Beta Maa Chudai Kahani
मेरा नाम बंटी है मैं हापुड़ का रहने वाला हूँ. मेरी माँ का नाम सुंदरी है जैसा नाम वैसी ही सुन्दर. उनकी हाईट 5’4″ है. शरीर खाते पीते घर वाला यानी खूब हरा-भरा. बड़े बड़े बूब्स मोटे हिप्स मतलब पूरा भारत माँ के शरीर में बसा है. तो आपको बताता हूँ, एक दिन की बात है माँ कपड़े धो रही थी तब उन्होंने मुझे आवाज मारी. Beta Maa Chudai Kahani
मैं गया तो देखा माँ लगभग पूरी गीली थी, मैं उनके बूब्स पहले से ही पसंद करता था जब भी देखता पागल हो जाता हूँ. आख़िरकार वो गीली थी तो उनकी ब्रा लगभग साफ दिख रही थी. उनके घुटने उनके बूब्स को दबा रहे थे तो बूब्स बाहर आने को तड़प रहे थे. मैं उन्हें देख रहा था तो माँ बोली जा बाजार से सामान खरीद ला.
हमारे घर से मार्किट काफी दूर था तो लगभग 1 घंटा लग जाता था कुछ भी सामान खरीदने में. उस दिन माँ ने कुछ ज्यादा सामान लाने को कह दिया था. मुझमें कुछ अजीब सी फीलिंग हो रही थी मैं माँ को देख देख कर पागल हो रहा था दिमाग ख़राब हो रहा था शायद इसीलिए मैं पैसा ले जाना भूल गया.
आधे रास्ते से घर वापस आया तो मैंने डोर बेल बजाया जब कुछ रिस्पांस नहीं मिला. क्योंकि हमारा बाथरूम काफी दूर है मैंने सोचा शायद आवाज नहीं गयी होगी. तो मैंने अपनी चाबी से दरवाजा खोल लिया जो हर वक़्त मेरे पास होती है. मैं अंदर गया तो देखा की माँ अब भी बाथरूम में थी.
मुझे कुछ गड़बड़ लग रही थी तो मैं दबे पाँव अंदर गया तो देखा माँ आधी नंगी है मतलब उनका ब्लाउज तो उनकी ब्रेस्ट पर है बट उनकी साड़ी और पेटीकोट उन पर नहीं था. यह देख मैं पागल हो गया और जाकर करीब से देखा तो माँ के हाथ में रेजर था और उनकी बुर पे ओल्ड स्पाइस लगी थी और वो ब्रश से झाग बना रही थी.
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उसके बाद वो बाल साफ़ कर रही थी. यह देख कर मेरे होश उड़ गए उस समय मैं वहाँ से तो चला गया लेकिन वो सीन बार बार मेरी आँखों के आगे आता गया इसीलिए मैं कुछ सामान भूल गया जो मुझे घर आकर पता चला. जब मैं घर पहुंचा तो देखा माँ बिलकुल तैयार थी और खाना बना रही थी.
मैंने सामान रख दिया और जाकर लेट गया माँ कमरे में आयी और कहने लगी तुझे आज क्या हुआ क्यों परेशान है. मैंने कहा कुछ नहीं बस थोड़ा सर में दर्द है. वो बोली चल मालिश कर दूँ वो तेल लेकर आयी. मैंने उनकी गोद में सर रख दिया. सर पर लगाने के बाद उन्होंने जैसी गले पर और चेस्ट पर लगाना शुरू किया उनकी ब्रैस्ट मेरे मुँह पर लगने लगी.
शायद माँ भी कुछ चाहती थी वो भी एक्साईटेड थी क्योंकि उन्होंने बाल साफ़ किये थी. वो बोली क्या बात है क्यों परेशान है. मैं बोला कुछ नहीं वैसे ही. वो बोली तेरी गर्लफ्रेंड ठीक है. मैं बोला हाँ उसे क्या हुआ है. वो बोली क्यों नाराज है उससे, उसका फ़ोन आया था उसने भी कुछ नहीं बताया.
