Family Hardcore Gangbang Sex
नमस्कार दोस्तों, आप सबने कहानी के पिछले भाग पापा के साथ घर बसाया 5 में आपने पढ़ा कि माँ की मौत के बाद पापा ने बुआ की मदद से मेरे साथ शादी कर ली. और मेरे साथ सुहागरात मना कर पापा बेटीचोद बन गए और हम पति पत्नी की तरह चुदाई को एंजॉय करने लगे इस भाग का आनंद लेने के लिए आपको पापा के साथ घर बसाया – 1 2 3 4 सभी को एक साथ पढ़ना चाहिए तभी पूरा मजा आएगा. Family Hardcore Gangbang Sex
मैं : सुनिए ना आज दीदी का फोन आया था.
पापा : उसका फ़ोन तो रोज़ है आता है.
मैं ; हा लेकिन दीदी हमें वहा अपने यहां बुला रही है.
पापा ; यार कुछ दिनों के बाद तो हम वहा जाने वाले ही ना फिर अभी क्यों बुला रही है.
मैं ; वो बोल रही है कि एक बार आ जाओ इस शनिवार को.
पापा; यार वो शनिवार को देखेंगे. नहीं मैंने दीदी को कह दिया ही कि हम शनिवार को हैं उनके यहां आ रहे हैं.
पापा मेरी आंखो मैं देख कर बोले जान जब सरकार ने कह ही दिया है तो इस गुलाम की क्या मजाल जो ना कर दे और अब अगर रानी साहिबा की इजाजत हो तो क्या मैं अपनी रानी को प्यार कर सकता हूं और मैंने पापा की आंखे मेरी आंखे दाल कर हल्के से मुस्कुराइए और बोली आप को रोका ही क्या प्यार करने से तो पापा मेरे ऊपर झुके और अपने होठों को मेरे होठों पर रख कर मेरे होठों को चूमने लगे।
मैं भी पापा के नीचे लेटी उनके गले मैं बाहे डाले उनका साथ दे रही थी।मैं पापा की आंखो मैं आंखे डाले बड़े ही नशीले अंदाज मैं बोली, डार्लिंग क्या अपनी जान को सारी जिंदगी ऐसे ही प्यार करते रहेंगे तो पापा मेरे होठों को
चूमते बोले मेरी जान हो तुम हम भले ही दो जिस्म ही लेकिन जान तो एक ही.
अब मेरे चूचे भी नाइटी की क़ैद से आज़ाद होने के लिए तड़प रहे थे जी तभी पापा अपना हाथ मेरी नाइटी की डोरी पर रख दिया और मेरी नाइटी को खींच दिया मेरी नाइटी दो हिसो मैं आगे से खुल गई और ब्रा मैं कैद मेरी चुचियो पापा की आंखें सामने थी और खुद ब्रा की कैद से आजाद होने को तड़प रही थी।
अपनी चुचियों को इस तरह से देखती हूं पापा की आंखो मैं देख मुस्कुराती बोली ऐसे क्या देख रहे ही क्या पहले बार देख रहे हो खुद अपने हाथ से अपनी चुचियों को दबाने लगी। और फिर बिस्तर पर उल्टी हो कर लेट गई तो पापा भी मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरी नंगी पीठ को चूमते बोले जान क्यों अपने हाथों को कष्ट दे रही हो दास है ना.
पापा अपने होठ मेरे चिकने गालो पर रख कर मेरे गालों को अपने होठों से रगड़ते बोले जान कितनी हॉट हो कितनी नमकीन हो मेरी जान ऐसे ही मेरी बाहों में रहना मैं भी बेल की तरह पापा से लिपट गई और पापा मुझे चूमते ब्रा के ऊपर से मेरी चुचियों को मसल रहे थे.
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मुझे ; पापा को उत्तेजित करने के लिए अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह जी कितना दबाएंगे आप इनको देखिये ना कितना बड़े कर दिए ब्रा भी अब कसने लगी है आआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और पापा ने अपने होठ मेरी ब्रा के ऊपर रख दिए और ब्रा के ऊपर से ही मेरी चुचियो को चूमने लगे.
मैंने ये जान बुज़ कर पापा से कहा कि मेरी ब्रा मुझे कस रही ही ताकि वो जल्दी से मेरी ब्रा को मेरे बदन से अलग कर दे। खोल दीजिए ना मैं चाहती हूं तो अपनी ब्रा खुद खोल सकती थी पर जो मजा अपनी ब्रा पापा से खुलवाने में ही वो मजा खुद खोलने में लगी थी.
पापा मैं अपना हाथ पीछे ले जा कर मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया या मेरी ब्रा को निकलने लगे तो मैंने अपनी बाहे उठा कर उनको अपनी ब्रा निकालने में मदद की और फिर पापा ने मेरी ब्रा मेरी बाहों से निकाल कर अलग फेंक दिया अब मेरे बदन पर सिर्फ पैंटी और पापा के बदन पर अंडरवियर था। पापा मुझे अपनी बाहों में ले लो मेरे गालो गर्दन को चूमते मेरी चुचियो को मसल रहे थे.
मैं अब तड़प रही थी मैं पापा के ऊपर चढ कर पापा के होठों को चूमती बोली, क्या रात भर इनसे खेलने का इरादा है दूध नहीं पीएंगे डियर आ मेरा बच्चा दूध पी लें भूख लगी है ना. अपनी चूची को पकड़ कर खुद पापा के मुँह पर देते हुए बोली जी पीजिए ना जब आप इन दूधों को पीते हैं तो बड़ा ही बड़ा मजा आता ही.
तो पापा मेरी आँखो को देखकर मुस्कुराते हुए अपना मुँह नीचे ले आए और मेरे निप्पल को मुंह में लेकर पीने लगे मैंने अपना हाथ पापा के बालो मैं रख कर उसे सहलाने लगी और बोली जी मुंह मैं भर कर जोर जोर से चूसिये ना जैसे रोज चूसे है .पापा ने मेरे चूचो को मुंह मैं जितना हो सकता था भर लिया और जैसे दशहरे आम चूसते ही वैसे मेरे दुद्दू चूसने लगे मैं मस्ती मैं आआह्हह्हह आ ह सी सी आ आह भरने लगी।
मैं ; जी आप मुझे पूरी तरह से गरम कर देते ही आ ह सी सी ऊ मां आ आ आह ह्ह अब रहा नहीं जाता।
पापा मेरी चूचियों को बारी बारी से अपने होठों से भरते और चूसते और कभी अपने होठों से मैं दबा का खीचेंते मैं पूरी तरह से गरम हो उठी थी.
मैं ; आआआअहह जी जानू बस कीजिए ना, जाता ही नहीं, क्यों तड़पा रहे, ही डाल दीजिए ना अपना, आह्ह प्लीज, एक बार डाल कर कर दीजिए, फिर चाहे सारी रात चूसते रहना।
पापा मेरे ऊपर से उठे और मेरे बदन से मेरी नाइटी को निकाल कर दूर फेंक दिया अब मेरे बदन पर सिर्फ पैंटी ही थी और वो भी मेरी चूत के रस से एकदम गीली थी. मेरी चिकनी जाघें रोशनी में चमक रही थी तो पापा ने अपने होठ मेरी जांघो पर रख दिए और मेरी चिकनी जांघो को चटने लगे.
और कभी मेरी हुई चिकनी जांघो को अपने दांतो में भर कर काट लेते जिस से उउउउउउउफ आ ह सी सी ऊ मां आ आ आह फफफफ्फ़ आआआआआ आआआआआ आआआ गया मेरे पास अपना हाथ है को पापा के बालो मैं चल रही थी। अपनी चिकनी जांघो पर पापा के होठों और दांतो के कटने से जितनी उत्तेजित हो रही थी उतनेजने के मारे तो मेरी चूत पानी छोड़ने लगी जिस से मेरी पैंटी बुरी तरह से गिली हो गई थी।
पापा मेरी जांघो को चूमते हुए धीरे से ऊपर मेरी पैंटी के पास मुंह ले कर आए और मेरी पैंटी के ऊपर से कभी मेरी पैंटी की दरारों मैं अपनी जीभ घुसाने लगे और फिर अपने होठों को मेरी पैंटी पर लगा दिया और मेरी पैंटी जो मेरी चूत के रस से गिली थी उससे होठों पर दबा कर पैंटी से मेरी चूत का रस चूसने लगे.
