Topless Sister Sex
यह उन दिनों की बात है जब मैं बारहवी क्लास में पढता था, मैं मेरी बुआ के यहाँ रहता था क्योकि उनका घर शहर से नजदीक भी था और २ मंजिला था. मेरी बुआ की दो लड़कियां थी, दोनों ही बड़ी सेक्सी थी. अनामिका जो मुझसे २ साल बड़ी थी वह कॉलेज में थी और दूसरी नित्या वह दसवीं क्लास में थी, हम दोनों एक ही स्कूल में थे. Topless Sister Sex
हर रोज साथ में आना-जाना, खेलना, पढाई में उसकी मदद करना, यह सब मिला के हम दोनों में अच्छी पटती थी, नित्या को कभी भी बुरी नजरो से नहीं देखा, नित्या मेरी बहुत इज्ज़त करती थी और मैं हमेसा उसको खुश रखता था, वो जो मांगती वो मैं उसे ला देता था तो खुशी से मेरे गले लग जाती या मुझे चूम लेती थी।
एक दिन उसने मुझे कहा भइया आप मुझे मेरी बर्थडे पर क्या गिफ्ट दोंगे? मैंने कहा तुझे जो भी चाहिए, हर साल की तरह इस साल भी ला दूंगा. तो उसने कहा इस बार आप मुझे आप की पसंद की गिफ्ट देना, मैंने कहा ठीक है जैसी तेरी मर्जी।
अगले दिन जब स्कूल जाने का टाइम हो गया था लेकिन नित्या दिख नहीं रही थी, तो मैंने उसे आवाज़ लगाई लेकिन कोई जवाब न मिला तो मैं उसे देखने के लिए उसके कमरे मैं गया, दरवाजा अन्दर से खुला ही था और मैंने नोक भी नहीं किया, सीधा अन्दर ही चला गया.
लेकिन जो दृश्य मैंने देखा….मेरी साँस रुक गई. नित्या एकदम बे ख़बर सी बेड के उपर बैठ के उसकी ब्रा का हुक ठीक करने में मशगूल थी, उसके तन का उपरी हिस्सा बिल्कुल नंगा था, हाय का नजारा था, उसके इस रूप को देखा तो मेरे अन्दर का जानवर जग उठा.
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क्या मस्त बूब्स थे…जैसे मोसंबी को काट के लगा दिए हो, मुंह में पानी आ गया लेकिन क्या करे…मैंने वहां ठहरना उचित न समझा जैसे जाने के लिए मुडा तो उसका ध्यान मेरी ओर गया, मुझे देख कर वो शर्म से कांप गई…
अपने आजाद कबूतरों को हाथों से छिपाने लगी, और मेरी पीठ करके खड़ी हो गई.. पूछा यहाँ क्या कर रहे हो भइया… मैंने कहा स्कूल के लिए देर हो रही थी… आवाज़ दी लेकिन जवाब नहीं मिला तो तुझे ढूंढते हुए यहाँ आ गया…
उसने कहा ठीक है आप यहाँ से जाओ मैं तैयार हो के २ मिनिट में आती हूं। मै बाहर तो आ गया लेकिन दिल अन्दर ही छोड़ आया. ऐसे भी देर हो गई थी… स्कूल बस भी चली गई होगी करके मैंने फूफा जी से उनकी बाइक मांग ली.
