Bahan Gadraya Sexy Jism
मैं अभी 21 साल का हुआ हूँ। देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता हूँ। मेरे मोहल्ले की सारी लडकियां मरती हैं मुझ पर। लेकिन मैं भी किसी को लिफ्ट नहीं देता। मेरे एटीट्यूड को देख कर अच्छे अच्छे घर की लडकियां भी फ़िदा हो जाती हैं। लेकिन सच तो ये था कि किसी भी लड़की से बोलने से हमे डर लगता था। इसीलिए मैं कभी किसी को गर्लफ्रेंड नहीं बना पाया। Bahan Gadraya Sexy Jism
एक लड़की से इंटर में पहुचते पहुचते आँख मटक्का भी किया। तो उसका बाप उसे लेकर कही और ही चला गया। उसकी चूंचियो को मैं आज तक नही भूल पाया। मेरे नसीब में लग रहा था चूत की एक भी झलक ही नहीं लिखी है। लेकिन क्या पता था कि मुझे मेरे घर में ही चूत मिल सकती है। वो भी दीदी जैसी खूबसूरत लड़की की।
फ्रेंड्स बात कुछ ही दिन पहले की की है। जब मैंने अपनी दीदी से चुदाई करना सीखा। उनका नाम दीक्षा है। वो बहुत ही हॉट और सेक्सी लगती है। उनके कसमसाती बदन को देखने में बहुत ही आनंद मिलता है। मै भी उनको खूब ताड़ता था। लेकिन मैंने अभी तक उनको चोदने की नजर से नहीं देखा था। मै और दीदी सभी लोग साथ में हाल में आ गए।
कुछ मेहमान भी आये थे। दीदी ने बहुत ही जबरदस्त कपड़ा पहना था। आज उनका बर्थडे था। उनकी ब्रा की पट्टियां अच्छे से साफ़ साफ़ गुलाबी रंग की दिख रही थी। लेकिन मुझे क्या पता था की आज इन्हें छूने का अवसर भी मिलेगा। मैने भले ही किसी को अभी तक चोदा न था लेकिन चोदने की तड़प मुझमे कूट कूट कर भरी हुई थी।
मेरा सिकुड़ा लंड बड़ा होने लगा। मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था। मेरा लंड पैंट को फाड़कर बाहर आने को मचलने लगा। मेरी दीदी ये सब शायद देख रही थी। मैं वहाँ से किसी तरह से भाग कर बाथरूम में आया। 10 मिनट तक हाथ से काम चलाने के बाद मेरा माल निकल आया। सब माल निकाल कर थोड़ा रिलैक्स फील क़िया।
उसके बाद मैंने पैंट पहना और फिर से सबके साथ चला आया। अब मेरा लंड सिकुड़ चुका था। दीदी ने केक काटा। सभी लोग तालियां बजा कर हैप्पी बर्थडे टू यू……. कहने लगे। उसके बाद सब लोग खाना खाकर मजे से बात कर रहे थे। रात काफी हो चुकी थी। पडोसी और सारे मेहमान अपने अपने घर चले गए। घर पर मम्मी पापा ही थे।
वो लोग भी थक कर कुछ ही देर में सो गये। मुझे और दीदी को नींद ही नहीं आ रही थीं। हम दोनों लोग आज भी एक ही रूम में सोते थे। मेरी दीदी बहुत गोरी और सेक्सी लड़की थी। उनका बदन भरा हुआ और गदरया सेक्सी बदन था। कोई भी मेरी दीदी को देखक सेंटी हो जाता, वो इतनी सुंदर थी।
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दीदी- “जन्मेजय तुम्हे नींद आ रही है??”
मै- “नहीं दीदी मुझे नहीं आ रही। आपको??”
दीदी- “मुझे भी नहीं आ रही है यार.”
मैं- “दीदी चलो हम सब बात करते हैं.”
