Wild Desi Incest Porn
गर्ल्स!! लड़किया… ये एक शब्द ऐसा हैं जो मुझे बहोत पसंद हैं. इनफॅक्ट ये शब्द ही नही बल्कि दुनिया मे सबसे प्यारी,सबसे कीमती कोई चीज़ मुझे लगती होगी तो वो लड़किया ही हैं. एक अजीब सा नशा होता हैं लड़कियो का. एटलीस्ट मुझे हैं. अक्सर हम कोई खूबसूरत चीज़ देखते हैं तो हम कहते हैं कि उपरवाले का कमाल हैं. तो लड़किया भी उपरवाले का मास्टरपीस हैं. Wild Desi Incest Porn
जब भी कोई लड़की देखता हूँ तो उसका जिस्म मेरी आँखो के सामने आता हैं और मैं सोचता हू कि वाह!!! क्या कमाल की लड़की हैं. ऑफ कोर्स मैं उन्ही लड़कियों की बात कर रहा हू जो सुंदर हैं ना कि किसी रांड़ जैसी दिखने वाली का. दुनिया मे कोई भी लड़की का जन्म होता हैं तो वो शुरआत से अंत तक एक लड़की होती हैं सिर्फ़ लड़की.
ये बेहन, बीवी, माँ, साली, चाची, बुआ, एट्सेटरा, एट्सेटरा रिश्ते तो इंसानो की बनाई हुई बकवास बाते हैं जो ना मुझे पसंद हैं ना मैं मानता हू. चाहे वो बेहन हो या चाची, होती तो वो लड़की ही हैं. और लड़की के जिस्म के हर हिस्से को मैं प्यार करता हू. फिर चाहे वो उसके बाल हो, आखे, लिप्स, नेक, अंडरआर्म्स, ब्रेस्ट, निपल्स, उसकी नेवेल, उसके मुलायम थाइस, उनपे टिकी हुई सुंदर, मांसल, पर्फेक्ट गान्ड या इस दुनिया मे सबसे सुंदर और प्यारी चीज़े, जहाँ से दुनिया आती हैं उसकी चूत.
अगर मैं चाहूं तो दुनिया मे जितनी भी लड़किया हैं उनकी चूतो को चूस चूस कर खाली कर दू. मैं एक लड़की की असली कीमत जानता हू मगर फिर भी आज तक ऐसा कभी कभार ही हुआ हैं मुझे चूत के दर्शन हो पाए हैं जैसे मेरे चाचा की लड़की दीपिका, किट्टू और मेरी पहली गर्लफ्रेंड जिसके नाम से मैं आज भी मूठ मारता हू.
दोस्तो, मैं एक नॉर्मल फॅमिली का मेंबर हू. पेरेंट्स, अनफॉर्चुनेट्ली 1 भाई और मैं. मैं हमेशा एक बेहन चाहता था ताकि चुदाई का सामान घर मे ही मिल जाए और बाहर मूह ना मारना पड़े. अफ़सोस मुझे बेहन नही हैं वरना आज ये लिख ना रहा होता बल्कि उसे चोदता रहता इस वक़्त. वेल, कोशिश करने वालो की हार नही होती. मेरी ना सही मेरी कज़िन दीपिका मिल गयी.
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मैं पूरी ज़िंदगी उससे याद रखुगा क्योकि मेरी देखी और फील की हुई पहली चूत दीपिका की थी. जो मेरे चाचा की लड़की हैं. उनकी दो बेटी हैं..बड़ी वाली कुछ काम की नही. साली मानती ही नही मगर दीपिका मुझे बड़ा प्यार करती थी. वो सिर्फ़ शायद अभी की हैं मगर उसका जिस्म बहोत ही गरम हैं. बेहद खूबसूरत,गोरी चिट्टि, बेबी डॉल.
मैने काफ़ी चाटा उसके जिस्म को. ब्रेस्ट अभी आने शुरू ही हुए थे उसके, पर निपल्स बड़े सेन्सिटिव हैं उसके. उसपे मेरी नज़र एक फॅमिली फंक्शन मे पड़ी. उसकी हाइट कुछ 5 फीट हैं,बाल ऐवरेज. मेरे दिल मे बैठी उसकी आखे. नशीली आखे हैं उसकी. और मैं ये बात भी काफ़ी पहले ही समझ गया था कि अगर मैने मेरी किसी कज़िन को चोदा तो वो यही होगी.
क्योकि वो जिस नज़र से मेरी तरफ देखती हैं और आज भी देखती हैं तो मैं समझ गया. उसका वो लिप्स बाइट करना,नज़रे मटकाना. उसके बाद उसकी रसीली गान्ड. ऐसा लगता कि जैसे 2 लीटर के बलून्स हो पानी से भरे. छूकर ही ऑर्गॅज़म हो जाए. आख़िर खाते पीते घर की हैं. उसकी माँ साली रांड़ बहोत खिलाती हैं और दूसरो का खून पीती है.. छोड़ो सब कहानी पर आते हैं.
तो उस फंक्शन मे मैने उसको करीब से देखा और मन बना लिया था कि ये गान्ड तो मेरी ही होगी. मैं उसे चोदुगा. तो मैं हर वक़्त मौके की तलाश मे होता था कि कैसे इसे अकेला लाउ और काम शुरू करू. मेरा घर दिन मे खाली ही होता हैं क्योकि पेरेंट्स काम पे जाते हैं और जो कि मेरा क़ामक्रीड़ा का प्लान था मैं दीपिका के घर गया और उससे खेलते खेलते बातो मे फुसला कर अपने घर ले गया.
अब इतना भी आसान नही. साली ने कही मूह खोल दिया तो गान्ड लग जाती. तो सोचा इसके मूह मे लंड घुसा दूँगा तो चूप रहेगी क्यूकी मैं इसे अभी तो चोदने वाला था भी नही बस ओरल सेक्स ही ठीक हैं फिलहाल. काफ़ी देर तक उसके साथ खेल खेलने के बाद मैने धीरे धीरे उसके जिस्म को टच करना स्टार्ट किया.
अपनी उंगलियो से उसके पेट के उपरी हिस्सो को छूने लगा मज़ाक करते हुए. फिर मैने उसे अपनी बाहो मे लिया और उसके गालो पे किस करने लगा. फिर अपनी जीब को कभी मैं उसके गाल तो कभी उसके नेक पे लाता. वो शरमाने लगी. बोली घर जाने दो!! मैं डर गया. सोचा प्लान फ्लॉप हो जाएगा.
मैने उसे चूमना बंद कर दिया पर अपने बाहो मे थामे रखा. और फिर उससे बाते करने लगा. मैने उसको कहा कि वो बहोत सुंदर और सेक्सी हैं. तो शरमा गयी. बोली ये सेक्सी क्या होता हैं?? मुझे कुछ आसार दिखने लगे. मैने उसे बड़े प्यार से अपनी बाहों मे उठाया और इस तरह बैठाया अपनी गोद मे कि उसकी नाज़ुक गान्ड मेरे लेग्स पे आ जाए.
मैं सब्र से काम लेना चाहता था सो अपने लंड से दूर ही रखा उसे. अब उसकी गान्ड मेरे पैर पे,हाथ मेरे हाथ मे और नज़र मेरे चेहरे पे और कुछ इंचस का डिस्टेन्स मेरे और उसके होंठो मे. मैने उससे कहा कि,” तू जानती हैं क्या कि बच्चे कैसे होते हैं?”. हर बच्चे की तरह उसे भी बकवास बाते बताई गयी थी.
मैने उससे कहा की सब झूठ हैं. तो बोली,”फिर कैसे?”. मैने उससे कहा कि मैं बताउन्गा उससे मगर जैसा मैं कहुगा वैसे करना होगा. तो बोली क्या? मैने उस पे ज़ोर दिया कि पहले हाँ बोल. फिर मानी. मैने उसे अब धीरे धीरे अपनी बाहो मे उठाना स्टार्ट किया और अपने लंड की तरफ उसे खीचा. फाइनली उसकी सॉफ्ट गान्ड मेरे लंड पे आ टिकी.
मैने उसे उठाया और बेड पे रखा और रूम मे जाकर अपनी अंडररवेर निकाल ली और सिर्फ़ पॅंट पहन कर आ गया जिस वजह से मेरा लंड उसकी गान्ड पे सॉफ महसूस हो. पर जब मैने उससे अपनी बाहो मे उठाने की कोशिश की तो बोली कि मैं यही बैठूँगी. मैने सोचा साली नाटक कर रही है . गान्ड नही छूने देगी.
तो मैं फिर खेल खेल मे उसे पकड़ने लगा और जितना उसका जिस्म हो सके अपने जिस्म से दबाने लगा. अब मैने उसके हाथो को उसके सिर के उपर कर दिया और अपने हाथो से उसे दबा दिया और मिशनरी पोज़िशन मे आ गया. वो पैर झटक रही थी. मैने उसकी आखो मे देखा. बोली”भैया, छोड़ो मुझे!”. मैने भी कहा कि तुझे छोड़ना ही चाहता हू दीपिका!”.
वो बोली मतलब?? तब मैने उसके टॉप की ऑर देखा और फिर उसकी आखो मे देखते हुए उसके लिप्स पे किस किया. सॉल्टी टेस्ट आया. वो शरम से तड़पने लगी पर मैने उसे दबा रखा था. मैने उसे उसका प्रॉमिस याद दिलाया. उससे कहा,” कि बच्चे जिस तरह नंगे होते हैं उसी तरह उन्हे पैदा करने वाले भी नंगे ही होने चाहिए.”
और फिर सीधा बता दिया कि जब लंड चूत मे जाता हैं तो बच्चा होता हैं. तो उसे कुछ समझ नही आया . मैने कहा जानना चाहती हैं. वो हाँ बोली. मैने उसे खड़ा किया और उसे नंगा करने लगा. और उसकी चड्डी निकालने के बाद तो मानो मेरी साँसे ही रुक गयी. दुनिया की सबसे कीमती,सुंदर चीज़ पहली बार मेरे सामने थी.
उसकी पिंक, बॉल्ड, स्मूद चूत. जी तो किया कि अभी उसी वक़्त उसे चोद डालु. एक भी बाल नही था. बिल्कुल कुवारि चूत. और जिस बात की खुशी मुझे हुई वो ये कि वो गीली थी मतलब जो भी जिस्म से मैं खेल रहा था वो रेस्पॉंड कर रहा था. उसने एक टी-शर्ट पहना था और स्कर्ट था. मुझे स्कर्ट्स बहोत पसंद हैं. ईज़ी एक्सेस!!.
मैने सिर्फ़ उसकी अंडरवर निकाली तो वो भागने लगी. मैने फिर उसे अपनी बाहो मे जकड़ा और बेड पे पटक दिया. उसकी शक़्ल रोने जैसी हो गयी थी. मैने फिर उसे किस किया. इस बार उसने भी किस की. मैं खड़ा हो गया उसके सामने और मेरा लंड टेंट बनाए हुए था पॅंट मे.
मैने उसे मेरा लंड पकड़ने को कहा. वो ना कहने लगी और खुदकी नंगी चूत छुपाने लगी. मैने उसे कहा कि तूने प्रॉमिस की थी. मैने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड पे घुमाने लगा और वो अपना हाथ पीछे लेने लगी. मैने उसको कहा कि तू जानती हैं ये क्या हैं. उसने बड़ी मासूमियत से कहा”गोल-गुंडा”.
मैने ये नाम पहली बार सुना था. मैने उसे कहा “नही इसे लंड कहते हैं और ये जो तेरे पैर के बीच हैं इसे चूत!!”. मैने उससे कहा “देखेगी लंड?”. तो वो ना कहने लगी मगर उसकी वो आखे मेरे लंड की ओर ही देखने लगी थी. मैं समझ गया और अपने लंड को आज़ाद कर दिया.
उसने एक झलक देख कर अपनी आखे बंद कर ली. अब उसके दोनो हाथ उसके चेहरे पे थे. उसका स्कर्ट घुटनो तक आ गया था. मैने एक ही झटके मे उसका स्कर्ट निकाल दिया. अब वो नीचे से नंगी थी. क्या नज़ारा था..!! उफ़फ्फ़… मेरे लंड से प्रेकुं निकल गया.
फिर वो खड़ी हो गयी और अपनी टाँगो को दबा लिया और बेड पे खड़ी हो गयी. मैने उसे फिर से पकड़ा और अपने पास लाया जिसका वो विरोध करने लगी. काफ़ी सब्र करने के बाद मेरी हवस जवाब दे गयी. मैने उससे खीच कर बेड पर पटक दिया तो वो थोड़ा रोने लगी. मैने कहा
“नंगी हो पूरी!”
दीपिका-“मुझे घर जाना हैं”
मे: ज़रूर जाना. मगर पहले नंगी हो. साली नखरे कर रही है . आज तो तेरी चूत चूस्के ही रहुगा.
दीपिका: मतलब?
मे: तुझे जैसा कहता हू वैसा कर. तुझे बहोत मज़ा आएगा.
दीपिका: क्या?
मे: नंगी हो. पूरी तरह से.
दीपिका: क्यू?
मे: मैं तुझे नंगा देखना चाहता हू.
वो धीरे धीरे अपना टीशर्ट निकालने लगी. मैने उसकी टीशर्ट जल्द से निकाल के फेक दी. वो शर्म से छुपने लगी. मैं भी पूरा नंगा हो गया. उसकी आखे बंद ही थी. मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और अपने लंड पे रख दिया. तो उसने हाथ हटा लिया.