नित्या को लेकर मैं भी स्कूल की ओर चल दिया.. स्कूल आने तक वो एक शब्द भी नहीं बोली तो मुझे लगा नित्या मुझसे नाराज़ हो गई है. पूरा दिन स्कूल में दिल नहीं लगा… बार-बार नित्या के बूब्स दिखाई दे रहे थे…
शाम को जब घर लौट रहे तो रास्ते में मैंने पूछा तुम मुझसे नाराज़ हो तो उसने कहा नहीं तो, तब मैंने कहा बोलती क्यों नहीं हो, तो वो कहने लगी शर्मिन्दा हूँ, मैंने कहा किस बात के लिए तो कहने लगी की सुबह वाली बात से… मेरी ही गलती थी मुझे दरवाज़ा अन्दर से बंद करना चाहिए था…
मैंने कहा उसमे कौन सी बड़ी बात है मैंने ही तो देखा है किसी और ने नहीं, और मैं थोड़े ही किसी को बताऊंगा. ऐसा कहने पर उसने मुझे पीछे से जोर से जकड लिया और बोली थेंक यू भइया. उस रात मैंने मुठ मार के ही काम चला लिया.
अब मेरा नित्या को देखने का नजरिया ही बदल गया. हर बार उसे बूब्स, गांड, चूत, कोमल होंठ के बारे में सोचने लगा. अब मैं हर मौके का फायदा उठा लेता था, कभी उसे चूतड़ को हाथ लगा देता कभी बस की भीड़ में बूब्स पर भी.
दो हफ़्ते बाद उसका जन्म दिन आया तो मैं उसके लिए अच्छी घड़ी लाया जो उसे बहुत पसंद थी. जब मैं उसके रूम में गिफ्ट देने के लिए गया तो वो स्कूल का बेग रेडी कर रही थी, मैंने उसे गिफ्ट दिया तो उसने झट से मेरे सामने ही खोला और थेंक यू कहते हुए मु्झसे लिपट गई.
मैंने भी उसे बाँहों में भर लिया और उसके निप्पल को अपनी छाती पर महसूस करने लगा, तब उसने कहा भइया यह तो मेरी पसंद का है और आपने मुझे आप की पसंद का गिफ्ट देने का वादा किया था, मैं इस मौके को कैसे चूकता, मैंने कहा वो भी दूंगा लेकिन तु्झे पसंद न आया तो?
तो वो बोली आप की हर पसंद मेरी पसंद, मैंने कहा वादा करो पसंद न आए तो नाराज नहीं होगी और मेरा गिफ्ट मुझे वापस कर दोगी… उसने कहा ठीक है… तो मैंने कहा – अपनी आँखे बंद करो. जैसे ही उसने आँखे बंद की मैंने उसे अपने पास खींच लिया और उसके गुलाब की कली जैसे होठों को चूम लिया.
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वो एकदम पीछे हट गई और बोली यह क्या कर रहे हो… मैंने कहा यही तो गिफ्ट है… मैंने पूछा पसंद आया… उसने कहा नहीं… तो मैंने कहा ठीक है मुझे वापस कर दो… उसने पूछा कैसे… मैंने कहा जैसा मैंने दिया… इस बार उसका रिस्पोंस अलग था…
झट से मेरे लग गई और बोली भइया आप बड़े वो हो… मुझे पसंद है… मैंने कहा ठीक है और देता हूं कह के अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और धीरे धीरे चूसने लगा. उसे भी अच्छा लगने लगा इसलिए वो भी मेरे होंठो को चूसने लगी…
अब हम दोनों एक दूसरे को जम के किस कर रहे थे… मेरा लंड खड़ा हो गया था और बेकाबू हो रहा था, मैंने एक हाथ से उसको अपने साथ चिपका के रखा था और दूसरा हाथ उसके कड़क बूब्स को सहलाने लगा… उसकी सांसे तेज होने लगी…
तभी मैं अपना हाथ उसकी गांड पर रख के हलके से दबाने लगा और उसकी चूत के साथ अपने लंड को उपर से ही रगड़ने लगा… तभी हमने बाहर से बुआ की आवज़ सुनाई दी… हम दोनों ने अपने आप को ठीक किया और स्कूल जाने की तैयारी करने लगे.
