उसे मार्गदर्शित किया, उसका शरीर उसके शरीर में एक लय के साथ धक्के मार रहा था जो क्रूर और कोमल दोनों थी।

अब नीरू की बुर में 5 इंच आराम से आ जा रहा था नीरू इसकी अभ्यस्त हो रही थी आनंद ले रही थी नीरू की कराहों ने कमरे को भर दिया, सुख और दर्द का एक सिम्फनी। उसने महसूस किया कि वह अपने दूसरे स्खलन की ओर बढ़ रही है, एक ऐसी खाई जिसका अस्तित्व उसने कभी नहीं जाना था।

नीरू: सी…..सी… आ..आह भैया “भैया ,” वह चिल्लाई, उसका शरीर तनावग्रस्त हो गया, उसकी मांसपेशियाँ कस गईं।

भैया ने उसे कंधे से कसकर पकड़ लिया और यह उसके लिए मौका था उसने और एक जोर धक्का पूरी ताकत से मारा तो पूरा लंड नीरू की बुर की सील तोड़ते हुए उसकी बच्चेदानी में पेबस्त हो गया और मैं एक जोरदार चीख के साथ बेहोश हो गई भैया मेरे बुर में से निकलते लाल खून को देख कर मुस्कुराने लगे.

और नीचे हाथ लगा कर देखा तो अभी भी 3 इंच लंड मेरी बुर से बाहर था उनका 6 इंच का लंड मेरे बच्चेदानी में घुस गया था उनकी मुस्कुराहट में एक किला फतह करने वाली खुशी थी और मेरी बेहोशी में ही धीरे धीरे अंदर-बाहर करने लगे और फिर थोड़ा-थोड़ा अंदर की तरफ घुसते चले जा रहे थे.

उन्होंने बाकी बचा हुआ 3 इंच भी मेरे बेहोशी की हालत में ही मेरे बुरे में घुसा दिया मुझे भयंकर पीड़ा हुई भैया का पूरा 9 इंच लंबा और मोटा लंड मेरी कमालपुर की उड़ता हुआ बच्चेदानी के अंदर घुस गया मेरी चूचियों तक पहुंच गया था और उसी से मुझे फिर होश आया। थोड़ी देर बाद जब मुझे होश आया.

नीरू: सी…..सी… आ..आह भैया आप बड़े बेरहम हो, आपने मेरी बुर फाड़ दी मेरी जान ही निकल गई थी मैं दर्द से बेहोश हो गई थी और आप मुझे पेलते चले जा रहे थे मैंने देखा आप मेरी सील तोड़ने के बाद एक बहुत ही विजय मुस्कान के साथ खुश हो रहे थे जैसे आपने किला जीत लिया। आई हेट यू बाबू बहुत बेरहम हो सी…..सी… आ..आह भैया आप बड़े बेरहम हो, मैं मर जाऊंगी प्लीज उसे बाहर निकाल लो या थोड़ी देर रुक जाओ.

भैया थोड़ी देर रुक गए और बातें करने लगे.

भैया: पुच्च पुच्च आई लव यू शोना, तू मेरी जान है लड़के की इच्छा होती है कि वह सील तोडे और तुमने अपने भैया की इसी इच्छा को पूरा किया है मैं आज बहुत खुश हूं तुम्हारे लिए कुछ भी कर सकता हूं तुम मेरे दिल की रानी हो मेरे दिल पर राज करती हो मैं आजसे तुम्हारा गुलाम हूं बोलो मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूं।

नीरू: पुच्च पुच्च आई लव यू टू भैया आप सच में बहुत खुश हैं अपनी बहन की सील तोड़कर।

भैया: हां मेरी रानी तुमने मुझे खुश कर दिया वादा करो कि तुम मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करने दोगी।

नीरू: हमेशा का मतलब क्या है सी…..सी… आ..आह भैया थोड़ा धीरे-धीरे पेलो, भैया मुझे हमेशा इतना ही प्यार इसी तरह से करना चाहते हैं यह कैसे संभव है।

भैया: नीरू मैं तुझे अपने से कभी अलग नहीं कर सकता क्या तुम मेरे बच्चों की मम्मी बनोगी और मेरे बच्चे पैदा करोगी।

नीरू: सच में भैया आप सच कह रहे हैं आप मुझे अपने बच्चों की मां बनना चाहते हैं आपने मेरे मन की इच्छा जान ली मैं भी चाहती थी की मेरे बच्चे आपको डैडी कहें और मैं आपके बच्चों को पैदा करूं सी…..सी… आ..आह भैया मुझे अपने बच्चों की मम्मी बना दो मैं आपके बच्चों को अपने गर्भ में पालना चाहती हूं आई लव यू भैया।

भैया की बातें हमें उत्तेजना प्रदान कर रही थी भैया ने अपने लंड को पूरा बाहर खींचकर तेजी से मेरी बुर में घुसा दिया.

नीरू: सी…..सी… आ..आह भैया आप बड़े वो हो, पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू, भैया मुझे कुछ हो रहा है मेरे अंदर से कुछ निकलने वाला है बहुत अच्छा लग रहा है प्लीज थोड़ा और जोर से धक्के लगाओ पूरा मेरे बुरे में घुसा दो सी…..सी… आ.. आह भैया.

भैया: पुच्च पुच्च आई लव यू शोना अपने जीवन के पहले पूर्ण संतुष्टि वाले आर्गज्म के करीब हो मैं भी इस संतुष्टि हूं अनुभव कर रहा हूं मेरा भी निकलने वाला है हम दोनों साथ में झड़ेंगे।

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नीरू और नीरज का शरीर अपनी स्खलन के करीब पहुंच गया। नीरज ने मेरे को जकड़ कर जोर-जोर से गहरी धक्के उसके बुरे में लगाने शुरू कर दिए फिर एक साथ स्खलित हो गए वे भयानक ठंड में पसीने में डूबे एक दूसरे की बाहों में ‌आंनद के रसातल में लुढ़क गए, उनकी चीखें काटेज़ में गूंज रही थीं, जो उनके निश्छल प्रेम और जुनून का एक प्रमाण था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

जैसे ही उनके दिल की धड़कन धीमी हुई और उनकी साँसें सामान्य हुईं, भैया ने अपनी तरफ लुढ़कते हुए नीरू को अपनी बाहों में खींच लिया। वह उसके सीने पर अपना सिर रखकर उसके सीने पर लेट गई, उसके दिल की स्थिर धड़कन को सुन रही थी। काटेज में आग बुझ गई थी, केवल जलते हुए अंगारे रह गए थे, जो उनके प्रेम की मूक गवाह थे।

बाहर, बर्फ गिरती रही, जिसने दुनिया को सफेद रंग की एक परत में ढक दिया, जो उस गर्मी के बिल्कुल विपरीत था जो अभी भी उनके बीच बनी हुई थी। नीरू को कई तरह की भावनाएँ महसूस हुईं: खुशी, डर और प्रेम की भावना। वह जानती थी कि उन्होंने जो किया वह समाज की निगाह में गलत था, फिर भी वो इसका पछतावा नहीं कर रहे थे।

उनके प्रेम और जुनून की खुशी, जुड़ाव, कच्ची तीव्रता ऐसी थी जो उसने पहले कभी अनुभव नहीं की थी। भैया ने उसके बालों को सहलाया, उसका स्पर्श कोमल था, उसकी निगाहें कोमलता से भरी हुई थीं जो उस जुनून को झुठलाती थीं जो उन्होंने अभी-अभी साझा किया था।