कुछ देर ऐसे ही मेरी पैंटी से मेरी चूत का रस चूसने के बाद पापा ने अपनी उंगली मेरी पैंटी उतारी और उसको भी उतारने लगे और जैसे ही पापा मेरी पैंटी उतारने लगे मैंने अपनी गांड को उठाया। तकी वो आसन से मेरी चड्ढी निकल सके और अगले ही पल मेरी चड्ढी जो अभी तक मेरी चूत को धक्के हुई थी वो अब पापा के हाथों में थी..
मेरी चड्ढी को वही फेंक कर पापा ने मेरी दोनों टांगों को फियाला दिया और मेरी चिकनी पर अपना हाथ फिराने लगे. मैं अब पूरी नंगी लैती हुई थी पापा पापा मेरी चूत पर हाथ फिराते मेरी आंखो मैं ही देख रहे थे। पापा को इस तरह अपने बदन को निहारते मैं बोली इसे क्या देख रहोगे रोज ही तो देखते ही.
पापा;” कसम से जान तुम एक नशा हो… एक कयामत हो… क्या कमाल की खुबसूरत हो तुम… जो तुम्हें इस हाल में देख ले वो सच में पागल हो जाएगा…”
कोई भी औरत अपने पति के मुंह से अपनी तारीफ कर खुश हो जाती है, यही हाल मेरा था लेकिन मैंने अपनी खुशी को छुपाया पापा से कहा अच्छा लगता है औरतों के बारे में मैं बहुत कुछ जानती हूं क्या और से यही कहते हैं ही आप मैंने बीवियों की तरह पापा को ताना मरते कहा.
पापा; नहीं मेरी जान सिर्फ तुम्हें ही ये कहा.
मैं; अच्छा मुझसे पहले अपनी पहली बीवी को (अब मेरी मम्मी को अपनी मम्मी नहीं बल्कि अपनी सौतन समझती थी पापा की पहली बीवी को).
पापा; नहीं मेरी जान वो तो एक दम ठंडी थी.
मैं; होंठों को दांतों से काटते हुए और मैं?
पापा; तुम तो आग हो आग मुझे निचोड़ लेती हो.
इस तरह पापा के कहने पर मेरा दिल खुशी से झूम उठा और पापा जो मेरी चुचियों को देख कर मेरे निप्पल तो इस समय एकदम खड़े थे उसको जोरो से पकड़ कर जोर से मसल दिया मैं जोर से चिल्ला पड़ी उई मां कितनी जोर से करते ही दर्द होता ही फिर पापा मेरे ऊपर छा गए और मेरे बदन को चुमटे नीचे और जाने लग.
और मेरी चूची को फिर से मुँह मैं भर लिया और उसको चूसने लगे और साथ ही पापा का हाथ जो मेरी चूत पर उन्हो ने अपनी उंगली मेरी चूत मैं घुसा दी और उंगली मेरी चूत अंदर बाहर करने लगे. गरम तो मैं थी है और पापा के मेरी चूची चूसने और चूत मैं उंगली डालने के करण मैं और भी गरम और भी ज्यादा गरम हो उठी और मैं अपने दो को उठा कर खुद उनकी उंगली से अपने आप को चुदवाने लगी.
मुझसे रहा नहीं गया तो मैं पापा के बालो मैं उंगली चलती बोली एम जी अब रहा नहीं जाता आइए ना डाल दीजिए ना अपना मेरे अंदर तो पापा बोले क्यू जान मजा नहीं आ रहा तो मैंने मजा तो बहुत आ रहा है पर अब नहीं जाता बस आप एक बार मेरे अंदर डाल दीजिए फिर चाहे रात भर आप यही करते ही करते रहना पर पापा कहा मेरी बात सुनते वो तो बस अपना काम किए जा रहे थे.
पापा ने अपने होठ मेरी चूत पर रख दिये और मेरी चूत को अपने मुंह में भरकर पीने लगे मैं चूत को अपने हाथों से खोल कर चटवाने लगी तो मैंने नीचे से अपने चूतडो को उछाल कर अपना हाथ पापा के सर पर रख दिया और खुद पापा को अपनी चूत चटवाने लगे मेरे मुँह से अब अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआह्ह्ह्हह्ह्ह्ह निकल रहा था मुझसे अब रुकना मुश्किल ही नहीं नामुकिन सा था.
मैं आआआआहह जी बस किजिए ना क्यू तड़पा रहे ना डाल दीजिए ना अपना लंड। पापा उठे उनके मुँह पर मेरी चूत का रस लगा हुआ था जिसे वो अपनी जीभ निकल कर चाटने लगे और मेरी आँखो मैं देख कर जान कितना स्वादिस्ट है दिल करता है बस तेरी चूत पीता रहूं तो मैं शर्मा कर बोली आप भी ना, पापा मेरी टांगों के बीच आ गये उनका लंड अंडरवियर एकदम तन खड़ा था.
पापा के खड़े लंड की और देख कर मैं मुस्कुराती बोली आपका तो कैसे खड़ा है अंडरवियर मैं भी नहीं समा रहा तो पापा ने मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और बोले मेरी जान अंडरवियर भले ना सही तुम तो संभल ही लेती हो मैं भी पापा के सामने आंखो में आंख डाले अपनी चूत को सहलाती हूं. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पापा ; डार्लिंग उतारो ना इसको.
तो मैंने अपनी उंगली को अपने अंडरवियर में फंसाया और नीचे खिसका दिया। पापा का मस्त कड़क 9 इंच लम्बा 3 इंच मोटा लंड झूलता मेरी आँखों के सामने था। पापा ने एक तकिया उठाया और मेरे दो के नीचे लगा दिया पापा मेरी टाँगों के बीच में खड़े अपने मूसल लंड को सहला रहे थे तो मस्ती में अपनी चूत को सहलाते हुए पापा की आँखो में देखा कहा है जी अब आ भी जाइये ना जानू क्यू तड़पा रहे ही डाल दीजिये ना इसको मेरे अंदर.
पापा मेरे ऊपर आये और अपने लंड को मेरी चूत की ऊपर रगड़ने लगे तो मैंने जल्दी से अपना हाथ नीचे ले जा कर पापा के लंड को पकड़ कर अपनी चूत से सटा लिया और बोली मारो ना धक्का अंदर बड़ी खुजली हो रही है और अपने गांड को ऊपर उठा लिया मेरी चूत से निकले पानी से पापा का लंड काफी चिकना हो गया था.
और जैसे ही पापा ने एक धक्का मेरी चूत पर मारा तो पूरा 6 इंच अंदर घुसेड़ दिया पापा के जोरदार धक्के से मेरे मुँह से गाली निकल पड़ी उई माँ कितने जोर से अंदर डालते ही एक ही बार में पूरा घुसा दिया मर गई, मेरी तो गाल निकाल देते, आप बचे साथ वाले रूम में तो रहे, आआआह्हह्हह्ह उईइइइइइइइइइइ माआआआआ आआआआआआ आआआआआ आआआआ कितना लंबा और मोटा ही आप का.
पापा मेरे ऊपर लेट मेरे होठों को चूमते बोले जान क्या करु तुम्हें देखते ही अपने होश में रहता है कहा हो तुम चीज ही ऐसी हो। मैं अब पापा के नीचे लेटी आंखो मैं देख हल्के से स्माइल करते बोली, आप भी ना आआअह्ह ह्हह्हह्ह ह्हह्हह्ह अह्हह्ह अह्हह्ह ऐसे ही धीरे पापा ने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकाला या एक इतना जोरदार धक्का मेरी चूत पर मारा और पापा का लंड डंडंटा झाड़ तक मेरी चूत में घुस गया. मेरी फिर से गाल निकल गई.. और मैं 3 इंच बिस्तर पर पीछे खिसक गई..
मैं ; उफ्फ्फ..अरे थोड़ा धीरे धक्काआ…माँ..र्र..इइ.यय..ईई। कितना बड़ा मोटा है आपका है..
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पापा मेरे बात की परवा किये बिना मेरे ऊपर झुके और हल्के हल्के अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करते हुए सहजता से एक लय के साथ अपने कमर को चलते बोले डार्लिंग, अब कुछ मत कहो जवानी का मजा लो. पापा ने अपनी की स्पीड बढ़ा दी हम दोनो एक बदन पसीने से एक दम गीले हो चुके थे.