शाम को जब वापस स्कूल से आए, फ्रेश हुए… खाना खाया… सब साथ बैठ के बातें करने लगे… करीब ८ बजे मैंने कहा मुझे एक इम्पोर्टेन्ट प्रोजेक्ट पे काम करना है जो मुझे १० दिन में स्कूल में जमा करना है. यह कहके उपर चला गया, मेरा कमरा दूसरे फ्लोर पर था जहाँ मेरे अलावा कोई नहीं सोता था।
दो और कमरे थे लेकिन वो गेस्ट रूम थे. १० बजे सब सो गए, मेरा ध्यान पढ़ाई में कम और नित्या के इंतजार में ज्यादा था. ११.३० को नित्या कॉफी के दो कप ले के उपर आई. उसने हल्के पिंक कलर की नाइटी पहन रखी थी और कुछ ज्यादा ही सेक्सी लग रही थी.
हमने कोफ़ी पी और और चेक कर लिया कोई जाग तो नहीं रहा है. अब सुबह तक हमें कोई खतरा नहीं था… मैंने दरवाजा अन्दर से बंद कर लिया… नित्या चेयर पर बैठ के कुछ पढ़ने का नाटक कर रही थी, मैंने पीछे से जाके उसको दबोच लिया… उसने कोई विरोध नहीं किया…
मै उसके दोनों बूब्स को दबाने लगा और उसकी गर्दन और कान को किस करने लगा. वो गरम हो रही थी, मेरा लंड भी कड़क हो गया था. मैंने उसकी नाइटी उतार दी और उसकी ब्रा भी निकाल दी निकर उसने पहने नहीं थी, मैंने भी सारे कपड़े उतार दिए।
हम दोनो एकदम नंगे हो गये, मैंने धीरे से उसका मुंह अपनी ओर किया और उसके रसीले होंठ चूसने लगा. वो भी मुझे बराबर का साथ दे रही थी, मैं कोई जल्दबाजी करना नहीं चाहता था. एक हाथ से में उसके बूब्स को सहलाने लगा और दूसरे से उसकी गांड को दबा रहा था.
अब धीरे धीरे उसके बूब्स को चूसने लगा उसके मुंह से हल्की सी कराहने की आवाज़ आ रही थी, अब मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और उसके बूब्स को चाटने और चूसने लगा साथ ही एक हाथ उसकी कुंवारी चूत पर रख दिया और हलके से सहलाने लगा, नित्या एकदम उत्तेजित हो उठी…
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पहली बार किसी मर्द ने उसकी चूत को छुआ था. अब मैं उसे फ्रेंच किस करने लगा और साथ ही उसकी चूत से खेल रहा था …जैसे ही मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाली उसने मेरा हाथ पकड़ लिया लेकिन मैं नहीं रुका मैं उसकी चूत में ऊँगली अन्दर बाहर करने लगा। अब उसको भी मज़ा आने लगा… उसकी चूत एकदम गीली हो चुकी थी.
मैंने अपना मुंह उसकी चूत पर लगा दिया और चाटने लगा साथ ही उसके निपल्स के साथ खेल रहा था, धीरे धीरे मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में अन्दर डाली उसका वर्जिन ज्यूस पीने का कुछ और ही मज़ा था. अब मैं जोर से उसकी चूत को चाटने लगा, उसने अपना पानी छोड़ दिया, मुझे उसका पानी चाटने में बहुत मज़ा आया, मेरा भी सब्र का बाँध टूटा जा रहा था। आधा घण्टा बीत चुका था इस चुम्मा चाटी में.
अब मैंने कहा – मेरा लंड चूसोगी?