भैया: “नीरू,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज़ भावनाओं से भरी हुई थी, “आई लव यू।”

शब्द हवा में लटके हुए थे, एक स्वीकारोक्ति जिसने सब कुछ बदल दिया। नीरू ने उसकी ओर देखा, उसकी आँखें उसकी तलाश कर रही थीं, उसके शब्दों में सच्चाई की तलाश कर रही थीं।

नीरू: “आई लव यू टू भैया,” उसने फुसफुसाया, उसकी आवाज़ मुश्किल से सुनाई दे रही थी।

उन्होंने एक दूसरे को कसकर पकड़ रखा था, उनके शरीर अभी भी एक दूसरे से लिपटे हुए थे, उनके दिल एक साथ धड़क रहे थे। आग भले ही शांत हो गई हो, लेकिन एक-दूसरे के भीतर जो ज्वाला उन्होंने जलाई थी, वह पहले से कहीं अधिक प्रज्वलित थी, एक निश्छल प्रेम की आग जो परिणामों की परवाह किए बिना उन्हें जलाती रहेगी।

नीरू: भैया भैया आई लव यू मुझे प्रॉमिस कीजिए कि आप मुझे हमेशा प्यार करते रहेंगे आपको मेरी कसम अभी जो कह रहे थे क्या सच में आप मुझे हमारे बच्चों की मां बनना चाहते हैं.

भैया ने नीरू को अपनी बाहों में जाकर लिया और पलट कर उसके ऊपर आ गए उसकी आंखों में देखते हुए उसके सिर पर हाथ रख और बोले-

भैया: पुहूं पुच्च आई लव यू बहन यह बिल्कुल सच है मेरा मैं तुझे मेरे बच्चों की मां बनना चाहता हूं.

नीरू : पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू पर यह कैसे संभव है हमारा समाज इसकी इजाजत नहीं देता।

भैया: मेरी बहन मैं किसी भी समाज की चिंता नहीं करता हम पर जो मुसीबत का पहाड़ टूटा था समाज का कौन सा आदमी हमारे साथ था जब किसी को हमारी परवाह नहीं तो हम किसी की परवाह क्यों करेंगे लेकिन फिर भी हम अपनी नई दुनिया बसाएंगे जहां मैं तुमसे शादी कर लूंगा तुम मेरे नाम का मंगलसूत्र अपने गले में पहनोगी, मैं तुम और हमारे दो छोटे-छोटे बच्चे होंगे।

नीरू: सच कह रहे हैं भैया आप मुझसे शादी करेंगे मैं आपकी दुल्हन बनूंगी?

हां मेरी प्यारी बहन मैं तुमसे शादी करूंगा और तू मेरी दुल्हन बनेगी मैं सोच रहा हूं कि हमारे पास पैसे की कोई कमी नहीं है हम यहां पर माता के मंदिर में शादी कर लेते हैं और यहां पर एक किराए का कॉटेज लेकर रहते हैं हम लोगों को अपने पुराने रिश्ते के बारे में कभी नहीं बताएंगे। और हर दो-तीन साल में शहर बदल देंगे मैं तुम्हें पूरी लाइफ ऐसे ही प्यार करता रहूंगा।

नीरू: आई लव यू भैया आप आज से मेरे सैयां बन गई मैं आपसे वादा करती हूं मैं आपकी बच्चे पैदा करूंगी, भैया हटिये ना टॉयलेट जाना है.

नीरू जैसे ही बिस्तर से उठी वह सफेद चादर पर खून का इतना बड़ा धब्बा देखकर चौंक गई.

नीरू: शरमाते हुए धीरे से, इतना सारा खून खून देखिए भैया आपने छोटी बहन को कितनी जोर से चोदा है किस तरह उसकी नाजुक कमसिन छोटी सी बुर्का कैसे उद्घाटन किया है कितना खून निकला है.

भैया उठकर सामने आ गए और मेरे चेहरे को हाथों में पकड़ कर होंठों को चूमते हुए बोले-

भैया: मेरा यह हमारे पवित्र प्यार की निशानी है हमारा प्यार एकदम पवित्र है हर लड़की को पहली बार प्रेम पाने के लिए इस स्थिति से गुजरना होता है पुच्च पुच्च आई लव यू.

नीरू शर्मा के नीरज के गले लग गई.

नीरू: भैया यह जो अपने खून बहाया है आपको उसकी सजा जरूर मिलेगी चलिए मुझे गोदी में उठाकर बाथरूम में ले चलिए मुझे चला नहीं जा रहा है आपको मेरी सेवा करनी होगी।

भैया: जो आदेश मेरी मलिका पुच्च पुच्च आई लव यू.

बाथरूम में आपके भैया ने मुझे जमीन पर उतार दिया मैं भैया को इस तरह से देख कर शर्मा रही थी.

नीरू: आप बाहर जाइए मुझे टॉयलेट करना है.

भैया: मुस्कुराते हुए सोना मेरे सामने टॉयलेट करो जितना क्यों शर्मा रही हो अभी 10 मिनट पहले मेरा लंड बुर में घुसा हुआ चुदाई कर रहा था तब तुम्हें शर्म नहीं आ रही थी आई लव यू भैया, आई लव यू भैया और जोर से करो और अंदर घुसा दो कह रही थी तब तुमको शर्म नहीं आ रही थी अभी टॉयलेट करने में शर्म आ रही है कहते हुए भइया ने मुझे वापस अपनी गोद में उठा लिया और बोले तुम मेरी गोद में टॉयलेट करो।

मैंने शर्मा के भैया के सीने में सर झुका लिया और भैया की इच्छा को पूरा करते हुए भैया की गोद में पेशाब करने लगी मेरा गर्म गर्म पेशाब भैया के पेट से होता हुआ टांगों के सहारे नीचे जा रहा था। भैया का शरीर पेशाब की गर्मी को एहसास करते हुए.

भैया: सोना तुम्हारा यह गरम-गरम पेशाब बहुत आनंद दे रहा है मेरा पूरा शरीर तृप्त हो रहा है पुच्च पुच्च आई लव यू क्या तुम भी उसको महसूस करना चाहोगी।

मैंने मुस्कुराते हुए शर्मा कर हां में सिर हिलाया भैया ने मुझे गोद से उतार दिया और नीचे बैठा दिया फिर भैया ने मेरे कंधे पर अपना लंड रखकर पेशाब करना शुरू किया वास्तव में वह गरम-गरम पैसा बदन पर बहुत अच्छा लग रहा था मुझे बहुत मजा आया कभी भैया ने शावर को एडजस्ट करके शावर ऑन कर दिया गर्म पानी की बुखार में हम दोनों भाई बहन ठीक नहीं लगी.

हमने साबुन से एक दूसरे को अच्छी तरह से साफ किया और टॉवल से पूछा फिर भैया ने मुझे अपनी गोद में उठाया और बिस्तर पर जाकर लेटा दिया खुद भी मेरे पीछे आकर मुझे अपनी बाहों में ले लिया मैं कंबल के अंदर जवान नंगा कमसिन जिस्म लेकर अपने बड़े भैया नीरज की लिस्ट मजबूत बाहों में चिपकी हुई उसकी छाती पर हाथ फेर रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

भैया: सोना क्या सोच रही हो.