पापा मेरी चूत मैं अपने प्यार का समुंदर बहा कर मेरे ऊपर लुडक गए तो मैंने पापा को अपनी बाहों में जोर से कस लिया कुछ देर ऐसे ही हम दोनो एक दूसरे की बाहों में लिपटे रहे जब हमारी सांसे नॉर्मल हुई तो पापा की आंखो में देख शिकायती लहजे में बोली कितनी जोर से करते ही आप मेरी चीख अगर साथ वाले रूम में बच्चे सुन लेते तो और वहां पड़ी अपनी ब्रा को उठा कर पहन ने लगी.
तो पापा ने मेरी ब्रा को पकड़ लिया कर दूर जमीन पर फेंक दिया और बोले यार ये क्या कर रहे इसको क्यों पहन रही हो क्या सारी रात इसको उतारती और पहनती रहोगी तो मैं मुस्कुरा पड़ी और पापा से लिपट कर बोली आप भी रात रात भर सोने ही नहीं देते पता नहीं रात मेरी कितनी बार करोगे. पापा रात मैं एक बार और मेरे ऊपर चढ़े। रात हमें कब नींद आती पता ही नहीं चलता.
मैं अब पापा के साथ अपना पुराना रिश्ता भूल ही चुकी थी और मैं अब पापा पर बीवियों की तरह, बात-बात पूछने लगती है उन पर शक करने लगी अजी कहा जा रहे कहा इतनी देर किस के पास द कब आओगे और पापा भी वैसे ही मुज से डरते जैसे हर मर्द अपनी बीवी से डरते ही जान बस वो रास्ते ही एक दोस्त मिल गया था.
कहा मैं पापा से डरती थी और अब पापा मुझसे डरते थे और कुछ करने से पहले मुझसे पूछते थे और मैं उनको मन कर देती थी पापा को कि जरा भी हिम्मत नहीं होती थी कि वो काम कर ले पहले जहां पापा घर आते थे ही पैग लगाने बैठ जाते थे लेकिन शादी के बाद रात को पाइन से मुझसे पूछते थे और मेरी खुसमंद करते थे और अगर मैंने पापा को मना कर दिया तो इनकी हिम्मत नहीं होती थी की पैग को हाथ लगा ले।
मैंने पापा को बुआ के वहा चलने के लिए मना लिया था तो मैं वहा चलने की तयारी करने लगी मुझे तयारी देख कर पापा मुझसे पूछने लगे जान ये क्या कर रहे है इतने कपडे क्यू साथ ले रहे है हम वहा रात को रुकेंगे थोड़ा है तो मैंने पापा से पूछा क्यू.
तो पापा मुझे बांहों में भरते बोले जान तुम्हारे बिना मुजे नींद कहा आती ही और अगर वहा हम रुके तो पूजा के साथ ही सोएगी तुम्हारी और सारी रात तुम से बात तुम दोनों की बाते ख़त्म ही नहीं होती तो मैंने कहा, जी अगर दीदी रुकेगी तो मैं कैसे उनको मना कर सकती हूं। मेरी बात सुन कर बोले, जान बोल देना है बच्चों की पढ़ाई है यहां बहुत काम है कोई भी बहाना बना देना.
तो मैंने कहा ना बाबा मैं नहीं मन करूंगी पता है दीदी कितना छेड़ती है मुजे आप है बोल देना मुझसे नहीं होगा तो पापा मुझे पीछे से बांहों मैं कस्ते बोले जो हुकम सरकार लेकिन आज की रात तो अपनी ही ना आओ ना क्यू तड़पा रही हो आज बड़ा मूड है मैं पापा की आंखो मैं देख कर मुस्कुरा कर बोली जानू आप बताइये आप का मूड कब नहीं होता आप का। आप का डंडा तो जब देखो खड़ा ही रहता है.
पापा ; (अपने हाथ मेरे चिकने पेट पर फिरते) मेरी जान उसे तो तुम खड़ा रखती हो अपनी अदाओं से.
मुझे; मैं झूठे अभी भी देखिये कैसे कितना चुब रहा ही पीछे से।
पापा ने अपनी बाहों में उठाया और बिस्तर पर ला कर लिटा दिया. बेड पर लेट मैंने पापा की और देखते कहा आज ऐसे ही जल्दी सो जाते ही सुबह जल्दी भी उठना ही तो पापा बोले यार जब देखो तुम्हें जल्दी की पड़ी रहती है कब से मैं तड़प रहा हूं और अपने खड़े लंड को मेरे सामने सहलते बोले देखो कब से खड़ा अपनी रानी के लिए बेकरार ही.
तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा आप का तो हर समय खड़ा ही रहता है और अपनी बहन खोल कर पापा को अपनी बाहों में आने का इशारा किया तो पापा ने मुझे बाहों में भर कर चूमने लगे और कब हमारे बदन से कपडे जुदा हो गए हमें पता ही नहीं चला. पापा मेरे होठों पर मेरे चुचियो को सहला रहे थे मसल रहे थे।
पापा पागलो की तरह मेरी गर्दन पर अपने होंठो को रख कर चुमने लगे तो मैंने कहा जी आआआआ आआआआ आआआ आआआ. मैं आआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्ह जी अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा, अब डाल भी दीजिए ना. पापा उठे और मेरी टांगो को फैलाया और खुद मेरी टांगो के बीच के आ गए पापा का मूसल लंड अब ठीक मेरी चूत के सामने और मेरी चूत भी पापा के लंड के स्वागत के लिए तैयार थी।
पापा मेरी आंखो मैं देखते बोले तुम पकड़ लगाओ मैं धक्का मारता हूं तो मैंने पापा का लंड पकड़ कर अपनी चूत पर दर्द से सेट करते हुए कहा जरा धीरे धीरे अंदर घुसना। पापा ने मेरी दोनो टांगों को पकड़ कर ऊपर उठे हुए एक जोरदार धक्का मेरी चूत पर मारा तो पापा का लंड पूरा दंडंत हुआ मेरी चूत में घुस गया तो मेरे मुंह से हल्की से गाल निकल गई.
तो मैंने पापा को डांटते हुए कहा क्या आप भी कितनी जोर से डालते हो एक बार है गुस्सा डालते हो अभी मेरी गाल निकलते निकलते रह गई कहीं बच्चों ने सुन ली तो आप को बस कुछ भी ध्यान नहीं रहता पापा मेरी चूत मैं अपना लंड डाले मेरे होठों को चूमते बोले मेरी जान जब तुम पास होती हो तो मुझे कुछ और नहीं दिखायी देता तुम चीज़ ही ऐसी हो मेरी जान.
मेरे दूध दबाने वाला कोई नहीं है। तुम देखोगे इन्हें कैसे हिलते हैं? कितना मोटा है आपका आप एक बार में घुसा देते हो मेरी तो जान ही निकल देता है .उफ्फ्फ..अरे थोड़ा धीरे धक्काआ…माँ..र्र..इइ.य..ईई.पापा मेरे ऊपर आके मेरे दोनों पैरो को और फेला कर और अपने लंड को फिर से बहार लेके हल्के से आसानी से मेरी चूत के अंदर एक लय के साथ डालने लगे…
अब पापा ने एक लय के साथ अपनी कमर चला कर मेरी चूत पर धक्के मारना शुरू कर दिया मैं भी पापा के नीचे लेटी अपने हाथो को पापा के चूतड़ों पर रख कर मस्ती मैं आआआह्ह ह्हह्हह्ह ह्ह आह्ह कर रही थी अब मेरा भी पानी निकालने के लिए काफी करीब था इसलिए मैं भी नीचे से अपनी चूतडो को जोर से ऊपर की ओर उठाने लगी।
मेरी चूत ने काफी पानी चुराया था इसलिए पापा का लंड मेरी चूत बड़ी आसानी से आ जा रहा था। पापा अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालते और फिर इक ही झटके मैं जड तक अपना लंड मेरी चुत मैं घुसा देते मैं मज़े से पापा आ ह सी सी ऊ मां आ आ आह पापा आह पापा आ ह सी सी ऊ मां आ आ आह पापा और जोर से करो और जोर.
