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दीदी को पूरी प्लानिंग बना कर चोदा शुक्ला साथ

जुलाई 15, 2024 by hamari

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मैं, अभय अभी २१ साल का हूँ और नोएडा में रह रहा हूँ. मेरे मम्मी पापा लखनऊ में रहते है और मैं यहाँ अपनी बड़ी बहन के साथ रहता हूँ. मेरी दीदी का नाम शिवानी है और उनकी उम्र २४ साल है, अभी तक वो कुवारी है. मम्मी पापा उनके लिए रिश्ता देख रहे है लेकिन अभी कही बात बनी नहीं है. New Sex Video

मेरी दीदी पढाई में काफी इंटेलीजेंट थी और २ साल पहले उनकी गवर्मेंट स्कूल में टीचर की जॉब लग गयी और पोस्टिंग नॉएडा में हुई तो मम्मी पापा ने मुझे उनके साथ यहाँ भेज दिया था. मैं भी यही रह कर पढाई करने लगा और दीदी अपनी जॉब में लग गयी. साथ में ही उनको एक बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट से भी जॉब का ऑफर मिला जहाँ से उन्हें काफी ज्यादा पैसे मिल रहे थे तो उन्होंने वो भी ज्वाइन कर लिया.

चूँकि दीदी को काफी ज्यादा पैसे मिल रहे थे तो दीदी ने नॉएडा में एक फ्लैट भी खरीद लिया और मैं और दीदी उसी थ्री बैडरूम फ्लैट में रहते है. मेरी दीदी बहुत ही खूबसूरत है. उनकी हाइट ५ फ़ीट ६ इंच की है. उनके लम्बे लम्बे बाल, उनकी खूबसूरत आँखे, सब लाजवाब है. उनकी चुन्चिया तो बहुत ही जबरदस्त है. पतली कमर और बड़े से उभरे हुए चूतड़ उनके शरीर को क़यामत बना देते है.

अगर उनके साइज के बारे में बताऊ तो वो ३६-३०-३८ है. जब से वो अपने फ्लैट में शिफ्ट हुई है रोज सोसाइटी के जिम में भी जाने लगी है जिससे उनका जिस्म और निखर रहा है. मेरा कॉलेज घर के पास में ही है और मैं पैदल ही कॉलेज आता जाता हूँ. करीब ३ महीने पहले एक दिन मैं अपने कॉलेज से निकल कर सामने सिगरेट पीने आया तो अचानक मेरी मुलाकात श्री प्रकाश शुक्ला से हो गयी.

श्री प्रकाश शुक्ला लखनऊ में हमारे घर के पीछे ही रहता था और उसकी उम्र ४०-४२ की होगी. वो थोडा बदमाश किस्म का आदमी था और उम्र में भी मुझसे काफी बड़ा था तो मेरी उससे ज्यादा बातचीत नहीं थी लेकिन पडोसी होने के कारण जान पहचान थी. श्री प्रकाश भी वहां सिगरेट पी रहा था. वो मुझसे पूछने लगा की यहाँ कैसे?

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मैंने उसे बताया की मैं सामने वाले कॉलेज में पढ़ रहा हूँ और पास ही के एक अपार्टमेंट में रहता हूँ. बात करते करते हम हमारे अपार्टमेंट तक आ गए. उसने पुछा की शायद शिवानी की नौकरी भी तो नॉएडा में ही है तो मैंने बताया की दीदी ने ही यहाँ फ्लैट खरीदा है और मैं उनके साथ उनके ही फ्लैट में ही रहता हूँ.

शुक्ला ने कहा वाह शिवानी ने खुद का फ्लैट खरीद लिया बड़ी ही ख़ुशी की बात है. चलो मैं किसी दिन मिलने आऊंगा. मेरे पूछने पर उसने बताया की लखनऊ में उसका कुछ झगडा हो गया था तो उसे १ साल के लिए तड़ीपार कर दिया गया है और वो फ़िलहाल एक होटल में रह रहा है और किराये पर मकान ढूंढ रहा है. उसने मुझसे पुछा की ये सोसाइटी कैसी है? यहाँ किराये पे फ्लैट खाली हैं क्या?

मैंने बोला की बहुत अच्छी सोसाइटी है. एक फ्लोर पर केवल दो फ्लैट है. क्लब हाउस स्वीमिंग पूल जिम सब बहुत अच्छा है. काफी खुली हुई सोसाइटी है नयी है तो फ्लैट तो काफी खाली है लेकिन किराये के लिए हैं या नही मुझे पता नहीं. हमको भी शिफ्ट हुए ३ महीने ही हुए है.

फिर शुक्ला ने मुझसे मेरा एड्रेस लिया और इस बातचीत के बाद मैं वहां से चला आया. उस दिन पहली बार श्री प्रकाश शुक्ला से मेरी इतनी बात हुई होगी. करीब १०-१२ दिन बाद एक दिन शाम को श्री प्रकाश अचानक मेरे घर आ गया. दीदी घर में नही थी. मैं श्री प्रकाश को देखकर चौंक गया.

मैंने सोचा नहीं था की वो सच में हमसे मिलने आ जायेगा. तब उसने बताया की वो हमारी सोसाइटी में फ्लैट ढूढ़ रहा था और किस्मत से उसे हमारे फ्लोर का दुसरा फ्लैट ही किराये पर मिल गया और २ दिन पहले वो शिफ्ट भी हो गया है. वो बोला की २ दिन से घर सेट कर रहा था. अब सोचा की तुमसे और शिवानी से भी मिल लूं.

मैंने उसे बताया की दीदी घर पर नहीं है. तो उसने मुझे अपने फ्लैट में बुला लिया. मैंने फ्लैट लॉक किया और उसके साथ चला गया. उसने फ्लैट बहुत अच्छा सजाया था. सामने बार भी था तो उसने मुझसे पूछा की कुछ लोगे. मैंने सोचा की दीदी के आने में तो अभी काफी टाइम है.

तो मैंने बोला बियर पी लूँगा. उसने फ्रिज से दो बियर निकाली और हम साथ बैठ कर पीने लगे. श्री प्रकाश शुक्ला कहीं आता जाता तो था नही तो जब मैं कॉलेज से लौटता तो वो मुझे अपने फ्लैट पर बुला लेता. धीरे धीरे ये हम दोनों का रोज का रूटीन हो गया और करीब दो महीने में ही मेरी और श्री प्रकाश की बहुत अच्छी दोस्ती हो गयी.

दीदी तो सुबह ८ बजे घर से निकल जाती थी और शाम को ८ बजे वापस आती थी और मैं शुक्ला के साथ रोज ही पार्टी करता था. रोज दारू मुर्गा तो चलता ही था एक दो बार तो श्री प्रकाश ने रंडी भी बुला रखी थी तो वो स्वाद भी श्री प्रकाश ने मुझे चखवा दिया था.

दीदी ने जब श्री प्रकाश को पहली बार सोसाइटी में देखा था तो मुझसे बताया. मैंने दीदी को बताया की श्री प्रकाश शुक्ला हमारे फ्लैट के बगल में रहने आया है और मुझसे और आपसे मिलने भी आया था. तब दीदी ने मुझसे बोल दिया था की ये गुंडा ठीक आदमी नहीं है और इससे दूर ही रहना.

इसीलिए मैं दीदी के आने से पहले घर वापस आ जाता तो उनको ये पता नहीं चलता की मैं रोज श्री प्रकाश से मिलता हूँ या मेरी उससे दोस्ती है. श्री प्रकाश शुक्ला को भी पता था की दीदी ने मुझे उससे मिलने को मना किया है. एक दिन कोई छुट्टी थी पर दीदी ने मुझसे बताया की उनको कोचिंग सुबह ही जाना पड़ेगा क्योंकि वहां कोई फंक्शन है और शाम को ८ बजे ही वो वापस आयेगी.

