Didi Ke Sexy Kapde
ये स्टोरी तब की है जब छुट्टी के दिन थे और हम सब लोग घर पर ही थे, मेरी बहन जो कि 25 साल की है वो भी सारा दिन घर पर ही होती थी. मेरी उम्र 18 साल है और उस वक्त हम सब लोग छत पर सोते थे. फिर रोज की तरह जब हम लोग रात के 11 बजे सोने गये. Didi Ke Sexy Kapde
अब हम कुछ इस तरह सोये थे कि मेरे लेफ्ट में मेरी बहन, फिर उसके लेफ्ट में मेरी दादी और माँ पापा नीचे घर में ही सोते थे. अब में रोज की तरह नेट पर फेसबुक और कुछ सर्च कर रहा था. फिर मैंने सोचा कि अब कुछ लव स्टोरी पढ़ते है और मैंने सेक्स कहानी की वेबसाईट खोली.
फिर मैंने देखा कि उसमें एक भाई-बहन की स्टोरी भी है. फिर मैंने वो स्टोरी पढ़ ली और वो मुझे बहुत पसंद आई. अब में अपना लंड सहलाने लगा था. तभी मेरी दीदी ने करवट बदली और मेरी तरफ मुँह करके सो गई. अब उसकी वजह से मेरा ध्यान उसकी तरफ गया और अब में भी उसके बूब्स की तरफ घूर रहा था.
और उसके बूब्स का उभार उसकी नाईट ड्रेस के पतले कपड़े की वजह से साफ नज़र आ रहा था. अब में मन ही मन उन्हें हाथ लगाने की सोच रहा था, लेकिन मेरी हिम्मत नहीं हुई. अब में बस उसे देखकर ही गर्म हो रहा था. अब में दीदी के पूरे शरीर को आँखो से निहार रहा था.
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मुझे आज पहली बार एहसास हुआ कि मेरी दीदी कितनी सुंदर है, अब मेरे मन में हवस पैदा हो गई थी और फिर मैंने हिम्मत करके धीरे-धीरे मेरा हाथ दीदी की छाती की तरफ सरकया तो अब मेरा हाथ कांप रहा था. फिर मैंने हल्के से मेरे सीधे हाथ की पहली उंगली उसके स्तन पर रख दी और 5 मिनट के बाद धीरे से मैंने अपना हाथ उसके स्तन पर रख दिया.
अब में उसके स्तन का गोल शेप महसूस कर सकता था. फिर मैंने इंतजार किया कि कहीं दीदी जाग ना जाए, लेकिन वो गहरी नींद में थी. जब रात के 2 बज गये थे और अचानक से दादी नींद में खांसने लगी तो मैंने झट से मेरा हाथ दीदी के स्तन के ऊपर से हटा लिया और अपनी आँखे बंद कर ली.
अब में कुछ वक़्त तक खामोश रहा और करीब 10 मिनट के बाद मैंने मेरी आँखे खोली तो मैंने देखा कि दीदी अब सीधी लेटी हुई थी. अब मैंने फिर से हिम्मत करके मेरा हाथ उसकी छाती पर रख दिया. अब मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था. “Didi Ke Sexy Kapde”
फिर मैंने धीरे-धीरे उसके स्तन को दबाया, तो क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे एकदम से करंट सा लग गया. अब मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था और हवस का नशा मुझ पर पूरी तरह से चढ़ गया था, अब मेरी हिम्मत बढ़ गयी थी और अब में रुक रुककर दीदी के बूब्स दबाने लगा था.
फिर करीब 15 मिनट के बाद मैंने हिम्मत की और में अपनी जगह से थोड़ा ऊपर सरक गया और मैंने एक हाथ से दीदी के गले के ऊपर की ड्रेस थोड़ा ऊपर कर दी और में झुककर उसके स्तन देखने लगा. उसके स्तन बहुत गोरे थे जो एक दूसरे से एकदम चिपके हुए थे और दोनों स्तनों के बीच ऊपर वाले हिस्से में छोटी सी दरार बन गयी थी.
फिर मैंने हाथ आगे बढ़ाकर दीदी के गले के पास से मेरा हाथ उसके टॉप के अंदर डाल दिया और मेरी एक उंगली को उस दरार में घुसा दिया. पसीने की वजह से उसके स्तनों के बीच थोड़ा गीलापन था. अब में उसके नंगे स्तनों को छू रहा था और उसका मज़ा ही कुछ और होता है.