और तेज़ तेज़ नीचे से अपने चूतड़ों को उछाल कर पापा की ताल से ताल मैला कर पापा का साथ दे रही थी। और मैंने पापा को अपनी बाहों में जोर से कस लिया और इसके साथ ही झड़ने लगी मेरी चूत भर-भर कर पानी छोड़ने लगी। लेकिन पापा अभी भी मेरे ऊपर चढ़े जोर जोर से धक्के मेरी चूत पर मार रहे थे.
मैं पापा को अपनी बाहों में छिपाया अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह कर रही थी कामरे मैं बस मेरी सिस्कियो के साथ बिस्तर के हिलने की चू चू की आवाज ही गूंज रही थी। मैं जानती थी कि पापा का लावा अब कोई भी वक्त मेरे अंदर फूट ही सकता है और पापा भी 2 3 धक्को के साथ मेरे ऊपर लुडक गए।
पापा के लंड ने अमृत की बारिश मेरी चूत मैं कर दी हम दोनो एक दूसरे की बाहों में लंबे समय तक लंबी सांसे ले रहे थे हम दोनो के बदन पसीने से एक दम गीले थे पापा फिर से मेरी चूची को चूसने लगे। पापा जानते थे कि वो अगर मेरी चूची को चूसेंगे तो फिर से गरम हो जाउंगी, जल्दी से उठी और अपने बदन को साफ करने लगी.
और वहां पड़ी अपनी नाइटी को उठा कर पहनने लगी तो पापा बोले जान ये क्या कर रही हो आऊ ना एक बार और करते ही तो मैंने नहीं बस आज रात के लिए इतना ही सुबह जल्दी भी उठना ही। पापा शायद समझ गए कि मैं नहीं मानूंगी तो वो बोले अच्छा ठीक है लेकिन इसको क्यों पहन रही हूं उसे उतार कर आ जाओ ना वैसे ही सोते ही नंगे जैसे रोज सोते ही.
तो मैंने कहा नहीं जी जानती हूं अगर नंगी आपकी बाहों में रहूं तो आप फिर से शुरू हो जाओगे आप का शेर फिर से अंदर उच्छल कूद मचाने लगे अभी से देखो कैसे उछल रहा है और पापा के फिर से खड़े लंड की और इशारा किया तो पापा बोले यार कुछ तो रहम करो. मैं नहीं अब जो भी होगा कल और पापा को अपनी बाहों में ले कर सो गई पापा भी मान गए क्योंकि हमें सुबह जल्दी उठना था।
सुबह मैं जल्दी उठी और पापा के साथ दोनों बच्चों को भी उठा दिया और उनको तैयार करने लगी। बच्चों को तैयार करने के बाद मैं खुद तैयार होने लगी तो पापा जो तैयार हो कर बैठे थे बोले यार और कितना टाइम लगेगा तो मैं बोली बस 2 मैं अभी आ रही हूं तो पापा बोले यार पिछले आधे घंटे से 2 मैं ही बोल रही हूं तो मैं जल्दी से तैयार हो कर बाहर आई.
या पापा की और देख कर बोली आप से 2 मैं भी सब्र नहीं कहा तो आ रही हूं और आप ही बस आवाज लगाए जा रहे हो अच्छे से तैयार भी नहीं होने देते और अपने बालों को अपने हाथ से ठीक करते हुए मुस्कुराते हुए पापा की आंखें आंखे डाल कर पूछने लगी मैं केसी लग रही हूं जी तो पापा मेरे पास आए और मेरा हाथ पकड़ कर ढेर से बोले यहां बताओ और फिर अंदर वैसे तुम चाहो तो छोटे जनाब से भी पूछ सकती हो बेचारे का क्या हाल हो रहा.
तो मैं मुस्कुराती बोली आप भी ना आप को तो हर समय बस उसकी पड़ी रहती ही कुछ भी नहीं देखते बच्चे साथ ही और फिर मैं बच्चों के साथ बाहर आ कर गाड़ी मैं बैठ गई और पापा घर को अच्छे से लॉक करके ऐ और हम बुआ के घर की और निकल पड़े 3 घंटे के बाद हम लोग बुआ के घर पहुंच गए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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बुआ मुझे और बच्चों को देख कर बहुत ही खुश हुई मैं बुआ के साथ ऊपर उनके बेडरूम में आ गई मैं शर्म से अभी भी मुंह नहीं उठा रही थी तो बुआ बोली भाभी शर्माना छोड़ो ये तो ऐसे ही बोलते रहते हैं वैसे बात भी सही ही आप ने पापा पर जादू पर दिया ही तो मैं बोली क्या दीदी आप भी शुरू हो गई तो बुआ मुस्कुराती बोली अरे भाभी अरे मैं नहीं बोल रही अपने आप को देखो लगता ही पापा ने दिन रात काफी मेहनत की है.
मैं समझ गई बुआ का इशारा किस और था मेरी बड़ी हुई चुचियों की और वैसी बुआ और मेरे बीच अब खुल कर बात होती रहती थी इसलिए मैंने भी शर्म से छोडते हुए कहा दीदी, साइज बढ़ेगा कैसे नहीं सारी रात इसको मुंह में ले कर चूसते रहते है खींचते रहते है रात को कुछ पहनने ने है नहीं देते है.
बुआ; भाभी सब मर्द एक जैसे ही होते है ये भी कहा कुछ पहन ने देते है आज भी पूरी नंगी करके चुची मुँह मैं ले कर सोते है.
मैं; दीदी मैंने इनको बार कहा, अब बस भी करिए और उठ कर कपड़े पहन ने लगती हूं तो बोलते ही रहने दो अभी पहनोगी फिर अभी उतारोगी तो दीदी मैं भी सोचती हूं कि क्या बार बार पहनती रहूं और चढ़ाती रहुं क्या सारी रात यही काम है.
बुआ;हा हा यही काम थोड़ा ही करना है रात भर काम तो दूसरा करना है और फिर हम दोनों जोर जोर से हंसने लगी.
बुआ मेरे गले लग गई और सबकी निगाहें बचा कर मेरी चूचियां मसलने लगी और मेरे कान में बोली वाह भाभी ये मुसम्मी तो बड़ी हो गई 15 दिन तक इन पर काम हुआ है मैं शरमा गई फूफा जी बोले अरे भाई हमसे भी गले मिल लो सलहज जी बुआ ने कहा जाओ उनसे भी गले मिल लो मैं बोलि मुझे शर्म आती है तो फूफा जी बोले हमें हमारा हक़ चाहिए ओर मुझे अपने सीने से लगा कर कस कर दबा लिया और मेरी जवानी को महसूस करने लगे.
पापा : जीजा जी सब अच्छा है कि नहीं।
फूफा: चूचियों को सहला कर दबा कर देखा) साले साहब तुम्हारी तो बहुत बड़ी लाटरी निकल आई है हूर परी है हमारी सलहज, आपको बहुत मजा मिलता होगा और फिर फूफा जी ने मुझे किस किया.
पापा बोले आप लोग बातें करो और बुआ के पास किचन में चले गए बच्चे बुआ के बच्चों के कमरे में चले गए तो फूफा जी ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरे होंठों को चूसने लगे फिर मेरे ब्लाउज पर ऊपर से मेरी चूचियों को सहलाने और मसलने लगे.
मैं: बोली क्या कर रहे हैं जीजू कोई देख लेगा आप तो अपने साले के सामान पर कब्जा कर रहे हैं.
जीजू : कोई नहीं है अभी मुझे भी मेरा हक चाहिए मैं शरमा गई.
जीजू : जानती हो हम जीजा साले बहुत ओपन हैं मिल कर लाइफ एंजॉय करते हैं.
और मेरे ब्लाउज में हाथ डाल कर मेरी चूचियों के निप्पल को अपने चुटकी में पकड़ कर मसलने लगे.
मैं:सी सी ऊई उफ जीजू मत करो मुझे लग रही है। उई.
मैं उठ कर जाना चाहती थी पर जीजू मुझे बार-बार पकड़ कर अपनी गोद में खींच कर बैठा ले रहे थे। और मेरे कान में पूछ रहे थे साले साहब को तो दे दिया मुझे कब दोगी.
मैं: क्या लेना चाहते हैं आप.
