Rasili Bur Chudai
मेरा नाम माध्वी मैं बलिया की रहने वाली हूँ। मैं इस समय २३ साल की हूँ, मेरी पढाई पूरी हो चुकी थी और मैं मंजेश (मेरे बॉयफ्रेंड) से बहुत प्यार करती थी। जहाँ मैंने ठाकुर जाति से थी, वही मंजेश छोटी जाति से था। वो अनुसूचित जाति में आता था और जात से चमार था। Rasili Bur Chudai
मैं मंजेश से कई बार चुदवा चुकी थी। मेरी उससे मुलाकात कॉलेज में ही हुई थी। वहीँ मेरी उससे मुलाक़ात हुई और फिर प्यार हो गया। हम घर से बाहर मिलते रहे। मंजेश मुझसे बहुत प्यार करता था जब भी मैं उससे मिलने जाती थी, वो खूब मेरे ओंठ चूसता था, और मेरे बूब्स दबा दबाकर मुझे खूब मजा देता था।
फिर वो मुझे अपने हॉस्टल पर, या किसी दोस्त के कमरे पर ले जाकर खूब चोदता था। मंजेश का लौड़ा बहुत बड़ा था और पूरा ७ इंच का था। मैं नंगी होकर उसका लौड़ा सारी सारी रात चूसती रहती थी और अपने बॉयफ्रेंड से रात रात भर चुदवाती थी।
मेरी चूत तो मंजेश ने पी पीकर और चूस चूस कर गीली कर दी थी। मेरी रसीली बुर में मंजेश ने अपना लौड़ा इतनी बार डाला था की मेरी चूत पूरी तरह से फट चुकी थी। मंजेश से बार बार चुदवाने के बाद मुझे उससे और जादा प्यार हो गया और हम दोनों शादी करके घर बसाने के बारे में सोचने लगे।
मंजेश ने अपने घर वालो को मेरे बारे में बता दिया था, अब मुझे हिम्मत करके किसी तरह अपने भैया को इस बारे में बताना था, उपर से मेरे पापा और भैया बहुत ही खतरनाक आदमी थे, वो प्यार व्यार को बहुत गलत और बुरा मानते थे।
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“भैया मैं मंजेश से प्यार करती हूँ और उससे ही शादी करना चाहती हूँ!!” मैंने एक दिन हिम्मत करके कह दिया.
“क्या….माध्वी?? तेरा दिमाग तो ठीक है की नही। तुझे पता नही की हम लोग प्यार व्यार को बुरी चीज मानते है!!” बड़े भैया गुर्राकर चिल्लाकर बोले.
“किस जात का है वो लड़का??” भैया ने पूछा.
“चमार!!” मैंने कहा.
“क्या ……तेरा दिमाग खराब है तेरा माध्वी?? एक ठाकुर की लड़की होकर एक चमार से शादी करेगी तू…..???” बड़े भैया बोले और गरजते हुए मेरे गाल पर ८ १० थपड मार दिए.
“भैया…..मैं उससे प्यार करती हूँ???” मैंने रोते रोते कहा.
“तू उससे प्यार करके हम लोग की इज्जत पूरे समाज में उछालना चाहती है.?? तू उस लड़के से दोबारा नही मिलेगी!! ” भैया बोले.
और उन्होंने मुझे लात ही लात मारना शुरू कर दिया और मुझे कमरे में बंद कर दिया। ५ दिन मुझे मेरे घर वालों ने कमरे में बंद रखा और खाना भी नही दिया। पर मेरे पास मंजेश का दिया मोबाइल फोन था, इसलिए मैं चुपके चुपके उससे बात कर लेती थी। सबसे बड़ी बात की मेरी माँ भी मेरे खिलाफ हो गयी थी।
“एक बात कान खोलकर सुन ले माध्वी……अगर तू उस लड़के से दोबारा मिली तो हम तुम दोनों को गोली मार देंगे। अपने जीते जी हम अपनी इज्जत भरे समाज में नही उछलने देंगे!!” मेरी माँ बोली.