दीदी का बिस्तर मेरे बिस्तर से दूर था।
दीदी- “तेज बोलोगे तो आवाज होगी। तुम मेरे बेड पर ही आ जाओ.”
मै- “ओके दीदी.”
दीदी- “और बताओ आज पार्टी में मजा आया??”
मै- “बहुत मजा आया। वो आपकी दोस्त लोग बहुत अच्छी थी.”
दीदी- “क्यों मै अच्छी नही लगती क्या.”
मैं- “अपनी तो बात ही न किया करो। आपसे भी कोई अच्छा हो सकता है क्या??? आप तो करोडो में एक हो” ऐसा मैंने उनकी गुलाबी रंग की ब्रा की तरफ देखते हुए कहा।
दीदी- “तुम्हारी नजर कहाँ है??”
मै- “कही नहीं। मैं तो दीवाल को देख रहा था” मुझे डर लगने लगा।
दीदी- “जन्मेजय मेरी पीठ में खुजली हो रही है.”
मै- “दीदी मै खुजला देता हूँ.”
दीदी अपनी मेरी तरफ अपनी पीठ करके लेट गई। मै खुजलाने लगा। उनकी ब्रा की पट्टियां मेरे हाथों में लग रही थी। मेरा लंड तो रॉकेट की तरह खड़ा होने लगा। मै बहुत ही बेचैन होने लगा। हुक सहित मै पूरे ब्रा की पट्टियों पर हाथ फिराने लगा। वो मुझे देख कर हँसने लगी। मै “क्या बात है दीदी.”
दीदी- “देख लो मेरी पीठ पर लाल लाल तो नही हुआ है कुछ। मुझे अब भी खुजली हो रही है.”
मै- “नहीं दीदी आप जाकर शीशे में देख लो.”
दीदी- “देख लो यार आज मुझे मना न करो मेरा बर्थडे है.”
इतना कहकर उन्होंने अपनी नेट वाली टी शर्ट को उठाकर गले पर कर लिया। मुझे सब कुछ साफ़ साफ़ दिख रहा था। उनका मुह टी शर्ट से ढका हुआ था। मैंने उनके गोरी गोरी चूंचियों को देखने लगा। आगे की चूंचियो को देखकर मैं पीछे की खुजली की बात करने लगा।
उनकी गोरी चूंचियो को देखकर मैंने कहा- “दीदी सब नार्मल है। कही एक भी दाग नहीं नजर आ रहा” दिल तो कर रहा था अभी इन खरबूजों को काटकर खा जाऊं। मेरी नजर ही वहाँ से नहीं हट रही थी। दीदी ने अपने टी शर्ट को मुह से हटाया तो मुझे चुच्चो को ताड़ते हुए देख ली। मैंने कहा- “दीदी मै अभी इधर एक कीड़े को जाते देखा था। पता नही कहाँ गायब हो गया.”
दीदी ने कहा- “मुझे इस टी शर्ट में खुजली हो रही है। मैं इसे निकाल देती हूँ.”
इतना कहकर उन्होंने निकाल कर चादर ओढ़ ली। मुझे भी ठण्ड लगने लगी। मैंने कहा- “दीदी मै जा रहा हूँ अपने बिस्तर पर मुझे ठण्ड लग रही है.” उन्होंने चादर उठाते हुए मुझे ढका और चिपकाने लगी। मेरे सीने में उनकी 34″ की चूंचिया लग रही थी। मैं कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा था। उनकी चूंचियो को दबाने का जी करने लगा।
दीदी- “तुम अपनी किसी गर्लफ्रेंड को नहीं बुलाये थे मेरे बर्थडे पार्टी में.”
मै- “कोई होगा तभी तो बुलाऊंगा। जब कोई है ही नहीं तो किसको बुला लूं.”
दीदी- “हमसे झूठ बोल रहे हो तुम??”
मै- “नहीं दीदी मै झूठ नहीं बोल रहा। आपकी कसम!!”