दीदी स्कूल तो साड़ी या सलवार सूट पहन कर जाती थी पर उस दिन स्कूल नहीं था तो वो बिज़नस सूट पहन कर कोचिंग गयी और दीदी के जाते ही मैं शुक्ला के पास चला गया. सुबह से ही श्री प्रकाश शुक्ला और मैंने पीनी शुरू कर दी. दोपहर तक हमने काफी पी ली और श्री प्रकाश ने अपने ७५ इंच के टीवी पर एक ब्लू फिल्म लगा दी.

जिसे देखते देखते न जाने कब हम दोनों ही बेसुध होकर सो गए. शाम को मेरी आँख खुली तो मैंने शुक्ला को जगाया और बोला की दीदी के आने का टाइम हो गया है और मै अपने फ्लैट में आ गया और दीदी के आने का इन्तेजार करने लगा. मेरा सर चकरा रहा था तो मैंने अपना सर दो तीन बार धोया.

करीब आधे घंटे के बाद डोरबेल बजी और मैं समझ गया की दीदी आ गयी है. मैंने जा कर दरवाजा खोला. सामने दीदी ही थी और पता नहीं क्यों आज वो बहुत हॉट लग रही थी. शायद ड्रिंक का कमाल था या फिर ब्लू फिल्म का असर था. दीदी क़यामत लग रही थी मुझे. उनकी बड़ी बड़ी चून्चिया शर्ट में काफी कमाल की लग रही थी और टाइट स्कर्ट में उनकी गांड भी कहर ढा रही थी.

वो अंदर आयी और अपना बैग रखकर बाथरूम चली गयी. आज तक मेरी इतनी हिम्मत नहीं थी की मैं दीदी के चेहरे के अलावा उनकी चून्चिया या चूतड़ देखूं लेकिन आज मेरा मन कुछ और कह रहा था. आज दीदी को देखने के बाद मेरे लंड में सुरसुराहट होने लगी थी. कुछ देर में दीदी ब्लू जीन्स और वाइट टॉप पहन के आयी और पानी की बोतल लेकर सोफ़े के दूसरे तरफ बैठ गयी.

शिवानी दीदी: और अभय कैसा रहा तुम्हारा दिन…

मै : अच्छा दीदी… थोडा एग्जाम का टेंशन है…

शिवानी दीदी: कोई ट्यूशन की जरूरत हो तो बता देना…

मै : नहीं दीदी फ़िलहाल तो मैं मैनेज कर ही रहा हूँ और आपके पास टाइम ही कहाँ बचता है.

शिवानी दीदी : हम्म्म चलो डाइनिंग टेबल पर आ जाओ. मैं खाना लगाती हूँ. आज बहुत थक गयी हूँ और अभी पेपर भी बनाने है कोचिंग के लिए.

मै : दीदी, मेरे सीनियर अभिनव और मनीष को जॉब नहीं लग रहा है लेकिन दोनों बहुत ही इंटेलीजेंट है. टोपर है. क्या आप उनकी कोई मदद कर सकती है क्या?

शिवानी दीदी : मैं कैसे मदद कर सकती हूँ.

मै : आपके कोचिंग सेंटर में फ़िलहाल उनको टेम्परेरी जॉब मिल सकता है क्या?

शिवानी दीदी: ठीक है देखती हूँ, उनसे बोलो अपना रिज्यूम मुझे दे दे और हाँ.

मै : क्या दीदी?

शिवानी दीदी: अगर वो टोपर हैं तो उन्हें घर पे बुलाकर टयुशन लो उनसे. दुसरों से काम निकालना भी सिखो. अगर हेल्प कर रहे हो तो उनसे भी मदद लो…

मै : लेकिन दीदी…

शिवानी दीदी: इस दुनियां में कुछ फ्री नहीं है. अगर वो तुम्हे यहाँ आ कर पढा जायेगे तो मुझे भी पता चल जायेगा की वो कोचिंग में पढ़ा पाएंगे या नहीं.

मै : ओके दीदी मैं, बात करता हूँ.

फिर हमने खाना फिनिश किया. दीदी अपने कमरे में चली गयी. मेरे सर में दर्द हो रहा था तो मैंने सोचा की हैंगओवर उतारने के लिए जरा शुक्ला के फ्लैट पर हो आता हूँ.

मैने दीदी के बैडरूम का दरवाजा खोला. दीदी बेड पर लेटकर लैपटॉप पर पेपर बना रही थी और उनकी बड़ी सी चूतड दरवाजे की तरफ थी जिसे देखकर मेरे लंड में फिर से सुसुराहट होने लगी.

मैने लंड हाथ से पकडकर दीदी से बोला: दीदी मैं जरा टहल के आता हूँ.

शिवानी दीदी : ठीक हैं.

फिर मैं अपने फ्लैट से निकलकर मैं शुक्ला के फ्लैट पर पंहुचा और डोरबेल बजाई ही थी की दरवाजा खुला और शुक्ला सामने खड़ा था.

शुक्ला : अरे तुम. शिवानी सो गयी क्या?

मै : नहीं उन्हें कुछ काम है तो उसी में लगी है. जरा लेट सोती है. मेरे सर में हैंगओवर से दर्द हो रहा था तो इसीलिए आ गया.

शुक्ला : क्या बोल के आए?

मै: यही की थोडा घूम के आता हूँ बाहर से…

शुक्ला : चलो अच्छा है. अगर मेरे यहाँ आने का बताते तो ढेर सारे क्वेश्चन पूछती.

मै : इसीलिए नहीं बताया.

फिर मैं शुक्ला के ड्राइंग रूम में बैठा जहाँ ७५ इंच का एल सी डी लगा था. उसने अपना पेन ड्राइव उसमे लगाया और बोला एक बोतल और निकालता हूँ बीयर की. हैंगओवर ठीक हो जायेगा.

मै: ठीक है…

मेरे हामी भरते ही शुक्ला ने दो बोतल निकाली और फिर हम दोनो साथ में पीने लगे. शुक्ला ने एल सी डी ओन कर दी. स्क्रीन पे लिखा आया “बिग टिट्स एट वर्क” और जो लेडी स्क्रीन पे आयी वो काफी सेक्सी थी. उसके बूब्स और गांड बड़े बड़े थे और वो लड़की बिज़नेस सूट में थी.

शुक्ला : आज शिवानी बिज़नस सूट पहने हुए बिलकुल ऐसी ही दिख रही थी न…

मै: हाँ. कह सकते है…

मुझे लगा की ये कोई सॉफ्ट पोर्न है. मैंने शुक्ला से पूछा.

मै: भाई ये कौन सी मूवी लगा दी है…

शुक्ला : खास तुम्हारे लिए निकाल के रखी है. जब मैंने देखी तो लगा की तेरी बहन ही है फिर मुझे लगा की ये तो फिरंग है लेकिन सच बोल अगर शिवानी के बाल भी गोल्डन होते तो शिवानी बिलकुल ऐसी लगती या नहीं…?

मै : लगती तो लेकिन आप आज दीदी के बारे इतना इंटरेस्ट क्यों दिखा रहे हो…

शुक्ला कुछ नही बोला. मेरी बोतल भी ख़त्म हो गयी थी और सामने एक्ट्रेस ने अपने कपडे भी उतार दिये थे.

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फिल्म की कहानी कुछ इस तरह की थी की वो एक्ट्रेस अपने ऑफिस में बॉस थी और एक ऑफिस बॉय उसको पानी देने आता है और वो पानी का गिलास बॉस के ऊपर गिरा देता है. ग़ुस्सा करते हुए वो लेडी अपना ऑफिस सूट निकाल देती है और केवल ब्रा में आ जाती है. उसके बड़े बड़े मम्मे बहुत ही अच्छे लगते है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

वैसे भी उसकी शक्ल शिवानी से मिल रही थी और शुक्ला के कहने के बाद मैं भी उसे अपनी दीदी ही मान बैठा था. ऑफिस बॉय जैसे ही उसे ब्रा में देखता है उसके मम्मे दबाने लगता है और उसके बूब्स को ब्रा से निकलकर मुँह से चुस्ने लगता है.