अब मैं अच्छी तरह से समझ गयी थी की मेरी शादी मंजेश से होना नामुमकिन है। कुछ दिन बाद मुझे बाहर निकलने की इजाजत दे दी गयी। मैंने मंजेश को फोन मिलाया और एक रेस्टोरेंट में उससे मिलने चली गयी। फिर मंजेश मुझे वहां से अपने हॉस्टल ले गया और वहां हम प्यार करने लगे।
कुछ देर तक जब हम दोनों गले लगे रहे तो मंजेश मुझे किस करने लगा। मेरे ३४” के बड़े बड़े मम्मे दबाने लगा और मेरे रसीले होठ पीने लगा। कुछ देर बाद हम दोनों का चुदाई का दिल करने लगा। मंजेश ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरा सूट निकाल दिया।
फिर उसने मेरी सलवार का नारा खोल दिया और सलवार निकाल दी। मैं भी चुदने के मूड में थी तो मैंने खुद अपनी ब्रा और पेंटी खोल दी। मंजेश ने अपनी शर्ट पेंट निकाल दी और नंगा हो गया। उसका लौड़ा हमेशा की तरह बहुत लम्बा ७” का था।
हम दोनों अब पूरी तरह से नंगे हो गये थे और प्यार करने लगे। मैंने मंजेश को अपनी बाहों में भर लिया और उसके ओंठ चूसने लगी। आज कितने दिनों बाद हम प्यार कर रहे थे। फिर वो मेरे ३४” के बड़े ही सुंदर मम्मो को चूसने लगा। और मजे से पीने लगा।
आज करीब १ महीने बाद मैं अपने बॉयफ्रेंड से मिल रही थी। १ महीने से ना चुदने के कारण आज मेरा चुदवाने का बहुत जादा मन कर रहा था। उधर मंजेश भी मेरी चूत का बहुत प्यासा था। वो बड़े जोश से मेरी दोनों चुचियों को बड़े मजे और मस्ती से पी और चूस रहा था।
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मैं आआआआअह्हह्हह… अई…अई…. .ईईईईईईई..करके गर्म गर्म सिसकारी ले रही थी। मंजेश मेरी रसीली चूचियों को जोर जोर से काट काटकर मेरे आम चूस रहा था, इसलिए मेरी निपल्स बिलकुल टन्न होकर खड़ी हो गयी थी। मेरे बूब्स अब और बड़े होकर तन गये थे। आज तो जैसे मंजेश की लाटरी निकल गयी थी।
वो मजे से मेरे बड़े बड़े रसीले आम मुंह में लेकर चूस रहा था। फिर वो मेरी चूत में ऊँगली करने लगा। फिर वो लेटकर मेरी चूत पीने लगा। मैं भी चुदना चाहती थी, इसलिए मैंने अपने दोनों पैर खोल दिए। मेरी रसीली बुर मंजेश के सामने थी। वो जीभ लगाकर मेरी चूत को पुरे जोश खरोश से पी रहा था। धीरे धीरे मैं भी मस्ताने लगी।
ओह्ह्ह्ह माँ… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ…चूसो चूसो…..और चूसो…मेरी चूत को” मैं कहने लगी।
मंजेश जीभ गड़ा गड़ाकर मेरी चूत की घाटी को चूस रहा था और मजे लेकर पी रहा था। फिर उसने अपनी २ ऊँगली मेरी बुर में डाल दी और जोर जोर से फेटने लगा। “अई…अई….अई……अई, इसस्स्स्स्स्स्स्स् उहह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह” मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी।
मंजेश और मस्ती में तेज तेज मेरी बुर फेट रहा था। मैं अपना पेट और कमर उठाने लगी। कुछ देर बाद मेरे बॉयफ्रेंड मंजेश ने अपना अपना ७” मोटा लौड़ा मेरे भोसड़े में डाल दिया और मुझे चोदने लगा। वो मुझे बाहों में भरकर मेरे नंगे जिस्म की खुशबू ले लेकर मुझे चोद रहा था।
अपनी रसीली चूत में मैं मंजेश के मोटे लौड़े को गहराई तब महसूस कर रही थी। कुछ देर में उसने तेज रफ्तार पकड़ ली और मुझे तेज तेज चोदने लगा। उसकी कमर और पिछवाड़ा तेज तेज नाच रहे थे और मुझे चोद रहे थे। वो मेरे ओंठो को खा लेना चाहता था, मेरी सांसे मंजेश की सांसों में उलझ गयी थी।
ओह्ह्ह्हह …आआआआ..ह्ह्ह्हह…आज मुझे कितनी तृप्ति मिल रही थी। कितना मजा और सुख मिल रहा था चुदवाने में…..मैं आपको बता नही सकती। मंजेश फट फट मेरी गर्म चूत में अपने मोटे लौड़े से धक्के मार रहा था, मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा था और मेरी चूत की खुजली दूर कर रहा था।
मैंने मंजेश की पीठ को दोनों हाथों से कसकर पकड़ लिया था। फिर वो मेरे आम दबाते दबाते मुझे चोदने लगा। वो मुंह लगाकर मेरे आम चूस भी रहा था। और बिना रुके मेरी चूत में लौड़ा डाल रहा था। अब मुझे पेलवाते हुए आधे घंटे हो चुके थे, पर अभी भी मंजेश आउट नही हुआ था।