फूफा जी: अरे जो साले साहब को देती हो वही हमको भी दे दो।
इस तरह से हंसी-मजाक होता रहा बुआ चाय नाश्ता मिठाई लेकर आई हमने बच्चों को बुला लिया और सब ने नाश्ता किया बुआ ने हमारी ख़ूब ख़ातिरदारी की और फिर वो हमें वो घर दिखाने के लिए ले गई जो उन्हें ने हमारे लिए देख रखा था घर के पास ही, घर बहुत ही खूबसूरत और बहुत बड़ा था.
मुझे बड़ा पसंद आया आज उस घर में आ कर मुझे मानो ऐसा लगने लगा कि ये घर मेरा ही है, इस घर की मालकिन हूं क्योंकि जहां मैं पहले रहती थी ऐसा लगता ही वो घर मेरी सौतन का है और अब ये घर मेरा ही पापा ने फौरन ही जीजा को ये घर फाइनल करने को बोल दिया.
हम घूमते हैं शॉपिंग करते हुए घर वापसी आ गए मेरी दोनों लड़की बुआ के बच्चों के साथ खेलने में मैं बुआ के साथ किचन में बातें करते हुए रात का खाना बनाने में बुआ की मदद करने लगी बुआ मुझे सहेली की तरह छेड़ छेड़ कर पूछने लगी.
बुआ: भाभी भैया का इतना बड़ा लंड कैसे लेती हो जब आपको सुहागरात की ट्रेनिंग दी थी तब तो आप की चूत बहुत ही टाईट और छोटी सी थी.
मैं : दीदी आपकी शिष्य हूं आपने जो सिखाया था उसी से मैं पापा को संभाल पाई दीदी आई लव यू आपने पहली बार मेरी बुर पी थी वो अभी भी मुझे उत्तेजित कर रही है.
मैंने बाहर जा कर देखा तो पापा और फूफा मार्केट जा रहे थे बच्चे कमरे को बंद कर कैरमबोर्ड खेल रहे थे मैं दरवाजा बंद कर वापस बुआ के पास पहुंच और उन्हें किस कर लिया बुआ मुस्कुराने लगी बोली भाभी कुछ चाहिए तो बोल दो मैं हकलाते हुए बोली बुआ आप बहुत अच्छी हो आपने जो मज़ा दिया वो आज मुझे फिर से…
बुआ बोली बस भाभी और बुआ ने मेरी चूचियों को सहलाने लगी और मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैं : दीदी पी लो.
बुआ : क्या भाभी
मैं : मेरी बुर बहुत चू रही है और मेरा मन आपकी चूत पीने का कर रहा है.
बुआ : भाभी अभी बच्चे हैं.
मैं : दीदी वो कमरा बंद कर खेल रहे हैं बस पांच मिनट में सब हो जाएगा।
बुआ मेरा उतावले पन को देखकर बोली जल्दी से स्लैब पर पैर फैला कर साड़ी उठाकर बैठो और नीचे झुक कर बैठ गई और मेरे पैंटी उतार कर नंगा कर दिया मेरे पैरों को फैला कर बीच में आकर मेरी चिकनी बुर को किस किया और जीभ को पूरी चूत पर फिराकर चाटने लगी फिर मुंह में लेकर पीने लगी मेरे हाथ बुआ के सिर पर आ गया था मैं सी सी करने लगी.
बुआ : बन्नो रानी इतनी गर्मी है जैसे अपने बताया था कि भैया रात में तीन चार बार आपकी चूत मारते हैं मुझे लग रहा है कि आपकी प्यास नहीं बुझती ।
मै : शर्माते हुए) नहीं दीदी पापा को तो एक बार की चुदाई में ही मेरी सारी गर्मी निकाल देते हैं मुझे उनके प्यार में तीन चार बार चुदाना पड़ता है आपके साथ बिताए हुए वह रात मैं बहुत मिस करती हूं आई लव बुआ।
बुआ: मैं जानती हूं भाभी, 16 साल की कच्ची चूत एक बार मस्त लंड खा लेती है तो उसकी इच्छा होती है की रोज कम से कम तीन चार बार अपनी चूत में लंड ले। आपकी उम्र में आपकी उम्र में लड़कियों को लंड देखना भी नसीब नहीं होता। कुछ ऐसी परिस्थितियां हुई ओके की आपको 16 साल की उम्र में ही परिवार को संभालना पड़ा और अपनी बहनों की खातिर खुद को अपने ही पापा से शादी करनी पड़ी।
मैं: दीदी ऐसे नाजुक मौके पर आपकी सलाह से मेरे परिवार में बच्चे और पापा को संभालने की हिम्मत पाई जोकि एक तरीके से मेरे बच्चो और पापा के लिए अच्छा ही हुआ।
बुआ: ये सब छोड़ो भाभी हाँ हाँ इतनी लकी हो जिस उम्र में लड़कियों को अपनी चुदाई करवाने की बहुत इच्छा होती है आपने 16 साल की उम्र में अपने ही पापा से शादी कर ली और सुहागरात को ही अपनी छोटी सी चिकनी चूत में अपने ही पापा का 9 इंच लंबा लंड घुसा लिया बताइए आपको अपने ही पापा से चुदकर कैसा लगता है।
मैं; मुस्कुराते हुए) हां दीदी यह बात आप सही कह रही हो।
बुआ की जीभ के जादू ने मुझे जल्दी बहा दिया। हमने अपने कपड़े ठीक कर लिए और नॉर्मल तरीके से बात करने लगे।
बुआ: भाभी अपनी सुहागरात की कहानी बताइए ना।
मैं: अरे दीदी वैसे ही हुई थी जैसे आपकी सुहागरात हुई थी और जीजू ने आपकी चूत फाड़ दी और खून निकला वैसे ही मेरी भी चुदाई हुई थी।
बुआ: लेकिन मेरी शादी के समय में 24 साल की थी आपका कुछ डिफरेंट रहा होगा प्लीज बताओ ना।
मैं: आप इतनी जिद कर रही हैं तो सुनिए शादी के बाद जब पापा आपको छोड़ने आए तब तक मैं बच्चों को सुला चुकी थी और पापा का इंतजार कर रही थी पापा आए उन्होंने गेट बंद किया और कमरे में आ गए मैं उनकी आवाज सुनकर घुंघट निकाल कर बैठ गई थी वह मेरे पास आए और मेरा घूंघट ऊपर उठाया.
मैं शर्मा रही थी वह मुझसे बोले निशि मेरी जान आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो तुमने मुझसे शादी करके मेरे बच्चों और मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है वरना मैं शराब पी पीकर खुद को खत्म कर लेता। मैं बोली कैसी बात कर रहे हैं जी आज के बाद ऐसी बात मत करना फिर मैं बिस्तर से उठी और पापा को दूध पिलाया पापा ने थोड़ा सा पी कर सारा मुझे पिला दिया.
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जब मैं उन्हें पीने को कहा तो वह बोले जानू तुम पी लो मैं तो आज तुम्हारा दूध पी लूंगा फिर मैं शर्मा गई वह मेरे बगल में बैठकर मेरे गले में हाथ डाल कर बैठ गए मेरे माथे पर गाल पर और फिर होंठ पर किस करने लगे फिर ब्लाउज के ऊपर से मेरी चूचियां दबाने लगे और एक-एक करके पहले मेरे जेवर उतारे और मेरा ब्लाउज भी उतार दिया.
फिर मेरी साडी उतार दी और अपने कपड़े उतार कर मुझे अपनी बाहों में लेकर प्यार करने लगे मुझे बहुत शर्म आ रही थी कि मैं अपने पापा की बाहों में इस तरीके से हूं। खैर अब वो मेरे पति थे और मुझे अपने पत्नी होने का धर्म निभाना था मैंने पापा से लाइट बंद करवा दी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर पापा ने मेरी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और मेरे ऊपर लेट कर मेरे दूध दब दबा कर पीने लगे और और फिर नीचे होकर मेरी कुंवारी बिना बालों वाली छोटी सी चूत को चाटने लगे और जी अंदर डालकर पीने लगे अब मुझे रहा नहीं जा रहा था मैंने उनको अपने ऊपर खींच लिया और कान में बोली बाबू कुछ करो मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा.
