Cousin XXX Kahani
मेरा नाम लोकेश है। मैं 6 फिट लम्बा जवान और हैंडसम लड़का हूँ। मुझे सुंदर और खूबसूरत लड़कियों को देखकर कुछ कुछ होने लगता है। मेरे अंदर इतनी हवस है की मैं उस लड़की की चूत की तस्वीर अपने दिमाग में बनाने लग जाता हूँ। जादातर लड़कियों को पटाकर चोद लेता हूँ। Cousin XXX Kahani
मेरी चुदाई के किस्से हर गली में फेमस है। आपको अपने मामा की लड़की की चूत फाड़ चुदाई का किस्सा सुना रहा हूँ। मेरे मामा की लड़की पाखी मेरे घर छुट्टियों में आई हुई थी। वो अब जवान और खूबसूरत हो गयी थी।
पहले मैंने उसे एक दो बार देखा था तब वो पतली पतली और बदसूरत दिखती थी, पर अब बहुत मस्त दिखने लगी थी। पाखी को जब इस बार मैंने देखा तो क्या सही फिगर उसका हो गया था। उसके दूध 32” के इतने बड़े बड़े हो गये थे की सूट से ही दिख जाते थे।
उसे देखते ही मेरा उसे चोदने का दिल करने लगा था। पर सबसे बड़ी बात थी की कैसे पता करता की उसका कोई बॉयफ्रेंड है की नही। वो हमारे घर रहने लगी और एक दिन मैंने उसे टॉयलेट में अपनी चूत में ऊँगली करते पकड़ लिया।
पाखी अपनी सलवार खोल कर जल्दी जल्दी अपनी चूत का मीठा पानी निकाल रही थी। मैंने देखा तो मेरा होश उड़ गया। वो तो मुझसे भी आगे निकली। उस रात मैं उसके असली रंग को समझ गया। अब मैं जान गया था की पाखी भी चुदने को इतनी ही प्यासी थी जितना मैं।
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शाम को मुझे उससे बात करना का वक्त मिल गया। वो मेरे कमरे में आकर टीवी देख रही थी। अब मेरे पास अच्छा वक्त था। मैं भी उसके बगल जाकर बेड पर बैठ गया और उसकी टांग से टांग लडाने लगा। वो मेरी तरफ देखने लगी।
“क्या है लोकेश भैया??” पाखी हंसकर बोली.
“मुझसे चक्कर चलाएगी!! तुझे बड़ा खुश रखूँगा” मैंने कहा.
“क्या??” वो हैरान होकर चेहरा बनाने लगी.
“जादा भोली मत बन। कल रात तू चूत में ऊँगली करके अपना पानी निकाल रही थी। मैंने सब देख लिया है। देख तुझे लंड चाहिए और मुझे मेरी मस्त मस्त बुर” मैंने कहा.
पाखी हक्की बक्की रह गयी थी। उसे उम्मीद नही थी की मैं ऐसा बोलूँगा। मैं उठा और टीवी का बटन बंद कर दिया और अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। सीधा अपने मामा की लड़की के पास चला गया। उसे पकड़कर किस करने लगा। वो अब भी बड़ी हैरान थी।
दोस्तों पाखी आम्रपाली दुबे से कम न थी। देखने में बिलकुल झक्कास माल और क्या सेक्सी दिखती थी। उसका फिगर 32 26 30 का था। उसके दूध छोटे छोटे थे मगर फिर भी उसके चेहरे में वो छप थी की लंड खड़ा हो ही जाता था। मैं सही मौका पा गया था।
पाखी का रंग गोरा था इसलिए नीले सलवार कमीज में वो कुछ जादा ही जम रही थी। वो बेड पर लेटकर टीवी देख रही थी इसलिए मैं उधर ही चला गया। उसे लिटाकर किस करने लगा। उसका चेहरा काफी छोटा था। मैं उसके सेक्सी होठो पर होठ रखकर चूसने लगा। वो चुदासी होने लगी।
“लोकेश भैया!! कोई आ ना जाए??” वो कहने लगी.
“कोई नही आएगी पगली” मैंने कहा और फिर से चूसने लगा.
मामा की लड़की अब पूरी तरह से जवान हो गयी थी। मैं उसके नीले कमीज के उपर से दूध पर हाथ लगाने लगा। पाखी “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी। मैं और जादा प्यासा होने लगा। फिर से उसे किस करने लगा। वो साथ देने लगी।
“नीले सलवार कुर्ते में तू मस्त लगती है” मैंने कहा.
“क्या सच में लोकेश भैया??” वो पूछने लगी.
“सच में मेरी जाने बहार” मैंने कहा और फिर से किस करने लगा।
वो भी अब मुझसे पट गयी।
“चूची दिखा” मैंने कहा.