मे: अगर तू जैसा मैं कहता हू वैसा नही करेगी तो मैं तुझ से कभी बात नही करूँगा.
वो सहम गयी.
दीपिका: मुझे शर्म आती हैं
मे: शर्म क्यू? मैं तेरा भाई हू. पहले तू आखे खोल
दीपिका: नही
मे: प्लीज़…
उसने आखे खोली और मेरे जिस्म पे नज़र डाली और सीधा लंड को देखी.
मे: मैने कहा देख इसे. टच कर,
दीपिका: ना
मे: जितना कहता हू उतना कर.
वो मान नही रही थी. काफ़ी समझाया बट मानी नही. मैने उसके सामने एक बार मूठ भी मारी. पहली बार किसी लड़की के सामने मैने मूठ मारी और वीर्य गिराया भी. वो मेरे लंड को देखने लगी. ऑलमोस्ट 10 मिनट से मैं उसके सामने नंगा खड़ा था तो उसे भी अब शर्म नही आ रही थी.
फिर भी वो अपनी चूत छुपा रही थी. मैं झड गया तो थोड़ा शांत हुआ. हम फिर बेड पे बैठ गये. इस बार इसने अपनी टाँगे स्प्रेड कर ली थी. और नंगी होने की वजह से उसकी खूब सूरत चूत मेरी आखो के सामने थी. मैने उससे बात करना स्टार्ट की. गंदी बाते. सेक्स की,चुदाई की.
मे: एक बात बता.
दीपिका: क्या?
मे: तू सुसू कैसे करती?
दीपिका: बैठ के. जैसे सब लड़किया करती
मे: मगर..लड़कियो को लंड कहाँ होता हैं??
दीपिका: तो हम यहाँ से करते हैं ना!!
उसने अपनी राइट हॅंड की उंगली उसकी चूत पे रखी और बताने लगी.
मे: मगर कहाँ से आता है वो..
अभी तक वो भूल गयी थी कि हम दोनो पूरी तरह नंगे हैं. उसने अपनी दोनो टाँगे पूरी तरह खोल दी थी और उसकी चूत के लिप्स मेरे सामने थे.. दुनिया मे सबसे सुंदर चीज़ मेरे सामने थी. उसकी वर्जिन टाइट चूत. एक भी बाल नही. और वो थोड़ी चमक भी रही थी.
मतलब उसकी चूत भीग रही थी.उसे सेक्स चढ़ रहा था. कसम से अगर वो 15-16 की होती तो मैं उसकी इतनी चुदाई करता कि उसकी चूत लाल हो जाती. उसके निपल्स चूस चूस कर उनको लाल कर देता. तभी मुझे याद आया कि मैं निपल तो चूस ही सकता हू.
मे: दीपिका, लेट जा बेड पे.
दीपिका: क्यू?
मे: बस लेट जा.
वो अपनी जगह से उठी और पीछे चली गयी. मैने उसका हाथ पकड़ा और ज़बरदस्ती उसे बेड पे लिटाया. वो हँसने लगी. मैने उसकी थाइस को पकड़ा.. और उन्हे स्प्रेड कर दिया और उसकी चूत को नज़रो से पीने लगा.. मैं धीरे धीरे उसके नंगे जिस्म पे चढ़ता गया और फाइनली उसके होटो पे मैने अपने होठ रखे. उस पोज़िशन मे मैं उसके जिस्म पे पूरी तरह चढ़ गया था. हम दोनो के नंगे जिस्म एक दूसरे से भिड रहे थे.
वो मेरी आखो मे देख रही. उसकी वो लस्टी आखे. उन आखो को देख कर मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया. ऐसा कभी भी नही हुआ था कि मैने मूठ मारी हो और 5 मिनट बाद फिर खड़ा हुआ हो. ये उसके जिस्म का जादू ही था कि मेरा लंड पत्थर सा हो गया. मैने उसको किस करना स्टार्ट किया. वो नही जानती थी कि किस कैसे करते हैं मगर वो मेरी कॉपी करने लगी. उसने मेरे होंठो को चूसना स्टार्ट किया.
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मे: कैसा लग रहा हैं.
दीपिका: उम्म्म….
मैं समझ गया कि चुदने को रेडी हो गयी ये लड़की. मैने धीरे धीरे उसके होंठो से नीचे आके उसकी नेक को किस किया और फिर मैने उसे पूछा.
मे: मैने नीचे जाउ?
दीपिका: हाँ.
मैने उसके राइट निपल को टच किया. छोटे से लाइट ब्राउन निपल्स उसके बिल्कुल सख़्त थे. मैने उसके निपल चूसना शुरू किया और राइट हॅंड से उसके लेफ्ट निपल को मसल्ने लगा. मैं बारी बारी से उसके निपल्स चूस रहा था. अब वो आआआः आआआः…उम्मह करने लगी थी..
मे: क्या हुआ?? और चूसू तेरे निपल्स? कैसा लग रहा हैं?
दीपिका: अच्छा लग रहा हैं. और चूसो.
मे: इसी तरह मैं तेरी चूत भी चूसने वाला हू. चलेगा ना?
दीपिका: हाँ…
मैने सोचा कि मौका अच्छा हैं..
मे: अपने हाथ से मेरा लंड पकड़. जैसे कहने भर की देर थी. उसने तुरंत अपने नाज़ुक हाथो से लंड को पकड़ किया.
मे: महसूस कर इसे;
दीपिका: भैया बस करो. आ मुझे कुछ हो रहा हैं. मेरा सूसू आ रहा हैं..आआआः..ह्म्म्म..!!!!!!!!!
मैने तुरंत उसे उठाया और बाथरूम मे ले गया.. उसे कॅमोड पे बैठा कर मैं भी उसपे बैठ गया. अब इस पोज़िशन मे वो मेरे सामने थी और मेरा लंड और उसकी चूत ऑलमोस्ट टच कर रहे थे. मैने उससे कहा-
मे: कर सुसू.!!
दीपिका: तुम गंदे हो जाओगे..
मे: तू बस मूत. मैं भी मुतुँगा तेरी चूत पे.
दीपिका: नही..
मे: मज़ा आएगा.. मैं देखना चाहता हू कि तू कैसे पिशाब करती हैं.
दीपिका: ठीक हैं.
उसने मुतना स्टार्ट किया और सेम टाइम पे मैने भी स्टार्ट किया. मेरा मूत उसकी चूत पे गिरने लगा और उसने अया की.. हम दोनो एक दूसरे पे मूतने लगे और उसे मज़ा आने लगा. मैने उसकी चूत पूरी गीली करदी. जब पिशाब हो गया तो हम वॉश करने गये. मैने कहा कि एक दूसरे को सॉफ करते हैं. अब उसे कोई चिंता नही थी. जैसा मैं कहने लगा वैसा वो करने लगी. मैने हॅंडशवर लिया और उसकी चूत पे पानी डालने लगा. वो खड़ी थी, गरम मूत और ठंडे पानी से उसकी चूत भीग गयी.
मे: सॉफ कर ना.
दीपिका: क्या?
मे: तेरी चूत.
दीपिका: सॉफ कैसे करू?
मे: मैं कर दूँ?
दीपिका: हाँ.
मैं अपना हाथ उसकी चूत पे ले गया और पहली बार किसी चूत को फील किया. बिल्कुल भीगी थी और गरम भी. मैं धीरे उससे सॉफ करता गया. मौका अच्छा देख कर मैने उसे कहा-
मे: मेरे लंड को हाथ मे ले.
उसने तुरंत हाथ मे ले लिया.
मे: अब हिला उससे.
वो लंड को शेक करने लगी.
मे: ऐसे नही. मैने उसका हाथ पकड़ा और उपर नीचे करने लगा.
दीपिका: ऐसे…>??
मे: हाँ.
अब वो मेरे लंड को हिला रही थी और मैं उसकी चूत को सॉफ कर रहा था. हम दोनो चरम पे पहुँच गये.. मैने अचानक अपना हाथ रोक दिया उसका रियेक्शन देखने के लिए और खड़ा हो गया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दीपिका: क्या हुआ? रुक क्यू गये? करो ना.
मे: क्या करू?
दीपिका: वही जो कर रहे थे.
मे: बता तो क्या कर रहा था?
दीपिका: मुझे शर्म आती हैं.
मे: बोल बोल.
दीपिका: मेरी चूत को सॉफ करो ना.
मे: ठीक हैं. अगर तू चाहती हैं कि मैं वो करू तो तुझे भी मेरे लंड से कुछ करना होगा.
दीपिका: हिला तो रही हू.. अब क्या करू??
मे: इसे चूस.
दीपिका: नही..
मे; ठीक हैं.. मैं भी नही करता.
मैं उसके बचपन दिमाग़ से खेल रहा था. अगर ये आज चूस्ति हैं तो ज़िंदगी भर चूसेगी.
दीपिका: मैं क्यू चूसू लंड तुम्हारा? तुमने तो नही चूसी मेरी चूत.
मे: तूने बोला नही. मैं तो तुझे चोदने को रेडी हू.
दीपिका: चोदने को? मतलब?
मे: बताउन्गा. पहले चूस.
दीपिका: और मेरी चूत का क्या?
मे: एक काम करते है. तू मेरा लंड चूस मैं तेरी चूत चूस्ता हूँ. एक साथ
दीपिका: वो कैसे?
मे: चल बिस्तर पे आजा.
हम बिस्तर पे आ गये.
मे: मैं बिस्तर पे लेट ता हू और तू मेरे उपर लेट.
वो मेरे उपर चढ़ गयी मगेर उल्टी. जब वो चढ़ रही थी तो उसकी चूत मेरे लंड के उपर आ गयी. और वो चीख पड़ी.
मे; क्या हुआ?
दीपिका: तुम्हारे लंड ने मुझे काटा!!
मे: काटा नही. किस किया है. और जब ये अंदर जाता हैं ना तो उसे चोदना कहते हैं. वो भी सीखेगी क्या?
दीपिका: नही..दर्द होता हैं.
मे: मज़ा भी उतना ही आता हैं.
दीपिका: अब क्या करूँ?
मे: तू उल्टी तरफ से चढ़ि हैं. तेरी गान्ड मेरे मूह के पास रख और तेरा मूह मेरे लंड पे कर.
उसने पोज़िशन चेंज कर ली और हम 69 मे आ गये. अब उसकी गान्ड मेरे सामने थी. मैने उससे कहा कि अब तू लंड चूस. मेरा लंड पूरी तरह खड़ा था. उसकी चूत मेरी आखो के सामने थी मगर उसके लेग्स क्रॉस्ड थे. मैने उसकी थाइस को किस किया और उसकी गान्ड पे हाथ रखा. बिल्कुल सॉफ्ट थी उसकी गान्ड.
मे: तेरी गान्ड बहोत ही सुंदर हैं दीपिका.
मैने उसकी गान्ड को मसलना स्टार्ट किया.. उसकी दूध जैसी गोरी गान्ड पे मेरी उंगलियो के निशान बन गये. मैने उसकी गान्ड को उस तरह मसला जैसे रोटी बनाते वक़्त आटा मसल्ते हैं. वो दर्द से कराह रही थी पर उसे मज़ा भी आ रहा था. मैं रुक गया. मेरी नज़र उसकी तरफ गयी. वो सिर्फ़ लेटी थी और मेरे लंड को देख रही थी.
मे: क्या कर रही हैं? मैने तुझे चूसने को कहा.
दीपिका: मुझे शरम आती हैं भैया,..मैं नही चूसूगी.
मैने अपने राइट हॅंड से उसकी गान्ड पे ज़ोर से स्लॅप किया और उसकी गान्ड डीप रेड कलर की हो गयी.
दीपिका: आआहह!!!!.. भीयाया..!! मार क्यू रहे हो.. दर्द होता हैं
मे: साली रंडी… मैं कब से तेरी गान्ड चाट रहा हूँ और तू मेरा लंड नही चूसेगी.. कब से गान्ड मेरे सामने खोल के लेटी हैं तो शर्म नही आ रही और अब शर्म आती है.
दीपिका: भैया मारो मत… प्लीज़..अया…. दुख रहा है..
मे: तो जैसा कहता वैसा कर.
वो छटपटाने लगी.. मैने उसे पकड़ लिया.. उसकी गान्ड को अपने हाथो से दबाए रखा जिससे वो उठ ना पाए.
मे: मूह खोल… आज तो तू चूसेगी मेरा लंड…
दीपिका: नहीं भैया जाने दो.
मे: तू ऐसे नही मानेगी ना!!
मैने अपनी उंगली मूह मे डालके उसे गीला किया और उंगली को उसके गान्ड के छेद पे दबाने लगा.
मे: अगर तूने मेरा लंड नही चूसा तो ये उंगली तेरी गान्ड मे डालुगा…
वो तड़पने लगी… मैने अपनी उंगली थोड़ी सी उसकी गान्ड मे घुसाई.. बिल्कुल टाइट गान्ड थी उसकी.. बड़ी मुश्किल से 1 सेंटीमीटर गयी होगी अंदर.
दीपिका: आअहह… नैईईईईईईईईईईईईईईई…. आआहाआहः… भाई…. या..आ.आ.आ.आ.
मे: और घुसाऊ??
दीपिका: नहिी… रुक जाओ… आआहाआहाआहा.