मैं बोला वो हर चीज से डरती है, मैं कुछ खुल कर बोला. माँ बोली किस चीज से. मैं बोला ऐसे कहती है कुछ हो जाएगा. माँ बोली क्या हो जाएगा. शायद माँ खुलना चाहती थी या कुछ नहीं, सब. ऐसी ही मैंने माँ से पूछा क्या कुछ हो जाता है, मैंने माँ से मजे लेने के लिए पूछ डाला.
तो माँ बोली क्या होगा कुछ साफ़ बता. मैंने कहा सेक्स करने से. माँ बोली क्या मतलब. मैं हसने लगा शायद माँ को गुस्सा आ रहा था. तो मैंने कहा मैं तो मजाक कर रहा हूँ. माँ बोली शायद तुझे अभी कुछ नहीं पता. वो बोली चल तुझे एक चीज दिखाती हूँ.
उन्होंने साइड ड्रोवर खोली उसमे एक पैकेट रखा था वो मुझे दिया बोली इसे यूज करना कोई दिक्कत नहीं होगी. वो कंडोम्स था. माँ के बूब्स जैसे मेरे मुंह पर आये मैंने अपनी जीभ फेर दी माँ भी पागल सी हो गयी. मैं माँ से बोला कि मुझे आप बहुत अच्छी लगती हो. माँ बोली मुझ में क्या अच्छा लगता है.
मैं बोला आप पूरी अच्छी लगती हो. वो बोली क्या लगता है मैं बोला आपकी ब्रेस्ट. वो बोली चल धत. मैंने माँ का गाल चुम लिया. मैंने माँ से कहा मुझे एक बार इसके दर्शन करा दो. माँ बोली ठीक है लेकिन हाथ नहीं लगाना. मैंने हामी भर दी माँ मेरे आगे आकर बैठ गयी.
माँ ब्लाउज खोल रही थी मैं उन्हें मिरर में देख रहा था. जैसे ही ब्लाउज खोला ब्रा एक दम बाहर आ गयी और जैसे ब्रा खोली बूब्स उछाल के बाहर आ पड़े. मैं यह देख कर बहुत खुश हुआ मैं बोला हाथ लगा लूँ. वो भी यही चाहती थी वो बोली ठीक है. मैं उन्हें दबाने लगा. वो सिसकी आआआआअह्ह्ह्ह आराम से दबा हरामी उउउउउउउउनंहहह.
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मैं बोला माँ आपके बाल ठीक से साफ़ हो गए. वो सुनकर चौक गयी. मैंने कहा मैंने आपको साफ़ करते देख लिया था वो हसने लगी. मैंने कहा माँ मैं दूध पीना चाहता हूँ. वो मुड़ कर बैठ गई अब उनकी ब्रेस्ट मेरे सामने थी मैं मुँह लगा कर पीने लगा था. मैं माँ से बोला मैं इसे लगाना सीखना चाहता हूँ मैंने कंडोम्स देता हुआ बोला.
एक्साईटमेंट के कारण वो ना नहीं बोली और हाँ कर दी. मैंने माँ की साड़ी खोली पेटीकोट खोला तो माँ ने मेरी पेंट उतारी उसके बाद इनरवियर. फिर उन्होंने मुँह में लिया मेरा लंड चूसने लगी मैं बेड पर चित लेट गया और माँ ने अपना मुँह मेरे झाटों के एरिया में ले जाकर जीभ से चाटना शुरु कर दिया.
अब मेरी एक्साईटमेंट बढ़ गयी थी और मेरा लंड भी साइज में इनक्रीज होने लगा. कभी माँ बीच बीच में मेरे लंड पर भी अपनी जीभ फिरा देती और कहती अरे ये खम्भा ही तो मुझे पार ले जायेगा. यही तो मिलिट्री का जवान है जो हमको आज के बैटल में विक्ट्री स्टैंड तक ले जायेगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर माँ ने मेरे लंड के टोपे को अपने मुँह में ले लिया और किस करने लगी अब तो मेरा लंड फनफनाने लगा. फिर माँ ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और और चूसने लगी पर वह बहुत सोफ़्टीली ये काम कर रही थी. फिर माँ ने कहा की तुझे मैं आज चुदाई से पहले का एक्सपीरियंस देती हूँ. तो जैसे मैं कहूं करना इससे से तुझको चुदाई करने में आसानी होगी.