शुक्ला : मैंने इसकी तुलना तुम्हारे दीदी से इसलिए कि थी की देखो उसके मम्मे. तुम्हारी दीदी के भी तो इतने बड़े ही है.

मै पूरी तरह से मूवी में खो गया था और उसे अपनी दीदी ही समझ बैठा था. मेरा लंड खडा हो गया था और उसे सहला रहा था और बोतल पूरी ख़तम हो जाने के बाद नशा भी हो गया था.

मै: हाँ शुक्ला भाई, दीदी के मम्मे भी ऐसे ही होंगे.

शुक्ला : होंगे मतलब? तुमने देखे नही कभी? नंगी देखा है कभी अपनी बहन को? या कभी ब्रा में देखा हो?

मै : नंगी तो नहीं देखा लेकिन ब्रा में देख चुका हूँ दो बार…

शुक्ला ने समझ लिया की मैं अब तैयार हूँ उसकी बात सुनने के लिए तो वो बोला बेटा शिवानी के चुच्चे इससे भी मस्त होंगे क्योकि वो नेचुरल है ये तो नकली है. मुझे तो बहुत पसंद है, तुमको कैसे लगते है अपनी बहन के चूचे?

मै : मुझे भी अच्छे लगते है.

शुक्ला : चीज़ ही ऐसी है तुम्हारी बहन. किसी का भी मन उसे चोदने को हो जाये. तुम भी तो आखिर लड़के ही हो.

मै: मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा…

शुक्ला : कैसे कण्ट्रोल कर लेते हो तुम. जब से वो १६ की हुई तब से उसने मुझे दीवाना बना रखा है. बहुत लाइन दी साली को लेकिन कभी घास नहीं डाली उसने मुझे. एक दिन तो दबा भी दी थी साली की चून्चिया तभी तो तुमको मुझसे मिलने से मना करती है लेकिन अगर ऐसी गदराई जवान बहन मेरे घर में होती तो डेली पटक के चोदता मैं उसे.

मै : क्या बोल रहे हो शुक्ला भाई. वो मेरी बड़ी बहन है. ये गलत बात है.

शुक्ला: क्या गलत है यार. मैंने खुद अपनी बड़ी बहन की सील तोड़ी थी. एक जवान लड़की की ये जरूरत है. वो कभी न कभी किसी से तो चुदेगी ही और हो सकता है की चुद भी रही हो.

शुक्ला अब मुझसे पूरा खुल गया था और मुझे भी दीदी की बारे में गन्दी बात करके मजा आ रहा था. सामने स्क्रीन पर एक्ट्रेस उस ऑफिस बॉय का लंड चूस रही थी फिर वो आदमी ने नीचे लेट कर अपनी बॉस को अपने ऊपर बिठा कर के अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया.

मैं ये देख कर मस्त हो रहा था. उधर शुक्ला भी अपना लंड मसल रहा था और फिर उसने अपना लंड पेंट से बाहर निकाल लिया. मैं हैरान था की वो ये क्या कर रहा है. उसका लंड सामने स्क्रीन पे दिख रहे लड़के से कम मोटा या लम्बा नहीं था. उसकी लम्बाई ९ इंच और मोटाई 3 इंच की होगी. वो अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगा और फिर से मेरी दीदी के बारे में बात करने लगा. मैं भी अब तक काफी खुल गया था.

शुक्ला : अभय गांड देख इसकी… क्या शिवानी की गांड ऐसी नहीं लगती तुम्हे…

मै : मुझे तो दीदी की गांड इससे भी बड़ी लगती है…

शुक्ला : सही में… स्कूल में तो कोई आदमी है नहीं लेकिन तेरी दीदी कोचिंग के मालिक से ऐसे ही चुदी होगी…

मै: मुझे तो नहीं लगता. शिवानी दीदी शरीफ है.

शुक्ला : आजकल तो हर लड़की जो जॉब करती है चुदती जरूर है. वो कोचिंग वाला तेरी दीदी को इतनी ज्यादा सेलेरी क्या पढ़ाने के लिए देता होगा. नही न तो फिर क्यों देता है सोच?

मै : हो भी सकता है… क्या पता…

शुक्ला : पता करना है?

मै : कैसे?

शुक्ला : कर सकते है लेकिन सोच अगर तुम्हारी दीदी तुम्हारे सामने चुद रही हो तो तुम्हे देखने में कितना मजा आयेगा.

मै : मैं तो इसे दीदी ही सोच कर देख रहा था.

शुक्ला: तो सोच की रियल में कोई ऐसा मोटा लंड तुम्हारी दीदी की चूत में ऐसे ही पेले…

मै : दीदी इतना मोटा ले नहीं पायेगी लेकिन आपकी बात सुन कर अब देखने का मन कर रहा है…

शुक्ला : और मेरा लंड. मेरे लंड के बारे में क्या ख़याल है… ये अगर शिवानी की चूत या गांड में घुसे तो…

श्री प्रकाश ने अपना लंड दिखाते हुये पुछा.

मै : (मन में सोचने लगा की दीदी की चुदाई अगर शुक्ला के लंड से हो तो सही में मजा आएगा) बहुत मोटा है. दीदी की फट जाएगी लेकिन आप दीदी को चोदोगे कैसे…

शुक्ला : अगर तुम मदद करो तो हो सकता है.

मै: मैं क्या कर सकता हूँ.

मुझे समझ में नहीं आ रहा था की ये सुबह से पीने का असर था या पोर्न मूवी देखने का या श्री प्रकाश शुक्ला की बातों का लेकिन मैं दीदी को शुक्ला के मोटे लंड से चुदते हुए देखना चाहता था. मैने श्री प्रकाश की तरफ देखा. वो आज पूरे जोश में था. जो आग पिछले ८ साल से उसके सीने में लगी थी वो आज भड़क गयी थी.

मैंने सोचा की उसकी और दीदी की उम्र में करीब २० साल का अंतर होगा तो शिवानी दीदी मानेगी कैसे. माना की शुक्ला की बॉडी एकदम पहलवान जैसी थी लेकिन फिर भी मेरी बहन इससे कभी नहीं फसेंगी. दीदी को तो जब चाहे अपनी उम्र के ही एक से एक अच्छे लड़के मिल जायेंगे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

लेकिन उन लडको का लंड क्या श्री प्रकाश शुक्ला जैसा कड़क होगा. ऐसा लंड तो बिरले ही किसी का होता है. इतना बड़ा लंड दीदी कैसे अपने चूत में ले पायेगी. वैसे पोर्न एक्ट्रेस ने तो ले लिया अंदर आसानी से लेकिन वो प्रोफेशनल है. मेरी दीदी तो शायद अभी तक किसी से चुदी भी नहीं है. मैं यही सब सोच रहा था की श्री प्रकाश ने मुझे हिलाया तो मेरे मुह से दुबारा निकला…

मै : मैं कैसे मदद करू…

शुक्ला : तुम तैयार हो न मदद करने के लिए…

मै : हाँ लेकिन करना क्या है…

शुक्ला : बस जब तुम तैयार हो तो मेरे पास बहुत से प्लान है लकिन क्या तुम देखोगे या खुद भी चोदना चाहते हो अपनी दीदी को…

मै : वो कैसे पॉसिबल है शुक्ला भाई. शिवानी दीदी मुझसे कैसे चूदवायेगी…

शुक्ला : तुम आम खाओ. गुठलीयां मत गिनो…

श्री प्रकाश ने मुझसे अपना प्लान बताया. उसका पूरा प्लान सुनकर मैं दंग रह गया.

मै: लेकिन शुक्ला भाई इसमे तो फँसने का डर है…

शुक्ला : कुछ नहीं होगा. चिंता मत कर. अब जा और जैसा बोला है वैसा ही करना.