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ऐसा करते वक़्त अचानक मुझे मेरी नेक पे कुछ गीला गीला महसूस हुआ.. मैने हाथ लगाके देखा तो चिपचिपा महसूस हुआ.. मैं समझ गया.. उसकी चूत पूरी तरह भीग गयी थी और ड्रिप कर रही थी. मेरी बेहन की चूत से उसका जूस टपक रहा था.. मैने उसे चूस लिया. अब वो तड़प रही थी.. मेरी उंगली अब भी उसकी गान्ड मे ही थी.
दीपिका: भैया.अहह.निकालो उसको..प्लज़्ज़्ज़…आआहह..उम्म्म.
मे: एक ही शर्त पे.. लंड को चूस..अभी.
दीपिका: ठीक हैं.. चूस्ति हूँ.
उसने अपने हठो से मेरे लंड को पकड़ा, उसके गोरे हाथ मेरे ब्लॅक लंड पे सेक्सी लग रहे थे. मैने उंगली को थोड़ा हिलाया उसकी गान्ड मे. वो समझ गयी और धीरे धीरे लंड हिलाने लगी.
मे: मैने तुझे चूसने को कहा..
दीपिका: मुझे नही आता चूसना.!
मे: तूने कभी लॉलीपोप खाई हैं.
दीपिका: हाँ.
मे: तो उसे जैसा चूस्ति है वैसा चूस…
दीपिका: वो पूरा मूह मे डालना पड़ता है खाने के लिए.
मे: वोही करना हैं तुझे,, ऐसा चूस जैसे लॉलीपोप हो.
उसने मेरे लंड को देखा.. लंबा. ब्लॅक और मेरा लंड चमक रहा था.. उसने आगे बढ़के अपनी जीभ निकाली और लंड को चाटना स्टार्ट किया. और काफ़ी देर तक चाटती रही. उसकी जीभ मेरे लंड पे थी और मेरी उंगली उसकी गान्ड मे.
मे: मूह मे ले..
दीपिका: नही… उम्म्म्मह.
अब मेरा सब्र टूट गया, मैने अपनी उंगली पूरी उसकी गान्ड मे घुसा दी..
दीपिका: आआहााहह,,, नैईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.. भैयाअ. आआआ.आ.आ.आ… निकाल उसको..
मे: साली कबसे चूसने को कह रहा हूँ तू नाटक कर रही है…
वो मेरे जिस्म से अलग होने के लिए तड़प रही थी.. मैने उसको दबा रखा था तो उठ नही पा रही थी. वो जितना हिल रही थी मेरी उंगली उतनी ही उसकी गान्ड मे जा रही थी…
दीपिका: एयेए… भैयाअ… प्लीज़.. निकालो उसको… आअहम्महाहहाः…
मे: शांत हो जा… तू जितना हिलेगी उतनी ही ये अंदर घुसेगी. शांत हो जा.
दीपिका: आअहह..नैईईइ…ठीक हैन्न्न्न्न..
वो शांत होने लगी..
मे: मूह खोल.. और जैसा कहता हू वैसा कर.
उसने अपना मूह खोला.
मे: लंड को पकड़ और अपने होंठो से किस कर.
उसके वो सॉफ्ट लाल होठ मेरे लंड पे टिके और मेरा प्रेकम निकल गया.
दीपिका: ये क्या हैं?
मे: दूध हैं.. चूस उसे…
और याद दिलाने के लिए मैने अपनी उंगली उसकी गान्ड मे थोड़ी सी मूव की. उसने अपनी जीभ मेरे लंड पे रखी और चाटने लगी.
मे: आईसीई….अया….अब मूह खोल और इसे अंदर ले. चूस लंड को जैसे लॉलीपोप चूस्ति हैं.. अपने दाँत दूर रख.. अगर मेरे लंड को तेरे दाँतों ने छुआ तो और एक उंगली तेरी गान्ड मे डालुगा समझी??
दीपिका: आहह… उःम्म्म्म…
मैने उसकी गान्ड पे स्लॅप किया.
मे: समझी???
दीपिका: `आआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… हाँ समझी भैया… मारो मत प्लीज़… मैं बेहन हू तुम्हारी..
मे: जानता हू.. और इसी वजह से मैं तुझे हमेशा प्यार करूगा अगर तू मेरा कहा मानेगी तो.. मानेगी ना?
दीपिका: हाँ भैया मानूँगी… तुम जो कहोगे मानुगी.
मैने उसकी गान्ड मे से उंगली निकाल ली.. वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी गान्ड मसल्ने लगा.
मे: दीपिका,,इस लंड को तू हमेशा प्यार करना.. क्यूकी ये तेरे भाई का हैं.. तू इसे पार कर और मैं तुझे प्यार करूगा..
दीपिका: हाँ भैया… मैं इसे हमेशा चूसूगी…
मे: कैसा लग रहा हैं लंड?
दीपिका: बड़ा हैं बहोत..
मे: इसकी आदत डाल ले दीपिका. ये लंड कभी ना कभी तेरी गान्ड और चूत मे जाएगा और तू इसे बहोत प्यार करेगी.
दीपिका: नही भैया…
मे: मैने कहा ना तू सिर्फ़ मेरा कहा मानेगी…
दीपिका: भैया… दुख़्ता हैं वहाँ??
मे: कहाँ?
दीपिका: गान्ड पे.
मे: जैसा मैं कहता हू वैसा करेगी तो मैं तुझे दर्द नही दूँगा… तू खूद मेरा लंड माँगने लगेगी, ठीक है??
दीपिका: हाँ भैया…
और वो लंड चूसने लगी..
मे: अब मुझे अपनी चूत दिखा ज़रा..
उसने अपने लेग्स स्प्रेड कर दिए..
मे: तेरी चूत बहोत सुंदर हैं दीपिका! अब मैं इसे चूसू??
दीपिका: हाँ भैया..
मैने अपने हाथो से उसके लेग्स को स्प्रेड किया. मैने अपनी जीभ निकाली और उसकी चूत के होंठों को धीरे धीरे किस करने लगा. जीभ को मैं धीरे धीरे उपर नीचे करने लगा और अपने हाथो से उसकी गान्ड मसल्ने लगा. मेरा लंड उसके मूह मे. उसका गीला गरम मूह मेरे लंड को चूस रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मे: अया…. ऐसे ही.. अपनी जीभ से खेल उससे.. चूस… मूह मे ले.. अंदर..आह.
दीपिका: उंह. ह…
मैं उसकी चूत के होंठो को किस करने लगा. किस करते हुए मैने उसकी चूत के लिप्स को स्प्रेड किया और अपनी जीभ को धीरे धीरे घुमाने लगा..
मे: कैसा लग रहा हैं?
दीपिका: आहह,.. बहोत अक्चा… आअहमम्म्म, उमुमूंम्म्मममममम
वो अब धीरे से अपनी गान्ड उपर नीचे करने लगी. मैं उसकी चूत को चूसने लगा. उसकी चूत से बहुत ज़्यादा जूस बह रहा था. टेस्ट मे सॉल्टी और मस्की स्मेल आ रही थी..थोड़ी थोड़ी फिश जैसी. मगर मेरे दिमाग़ पे हवस चढ़ि थी और अब उसके भी. हम दोनो भाई-बेहन एक दूसरे को चूसने लगे. रूम मे आह…उऊहह… की आवाज़े आने लगी. और अचानक दीपिका चीख पड़ी…
दीपिका: आआहह…. भैयाअ.. छोड़ो मुझे… मूत आ रही.. छोड़ो..
मे: ये मूत नही… तू झड रही हैं…
दीपिका: जानी दो मुझे…… आआहहहहहहः… आआहा आहा आ आहा आ
वो अपनी गान्ड ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी और मेरा लंड और ज़ोर से चूसने लगी. मुझे अपने बॉल्स मे प्रेशर महसूस हुआ.. मैं समझ गया कि हम दोनो झड रहे हैं…मैने उसे बेड से उठाया और बाथरूम मे ले गया. इन केस सच मे मूत दी तो!?!! हम दोनो बाथरूम मे थे..वो मेरे सामने थी.. अब जैसा कि उसकी हाइट 3-4 फुट होगी तो मेरा लंड उसके निपल्स तक आ रहा था.. मैने उसे फिर लंड चूसने को कहा..
मे: लंड चूस..
दीपिका: हाँ.. और मेरी चूत का क्या???
मैं खुश हो गया.. मेहनत रंग लाई..
मे: हाँ उसे भी खुश करते हैं.. और मैं सारी ज़िंदगी तुझे चोदुगा अब. चुदेगि ना मुझसे??
दीपिका: हाँ भैया ..तुम जो कहोगे मैं करूगी..
मे: तो बोल कि मेरी चूत चाटो.
दीपिका: मेरी चूत चाटो भैया प्ल्ज़….
मैने उसे बाहों से उठाया और खुद वॉल से सट गया.. और मैं उसे खड़े खड़े ही 69 मे लाया.. अब वो बहोत ही अच्छे मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत.. ज़्यादा से ज़्यादा हम 3-4 मिनट तक कंट्रोल कर पाए..और फिर मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी उसके मूह मे.
मैं जानता था कि वो मूह निकाल लेगी तो मैने पहले ही उसका मूह अपने लंड पे दबाकर रखा था.. मैने पूरा उसके मूह मे छोड़ दिया और उसकी चूत से जूस पीता रहा.. वो ज़ोर ज़ोर से आआहाआहाआह करती रही.. मगर मैं उसे चूस्ता ही रहा.. और वो भी मुझे चूस्ती रही..उस वजह से मेरा पिशाब छूट गया और उसकी चूत ने भी मूत दिया..
और कुछ वक़्त पहले उसने मेरा कम पिया था तो उसे लगा कि यह भी वोही हैं तो उसने खुद ही मूह नही हटाया और ना मैने मूह हटाया.. हम दोनो का मूत निकल गया..उसकी चूत ने मेरा मूह पे पिशाब कर दिया. मुझसे जितना हुआ मैने पिया और बाकी बहने दिया मगर मैं चोंक गया उसने मेरा पूरा मूत मूह मे लिया और जब तक मैने ज़बरदस्ती नही किया लंड मूह मे ही रखा..
मे: अर्रे इतना प्यारा लगा मेरा लंड.. निकाल अब..
दीपिका: अया…. हाँ.. बहुत अच्छा हैं लंड तुम्हारा..
मे: अगर पसंद आ गया है तो इसका हमेशा ख़याल रखेगी.. जहाँ मैं इसे डालु ले लेगी?
दीपिका: हाँ भैया… मैं हमेशा करूगी. और तुम भी मेरी चूत चूसना.. बहोत अच्छा लगा भैया
मे: सिर्फ़ मैं चूसूगा ही नही चोदुगा भी. मगर फिर कभी. जब तेरी झान्ट आने लगेगी.
दीपिका: मतलब..?
मे: ये जो मेरे लंड पे बाल हैं ना उनको झान्ट कहते हैं.
दीपिका: और इन्हे उसने मेरे आंडो पर उंगली रख कर कहा ?
मे: इन्हे बाल्स या आँड कहते हैं.. खेल उनसे मगर धीरे से..
वो मेरे बाल्स से खेलने लगी…
दीपिका: सॉफ्ट हैं बहोत.
मे: ह्म्म्म्…. अब वो तेरे हैं..जब चाहे तू मेरे लंड से खेल सकती हैं.. मगर ये सिर्फ़ हमारा सीक्रेट होना चाहिए. किसी को मत बताना.. तेरी रंडी माँ को भी नहीं.
दीपिका: हाँ ठीक हैं.. मगर मुझे झान्ट नही आएगी..
मे: क्यू? सबको आती हैं.
दीपिका: मुझे नही पसंद.
मे: तो शेव कर लेना..
दीपिका: तुम क्यू नही करते?
मे: तू कर देगी..
दीपिका: हाँ भैया..
मे: अभी नही.. मैं थक गया हूँ.. चल नहा लेते हैं.
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फिर हम ने बाथ किया, उस दौरान फिर एक बार ओरल सेक्स किया. दीपिका अब बहोत ज़्यादा एग्ज़ाइट होने लगी.. जैसा कहता वैसा बेहिचक करती थी. फिर हम नंगे ही टीवी देखने लगे. उस दिन वो मेरे साथ सिर्फ़ 3 घंटे थी मगर उस दौरान 4 बार हम ने ओरल सेक्स किया. मुझे याद हैं वो नीचे बैठ जाती थी और मेरे लंड को लॉलीपोप जैसा चूसने लगती थी.
लास्ट टाइम सेक्स के बाद मैं बेड पे लेटा था और वो मेरे उपर थी. मैने उसे सीधा किया और उसे किस करने लगा. हम दोनों एक पॅशनेट किस करने लगे. मैं उसकी गान्ड मसल्ने लगा, कभी उसके निपल्स को मसलता. उसकी चेस्ट पूरी फोर्स से दबाता तो वो तड़प उठती. हम बेतहाशा एक दूसरे को चूमने लगे.
मे: दीपिका?
दीपिका: ह्म??
मे: आइ लव यू.
दीपिका: आइ लव यू भैया..
कहने को सिर्फ़ ##-## साल की थी मगर उसका जिस्म बहोत ही कमाल का था. मोटी होने के कारण जिस्म बिल्कुल सॉफ्ट था. मैने उसके जिस्म के हर अंग को चाटा. उसकी गान्ड, उसके निपल्स, थाइस,चूत. आख़िर मे तो उसकी चूत बिल्कुल रेड हो गयी थी और मेरा लंड भी थक गया था.
मे: दीपिका, एक प्रॉमिस करेगी?
दीपिका: क्या?
मे: तू ज़िंदगी भर मेरी रांड़ बनके रहेगी?