पाखी अपनी नीली रंग की कमीज को पकड़कर उपर खिसकाने लगी। उसका गोरा गोरा बड़ा सॉफ्ट सॉफ्ट पेट दिखने लगा। देखकर ही मुझे कितना मजा आया। मैं जीभ लगाकर चाटने लगा। उसकी नाभि कितनी सेक्सी थी। उसे भी जीभ लगाकर चाटने लगा।
पाखी ने अपना कमीज उपर किया और ब्रा को उपर करके दोनों दूध बाहर निकाल लिए। उसकी 32” की कसी कसी चूची का दीदार मुझे हो गया था दोस्तों। देखते ही मैं टूट पड़ा और दोनों हाथ उपर रखकर मसलने लगा। दबाने लगा।
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मामा की चुदासी लड़की ……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी। मैं दबा दबाकर रस निकालने लगा। कितने मुलायम दूध थे दोस्तों। बिलकुल रूई जैसे सॉफ्ट। फिर मैं निपल्स को मुंह में लेकर चूसने लगा।
पाखी आहे भरने लगी। मुझे इतना मजा मिलने लगा की क्या बताऊं। मैं अब जोश में आने लगा। मेरा लंड मेरी पेंट में टनटनाने लगा। मेरा कामवासना जाग गयी। मैं उसके नर्म नर्म दूध मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने लगा। खूब देर तक चुसाई कर दी।
“चल सलवार खोल???” मैंने कहा.
“नही नही अभी नही’। कोई आ जाएगा। तुम तो लड़के हो। लड़को की कोई इज्जत नही होती है पर मैं तो लड़की हूँ। रात में कर लेना” पाखी परेशान होकर कह रही रही थी.
“अच्छा ठीक है। अभी 2 मिनट अपनी चूत पिला दे। फिर रात में चूत दे देना” मैंने कहा.
पाखी मान गयी और सलवार की डोरी खींचने लगी। दोस्तों जल्दी से मैं उसकी पेंटी उतारा और चूत पर मुंह लगाकर चाटने लगा। पाखी “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करने लगी। उसकी चूत किसी चमकीली गुलाबी गेंद की तरह चमक रही थी।
देखकर ही मेरी आँखों की पुतली फ़ैल गयी। मैं दर्शन कर करके चाटने लगा। जीभ लगा लगाकर मजा लूटने लगा। उसकी चूत बहुत खूबसूरत थी। मैंने 5 मिनट चूसा और आनन्द लिया। फिर पाखी जल्दी से कपड़े पहनकर चली गयी। वो उपर वाली मंजिल पर बने कमरे में आजकल सो रही थी।
मैं रात होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार करने लगा। अपनी झांटे भी साफ़ कर डाली। किसी तरह रात हुई। मेरे घर के सब लोग 12 बजे तक टीवी देख रहे थे। इसलिए मैं पाखी के पास नही जा सका। उसके बाद सब लोग सो गये। मैं चुप चाप उठा और पाखी के कमरे में चला गया।
“पाखी!! पाखी!! चल जग जा” मैं धीरे से बोला.
वो जाग गयी। हम दोनों अपने अपने कपड़े खोलकर न्यूड हो गये।
“कोई देख लेगा तो बड़ी बदनामी होगी मेरी” वो परेशान होकर कहने लगी.
“तू फट्टू मत बन!! कोई देख लेगा तो मैं जिम्मेदारी ले लूँगा” मैं बोला.
पाखी बिस्तर पर लेट गयी पर अब भी काफी डरी हुई दिख रही थी। मैं भी अपने सब कपड़े उतार कर नंगा हो गया और मामा की लड़की के जस्ट उपर जाकर लेट गया। मैंने उसे 2 मिनट किस किया, फिर दूध मुंह में लेकर चूसने लगा।
कुछ देर बाद मैंने उसके पैर खुलवा दिए और चूत में लंड डाल दिया। मैं उसे अब चोदने लगा। उसे झटके मारने लगा। पाखी चुदने लगी। मेरा लंड खाने लगी। दोस्तों उसकी बुर इकदम मस्त और टाईट टाईट थी। इतनी कसी थी की लंड बड़ी मुस्किल से उसकी चूत में आ जा पा रहा था।
मैं फटाफट झटके मार रहा था। कुछ देर बाद हम दोनों की ट्यूनिंग होने लगी। मेरा लंड उसकी चूत से सेट हो गया। अब मैं और सटासट झटके मारने लगा। पाखी “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” करने लगी। उसकी हालत मुझे और चुदक्कड मर्द बनाने लगी। मैं उसके दोनों रसीले स्तनों को पकड़कर दबा दबाकर झटके मारने लगा। पाखी अब मस्ती में आकर चुदवाने लगी।
“पेलो पलो…. सी सी सी सी..और पेलो मुझे!!” वो जोश में आकर कहने लगी.
