Bahan Sex Plan
मेरा नाम रितु है. मैं बात को ज्यादा ना बढ़ाते हुए सीधे कहानी पे ही आती हूँ. हम सब फॅमिली बड़े ही ख़ुशी ख़ुशी रहे थे, पापा हम लोगो को बहूत ही ज्यादा प्यार करते थे. और पापा थोड़ा मुझे अलग टाइप बाला भी प्यार करते थे. पर अब पापा जी का ट्रांसफर दुसरे शहर हो गया तो. अब घर पे सिर्फ़ मैं, मम्मी और मेरा भाई ही होते थे. भाई कॉलेज जाता था. Bahan Sex Plan
मैं स्कूल और माँ भी जॉब पे चली जाती थी. भाई को आदत थी की वो रोज रात को सोने से पहले चाय ज़रूर पिता था लेकिन दूध को कभी हाथ भी नही लगता था. माँ सुबह मुझे अपनी स्कूटी पे स्कूल छोड़ देती थी और भाई पापा वाली स्कूटी पे जाता था कॉलेज.
दोपहर को मैं 1 बजे ऑटो से घर आ जाती थी और भाई माँ के आने से कोई एक घंटे पहले ही आता था. पापा को दिसपुर गये हुए 15 दिन हो गये थे और मैं सेक्स के लिए तड़प रही थी. मुझे कोई रास्ता नही दिख रहा था की अब मैं मज़े किसके साथ करूँ और किसे कहूँ की वो मेरी प्यास बुझा दे.
एक दिन की बात है माँ की तबीयत ठीक नही थी तो भाई ने उनसे कहा की उसे आज चाय नही पीनी है. ये बात माँ मुझे बताना भूल गये और सो गये तो मैं चाय लेकर भाई के रूम की तरफ गई. अभी मैं भाई के रूम की खिड़की के पास ही पहुँची थी की एकदम से मेरी नज़र खिड़की से अंदर पड़ी, क्यों की खिड़की थोड़ी खुली हुई थी,
मैने देखा की भाई सिर्फ़ अंडरवेर और बनियान मैं था और कोई किताब पढ़ रहा था और उसके कच्छे मैं उसका खड़ा हुआ लंड दिख रहा था जिसे की वो सहला रहा था. मैं तो ये देख कर बस वहीं खड़ी की खड़ी ही रह गई. मेरी हिमत नही हुई आगे बढ़ने की.
भाई पूरी मस्ती से आपने लंड को सहला रहा था.उसके कच्छे मैं पूरा टेंट बना हुआ था. मैं ये भी भूल गई की भाई को चाय देने आई हूँ. वो शायद इस लिए बेफिकर था क्यूकी उसे था की आज कोई चाय देने नही आएगा लेकिन उसे क्या पता था की मैं उसे ये सब करते हुए देख रही हूँ. मेरी चूत मैं खुजली होने लगी थी.
मेरे दिल की धड़कने बढ़नेलगी थी मेरा मन बेचैन होने लगा था. मन कर रहा था की अभी अंदर जाऊं और भाई से कहूँ की नही भाई ऐसे तुम मत सहलाओ इसे तो मैं सहलाती और मैं तुम्हारे लैंड को और तुमको खुश करती हु. लेकिन मेरी मजबूरी थी की मैं अंदर नही जा सकती थी.
इस लिए वहीं पे बैठी हुई आपनी चूत को सहलाने लगी भाई का खड़ा लंड मेरी चूत मैं खलबली मशीन के लिए काफ़ी था. फिर भाई ने आपने लंड को कच्छे मैं से बाहर निकल लिया है रे मेरी किस्मत काश की मैं वहाँ पे होती तो उसे वहीं कच्चा ही चबा जाती क्या मस्त लंड था, कोई 6.5 इंच लंबा और करीब 3 इंच मोटा होगा.
अब भाई उसे आगे पीछे करने लगा तो मेरी चूत चिल्ला पड़ी की अरे पगले ये क्या कर रहा है देख तेरी बेहन की चूत इसे अंदर लेने को तैयार है और तू मूठ मार रहा है लेकिन क्या करती आपनी चाहत को दिल मैं ही दबाना पड़ा और खुद भी फिंगरिंग करने लगी उधर भाई के लंड ने पानी छोड़ा और इधर मेरी चूत का भी पानी निकल गया.
मैं उठी और वहाँ से वापिस आ गई चाय ठंडी हो चुकी थी. मैं आपने रूम मैं आ गई. मैने भाई के लंड का दीदार कर लिया था और अब मेरा मन और मेरी चूत दोनो ही भाई के लंड को पाने का तरीका ढूँडने लगे थे. मैने भाई का लंड देख लिया था ये मुझे पता था लेकिन उसे नही पता था.