पहले तो उसने मना किया फ़िर मान गई तो हम 69 पोसिशन में आ गए, मेरे लंड को देखते ही वो घबरा गई, मैंने कहा डरो मत धीरे धीरे जितना हो सके उतना लो और जब मेरा ज्यूस निकले तब उसे पी जाना ताकि चुदाई के वक्त तुझे ज्यादा ताकत मिलेगी…
मैं ज्यादा नहीं टिक सका क्योंकि उसको लंड चूसना नहीं आता था, ५ मिनिट में मैं उसके मुंह में झङ गया, वो मेरा सारा पानी पी गई। अब मैंने उसकी बुर में अपनी ऊँगली डाल दी और चाटने लगा थोडी देर में मैं तैयार हो गया, मेरा ९” का मूसल नित्या की चूत से मिलने को बेकरार था।
वो भी कह रही थी भइया! डालो ना! मुझसे रहा नहीं जाता! मैं उसके दो पैर के बीच आ गया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया, दोनो पैरों को फैला दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा… उसकी सिसकारी बढ़ने लगी…
मैंने अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुंह पर सेट किया और एक हलका सा धक्का मारा, मेरा सुपाडा नित्या की चूत में घुस गया वो दर्द के मारे चीखने लगी… निकालो… निकालो… मर गई… लगी… निकालो… निकालो… मर गई…
मैंने उसके मुंह पर हाथ रख दिया… थोडी देर बाद उसके पैर ढीले होने लगे तो मैं समझ गया कि उसका दर्द कम हो गया है, एक और धक्का मारा तो मेरा लंड उसके सील तक पहुँच गया, मैंने लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.
नित्या को भी मज़ा आने लगा वो भी नीचे से गांड उठा के साथ देने लगी, और मौका देखते ही उसके मुंह पे अपना मुंह रख दिया और एक जोरदार झटका मारा… उसकी सील टूट गई… कली से फ़ूल बन गई मेरी नित्या… उसके मुह से चीख निकल गई… आँखों से आंसू निकलने लगे… दर्द से छटपटाने लगी.
लेकिन मैंने आव देखा ना ताव, तीन चार और झटके मार के रुक गया ६” से ज्यादा मेरा लंड उसकी बुर में जा चुका था… थोडी देर बाद उसका दर्द कुछ कम हुआ तो उसने गांड हिलानी चालू कर दी मैं समझ गया कि अब सब ठीक है… मैंने धीरे धीरे अपना लंड उसकी खून भरी चिकनी चूत में पेलना चालू किया.
आअह…..आ.आआआआआआ.ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.म्म्म्म्म्म्म्म्म्मर ग..गग..आआआईईईईईईई यस्…ओह…फ़िर मेरी स्पीड बढ़ने लगी…मेरा पिस्टन जोर से अन्दर बाहर हो रहा था…एक और झटका मारा, पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में समा गया…
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वो भी गांड उठा उठा के मेरा साथ अच्छे से दे रही थी भइया चोदों मुझे…और जोर से…आह…आह…अआ…आह…ऊईई माँ..फक मी…ओह यस…वो अब तक तीन बार झङ चुकी थी… उसकी गांड और जांघ वीर्य से पिचपिचा रही थी… पूरे रूम में चुदाई का संगीत बज रहा था पच..पच..फच …फचक…फचक….ओह…ओह…ओह..आ…आ..आया.इ..इ..इ..ई..ओ..ओ..ओ…मै अब झड़ने वाला था, रफ्तार तेज हो गई… नित्या मैं झड़ने वाला हूं… मै भी झड़ने वाली हूं… ओह माय… ओह मैं गई. और मैं भी… २०-२५ झटके मार के मैं झड़ गया उसकी चूत में ही।
थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहे हम दोनो, पसीने से तर थे… लंड उसकी चूत से निकला तो पूरा खून से रंगा था पूरी चादर खून और वीर्य से भरी थी …नित्या ठीक से चल नहीं पा रही थी.बाथरूम ले जा कर हम दोनो ने साफ किया, नित्या को पेनकिलर दिया, ताकि दर्द थोड़ा कम हो सके। फ़िर मैंने उसे पूछा कैसा लगा मेरा गिफ्ट… हमेशा की तरह वो मुझ्से चिपक गई और मेरे होठों को चूमते हुए बोली बेस्ट ऑफ़ द बेस्ट… आई लव यू भइया… और अपने अपने रूम में जा के सो गए…