वो मुझे ताकत लगाकर दोनों बाहों में जकड़ ली और मेरे गले, गाल पर चुम्मी ही चुम्मी देने लगी। ऐसा लगा की मेरी बीबी है। मुझे खूब प्यार दुलार करने लगी। मैं उसके उपर लेटकर ही उसे पेल रहा था। वो अपने दोनों टांग को किसी रंडी की तरह खोल दी और मेरे पैर में अपनी दोनों टांग फंसा दी।
अब वो खुलकर किसी रांड की तरह चुदवाने लगी। मेरी आग और जल उठी। मैं फटाफट उसकी चूत में ठोकर मारने लगा। पाखी अपनी कमर उठाने लगी। मैं बिना रुके उसकी बुर की चुदाई कर रहा था। वो अब “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी। मैंने 20 मिनट उसे लिटाकर चोदा। फिर लंड बाहर निकाल दिया। उसकी चूत जाकर चाटने लगा।
“चलो पाखी 69 में हो जाओ” मैंने कहा.
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उसके बाद हम दोनों 69 के पोज में आ गये। मैं उसके मुंह में लंड घुसा दिया। वो चूसने लगी। मैं इधर उसकी चूत चाटने लगा। वो मेरा लंड चूसती रही जोर जोर से। लगता की झड़ जाऊंगा। मैं उसकी चूत में ऊँगली कर करके चाटने चूसने लगा।
“चल!! कुतिया बना जा” मैंने कहा.
वो बन गयी। मैंने पीछे से कुत्ते की तरह उसकी चूत की तेज गन्ध को सूघते हुए उसकी बुर के पास पहुच गया। पीछे से जीभ लगाकर चाटने लगा। मामा की लड़की फिर से “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी।
वो जिस तरह से अंगडाई लेने लगी की क्या बताऊं। उसके छोटे छोटे लेकिन कसे दूध नीचे की तरफ झूलने लगे। ऐसे में और भी सेक्सी दिख रहे थे। मैं इस समय पाखी के मस्त मस्त पुट्ठे पर हाथ लगाकर मजा ले रहा था। दोस्तों मेरे मामा की लड़की बड़ी सही सामान थी।
आप लोग उसके पुट्ठे देख लेते तो आपके लौड़े भी खड़े हुए बिना न मानते। मैं दबा दबाकर मजा लेने लगा। कुछ देर पीछे से चूत चाटता रहा। फिर पीछे से अपना लौड़ा उसकी चूत में सरका दिया। चोदने लगा अपने मामा की लड़की को।
वो कुतिया बनी हुई कितनी मस्त दिख रही थी। कुछ ही देर में उई उई …आ आ करने लगी। मैं फिर से सम्भोग करने लगा। अब लंड को काफी अंदर तक डाल रहा था जिससे उसे अधिक से अधिक प्राप्त हो सके।
“फाड़ दो लोकेश!! सी सी सी सी…आज फाड़ दो मेरी गर्म चूत को… ऊँ…ऊँ…ऊँ….” पाखी कहने लगी.
उसकी बात का मैं आज्ञापालन करने लगा। जल्दी जल्दी फाड़ने लगा। मेरी दोनों गोलियां जल्दी जल्दी उसकी गांड के छेद से टकराने लगी। अब पाखी गुलाब जामुन खा रही थी। वो अपने सिर को बेड पर रककर अपना पिछवाडा उपर उठाए हुई थी। जल्दी जल्दी चुदा रही थी।
“आज तेरी चूत का चौराहा बना दूंगा रांड!! आज तू बचेगी नही!!” मैं भी किसी चुदक्कड कुत्ते की तरह चिल्ला रहा था। जल्दी जल्दी धक्के पर धक्के देता रहा। कुछ देर बाद वो घोड़ी बन गयी। अपने घुटने को मोड़कर उसपर घोड़ी बन गयी। मैंने उसके बालो को गोल गोल करके अपने हाथ में लपेट लिया और खटाखट उसे पेलने लगा। कुछ देर बाद मैं झड़ गया।
“आओ रानी!! लंड चूसो ना” मैंने कहा और लेट गया.
पाखी किसी अच्छी गर्लफ्रेंड की तरह आकर मेरा लंड फेटने लगी। फिर चुसना चालू कर दी।
“तुम मुझे धोका तो नही दोगे?? किसी और लड़की को तो नही पटा लोगे??” वो कहने लगी.
“नही जान!! मैं सिर्फ तेरा हूँ” मैंने कहा.