उन्होंने मेरी चूत में तेल लगाकर अपने लंड के सुपर को रखकर धक्के मार मार कर पूरा घुसा दिया मुझे बहुत दर्द हो रहा था मेरी चूत फट गई थी वह खून निकल रहा था मैं बेहोश हो गई थी लेकिन पापा को 1 साल के बाद चूत चोदने के लिए मिली थी वह भी एक छोटी सी लड़की की।
मेरी सील तोड़ने के बाद खून को देखकर पापा बहुत खुश हुए उन्होंने मुझे चूत की नाथ उतरवायी में डायमंड नेकलेस गिफ्ट दिया में इतना महंगा गिफ्ट पाकर बहुत खुश हुई और सर दर्द भूल गई फिर उसे रात पापा ने मुझे सोने नहीं दिया और चार बार मेरी बुरी तरह चुदाई की सुबह तक मैं इतना थक गई थी कि मुझे करवट भी नहीं ली जा रही थी लेकिन पापा ने मुझे अपनी गोद में उठाकर टॉयलेट कराया।
बुआ: भाभी आप बहुत लकी हो भैया आपको इतना प्यार करते हैं और आप इतने मस्त बड़े लंड को इंजॉय कर रही हो। आप प्रोटेक्शन लेती हो या नहीं। मतलब कंडोम यूज करती हो.
मैं: नहीं दीदी हम कंडोम नहीं यूज करते हैं कंडोम से हम दोनों को ही मजा नहीं आया था।
बुआ: फिर तो आप बहुत जल्दी खुशखबरी दे देंगी।
मैं: कैसे खुशखबरी दीदी.
बुआ: अरे मुझे तीसरे बच्चे की बुआ बनाने की।
मैं: शर्माती) नहीं दीदी अभी नहीं दोनों बच्चियों अभी छोटी है मैं अपना प्यार इन्हीं दोनों बच्चियों को देना चाहती हूं जब बड़ी हो जाएगी तब मैं अपना बच्चा प्लान करूंगी।
बुआ: लेकिन बिना कंडोम प्रोटेक्शन के आप पेट से हो जाओगी तो कैसे होगा। अबॉर्शन नहीं करना चाहिए औरत का शरीर खराब हो जाता है।
मैं: दीदी इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि अभी मेरे पीरियड ही शुरू नहीं हुए हैं.
बुआ: आश्चर्य से) क्या यह सच है भाभी, मेरे भैया की तो किस्मत खुल गई मेरे भैया की शादी उसकी बेटी से हुई उसे बेटी के अभी पीरियड भी नहीं शुरू हुए तो वह दिन रात उसकी चूत में अपना वीर्य भर सकता है जिससे दोनों को बहुत मजा मिलता है क्या बात है आप दोनों इस चुदाई को खूब मजे करोगे।
मैं: शरमाते हुए) हां दीदी एक बार मैंने स्कूल में डॉक्टर से पूछा था कि मेरे पीरियड शुरू नहीं हुए कोई दिक्कत तो नहीं कब होंगे तो वह बोली थी वैसे तो 16 साल तक की उम्र में शुरू हो जाते हैं कुछ केसेस में 18 से 20 साल की लगते हैं पीरियड शुरू होने में।
और मेरा चेक करके बताया की तुम्हें 20 मैं पीरियड शुरू होंगे तुम अभी 16 साल की पूरी नहीं हुई हो। फिर मैंने पूछा इससे कोई दिक्कत तो नहीं तो उन्होंने बताया नहीं यह सामान्य बात है फिर मैंने पूछा था की पीरियड शुरू न होने से क्या होगा तो उन्होंने बताया कि पीरियड शुरू होने के बाद ही कोई लड़की मां बन सकती है।
बुआ: यह तो तुम्हारे मजे के लिए वरदान है.
मैं: हुआ पहले शुरू होने के बाद भी मैं कापर टी लगवा लूंगी, पापा को भी कंडोम पसंद नहीं है और सब बच्चा चाहिए होगा तो उसे निकलवा देंगे।
बुआ: आंख मारकर) भाभी जीवन के मजे लूटना चाहती हो.
मैं: दीदी आप तो मेरी गुरु हो जैसे बताओगी मैं करूंगी.
बुआ : दो दिन यहां रूको आपको जन्नत की सैर करवाती हूं मैं बोली फूफा जी और पापा हैं तो वो बोली आज तुझे मर्दों का शिकार करवातीं हूं मैं बोली क्या मर्दों को शामिल करेंगी बुआ मेरी चूचियों को दबाते हुए बोली हां बन्नो रानी देखना तुझे कितना मज़ा आएगा मैं शरमा कर बोली नहीं दीदी मुझे शर्म आती है बुआ बोली भाभी मैं हूं शर्म भगा दूंगी।
बुआ : फूफा को फोन कर) सुनिए जी आप कहां हैं आपके साले और सलज आए हैं उन्हें शानदार पार्टी नहीं देंगे मैं कहती हूं उन्हें काफी समय बाद अच्छे दिन देखने को मिले हैं आपको उन्हें पार्टी देनी चाहिए आप दो बोतल वोडका लेते आए मैं बाकी तैयारी कर लेती हूं।
बुआ: भाभी खाना तो बन चुका है आप चटनी और थोड़े से पकोड़े और चटनी बना लीजिए।
मैं : दीदी क्या प्रोग्राम है यह सब किस लिए?
बुआ: भैया ने पिछले 2 सालों से अपनी पत्नी की बीमारी से उनकी मौत देखी फिर खुद को शराब में डुबो दिया लेकिन तुमने बहुत समझदारी के साथ अपने परिवार को बचाया इतने दुख के बाद तुम्हारे पापा से शादी हुई यह खुशी मनाने का समय है आज मैं तुम्हें शानदार पार्टी दूंगी और आंख मार कर बोली मर्दों का शिकार भी करवाऊंगी।
थोड़ी देर में सब सामान आ गया तो बुआ ने 4 गिलास में वोदका के पैग बनाए और सलाद पकोड़े और दूसरे चखने के साथ पापा और फूफा जी के साथ जाम लगाने लगी और मुझे भी बुलाया और गिलास दे कर.
फूफा जी: निशी शर्माओ मत मैं तुम्हारा फूफा था अब जीजू हूं और जीजू को इस रिश्ते में कुछ प्रिविलेज है क्यों साले साहब है कि नहीं।
पापा : हां जीजू इस रिश्ते में तो हंसी मजाक और छेड़खानी जायज़ है क्यों दीदी।
बुआ: मेरी तरफ आंख मारकर) सही तो कह रहे हैं।
बातचीत होते बुआ ने फैंटा की बोतल में वोदका मिक्स कर दी और सब बच्चों को खाने पर बुलाया और खाने के साथ सब बच्चों को फैंटा पिला दी। और हमने अपना दूसरा पैग और बना लिया। बच्चों को खाना-पीना खा कर और फैंटा पी कर गहरी नींद आ गई, बुआ ने सब बच्चों को कमरे में ए सी चालू कर अच्छे से सुला दिया और कमरा बंद कर वापस आ गई।
बाहर जा कर गेट पर ताला लगा कर आई और खिड़कियों पर पर्दे अच्छी तरह से लगा दिया। फिर हम सब बुआ के बेडरूम में आ गए पापा और फूफा छत पर सिगरेट पीने चले गए और बुआ ने दो जालीदार सैक्सी नाईटी निकाल कर दी, अपनी और मेरी ब्रा और पैंटी उतार दी बोली भाभी आप काली वाली पहन लो मैं लाल वाली पहनती हूं उसे पहनकर मेरी चूचियों के और चिकनी छोटी सी बुर के साफ दर्शन हो रहे थे.
मैं: शरमा गई लेकिन नशे में चूर होकर ) दीदी जीजू के सामने यह नाइटी मुझे नंगा दिखा रही है मुझे बहुत शर्म आ रही है और पापा के सामने हैं कुछ और दे दो.
बुआ: पहले मेरी बन्नो मैं आज तुझे मर्दों का शिकार करवाऊंगी और जो मजा मिलेगा वह तो कभी नहीं भूलेगी फिर हमेशा इस पार्टी को मांगेगी.
मैं: जो आग्या गुरुजी.
बुआ भी नाईटी से अपनी 36की चूचियां और बड़ी सी चूत दिखा रहीं थीं फिर बुआ जमीन पर दो गद्दे बिछाकर सफेद चादर बिछा कर एसी चालू कर दिया और महफ़िल जमा दी पापा और फूफा जी भी आ गये और हम दोनों को ऐसे देख कर मचलने लगे जैसे पहली बार नंगी औरतें देख रहे हों.