और भी मैं सब से पहले आपने भाई को आपनी चिकनी चूत दिखाना चाहती थी ताकि भाई का लंड मुझे देखते ही खड़ा होने लगे तभी भाई के मन मैं मुझे चोदने का विचार आएगा लेकिन ये होगा कैसे मेरी समझ मैं कुछ भी नही आ रहा था. भाई सुबा 6 बजे नहा कर जाता था और मैं और माँ 8 बजे से पहले उठते नही थे.
भाई उपर बाले बातरूम मैं ही नहा कर चला जाता था. मेरी आँखों से नींद गायब हो चुकी थी हर पल मेरी आँखों के सामने भाई का फनफनता हुया मस्त लंड घूम रहा था मैं जब भी आँखें बंद करती मुझे मेरा भाई चूत के लिए तड़पता हुआ नज़र आता और मेरा दिल कहता की उसे यू तड़पने नही देना है.
रात के कोई 2 बज चुके थे लेकिन मेरी आँखों मैं नींद नाम की कोई चीज़ नही थी मेरी चूत मुझे सोने नही दे रही थे ये हर पल कह रही थी की मुझे चाहिए तो बस चाहिए और वो लंड चाहिए. और मैं आपनी चूत के हाथों मजबूर थी इसके लिए लंड का इंतज़ाम करने का कोई प्लान बना रही थी ताकि मेरे मन मैं एक आइडिया आया.
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मैं उपर छत पे गई और भाई के बाथरूम के नाल बाले वाल्व बंद कर दिया टंकी भाई को नहाने के लिए पानी ना मिले और खुद आपने रूम मैं आ गई. करीब 5.45 पे मैं आपने बातरूम मैं थी और मैने आपने कपड़े उतार दिए थे और तोड़ा सा दरवाजा खोल के भाई का वेट करने लगी थी क्यूकी मुझे पता था की वो नहाने के लिए नीचे ज़रूर आएगा.
करीब 6 बजे मैने उसे सीडिओं से नीचे आते हुए देख तो मैं हल्का सा शावर चला कर नहाने लगी. मैं दरबाजे की कुण्डी नही लगाई थी. मेरा मूह दरवाजे की तरफ़ था और मैं एक हाथ से आपने चूचियों मसलने लगी और एक हाथ से आपनी दोनो टाँगे खोल कर आपनी चूत को सहलाने लगी.
तभी भाई ने दरवाजा खोला और मुझे चूत सहलाते हुए देखा मैने भी एकदम से ऐसे डरने की कोशिश की जैसे की मुझे कुछ पता ही ना हो जबकि मैं तो खुद चाहती थी की भाई एक बार मेरी चूत और मेरे चूचियों का दीदार कर ले फिर ही उसे पटाया जा सकता है.
भाई ने एकदम से दरवाजा बंद कर दिया और मैने भी अंदर से कुण्डी लगा ली जो की मेरे प्लान का एक हिसा था. मैं नहा कर कपड़े पहन कर बाहर आ गई. मैने आपनी पेंटी जान बुझ कर वहीं छोड़ दी थी. भाई बाहर ही खड़ा था. मैं आपने रूम मैं भाग गई.
फिर भाई नहा के आपने रूम मैं चला गया तो मैं चाय लेकर उसके रूम मैं गई और उसे बोला की भाई सॉरी मुझे नही पता था की आप आ जाओगे मेरी नज़रें ज़ुकी हुई थी भाई की हालत भी ऐसी ही थी वो बोला की नही सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए.
दरअसल उपर पानी नही आ रहा था इस लिए मैं नीचे नहाने गया था मैने चोर आँखो से देखा की भाई मेरी चूचियों को चोरी चोरी देख रहा था जो की टाइट टी शर्ट की वजह से पूरे उभर के सामने आ गये थे. मैं समझ गई की भाई लाइन पे आ रहा है.
फिर मैं नीचे आ गई भाई ट्यूशन पे चला गया. मैने भाई के लंड का दीदार कर लिया था लेकिन भाई को नही पता था और भाई ने मेरी चूत का दीदार कर लिया था ये हम दोनो को पता था. इस लिए अब मैं भाई को ये एहसास दिलाना चाहती थी की मुझे भी उसके लंड की सख्त ज़रूरत है लेकिन कैसे ये ही समझ नही पा रही थी.
मैं उस दिन स्कूल नही गई और माँ को बोला की मेरी तबीयत खराब है और सारा दिन घर पे बैठी सोचती रही की क्या करूँ. फिर मेरे मन मैं एक आइडिया आया. शाम को जब माँ और भाई आए तो मैने माँ से कहा की मुझे भी स्कूटी सिख़ाओ तो वो बोली की मेरी तबीयत ठीक नही है मैं नही सीखा सकती तुम्हारे पापा आएँगे उनसे सीख लेना.