दीपिका: मतलब?
मे: मतलब, मैं जब चाहू तुझे चोद सकूँ,चूस सकूँ. मैं जो कहूँ तू मानेगी हमेशा?
दीपिका: हाँ भैया.. मैं बनूँगी तुम्हारी रांड़. हर काम करूगी.
मे: प्रॉमिस? क्यूकी अगर तूने नाटक किया तो अगली बार तेरी गान्ड मे पूरा हाथ डाल दुगा..
दीपिका: नही भैया.. ऐसा मत करना.. मैं तुम्हारा कहा मानूँगी. प्रॉमिस!!
मे: और ये बात कभी तेरी रांड़ माँ को मत बताना नही तेरी कल्याणी को.!
दीपिका: मम्मी को क्यू रांड़ कह रहे हो? मम्मी भी चूस्ति क्या लंड?
मे: हाँ,,मगर मेरा नही.. दूसरो का. वो सब जाने दे.. बस मत बताना.
दीपिका: हाँ भैया… तुम जो कहो.
मे: और तू कभी किसी और का लंड नही चूसेगी.. सिर्फ़ मेरा..
दीपिका: ठीक हैं भाई… अब मैं थक गयी हू.. गोदी??
मे: आजा.
मैने उसे अपनी बाहो मे ले लिया और हम लेट गये. नंगे!! उसने अपनी टाँगे मेरी कमर के अराउंड लपेट ली. उसकी सॉफ्ट गान्ड मेरे लंड को टच करने लगी तो मेरा फिर खड़ा हो गया. उसे भी महसूस हुआ. वो मेरी आखो मे देखने लगी. मैने उसे किस किया और बाहो मे लपेट लिया. फिर हम ने कपड़े पहने और उसे घर छोड़ने गया.
मैं घर आ गया और फिर एक बार मूठ मारी और सो गया. मैं बहोत खुश था. मुझे एक सेक्स डॉल मिल गयी थी और मैं जानता था कि वो एक दिन सेक्स क्वीन बनेगी और वो मेरी होगी. नेक्स्ट डे जब वो स्कूल से घर आई तो मैं आलरेडी उसका वेट कर रहा था.
मुझे देख कर उसकी आखे चमक गयी. मगर उसे याद था हमारा सीक्रेट तो कुछ नही बोली. मैं फिरसे उसे घर ले जाने का ट्राइ करने लगा. मगर उसकी माँ बीच मे आ गयी. बोली खाना नही खाई.. चेंज तो कर ले… एट्सेटरा एट्सेटरा.. मुझे बहोत गुस्सा आया. मगर मैं जानता था कि जब तक ये राड नही मानेगी मैं मेरी डॉल को नही लेजा पाउन्गा.
मे: चाची, तुम इसके खाने पीने का क्यू इतना सोचती हो?? वैसे भी तो कितनी मोटी हैं यह..
दीपिका: चुप करो भैया..!!
मे: घर पे खाना हैं चाची.. और मैने भी नही खाया अभी तक.
चाची: तो यही ख़ालो..
मे: हम दोनो घर पे ही खाना खा लेगे..
और इससे पहले वो कुछ कहती मैने दीपिका को बाइक पे बिठाया और हम भाग निकले.. जाते जाते बोली कि मानसी आई तो उसे भी भेज दुगी… मैने सोचा टाइम लिमिटेड हैं.. वो आ गयी तो कुछ नही होगा. हम मेरे घर मे आ गये. पेरेंट्स आज आउट ऑफ स्टेशन गये थे और नेक्स्ट मॉर्निंग आने वाले थे.
तो मैं तो फ्री था मगर कल्याणी आ गई तो प्राब्लम हो जाती. मैने वो सब सोचने मे ज़्यादा टाइम नही वेस्ट किया. जैसे ही मैने घर लॉक किया दीपिका को बाहों मे उठाया और सीधा बेडरूम मे ले आया. वो नाटक करने लग गयी. बहाने बनाने लग गयी. उसने स्कूल ड्रेस पहना थी. स्कर्ट्स!!! माइ फेव!..
दीपिका: आज मूड नही है भैया…
मे: नखरे मत कर रंडी…
दीपिका: ना… और मुझे छेड़ कर भागने लगी..
मे: ओह्ह..तो लगता हैं ज़बरदस्ती करनी ही होगी.
वो हंस पड़ी. मैने उसे पकड़ा और सीधा बेड पे उल्टा पटक दिया..
दीपिका: अऔच… भैया धीरे..
मे: तो काम शुरू कर..
दीपिका: मुझे भूक लगी हैं..
मे: हम तो मेरा लंड हैं ना..जितना चाहे चूस.. थोड़ी देर बाद उसमे से दूध तो निकलेगा ही..
दीपिका: नही भैया मुझे कुछ खाना खाना हैं..
मे: चुप कर..तू मेरी रांड़ हैं.. मैं जो कहूँ तू करेगी.. प्रॉमिस याद हैं ना??
दीपिका: हाँ भैया याद हैं… मगर कुछ खा लूँ तो सब करूगी..
मे: ह्म्म्म… चल नंगी हो..
दीपिका: अभी?? पहले खाना खाने दो ना.. प्लीज़ भैया..
मे: हाँ खाले ना जो खाना हैं.. पहले जैसा कहता हू वैसा कर.. नंगी हो..
दीपिका: ठीक हैं..
मे: रुक.. रहने दे…
दीपिका: क्यू? क्या हुआ भैया??
मे: मैं खुद तुझे नंगा करूगा..
मैं बेड पे आ गया.. वो मेरे सामने ही बैठी थी अपने नीस फोल्ड करके.. उस वजह से उसका स्कर्ट थोड़ा उपर हो गया था.. मैं बेड के सामने खड़ा हो गया और उसके लेग्स पकड़ के उसे बेड की एड्ज तक खीचा.. अब वो मेरे सामने लेटी थी. मैने उसे उल्टा किया.
मे: कुत्ता देखा हैं?
दीपिका: हाँ..
मे: कुत्ते जैसी बैठ..
दीपिका: मतलब??
मे: अर्रे जैसा कुत्ता खड़ा रहता हैं ना उस तरह से बैठ..
दीपिका: समझी नही कुछ..
मैं उसको पेट से पकड़ के उठाया और उल्टा कर दिया.. तो वो पेट के बल लेटी थी.. फिर मैने उसके बाल पकड़े और उन्हे खीचा..
दीपिका: आअहह… दर्द हो रहा.. बाल क्यू खीच रहे हो?
इस दौरान वो अपने आप ही डोगी स्टाइल मे आ गयी..
मे: देख तू किस तरह बैठी हैं..
उसने अपनी नज़रे पीछे घुमाई और समझ गयी कि डॉगी स्टाइल क्या होता हैं..
मे: समझी?? अब जब भी डॉगी स्टाइल कहूँ ऐसे बैठ जाना तू..
दीपिका: हाँ भैया… अब खाना खाते ना??
मे: मैने क्या कहा था तुझे?? तू क्या हैं मेरी??
दीपिका: रंडी..
मे: हां… तो मूह बंद रख और जितना कहता हूँ वैसा कर.. समझी..??!!
दीपिका: हाँ भैया..
अब उसकी गान्ड मेरे सामने थी.. मैने उसकी स्कर्ट को धीरे धीरे उठना स्टार्ट किया. उसने वाइट कलर की पैंटी पहनी थी.. मैने उसकी स्कर्ट को उसकी गान्ड पे रखा और अपने थंब से उसकी चूत को उपर से सहलाने लगा..
दीपिका: अया..उम्मह..
और फिर वैसा करते ही मैने उसकी स्कर्ट को खीच कर उसके जिस्म से अलग कर दिया… अब वो सिर्फ़ पैंटी और शर्ट मे थी… मैने उसे सीधा किया और घुटनों के बल बैठा दिया.. अब वो समझ गयी और खुद ही अपना शर्ट निकालने लगी.. अब सिर्फ़ चड्डी पहनी थी वाइट कलर की.. वो पैंटी उतारने लगी तो मैने उसे रोक दिया.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दीपिका: क्या हुआ?? नही निकालु…
मैने उसकी मासूम शक़्ल को देखा… और उसे बाहों मे जाकड़ लिया और फ्रेंच किस करने लगा..वो भी मेरी कॉपी करने लगी…
मे: मेरा लंड पकड़..
दीपिका: तुमने तो निकाला ही नही..कहाँ से पकडू…
मे: तो तू निकाल..
वो खड़ी हो गयी और अपने हाथो से मेरी जीन्स निकालने लगी और मेरी अंडरवर भी एक झटके मे निकाल दी.. और मेरा लंड स्प्रिंग जैसा उसके सामने आ गया.. उसे अब कोई शर्म नही आ रही थी अब.. जैसे ही मेरा लंड देखी उससे खेलने लगी..
मे: अभी मत कर कुछ.. रहने दे… डॉगीस्टाइल मे आजा.
वो फिर डॉगीस्टाइल मे बैठ गयी.. मैने उसकी चड्डी की ओर देखा..और उसकी चूत को मसल्ने लगा,गान्ड पे किस करने लगा..
मे: आज तेरी चूत ज़्यादा गीली नही लग रही…
दीपिका: क्यू??
मे: मैं चाहता हू कि तेरी चूत इतनी गीली हो जाए कि तेरी पैंटी पूरी तरह भीग जाए..
दीपिका: मगर कैसे भैया??? मैं मुतु क्या?
मे: नही. अपने आप ही गीली हो जाएगी..
इतना कहके मैने उसकी चड्डी निकाल दी और वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी.. मैने उसके निपल्स को पिंच किया तो कराह उठी..मेरे लंड से प्रेकम निकल रहा था…
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दीपिका: भैयाया दूध..
मे: हाँ पता हैं..तेरे लिए ही हैं.. बट अभी नही..
मैं अपनी रूम मे गया और एक टवल ले आया..
मे: अब तेरी चूत को गीला करेगे..
दीपिका: कैसे??
मे: खड़ी होज़ा.. बेड पे..
वो बेड पे खड़ी हो गयी.. मैं उसके पीछे आया और घुटनो पे बैठ गया.. अब मेरा लंड उसकी गान्ड को छू रहा था..
दीपिका: क्या कर रहे हो?
मे: तेरी गान्ड मे लंड घुसा रहा हू..
दीपिका: नही.. भैया….. दुख़्ता हैं.. प्लज़्ज़्ज़…
मे: अंदर नही घुसा रहा…चुप से खड़ी रह..
मैने उसकी गान्ड को मसलना स्टार्ट किया..
मे: लेग्स स्प्रेड कर..
उसने अपने लेग्स फैला दिए और मैने उसके पैरो के बीच ठीक चूत के नीचे अपना लंड घुसा दिया.
मे: लेग्स बंद कर..
दीपिका: लंड तो निकालो…
मैने उसकी गान्ड पे एक स्लॅप किया.
दीपिका: आअहह… सॉरी..समझ गयी…
उसने अपने लेग्स बंद किए.. अब मेरा लंड उसकी चूत के होंठो को टच कर रहा था और उसकी थाइस मे फसा था.. मैने टवल वेस्ट के अराउंड बाँध दिया… अब वो मुझसे बँधी थी, मेरा लंड उसकी चूत पे था.. उसने नीचे देखा और बोली..
दीपिका: क्या इसे चोदना कहते हैं?
मे: नही.. अभी लंड बाहर हैं..जब वो चूत के अंदर जाता हैं तो उसे चोदना कहते हैं.. खड़ी रह.मैं तुझे अब गोदी मे उठाउंगा.. तू जैसी खड़ी हैं वैसी ही रह..
मैने उसके अंडरआर्म्स के बीच हाथ डाला और उसे उठाया और किचिन की ओर जाने लगा.. जैसे जैसे मैं चलने लगा मेरा लंड उसकी चूत पे घिसने लगा..
दीपिका: आहा… भैया लंड अंदर जा रहा हैं..
मे: नही.. सिर्फ़ बाहर घिस रहा हैं… जैसे मैं हिलुगा तेरी चूत मेरे लंड पे घीसेगी…
हम ने खाना लिया और चेर पे बैठे.. मेरा लंड अब भी उसकी लेग्स मे था. हम खाना खाने लगे मगर दीपिका की साँसे तेज़ होने लगी..
मे: कैसा लग रहा हैं??
उसके निपल्स हार्ड थे और मेरे झान्ट तक गीले हो गये थे इतनी वो भीग गयी थी…
दीपिका: आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.भैया बहुत अच्छा लग रहा हैं. ह्म्माहम्म.
मे: तेरी चूत देख…
उसने अपनी चूत को टच किया और बोली-
दीपिका: भीग गयी हूँ मैं पूरी तरह से… और तुम्हारा लंड भी..
मे: हाँ.. और मेरा लंड तेरी चूत को प्यार करता हैं ना बहुत..
हम खाना खाने लगे और मैं बीच बीच मे उसकी चूत मे उंगली से उसका जूस चाटने लगा… वो मेरी गोद मे बैठी थी और लंड को देख रही थी..
दीपिका: ऐसा लग रहा हैं जैसे मेरा ही लंड हो..
मे: तेरा ही तो हैं.. जो चाहे कर..
खाना खाने के बाद फिर मेरा लंड उसकी चूत के लिप्स मे जाने लगा और वो आह उउह.. करने लगी.. मैने उससे कहा-
मे: जा, जाके पैंटी पहन ले… और दिखा कि कितनी गीली हुई हैं तो.. मैं आता हू..
