Kamuk Bahan Ki Garmi
मैं खुशबू, उम्र 18 साल, गांव : रामपुर, अभी मैं नॉएडा में रहती हु, आज मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हु, ये चुदाई की कहानी मेरे और मेरे बड़े भाई जान दिलशाद की है, आज मैं आपको अपनी चुदाई की पूरी कहानी सूना रही हु, कैसे मेरा भाई मेरे चूत की प्यास को बुझाया और मुझे शांत किया. Kamuk Bahan Ki Garmi
मैं वासना की आग में बहूत दिनों से जल रही थी, मेरी चूत की गर्मी शांत नहीं हो रही थी, मुझे लंड चाहिए था, और आखिरकार, मुझे शांत किया मेरा अपने सगे भाई ने. मैं नॉएडा में रहती हु, मेरे साथ मेरी एक छोटी बहन, जो की अभी ८ साल की है, मेरी भाभी और मेरे भैया, भैया को अपना सलून का काम है और भाभी मेरी मसाज पार्लर में काम करती है.
हम दो बहने घर पर रहते है, पापा मम्मी दोनों उत्तर प्रदेश में अपने गाँव में ही रहते है. मैं जब छोटी थी तभी मैंने अपने कई सारे दोस्तों से सुनी की, चूचियां दबबाने में बहूत मजा आता है, कई लड़कियां अपने पड़ोस के लड़के से अपनी चूचियां दब्बाती थी, मेरा भी मन करता था पर परिवार बाले के डर से ये कदम कभी नहीं उठाई.
फिर नॉएडा आ गई थी, यहाँ टीवी पर किस करते हुए या तो सुहागरात मानते हुए देखती थी तभी से मेरी चूत में पानी आ जाती थी, धीरे धीरे मेरी तड़प बढ़ने लगी. और मैं मजे लेने लगी. इमरान हाश्मी को देखकर लगता था काश मुझे भी मेरे होठों को भी ऐसा कोई चूसता तो कितना मजा आता सच पूछिए तो मैं परेशां होने लगी चुदवाने के लिए.
रात सोती थी तो अपनी चूच को खुद ही दबाती, और अपने चूत को सहलाती, और जब मेरी चूत से गरम गरम पानी निकलता तो अपने ऊँगली में लगा को चाटती थी, वो नमकीन स्वाद मुझे मदहोश करने लगी थी. अब मेरी चूत बहूत ही प्यासी रह जाती क्यों की खुद से कुछ नहीं होता था.
इसी बिच, मेरी भाभी प्रेग्नेंट हो गई, और डॉक्टर ने कहा की अब आप दोनों वाइफ हसबंड चुदाई नहीं करनी है, तो वो दोनों चुदाई नहीं करने लगे. ये बात मेरी भाभी ने मुझको बताई, फिर कुछ ही दिन बाद भाभी के मायके बाले आये और भाभी को ले गए, क्यों को बच्चा उनके मायके में ही होना था.
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इसलिए, अब भैया रोज रात को घर लेट आते, वो भी काफी नशे में होते थे, अक्सर वो बाहर ही खाना खाते थे, मैं देर रात तक टीवी देखती और फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर, अपने चुचियों को दबाती और अपने चूत को सहलाती, फिर धीरे धीरे मैं अपने चूत में ऊँगली करने भी सिख गई थी.
रोज रोज अब रूटीन हो गया था, मैं खुद अपने चुचियों को दबा कर अपने चूत में ऊँगली करती, मैं काफी ज्यादा कामुक हो जाती. मेरी साँसे काफी तेज तेज चलने लगती थी, पर प्यासी की प्यासी ही रह जाती थी, मुझे अब सच का लंड अपने चूत में चाहिए था, पर कोई कदम उठाने से डरती थी. कभी तो लगता था भाई को ही पटा कर चुदवा लूँ,
एक रात की बात है करीब १२ बज रहे थे, मुझे लगा की आज भैया नहीं आयंगे, क्यों की वो कई बार नहीं भी आते थे, वो अपने दोस्त के यहाँ रह जाते थे क्यों की उनकी दोस्त की बीवी से भैया का चक्कर था, तो मुझे लगा हो सकता था की आज भैया नहीं आयेंगे.
तभी केवल पर एक फिल्म आ रही थी कमसिन जवानी, वो बी ग्रेड की मूवी थी. बहूत मजे ले रही थी फिर मैं अपने सारे कपडे उतार कर, अपने चूच को सहला रही थी और चूत में ऊँगली डाल रही थी. आँखे बंद थी सिसकियाँ ले रही थी, चूतड़ उठा उठा का आह आः आः आह आह आह आह आह उफ़ कर रही थी.