लेकिन मैने कहा की नही मुझे अभी सीखनी है तो माँ ने भाई से कहा की तुम सीखा दो इसे स्कूटी. तो भाई पहले बोला की मैं नही सीखा सकता लेकिन फिर जैसे ही उसे ये ख़याल आया की वो मेरे पीछे बैठा होगा तो शायद मेरे चूचियों को टच करने का मौका मिल जाए तो वो मान गया और मैं तो यही चाहती थी की आज भाई मुझे स्कूटी सिखाए.
क्यूकी मैं जानती थी की अगर भाई के लंड ने मेरी गांड को टच कर लिया तो भाई की रातों की नींद उड़ जाएगी और वो मुझे चोदने के लिए उतावला हो जाएगा और यही मेरा प्लान था की चल मैं चालू लेकिन भाई समझे की मैं उसके जाल मैं फँस गई हूँ जब की मैं आपनी मर्ज़ी से उसे मजबूर कर रही थी मुझे चोदने के लिए.
भाई आपने रूम मैं गया और कुर्ता पाएज्मा पहन की आ गया, और मुझे बोला की चलो ग्राउंड मैं चलते हैं वहीं सिखाता हूँ मैने स्कर्ट पहनी हुई थी और मैं दोनो तरफ टाँगे करके बैठ गई भाई ज़रा सी ही ब्रेक लगता तो मैं आपने चूचियों उसकी पीठ से टच करा देती.
अब भाई जान बुझे कर ब्रेक लगाने लगा था और मैं आपने चूचियों के सपर्श से उसके होश उड़ा रही थी लेकिन ये अलग बात है की मेरी चूत मैं भी बहूत हलचल मची हुई थी की हो सकता है भाई के लंड का सपर्श मिल जाए तो मज़ा ही आ जाए. और मैं सोच कर रोमांचित हो रही थी.
फिर हम ग्राउंड मैं पहुँच गये तो भाई ने मुझे कहा की तुम स्कूटी चलाओ मैं पीछे बैठता हूँ. मैं थोड़ी बहुत स्कूटी तो चला ही लेती थी. पहले भाई बैठ गया और मैं भाई के बॉडी को टच करती हुई बैठ गई और मुझे लगा की मेरे चुतड़ों से कुछ टच कर रहा है और ये सच ही थॉ ओ कुछ और नही भाई का लंड ही था जो मेरे चूचियों के सपर्श की वजह से फनफना रहा था.
मैने हॅंडल पकड़ा तो भाई ने भी मेरी दोनो बाजू के नीचे से हाथ डाल के हॅंडल पकड़ लिया और भाई के बाजू से मेरे चूचियों सपर्श कर गये भाई का लंड जैसे फूंकारा हो एकदम से झटका खा के मेरे चुतड़ों को टच किया मैं तो जैसे मस्त होने लगी थी.
फिर मैं स्कूटी चलाने लगी तो भाई तोड़ा सा और सट के मेरे करीब आ गया. अब उसका लंड मेरे चूतड़ों के नीचे घुसने की कोशिश कर रहा था. मेरा बुरा हाल होने लगा था मन कर रहा था की अभी एक बार थोड़ा उपर उठ जाऊं और लंड को नीचे दबा लूँ मैं मारी जा रही थी उस लंड को पाने के लिए उसको प्यार करने के लिए.
उसके लंड को मुह में लेने के लिए उसका पानी पीने के लिए और उसे चुदवाने के लिए लेकिन इतनी जल्दी मैं खुद को पेश कर देती तो वो मज़ा नही आता जो दोनो के तड़पने से आना था लेकिन हाँ स्कूटी चलते चलते मैने भाई के लंड को आपने चुतड़ों से रगड़ कर ये संदेश ज़रूर दे दिया था की ये मुझे पसंद है..
कोई 1 घंटा भाई ने मुझे स्कूटी चलानी सिखाई. इस 1 घंटे मैं मेरी चूत बिल्कुल गीली हो गई थी और भाई का लंड भी लारे टपका टपका के गीला हो चुका था. और फिर हम घर आ गये. दूसरा दिन फ्राइडे था और सॅटर्डे को माँ को छुट्टी थी तो वो बोली की मैं फ्राइडे ईव्निंग को दिसपुर जा आऊ तुम्हारे पापा के पास तो मैने कहा की मैं भी जाउंगी तो वो बोली की नही तुम भाई के साथ रुक जाओ. उनकी ये बात सुनकर तो मैं खुशी से चिल्लाने वाली ही थी की बड़ी मुश्किल से खुद को रोका की हो सकता है इन दीनो मैं मैं भाई को पता ही लू मुझे पेलने के लिए.