दीदी- “तुम इतने बड़े हो गए। और तुम्हे ये सब प्यार मुहब्बत वाली ए बी सी डी नहीं पता.”
मै- “नही मुझे नहीं पता.”
दीदी ने मेरी तफरी लेनी शुरु कर दी। मुझसे पता नहीं क्या क्या कहकर मजाक करने लगी। मै भी चुपचाप सब सुनता रहा। उन्होंने कुछ देर बाद हँसना बंद किया तो मैंने कहा- “इतना भी नहीं है कि मैं कुछ नही जानता। मैंने अभी तक कुछ किया नहीं है। लेकिन मुझे सबकुछ पता है.”
दीदी- “तू भी ब्लू फिल्म देखता है.”
मै- “हाँ देखता हूँ तुम्हारे ही फ़ोन से.”
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दीदी चौंक गई। सच फ्रेंड्स मुझे इसका कोई पता नहीं था कि वो भी देखती हैं। मैंने भी ऐसे तैसे अपनी सारी बात कह डाली। दीदी कहने लगी। आज बर्थडे के मौके पर एक शो सनी लिओन का देख ही लेते है। मैंने भी हाँ में हाँ मिला दी। दीदी ने अपना लैपटॉप उठाया और एक इयरफोन लगाकर देखने लगी। मैं भी एक इयरफोन लगाकर आवाज सुन रहा था।
दीदी देख देख कर गरम होने लगी। कंधे पर रखे अपने हाथों से मुझे दबाने लगी। मै भी मौक़ा नहीं गवाना चाहता था। आज मैं अपने अंदर के भड़ास को निकालना चाहता था। मैंने भी हिम्मत करके उनकी जांघ पर अपना हाथ रख दिया। मेरा भी अब मन चोदने को करने लगा।
इतने में सनी की चुदाई ख़त्म हो गईं। दीदी ने कहा- “एक और देखते है” ऐसे कर करके हमने दो तीन ब्लू फिल्म देखी। मैने पैंट में हाथ डालकर लंड के टोपे को छुआ। मुझे कुछ चिपचिपा लगा। मेरा लंड अपना थोड़ा सा माल निकाल चुका था।
मै दीदी की तरफ देखकर मुस्कुराने लगा। वो अपना चुदासी मुह बनाये मुझसे कहने लगी- “चलो हम लोग भी ऐसे ही करते हैं” दीदी की बाते सुनकर मैं दंग रह गया। मेरे दिल की बात बोल डाली उन्होंने। मैं भी सीधा बनने का नाटक किया।
मै- ” मै आपको कैसे चोद सकता हूँ। तुम मेरी बड़ी बहन हो.”
दीदी- “मुझे पता है तुम मेरे सगे भाई हो। लेकिन चुदाई करने से कुछ हो थोड़ी न जायेगा.”
मैं- “मम्मी जान गई तो हम दोनों लोग घर से भगा दिए जाएंगे.”
दीदी ने जाकर दरवाजा बंद कर दिया। वापस आकर कहने लगी- “अब कोई नहीं जान पायेगा। आज मुझे तुम अपना लंड बर्थडे गिफ्ट समझ कर दे दो.”
मै ना ना कर ही रहा था कि सनी लिओन की तरह वो हवस की पुजारन बनकर मेरे लंड पर अपना हाथ रख दी। वो कहने लगी- “भैया जी आज तुम मेरे सैयां जी बन जाओ। आज मुझे किसी चीज के लिए ना मत करना.”
मैंने कहा- “ठीक है मेरी प्यारी बहना आज तेरा ये भाई भी देख तेरी हर तरह की ख्वाहिश कैसे पूरी करता है” इतना कहकर मैंने अपना पैंट निकाल दिया। अब मेरा डिक्सी सकॉट का अंडरबियर को फैलाये मेरा लंड रॉकेट की तरह उड़ने को तैयार था। वो मेरे कच्छे में ही मेरा लंड पकड़कर साइज़ नापने लगी। दीदी- वाओ… कितना बड़ा और मोटा है.”