वो बेडरूम मे गयी और अपनी पैंटी पहन ली…तब तक मैं किचन मे से कुछ सामान ले रहा था.. हनी आंड मिल्क. आज मैं उसकी चूत से दूध पीने वाला था. मैं बेडरूम मे गया तो वो बेड पे पैंटी पहन के बैठी थी..मैने उसकी ओर देखा और वो जिस तरह बैठी थी तो उसकी पैंटी पे कॅमेल्टा बन गया था.. मैने उससे नंगा होने को कहा. वो झट से नंगी हो गयी और मुझे पैंटी दिखाने लगी.. उसके क्रॉच मे वेट स्पॉट था. मेरे हाथ मे सामान देख कर वो पूछने लगी..
दीपिका – भैया ये क्या है.
मे: आज तुझे चुदाई दिखाउंगा मैं..
मैने पीसी मे से ब्लूफिल स्टार्ट करदी. हार्डकोर.. मैं बेड पे बैठा था और वो मेरी गोद मे. हम एक दूसरे से खेलने लगे. उसने बड़े ध्यान से मूवी देखी और बीच बीच मे लंड से भी खेलने लगी..
मे: ऐसी होती हैं चुदाई.. अब बोल चुदेगि मुझसे?
दीपिका: तुम जो कहोगे भैया..
इतना कहके मैने उसके मूह मे लंड घुसा दिया. वो चूसने लगी. मैने उसके हाथ मेरे बाल्स पे रखा तो वो खेलने लगी. बीएफ देख कर उसे ब्लोवजोब का आइडिया आ गया था थोड़ा थोड़ा.. वो मेरे लंड को चूसने लगी.. जीभ से चाटने लगी.. मेरा ऑर्गॅज़म नज़दीक आ रहा था..
मे: अया…… अया….. मेरा निकल रहा हैं.. एआहह…. आह…
वो लंड चूस्ती रही और मैने उसके मूह मे छोड़ दिया अपना कम.. मैं उसके बाल खीचने लगा और अपने लंड को धीरे धीरे घुसाने लगा..
मे: अया… दीपिका.. तू बहोत ही सेक्सी हैं… आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आ तेरी चूत को प्यार करता हूँ.. बेड प लेट पैर स्प्रेड करके..
वो लेट गयी. मैने उससे आखे बंद करने को कहा. उसके आखे बंद करने के बाद मैने हनी की बॉटल ली और धीरे धीरे उसके जिस्म पे डालता गया. उसने आखे खोली तो पूछने लगी.
दीपिका: क्या कर रहे हो? हनी क्यू डाला?
मे: तू स्वीट डिश हैं मेरी.. अब मैं तुझे खाउन्गा..
मैने उसके जिस्म पे पड़े हनी को लिक्क करना स्टार्ट किया… उसके निपल्स को चूस्ता रहा… बहोत ही स्वीट लग रहा था उसका जिस्म.. वो आ उउहह कर रही थी और बदन को लहराने लगी..
दीपिका: आअहह….ऊहह.. भीयाया…
मैं उसके निपल को पिंच करता कभी चूस्ता कभी निब्ब्ल करता.. वो बहोत गरम हो गयी थी.. मैं उसकी चूत को सहलाने लगा.. मैं रुक गया तो उसने आखे खोल दी.. मैने ग्लास मे जो दूध था उसका सीप लिया और उसे मूह मे रखा.. उसके लेग्स पकड़ के मैने अपने होठ बिल्कुल उसकी चूत से चिपका दिए और उसकी चूत मे पिचकारी छोड़ दी..
वो चिल्ला उठी.. मैने उसे पकड़ के रखा था.. फिर मैने उसके पैर पकड़ के उल्टा खड़ा किया. अब उसका सिर ज़मीन पर और चूत उपर थे. मैने उसकी आखो मे देखा और स्माइल करके उसकी चूत की ओर देखा.. मेरा थुका हुआ दूध उसकी चूत मे था.. मैने फिर से उसकी चूत को चूसना स्टार्ट किया बिल्कुल करीब से..
दीपिका: अया… भैयाय्ाआअ….. गुड़गुलिीईईईईईईईईईईईई…… हो रही… अया…. उऊःमहमह…. भाय्याअ.आ.आ.आ.. एयाया
मे: मज़ा आ रहा है…??
दीपिका: आआआअहह..
वो चीखने लगी और उसकी चूत से दूध का फाउंटन निकल पड़ा… उसकी साँसे बहोत तेज़ हो गयी थी और उसे बहोत इनटेन्स ऑर्गॅज़म हुआ था.. वो हाफने लगी और आखे बंद करके उसी पोज़िशन मे रही.. मैने उसे छोड़ा और वो मेरी तरफ देखने लगी…
दीपिका: भैया… मैं हमेशा तुम्हारी रंडी बनी रहूंगी बस मुझे चूस्ते रहना…
मगर मेरा लंड अब भी कड़क था,खड़ा था..मेरी आग अभी बुझी नही थी. मैं उसकी ओर देखन लगा और वो मेरे लंड को देख रही थी.. मेरे लंड से प्रेकम टपक रहा था.. वो समझ गई. वो अपनी पीठ के बल लेटी थी.. उसकी नंगी टाँगे स्प्रेड थी.. दूध अब भी उसकी चूत से टपक रहा था. मैने उसकी चूत को उंगली से टच किया और उसका जूस अपने लंड पे लगा दिया… उसकी चूत चमक रही थी.
मे: अब मेरे लंड का क्या???
दीपिका: लंड तुम्हारा हैं…खुद ही कुछ कर लो.. मैं क्या करू..?
वो अब इतनी सेडक्टिव लग रही थी.. मेरा लंड अब डार्क रेड होने लगा था..
मे: नाटक मत कर और चुप चाप कुछ कर इसका..
उसे मस्ती सूझने लगी और वो नखरे करने लगी..
दीपिका: मैं थक गयी हूँ अब और मेरी चूत भी दुख रही हैं…आज तुम ही कुछ कर लो…
मे: अच्छा??? मैं ही कुछ करूँ… ठीक हैं…
मैने उसकी टाँगे पकड़ी और उसे अपनी ओर खीचा… वो हँसने लगी..
मे: अब मैं ही कुछ करता हूँ अपने लंड के लिए…
मैने उसके हाथों को बेड पे दोनो साइड स्ट्रेच कर दिया.. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने लेटी थी.. मैं उसके उपर चढ़ गया और अपनी गान्ड उसके निपल्स पे टिका दी.. वो छटपटाने लगी और अपने आप को फ्री करने की कोशिश करने लगी.. मैने अपना वेट उसपे दे रखा था तो उठ नही पा रही थी वो… अब मेरा लंड उसकी नेक को टच कर रहा था..
दीपिका: भैया… क्या कर रहे हो??? छोड़ो मुझे… जाने दो…
मैने अपने राइट हॅंड से उसका लेफ्ट लेग उपर किया और साइड से उसकी गान्ड पे ज़ोर की स्लॅप मारी..
मे: साली, जब मैने कहा कि कुछ कर तो नाटक कर रही थी… तूने ही तो कहा था कि खुद ही कुछ कर लूँ.. अब कर तो रहा हू मैं जो चाहूं करूगा अब.. कसम से अगर तू 14-15 की होती ना तो अभी तो चोद डालता तुझे.
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दीपिका: अया… भैया… मारो मत.. मैं चूस्ति हूँ लंड तुम्हारा… उठो मेरे ऊपर से..
मे: मैं नही उठने वाला अब तो.. अब जैसा मैं चाहूं वो तू करेगी..
इतना कह के मैने साइड मे रखी हनी की बॉटल को हाथ मे लिया…
मे: हनी पसंद हैं ना तुझे??
दीपिका: हाँ…
मे: आज तू स्वीट लंड लेगी मेरा… हाथ आगे कर…
दीपिका: क्यू??
मैने इस बार उसका निपल पिंच किया…
दीपिका: आआआआआआहह…….. ससिईईईईईईईई.. हमम्म…
मे: जैसा कहा है वैसा कर… ठीक हैं??
दीपिका: हाँ भैया…
मे: हाथ सामने कर,इस बॉटल से हनी अपने हाथ पे डाल.. और मेरे लंड पे लगा..
मैने बॉटल उसके हाथो मे दी और वो हनी हाथ मे लेने लगी.. मैं थोड़ा और आगे हो गया..अब मेरा लंड उसके चेहरे पर था.. चीक्क बोन को टच कर रहा था.. वो मेरे लंड पे हनी लगाने लगी…
दीपिका: हो गया!! अब?
मे: मूह खोल.. अब मैं ये लंड तेरे मूह मे डालुगा इसी पोज़िशन मे और तू इसे चुसेगी..
मैं अपने घुटनो के बल आ गया और लंड उसके होंठो पे टिका दिया. उसने अपना गरम मूह खोला और मैने लंड उसके मूह मे अंदर तक घुसा दिया…
मे: आअहह…. अब ये लंड तभी तेरे मूह से निकलेगा जब मेरा दूध निकलेगा.. चूस.
वो अपना मूह आगे पीछे करने लगी और मैं अपनी कमर हिलाने लगा.. उसके सॉफ्ट लिप्स मेरे लंड पे टाइट लगे थे.. हनी की वजह से लंड आसानी से आगे पीछे हो रहा था…
मे: आअहह…ऐसे…. ऐसे…आह…. ले मूह मे.. साली रंडी मेरा चूस… आआहाहाकज़साआहहहा और ले….. आहा आह आह आह आह आह आह आह.
मैं ज़ोर ज़ोर से आगे पीछे होने लगा और अपने बॉल्स उसके चेरे पे पटाकने लगा..
मे: अच्छा लग रहा है ना मेरा लंड?? अगर हाँ तो अपनी एक उंगली अपनी चूत मे डाल.. मैं समझ जाउन्गा.. बोल मत.. मूह चालू रख..
उसने अपनी उंगली चूत पे लगा दी, मेरा स्वीट लंड वो बड़े प्यार से चूस रही रही थी..
मे: आह्ह्ह्ह्ह्ह.. आह आहम्म्म्म ममम आह आह दीपिका.. रुक मत… आह मैं छोड रहा हू..
मैं उसके मूह मे झड गया और थक कर उसकी साइड मे लेट गया.. मेरी साँसे तेज़ थी बहोत और उसके मूह से मेरा कम ड्रिप किया थोडा सा… मैने उसे उंगली से सॉफ किया और वही उंगली उसकी चूत पे घिसने लगा.. उसकी गीली गीली चूत… मैं घिसते रहा और उसे एक और ऑर्गॅज़म हुआ..
मे: दीपिका??
वो हाफने लगी…
दीपिका: क्या??
मे: चोदु तुझे अभी??
दीपिका: हाँ भैया..चोदो मुझे अभी…मैं तुम्हारी रंडी हूँ…
हम किस करने लगे..
मे: आज नही मगर मैं ही तुझे चोदुगा ये प्रॉमिस है मेरा,, तब तक ऐसे ही चलने दो.. और जिस दिन तुझे ठीक से जवानी आ गयी उस दिन मैं तेरी गान्ड मारूगा, तेरे निपल्स चूसूगा और तेरी चूत मे ये लंड डालुगा..
हम थक गये थे.. थोडा रेस्ट किया और फिर बाथ लिया. वहाँ भी एक बार ओरल सेक्स किया और फिर मैं उसे घर छोड़ आया.. इस बात को आज काफ़ी साल हो गये.. मैं पढ़ाई करने के लिए दूसरी सिटी मे चला गया. दीपिका को देखे काफ़ी साल बीत गये थे. ना मैने उसे देखा था ना बात की.
मगर फिर एक बार चान्स आया. मेरी बुआ के लड़के की शादी थी तो मुझे घर जाना था. ऑलमोस्ट 2-3 साल हो गये थे हमारे बीच जो कुछ हुआ उस सब को. मैं बहोत एग्ज़ाइटेड था क्योकि मैं जानता था कि इश्स बार अब दीपिका चुदेगि मुझसे. शादी भले ही किसी और की हो मगर सुहागरात तो मैं ही मनाउन्गा.
मैने अपना बॅग पॅक किया और उसी रात की गाड़ी से निकल गया. अगले दिन जब मैं वहाँ पहुँचा तो मेरी आखे सिर्फ़ दीपिका को ही देख रही थी. मगर उसका कोई अता पता नही था. फिर अब काफ़ी सालो बाद मिलने की वजह से सारे रिलेटिव्स भी दिमाग़ खाने लगे थे और मैं बेसब्री से दीपिका को ढूँढ रहा था.
शादी मे आई सभी लड़कियो को मैने देख लिया और एक तो दो बहोत ही हॉट आइटम थी. मगर मैं मेरी बेहन को ढूँढ रहा था. अब शादी के घर मे ना जाने कितने लोग होते हैं और काम तो हज़ारो. मैं काम मे बिजी हो गया और दीपिका अब भी नही दिखी थी.
इनफॅक्ट उसकी बेहन दिख गयी. सॉरीसिस हो गया था उससे. बड़ी ही अजीब दिख रही थी..मैने उससे दीपिका के बारे मे पूछा भी. बोली अब तो वो 10थ मे हैं. मगर बोली कि पता नही कहाँ गयी. मेरा सब्र टूट रहा था कि तभी पीछ से मुझे सुनाई दिया, “दीपिका, जाके लड़की वालो को लंच के लिए बुला ला!”