और मैं ये मौका हाथ से जाने भी नही देना चाहती थी क्यूकी माँ मंडे को आती तो करीब 3 दिन थे मुझे आपने भाई को पता कर उसे चुदाई करवाने के लिए और फुल मज़ा लेने के लिए. जब ये बात भाई को पता चली तो वो भी बड़ी ही जालिम तरीके से हंस था जिसे सिर्फ़ मैने ही महसूस किया था.
रात को माँ आपनी तैयारी कर रहे थे और मैं माँ के साथ बैठी हुई थी की तबी भाई आया पीछे से और मैने देखा की वो मेरे चूचियों को ही निहार रहा था मैने तोड़ा सा शरमाने की एक्टिंग की मैने देखा की वो मेरे चूचियों को देख रहा था और एक हाथ से आपने लंड को भी सहला रहा था.
लेकिन मुझे पने लंड को सहलाता हुआ देख कर उसने पना हाथ एकदम से हटा लिया और मेरी तरफ देख कर एक स्माइल दी तो मैने भी उसे वापिस एक स्माइल दे दी ये सिग्नल था की हाँ हम दोनो कुछ कुछ रेडी हैं मज़े लेने के लिए.
फिर वो माँ के पीछे खड़ा हुआ मेरे चूचियों को देखता हुआ बोला की माँ मुझे आज दूध पीना है और वो भी फ्रेश मीन्स ताज़ा, तो माँ बोली की तुझे क्या हो गया है तू तो दूध पीता नही है और आज तू दूध माँग रहा है तो वो बोला की हाँ मुझे भी टेस्ट करना है दूध का.
मैं समझ गई की वो कौन से दूध की बात कर रहा है वो दरअसल मेरा दूध पीना चाहता था तो मैने कहा की कोई बात नही भाई मैं पीला दूँगी कल आपको दूध और वो भी बिल्कुल फ्रेश और मूह नीचे करके हंस दी और साथ ही बोली की बाजार से ला के लेकिन वो मेरा इशारा समझ गया था सो उसने माँ के पीछे खड़े हुए ही मुझे आँख मार दी.
और मैने शरमाने की ज़बरदस्त एक्टिंग की लेकिन मन ही मन फ़ैसला कर लिया की भाई कल तो तुमसे चुदवा कर ही दम लूँगी. रात को भाई को जब माँ चाय दे आई तो मैं उसके करीब 15 मिंट बाद उपर गई तो देखा की खिड़की खुली हुई थी और भाई बेड पे लेता हुआ था.
उसका सर खिड़की की तरफ था और उसके हाथ मैं मेरी एक फोटो थी वो उसे पागलों की तरह चूम रहा था.मैं ये देख मुस्कुरा उठी की मेरा भाई मेरे लिए दीवाना हुआ जा रहा है. अब वो मुझे चोदे बिना चैन नही लेगा और मैं उससे चुद्वाये बिना मानूँगी नही.
वो एक हाथ से आपने लंड को भी सहला रहा था और फिर देखते ही देखते वो मेरी तस्वीर को देख कर मूठ मरने लगा और मैं पागलों की तरह अपनी चूत मैं फिंगरिंग करने लगी की वा मेरा भाई मेरे लिए मूठ मार रहा है तो मैं क्यू ना उसके नाम से आपना पानी छोडूं.
और फिर मेरे भाई ने आपना सारा माल मेरी फोटो पे गिरा दिया और बुदबुदाने लगा की कल ऐसे ही तुझे सारा माल खिलौँगा मैं तो जैसे पागल सी हो गैट ही मैं वहीं बैठी आपने चूचियों मसल रही थी आपनी चूत को सहला रही थी मन कर रहा था की अभी जाऊं और भाई से कहूँ की भाई मुझे चोद डालो अब और नही रह सकती मैं तुम्हारे लंड के बिना.
लेकिन माँ के डर की वजह से नीचे आ गई और फिर सारी रात सो नही पाई यही हालत भाई की भी वो सोया नहीं था. सुबा उठा कर माँ तैयार हुई और अपपनी जॉब पे जाने लगी तो मैं भी साथ मैं स्कूल के लिए चल पड़ी. 1 बजे जब छुट्टी हुई तो मैं ऑटो लेने के लिए स्कूल से बाहर आई तो मैने देखा की भाई वहीं पे खड़ा था और मेरा इंतज़ार कर रहा था.
मैं समझ गई की अब वो और इंतज़ार नही कर पा रहा है वो तो बस मुझे जल्दी से जल्दी घर ले जाकर चोदना चाहता है. और मेरी तो खुशी का कोई ठिकाना ही नही था की आज मेरी चूत की बुझ जाएगी, ये तड़प रही है इसे भी आज कुछ शांति मिल जाएगी.