मेरी चूत काफी गीली हो गई थी, खूब मजे ले रही थी. अपने होठ को अपने दांतों से काट रही थी. मैं अपने आप में ही मस्त थी हलकी सी रौशनी थी कमरे में, जब मेरी आँख खुली तो देखि भैया मेरे सामने खड़े है, और नंगी बेड पर हु, उनकी आँखे लाल लाल थी. मैं समझ गई की वो ड्रिंक किये हुए है, मैं वही पड़ी चादर ले ली और अपने तन को ढकने लगी.
भैया ने चादर को छीन लिए और मेरी नंगी बदन को वो घुर घुर कर देखने लगे. और फिर मेरे मेरे करीब आ गए वो इतने करीब की उनके होठ मेरे होठ के पास आ गये, उनके मुह से शराब की बू आ रही थी. मैं बोली भैया ये ठीक नहीं है, तो भैया बोले मैं तेरी तड़प को करीब पंद्रह मिनट से देख रहा हु, आजा मैं तेरी तड़प बुझा देता हु.
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मैं पहले से ही गरम थी और उन्होंने मेरे होठ को चूमने लगे और मेरी चुचियों को दबाने लगे. पहले तो मैं थोड़े शांत थी पर मेरी भी ज्वाला धधक रही थी. मैं भी सहयोग करने लगी. और भैया के होठ को चूसने लगी. ये किसी मर्द को चूमने का मेरा पहला एहसास था.
उसके बाद तो भैया मेरे ऊपर ऐसे टूट पड़े, जैसे एक भूखा भेड़िया एक मेमने पर टूट पडा हो. मैं भी कम नहीं थी. मैं भी बहूत प्यासी थी. मैं उसके लंड को पकड़ ली और दांतों से अपने होठ को काटने लगी. भैया निचे सरक गए और मेरी दोनों जन्घो को अलग अलग कर बिच में अपना मुह घुसा दिए, और मेरी चूत को चाटने लगे.
मैं तड़प रही थी मैं उनके बाल पकड़ कर अपने चूत को चटवा रही थी. मेरी चूचियां बड़ी बड़ी गोल गोल उसपर से पिंक निप्पल तन गया था, चूचियां काफी टाइट हो गई थी. फिर भैया ऊपर आये और मेरे चूच को पिने लगे मेरे मुह से सिर्फ आह आह आह आह आह आ ऊ ऊ ऊ ओ उफ़ उफ़ की आवाज निकल रही थी.
उसके बाद फिर वो निचे गए, और अपना मोटा लंड निकाल कर मेरे चूत के बिच में रख दिए, और अन्दर घुसाने लगे, मुझे काफी दर्द हो रहा था बर्दस्थ नहीं कर पा रही थी मोटा लंड, आज तक मैं कभी चूदी नहीं थी. मैंने कहा भैया धीरे धीरे, उन्होंने कुछ भी नहीं सूना, और फिर से लंड को चूत पर लगा कर जोर से धक्का मारा और उनका पूरा लंड मेरे चूत में समा गया.
मैं कराह उठी. दर्द से बेचैन हो गई. पर कुछ ही देर बाद सब कुछ ठीक हो गया और फिर क्या बताऊँ.मैं जोर जोर से अपना गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी. वो जोर जोर से गाली दे दे के मुझे चोद रहा था, मैं उसके गठीले बदन को सहला रही थी वो जोर जोर से मेरी चुचियों को दबाता हुआ जोर जोर से अपने मोटे लंड को मेरी चूत में पेल रहा था.
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मैं खूब मजे ले रही थी. फिर वो मुझे ऊपर किया मैं उसका मोटा लंड पकड़ कर अपने चूत में छिपा ली. वो मुझे जोर जोर से धक्के दे दे के चोद रहा था, उसके बाद ऊपर से मैं धक्के देती निचे से वो देता. करीब दस मिनट तक वो मुझे ऐसे ही चोदा, फिर वो मुझे डोग्गी स्टाइल में पीछे से चोदने लगा. वो मेरी चूतड पर जोर जोर से मार रहा था और जोर जोर से अपने लैंड को अन्दर बाहर कर रहा था. मैं इस बिच दो बार झड चुकी थी.
उसके बाद वो जोर जोर से आह आह आह आह करने लगा और अपना सारा माल मेरी चूत के अन्दर डाल दिया, हम दोनों एक दुसरे को पकड़ के सो गए. फिर करीब एक घंटे बाद उठे, और फिर से चुदाई करने लगे. पूरी रात हम दोनों ने चुदाई की. दुसरे दिन मंगलवार था भैया की छुट्टी थी. वो मुझे दिन भर चोदे, उन्होंने मेरी चूत की गर्मी शांत की. फिर क्या बताऊँ दोस्तों मैं तिन दिन तक लंगडा कर चली थी. क्यों की बाद में मुझे काफी दर्द हुआ था. अब तो एक नंबर की चुदक्कड हो गई हु. अब तो रोज रात को हम दोनों चुदाई करते है.
Rohit says
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