नीरू: मैं सोच रही थी कि अब आगे क्या होगा हम कैसे अपने जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाएंगे।

भैया: पुच्च पुच्च आई लव यू सोना जब मैं हूं तो तू क्यों चिंता कर रही है तुझे यह कॉटेज पसंद है.

नीरू : हां भैया यह बहुत सुंदर है सामने एक लड़की खोलते ही बर्फ से ढकी हुई छोटी नजर आती है और मैं सुबह देखा था सूर्य उदय के समय वह अपना हर पल रंग बदल रही थी यह जगह बहुत खूबसूरत और शानदार है।

भैया: मैं कल सुबह ही इस कॉटेज के मालिक से एक साल के लिए किराए पर लेने की बात करता हूं उम्मीद है कि हमें मिल जाएगा.

नीरू: भैया यह तो बहुत महंगा होगा और फिर यह कॉटेज ही क्यों लेना चाहते।

भैया: मेरा यह कॉटेज बहुत सुंदर और हमारे लिए लकी है यहां पर मेरी बहन मुझे हमेशा के लिए मेरी हो गई मैंने अपनी बहन को अपनी बाहों में लेकर एक कली से फूल बना दिया मैं कल ही तुमसे मंदिर में शादी कर लूंगा और जैसा हमने वादा किया है कि तुम मेरे बच्चे की मां बनोगी तो हम अपना बच्चा यही पैदा करेंगे।

नीरू: पुच्च पुच्च आई लव यू बाबू आप इतनी रोमांटिक हो मुझे इसका अंदाजा नहीं था जिस कॉटेज में आपने पहली बार अपनी बहन की सील तोड़ी और उसकी मां बनने की इच्छा पूरी करने का वादा किया इस कॉटेज में उसके साथ सुहागरात मना कर अब बच्चे भी पैदा करना चाहते हो हाऊ रोमांटिक।

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लेकिन जब सुबह हमने चेकिंग किया था तो आपने अपना आईडी प्रूफ दिया था मेरी डिटेल भी थी होगी उसमें क्या एंट्री की थी हमें लगता है कि हम यह जगह नहीं ले सकते।

भैया: उसके चिंता मत करो उसने मेरे आईडी प्रूफ के साथ प्लस वन लिखा था और कोई भी रिलेशन नहीं मेंशन किया था अब मैं जब भी कॉटेज किराए पर लूंगा तो तुम्हें अपनी मंगेतर बताऊंगा और कल ही शादी करके यहां रहने लगेंगे.

इस तरह से हम दोनों भाई बहन एक दूसरे के नंगे जिस्म को सहलाते हुए अपने भविष्य की प्लानिंग करने लगे और क्या है नींद में सो गए. सुबह 9:30 बजे हमारी नींद खुली हम दोनों एक साथ बाथरुम में जाकर फ्रेश हुए नहाए और तैयार होकर बाहर निकले भैया ने मुझे रिसेप्शन पर बिठा दिया और खुद उसे प्रॉपर्टी के मैनेजर से बात करने चले गए। थोड़ी देर में मुस्कुराते हुए आए और मुझे लेकर बाहर चले गए।

नीरू: क्या हुआ भैया आप मैनेजर से बात करने गए थे क्या उसने हमें साल भर के लिए कॉटेज दे दिया कितना किराया मांगा।

भैया: हां सोना मैंने यह कॉटेज पूरे 1 साल के लिए किराए पर ले ली है और किराया भी बहुत नॉमिनल सा है हाउसकीपिंग और रोज फरमाइशी 4 मील फूडिंग के साथ केवल 75000 महीना।

नीरू: भैया यह महंगा नहीं है?

भैया: पुच्च पुच्च आई लव यू सोना बिल्कुल भी नहीं बहुत सस्ता है हम यहां पर₹3000 एक नाइट का ऑफ सीजन में 3 मील के साथ दे रहे हैं, 1 महीने का 90000 होता है और इसमें इवनिंग बिग फास्ट ऐड कर कर यह हमें मात्र 75 हजार रुपए महीना पड़ रहा है। यहां तुम एक राजकुमारी की तरह रहोगी मेरा काम सिर्फ तुम्हें प्यार करना और तुम्हारा काम मुझे प्यार करना अपनी आगे की पढ़ाई को पूरा करना ही रहेगा।

पूरे काम कॉटेज की साफ सफाई चादरों पर्दों को धुलना हमारे कपड़ों का धुलना सुबह का नाश्ता दोपहर का लंच शाम का नाश्ता रात का डिनर सब मनपसंद पूरे 1 साल के लिए कांटेक्ट कर लिया है और आज अपनी शादी का बता दिया है वह सुहागरात के लिए हमारा काटेज तैयार रखेगा।

नीरू: सच में भैया यह तो आपने बहुत ही आकर्षक डील कर ली है जो हमारे लिए अफॉर्डेबल भी है।

हम टहलते हुए मार्केट पहुंचे और नीरू को एक बड़े से शोरूम में ले जाकर दुल्हन की सारी ड्रेस दिलवाई फिर उसको 3:00 बजे ब्यूटी पार्लर में छोड़ दिया पार्लर वाली मैं समझा दिया था की आज नीरू की शादी है उसे शादी के लिहाज से तैयार करना है उसने मुझे ब्राइडल मेकअप एंड प्रिपरेशन के₹6000 मांगे मैंने उसको पेमेंट कर दी.

फिर वह बोली सर मैं आपकी कुछ और कर सकती हूं अगर आप कहें तो मैंने पूछा क्या हेल्प करेंगे वह बोली मैडम आपकी मंगेतर हैं और आप यहां शादी करने आए हैं मेरे ख्याल से आप दोनों के बीच में शारीरिक संबंध हो चुके हैं मेरे पास एक ट्रीटमेंट है जिससे मैं मैडम को एकदम कच्ची कुंवारी कली की तरह बना दूंगी और आपको और मैडम को फर्स्ट सेक्स की याद आ जाएगी और सब कुछ ऐसे ही होगा जैसे पहली बार हुआ हो कहकर वह मुस्कुराने लगी.

मैंने नीरू की तरफ देखा और उसे रजामंदी लेने की कोशिश की उसने शर्मा के मुस्कुराते हुए हां का इशारा कर दिया, मैंने उनसे पूछा इसका कितना एक्स्ट्रा चार्ज है वह बोली सर बहुत ज्यादा नहीं केवल ₹2000 मैंने मुस्कुराते हुए उसको₹4000 और दे दिए और बोला₹2000 तुम्हारी मेहनत की टिप लेकिन हमें कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए.

फिर वह बोली थैंक यू सर आपने मुझे खुश किया है मैं आप दोनों को खुश कर दूंगी सर हमारे पास एक और ट्रीटमेंट है जिससे आप दोनों का मजा और दोगुना हो जाएगा क्या आप लेना चाहेंगे। इसके लिए आपको ₹2000 और खर्च करने पड़ेंगे।

भैया ने मेरी तरफ देखा और पूछा वह क्या है वह बोली आज आपकी सुहागरात है और अगर सुहागरात पर आपको अपनी नई नवेली दुल्हन का रियल दूध पीने को मिल जाए तो कैसा रहेगा भैया की आंखें आश्चर्य से चौड़ी हो गई अरे यह कैसे संभव है दूध तो बच्चों के पैदा होने के बाद निकलता है.