मैं भाई के पीछे बैठ गई और बोली की आज यहाँ कैसे तो बोला की मुझे आज जल्दी छुट्टी हो गई थी तो मैने सोचा की तुम्हे भी साथ लेता चलू. मैं कुछ नही बोली और चुप रही. भाई ब्रेक लगाता तो मैं उसे आपने चूचियों का सपर्श देकर मस्त करती रही रास्ते मैं ताकि उसकी मुझे चोदने की खावहिश इतनी बढ़ जाए की जब मैं ना चुदबाने के लिए नखरे भी करूँ तो वो मुझे हर हाल में चोदे.
मैं चुदना चाहती थी लेकिन इस तरह की भाई सोचे की उसने मुझे चोदा है जब की असल मैं भाई को चोदने पे मजबूर मैं कर रही थी. मेरी चूत मैं ये सोच सोच कर खुजली और बाद रही थी की भाई घर जा कर मुझे ऐसे चोदेगा ऐसे मेरी चूत चाटेगा ऐसे मुझे मज़े देगा. मेरी चूत स्कूटी पे बैठे बैठे ही गीली हो रही थी. मैं पूरी तरह से तैयार थी भाई के लंड से मज़े लेने के लिए.
और फिर वो पल भी आ गया जब हम घर पहुँच गये. भाई ने स्कूटी खड़ी की और हम ने डोर ओपन किया और अंदर दाखिल हुए घर के. मैने भाई से कहा की तुम भी कपडे चेंज कर लो और मैं भी चेंज कर लेती हु फिर मैं खाना बनाती हूँ और हम खाना खाते हैं.
मैने टी शर्ट और स्कर्ट पहन लिए थे ताकि भाई को ज़यादा मुश्किल ना आए और भाई भी लोवर पहन के नीचे आ गया था. मैं किचन मैं खाना बनाना लगी तो भाई मेरे पीछे आ गया और बोला की रितु मुझे खाना नही खाना है तो मैने कहा की क्यू तो बोला की मुझे आज दूध पीना है मैं भाई का इशारा समझ गया.
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पर मैं थोड़ा मजे लेने के लिए कह दी की पहले कहता तो मैं बाजार से दूध ले के आ जाती. लेकिन अब शाम को मैं दूध ले आउंगी तो पी लेना तो वो बोला की नही मुझे अभी दूध पीना है और वो भी फ्रेश तो मैने कहा की अभी मैं तुम्हे दूध कहाँ से पिलाऊँ तो उसने पीछे से मुझे पकड़ लिया और मेरे चूचियों को मसलते हुए बोला की मुझे ये वाला दूध पीना है अपनी बहना का ताज़ा और फ्रेश दूध पीना है.
उसका खड़ा लंड मेरी गांड से सटा हुआ था जो की मेरी गांड और चूत मैं खलबली मचा रहा था मेरा मन कर रहा था की भाई को बोलू की भाई वेट किस बात की है आओ पीलो दूध और ले लो आपनी बेहन की चूत लेकिन मैं नखरे दिखती हुई बोली छोडो भाई ये क्या कर रहे हो मैने नकली गुस्से से कहा मैं बेहन हूँ तुम्हारी तुम्हे शरम नही आती मुझसे ऐसी बातें करते हुए.
एक बार को तो उसने आपने हाथ पीछे खींच लिए और मुझे लगा की काम बिगड़ जाएगा लेकिन फिर से उसने मेरे चूचियों मसलने शुरू कर दिए और मेरी गर्दन पे किस करने लगा उसका पाएज्मे मैं फनफनता हुआ लंड मेरी चूत तक पहुँचने के लिए तड़प रहा था ऐसा लगता था की वो पाएज्मे समेत ही मेरी चूत मैं घुसने को तैयार था.
भाई मेरे चूचियों मसल रहा था और मैं कह रही थी है भाई नही ये सब ग़लत है है मुझे छोड दो मैं बेहन हूँ तुम्हारी प्लज़्ज़्ज़्ज़ भाई ऐसा मत करो लेकिन भाई तो आपनी मस्ती मैं ही मस्त था उसने तो जैसे मेरी कोई बात सुनी ही नही थी वो तो बस मेरे चूचियों से खेल रहा था और पीछे से आपने लंड का दबाव मेरी गांड पे बड़ा रहा था.
अब मैं भी आह भाई उफ़ भाई करने लगी थी. उसने मेरा मूह आपनी तरफ किया मैने आँखें बंद की हुई थी उसने मेरे होठों पे आपने होंठ रख दिए और मेरे होठों का रस्पान करने लगा फिर उसने मुझे गोद मैं उठा लिया और मुझे मेरे रूम मैं ले गया जो की किचन के सामने ही थी और मुझे बेड पे लिटा दिया.