पापा मेरे पास आकर चूमने लगे और फूफा जी बुआ को किस करने लगे, बुआ ने दोनों को अलग किया और कहा बैठकर पैग बनायें और ताश खेलते हैं मैं बोली मुझे नहीं आता तो बुआ बोलीं भैया सिखा देगा तुम्हारी और भैया की जोड़ी मेरी और तुम्हारे फूफा जी की जोड़ी बनेंगी।
और खेल का नियम है कि एक राउंड में हारने वाले को बिना किसी भी शर्म के सब की बात माननी होगी और कोई बुरा नहीं मानेगा। सबने पैग उठाकर बॉटम्म सिप लिया और यस बोलकर पत्ते खेलने लगे पहले राउंड में बुआ जी हार गयी अब बुआ को सबकी बातें माननी थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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फूफा जी: जानू अपनी चूचियों को खोल दो और मुझे दूध पिलाओ.
बुआ जी ने नाईटी ऊपर से खोल कर कमर पर लपेट ली और दोनों चूचियों को फूफा जी के पास ले जाकर एक उनके मुंह में डाल दी वो पीने लगे फिर पापा की बारी थी तो.
पापा : दीदी नाइटी पूरी उतार कर खेलो बुआ ने पूरी नाईटी निकाल कर नंगी बैठी गई अब मुझे कुछ करना था तो मैंने कहा आप नाईटी पहन लो.
फूफा जी: इस खेल में उतरता है पहनता कोई नहीं तुम ईमानदारी से खेलो और अपनी बुआ के साथ कुछ करो यहां कोई रियायत नहीं।
तो मैंने शरमाते हुए कहा मैं भी बुआ का दूध पीऊंगी। बुआ ने मुस्कुराते हुए कहा आ जाओ मेरी बेटी पी लो सारा दूध। मैने,2 मिनटों में कहा अगला राऊंड. इस बार पापा हार गए तो बुआ ने पापा को नंगा होकर उनको गोद में चढ़ा कर कमरे का चक्कर लगाने को कहा पापा ने बुआ को नंगा ही दोनों हाथों में लेकर कमरे का चक्कर लगाया.
फूफा जी : अपनी बहन की चूत की मालिश करो.
पापा ने हाथ में तेल लगाकर बुआ की जांघों में मालिश कर दी अब मेरी बारी थी मैंने कहा आप दोनों फूफा जी को सैंडविच मसाज करो। दोनों ने फूफा जी को सैंडविच मसाज किया। अब तीसरा राऊंड मैं हार गयी तो बुआ ने मेरी नाईटी निकाल दिया और मेरी चूचियों को सहलाने लगी। फिर
पापा: मेरी गोद में बैठ कर मुझे प्यार करो.
मैं पापा की गोद में कमर की तरफ पैर निकाल कर नंगी बैठी तो मेरी चूचियां पापा के सीने में घुस गई फिर फूफा जी की बारी तो.
फूफा जी : हाय इतनी छोटी सी लड़की मेरी सलहज बनी, मजा आयेगा फिर बोले जैसे अपने पापा की गोद में बैठी वैसे ही मेरी गोद में बैठ कर मुझे अपना दूध पिलाओ।
मैं शरमा गई तो बुआ बोलीं शरमाओ नहीं सलहज हो, सलहज जीजू में चलता है क्यूं भैया, पापा भी मुस्करा कर बोले हां हां, निशी कोई बात नहीं। तो मैंने शरमाते हुए कहा प्लीज़ फूफा जी कुछ और करवा लो मैं ये नहीं कर पाऊंगी। फूफा जी बोले चलो सिर्फ तुमको 1दूसरा टास्क दिया पर ये करना होगा ये नहीं बदलेगा सब बोले ठीक है. तो फूफा जी बोले मेरे मुंह पर बुर रखकर बैठो मुझे अपनी छोटी सी बुर पिलाओ मैं शरमाते हुए चीखी क्या जीजू…
बुआ पापा हंसने लगे मैं शरमा कर बोली चलिए लेट जाईए वो लेट गये तो मैं उनके मुंह के दोनों तरफ पैर करके उनके होंठों पर बुर रखकर बैठ गई फूफा जी ने मेरी बुर को अपने मुंह में भरकर पीने लगे और मेरी चूचियों को दोनों हाथों से पकड़ कर मसलने लगे मैं गीली हो गई और उठने लगी फूफा जी मुझे पकड़ लिया और कहा साले साहब अब दूसरा खेल खेलते हैं हम लोग शराब तो पी चुके हैं अब बुर पीते हैं पापा बोले ठीक है जीजू।
फूफा जी: आज यह पार्टी आप दोनों के लिए है साले साहब आप किसकी चूत पियोगे पहले आप ही पसंद कर लो जो बचेगा हम उसकी चूत पी लेंगे कहकर पापा को आंख मार दी मैने देखा पापा ने बुआ को अपने पास बुलाया उन्हें लिटा दिया और उनकी टांगों को फैला कर बीच में आकर उन्होंने बुआ की बुर को अपने मुंह में भरकर पीने लगे।
मुझे थोड़ा सा अजीब लग रहा था की सलहज जीजू जीजा साली में तो हो सकता है लेकिन यह भाई बहन कैसे कर सकते हैं। तभी मुझे होश आया और मैंने सोचा जब मैं और पापा बाप बेटी होकर चुदाई कर सकते हैं तो यह तो भाई बहन हैं इनको भी इंजॉय करने दो।
तभी जीजू ने मुझे अपने नीचे लिटा दिया और मेरी चूतड़ों के नीचे दो मोटी तकिया लगा दी फिर मेरी टांगों को चौड़ा कर पूरा खोलकर मेरी टांगों के बीच में आ गए मेरी चूत काफी ऊपर उठ गई थी और झुक कर मेरी चूत पर लगा दिया दिया फिर मेरी बूर को पीना शुरू कर दिया मैं और बुआ उत्तेजना से अपने सिर को झटक रहीं थीं और फिर बुआ मेरी चूचियों को मसलने लगी और मैं बुआ की चूचियां मसलते हुए.
मैं :बुआ ये तो हमारा शिकार कर रहे हैं.
बुआ : भाभी मज़ा आ रहा है तो खुद का शिकार होने में भी अपनी ही जीत है आखिर हमें इतना मजा जो मिल रहा है.
मैं : हां दीदी आप सही कह रही हैं बहुत मजा आ रहा है।
बुआ :पापा से ) भैया अपने जीजू को भाभी की पार्टी दे ।
पापा : निशि मेरा वादा था जीजू को कि तुमसे सुहागरात मनाने के बाद जीजा जी को भी तुम्हारी बुर की पार्टी देंगे जानू आई लव यू प्लीज जीजू को अपनी बुर दे दो , मेरे पतिदेव मेरे पापा मुझे फूफा जी को चूत देने के लिए बोल रहे थे.
मैं : पापा अगर आप ऐसा चाहते हैं कि मैं फूफा जी को अपनी चूत दूं तो मैं आपकी इच्छा पूरी करने को तैयार हूं लेकिन आपको भी बुआ की चूत मारनी पड़ेगी तभी मजा आएगा और हम सबकी शर्म खत्म हो जाएगी।
मेरी बुर बुरी तरह पानी छोड़ रही थी मैंने फूफा जी को अपने ऊपर खींच लिया और उनके कपड़े उतारना शुरू किया मैने उनके पूरे कपड़े उतार दिए और लेट गई बुआ और पापा मेरे पास आकर दोनों तरफ बैठ गये बुआ ने अपनी चूची को मेरे मुंह में डाल दी और पापा मेरी चूचियों को पीते हुए दबा रहे थे फूफा जी ने मेरी गान्ड के नीचे तकिया लगा कर बुर ऊपर उठा दी.
और मेरे पैरों को फैला दिया और बीच में आकर मेरी जांघों को अपनी जान पर चढ़ा लिया और अपने लंड का सुपाड़ा मेरी बुर पर तो घिसने लगे मुझे सुपाड़ा बड़ा महसूस हुआ मैंने हाथ नीचे ले जाकर छूने की कोशिश की तो बुआ ने मेरी कलाई को पकड़ लिया.