तुझे आईडिया तो होगा की चूत में लंड आसानी से नहीं जाता है जब तक की लेडी भी अन्दर ना ले. लेकिन इस स्टाइल में तुझको ऐसा मजा आएगा जैसे किसी ढीली चूत वाली रंडी की चुदाई कर रहा हो. मैं बोला की हाँ मेरे दोस्तों ने ऐसा बताया था की पहली बार में जोर लगाना पड़ता है पर ब्लू फिल्मों में तो एक चूत में दो दो लंड घुस जातें हैं.
अब मेरी झिझक दूर हो गयी थी और मैं चुदाई को एकदम तैयार हो गया था और मैं सुंदरी को अपनी माँ नहीं एक चूत की तरह ही देख रहा था. माँ बोली ऐसा कर तू सीधा खड़ा हो जा और बांकी मैं देख लुंगी. अब मैं खड़ा हो गया तो मेरा लंड एकदम सीधा हॉरिजॉन्टल पोजीशन में आ गया.
माँ ने नीचे बैठ कर मेरे आधा लंड अपने मुँह में लिया और फिर मुँह से बाहर निकाल कर बोली अब जब तेरा लंड मेरे मुँह में होगा तो ऐसा करना जैसे मेरा मुँह मेरी चूत हो और तू मुझे चोद रहा हो. मैंने कहा ओके सुंदरी डार्लिंग. माँ ने मेरे तरफ देखकर मुस्कुरा दी और एक हल्का सा किस मेरे लंड के टोपे पर ले लिया.
फिर बोली चल अपनी पहली चुदाई की रिहर्सल के लिए तैयार हो जा और मेरे लंड के टोपे को अपने होंठों के बीच दबा लिया. अब मेरा लंड फुल टेंशन में था और मैंने धीरे से अपना लंड माँ के मुँह के अन्दर खिसकाया. माँ मममम की आवाज करने लगी फिर मैंने लंड को पीछे किया और इस बार जरा जोर से आगे को धक्का दिया.
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तो माँ पीछे को धकेली गयी. इससे पूरा मजा नहीं आया और मैंने माँ के सर को बालों के साथ पीछे से पकड़ लिया और चुदाई वाली स्टाइल में धक्का पेलाई शुरु कर दी. अब मुझे मजा आने लगा और मैं समझ गया की अगर मैं किसी ढ़ीली चूत वाली रंडी को चोद रहा होता तो मुझे कैसा मजा आता.
करीब एक मिनट बाद माँ ने मेरा लंड पकड़ कर मेरे मुँह से बाहर निकाल दिया और बोली बस अब और नहीं नहीं तो तेरा सर क्रीम मेरे मुँह में आ जायेगा और मेरी चूत भी गीली होने को हो रही. मैं बड़ा परेशान सा हो गया और एक्साईटमेंट की वजह से और चुदाई की मस्ती बीच में रुकने के कारण मेरे लंड का सारा क्रीम लंड से बाहर आ गया.
और मैं अपने लंड को कण्ट्रोल नहीं कर पाया. माँ हसने लगी और बोली बंटी वैसे तो मुझे इसे अपने मुँह में लेना था पर डार्लिंग मुझे ये पसंद नहीं है. मैं नेचुरल चुदाई में ही खुश रहती हूँ और तेरे डैड को भी एक्सप्लिसिट सेक्स पसंद नहीं है. तू भी मुझको रंडी मत समझना मैं केवल तेरे डैड से ही चुदवाई हूँ और किसी से नहीं.
एक दो बार और मर्दों से बॉडी टू बॉडी टच जरूर रहा है पर बात चुदाई तक नहीं पहुंच पायी. हाँ ये बात और है की मेरे ड्रेस की वजह से कई मर्दों ने मुझको आँखों से चोदा होगा और मेरे बूब्स और थाईज का नज़ारा मेरे ड्रेस की वजह से किया होगा. इसके बाद माँ ने कहा अरे तेरा लंड तो फिर ढीला हो गया.