मैं बहुत खुश थी की आज मेरी चूत की प्यास मिटने वाली है अब मेरा भाई मुझे चोदने वाला है मेरी चूत तो ख़ुशी से किलकरियाँ मार रही थी भाई के लंड का एहसास पा कर ही वो लार टपकाने लगी थी. भाई ने मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरे उपर आ कर मेरे होठों का रास्पान करने लगा और मेरे चूचियों को सहलाने लगा.
मैं पूरी तरह मस्त होने लगी थी. फिर भाई मेरी गर्दन पे किस करने लगा मैं कहने लगी नही भाई प्लीज ये पाप है मुझे छोड़ दो प्लीज भाई ऐसा मत करो लेकिन उसने मेरी एक नही सुनी और मैं चाहती भी यही थी की वो मेरी एक ना सुने बस आज मुझे जी भर के चोदे.
अब मैं भी मस्त हो गई और मैं भी कहने लगी आ भाई बहुत अच्छा लग रहा है आहह हाईईइ बहुत मज़ा आ रहा है. ये बातें सुन के भाई की हिमत और बढ़ गई और उसने मेरी टी शर्ट उतार दी और मेरे चूचियों को देख कर पागलों की तारहे उन्हे सक करने लगा और बोला की जब से इन्हे देखा है बस इनका दूध पीने की तमन्ना थी.
तो मैं बोली की पी लो ना भाई मना किसने किया है जी भर के आहह हाीइ जी भर के आह आह आह जीए भर के दूध पिल लो मेरा आह आह हाईईइ आह अहहहह. अब मैं पुरे मूड मैं आ गई थी ही सो मैने भी भाई के लंड को पाएज्मे के उपर से ही सहलाना शुरू कर दिया.
मेरे हाथों का सपर्श पाते ही उसने एकदम ज़ोरदार झटका खाया जैसे की फूंकारा मारा हो की आअहह आ जाओ मेरी जान आज सिर्फ़ तुम्हारा ही इंतज़ार है आज तुम्हे तसल्ली से चोदना है. फिर भाई ने मेरी स्कर्ट भी उतार दी और नीचे सिर्फ़ पेंटी ही रह गई थी. फिर भाई ने आपने कपड़े भी उतार दिए भाई नीचे कच्छे नही पहने हुए था उसका फनफनता हुआ लंड मेरी आँखों के सामने था.
और ज़ोर ज़ोर से झटके खा रहा था उसे देखते ही मैने झट से उसे आपने हाथों मैं पकड़ लिया और उसे किस करने लगी भाई हैरान था ये देख कर किन उसके लंड को देख कर कैसे पागल हो रही हूँ. लेकिन मैं तो मस्त थी सो आपनी मस्ती मैं ही मैने उसके लंड को आपने मूह मैं ले लिया और अंदर बाहर करने लगी.
मैं उसके पुरे लंड को आपने मूह मैं ले कर दोस्तों मुझे बहुत मजा आ रहा था. उसके भाई भी सिसकने लगा था अया आह हाीइ रितु मेरी जान आह खा जाऊओ इसे आह आह हाीइ क्या मस्त आह लंड आह आह हाीइ और मज़े से आह छुपो आपने आह भाई का लंड आह हाीइ आह ऑश आह हाई ऊहह बहुत मज़ा एयाया रहा है हाईईइ आह.
और मैने भाई के लंड को ऐसे चूसा की उसका पानी निकाल दिया और उसे पी गई. अब भाई ने मुझे लिटा लिया और मेरी पेंटी उतार दी और मेरी चूत को सुंगते हुए बोला की अगर उस दिन तुम आपनी पेंटी नहाने के बाद ना भूलती तो शायद मैं तुम्हे कभी चोदने के बारे मैं ना सोचता.
क्यू की तुम्हारी चूत की खुसबू तुम्हारी पेंटी से पाकर मेरे लंड ने उसी समये फ़ैसला कर लिया था की इतनी खुशबूदार और कमसिन चूत को तो हर हाल मैं चोदना है और मैं मान ही मान मुस्कुरा उठी सोच कर की भाई ये तो मेरी चूत की खावहिश थी के आपके मस्त लंड से छुड़वाना है वरना आप तो सपने मैं भी मुझे चोदने का ना सोचते.
फिर भाई मेरी दोनो टाँगों के बीच मैं आ गया और उसने आपने होंठ मेरी कमसिन , चिकनी और मस्त चूत पे रख दिए उसके साँसों मैं ऐसी गर्मी थी की मेरी चूत सनसना उठी थी. भाई ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया था. वो मेरी चूत को पूरी मस्ती से चाट रहा था. वो आपनी ज़ुबान को मेरी चूत मैं घुसाने लगा मेरी चूत तो जैसे धड़कने लगी थी आग सी लग गई थी मेरी चूत मैं मेरी चूत लंड पाने को बेचैन हो रही थी.