मैने तुरंत पीछे देखा और मेरी नज़र उस लड़की पे गयी जिसे मैने सुबह आते ही देखा था. दूध जैसे गोरी-चिट्टि,बार्बी डॉल जैसी क्यूट, लगभग 5-2′ लंबी, शोल्डर तक उसके बाल थे और सबसे अच्छी उसकी आखे. और मुझे याद आ गया कि मैने जिस लड़की को सुबह देख ते ही हॉट समझा था वो दीपिका ही थी. मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैं बहोत खुश हो गया. मैने उसकी ओर देखा और स्माइल करने लगा और वो भी जान गयी थी कि मैने उसे पह चान लिया हैं.
मे: वाउ…हाई दीपिका…मैने तो पहचाना ही नही तुझे.
दीपिका: हाँ,,जानती हूँ..सुबह ही मैं समझ गयी थी तुम अपनी बहना को भूल गये.
मे: नही दीपिका.. मैं तुझे ही ढूँढ रहा था.. इनफॅक्ट मैने सुबह तुझे देखा भी मगर मैं नही समझ पाया कि तू हैं. तू इतनी सुंदर हो गयी अब. बिल्कुल हॉट मॉडेल जैसी.
मैने उसे गौर से देखा. उसने ब्लू कलर का कुर्ता और रेड पाजामा पहना था. मैने उसके फिगर को करीब से देखा. उसके बूब्स इस एज मे ही ऑलमोस्ट 32 सी हो गये थे. उसकी कमर बिल्कुल नॅरो. जितना भी फॅट था सब चला गया था और जैसे कमर का सब फॅट उसके हिप्स मे आ गया हो.
इतने पर्फेक्ट और टाइट हिप्स दिख रहे थे उसके पाज़ामी मे से मैं सॉफ महसूस कर पा रह था उसकी गान्ड और उसके सी कप बूब्स बिल्कुल खड़े,सख़्त और रेडी टू बी सक्ड. इन शॉर्ट मैने उसको देख कर पक्का कर लिया कि आज तो सुहागरात मनाउन्गा ही इसके साथ.
दीपिका: ठीक हैं भैया.. मैं जाती हूँ मुझे काम हैं.
मे: अर्रे, कहाँ जा रही हैं. मैं इतनी बेसब्री से तुझे ढूँढ रहा था और तू हैं कि ना मुझसे गले मिली ना किस दी.
इतने मे मैने ही उसे कस्के हग किया और आजू बाजू कोई नही है देख कर उसकी गान्ड को फील किया. आज भी उतनी ही सॉफ्ट,स्मूद मगर बड़ी और टाइट थी उसकी गान्ड और आगे से उसके बूब्स मैने अपनी चेस्ट से दबाए थे. मैं धीरे धीरे उसके बॅक पे हाथ घुमाने लगा और उससे कहा-
मे: आइ रियली मिस्ड यू अलॉट!!
मेरा हाथ अपनी गान्ड पे महसूस करके वो पीछे हट गयी और अजीब सी नज़रो से मुझे देखने लगी.
दीपिका: भैया मुझे जाने दो… काम हैं.
इतना कह के वो चली गयी. मैं उसकी मटकती गान्ड को देखने लगा. सेक्सीयेस्ट गान्ड एवर. उसके हर कदम पे उसकी गान्ड हिलती थी. और बाउन्स होती थी. मगर उसने बड़े अजीब तरीके से मुझे देखा. मुझे लगा काम मे होगी और सबके सामने डर रही होगी सो मैने भी जाने दिया और अपने काम मे लग गया.
शाम की शादी थी. सब रेडी हो गये और बारात निकल चुकी थी. मैं जानता था कि इश्स वक़्त घर मे शायद ही कोई होगा. लड़की वाले भी बिजी थे. उनके लिए गेस्ट रूम मे अरेंज्मेंट लिया गया था जो घर से अलग था थोड़ा. मैं सुबह से काम करके थक चुका था तो थोड़ी देर रेस्ट के लिए मैं बेड पर लेट गया.
तभी मैने देखा कि दीपिका नहाने जा रही थी. मैं तुरंत उठ गया और उसे बाथरूम की ओर फॉलो करने लगा. उसके हाथ मे एक छोटा बॅग था जिसमे कॉसमेटिक्स और कंधे पे उसके कपड़े थे. मेरी नज़र उसकी ब्लॅक ब्रा पे गयी और मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया. जैसे ही हम बाथरूम की ओर पहुँचे मैने दीपिका को पीछे से कमर के सहारे उठा लिया..
दीपिका: अया….. छोड़ो… छोड़, मुझे… कौन हैं??? कुत्ते.. छोड़ मुझे…
अंधेरे मे उसने मेरी शक्ल नही देखी और डर के मारे चिल्लाने लगी. मैने उसे नीचे रखा और वॉल से सटा दिया और उसका मूह हाथ से बंद कर दिया..
मे: चिल्ला क्यू रही हैं?? मैं हूँ.
दीपिका: भैया, छोड़ो मुझे… जाना हैं..
मे: ऐसे नही.. एक किस तो देनी ही पड़ेगी. आख़िर कार हम 5-6 साल बाद मिले हैं…और तू इतनी सुंदर हो गयी हैं कि जी चाहता हैं कि अभी तुझसे प्यार करू.
दीपिका: नही भैया… जाने दो मैं चीखुगी… मैं यह सब नही करना चाहती… जाने दो भैया..प्ल्ज़…
मे: क्या हुआ तुझे?? लगता हैं तुझे याद दिलाना पड़ेगा तेरा प्रॉमिस?
इतना कह के मैने राइट हॅंड से उसकी बूब को दबाया तो वो छटपटा कर हट गयी..
दीपिका: मैने कहा ना कि मुझे जाने दो नही तो मम्मी को बता दुगी सब..
मुझे गुस्सा आने लगा.. मैने उसका हाथ पकड़ा और उसे दीवार से सटा दिया..
मे: चुप चाप रह और नाटक मत कर, क्या हुआ हैं तुझे?
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उसने मेरा हाथ झटका और एक ज़ोर दार तमाचा मेरी चेस्ट पे मारके चली गयी. मेरी कुछ समझ मे आता इससे पहले उसने बाथरूम लॉक कर ली थी.. मैने 1-2 बार नॉक किया खोल खोल… मगर वो बोली जाओ भैया यहाँ से… मैं बहुत गुस्से मे था.. मैं वहाँ से चला गया और रेडी होकर शादी मे पहुँच गया..
उस दिन ना मैं दीपिका के सामने गया ना वो मेरे सामने आई. अगले दिन हम अपने अपने घर जाने के लिए निकल पड़े. मैने अपना सामान पॅक करके कार मे रखा और तब मेरी नज़र दीपिका पे पड़ी. वो मेरी तरफ देख रही थी. मैने उसकी ओर गुस्से से देखा और अपना मूह फेर कर अपनी कार मे बैठ गया..
2-3 घंटे मे हम घर पहुँच गये. वो अपने घर चली गयी थी और मैं अपने घर.. उस दिन के बाद मैं ना उससे मिलने गया और ना ही वो मुझसे मिली. मेरी छुट्टियाँ ख़त्म होने को आई थी. मैने डिपार्चर की टिकेट कन्फर्म की और 2 दिन बाद की टिकेट मिली थी. मैं घर आ गया और अपने बेडरूम मे लेट गया. 10-15 मिनट किसी ने डोर नॉक किया और मुझे एहसास हुआ जैसे दीपिका हो. मैने डोर ओपन किया और मम्मी खड़ी थी..
मम्मी: क्या हुआ तुझे??? तबीयत ठीक नही है क्या तेरी?
मे: ठीक हू मैं… बस थोड़ी थकान हैं…
मम्मी: ठीक हैं. सोजा.. हाँ वैसे शाम को हम लोग आउट ऑफ स्टेशन जा रहे.. तेरे पापा का कुछ अफीशियल फंक्शन हैं और हमें इन्वाइट किया हैं..हो सके तो रात तक आ जाएगे या कल दोपहर तक. वही अरेंज्मेंट की हैं रहने की गवर्नमेंट ने.. तू चल रहा है ना??
मे: नही..तुम लोग जाओ.. मैं बोर हो जाता हूँ ऐसी जगहो पे..
मम्मी: बट अकेले क्या करेगा तू?? चल ना
मे: नोप.. और मेरे फरन्डस भी तो हैं.. यू गाइस गो!!
मम्मी: ठीक हैं… फिर रात का डिन्नर बनाकर जाउन्गी..
मे: अर्रे.. मैं देख लूँगा.. बनाओ मत.
मम्मी: ठीक हैं..
मैं फिर थोड़ी देर सो गया… शाम को उठा तो पेरेंट्स जाने वाले थे.. मम्मी ने कुछ इन्स्ट्रक्षन्स दिए जो मैने सुने ही नही. और मैं उन्हे सी ऑफ करके सो गया.. 20-25 मिनट बाद उठा और मैं नहाने जाने लगा. मैने अपने कपड़े लिए और बाथरूम की ओर जाने लगा इतने मे ही डोर बेल बजी.
अब मुझे नंगा रहना पसंद हैं तो जब भी अकेले होता हूँ न्यूड रहता हू. मैने तुरंत टवल रॅप किया और वेस्ट पहन ली. ज़्यादातर खिड़की मे से ही बात करता हू मैं अगर कोई डोर पे होता हैं तो… मैने साइड विंडो से देखा और सर्प्राइज़ हो गया…दीपिका थी. मैने अपना टवल ठीक किया और डोर ओपन किया. दीपिका सामने खड़ी थी.. मैं अब भी उस पर नाराज़ था. मैने उसे अंदर ना बुलाते हुए ही पूछा-
मे: क्या हुआ?? क्या काम हैं.. मम्मी नहीं हैं…
दीपिका: हम पता हैं.. मैं तो ऐसे ही आई हूँ.. बहोत दिनो से तुम नही मिले तो सोचा मैं ही मिल लूँ..
मे: मिलके क्या करना हैं.. तू क्या मेरी गर्लफ्रेंड हैं जो तुझसे मिलने आउ मैं???
दीपिका: अंदर आ जाउ मैं?
मैने दरवाज़ा पूरा ओपन किया और साइड मे हट गया.. वो घर मे चली गयी. मैने किचन मे से उसे पानी ला दिया और सीधा बेडरूम मे चला गया.. वो हॉल मे बैठी थी मुझे जाता देख कर उसने अपनी आखे नीचे झुका ली. मैं अपने रूम मे आ गया और अपने कपड़े कलेक्ट करने लगा नहाने जाने के लिए. वो मेरे रूम मे आई और देखने लगी..
दीपिका: क्या कर रहे हो भैया??
मे: अंडे दे रहा हूँ…दिखता नही क्या कि नहाने जा रहा हूँ तो कपड़े ले रहा हूँ.. और तुझे क्या लेना देना कि मैं क्या कर रहा हूँ,क्या चाहता हूँ?? तू तेरा काम कर..नही तो घर जा.
दीपिका: ऐसा क्यू बोल रहे हो भैया??
मे: मेरी जो मर्ज़ी मैं कहूँ या करू…!!
और वो अचानक रोने लगी.. पहले मुझे लगा कि नाटक कर रही हैं. मैने उसकी ओर ध्यान नही दिया और बाथरूम की ओर जाने लगा. वो अचानक मेरे सामने आ गयी और मुझे हग करके रोने लगी.. मैने देखा तो सीरियस्ली रो रही थी..
दीपिका: भैया.. मुझे पता हैं कि तुम मुझ पर गुस्सा हो उस रात के लिए…
मे: किस रात के लिए?
दीपिका: उस दिन जब तुम किस करना चाहते थे और मैने तुम्हे मारा… आइ आम सॉरी भैया, माफ़ करदो.. मैं डर गयी थी उस वक़्त और मुझे लगा कि हमारा वो सब करना ग़लत हैं. मैं बहोत डर गयी थी उस वक़्त तो मेरा हाथ उठ गया. मुझे ऐसा नही करना चाहिए था..तुम मेरे बड़े भाई हो..तुम जो कहोगे मैं करूगी बॅस मुझसे नाराज़ मत रहो भैया.. प्ल्ज़.. आइ आम सो सॉरी…
वो बहोत रो रही थी.. मेरा दिल पिघलने लगा.. मैने उसे अपने से अलग किया तो उसे लगा कि मैं वहाँ से जाना चाहता हू.. वो मुझे रोकने के लिए मेरे कदमो मे बैठ गयी और मुझे रोकने लगी रोते हुआ..
दीपिका: आइ आम सॉरी भैया.. मत जाओ.. गुस्सा मत करो भैया… प्ल्ज़…मैं कभी ऐसा नही करूँगी… अब तुम जो चाहो वो मैं करूगी. प्ल्ज़ भैया…
मेरा दिल पिघलने लगा था और वो मेरे घुटनो को पकड़ कर रो रही थी. उस वजह से मेरा टवल काफ़ी लूज हो गया जो मेरे ख़याल मे नही आया. मैने उसको देखा और उसे उसके कंधो से उठा कर उपर उठाया और कस्के गले लगा लिया. वो बहोत रो रही थी..बार बार सॉरी कह रही थी.
मे: अर्रे बॅस बॅस अनु… इतना ड्रामा कहाँ से सीखा तूने?? बस हुआ.. मैं नाराज़ नही हू तुझसे..