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मै मन ही मन सोचने लगा की कैसे ये सब होगा. लेकिन मुझे श्री प्रकाश शुक्ला के कॉन्फिडेंस पे भरोसा हो रहा था. मैं मन में उसके प्लान के बारे में सोचते हुए अपने फ्लैट में आ गया… जैसे ही मै अपने फ्लैट में आया तो देखा की शिवानी दीदी के रूम की लाइट जल रही थी. मैंने अंदर जा के देखा तो दीदी अभी भी बेड पे लेट के लैपटॉप पे काम कर रही थी.

मै : दीदी सोयी नहीं अभी तक…

शिवानी दीदी पलटी जिससे उनकी टी शर्ट से चूचो का कुछ पार्ट मेरे आँखों के सामने आ गया.

शिवानी दीदी : सो जाउँगी. ये पेपर कल देने थे तो इसी में लग गयी थी. पूरे हो गए हैं बस एक बार चेक कर लूं तो सो जाऊं.

मैने अपनी आँखे उनके बूब्स से हटा ली और बोला ठीक है दीदी जल्दी सो जाना. सुबह भी आपको जल्दी उठना होता है.

शिवानी दीदी: ठीक है. बाहर का डोर लॉक कर दे. चल गूड नाईट.

मैं : ठीक है दीदी. गुड नाईट.

मै वापस अपने कमरे में आ गया. थोड़ी देर में शुक्ला का फ़ोन आया मेरे मोबाइल पर.

शुक्ला : सो गए क्या?

मै : नहीं… जाग रहा हुँ…

शुक्ला : और शिवानी सो गयी…

मै : नहीं वो अभी कुछ देर में सोयेगी…

शुक्ला : ठीक है. बता देना चलो गुड नाईट…

फिर उसने फ़ोन कट कर दिया और मैं मन ही मन सोचने लगा की क्या मुझे ये करना चाहिए या नहीं. कहीं हम फंस तो नहीं जायेंगे और अगर श्री प्रकाश शुक्ला दीदी को चोदने में सफल हो गया तो उसका ९ इंच का लंड दीदी के चूत में कैसे जायेगा और जब जायेगा तो दीदी कितना चिल्लाएगी या फिर दीदी को मजा आएगा.

यही सोचते सोचते मैंने घडी देखी. ११:४५ हुआ था. मैं उठा और शिवानी दीदी के बेडरूम में जाकर देखा. शिवानी दीदी सो रही थी. उनके रूम की लाइट भी बंद थी. मै वापस अपने कमरे में आया और शुक्ला को फ़ोन किया की शिवानी दीदी सो चुकी है. शुक्ला ने बोला की दरवाजा खोलो.

मैंने जाकर दरवाजा खोला और शुक्ला का इंतज़ार करने लगा. २ मिनट बाद शुक्ला आ गया. ड्राइंग रूम के अंदर आकर शुक्ला ने अपने चेहरे को एक काले नकाब से ढक लिया और अपने जेब से एक पिस्तौल निकाल ली. हम दोनों दीदी के कमरे में आ गए. अंधेरे में हमें दिखा की शिवानी दीदी बेड पे लेटी हुयी सो रही थी. उन्होंने कपडे बदल कर एक लूज पेंट और टॉप पहन लिया था. शुक्ला ने मेरे सर के ऊपर पिस्तोल लगा दी और मुझे बोला की शिवानी को जगाओ.

मै : दीदी… दीदी…

शिवानी दीदी कच्ची नींद में थी. मेरी आवाज सुनकर उठ गई और अपने बेड के पास में जो स्विच था उसको ऑन किया और कमरे में उजाला हो गया. दीदी ने जैसे ही ये देखा की कोई आदमी ब्लैक कपडे और नकाब में मेरे सर के ऊपर गन लगाए हुए है वो डर गयी. वो चीखने ही वाली थी तभी शुक्ला ने धमकी दी.

शुक्ला: (अपनी आवाज को थोड़ा भारी बनाते हुए) अगर तुमने शोर किया तो तुम्हारे भाई के सर में गोली मार दूँगा.

शिवानी दीदी: नही. नही. मैं शोर नहीं मचाउंगी… तुम्हे जो चाहिए ले लो… लेकिन मेरे भाई को कुछ मत करना.

शुक्ला: ये हुयी न बात. अब जैसा जैसा मैं कहता हूँ करती जाओ.

शिवानी दीदी: क्या करना है…

शुक्ला: छमिया तुम्हे देख के मेरा मन बदल गया. अब मैं कुछ और लूटूंगा.

शिवानी दीदी: क्या…

मै ये सब कुछ देख रहा था और खुश भी हो रहा था की शुक्ला की चाल कामयाब हो रही है.

शुक्ला: जरा मेरे पास आओ फिर बताता हूँ.

शिवानी दीदी कुछ समझ नहीं पा रही थी लेकिन वो शुक्ला के पास गयी. शुक्ला ने एक हाथ में पकडे अपने गन को मेरे सर से सटाए रखा और जैसे ही शिवानी दीदी उनके नजदीक आयी वो अपने दूसरे हाथ से दीदी की चूचियों को बारी बारी से दबाने लगा.

शिवानी दीदी ने उसका हाथ झटक दिया और ग़ुस्से से बोली: ये क्या बत्तमीजी है.

शुक्ला: मैं तुझसे तमीज सीखने नहीं आया हूँ साली. चुपचाप मेरे पास आ जा वरना तेरे भाई का भेजा निकल दूँगा.

मै अपनी रोनी सुरत बना के वहां खडा था और सोच रहा था की क्या शिवानी दीदी शुक्ला की बात मानेंगी? पर शिवानी दीदी मजबूर थी शुक्ला की बात मानने के लिये. वो वापस श्री प्रकाश शुक्ला के पास आकर खड़ी हो गयी और अपने मम्मे उससे दबवाने लगी.

मुझे तो अपनी ऑखों पे विश्वास ही नहीं हो रहा था की क़ैसे एक ही दिन के अंदर शुक्ला ने मुझे ऐसा बदल दिया की मैंने दीदी की सेटिंग कर दी शुक्ला के साथ. श्री प्रकाश ने कुछ देर तक दीदी के चूचियों को कपडे के ऊपर से दबाया फिर उनका मन हुआ की अब उसकी नंगी चूचियों को दबाये.

शुक्ला : चलो अपने टॉप को बाहर निकालो…

शिवानी दीदी हाथ जोड कर शुक्ला से रिक्वेस्ट करने लगी…

शिवानी दीदी: प्लीज…इसके सामने ऐसा मत करो…ये मेरा छोटा भाई है.

मुझे लगा की दीदी शायद शुक्ला को मुझे बाहर भेजने को कह रही है लेकिन आज वो मजबूर थी शुक्ला के हर बात को मानने के लिये.

शुक्ला : मैंने अभी समझया था न मुझे नखरे नहीं चाहिए. चल कपडे उतार वरना…

शिवानी दीदी को मजबूरन अपने टॉप को निकालना पड़ा. ओह उन्होंने अंदर ब्रा नहीं पहनी थी और मेरे ऑंखों के सामने मेरी बहन के शानदार मम्मे पूरी तरह से नंगे थे. मैने दीदी को दिखाने के लिए अपनी नजर नीचे कर ली लेकिन चोर नजरों से मैं उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को निहार रहा था. शिवानी दीदी ने अपने हाथो से अपने बड़े बड़े मम्मे को छूपाने की काफी कोशिश की.

लेकिन शुक्ला ने उनका हाथ हटा दिया और उनकी दोनों बड़ी बडी नंगी चूचियों को अपने एक हाथ से बारी बारी से दबाने लगा. बीच बीच में वो शिवानी दीदी की चूचि के निप्पल को भी दबा रहा था. दीदी के निप्पल गुलाबी और भूरे रंग के बीच के कलर के थे और काफी मनमोहक लग रहे थे. शुक्ला ने तभी मेरी तरफ देखा कि मेरी नजर नीचे झुकी हुयी है तो अपने प्लान के मुताबिक बोला.