मैं सिसकने लगी थी आहह ह अहह हाईईईई उईईईई माआ हााअ हाईईईई आअहह ह हाईईईईई ऊफ्फ आह हाईईईई भाई आ खा जाओ आपनी बेहन की चूत को उउफ़फ्फ़ ऑश माआ हाीइ और चतो भाई इसकी आग बुझा दो जो तुमने लगाई है अहह अहह हाईईइ खा जाओ ईसीई हाईईइ ह छोड़ने मत अहह ईससीई आह ऊओह माआ हाीइ आह मेरी सिसकिओं से पूरा रूम गूँज रहा था.
और भाई और भी मस्ती से मेरी चूत को चाट रहा था. वो जब आपनी जीभ घुसाता था मेरी चूत मैं तो मैं जैसे पागला सी जाती थी आ आह हाई भाई अहह भाई अहह मेरी चूत पानी छोड़ चुकी थी और भाई ने उसका टेस्ट भी किया और बोला की बहुत नमकीन चूत है रितु तेरी और फिर शुरू हो गया मेरी चूत को चाटने के लिए.
अब उसने मेरी क्लिट को आपने होठों मैं ले लिया तो जैसे मेरी जान ही निकलने लगी थी अब मुझसे रहा नही जर आहा था मैं चिल्ला रही थी आहह हाईईइ भाईईइ ह अब आपने लंड अहह हाईईइ लंड अहह हाीइ लंड का कमाल दिखाओ ह अब लंड घुसा दो अहह हाईईइ मेरी चूत.
मैं ह अहाआहह हाीइ ओफफफ्फ़ ऊओ आह अब रहा नही जर आहा अब हमें चोद दो आअपनी ही प्यारी बहन को को आहह हाीइ उईईइ माआअ ऑश भाई प्ल्ज़ अब आपना लंड को डाल दो मेरी चूत मैंन्णणन् आह प्लज़्ज़्ज़्ज़ आअहह हाीइ मर गैइइ ह ह ह हाईईइ भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ह अब लंड डाल भी दो ह ऑश भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़.
मेरी सिसकियाँ सुन कर भाई को और जोश आ रहा था मेरी सारी चूत उसके मूह मैं थी वो और भी मज़े लेकर चूत को सक करने लगा और मैं मरी जा रही थी की मुझे जल्दी से लंड मिल जाए मेरी चूत की हालत बुरी हो गई थी मुझसे अब सहन नही हो रहा था.
आहह ह आह हाईईईई भाईईइ ना सताओ अप्प्पनी इस बेहन को ह हाईईइ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ अब नही आआहह सहहा जर आहा अहह्ा हहह आह आह है अब इसे लंड डेडॉ प्लज़्ज़्ज़ हहह आह हाीइ अब मत सातो इसे लंड के लिए आह हाीइ ऊऊहह माआ हाईईइ माआ हाीइ ह बाहियिइ प्लज़्ज़्ज़ अब दे दो अपनी बेहन की चूत को लंड आह आह हाईईइ भाई प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.
लेकिन भाई मेरी क्लिट को मूह मैं ले कर सहला रहा था और पुर मज़े ले रहा थॉ ओ मुझे तडपा रहा था लंड ना देकर जैसे की मैने उसे तडपएआ था आपनी चूत दिखाकर. मेरी हालत खराब हो रही थी मेरा मान कर रहा था की बस लंड घुस जाए मेरी चूत मैं और फाड़ दे उसे और मैं बहाल सी चिल्ला रही थी.
आहह हाीइ भाई कुछ तो रहम करो अपनी बेहन पे आअहह मत सताओ आपनी बहन को आहह है अब डाल भी दो आपना मस्त प्यारा और मजबूत लंड आपनी बहन की चूत मैं आह भाई है मान जाओ ना भाई आह हाीइ आह ऊओ माआ ह हाीइ प्लज़्ज़्ज़्ज़ भीइ प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.
जब भाई ने देखा की अब मैं बर्दस्त नही कर पा रही हूँ तो भाई उठा और बोला की ले मेरी बहना अब तेरी इच्छा पूरी कर देता हूँ और मेरी पीठ के नीचे तकिया रखा और आपने लंड पे थोड़ा सा थूक लगाया और मेरी चूत के मुह पे लगा दिया मुझे लगा जैसे किसी ब्वहूत गरम चीज़ ने मेरी चूत को टच किया हो.