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अब मेरे लंड से पानी टपकने लगा था और अब में बहुत उत्तेजित हो गया था. फिर में रुक रुककर उसके स्तनों पर हाथ फैरने लगा, उस समय दीदी ने ब्रा पहनी थी तो में सिर्फ़ ऊपर वाले हिस्से में ही अपना हाथ फैर रहा था. फिर मैंने सोचा कि दीदी गहरी नींद में है तो मैंने बिना सोचे ही उसके एक स्तन को दबोच लिया और दबाने लगा.
फिर 5 मिनट के बाद दीदी ने अपना पैर हिलाया, शायद उन्हें मच्छर काट गया था तो मैंने घबराकर अपना हाथ बाहर निकाल लिया और सो गया, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी तो में फिर से जाग गया. अब दीदी मेरी तरफ पीठ करके सोई थी. “Didi Ke Sexy Kapde”
उसकी गांड की दरार में उसका पतला गाउन (नाईट ड्रेस जिसमें पेंट नहीं होती जो कि ऊपर से घुटनो के नीचे तक लंबा होता है) फंस गया था और इस वजह से उसकी गांड का उभार बहुत सेक्सी दिख रहा था. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और फिर में उसके पास गया और अपना हाथ उसकी गांड पर रख दिया.
मेरी बहन ना पतली थी ना मोटी थी. उसका फिगर एकदम शानदार था. इसकी वजह से गांड बहुत मुलायम लग रही थी. अब में और उसके करीब आ गया और पीछे से उसके पूरी तरह से चिपक गया, अब मेरी सांसो की हवा से उसके सिर के बाल उड़ रहे थे.
फिर मैंने हिम्मत करके मेरा अपना पैर दीदी के ऊपर रख दिया और अब मेरा लंड उसकी गांड को पीछे से छू रहा था. अब में हल्के से उसकी गांड पर अपने लंड को रगड़ने लगा. जब मेरा लंड पेंट में ही था और मेरी उसे बाहर निकालने की हिम्मत नहीं हो रही थी. अब मेरा लंड पानी छोड़ने लगा था. “Didi Ke Sexy Kapde”
अब में वैसे ही दीदी के चिपककर लेटा था और मुझे कब नींद लग गई पता ही नहीं चला. फिर जब में सुबह उठा तो मैंने देखा कि दीदी और दादी कब की उठ गई थी और उनका नहाना भी हो गया था. फिर मैंने घड़ी में देखा तो 8 बज गये थे. “Didi Ke Sexy Kapde”
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फिर में भी नहा लिया और जैसे मैंने कल रात दीदी के साथ कुछ किया ही नहीं, ऐसे नॉर्मल रोज की तरह दीदी से बर्ताव करने लगा. अब दीदी भी बिल्कुल नॉर्मल थी तो मेरी जान में जान आ गई, क्योंकि मुझे लगा था कि शायद दीदी ने जागने के बाद मुझे उनसे चिपके हुए लेटे देख लिया होगा, लेकिन शायद में नींद में फिर से अपनी जगह पर सीधा सो गया था. फिर ये दिन चला गया और फिर रात को हम रोज की तरह ऊपर जाकर सो गये. अब में बस इंतजार कर रहा था कि जल्दी से माँ और दीदी सो ज़ाये और में फिर से मज़ा ले सकूँ.
लेकिन आज दीदी माँ की जगह पर सो गई और दादी मेरे पास सो गई. फिर दादी ने पूछा तो वो बोली कि वहाँ पर हवा नहीं आती है इसलिए में यहाँ सो रही हूँ. में निराश हो गया, लेकिन जब सब सो गये तो में उठकर दीदी के पास सो गया और फिर से उसके स्तनों को दबाने लगा और कल की तरह में एक पैर उसकी कमर पर डालकर उसकी गांड को लंड से छूने का मज़ा ले रहा था. अब मुझे बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था, में फिर उस रात ज्यादा कुछ कर नहीं पाया और अपनी जगह पर आकर सो गया और किसी को कुछ पता भी नहीं चला.