ब्यूटी पार्लर वाली बोली मैडम आप सही कह रही हैं लेकिन हमारे पास पहाड़ों पर एक जड़ी बूटी होती है जिसकी दो खुराक गर्म दूध के साथ देने पर कुंवारी लड़की की छाती में दूध उतर आता है इसका प्रयोग हमारे यहां नई मां जिनकी दूध नहीं होता है उसके लिए करते हैं लेकिन हम अपने प्रोफेशन में नई दुल्हन के ऊपर भी इस प्रयोग को आजमाते हैं जो 100% सही होता है.

भैया बोले क्या यह सच है तो मैडम से पूछ लो वह क्या चाहती हैं यह सुनकर मैं शर्मा की और बोलि मुझे मेरे पति की खुशी के लिए जो भी कुछ करना होगा मैं वह सब करूंगी। भैया यह सुनकर खुश हो गए और तुरंत ही उसे ब्यूटी पार्लर वाली को₹2000 दे दिए वो बोली आप दोनों अपनी सुहागरात जीवन में नहीं भूलेंगे आप मैडम को 4 घंटे के बाद आकर ले जाना।

अपनी इस शादी और सुहागरात को यादगार बनाने के लिए मैंने काटेज के स्टाफ को सुहागरात के लिए सजाने के लिए बोल दिया और मैंने दुल्हन का स्वागत करने के लिए भी इंतजाम कर दिया था फिर मैं खुद भी जेंट्स पार्लर में तैयार होने के लिए चला गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

उसने 2 घंटे में मुझे दूल्हे की तरह तैयार कर दिया फिर मैं गाड़ी उठा कर नीरू को लेने गया वहां एक दुल्हन तैयार बैठी थी मैंने काउंटर पर जाकर नीरू के बारे में पूछा तो रिसेप्शनिस्ट ने बोला सर यह सामने आपकी मैडम बैठी हुई है आप पहचान नहीं पा रहे। मैं एकदम चौंक गया नीरू किसी हूर से कम नहीं लग रही थी.

भैया: नीरू पार्लर वाली ने क्या स्पेशल ट्रीटमेंट दिया है तुम्हें फिर से कुंवारी बनाने के लिए।

नीरू: शरमाते हुए आपके जाते ही उसने मुझे गर्म दूध के साथ एक आयुर्वेदिक पाउडर की फंकी थी जिसे मुझे पी लेने के लिए कहा और मैंने पी लिया फिर उसने एक रुई की मोटी सी बत्ती बनाई और फिटकरी के पानी में डुबोकर अंदर तक मेरी बुर में डालते और फिर उसके ऊपर कुछ फेस पैक टाइप से चीज लगाई.

1 घंटे बाद उसने वह फेस पैक हटाकर वहां की वैक्सिंग कर दी जो हल्के-फुल्के रोए थे उसको भी साफ कर दिया और फिर एक लिक्विड लगाया जिसको सूखने के बाद फिर कोई क्रीम लगाई थोड़ी देर बाद सबको साफ कर दिया और एक स्पेशल जैल आधे घंटे के लिए लगाकर छोड़ दिया.

2 घंटे बाद उसने मुझे फिर एक गिलास गर्म दूध और वह आयुर्वेदिक दवा की फंकी दी मैंने उसे भी खा लिया थोड़ी देर बाद मुझे मेरी चूचियों में फूलने का एहसास होने लगा फिर उन्होंने मेरा पूरा मेकअप किया मुझे तैयार किया और अभी आने से पहले मेरे घर पर जो भी कुछ लगाया हुआ था वह सब साफ कर दिया और मेरी चूचियों को दबा कर देखा.

तो मुस्कुराती हुई बोली मैडम सब ठीक है आज आप अपने पति को अपना दूध जरूर पिलाएंगे लेकिन मैं आपको एक दोस्त एक्स्ट्रा प्रिकॉशन में दे रही हूं डरिए क्या नहीं यह आयुर्वेदिक है नुकसान नहीं करेगी और दो-तीन दिन तक आपका दूध होता रहेगा इसके लिए आपको रोज कम से कम तीन गिलास दूध पीना होगा.

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फिर उसने मुझे आते-आते एक गर्म दूध की क्लास के साथ एक दोस्त और देती मैंने खा लिया उसको, फिर वो बोली मैडम की बत्ती बिस्तर पर जाने से पहले निकाल दीजिएगा आपको अपनी पहली चुदाई से भी ज्यादा दर्द और मज़ा आएगा , सर को ऐसा लगेगा कि जैसे किसी सोलह साल की कुंवारी लड़की की सील तोड़ रहे हैं आप डरना नहीं अपना उद्घाटन करने में उनका पूरा साथ दीजिएगा.

मैं नीरू को लेकर सीधे मंदिर गया वहां पंडित जी ने पूरी तैयारी कर रखी थी उन्होंने पूरे विधि-विधान से हमारी शादी कराई, हमने पंडित जी को 11000,की दक्षिणा देकर आशीर्वाद लिया, पंडित जी ने नीरू को पुत्रवती होने का आशीर्वाद दिया फिर हम वहां से होटल आ गये वहां पर हमारा स्वागत एक नव विवाहित जोड़े की तरह किया गया.

चार औरतों नीरू की आरती उतार रही थी और उसे पकड़कर हमारे कमरे तक ले आई दो बेटर हमारा सामान रूम तक छोड़ गए और जैसे नई दुल्हन के आने पर घर की औरतें कुछ रस्में करती हैं ठीक उसी तरह से उन्होंने वह रस्में भी कार्रवाई मुझसे नेग के नाम पर पैसे भी लिए फिर नीरू को सफेद चादर देकर सुहाग सेज पर बैठा कर चली गई.

उसके बाद हमारे लिए एक गिफ्ट हैंपर और बड़ी शाही खाने की थाली और एक बड़ा गिलास केसर इलायची का दूध बनाकर भेजा। मैंने नीरूका घूंघट उठाया और उसके माथे को आंखों को और होंठों को चूम लिया फिर उसको सुहागरात की शुभकामनाएं दी.

हमने साथ में मिलकर गिफ्ट हैंपर को ओपन करके देखा एक वाइन की बोतल एक हनीमून पैक कंडोम और KY jelly थी नीरू देखकर असली दुल्हन की तरह शर्मा गई हमने हल्का खाना खाया मुझे केसर इलायची वाला दूध पिलाया। मैंने नीरू को अपनी गोद में उठा लिया और किस करने लगा.

मैं: मैंने रूम चेक कर लिया है इसमें कोई कैमरा नहीं है यह पूरी तरह से साउंड प्रूफ है आज मैं अपनी छोटी बहन के साथ सुहागरात मनाऊंगा उसकी सील तोडूंगा। मेरी बहन अपनी बुर का उद्घाटन कराने के लिए तैयार है ना.