मेरी चूत की दीवाल अपना रसीला माल छोड़ रही थी, इसलिए मेरी योनी अब बहुत चिकनी हो गयी थी। मंजेश का लौड़ा बड़ी आराम से मेरी बुर में फिसल रहा था और स्केटिंग कर रहा था। वो मुझे हचक हचक कर पेल रहा था जैसे कोई चुदासा कुत्ता किसी चुदासी कुतिया को चोदता है, बिलकुल उसी स्टाइल में मंजेश मेरी बुर फाड़ रहा था।
चुदते चुदते तो मेरी आग में जैसी आग ही जलने लगी थी। मुझे इतना मजा मिल रहा था, जैसे मैंने कोई ड्रग्स ले ली हो। मेरा एक एक रोंगटा मंजेश की चुदाई से खड़ा हो गया था। पूरी चूत और गांड में फुरफुरी उड़ने लगी थी। मेरा बॉयफ्रेंड मंजेश मुझे किसी रंडी की तरह चोद रहा था।
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मैं ……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा . ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करके चिल्ला रही थी और मजे से चुदवा रही थी। प्लीसससससस……..प्लीससससस…….उ उ उ….मुझेझेझेझेझे…कसकर चोद दोदोदोदोदो…” मैं जोर जोर किसी प्यासी रंडी की तरह चिल्लाने लगी तो मंजेश ने मेरा दांया पैर उठा पर अपने नंगे कंधे पर रख लिया।
और इतनी जोर जोर से मुझे चोदने लगा की मेरी आँखों के सामने अँधेरा छाने लगा। फिर मंजेश ने अपना माल मेरे लाल भोसड़े में ही छोड़ दिया। कुछ देर बाद उसने मेरी गांड मारी। फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिये। मंजेश ने मुझे अपनी मोटर साईंकिल से मेरे घर छोड़ दिया।
अब मैं मंजेश से चुपके चुपके बाहर बाहर ही मिलती थी और चुदवा लिया करती थी और गांड मरवा लिया करती थी। मेरे घर वालों को ये नही पता था, वरना वो लोग मुझे जान से मार देते। मेरा पापा, मम्मी, और बड़े भैया सब के सब बड़े खूंखार और कट्टर आदमी थे।
एक तो ये लोग प्यार व्यार को गलत मानते थे और उपर से मेरा बॉयफ्रेंड एक छोटी जाति का लड़का था। इसलिए तो मेरे घर वाले मेरे और भी जादा खिलाफ हो गये थे। इसलिए मैं अब मंजेश से चुप चुपके बाहर ही मिला करती थी। एक दिन मेरे बड़े भैया किसी काम से प्रयागराज चले गये।
मैंने सोचा की ये अच्छा मौका है अपने बॉयफ्रेंड मंजेश से मिलने का। मैं रोज किसी न किसी बहाने से घर के बाहर चली जाती और बजार में या किसी सिनेमाहाल में मंजेश से मिलने चली जाती। जिस दिन मेरे बड़े भैया प्रयागराज से बलिया लौते बाजार में ही उन्होंने मुझे मंजेश के साथ मोटरसाइकिल में घूमते देख दिया।
बड़े भैया से अपने एक दोस्त प्रभाकर को बुला लिया। मैं मंजेश के साथ मोटर साइकिल पर जा रही थी की बड़े भैया ने अपनी कार से हम दोनों का पीछा किया। उनका दोस्त प्रभाकर उनके साथ था। फिर भैया से अपनी कार तेज दौड़ाकर मंजेश की मोटरसाइकिल के सामने ही लगा दी और हमारा रास्ता रोक दिया।
प्रभाकर और बड़े भैया से मेरे आशिक मंजेश को मोटरसाइकिल से खीच लिया और हाकी और डंडो ने मारना शुरू कर दिया। उन्होंने मंजेश को १ घंटे तक लाठी, डंडों, और हाकी से मारा और उसका सिर, मुंह फोड़ दिया। इतना ही नही मंजेश के पैर में बहुत चोट लगी और उसका बाया पैर भी टूट गया। बड़े भैया ने मुझे मेरी चोटी से पकड़ लिया।
“क्यूँ….छिनाल…..सच सच बता अपने आशिक से कितनी बार चुदवा चुकी है?? पुरे बलिया में खुले आम अपने आशिक के साथ मोटर साईकिल पर घूम रही है और मटरगस्ती मार रही है। अपने घर वालों की इज्जत को साली हरामजादी चौराहे पर नीलाम कर रही है……”बड़े भैया बोले और उन्होंने मेरे गाल पर तमाचा मार मार कर मेरा मुंह लाल कर दिया।
फिर मुझे अपनी कार में खीच लिया और घर ले आये। घर आकर मेरी माँ और पापा सबसे मुझे लात, मुके, घुसे, थपड से मारा। “बड़ी जवानी की गर्मी है तेरे में…..आज तेरी सारी गर्मी मैं दूर कर दूंगा!!” बड़े भैया बोले और मुझे कमरे में ले गये। उनका दोस्त प्रभाकर भी कमरे में आ गया। दोनों अपने अपने कपड़े निकाल गये। मैं उनका इशारा समझ गयी थी। मेरे बड़े भैया ही मुझे चोदने वाले थे और उनका दोस्त प्रभाकर भी मुझे चोदने वाला था।
“नही भैया नही !!…ऐसा मत करो!!” मैंने रोने लगी और उनके पाँव पकड़ने लगी.