भाई ने लंड को मेरी चूत पे रख क एक धक्का मारा और आधा लंड मेरी चूत मैं समाँ गया मैं चिल्ला उठी है मर गई और इसी मैं भाई ने दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड मेरी चूत के अंदर में पहुँचा दिया. मुझे दर्द बहुत हुआ लेकिन मैं जानती थी की ये उस आनंद से पहले की शुरुआत है जो मुझे अब मेरे भाई के लंड से मिलने वाला था.
भाई ने लंड को मेरी चूत मैं अंदर बाहर करना शुरू कर दिया था. मुझे बहुत आनंद आ रहा था मेरी चूत मेरे भाई के लंड को ऐसे गले मिल रही थी जैसे जन्मो की पयासी हो भाई के लंड ने मेरी चूत मैं तहलका मचा रखा था. भाई मेरी चूचियों को भी मसल रहा था और मुझे चोद भी रहा था.
मैं भी नीचे से गांड हिला हिला के भाई का साथ दे रही थी मैं पूरी मस्ती मैं थी आहह आह हाईईइ भाईईइ आह और ज़ोर से छोड़ो ह मुझे ह भाईईईईई आह भीइ हाीइ और तेज आह फाड़ दो आहह आजज्ज आपनी बहहन की आहह चूत आह हाीइ ऊहह माआ ऊफफफफ्फ़ ऊओ ह ह हाईईइ ऊऊहह माआ हाईईइ ह ओर तेज भीइ आह ह हाीइ ओर ज़ोर से ह ह.
भाई का जोश और बढ़ता जा रहा था उसके धक्कों की स्पीड बढ़ने लगी थी उसके लंड ने मेरी चूत को पूरा प्यार किया था बहुत मस्त चोद रहा थॉ ओ मुझे भाई का लंड मेरी चूत की वादियों मैं खो गया था मेरी चूत की दीवारों से रगड़ता हुआ वो मुझे मस्त किए जा रहा था.
भाई की स्पीड बढ़ने लगी थी मैं एक बार झड़ चुकी थी लेकिन अभी भी मन कर रहा था की लंड बाहर ना निकले मैं फिर से मस्त हो रही थी भाई की स्पीड बढ़ने लगी थी मैं फिर से सिसकने लगी थी आह आह हाई भाई और तेज और तेज आह आह ह और तेज और है फाड़ दो मेरी चूत आ फदद्ड़ आअहह दो आहह फाड़ दो फाड़ दो आह मेरी चूत को आह हाईईइ प्लज़्ज़्ज़ भाई और ज़ोर से ढके आह मरो आह आह हहह आह आह आह.
और भाई की स्पीड इतनी बाद गई की रूम से चुप चुप की आवाज़ आने लगी थी. फिर कोई 20 मिंट की चुदाई के बाद हम दोनो एक साथ ही झाड़ गये मेरे मुख से ऐसे निकला की है मार गई मुझे ऐसा लगा की जैसे मेरे जिसम से जान ही निकल गई हो मुझे बहुत ही ज़यादा मज़ा आयआ था.
भाई के लंड ने मेरे अंदर जैसे कोई गरम लावा सा उगल दिया था उसकी पिचकारी ने मुझे बहुत मज़ा दिया था और फिर भाई मेरे उपर ही लेट गया था. कोई 15 मिंट यू ही लेटने के बाद भाई ने आपना लंड निकालने चाहा तो मैने कहा की भाई इसे निकालो मत ऐसे ही पड़े रहो मुझे अच्छा लग रहा है.
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कोई 10 मिंट यू ही रहने के बाद भाई ने लंड निकाला और मेरी चूत को चाट कर साफ़ करने लगा और बोला की वा क्या नमकीन पानी है तेरी चूत का. मैने भी भाई के लंड को चाट के साफ़ किया. फिर मैने भाई से बोला की भाई क्या आप ये मज़ा मुझे रोज दोगे तो वो तो जैसे खुशी से पागल सा हो गया और बोला की हाँ हाँ क्यू नही बहना मैं तो हर पल हर लम्हे तुम्हे चोदने को तैयार हूँ तो मैने भाई को गले से लगा लिया.
फिर मैने भाई के लंड को दुबारा से सहलाना शुरू कर दिया तो कोई 10 मिंट बाद वो फिर फनफनाने लगा वो फिर मेरी चूत की तरफ देख कर फूंकारने लगा. तो भाई बोला की रितु ये अब तेरी चूत को हर पल चोदने को रेडी है जब चाहो इसे इशारा करो ये तुम्हे चोदेगा तो मैं बोली की भाई मेरी चूत भी तो आपकी ही है इसे जब चाहो चोद डालो. फिर तो दोस्तों हम दोनों को जब भी मस्ती चढ़ती थी हम दोनों एक दूसरे को पूरा सहयोग करते.