दीपिका: मुझसे नाराज़ मत होना नही तो मैं मर जाउन्गी भैया.. तुम जो कहोगे मैं करूगी.. तुम मुझे किस करो, नंगा करो.. जो करना हैं करो मगर कभी नाराज़ मत होना… मैं तुमसे बहोत प्यार करती हूँ भैया…
उसके आसू मेरे चेस्ट को भिगो रहे थे.. मैने उसका चेहरा उपर किया.. उसकी सुंदर आखे लाल हो गयी थी. मैने उसकी ओर देखा और कहा-
मे: ग़लती मेरी हैं दीपिका.. आइ आम सॉरी.. मैने तुझसे ज़बरदस्ती नही करनी चाहिए थी.. अगर तू नही चाहती तो मैं कभी तुझे टच भी नही करूँगा..
दीपिका: नही भैया… मैं चाहती हूँ…बॅस उस दिन डर गयी थी मैं.. आइ लव यू भैया… मैं तुम्हे हर तरीके से प्यार करना चाहती हू… बट प्रॉमिस कभी मुझसे नाराज़ मत होना..
मे: आइ प्रॉमिस.. आइ लव यू दीपू. और तुझे डरने की क्या ज़रूरत हैं पगली? मैं तुझे कभी तक़लीफ़ नही पहुन्चाउन्गा. आइ प्रॉमिस.
दीपिका: मैं जानती हू कि तुम कभी मुझे हर्ट नही करोगे. तुम भाई हो मेरे आंड आइ लव यू..
मैने उसे अपनी बाहों मे जाकड़ लिया.. 2-3 मिनट बाद उसका रोना बंद हुआ. वो मुझसे बिल्कुल चिपक के खड़ी थी.. मैं उसके बाल सहला रहा था और उसके माथे को किस कर रहा था और जैसे ही वो मुझसे अलग हुई उसकी जीन्स की बेल्ट का लूज पार्ट मेरे टवल मे फस गया और मेरा लूज टवल नीचे आ गया.
अब मैं वेस्ट डाउन बिल्कुल नंगा था और उपर वेस्ट थी. वो अपने आसू पोछने लगी थी. उसे चोदने का ख़याल मेरे दिमाग़ से निकल गया था और जैसे ही टवल निकला मैं डर के मारे उससे फिर से लिपट गया ताकि उसे पता ना चले..
अब उसकी थाइस मेरे लंड से ब्रश कर रही थी और पहली बार मुझे मेरे लंड पे गुस्सा आया कि आख़िर क्यू ये खड़ा हो रहा हैं धीरे धीरे… दीपिका ने अपनी आखे बंद रखी थी और मेरी बाहो मे थी.. मगर उसे कुछ चुभने लगा उसकी थाइस मे.. उसने नीचे देखने के लिए अपनी गर्दन नीचे की तो मैने उसे रोक दिया..
मे: नही.. अनु.. नीचे मत देख प्लीज़..
दीपिका: क्यू भैया क्या हुआ??
मे: आइ आम सॉरी अन्नू बट मेरा टवल निकल गया तो तेरी थाइस के टच से मेरा लंड खड़ा हो गया..
दीपिका: हीही…. तो देखने दो ना…
मे: नही..रहने दे अन्नू.. मैं नही चाहता कि ऐसा कुछ करें जो तू नही चाहती…
दीपिका: भैया, आइ लव यू और मैं ये चाहती हू… और वैसे भी शायद तुम्हे याद नही बट तुमने कहा था कि ये लंड मेरा हैं और मैं जब चाहूं इसे प्यार कर सकती हू..मैं अब प्यार करना चाहती हू भैया… मैं तुमसे बहोत प्यार करना चाहती हूँ..
मे: ओह्ह.. आइ लव यू दीपिका..
इतना कहके मैने उसे फिर से हग किया और उसे किस करने लगा… हम पॅशनेट्ली किस कर रहे थे.. फ्रेंच किस.. मेरे हाथ उसके जिस्म पे घूम रहे थे..महसूस कर रहा था मैं उसके जिस्म को. और वो अपनी उंगली धीरे धीरे मेरी चेस्ट, बेल्ली आंड देन मेरे लंड पे घुमाने लगी… उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दीपिका: उहम्म…बड़ा हो गया ये तो और…
मे: तेरे भी तो बड़े हो गये हैं ना..
दीपिका: तुम्हारे लिए ही बड़े हुए हैं ये भैया… ताकि तुम इनसे खेल सको.. मेरा जिस्म तुम्हारा हैं भैया.. मैं रांड़ हूँ तुम्हारी..
उसकी बातो से मेरा लंड पत्थर सा हो गया.. मैं कंट्रोल खो चुका था अब और उसे हर जगह किस कर रहा था..उसके पिंक लिप्स,गोरे गोरे हाथ, नेक, कान… मैने उसे उठाया और उसने मेरी कमर के अराउंड अपने लेग्स क्रॉस कर लिए.. उसने जो कुर्ता पहना था मैने वो एक झटके मे ही निकाल दिया..
और हम धीरे धीरे बाथरूम की ओर जाने लगे थे.. उसके गोरे जिस्म पे उसकी ऑफ वाइट कलर की ब्रा सूट कर रही थी मगर मुझे उस वक़्त पसंद नही आई तो मैं उसके ब्रा का एक एक हुक खोलने लगा, उसके ब्रेस्ट्स को उपर से ही किस करने लगा मैं..
उसके ब्रेस्ट अब बिल्कुल सख़्त थे, बिल्कुल वाइट… फाइनली उसकी ब्रा मैने निकाल दी और आज तक याद हैं मुझे वो दुनिया के सबसे पर्फेक्ट ब्रेस्ट्स थे.. वाइट विद लाइट ब्राउन निपल्स जो बिल्कुल सख़्त हो गये थे… मैं उसके बूब्स को चूसने लगा.. उसके निपल्स को टीथ से निब्ब्ल करने लगा.. ..
दीपिका: अया…अया….आअहह.उम्म..
अचानक मेरी नज़र उसके अंडरआर्म्स पे गयी… मिल्की वाइट उसके आर्म्पाइट्स और उसमे ब्राउनिश हेअर्… मैं उसके आर्म्पाइट्स को किस करने लगा और स्निफ किया.. बहोत ही एरॉटिक और मस्की स्मेल आ रही थी उसमे से.. मैं उसे हर जगह चूस रहा था… उसने भी मेरी वेस्ट निकाल दी थी.. अब मैं पूरी तरह नंगा था… मेरा लंड झूल रहा था उसकी गांद के नीचे और वो मेरे निपल्स को चूस रही थी… मैं हेवेन मे था.. हम फाइनली बाथरूम मे पहुँचे….
उसकी जीन्स अब भी ऑन थी.. मैने उसका बेल्ट लूज किया और वो ज़मीन पे खड़ी हो गयी और अपनी जीन्स उतारने लगी.. उसके मिल्की वाइट,टोंड थाइस.. एक भी बाल नही था उसके लेग्स पे.. बिलकूल स्मूद न सॉफ्ट स्किन.. मैं उसके टो नेल से उपर उसके जिस्म को चूमता जा रहा था.. उसकी थाइस को बाइट भी किया मैने… वो आह उहह.. कर रही थी.. मैं खड़ा हो गया तो वो समझ गयी और तुरंत नीचे घुटनो के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी…
मे: आअहह..अन्न्न्नुऊऊ…..अओउऊँ…हह
इतने सालों बाद उसके सुंदर हॉट लिप्स ने मेरा लंड चूसा, वो मेरा लंड चूस्ति रही.. मैने उसे रोका, मैं झड़ना नही चाहता था.. अपने आप को ठंडा करने के लिए मैने शवर स्टार्ट किया, अब ठंडा पानी हमारे जिस्मो पे गिरने लगा.. उसकी क्रीम कलर की पैंटी पूरी तरह ट्रांसपेरेंट हो गयी थी और उसके झान्ट क्लियर्ली दिख रहे थे मुझे.
दीपिका: भैया..!!
मे: हाँ अन्नू
दीपिका: अब मुझे भी झान्ट आ गये हैं… आज चोदोगे ना मुझे?
मे: हाँ अन्नू.. आज और हमेशा चोदुन्गा तुझे..
हम फिर किस करने लगे और मैने फिर उसे उठा लिया और उसकी पैंटी निकालने लगा.. जैसे ही उसकी पैंटी उसके जिस्म से अलग हुई उसकी खूबसूरत चूत मेरे सामने आ गयी.. पिंक कलर की उसके लिप्स और उनपे गोल्डन ब्राउन कलर के झान्ट… वो खड़ी थी… मैं घुटनो के बल बैठ गया और उसकी चूत को देखने लगा.. प्योर् ब्यूटी!!
मे: हाई जान…!! काफ़ी टाइम बाद मिले हैं आज हम..
दीपिका हँसने लगी.. वो मेरी तरफ देख रही थी.. उसके होंठो पे मुस्कान थी और आखो मे एक चमक थी जो सिर्फ़ प्यार मे होने वाले इंसान मे ही होती हैं.. मैं समझ गया कि ये मुझसे कितना प्यार करती हैं और मैं भी अपनी सिस्टर को प्यार करता था. मैं उसकी चूत को निहार रहा था…
फाइनली मैने अपनी उंगली से उसकी चूत के लिप्स स्प्रेड किए और अपनी जीभ उसकी चूत से टिका दिए… मैं अब उसकी क्लिट को चूसने लगा. वो अपनी गान्ड धीमे धीमे हिला रही थी.. मेरे बालों मे से उंगली घुमा रही थी.. मैं एक हाथ से उसके बूब्स मसल्ने लगा और साथ ही साथ उसकी चूत चूसने लगा..
दीपिका: आआहाआहा आ आ आ…….. उउम्म्म्मममममम…….. भा….ईईइ….. याअ.आआआआआआ.. एयेए ह आहहह….
दीपिका को इनटेन्स ऑर्गॅज़म हुआ.. वो चीखने लगी.. अपनी गान्ड ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी.. उसके लेग्स अब शेक करने लगे थे और उसे खड़े रहने मे मुश्किल हो रही थी और वो नीचे बैठ गयी, मैने उसे सहारा दिया और किस करने लगा..
मे: कैसा लगा अन्नू???
दीपिका: लव यू भैया!!
उसकी इस बात से मुझे उस पे प्यार आ गया और हम ने किस किया. वो मेरे लंड को सहलाने लगी थी…हम दोनो बाथ टब से सट के बैठे थे..
दीपिका: भैया..बाथ टब मे लेट जाओ…
मे: क्यू?
दीपिका: प्लीज़…
मैं लेट गया.. वो किसी तरह खड़ी हुई मेरा हाथ पकड़ कर और वो भी बाथ टब मे आ गयी.. अब मैं लेटा था मेरा लंड राक हार्ड और वो मेरे उपर खड़ी थी… मैं समझ गया कि वो क्या करने जा रही हैं…
मे: अन्नू.. ऐसे मत कर..इस तरह से तुझे बहोत दर्द होगा..
दीपिका: नही होगा.. मैं जानती हूँ तुम होने नही दोगे भैया…
मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और वो मेरे लंड के बिल्कुल आगे बैठ गयी… मैने उसे कमर से पकड़ कर उठाया और अपने लंड को उसकी चूत के लिप्स पे ले गया..
मे: देख अन्नू.. थोड़ा दर्द तो होगा ही और ब्लीडिंग भी हो सकता है..
दीपिका: होने दो… आज ही सही.. मैं सिर्फ़ तुम्हारे साथ ही ये करना चाहती हूँ…
मे: लव यू अनु.. एक बार मेरा लंड चूस ताकि वो बिल्कुल स्लीपरी हो जाए और आसानी से घुसे…
दीपिका: जाएगा भैया… मेरी चूत ऑलरेडी बहोत गीली हैं… बस तुम डालो..
मैने अपने लंड को उसकी चूत मे डालना स्टार्ट किया और एक हाथ से उसकी कमर पकड़के उसे धीरे धीरे अपने लंड पे बैठाने लगा… और दूसरे हाथ से उसके हाथ थामे था.. उसकी चूत वाकई मे बहोत गीली थी और एक्सट्रीम्ली टाइट… बड़ी मुश्किल हो रही थी… जा नही रहा था और उसे दर्द भी हो रहा था काफ़ी.. अचानक वो रुक गयी.. उसने मेरी आखो मे देखा और झटके से मेरे लंड पे बैठ गयी… 4′ तक लंड अंदर चला गया.
दीपिका: आआआहह….. इसिसस्स्सीइसस्स्स्स्सस्स… आअहह.. भैयाअ.आआ… आआ आअहह आ आहाआहहह.
उसकी चूत से ब्लीडिंग होने लगी.. उसने मेरे हाथो को जाकड़ लिया था और आखे बंद कर ली थी.. उसकी आखो से आसू आने लगे और उसे दर्द होने लगा…
मे: सॉरी… अन्नू..
दीपिका: नही भैया… थॅंक यू…
हम 5 मिनट उसी पोज़िशन मे थे ताकि उसकी चूत मेरे लंड को अड्जस्ट कर ले..उसका ब्लड मेरी थाइस पे था.. मैने उसकी कमर पकड़ी और धीरे धीरे झटके मारने लगा.. वो भी अब मेरा साथ देने लगी थी और उपर नीचे हो रही थी.. हर मूव के साथ उसके बूब्स उछल रहे थे… अब वो सम्भल गयी थी और आक्चुयल चुदाई कर रही थी.. मैं कभी उसके निपल्स पिंच करता कभी किस करता…
मे: आआहाआह आह आ आ आ अया आह.. उूमुम्म… ज़ोर से.. स्पीड स्पीीईद्द्ड..
दीपिका: आअहह.. आअहह…. उम्म्म्ममममममममममममम.. मेरा निकल रहा हैं..