“साली रंडी……तुझे कितनी बार हम लोगो से समझाया की उस चमार के लौंडे से मत मिलना…पर तू उसके साथ पुरे बलिया में मजे से मोटर साईंकिल पर घुमती है और मजे से उसके हॉस्टल पर जाकर चुदवाती है……..बड़ा इश्क का भूत चढ़ा है तुझ पर??”….आज मैं और प्रभाकर तुझे चोद चोदकर तेरा सारा इश्क का भूत उतार देंगे!!” बड़े भैया बोले.
उसके बाद भैया और प्रभाकर ने मेरा सलवार सूट फाड़ दिया और मेरी ब्रा और चड्ढी भी फाड़ दी और मुझे बिस्तर पर पटक दिया। बड़े भैया मेरे उपर लेट गये और मेरे दूध पीने लगे। मैं रो रही थी, चीख रही थी…प्लीस भैया मुझे मत चोदो…..मत चोदो…मैं चिल्ला रही थी, पर कोई मेरी सुनने वाला नही था।
बड़े भैया आज मेरा रेप करने वाले थे , मुझे वो कसकर चोदने वाले थे, इतना की फिर मैं कभी अपने बॉयफ्रेंड मंजेश से ना मिलूं। वो मेरे रसीले दूध पीने लगे और मजा मारने लगे। कुछ देर बाद मेरे सगे भाई ने ही मेरी रसीली चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा। प्रभाकर भी पूरी तरह से नंगा हो गया और वो मेरे सर ही तरफ आ गया। उसने अपना लौड़ा मेरे मुंह में जबरदस्ती पेल दिया और लंड चुस्वाने लगा।
“चूस रांड…..चूस…..अपने आशिक का लौड़ा तो खूब चूस चूसकर चुदवाती है….तो अब मेरा भी चूस!!” प्रभाकर बोला.
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उधर नीचे ने मेरे बड़े भैया मुझे अपना मोटा लौड़ा डालकर कस कसकर चोद रहे थे। मैं रो रही थी, चीख रही थी, चिल्ला रही थी और मोटे मोटे आंशू बहा रही थी। पर कोई मेरी नही सुन रहा था। मेरी माँ भी पूरी तरह से मेरे खिलाफ हो चुकी थी। पापा भी खिलाफ थे। बड़े भैया के दोस्त प्रभाकर से जबरन मेरे मुंह में अपना लौड़ा डाल दिया और जबरदस्ती चुस्वाने लगा। भैया मुझे कस कसके पक पक करके पेल रहे थे। आज अपने ही सगे भाई और उनके दोस्त से मैं चुद रही थी। भैया का लौड़ा तो कोई 9” का था और मेरे आशिक, मेरे बॉयफ्रेंड के लौड़े से भी जादा मोटा था।
मेरी चूत की तो जान ही निकली जा रही थी। बड़े भैया ने मुझे डेढ़ घंटे तक चोदा और मेरी बुर फाड़ के रख दी। फिर मेरी बुर में ही अपना माल गिरा दिया। बड़े भैया हटे तो प्रभाकर आ गया। उसने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरे चिकने चुतड वो मजे से चाटने लगा। फिर उसने मेरी गांड में लंड डाल दिया और पुरे २ घंटे मेरी गांड मारी। कुछ दिनों बाद मेरे बड़े भैया ने मेरी दिल्ली में जबरदस्ती शादी कर दी। अब मेरा पति मुझे रोज पक पक करके पेलता खाता है।