नीरू: पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… मेरे राजा तुम्हारी छोटी बहन की बुर कबसे गीली पड़ी है आ.. पुच्च आई लव यू जानू, आज मेरा सुहागरात मनाने का सपना पूरा कर दो मैं आपसे ही अपनी बुर फड़वाना चाहती थी आओ भैया मेरी बुर ले लो मेरी प्यास बुझा दो पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू।

मैंने कमरे में एक मोमबत्ती जला दी और लाईट ऑफ करदी मोबाइल पर बहुत ही उत्साहित करने वाला क्लासिक इंसट्रूमेटल सॉन्ग धीरे से बजा दिया सुहागरात की सजे हुए कमरे का महौल बहुत ही कामुक हो गया था फिर मैंने नीरू की चुन्नी सर से उतार दी और उसका लहंगा चोली भी खोल दिया उसने भी मेरी शेरवानी और पैजामा उतार दिया अब हम दोनों अंडरवियर में थे मैंने उसकी गोद में उठाया और प्यार करते हुए पूरे रूम का चक्कर लगाया।

नीरू: आई लव यू भैया मुझे नहीं पता था कि आप इतनी रोमांटिक होंगे आपने मेरी सुहागरात यादगार बना दी भैया अब मेरी ब्रा खोल दो पैंटी भी उतार दो मुझे बिस्तर पर ले चलो अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा मेरा मन कर रहा है कि आप मेरे लो यौवन को बुरी तरह निचोड़कर मसल डालें मेरी कमसिन जवानी को रौंद डालें।

(नीरू ने बातें करते-करते मेरा अंडरवियर भी उतार दिया तो मेरा आधा खड़ा हुआ लंड 9 इंच का देखकर चौंक गई) हे राम यह क्या है भैया कितना ख़तरनाक है यह तो मेरी बुर को फ़ाड़ डालेगा मुझे डर लग रहा है भैया यह तो मेरी जान ले लेगा.

मैं: पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ मेरी जान यही तो वह लंड है जिसके लिए तुम बेकरार थी अभी, यह तुम्हें खूब प्यार करेगा और तुम्हारी सील भी तोड़ डालेगा.. पुच्च आई लव यू जानू.

मैं नीरू को सुहाग की सेज पर लिटाकर के ऊपर लेट गया और उसके बदन के हर हिस्से को चूमता हुआ नाभि पर आया और नाभि को चूमने लगा और उसकी कठोर चूचियों को सहलाने लगा उसके निप्पल कड़े होकर खड़े हो गए थे मैंने उन्हें चूम लिया और उसके निप्पल को मुंह में भरकर पीने लगा मेरे आश्चर्य की सीमा ना रही.

निप्पल चूसने से मेरे मुंह में कुछ लिक्विड सा आया मैंने अपना मुंह पर उठाया और चूची को दबाकर देखा तो उसमें से सफेद सफेद दूध बाहर आने लगा मैं बहुत खुश हो गया नीरू भी बहुत खुश हो गई मैं फिर से उसे अपने मुंह में भरकर खींच खींच कर दूध पीने लगा और यह आनंद और अनुभव एकदम अनोखा था और दूसरे को मसलने लगा फिर चूची को काट काट कर चुभलाता और दूध पीता जा रहा था.

वो मेरे नीचे दबी आ आह्ह्ह् सी सी आराम से पीओ सैंया ये अब तुम्हारी हैं आप मेरी चूचियों को पीने वाले पहले मर्द हो आ आह्ह्ह् आराम से दबाइए मैं चूचियों को दबाते हुए मैं नीचे बढ़ा और चूमते चूमते उसकी नाभि में जीभ डाली मेरी नाजुक कमसिन बहन एकदम से सिहर उठी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

नीरू: सी सी ई उई भैया ये क्या कर रहे हैं मुझे बहुत गुदगुदी हो रही है मैं मर जाऊंगी उफ़ बड़ा मजा आ रहा है भैया मेरी बुर की भी हो गई है कुछ कीजिए ना और चुनचुनी हो रही है.

मैंने नीरू की बुर को हल्के से दबाया उसकी टांगों को दूर तक फैला कर उसके बीच में बैठ गया आज उसने पार्लर में बुर की वैक्सिंग भी कराई थी जिससे उसकी बहुत चिकनी और मुलायम हो गई थी बुर की फांकों को खोल कर देखा तो उसकी बुर एकदम सील पैक लग रही थी मैंने रुई की बत्ती खींचकर निकाल दी.

तो नीरू के मुंह से दर्द भारी आह सी निकली इसका मतलब ब्यूटी पार्लर वाली ने अपनी बात को पूरा किया था और आज हमें सील तोड़ने की दोबारा से फीलिंग होने वाली थी, कुंवारी बुर पानी छोड़ने लगी थी मैं झुक कर उसकी बुर को चूम लिया और जीभ से चाटने लगा.

नीरू: सी सी ई उई भैया ये क्या कर रहे हैं वह गंदी जगह है पेशाब करने वाली वहां क्यों जीभ लगा रहे हैं मुझे बहुत गुदगुदी हो रही है उई मां मैं मर जाऊंगी उफ़ छोड़िए ना सी सी आ आह्ह बड़ा मजा आ रहा है भैया कुछ कीजिए मेरी बुर में से कुछ सैलाब बहकर निकलने वाला है सी सी ई उई मां कितना मजा आ रहा है.

नीरू झड़ने वाली थी उसका आर्गैज़्म होने वाला था वह एकदम से कांपने लगी नीरू ने मेरे सिर को अपनी बुर पर जांघों से कस लिया और पानी छोड़ने लगी मैं नीरू, की बुर में जीभ डालकर पीने लगा मैं सारा पानी चाट चाट कर पी गया बहुत ही बढ़िया था कुछ नमकीन सा कसैला थोड़ा सा मीठा……….. जैसे कच्चे नारियल का पानी। बहुत ही स्वादिष्ट।

नीरू: आ.. आ ..आह… हां… भैया.. यस्स…यस… और तेज भैया बहुत म् …. मज… मजा आ रहा है बहुत तेज ग.. ग.. गुद… गुदगुदी हो रही है आ… हां ऐसे ही करते रहो आ… आह…नीरूपहले ऑर्गेज्म को पाकर ढीली पड़ गई थी.

मैं: नीरू कैसा लगा अपनी सुहागरात पर अपने भैया को अपनी बुर पिला कर तेरी कोमल बुर से खूब सारा पानी आया था बहुत ही स्वादिष्ट है तेरी बुर का पानी।

नीरू: भैया मैं तो हवा में उड़ गई थी झड़ने पर बहुत मज़ा आया और आपकी जीभ ने क़माल कर दिया। आई लव यू भैया आई लव यू मेरी सुहागरात मेरी बुर को इतना प्यार करने के लिए, अब मेरे बुर की प्यास बुझा दीजिए.

मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा होकर अपनी औकात में आ गया बहनचोद यह आज बहुत खुश था इसे एक ही दिन बाद में दूसरी बार कुंवारी को सील तोड़ने के लिए मिल रही थी वो भी अपनी छोटी बहन की, खुशी के मारे यह और मोटा हो गया मैंने सफेद चादर नीरू केचूतड़ों के नीचे बिछा दी फिर अपने लंड के सुपाड़े को नीरू की बुर की दरार में घिसना शुरू किया.

वह लंड को अंदर लेने के लिए अपनी बुर उछलने लगी मुझसे उसकी बेचैनी देखी नहीं गई मैंने की बुर की फांकों को खोलकर छोटे से छेद में लंड के सुपाड़े को टिकाया मेरे लंड के सुपाड़े से पूरी बुर को ढक गई थी फिर उसकी कमर को कमर को पकड़ कर एक धक्का लगाया सुपाड़ा ऊपर फिसल गया उसके बुरे में नहीं घुस पाया क्योंकि बुर बहुत छोटी और टाइट थी.

मैं: आई लव यू मेरी बहन तू मेरे सुपाड़े को अपने बुर के छेद पर लगा के पकड़ जिससे ये इधर उधर न भटके और मैं लंड को धक्का मारकर तेरी कोमल चिकनी छोटी सी बुर में घुसा दूं.