शुक्ला : और लौंडे तेरा मन नहीं कर रहा है ऐसी चूचियों को दबाने को.

शिवानी दीदी: वो मेरा छोटा भाई है.

शुक्ला : कोई बात नहीं. बड़ी बहिन माँ जैसी होती है न और बेटे को तो दूध पीने का हक़ है न.

शिवानी दीदी: नही. प्लीज ऐसा मत करो. तुम्हे जो करना है कर लो, उसे बाहर भेज दो.

शुक्ला: साली रांड. नाटक करती है. अब देख मैं क्या करता हूँ. चल साले जाकर अपनी दीदी का दूध पी.

शुक्ला ने मुझे थोडा सा धक्का दिया. मुझे ये सारा ड्रामा पता था इसलिए मैं केबल एक्टिंग कर रहा था. मैं धीरे से दीदी की तरफ बढा और शिवानी दीदी को बोला…

मै: सॉरी दीदी…क्या करु.

शिवानी दीदी को लगा की ये आदमी बहुत खतरनाक है साइको टाइप का पर वो क्या बोलती.

तब तक शुक्ला दुबारा से दहाडा चल जल्दी कर. मै आगे बढा और अपना हाथ धीरे से दीदी की चूचियों पे रखा. शिवानी दीदी ने अपनी आंखे बंद कर ली.

शुक्ला: अबे सहला क्या रहा है. मुह में ले उसे और चूस जैसे बच्चे चूसते है. चूस अपनी बहन के निप्पल.

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मैने शुक्ला की बात सुनी और अपना मुह दीदी की चूचियों से लगा दिया. मुझे तो ऐसे लग रहा था जैसे मैं आसमान में उड रहा हूँ. आज तक मैंने शिवानी दीदी की चूचियां केवल कपडे में या कम से कम ब्रा में देखी थी लेकिन आज वो चूचियां मेरी ऑंखों के सामने नंगी थी और मैं अपना मुह लगाये उन्हें चूस रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मेरा मुह जैसे ही दीदी की चूचियों से लगा मेरे पूरी तरह से खडे लंड ने एक जोर का झटका मारा. शिवानी दीदी भी सिसकने लगी. ये सिसकियाँ दुःख की बजह से नहीं बल्कि मस्ती की बजह से थी. उन्हें धीरे धीरे अच्छा लग रहा था. इधर शुक्ला ने अपना मोबाइल निकाला और कैमरा ऑन करके रिकॉर्ड करने लगा.

मैं तो बस शिवानी दीदी के बड़े बड़े दोनों मम्मो को अपने दोनों हाथो में पकडे उसे पूरे मन से चूस रहा था और बीच-२ में दीदी के निप्पल को अपनी जीभ से छेड देता था जिससे दीदी आहः आहह करने लगती थी. वो अब मज़े ले रही थी क्योकि वो बीच-२ में मेरे सर को पकड़ कर अपने चूचि पे दबा देती थी. हो भी क्यों नहीं. अभी तक उनकी शादी नहीं हुयी थी तो प्यासी तो वो होगीं ही.

आज जब उनके अंगों को मैं ऐसे निचोड़ रहा था तो वो अपने आपको रोक नहीं पाई. उधर शुक्ला अपने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था और मैं शिवानी दीदी के दोनों चूचियों को बारी बारी से चूस रहा था और अपने हाथो से दबा भी रहा था. दीदी भी आंखे बंद किये हुए थी और अपनी चूचियां चुसवा रही थी. अभी उसे ये भी होश नहीं रहा था की वो अपने भाई से चुसवा रही है. जो भी हो मुझे भी पूरा मजा आ रहा था और शिवानी दीदी को भी. तभी शुक्ला की आबाज मेरे कानों में पडी.

शुक्ला : बस कर बहनचोद. कुछ नया करते है…

मै : अब और क्या?

मै अन्जान बनते हुए ये पुछ बैठा…

शुक्ला : साले जैसा बोल रहा हु बस वैसा कर… कोई चपड़ चपड नहीं…

मै अंदर ही अंदर उनकी बात पे सोच रहा था की बहुत ही अच्छी एक्टिंग कर रहा है शुक्ला. दीदी की तो फट ही गयी आज.

शुक्ला: (दीदी की तरफ इशारा करके) अब तू इसका लंड चूस.

शिवानी दीदी: ये मुझसे नहीं होगा…

उनका इतना बोलना था की शुक्ला ने एक जोर का थप्पड़ दीदी के गाल पर जड दिया फिर उनकी नंगी चूचि को जोर से दबाते हुए बोला.

शुक्ला: जो बोला है वो चुपचाप करो नहीं तो वो हाल करूंगा की जिंदगी भर याद करेगी. चल साली…

शिवानी दीदी दर्द से चीख़ उठी. अब दीदी घुटनो के बल मेरे सामने बैठी और उसने मेरे पेंट का जीप खोला और अपना हाथ अंदर डाल के मेरे लंड को बाहर निकाला. शिवानी दीदी की चूचि चुसते हुए मेरा लंड पूरा तन के खडा हो चुका था. मेरा लंड शुक्ला की तरह नहीं था लेकिन ७ इंच का जरूर था.

शिवानी दीदी थोड़े असमंजस की हालत में मेरे लंड को अपने हाथो से पकड़ा और मेरे लंड के चमडे को ऊपर नीचे करने लगी. शुक्ला ने कमरे से रिकॉर्ड करते हुए दीदी को इशारा किया की मेरे लंड को मुह में ले. शिवानी दीदी मजबूर थी और उसने आगे और कुछ नहीं सोचा.

बस उसने मेरे लंड का सुपाडा अपने गरम मुह में लिया और मैंने भी दीदी को लंड अंदर लेते देख जोश में आ गया और अपने लंड को आगे सरका दिया. मेरा मोटा और लम्बा लंड शिवानी दीदी के मुह के अंदर चला गया. शिवानी दीदी भी अपने मुह को मेरे लंड के ऊपर आगे पीछे करने लगी. वो बहुत ही तरीके से मेरे लंड चूस रही थी.

शुक्ला : तुम्हे लंड चुसते देख के लगता है की काफी प्रैक्टिस है तुम्हे लंड चूसने की.

शिवानी दीदी ने कोई जवाब नहीं दिया. शुक्ला ने फिर जोर से पुछा बता साली सच क्या है और शिवानी दीदी ने मेरे सामने एक शाकिंग बात बतायी की लखनऊ में उनका एक बॉयफ्रेंड था. उन्होंने उसका लंड कई बार चूसा है.

शुक्ला : साली रांड तब तो चुदी भी बहुत होगी. बोल साली कितनो से चुदी है.

शिवानी दीदी: कभी भी नहीं. उसने काफी जोर दिया था लेकिन फिर मैं यहाँ आ गयी और हमारा ब्रेकअप हो गया.

ये सुनते ही शुक्ला गब्बर सिंह की तरह से हॅसने लगा और बोला साली २४ की उम्र में भी अनचुदी है.

शिवानी दीदी रुकी नहीं और मेरे लंड को बडी बारीकी से चूसती रही. अब शुक्ला भी शिवानी दीदी के पास आ गया और उसने इशारा किया की दीदी उसका लंड भी चूसे. अब शिवानी दीदी ने बिना किसी दिक्कत के शुक्ला का चैन खोला और उनका ९ इंच लम्बा लंड बाहर निकाला.

पहली बार शुक्ला के लंड को देखके तो दीदी की आँखे चौड़ी हो गयी लेकिन अगले ही पल उसने शुक्ला का मोटा लंड अपने मुह के अंदर कर लिया और मस्ती में चूसाई करने लगी… शिवानी दीदी को लंड चुसते देख लग ही नहीं रहा था की वो किसी अजनबी का लंड चूस रही है.