और उन्होंने फिर अपने हाथों और मुँह और लिप्स के जादू से उसको 2-3 मिनट में फिर से तैयार कर दिया और मैं भी पूरी तरह किला फतह करने के मोटिव से माँ की बॉडी को नापना शुरु कर दिया. मैंने माँ की टांगों पर भी हाथ फिराना शुरू कर दिया. उनकी टांगें बड़ी मुलायम और स्मूथ थी.
मुझे लगता है माँ अपनी बॉडी का बहुत ख्याल रखती हैं. मैंने अब तक एंट्री गेट पर दस्तक नहीं दी थी. मैं माँ को पूरा मस्त कर देना चाहता था और मैंने अपने लंड को फुल कण्ट्रोल में रखा था. मैं माँ की बॉडी को अभी भी अपने होंठो और उँगलियों और हाथों से ही रगड़ रहा था. माँ थोड़ा एक्साइटेड होने लगी थी और बोली बंटी अब आ भी जा यार प्लीज मत तड़पा जालिम जल्दी से मेरे ऊपर आ जा.
मैंने कहा बस माँ जस्ट वेट मैं तैयार हो रहा हूँ बस एक मिनट रूक जाओ मैं भी आता हूँ. फिर मैं माँ की क्लीट पैर हाथ रखकर कहा सुंदरी ये क्या है. तो वह बोली इसे औरत का लंड कहते हैं ये औरत की मस्ती का स्विच है अगर तुझे किसी औरत को ओड़ना है और वह तैयार ना हो तो बस इस स्विच पर हाथ फेर दे तुझसे चुदवाए बगैर नहीं मानेगी.
मैंने कहा की ठीक है लेकिन आज मैं तुम्हारा स्विच ऐसा दबाऊंगा की सारे फ्यूज उड़ जायेंगे. माँ मस्ती में हँसने और चिल्लाने लगी. मैंने माँ की दोनों टांगों को दूर करते हुए उनकी थाईज को अपने कमर की तरफ किया और दोनों टांगों को अपने शोल्डर पर रख दिया और उनके चूतड़ को दोंनो हाथों से धकेलते हुए अपना लंड उनकी चूत के पास ले गया और पुरे जोर का धक्का दिया.
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तो मेरा आधा लंड उनके चूत में समां गया. मेरी तो चीख निकल गयी लेकिन माँ को कुछ तसल्ली हुयी और वह मेरे अगले एक्शन का इंतज़ार करने लगी. मैंने एक और ज़ोरदार धक्का लगाया तो पूरा लंड अन्दर चला गया अब मैंने धीरे धीरे अन्दर बाहर करना शुरु किया. माँ तो पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मजा ले रही थी मैं तो सातवे आसमान पर था.
पर माँ का ध्यान इस बात पर था कि कही मेरा माल बीच में ही नहीं निकल जाये वह शुरु से ही चुदाई को लम्बा करना चाह रही थी. माँ बोली अंदर तक घुसेड़ अपना लंड चूतड़ पर ज़ोर से मार मजा आता है उसकी आवाज मुझे अच्छी लगती है. वह भी जोर जोर से अपने पेट और चूत बीच के हिस्से पर मस्ती में ज़ोर ज़ोर से स्लैप करती थी.
मैं भी जोर से अंदर बाहर करने लगा बोली मस्ती आ रही है तुझे भी मज़ा आ गया आज बहुत दिन बाद जवानी का मज़ा पाया है कसम से आज तूने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए अय्य्यीइइइइइइ अह्ह्ह्हह्ह. मै भी बहुत जोश के साथ चुदाई कर रहा था. मैं बोला आज तेरी चूत की धज्जियां उड़ा दूंगा अब तू डैड से चुदवाना भूल जायेगी हर वक़्त मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने को तड़पा करेगी माँ.
अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह आआआईइइइइइइइइ क्या मज़ा आ रहा है फ़क मी हार्ड ररररर आआआअज्ज्ज्जज उउउ जूउउउउउउ के ऊओह्ह और फ़ास्ट माय डार्लिंग. मैं भी बोला यस माय फेयर लेडी श्योर. माँ बोली बंटी मुझे चुदाई का तो मज़ा लेते बहुत टाइम हो गया पर मैंने आज तुमको एक्साइटेड करके जो चुदाई करवाई ऐसा पहली बार हुआ है.