नीरू: भैया मैंने आपके लंड का सुपाड़ा अपनी बुर पर लगा दिया है धीरे से धक्का लगाइए उसको मेरी बुर में घुसा दीजिए सी सी ई आ भैया धीरे से करिए दर्द हो रहा है।

मैं: बेबी एक बार सुपाड़ा अंदर घुस जाने दो थोड़ा सा जांघों को ढीला छोड़ दो आह बेबी तेरी बुर बहुत कसी है आई लव यू बेबी मुझे ताक़त लगानी पड़ेगी.

नीरू : भैया बहुत दर्द हो रहा है कुछ लगा लो.

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मैंने ky jelly को लेकर उसकी बुर में लगा दिया फिर अपने पूरे लंड पर लगाया. नीरू ने थोड़ी सी ky jelly अपनी बुर और मेरे लंड पर लगा कर सुपाड़ा को फिर से अपनी बुर के छेद पर टिकाया और धीरे से बोली अब भैया मैंने इसकी गर्दन पकड़ ली ये इधर उधर नहीं फिसलेगा घुसा दो, मैंने धीरे से धक्का लगाया तो सुपाड़ा नीरू की बुर के छेद को फैला कर अंदर घुस गया.

नीरू: आ आह उई मां बस रूक जाइए भैया सुपाड़ा अन्दर चला गया मुझे दर्द हो रहा है आ… सी… सी….ई उई मां बस बस्…से और नहीं भैया सी…. सी… .उन्..न्ह आ… आराम से बाबू.

मैं: ठीक है बेबी , पुचच् पुच्ची उम् आ कितना अच्छा लग रहा है मेरा सुपाड़ा तेरी बुर में फस गया है तेरी कुंवारी बुर बहुत टाईट है बेबी आई लव यू बहुत मज़ा आ रहा है।

बोलते हुए मैं सुपाड़े को धीरे धीरे अंदर-बाहर कर रहा था और उसके निप्पल को मुंह में चुभला रहा था 2 मिनट बाद उसे भी मजा आने लगा उसकी दर्द वाली सिसकारियां आनंददायक सिसकारियों में बदल गई।

नीरू: सी… सी….ई उम्म…. आ भैया मुझे दर्द थोड़ा कम हो गया है और अच्छा सा लग रहा है इसी तरह निप्पल चूसते हुए धीरे धीरे अंदर घुसा दिजिए आ उह् … सी… सी….ई उम्म…. आ.. धीरे धीरे मज़ा आ रहा है पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्ची.

मैं: बेबी, मज़ा आ रहा है न सी… आह आ सी….ई उम्म…. आ .. तुम्हारी बुर कितनी गर्म है अंदर कितनी चिकनी है जानू तैयार हो जाओ मैं और अन्दर डाल रहा हूं मज़ा आयेगा आ आह।

नीरू: आई लव यू भैया सुहागरात मनाने में कितना अच्छा लग रहा है थोड़ा सा और अन्दर डाल दो लेकिन धीरे-धीरे आऊ… आ …आह… इ…… ई.

मैंने धीरे धीरे अंदर-बाहर करते हुए 3 इंच अंदर तक घुसा कर चोदने लगा फिर मैंने उसकी कमर को पकड़ कर एक और धक्का लगाया तो मेरा लंड 1 इंच और बुर की तंग गलियों को फैलाता हुआ अन्दर घुस गया।

नीरू: आ आह उई मां बस रूक जाइए भैया, मुझे दर्द हो रहा है आ… सी… सी….ई उई मां बस बस्… से और नहीं जानू आपका लंड मेरी बुर में घुस कर नाभी के नीचे ऊपर नीचे चलता हुआ महसूस रहा है भैया सी…. सी… .उन्..न्ह आ… आराम से जानू आ पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च पुच.

मैंने नीरू की चूचियों को सहलाना और चूसना शुरू कर दिया था.

मैं: बेबी, मज़ा आ रहा है न सी… आ आई लव यू बेबी पुचच्… पुचच. पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च बेबी तुम्हारे निप्पल से दूध आ रहा है पीने में मस्त मीठापन है जानू.

नीरू: सी… सी….ई उम्म…. भ..भ्.. भैया…. वो आपको द..दूध आ चूची पिलाने से आपके लंड की शैतानियों आ.. अ उ … और मजा आ रहा है भैया मज़ा लेने दो शोना आई लव यू टू शोना पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. भैया मेरी चूचियों को निचोड़ लीजिए सारा दूध पी लीजिए पुच्च आई लव यू जानू, बहुत मज़ा आ रहा है सी… आ अब दर्द बहुत कम हो गया इस दर्द में मज़ा मिल रहा है सी… सी….ई उम्म…. आ भैया मेरी बुर में से पानी निकल रहा है थोड़ा सा और अन्दर डालिए.

मैं: अ आह बेबी इसी तरह से खुल कर बात करने से मज़ा बढ़ जाता है अभी 4 इंच तेरी बुर में है मैं थोड़ा सा और अन्दर डाल रहा हूं मैंने उसकी कमर को पकड़ कर एक और धक्का लगाया तो मेरा लंड 1 इंच और बुर की तंग गलियों को फैलाता हुआ अन्दर घुस गया। मेरा लंड एकदम उसकी बुर में जकड़ा हुआ था आगे बढ़ाने में भी बहुत ताकत लगानी पड़ रही थी.

नीरू: आ आह उई मां बस रूक जाइए भैया, मुझे दर्द हो रहा है आ… सी… सी….ई उई मां बस बस्…से और नहीं जानू आपका लंड मेरी बुर में घुस कर सील तक पहुंच गया और सील को बार-बार टच कर रहा है भैया सी…. सी… .उन्..न्ह आ… आराम से जानू आ आह पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च हां भैया इसी तरह धीरे-धीरे अंदर-बाहर करिये भैया आ… आ… आह…बहुत मज़ा आ रहा है.

मैं: हां बेबी, मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है तेरी चिकनी बुर में फस फस कर चुदाई कर रहा है पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू, और मजे करने है अब थोड़ा सा रिलैक्स हो जाओ अपनी जिस्म को ढीला छोड़ दो अब मैं तुम्हारी सील तोड़ने जा रहा हूं.

इसी सील को सुहागरात में तुड़वाने के लिए बेकरार थी और लड़कियों के लिए यह जीवन भर ना भूलने वाला एक खूबसूरत पल होता है जब सुहागरात पर सील टूटती है जब मैं तुम्हारी सील तोड़कर पूरा अन्दर तक बच्चेदानी में घुस कर चुदाई करूंगा तो तुम्हें बहुत मज़ा आयेगा। पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बेबी.

नीरू: भैया, अभी थोड़ा मीठा मीठा प्यारा सा दर्द है पूरा घुस कर ये जालिम मेरी बुर को फाड़ता हुआ मेरी बच्चेदानी में घुसेगा तो बहुत दर्द होगा ना आप पूरी ताकत झोंक कर पूरा लंड एक बार में घुसा दिजिए मैं बर्दाश्त कर लूंगी आपका लंड बहुत बड़ा और मोटा है मुझे डर भी लग रहा है.

मैं: डरो मत बेबी मैं हूं ना मैं सब संभाल लूंगा सील टूटने में पहली बार तो दर्द होगा ही उसके बाद फिर मजा ही मजा मिलेगा.

नीरू: आई लव यू भैया मुझे होने वाले दर्द को सोच कर बहुत रोमाचं लग रहा है.