अब मामा की लड़की मेरा लंड ऐसे चूसने लगी जैसी मेरी बीबी हूँ। मस्ती में आकर फेटने लगी और लंड को 10” लम्बा खड़ा कर दिया। सुपाडे को मुंह में लेकर ऐसे चूसती जैसे गर्लफ्रेंड अपने बॉयफ्रेंड का लौड़ा चूसती है। मेरे लंड अब बहुत कठोर हो गया था।
उसकी एक एक नस फूल चुकी थी। अब फिर से चुदाई का मौसम बनने लगा था। पर मैं कपड़े पहनकर बाहर आ गया। अपने रूम में जाकर हो गया। अगले दिन मामा की लड़की का चेहरा गुलाब की तरह खिला हुआ था। वो मुझे देख देख मुस्की मार रही थी। रात वाली चुदाई से वो भी काफी खुश नजर आ रही थी।
“तुझे मजा आया था रात वाली चुदाई में??” मैंने पाखी से कहा.
“बहुत!!” वो बोली.
“आज भी तुझे मजा दूंगा” मैंने कहा.
उस दिन दोस्तों जब रात हुई तो मेरे घर में एक आंटी जी रहने आ गयी। वो मम्मी की खास सहेली थी। वो जाकर पाखी के पास सो गयी। इस वजह से हम लोग मौज मस्ती नही कर सके। 3 दिन तक यही नौटंकी चलती रही।
उसके पास वो आंटी जी चली गयी। तब जाकर मुझे मौका मिला। जैसे ही रात के 1 बजे मैं धीरे से मामा की लडकी वाले कमरे में सटक गया। वो मेरा ही इंतजार कर रही थी। जाते ही हमारी किस चालू हो गयी।
“पाखी!! उस आंटी की वजह से हम दोनों को कितना वेट करना पड़ा” मैंने कहा.
“हाँ लोकेश सही कह रहे हो” पाखी कहने लगी.
हमारी चुदाई वाली रासलीला फिर से शुरू हो गयी। हम दोनों अपने अपने कपड़े नंगे हुए। पाखी ने अपने बालो में शैम्पू कर रखा था। इस वजह से उसके बाल कितने रेशमी और सिल्की दिख रहे थे। वो भी ब्रा और पेंटी खोलकर नंगी हो गयी और मस्त माल दिख रही थी।
“लोकेश!! तुम्हारे लंड पर अपनी चूची से मसाज करती हूँ” पाखी कहने लगी.
“करो!! मैं तुम कबसे वेट कर रहा हूँ” मैंने कहा.
मैं बेड के साइड जाकर लेट गया। पाखी मेरे पास और दोनों दूध को लेकर उसने मेरे लंड पर पकड़ लिया और उपर नीचे करने लगी। मैं कामुक होकर .. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगा। दोस्तों, जैसे चिमटे से रोटी पकड़ लेते है वैसे ही मामा की लड़की ने अपने दोनों मस्त मस्त कबूतर से मेरे लंड को पकड़ लिया था और उपर नीचे करके रगड़ दे रही थी।
मैं तो स्वर्ग का मजा ले रहा था। मेरा लंड उसके दोनों दूध के बीच में जकड़ा हुआ था और जब जब पाखी उपर नीचे करके रगड़ मारती थी तो कितना आनन्द मुझे मिलता था। इस तरह से काफी देर उसने मजा दिया।
“अब तेरे दूध को चोदने की बारी मेरी है” मैंने कहा.
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पाखी लेट गयी। उसके मस्त मस्त आम के बीच में मैंने अपना 8 इंची लंड रखा और दोनों साइड से चूची को पकड़कर जल्दी जल्दी चोदने लगा। पाखी “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी। कुछ देर ऐसे मनोरंजन होता रहा। अब उसकी गांड मारने का बड़ा मन कर रहा था। मैंने उसकी कमर के नीचे 2 मोटा तकिया लगा दिया जिससे उसकी गांड का छेद उपर आ गया। मैं लेटकर उसकी गांड का छिद्र चाटने लगा। जल्दी जल्दी चाट रहा था।
मामा की लड़की मस्ती में आने लगी। मैंने उसकी गांड को चाट चाटकर ही उसे बहुत मजा दे दिया था। अब अपने 8” लौड़े को जल्दी जल्दी मुठ मारकर खड़ा करने लगा। फिर उसकी गांड में घुसाने लगा। फ्रेंड्स, उसकी गांड कसी थी इसलिए अंदर नही जा रहा था। “लोकेश !! लंड पर तेल लगा लो। चला जाएगा” पाखी बोली. “ठीक है मेरी गुलाबो” मैंने कहा और लौड़े पर अच्छे से तेल लगा दिया। उसके बाद फिर से डालने लगा तो घुस गया। मुझे बड़ी ख़ुशी हुई ये देखकर। फिर उसकी गांड चुदाई जल्दी जल्दी कर डाली। कुछ देर बाद मैं झड़ गया।