मैं अब तक ये जानती थी की आदमी को एक्साइटेड कैसे करते है पर मैंने पहली बार किसी मर्द को शुरु से एक्साइटेड कर चुदवाई है. वह चिल्ला रही थी आह्ह गुड बंटी मज़्ज़ा आ गया. म्मम्मम्मम आआअह्ह्ह्ह ऊऊऊम्म्म्हह्ह्ह्ह मममममममम. फिर अचानक जब मुझे लंड पर कुछ लिक्विड का सा प्रेशर सा फील होने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तो माँ बोली बंटी अब बस एक बार अब धीरे कर दे मेरा तो पानी निकाल दिया तूने. मैंने स्पीड थोड़ा कम कर दी और अब मैं थकने भी लगा था. अचानक मेरा सारा दबाव मेरे लंड के रास्ते माँ की चूत की घाटी में समां गया और मैं एकदम से सुस्त हो गया और मेरा लंड भी शांत हो गया.
फिर माँ और मैं एक दूसरे के ऊपर लेट गए. मैंने अपना लंड अपनी माँ सुंदरी की चूत से बाहर निकला तो वह एकदम मूंगफली की तरह सिकुड़ गया था और माँ उसे देखकर हसने लगी. और बोली मैंने तेरे लंड का क्या हाल कर दिया बंटी. मैं फिर माँ से कहा की मेरी बड़ी इच्छा हो रही है की एक बार आपकी गांड मारुँ अगर तुम बुरा न मानो तो शुरू करें.
माँ बोली अबे कहाँ तो तुझसे चुदवाने के लिए मुझे तुझको कितना तैयार करना पड़ा और कहाँ तू अब मेरी गांड मरने की भी सोचने लगा. अबे सब काम एक दिन में ही कर देगा और फिर देख टाइम क्या हो गया है सुबह के 5:00 बज रहे हैं. अगर तेरी बड़ी ही इच्छा है तो तुझको रिहर्सल करवा देती हूँ. फिर माँ उल्टा होकर लेट गयी और उनके बड़े बड़े चूतड़ों के बीच उनकी गांड मुझको नज़र नहीं आयी पर उनके चूतड़ बड़े मस्त थे.
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जब वो पूरी तरह गरम हो गयी तो बोली चल शुरू हो जा तो वो ऊपर आयी. मैंने उनकी टाँगे फैलाई और अपना 7″ वाला उनके बुर पर रख दिया और हल्का सा दबाया. वो कराहाने लगी आआअह्ह्ह्ह बोली बेटा डाल दे जहाँ से निकला हैं फटाफट अपनी मॉ को अपनी बीवी बना दे सालाआहहहहहहहन. इसी कराहने से मेरा हौसला बढ़ गया मैंने हलकी सी स्पीड बढाई तो कहने लगा कि स्सस्सस्सस साले तेराआआआआ तोहह बड़ा जबरदस्त लंड है आआआआअ तूने तो अपने बाआआप को पीछे कररररररर दिया.
मैंने कहा कि अगररररर कहो तोऊऊऊऊह रोज तृप्त कर दूऊंऊंगा. तो बोली भूतनी के तेरी माँ हूँ पहले तुझे. शांत करोऊऊ और रात तेरे बाप कोकोकोको. मैंने कहा की दोनों को और कह कर अपनी स्पीड तेज कर दी वो मजे के कारण चिल्लाने लगी. दस मिनट तक यह बाते करने लगा. जब मैं शांत हुआ तो वो भी बाथरूम में चली गयी और शावर खोलकर बाथटब में बैठ गयी और मुझे आवाज दी. मैं गया तो देखा की वो टब में बैठ है और मेरी तरफ हाथ बढ़ा रही है तो मैं भी उसमे जाकर समां गया हमने वहाँ भी खूब मस्ती की. अब हम 5 दिन से रोज यही खेल खेलते है.
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