ऐसा लग रहा था की वो बरसो की भूखी है लण्ड के लिए और उसे बस पूरा का पूरा निगल जाना चाहती है. शुक्ला ने शिवानी दीदी का सर पकड़ लिया और अपना लंड उसके मुह के अंदर बाहर करने लगा. कुछ देर तक शुक्ला ने शिवानी दीदी के मुह की चुदाई अच्छे से की और फिर अपने प्लान के मुताबिक उसने दीदी को खडे होने के लिए बोला और शिवानी दीदी से बोला चल अपनी पेंट भी निकाल दे.

शिवानी दीदी : और क्या करबाओगे. प्लीज देखो मेरा भाई है यहाँ पे.

शुक्ला : साली बहुत भाई भाई कर रही है पहले उसी से चुदाऊँगा तुझे. २४ साल की हो गयी बेकार में अपना बदन सुखा रही है. घर में लौंडा है. इस से रोज़ चुदना चाहिये तुझे.

शिवानी दीदी: शर्म आनी चाहिए तुम्हे.

शुक्ला : शर्म! साली अभी जब इसका लंड चूस रही थी तब शर्म नहीं आई.

शिवानी दीदी ने अपना सर झुका लिया. शुक्ला ने आगे बढकर दीदी की पेंट उतार दी. दीदी कुछ नही बोली, उसे पता चल गया थी की बिना कपडे उतारे ये टलने वाला नहीं है. शिवानी दीदी मेरे और शुक्ला के सामने अपनी ब्लैक पेंटी में खड़ी थी. शुक्ला ने अपने मोबाइल से दीदी का एक फोटो ले लिया और फिर से विडियो रिकॉर्ड करने लगा.

उसने शिवानी दीदी को पास आने के लिए बोला और जैसे ही दीदी उसके बगल में आयी उसने शिवानी दीदी को इशारा किया की वो आगे की तरफ झुक जाये. फिर शुक्ला ने शिवानी दीदी की चूतड पे अपना हाथ फेरा जैसे ही शिवानी दीदी आगे को हुई उनकी बड़ी सी गांड शुक्ला की तरफ निकल आयी थी जो बहुत ही मनमोहक लग रही थी.

शुक्ला ने पहले तो शिवानी दीदी की चूतड़ को सहलाया फिर उसने दीदी की ब्लैक पेंटी को धीरे से नीचे किया और उनके पैरों से निकाल कर उतार दिया. शिवानी दीदी मुझे कपडे में ही बहुत हॉट लगती थी क्योंकि उनकी चूचियां और चूतड़ काफी बड़ी थी. लेकिन अभी वो मेरे सामने पूरी नंगी थी.

शिवानी दीदी के मांसल जांघो और बिना झांटो की उभरी हुई पाव रोटी जैसी चूत को देखकर मेरा मन झूम उठा. दीदी की केले के तने की तरह चिकनी जांघे बहुत ही मोटी मोटी थी और गोरे रंग की होने की वजह से क़यामत ढा रही थी. शुक्ला अपनी उँगली से शिवानी दीदी की चूत को छेडने लगे और दीदी इस बजह से सिसकारियां मारने लगी.

शुक्ला ने अपनी एक उँगली शिवानी दीदी की चूत ने घुसा दी. दीदी की चूत पहले ही पानी छोड़ रही थी. उँगली एक झटके में ही अंदर चली गयी. शुक्ला अपने एक हाथ से सब कुछ रिकॉर्ड कर रहा था और अपने दूसरे हाथ से दीदी की चूत के साथ खेल रहा था.

जब शिवानी दीदी की चूत से रस टपकने लगा तब शुक्ला दीदी का रस उँगली में लगा के शिवानी दीदी की गांड के छेद पे लगाने लगा. वो शिवानी दीदी की गांड को भी नहीं छोड़ना चाहता था. उसने मुझे बताया भी था की शिवानी दीदी की सबसे अच्छी चीज़ उसे गांड ही लगती है. शुक्ला ने चूत के रस से सने अपनी उँगली शिवानी दीदी की गांड के छेद पे रख कर धीरे से अंदर ढकेल दी. शिवानी दीदी दर्द से चीख पड़ी अहह… ओह…

शिवानी दीदी: बहुत दर्द हो रहा है. प्लीज निकाल लो इसे.

शुक्ला : डार्लिंग…यही बात तो है… पहले दर्द होता है… फिर मजा आता है… तुम बस देखते जाओ…

शिवानी दीदी: प्लीज… पीछे नहीं करो… दर्द होता है वहां…

शुक्ला ने दीदी की कोई बात नहीं मानी और अपनी उँगली शिवानी दीदी की गांड के अंदर बाहर करने लगा. शिवानी दीदी दर्द से तडप रही थी और शुक्ला शिवानी दीदी की गांड की छेद को ढीला करने में लगा था… पहले एक उँगली घुसाई फिर उसने अपनी दो उँगली शिवानी दीदी की गांड में घुसा दी… शिवानी दीदी जोर से चीख़ उठी.

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शिवानी दीदी: प्लीज रहम करो…

शुक्ला: चलो तुम्हारा दर्द कम करता हूँ…

शुक्ला ने मुझे इशारा किया और मैं दीदी की आगे जाके खडा हो गया और शुक्ला ने इशारा किया की अपना लंड दीदी के मुह में डाल दो.

शुक्ला : चल रानी अपने भाई का लंड मुह में लेके चुसो दर्द कम हो जाएगा.

शिवानी दीदी ने मेरा लंड अपने मुह में ले लिया और उसको चुसने लगी.

शुक्ला: अबे धक्के लगा उसके मुह मे.

शुक्ला की बात सुनते ही मैंने शिवानी दीदी के मुह में धक्के लगाने लगा और उधर शुक्ला शिवानी दीदी के गांड की छेद को बड़ा करने में लगा था. वो अपनी दोनों उँगली को शिवानी दीदी के गांड के अंदर बाहर कर रहा था. बीच बीच में वो अपने हाथ से शिवानी दीदी के चूतड पे चांटा भी मार देता.

जब से शिवानी दीदी लंड चुस्ने में मगन थी वो शांत थी. इस बात का शुक्ला ने फायदा उठाया. उसने मोबाइल एक किनारे पर सेट कर दिया ताकि पूरे कमरे की रिकॉर्डिंग होती रहे और दीदी के डेसिंग टेबल पे पड़े हुए तेल की शीशी को उठा लिया और पूरी बोतल दीदी की फ़ैली हुयी चूतड पे गिरा दी और अपने हाथो से शिवानी दीदी की चूतड की और अपने लंड की मालिश करने लगा.

जब उसने पूरा तेल दीदी की चूतर पे चुपड दिया फिर उसने अपनी उँगली फिर से शिवानी दीदी की गांड में घुसा दी. फिर दूसरी और फाइनली तीन उँगली शिवानी दीदी की गांड में घुसा कर शुक्ला अंदर बाहर करने लगा. दीदी मेरा लंड चुसने में लगी थी और तेल लगा होने की वजह से शुक्ला की उँगली आसानी से शिवानी दीदी की गांड में घुस गई.

और अब शुक्ला अपने तीनो उँगलियों को गोल बनाके अन्दर बाहर करने लगा जैसे की कोई लंड अंदर बाहर हो रहा हो. जब शुक्ला ने अपनी तीनो उँगली बाहर निकाली तो शिवानी दीदी की गांड की छेद एक बड़े होल की तरह लग रहा था. गांड फ़ैल गयी थी. शुक्ला ने अपने सुपारे को शिवानी दीदी के गांड के उसकी गोल छेद पे टीका दिया.

मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था की कैसे शुक्ला का इतना बड़ा लंड शिवानी दीदी के गांड के अंदर चला जायेगा लेकिन शुक्ला तो उस्ताद आदमी था. शिवानी दीदी घोड़ी बनी हुयी थी और शुक्ला ने मुझे इशारा किया की मैं शिवानी दीदी को आगे से थाम लूं और पीछे से शुक्ला ने शिवानी दीदी के गांड के छेद में अपने लंड का सुपाडा टिका के दीदी की कमर को पकड़ा और एक तेज धक्का दे दिया.

गांड के अंदर रास्ता पहले से ही बना था और उसपे तेल की चिकनाइ थी. शुक्ला का लंड भी तेल से सना था. शुक्ला के इस जोरदार धक्के से उसका लंड मेरी बहन की गांड को चीरता हुआ अंदर तक चला गया. शिवानी दीदी दर्द से छटपटा उठी लकिन आगे से मैंने उन्हें थाम रखा था. शिवानी दीदी के आँख से आंसू निकलने लगे.

शिवानी दीदी: ओह्ह…मर गयी मैं…प्लीज मेरे गांड से अपना लंड निकाल लो.

शिवानी दीदी ने मेरा लंड अपने मुह से निकाल के शुक्ला से रिक्वेस्ट किया…लेकिन शुक्ला ने अपने लंड को अंदर बाहर करना बंद नहीं किया और अपना हाथ बढाकर शिवानी दीदी की दोनों चूचियों को दबाने लगे और अपना प्रहार जारी रखा. शिवानी दीदी धीरे-२ शान्त होने लगी शायद उन्हें मजा आने लगा इसलिए उसने मेरा लंड फिर से अपने मुह में ले लिया और शुक्ला से गांड मरवाने का मजा लेने लगी.

मै चुपचाप अपना लंड शिवानी दीदी से चुसवा रहा था लेकिन शुक्ला को शिवानी दीदी की गांड मारते देख सोच रहा था की जब शुक्ला ने मुझे प्लान समझाया था उनहोने शिवानी दीदी की गांड मारने की बात नहीं कि थी. केवल उनकी चूत लेने का प्लान था. लेकिन इस वक़्त शुक्ला शिवानी दीदी की चूत मारने से पहले उनकी गांड की बैंड बजा रहा था.

वैसे सच कहु तो मेरा मन भी दीदी की चौड़ी चूतड को देखकर उनकी गांड मारने का ही हो रहा था और शुक्ला तो खिलाडी आदमी था. शुक्ला अपना लम्बा और मोटा लंड शिवानी दीदी की गांड में पूरा का पूरा एक ही धक्के में घुसा देता और फिर एक ही झटके में निकाल लेता…

शिवानी दीदी की गांड अब ढीली हो गयी थी और जब शुक्ला का लंड दीदी के गांड से निकलता तो वहां पे रेड रेड गोल होल दिखाई देता था और फिर धीरे धीरे वो होल बंद हो जाता था और जैसे ही गोला बंद होता शुक्ला अपना लंड वहां पे लगा कर एक ही धक्के में अंदर कर देता.

शुक्ला : जानेमन अब तो दर्द नहीं हो रहा है तुम्हे.

शिवानी दीदी : न… ही.

दीदी ने धीरे से शुक्ला को जवाब दिया और फिर से मेरा लंड अपने मुह में ले लिया. मेरा मन हो रहा था की दीदी की चूत और गांड में अपना लंड डालु और मैंने शुक्ला की तरफ देखा और इशारा किया क्योकि मुझे डर था की कही मैं शिवानी दीदी की मुह में ही डिस्चार्ज न हो जाउ. शुक्ला मेरा दर्द समझ गया और उसने अपना लंड शिवानी दीदी की गांड से निकाल लिया और मुझे इशारा किया की मैं उसका पोजीशन ले लू…

शुक्ला : चल यहाँ आ जा तू भी मजा ले ले अपनी बहन का.

शुक्ला का इतना कहना था कि मैंने शिवानी दीदी की मुह से लंड निकाला और शिवानी दीदी के पीछे आ कर खडा हो गया और अपना लंड शिवानी दीदी की गांड से अपना टिकाये और एक जोरदार धक्का दिया. मेरा लंड सरसराता हुआ शिवानी दीदी की गांड में समां गया. ये मेरा पहला अनुभव था की मैंने अपना लंड किसी की गांड में डाला हो इसलिए उतेजना बहुत थी.

मैंने शिवानी दीदी की चूतडो को हाथ में पकड़ा और अपना लंड आगे पीछे करने लगा. शुक्ला ने मेरा पोजीशन लिया और अपना लंड शिवानी दीदी की मुह में डाल दिया और शिवानी दीदी बिना रुके उनका लंड चुस्ने लगी. शिवानी दीदी को अब इस बात से भी कोई दिक्कत नहीं थी की उनका भाई अपनी दीदी की गांड मार रहा था. कहते है एक बार जब बाँध टूट जाता है तो फिर पानी नहीं रुकता.

शिवानी दीदी के साथ भी कुछ ऐसा ही था. जब वो मेरा लंड चूस चुकी थी और मेरे सामने उनकी गांड की सील टूट चुकी थी फिर क्या फ़र्क़ पड़ता है की वो भाई के लंड से चुद रही हो या किसी और के लंड से. कुछ देर तक मैं ऐसे ही शिवानी दीदी की गांड मारता रहा. शिवानी दीदी शुक्ला का लंड चुस्ती रही लेकिन आखिर दीदी की चूत में भी खुजली मचनी जरूरी थी और वो घोड़ी बनी हुई थक भी चुकी थी.

शिवानी दीदी: प्लीज… मेरा पैर अब दुखने लगा है.

दीदी ने शुक्ला से रिक्वेस्ट किया और शुक्ला ने दीदी का रिक्वेस्ट मान लिया. अब उसका भी मन शिवानी दीदी की चूत चोदने का था…

शुक्ला : चलो ठीक है… अब हम बिस्तर पे लेट के करते है…

शुक्ला ने अपने मोबाइल से हमारा सारा फकिंग सेशन रिकॉर्ड भी कर रहा था तो उसने मोबाइल बेड की तरफ सेट कर दिया और बिस्तर पे आकर लेट गया और उसने शिवानी दीदी को इशारा किया की वो उसके तने हुए लंड पे आके बैठ जाए… शिवानी दीदी को लगा जैसे की उनकी जान बची हो.

अब कम से कम उन्हें बिस्तर पे लेट के कुछ करना पडेगा और साथ में उनकी चूत की खुजलि भी शांत होगी. इतनी देर हम लोग उनके गांड के पीछे ही पड़े थे लेकिन उनकी चूत में जो आग लगी थी उसे कोई शांत नहीं कर रहा है. शुक्ला ने फोन के साथ साथ अपनी गन भी रख दी थी लेकिन दीदी को अब इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.

शुक्ला बेड पे लेटा था लेकिन उसने अपना मास्क अभी तक नहीं निकाला था. उसका बड़ा सा लंड अभी भी बिलकुल खडा था और एक पोल की तरह से वर्टीकल तना था. शिवानी दीदी अपने पैरों को शुक्ला के लंड के दोनों तरफ सेट की और फिर थोड़ी सी बैठी जिस से शिवानी दीदी की चूत शुक्ला के लंड के सुपारे से लग गयी और उसके लंड को हाथ से पकड़ के शिवानी दीदी ने अपनी चूत पर सेट किया और थोड़ी सी बैठी.

अभी वो बैठी ही थी की तेज दर्द हुआ उन्हें. आज तक सच में किसी से चुदी नहीं थी बेचारी. भले ही चुदाई की उमर हो गई थी लेकिन उनका वो छेद अभी तक टाइट ही था. अच्छी बात ये थी की शिवानी दीदी की चूत गीली हो चुकी थी और उस गीलेपन की वजह से थोड़ी दिक्कत ही सही शिवानी दीदी धीरे धीरे शुक्ला के लंड पे बैठती गयी और शुक्ला का पूरा बड़ा सा लंड शिवानी दीदी ने अपने अंदर ले लिया.