और इतना कहके मैने उसकी चूत मे अपना वीर्य छोड़ा और म्यूचुयल ऑर्गॅज़म हुआ और उसका पिशाब भी छूट गया… हम दोनो हाफने लगे… हमारे जिस्म बिल्कुल स्वीटी हो गये थे. वो कुछ वक़्त ऐसे ही बैठी रही और जब मेरा लंड पूरा सॉफ्ट हो गया तो मेरे उपर गिर गयी.. उसके बूब्स मेरी चेस्ट मे दब रहे थे… मैने उसके चेहरे पर से बॉल हटाए और उसे किस किया…
मे: मैं तुझे हमेशा प्यार करूगा अन्नू… आइ रियली लव यू…
दीपिका: लव यू तो भैया…
और हम किस करने लगे… मैने हाथ बढ़ा कर उसकी गान्ड मसलना स्टार्ट किया मगर मैं जानता था कि वो थक गयी हैं तो सिर्फ़ शवर स्टार्ट करके हम दोनो वहाँ लेटे रहे.. मैने उसकी चूत को सॉफ किया. हम काफ़ी देर तक एक दूसरे के साथ टब मे लेटे रहे और पानी हमारे जिस्म से बह रहा था.. मैं नीचे था और वो मेरे उपर लेटी थी.
उसकी गान्ड मेरे लंड पे थी सो बिल्कुल सख़्त हो गया था अब तक. मैं उसके बालों को किस कर रहा था. हमारे हाथ एक दूसरे के हाथो मे जकड़े थे और बाहें एक दूसरे से लिपटी थी. हम वैसे ही लेटे थे. अब तक दीपिका की चूत काफ़ी ठीक हो गयी थी और उसमे उतनी ताक़त भी आ गयी थी. उसकी नज़र मेरे लंड पे गयी.
दीपिका: क्या भैया?? ये कभी सॉफ्ट होता है भी या नही.
मे: जब तक हम साथ रहेगे यह सॉफ्ट नही होगा..तुझे खुद ही इसका कुछ करना होगा.
दीपिका टर्न्ड अराउंड और वो मेरी आखो मे देखने लगी. वो मेरी आखो मे देखने लगी और धीरे धीरे नीचे सरकने लगी. आख़िर वो मेरे लंड तक पहुँच ही गयी और उसने अपनी जीभ निकाल के मेरे लंड का बेस लिक्क करना स्टार्ट किया और उपर तक लिक्क करती रही..
उसकी आखें अब भी मेरी आखो मे झाँक रही थी. हमारे नज़रें तब ही अलग होती जब मुझे इनटेन्स प्लेषर होता,, मतलब ऑल दा टाइम, आख़िर उसने मेरे लंड को अपने मूह मे लिया और उसे बेतहाशा चूसने लगी. कभी मेरे बाल्स को भी किस करती और अपनी उंगलिया मेरे निपल्स पे गोल गोल घुमाने लगी. मेरी गान्ड अपने आप ही हिलने लगी और वो समझ गयी कि मुझे ऑर्गॅज़म होने ही वाला हैं…
मे: आअहह…..अनन्नु…. उ..उ…… डोंट स्टॉप.आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह आ आ….
मेरे बाल्स मे प्रेशर बिल्ड होने लगा था और जैसे ही मुझे लगा कि अब मेरा निकल जाएगा तभी उसने मेरा लंड मूह मे से निकाल लिया और मेरे लंड को छोड़ दिया..
दीपिका: इतनी आसानी से नही भैया… अभी तो शुरुआत हैं…तुम्हे मेरे लिए भी कुछ करना होगा.. तभी तुम्हे राहत मिलेगी…
मे: हाँ..कर दूँगा.. मगर मेरे लंड का तो कुछ कर पहले…
दीपिका: उम्म्म हहा…. नही.. लॅडीस फर्स्ट नही पता क्या??
इतना कह के ही उसने फिर मेरे लंड को मूह मे ले लिया और 2 बार चूस्के ही निकाल लिया.. वो मुझे तडपा रही थी और मैं बेताब था.
दीपिका: सोच लो.!!
उसकी आखों मे शरारत और शैतानियत दोनो थे. मैं समझ गया कि या तो मैं जैसा यह कहती हैं वैसा करूँ या फिर मस्टरबेट कर लूँ.. मैने दीपिका की बात मानना ठीक समझा..
मे: ठीक हैं…क्या चाहती हैं तू मुझसे??
वो कुछ नही बोली…वो बाथ टब की रिम पे बैठ गयी और सिर्फ़ नज़रे नीचे झुकाकर अपनी झान्ट की ओर इशारा किया. मैं समझ गया कि ये अपनी चूत लिक्क करना चाहती हैं.. मैने उसे अपनी ओर खीचा और टब की रिम पर बैठे बैठे ही उसके लेग्स स्प्रेड किए. जैसे ही मैं उसकी चूत को मेरी जीब से लिक्क करने ही वाला था उसने मुझे फिर रोक दिया..
दीपिका: क्या कर रहे हो..??
मे: दुनिया की सबसे सुंदर चूत को चूसने जा रहा हूँ.. यही चाहती हैं ना तू?? तो लेग्स स्प्रेड कर और मज़ा ले…
दीपिका: नही… ये नही… मैं इन बालो को हटाना चाहती हू..
मे: अन्नू,,तू चाहती हैं कि मैं तेरी झान्ट शेव करू?
दीपिका: शीर्फ चूत के उपर ही नही.. मैं चाहती हू कि तुम यहाँ से लेकर वहाँ तक के सारे बाल शेव करो…
उसने अपनी उंगली से अपनी कमर से लेकर तो गान्ड के होल तक इशारा किया… मैं खूश हो गया… मैने उसे अपनी बाहो मे उठाया और किस किया..
मे: वेट हियर….
मैं टब से निकला और मोम की शेविंग किट लेकर आया. तब तक वो टब मे लेट गयी थी और उसने अपने लेग्स टब के वॉल पे रखे थे.. उसके लेग्स पूरी तरह स्प्रेड थे और. मैने उसकी ओर देखा.. उसकी साँसे तेज़ थी. उसके ब्रेस्ट्स उपर नीचे हो रहे थे हर साँस के साथ.
उसके ब्राउन निपल्स जो सख़्त हो चुके थे और उसकी चूत चमक रही थी. इनफॅक्ट ड्रिप कर रही थी.. उसकी चूत मे से जूस उसके थाइस पर आ गया था और उसकी चूत मे से एक मस्की स्मेल आ रही थी और मुझे मेरे लंड को उसकी चूत मे घुसाने से रोकने मे बहोत ज़्यादा मुश्किल हो रही थी.
क्योकि उसका दूध सा गोरा जिस्म, उसके एक बड़े ऑरेंज जितने बड़े उसके बूब्स, उसकी आर्म्पाइट्स मे बाल जो भीगे थे,उसका भीगा जिस्म चमक रहा था और उसने अपने पैर इस तरह स्प्रेड कर रखे थे कि उसका लेबिया भी दिख रहा था और क्लिट भी.
मैं टब मे उतरा और उसके लेग्स के बीच बैठ गया. उसने अपने लेग्स नीचे लिए और मेरे दोनो तरफ रख दिए. मैने उसकी चूत को उंगली से सहलाया तो उसकी सिसकिया निकलने लगी. वो हेवी ब्रीथ कर रही थी और मेरी उंगली को देख रही थी. मैं उसकी चूत को छेड़ रहा था.
दीपिका: हरी अप प्लज़्ज़्ज़….
मैने हॅंडशवर से उसकी चूत पे गरम पानी डाला..
दीपिका: इसस्सस्स..स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह…आअहह…उँमू.हफफफ्फ़……
गरम पानी उसकी चूत मे से उसकी गान्ड से टपकने लगा. मैने शेविंग क्रीम ली और अपने हाथ से उसके पेल्विस पे लगाने लगा. मेरी उंगलिया उसकी चूत पे साँप जैसी घूम रही थी. बॅस छूकर निकल जाती. उसने अपनी आखे बंद कर रखी थी और वो धीरे धीरे अपने हिप्स को मूव कर रही थी.
मैने उसके पेल्विस से लेकर तो उसके आस होल तक क्रीम लगाया और फिर धीरे धीरे उसकी चूत के हर झान्ट को मैं शेव करने लगा. बड़े ही ध्यान से मैं शेव कर रहा था और जहाँ से रेज़र पास होता वो जगह बिल्कुल सिल्की स्मूद हो जाती..
मैने उसके लेबिया को स्प्रेड किया और उसके साइड मे शेव करने लगा.. अचानक मुझे महसूस हुआ कि अन्नू की गान्ड बहोत ज़्यादा हिल रही हैं.. मैं समझ गया कि उसे ऑर्गॅज़म होने वाला हैं. मैं जानभुजकर उसकी चूत के आस पास हल्के से रेज़र घुमाने लगा.. अब उसकी गान्ड ज़ोर से हिल रही थी और अचनाक.
दीपिका -आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.. भ….आआ…..ईई……. य्ाआआआआआआआआआ….. आहा हाः आ आ आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह……
1 मिनट बाद उसने अपनी आखे खोली और उसकी साँसे अब भी तेज़ चल रही थी और उसके लेग्स मेरी वेस्ट को जकड़े हुए थे..
मे: अभी और भी बाकी हैं..शेव करू याअ???
दीपिका: करो….
मे: डॉगीस्टाइल मे आजा..
दीपिका: पहले शेव तो कर लो…
मे: उसी के लिए कह रहा हू मैं. तेरी गान्ड के आस पास भी झान्ट शेव करने हैं
वो तुरंत डॉगीस्टाइल मे आ गयी. अब उसकी गान्ड बिल्कुल मेरे सामने थी. पर्फेक्ट हार्ट शेप की उसकी गान्ड और उसके बीचो बीच उसकी सुंदर चूत दबी थी. मैने उसकी गान्ड को किस किया और मसलना स्टार्ट किया. अपने हाथ से उसकी गान्ड को मैने स्प्रेड किया और फिर उसकी चूत के नीचे के झाट शेव करने लगा. उसी दौरान मैने उसकी गान्ड मे उंगली डाली तो
दीपिका: ऊऊउककचह…. भैया अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह… नही..
मे: देख.. तेरी चूत अब बिल्कुल स्मूद न सॉफ्ट हो गयी हैं…
उसने अपने हाथ से चेक की..
दीपिका: वाउ.!!
मे: अब मेरी बारी..
मैने उसकी गान्ड के सहारे घुटनो के बल खड़ा हुआ और उसकी चूत मे से उसका जूस अपने हाथो से निकाला और अपने लंड पे लगाया ताकि स्मूद हो जाए..
मे: आज ये लंड तेरी गान्ड मे जाएगा..
इतना कह कर ही मैने लंड को उसकी गान्ड पे टिका दिया और धीरे धीरे धक्के मारने लगा…
दीपिका: आअहह.अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उउफ़फ्फ़ उफ़फ्फ़ अफ..धीरीए… ईयीई… आअहह आअहररगघ्गग..
मेरे हर धक्के मे लंड उसकी गान्ड मे घुसता जाता. हर झटके से उसकी आवाज़े बढ़ती जा रही थी. उसके बूब्स नीचे झूल रहे थे और मैं उन्हे मसल रहा था. मैने स्पीड बढ़ा दी…
दीपिका: आहहाआह आ आहाहाहाहाहाहाआह… अओर….ज़्ज़ूर्रर… स्सी…..एयेए.. हह..उउफफफ्फ़…डाअल… अया..रांडी हू मैं तेरी… अया..डाल्लो…आआहा आहा
मैने उसकी गान्ड चोदता रहा और आख़िर……
मे: आआआआआआहह…….. अया…तेरी गान्ड बहोत टाइट हाईईईईन्न्न…. तेरी गान्ड मे हो छोड़ रहा हू…
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मैने उसकी गान्ड मे अपना कम छोड़ दिया और उसे भी ऑर्गॅज़म हुआ.. उससे नही सहा गया तो वो चीख पड़ी और टब मे गिर गयी. मैं उसकी गान्ड के उपर गिर गया… अब भी लंड उसकी गान्ड मे ही था.. हम दोनो बहोत ज़्यादा थक गये थे.. दीपिका की आखो मे आँसू आ गये थे मगर होंठो पर स्माइल भी थी..
वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर लेटा था. उसमे ताक़त नही थी कि वो उठ पाए तो मैने उसे कमर से पकड़ कर उठाया और वॉल से सटा कर खड़ा हो गया और शवर स्टार्ट कर दिया.. हम अब भी हाफ़ रहे थे.. किसी तरह हमने शवर लिया और बेड पर गिर गये… 10-15 मिनट बाद जब जान मे जान आई तो वो बोली.
दीपिका: भैया, एक बात कहूँ?
मे: हाँ बोल…
दीपिका: तुम मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बनाओगे..
मैने हँस कर उसे बाहो मे भर लिया और हम सो गये. फिर वो घर चली गयी और सुबह 8 बजे आ गयी. मेरे पेरेंट्स तब भी नही आए थे सो वी हॅड फ्यूरियस सेक्स ट्वाइस. उस दिन मैं अपने सिटी जाने के लिए निकल गया. मेरे साथ वो यादे थी जो मैने अपनी बेहन अन्नू के साथ बिताई थी. पहले मैं सिर्फ़ उसके जिस्म से प्यार करता था मगर अब मैं सच मूच उससे प्यार करने लगा हूँ!!