मै-” दीदी अभी तो ये और बड़ा होगा.”
दीदी को मेरा लंड देखने की बहुत ही बेचैनी होने लगी। उन्होंने एक झटके में मेरा कच्छा मेरे लंड से जुदा कर दिया। मेरा लंड देख कर उनकी आँखे फ़टी की फटी रह गई। वो अपने मुह पर हाथ लगाकर जोर से सांस ली। फिर हाथ लगाकर मेरा लंड सहलाने लगी। लंड के टोपे का ख़ाल सरक कर नीचे आ गयी। गुलाबी होंठो से मेरे गुलाबी टोपे को चूसने लगी।
मै लेट कर अपना कमर उठा उठा कर चुसवाने लगा। वो पूरा टोपा मुह में लेकर चूस रही थी। मैंने उनके बालो को पकड कर पूरा लंड उनके मुह में घुसा दिया। मेरा लंड उनके गले में जाकर फस गया। कुछ ही देर में दीदी की साँसे फूलने लगी। वो मुझे विनती भरी आँखों से देख रही थी।
नाखूनों को मेरी गांड में गड़ा रही थी। मैंने उचक कर उनके मुह से अपना लंड निकाल लिया। दीदी ने चैन से सांस ली। वो मेरे गांड पर मार कर बुरा भला कहने लगी। मैनें उनके होंठो पर अपने लंड को रख कर उनका मुह बंद करवा दिया। इमरान हाशमी की तरह मै जोर का किस करने लगा।
दीदी को भी आज अपने भाई पर नाज करवा दिया। लगातार मैंने उनके होंठो की 10 मिनट तक चुसाई कर लाल लाल कर दिया। दोनों चुच्चो को देखकर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने दोनों दूध को एक एक हाथो में पकड़ कर दबाने लगा। वो गर्म होने लगी।
वो “……अई…अई….अई……अई….इस स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी भरने लगी। मैंने ब्रा को निकाल कर दोनों लटकते नींबुओं को चूसने लगा। गोरी गोरी चूंचियो पर काले रंग का निप्पल बहुत ही रोमांचक लग रहा था। वो भी बहुत खुश हों रही थी।
मुझे अपने मजेदार चूंचियो में दबाकर बहुत ही मजे से उसका रसपान करवा रही थी। मै निप्पलों काट काट कर उनकी चीखे निकलवा रहा था। वो जोर जोर से “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की मनमोहक आवाज निकाल मुझे पागल कर रही थी।
मैंने कहा- “दीदी अब अपने कुएं का दर्शन करा दो.”
दीदी- “आओ मेरे कुएं के महाराज मै तुम्हे दर्शन के साथ साथ उसका पानी भी पिलाती हूँ.”
इतना कहकर वो अपनी जीन्स को निकाल कर पैंटी में हो गई। मुझे उनकी निकली सफ़ेद सफ़ेद गोरी गांड साफ़ साफ़ पैंटी में दिख रही थी। दीदी ने अपनी पैंटी को निकाल कर नंगी हो गई। मैंने उनको लिटा दिया। दोनों टांगो को खोलकर मैंने उनकी चूत के दर्शन किया।
मैंने जिंदगी में पहली बार आज चूत का साक्षात् दर्शन कर रहा था। मैंने ब्लू फिल्मो के पोर्न स्टारों की तरह चूत पर जीभ लगाकर पीना शुरू किया। दीदी बहुत ही गर्म हो गई। कुछ ही देर में वो कहने लगी- “जन्मेजय बाबू अब न तड़पाओ मेरी चूत मे अपना लंड भर दो.”