नीरू ने आंखों से मौन स्वीकृति दी उसकी आंखों में एक अजीब सा डर और खुशी का मिश्रित भाव था मैं उसके होंठों को अपने मुंह में भरकर चूसने लगा फिर एक जोरदार धक्का पूरी ताकत से मारा तो लंड 2 इंच और अंदर घुस गया मुझे लगा जैसे मेरे लंड पर कसा कोई रबड़ बैंड टूटा हो नीरू एकदम दर्द से तड़प उठी और मुझे अपने से दूर धकेलने की नाकाम कोशिश करने लगी.

मैंने उसे मजबूती से पकड़ रखा था नीरू दर्द से तड़प गई उसका बदन ऐंठ गया आंखें फैल गई दर्द की वजह से उसकी आवाज़ नहीं निकल पा रही थी वह नीम बेहोशी की हालत में पहुंच गई मुझे एहसास था कि नीरू को इस तरह से दर्द होगा बेचारी की नाज़ुक कुंवारी सील पैक बुर में पहली बार 7 इंच लम्बा मोटा लंड घुस कर उसकी सील तोड़कर उसकी बच्चेदानी में जाकर घुस गया था.

बुर एक दम मेरे लंड पर कसी हुई थी उसकी बुर से खून का फौवारा निकल कर चादर को गीला कर रहा था मैंने लंड को वही पर रोक दिया। मुझे इस समय बहुत मज़ा आ रहा था नीरू की बुर का उद्घाटन मैंने कर दिया आज के समय में जिसे बुर की सील तोड़ने को मिले वह बहुत लकी होता है.

मैं: बस बस बेबी, हो गया बस अब और नहीं डालूंगा हिम्मत रखो अब और दर्द नहीं होगा बस्स हो गया। पुचच्… पुचच….पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू, तुम बहुत प्यारी हो आह आह बहुत मज़ा आ रहा है बेबी आह तूने अपनी सील अपनी सुहागरात पर अपने सैंया को गिफ्ट कर दी थैंक यू बेबी आई लव यू.

अब नीरू को धीरे धीरे सेन्स आ रहा था उसके होंठ हिलने लगे वो कराह रही थी मैंने नीरू के निप्पल को अपने मुंह में भरकर चूसने लगा उसे थोड़ी सी राहत मिली और वो बोली-

नीरू: आ आह उई मां भैया मैं मर जाऊंगी सी….सीई….. उफ़ मैं मर गई रे..प्लीज़ आप बाहर निकल लो आ आह सी भैया बहुत दर्द हो रहा है मेरी बुर फट गई आपने मेरी सील तोड दी बस्स बस आपका लंड मेरी बच्चेदानी में घुस कर फंस गया है बहुत दर्द हो रहा है भैया अब रूक जाओ अब मत डालना.

हाय आ आ आह मर गई रे उफ़ उ उई मां बहुत जोर से लग रही है पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू, आराम से भैया, पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू, अब और नहीं डालना बहुत दर्द हो रहा है मेरी सील मैंने आपको दे दी मेरे राजा आई लव यू। आ आ.. आपको मज़ा आया.

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मैं: हां बेबी मुझे बहुत मजा आ रहा है तुम्हारा दर्द कैसा है तुम्हें मज़ा आ रहा है?

नीरू: पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू भैया अभी तो ये मेरी सज़ा लग रहा है दर्द थोड़ा सा कम हो गया पर अभी भी बहुत दर्द है.

थोड़ी अंदर बाहर करने नीरू को दर्द से राहत मिली तो वह नीचे से अपने चूतड़ों को हिलाने लगी उसकी सिसकारियां और कराहने की आवाज मजे वाली हो गई।

नीरू: पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू, आ.. आ.. उ.. भैया यह तो जादू हो गया अब बहुत अच्छा लग रहा है मज़ा आ गया बाबू आप बचा हुआ लंड और अन्दर तक पेल दो आ… आ.. आ.ह.. सी…

मैं: बेबी बस 2 इंच बचा है जब तक पूरा अंदर नहीं जाएगा तब तक पूरा मजा नहीं मिलेगा पूरा मजा लेने के लिए थोड़ा सा दर्द और बर्दाश्त करना होगा पुचच्… पुचच. उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बेबी तुम अपनी कच्छी अपने मुंह में डाल लो।

नीरू: नहीं भैया ये once in life time opportunity है मैं इस दर्द को एंजॉय करना चाहती हूं आप पेल दो.

मैंने नीरू की टांगों को उठाकर उसके कंधे से लगा दिया और उसके ऊपर लाकर उसके पैरों और कंधों को अच्छे से जकड़ा और पूरे लंड को बाहर निकाल कर एक जोर की सांस खींचकर पूरी ताकत झोंक कर पूरा 9 इंच लंबा लंड बेचारी नीरू की छोटी सी टाईट बुर में एक ही झटके में घुसा दिया मेरा लंड उसकी बुर को चीरते हुए बच्चेदानी को ऊपर ठेलता हुआ कर सीधा उसकी चूचियों तक पहुंच गया.

वो दर्द से तड़पने लगी वह अपनी गर्दन इधर उधर पटकने लगी उसका मुंह खुला हुआ था और आवाज नहीं निकल रही थी मैं बिना रुके लंड को पूरा निकाल कर फिर पूरा-पूरा उसकी बच्चेदानी में ठोक रहा था जिससे उसकी बुर रवां हो जाये। 20-25 धक्के लगाने के बाद नीरू को होश आने लगा वो दर्द से बिलख बिलख के रो रही थी.

नीरू: आ… आआ…आह… उई मां सी….सीई….. उफ़ मैं मर गई रे…. भैया..प्लीज़ थोड़ा धीरे धीरे अंदर-बाहर करते रहिए आ आह सी भैय् … भै.… भैया मैं मर जाऊंगी बहुत दर्द हो रहा है मेरी बुर फट गई बस्स बस आ आ आह मर गई रे उफ़ उ उई मां बहुत जोर से लग रही है पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बाबू.

आराम से भैया, पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बाबू, अब और नहीं डालना बहुत दर्द हो रहा है मेरे राजा आई लव यू। आ आ.. उई मां सी….सीई….. उफ़ मैं मर गई रे भैया बहुत ज़ालिम लौड़ा है आपका मुझे मार डाला रे उई मां सी….सीई….. उफ़ मैं मर गई रे.

मैं: बस बस बेबी, हो गया बस अब हो गया हिम्मत रखो अब और दर्द नहीं होगा बस्स हो गया। पुचच्… पुचच….पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बेबी, तुम बहुत प्यारी हो आह आह बहुत मज़ा आ रहा है बेबी आह मेरा पूरा 9 इंच लंबा लंड तेरी सील तोड़कर बच्चेदानी में घुस गया है बेबी आई लव यू। बस बस हो गया अब तुझे बहुत मज़ा आयेगा।

थोड़ी अंदर बाहर करने नीरू को दर्द से राहत मिली तो वह नीचे से अपने चूतड़ों को हिलाने लगी उसकी रोने वाली सिसकारियां मजे वाली सिसकारियों में बदल गई। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैं: बेबी अब तुम्हारा दर्द कैसा है तुम्हें मज़ा आ रहा है न? मुझे बहुत मज्जा आ रहा है.