जैसे ही शुक्ला का पूरा लंड शिवानी दीदी की चूत में घुसा शिवानी दीदी थोड़ी देर तक शांत होके उसके लंड पे बैठी रही और जब उसे लगा की दर्द थोड़ा कम हो गया है और साथ में शुक्ला ने भी उसकी चूचियों को अपने हाथ में पकड़के उसकी निप्पल्स को दबाना शुरू किया जिस से दर्द कम हो सके.

तो शिवानी दीदी में हिम्मत आयी और अब वो अपने चूतर को ऊपर उठा उठा के शुक्ला के लंड पे दबाने लगी. जब शिवानी दीदी अपना चूतर शुक्ला के लंड से उठाती लंड बाहर आता और जैसे ही शिवानी दीदी अपनी बड़ी चूतर को नीचे लाती पूरा लंड अंदर उनकी चूत में समां जाता था. मेरे लिए बहुत ही मनमोहक सीन था.

मैंने शुक्ला का फोन उठा लिया और इस वक्त उन दोनों की चुदाई का क्लोज अप मैं उनके कैमरा में रिकॉर्ड कर रहा था. शिवानी दीदी अब मज़े से शुक्ला के लंड के ऊपर कूद रही थी और रूम में बहुत ही मनमोहक सीन था… सब के सब नंगे थे…

मेरा लंड भी अभी तक खडा था और मुझे भी अपने लंड का माल निकालना था. मैने शुक्ला की तरफ देखा और उसने इशारा किया की शिवानी दीदी के पीछे आ जाउ. में उसकी बात समझ गया और दीदी के पीछे पहुच कर मैंने मोबाइल एक तरफ सेट करके रखा और अपना लंड शिवानी दीदी की गांड के छेद से लगा दिया. शिवानी दीदी समझ गयी और वो लंड पे कूदती हुयी रुक गयी…

शिवानी दीदी: ये क्या कर कर रहे हो तुम.

मै: वो मैं नहीं दीदी वो तो.

मुझे समझ में ही नहीं आया की क्या कहें…

दीदी कहीं ये न समझ जाये की मैं अपनी मर्ज़ी से दीदी को चोद रहा हूँ तभी शुक्ला ने मुझे बचा लिया.

शुक्ला: मैंने बोला है उसे ऐसा करने के लिये. क्यों मना कर रही हो… दो दो एक साथ नसीब वालो को मिलते है. लेकर देखो. बड़ा मजा आयेगा.

शिवानी दीदी कुछ बोली नहीं क्योकि अब वो भी इन सब का मजा लेना चाहती थी और मैंने अपने लंड को शिवानी दीदी के गांड के होल में पेल दिया… अब शिवानी दीदी अपने दोनों छेद में लंड लिए हुए थी… मैंने दीदी को आगे की तरफ लिटा दिया शुक्ला के ऊपर और अपना लंड शिवानी दीदी की गांड में तेजी से पेलने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

इस बार मेरे धक्के का फ़ोर्स ज्यादा था और मैंने अपना सारा वीर्य शिवानी दीदी की गाँड के छेद के अंदर गिरा दिया और अपना लंड बहार निकाल के खडा हो गया उनके बगल में. बेड पे पड़े हुए टॉवल को उठा के अपने लंड पे लगे हुए वीर्य को साफ़ करने लगा. उधर मेरे उठते ही शिवानी दीदी फिर से शुक्ला के लंड पे कूदने लगी और अचानक शिवानी दीदी की स्पीड भी कम हो गई.

में समझ गया की शिवानी दीदी भी झर गयी है. उनके झरते ही शुक्ला ने शिवानी दीदी को उल्टा कर दिया और बेड पे घोड़ी बना के अपना लंड दीदी की गांड में डाल दिया. मेरी तरह से वो भी कुछ धकके शिवानी दीदी की गांड में लगाने के बाद झड गया. शिवानी दीदी की गांड मेरे और शुक्ला के वीर्य से पूरा लबालब भरी हुई थी.

अभी शिवानी दीदी बेड पे निढाल पड़ी थी और शुक्ला उठ कर अपने कपडे पहनने लगा. शिवानी दीदी पूरी नंगी बेड पे लेटी थी शायद उनमे उठने का दम नहीं बचा था. दो दो मर्दो से इतनी चुदी थी आखिर वो… शुक्ला ने कपडे पहनने के बाद अपना कैमरा और गन अपने पॉकेट में रखा और शिवानी दीदी के पास जाकर अपना नकाब उतार कर उसने दीदी को चूमा. दीदी ने जब शुक्ला का चेहरा देखा तो दीदी चौंक गयी.

शुक्ला: जानेमन तुम्हे मजा आया की नहीं.

शिवानी दीदी कुछ बोल नहीं पा रही थी लेकिन उनके चेहरे पे जो संतोष था उसको देखके कोई भी बोल सकता था की उसे आखिर में बहुत ही खुशी मिली थी. इतने सालों से उनकी चूत और गांड की गर्मी जो शांत हुयी थी.

फिर शुक्ला ने फाइनली अपना लास्ट डायलाग मार ही दिया…

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शुक्ला : डार्लिंग तुम तो जानती ही हो की मैंने तुम्हारा वीडियो रिकॉर्ड कर लिया है. अगर किसी को भी कुछ बताने की कोशिश की तो इसे इंटरनेट पे डाल दूंगा की तुम अपने भाई से चुदवाती हो.

शिवानी दीदी: प्लीज शुक्ला ऐसा मत करना. जो तुम चाहते थे सब तो तुमने कर लिया. मैं किसी को कुछ नहीं बताऊँगी…

शुक्ला : गुड गर्ल. मैं भी ये इंटरनेट पे नहीं डालुंगा. अखिर तुमने मेरी भी बरसो की भूख मिटाई है. मैने बहुत सी लड़कियों को चोदा लेकिन तुम स्पेशल हो… चलो फिर मिलते हैं. टेक केयर.

और शुक्ला अपने स्टाइल में हमारे फ्लैट से निकल गया…

मै अब क्या करता. अपनी रोनी सी सुरत बना के दीदी के पास बैठ गया…

मै: दीदी. मुझे माफ़ कर दो. मुझे तुम्हारे साथ ऐसा नहीं करना चाहिए था.

शिवानी दीदी: अब जाके सो जाओ बाद में बात करेंगे.

मै : लेकिन आप मैं कुछ हेल्प करुं.

शिवानी दीदी: मैं मैनेज कर लुंगी. तुम जाओ… हाँ… ये बात गलती से भी किसी से मत करना.

मै : ओके दीदी.

और मैं शिवानी दीदी के कमरे से निकल कर बाहर आ गया. शिवानी दीदी अभी तक बेड पे वैसे ही लेटी हुयी थी. ये अच्छी बात थी शुक्ला ने शिवानी दीदी की चूत में अपना माल नहीं गिराया था…नहीं तो दीदी के लिए मुश्किल हो जाती… अभी वो अनमैरिड थी. दीदी को गोली वोली खानी पड़ती पर शुक्ला ने दीदी को अपना चेहरा क्यों दिखाया मैं नहीं समझा.

रात को सोते बक्त देर तक मुझे नींद नहीं आयी. बार बार यह सोच कर अजीब फील होता की कल तक कभी दीदी के बारे में सोचा भी नहीं था और आज बडी आसानी से मैंने अपने लंड को दीदी की चूत और गांड में डाल दिया. एक पल को बुरा भी लगा रहा था और दूसरे ही पल ये सोच के मन को बहला लेता की अगर दीदी की शादी हो चुकी होती तो दीदी ऐसे ही अपने पति से चुदती और वो भी रोज चुदाती… इसलिए क्या फर्क पड़ता है की मैंने दीदी को चोदा या शुक्ला ने दीदी को चोदा.

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