मैंने सेक्स स्टोरी में पढ़ा था कि तड़पा कर चोदने में बहुत मजा आता है। मैं भी वैसा ही कर रहा था। मैंने उनकी बात मान ली। अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा। चूत पर रगड़ते ही वो और तड़पने लगी। मेरा लंड पकड़ कर वो अपनी चूत में घुसाने लगी। मैंने भी धक्का मार ही दिया। मेरा टोपा अंदर घुस गया।
वो जोर जोर से “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की चीखे निकालने लगी। मैंने उनका मुह दबाकर आवाज दबा दिया। उसके बाद मैंने जोर का धक्का मार कर पूरा लंड घुसा दिया। वो दर्द से तड़पने लगी। मैंने चुदाई करना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में उनकी आवाजे धीमी होने लगी। मैंने अपना हाथ उनके मुह से हटा लिया।
वो भी अपनी चूत को उठा दी। दीदी सनी लियॉन की तरह ओह्ह…फ़क..फ़क मी…. ओह्ह माई गॉड फ़क… की आवाजे निकाल कर चुदवा रही थी। मैंने भी चुदाई तेज कर दी। दीदी कहने लगी- “तेरा लंड तो बहुत मजा दे रहा है। और जोर से चोदो मुझे बहुत मजा आ रहा था.”
मैंने कहा- “मै थक गया हूँ। अब तुम ही चुदाई करो.”
इतना कहकर मै लेट गया। वो मेरे लंड पर चूत रख कर बैठ गई। पूरा लंड चूत में घुसाकर वो जोर जोर से उछल उछल कर चुदवाने लगी। मै भी अपना लंड उठा उठा कर पेल रहा था। घच पच घच्च पच्च की आवाज के साथ वो चुदाई करने में मस्त थी। आवाजों को सुनने के लिए वो जल्दी जल्दी उछल कर चुदवा रही थी।
मेरा लंड बहुत ही अकड़ रहा था। मैंने अब एकाग्रचित होकर चुदाई करने के लिए उनको झुका दिया। मैंने अपना लंड उनकी चूत में घुसाकर कमर पकड़ लिया। उसी के सहारे से पूरा लंड जड़ तक पेलने लगा। वो “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” की चीखों के साथ चुद रही थी।
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दीदी के कुएं में से पानी आ गया। लंड को निकालते ही झरने की तरह सफेद दूधिया माल निकलने लगा। मैं सारा का सारा माल चाट कर पी लिया। माल की खुशबू मुझे बहुत अच्छी लगी। मैंने दीदी की गांड मारने के लिए अपना लंड छेद पर लगा दिया। लंड को डालते ही उनकी गांड फट गई। वो फिर से जोर जोर चिल्लाने लगी।
उनकी गांड बहुत ही टाइट थी। मेरा लंड चोदने में बहुत ही रगड़ खा रहा था। मै उनकी गांड को फाड़ता हुआ तेज तेज से चुदाई कर रहा था। वो “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हममममअहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज के साथ गांड हिला हिला कर चुदाई करवाने लगी। मेरा लंड अब और भी ज्यादा टाइट होने लगा। दीदी की चूत पर मेरे लंड की दोनों गोलियां बहुत ही तेजी से लड़ रही थी।
मैंने दीदी से कहा- “दीदी मै झड़ने वाला हूँ। कहाँ गिराऊं अपना माल.”
दीदी- “मेरी गांड में ही भर दो सारा माल.”
मैंने भी अपना चासनी उनकी गांड में भर दी। दीदी की गांड मेरे लंड के गरमा गरम माल से भर गयी। लंड को निकलते ही टप टप करके वीर्य गांड से टपकने लगा। साफ़ कपडे से अपनी गांड पोंछकर उन्होंने साफ़ कर लिया। एक रात चुदाई करके अपने लंड का गुलाम बना दिया। अब वो रोज मेरा लंड खाने को बेकरार रहती है। हम लोग खूब मजा करते है।