नीरू: पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू, आ.. आ.. उ.. भैया सी..सी… धीरे-धीरे दर्द काफी कम हो गया अब अच्छा लग रहा है मज़ा आ गया बाबू च्… पुचच. भैया थोड़ा जल्दी से तेजी तेजी करो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मेरे अंदर से कोई सैलाब बहकर बाहर आना चाहता है मुझे फिर से आर्गैज़्म होने वाला है थोड़ा और तेजी से करो पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बाबू.

मैं नीरू की बुर में जोर-जोर से धक्के मरने लगा वो आह आह सी सी करती मजा ले रही थी.

मैं: पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बेबी मेरी बेबी को भैया के साथ सुहागरात मनाने में मज़ा आया तुम खुश होना कि तुमने अपना भैया से अपनी से सील तुड़वाई पुचच्… बेबी मैं भी पानी छोड़ने वाला हूं कहां निकालूं रानी अपना पानी.

नीरू: पुचच….पुच्च पुचच. ..भैया थोड़ा तेजी से करो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है अपना पानी मेरी बच्चेदानी में भर दो मैं आपके प्यार को पूरा पाना चाहती हूं और तेजी से करो पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बाबू.

मैं: आई लव यू बेबी, वह तो ठीक है लेकिन अगर आज ही तुम प्रेग्नेंट हो गई तो दिक्कत हो सकती है मैं तुम्हें कुछ समय के बाद अपने बच्चों की मां बनना चाहता हूं.

नीरू: पुचच….पुच्च मेरे राजा मेरे सैंया आई लव यू मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी मैं सेफ हूं कल रात ही मेरा पीरियड खत्म हुआ है अभी 5 दिन तक बिना किसी परेशानी के आपका वीर्य अपने बच्चेदानी में ले सकती हूं अभी प्रेगनेंसी के चांसेस बिल्कुल नहीं हैं.

फिर भी मैं अपनी बुर में पानी भर कर सफाई अच्छी तरह से कर लूंगी। फिर कोई खतरा नहीं होगा। अगर फिर भी कुछ गड़बड़ी हो गई तो आप हो न सब संभाल लोगे, आपको पता है मैं आपको इसीलिए इतना प्यार करती हूं क्योंकि आपको अपने मजे से ज्यादा चिंता मेरी तकलीफ की है आई लव यू भैया.

मैं: पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उ. पुच्च आई लव यू बेबी मेरी रानी मैं भी तुझे बहुत प्यार करता हूं तूने मेरी खुशी के लिए अपनी कुंवारी सील पैक बुर में मेरा इतना बड़ा लंड घुसवा लिया आई लव यू पुचच.पुच्च.

इसके बाद 12-15 धक्कों में हम दोनों एक साथ छूट गए और पसीने से तरबतर होकर एक दूसरे को कस को पकड़ लिया, मैं हांफते हुए उसकी चूची पर सिर रख कर धीरे से लेट गया थोड़ी देर चलने के बाद फिर से उसकी चूची को अपने मुंह में भरकर चूसने लगा वह मेरे सिर पर हाथ कर रही थी और बार-बार इस मजे को देने के लिए थैंक यू भैया थैंक यू भैया बोल रही थी.

मैं भी उसको आई लव यू थैंक यू मेरी रानी बोल रहा था थोड़ी देर बाद थोड़ा सा उसके ऊपर से उठा वह बोली भैया मुझे टॉयलेट जाना है बहुत दर्द है प्लीज मेरी हेल्प करो टॉयलेट कराने ले चलो मैंने उसे उठाया तो वह खून से सनी चादर देखकर खुश होकर के बोली-

नीरू: शर्माते हुए) हाय राम ये क्या भैया आपने कितनी बुरी तरह मेरी बुर की उद्घाटन किया है मेरी सील तोडी है आज भी कितना खून निकला है आपके खूनी लौड़े ने मुझे कितना दर्द दिया है.

मैं: बेबी सुहागरात में खून तो निकलता ही है और दर्द भी पहली बार होता है उसके बाद तुम्हें कितना मजा आया तू अपने चूतड उठा उठा कर और अंदर लेने की कोशिश कर रही थी याद है कि भूल गई।

नीरू: पुचच….पुच्च मुझसे ज्यादा मुझे तो आप ले रहे थे कैसे मुझे जकड़ कर हुमच हुमच कर चोद रहे थे आई लव यू भैया और फिर से थैंक यू मेरी बुर का उद्घाटन करने के लिए।

फिर मैं नीरू को अपनी गोद में उठता बाथरूम ले गया और उसे टॉयलेट कराया हम बहुत थक गए थे हमने साथ-साथ नहाने के लिए हमने शावर को खोल कर नीचे खड़े हो गए और अच्छी तरह नहा धोकर फ्रेश होकर आए फिर नंगे ही बिस्तर में एक दूसरे के बाहों में एक दूसरे को चूमते हुए प्यार करते हुए नीरू के निप्पल को अपने मुंह में भरकर पीते पीते सो गया. रात को जब नींद खुलती थी तो फिर मैं दूध पीना शुरू कर देता था और नीरू मुझे अपने साथ चिपका लेती थी रात को 3 बजे.

नीरू: एक बार फिर से मेरी बुर लो मैं ये रात न भूलने वाली बनाना चाहती हूं.

मैं: यह हमारी अंडरस्टैंडिंग बहुत ही बढ़िया है दूसरा आराम देने के लिए सोच रहा था.

मैं नीरू के ऊपर चढ़ गया और उसकी टांगों को बीच में आ गया और उसकी बुर में सूपाडा फंसा कर 3-4 धक्के में पूरा अंदर तक घुसा कर चोदने लगा नीरू अब दर्द को एंजॉय कर रही थी थोड़ी देर के बाद-

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नीरू : पुचच्… पुचच.पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू, आ.. आ.. उ.. भैया सी..सी… धीरे-धीरे दर्द काफी कम हो गया अब अच्छा लग रहा है मज़ा आ गया बाबू च्… पुचच. भैया थोड़ा जल्दी से तेजी तेजी करो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मेरे राजा भैया और जोर से दबा कर मारो पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू जानू, आ.. आ.. उ.. भैया सी..सी मुझे फिर से आर्गैज़्म होने वाला है थोड़ा और तेजी से करो पुच्च उम् उम्म… आ.. पुच्च आई लव यू बाबू.

मैं नीरू की बुर में जोर-जोर से धक्के मरने लगा वो आह आह सी सी करती मजा ले रही थी. इस तरह मैंने मेरी छोटी बहन के साथ सुहागरात मनाई और सुहागरात को उसे 3 बार बुरी तरह से चोद कर अपना बना लिया वो अगली सुबह चल नहीं पा रही थी लेकिन बहुत खुश थी दोपहर में हम हनीमून कपल की तरह धर्मशाला घूमने निकले और रात को फिर से चुदाई करके सोए इन 4 दिन में नीरू 20 बार चुदीं बेड पर टेबल पर जमीन पर और बाथरूम में… सब जगह वो बड़े उत्साह से चुदवा रही थी।

इस तरह से मेरी छोटी बहन नीरू मेरी पत्नी बन गई और हम खुशी से अपना वैवाहिक जीवन बिताने लगे और हमने इस कॉटेज में 1 साल बीतने के बाद फिर 15% रेंट बढ़ाकर 1 साल का और कांट्रेक्ट बढ़ा लिया और प्रेम से रहने लगे। दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपको यह कहानी बहुत पसंद आई होगी आप इस कहानी पर रिस्पांस देकर उत्साह वर्धन करें इतने मन से कहानी को पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद.

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