और मेरे कान में बोली बन्नो अपनी ये रात तुम कभी नहीं भूलोगी आज 15दिन बाद तुम्हारी दूसरी सुहागरात है मज़े लो मैं समझ नहीं पाई की बुआ ने मुझे छूकर देखने क्यों नहीं दिया। तभी पापा ने मेरी बुर पर ढेर सारी ky jelly लगा दी और मेरी बुर को फैला कर छेद पर फूफा सुपाड़ा फंसा दिया.
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बुआ : भैया भाभी की इस दूसरी सुहागरात को और यादगार पल बनाने के लिए म्यूजिक भी चला दो।
पापा ने म्यूजिक चला दिया फूफा जी मेरे ऊपर लेट कर मुझे अपनी बाहों में भर जकड़ लिया और एक जोरदार धक्का लगाया।
मैं: चीख पड़ी) उई मां मर जाऊंगी ये क्या हैं पापा का इतना बड़ा है पर ये तो उसका दुगना मोटा है मैं नही चुदवाऊंगी उफ़ उई मर जाऊंगी पापा, प्लीज फूफा जी से कहिए कि वह अपना लंड निकाल लें।
फूफा जी ने मुझे फिर से जकड़ कर एक जोरदार धक्का लगाया तो उनका सुपाड़ा मुश्किल से मेरी बुर में घुसा तो मैं तड़प उठी बुआ ने अपनी चूची को मेरे मुंह में भरकर पीने को बोली।
मैं : बुआ आप जीजू को कैसे संभालती हैं कितना बड़ा लंड है जीजू का ऊं उई ऊं मां बुआ मुझे बचा लो सिर्फ सुपाड़े से मेरी जान निकाल रही है.
बुआ : भाभी तुम्हारे पापा से छोटा है तुम्हारे जीजू का लेकिन थोड़ा सा ज्यादा मोटा है अभी आपको बहुत मज़ा आयेगा.
फिर मैं बुआ की चूचियां मसलते हुए पीने लगी फूफा जी ने थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का लगाया तो 2 इंच अंदर घुस गया और मैं दर्द से तड़प गई पर मुंह में बुआ जी की चूचियां होने से चीख नहीं सकी पापा मेरी चूचियों को सहलाने लगे और मसलने लगे फूफा जी ने फिर थोड़ा सा बाहर निकाल कर पूरी ताकत से एक धक्का लगाया तो उनका लंड 3 इंच और अंदर घुस गया मैं दर्द से रोने लगी और बुआ की चूचियां काट ली और बुआ चीख पड़ी उई मां भाभी आराम से करो.
मैं : बुआ मैं अब और नहीं ले पाऊंगी मैं मर जाऊंगी सी सी ऊई मां आह प्लीज बुआ फूफा जी को आप संभालो पापा प्लीज मुझे बचा लो पापा बोले शोना बस बस हो गया है.
और फिर पापा ने मेरी चूचियों को अपने मुंह में भरकर पीने लगे और एक हाथ से मेरी चूत पर क्लोरिटिस को सहलाने लगे फूफा जी अपना 5 इंच लंड मेरी चूत में ठोक कर आंखें बंद करके मेरी चूत की कसावट और गर्माहट को महसूस कर रहे थे थोड़ी देर बाद मुझे थोड़ा सा आराम मिलता देख उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाल कर फिर से अंदर बाहर करने लगे.
मेरा दर्द कुछ कम हो गया था और मैंने फूफा जी के लंड को अपनी चूत के अंदर पकड़ने लगी फूफा जी : भाभी जी तैयार हो मैं शरमा गई फूफा जी ने धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में और अंदर घुसा दिया फिर एक जोर से धक्का मारकर अपने पूरे लंड को मेरी चूत में घुसा दिया जो अंदर मेरी बच्चेदानी में घुस गया था फूफा जी के गोटे मेरी गान्ड को टच कर रहे थे मैं दर्द से तड़प रही थी। आह आ आआ अह अह अह ऊं उई मां बहुत दर्द हो रहा है बुआ.
फूफा जी : शाबाश भाभी जी शाबाश बस हो गया आपने मेरे लंड को पूरा सम्मान किया है साले साहब आप बहुत भाग्यशाली हो जो ये हूर आप भोग लगाकर प्रसाद हमें भी दिया।
पापा : क्या जीजा जी हम एक परिवार हैं जिसमें हम प्यार से मिल कर रहते हैं आपका भी उतना ही हक़ है जितना कि मेरा, क्यों जानूं, मैं यह सुनकर शरमा गई और कुछ नहीं बोली।
फूफा जी का लंड पापा से ज्यादा मोटा पर थोड़ा सा छोटा था उसकी मोटाई ने मेरी चूत को फाड़ रखा था कुछ देर अंदर बाहर होने पर मेरी चूत में ढेर सारा पानी आ गया और लंड पिस्टन की तरह चिकना हो कर मेरी चूत चोदने लगा मुझे भी अच्छा लग रहा था. अब फूफा जी ने मेरी टांगों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिया और मेरे ऊपर लेट कर मेरी टांगों को मेरे कंधों से लगा दिया.
और मुझे मेरी टांगों को पकड़ने के लिए कहा मैंने उनका सहयोग करते हुए अपनी टांगों को पकड़ लिया और फूफा जी ने पूरा लंड बाहर निकाल कर मेरी चूत का सारा पानी पोंछ दिया और अपने लंड को भी पोंछ दिया फिर उन्होंने थोड़ी सी जैली अपनी उंगली से मेरी चूत में लगा कर अपने लंड को मेरी चूत में फंसा कर एक जोरदार धक्का लगाया तो उनका 5 इंच लंड मेरी चूत को फैला कर अंदर घुस गया.
मैं: चीख पड़ी) आराम से करिए आ आ आह उई मां फिर उन्होंने दूसरा धक्का मारकर थोड़ा और अंदर घुसा दिया.
फूफा जी: भाभी जी आपकी तरह आपकी छूट भी बहुत छोटी सी है बहुत प्यारी है मेरा लंड आपकी चूत में बहुत कस हुआ सोच कर रहा है मुझे बहुत मजा आ रहा है मुझे मेरी सुहागरात याद आ गई मुझे ऐसी फीलिंग तुम्हारी बुआ के साथ हुई थी और आज आपने मुझे खुश कर दिया।
फिर धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगे और पूरा घुसा कर एक लय बना कर चोदने लगे।
बुआ : भाभी अब कैसा महसूस हो रहा है अब मजा आ रहा है ना अब तो नहीं चीखोगी की मर जाऊंगी, मर जाऊंगी, आप भी उनके हर धक्के के साथ अपनी गांड उठाकर लंड को और गहरी अंदर तक लेने की कोशिश करो आपको भी और मजा आएगा तो मैं शरमा गई.
मैं ; मुस्कुराते हुए ) दीदी मैं आपके पति को अपनी कसी हुई प्यारी-प्यारी चूत दे रही हूं आपके पति मेरी चूत का मजा ले रहे हैं आप मेरे पति की हालत पर ध्यान दो वो बेचारे चूत के लिए तड़प रहे हैं आपकी उनका लंड अपनी चूत को लेकर देखो आपको भी बहुत मजा आएगा पापा का लंड फूफा जी से बड़ा है गहरे तक चुदाई करेगा।
दीदी ने तुरंत पापा का लंड पकड़ लिया और चूसने लगी पापा ने बुआ का सिर दोनों हाथों में पकड़ कर बुआ के मुंह में लंड अंदर बाहर करने लगे। फिर झटके से अपना लंड बाहर निकाल लिया और बुआ के ऊपर चढ कर उनकी टांगें चौड़ी कर के बीच में आकर झुक कर चूत को चूमने लगे और जीभ निकाल कर चाटने लगे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
बूआ को मज़ा आ रहा था उन्होंने पापा का सिर अपनी चूत पर हाथ से दबा लिया अब पापा ने अपनी जीभ बुआ की चूत में घुसा दी और घुमा कर जीभ से चोदने लगे थोड़ी देर में बुआ ने पानी छोड़ दिया तो पापा मज़े से चूस कर सारा पानी चूस चूस कर पी गये.
बुआ : भैया प्लीज़ अब घुसा दो अब नहीं रहा जाता जैसे आपने सुहागरात को भाभी की चूत मारी थी इस तरह मेरी भी चूत मारो.
तो पापा ने बुआ की टांगों को उठा कर अपने कंधे पर रखा और लंड को बुआ की चूत के छेद में रख कर एक धक्का दे कर 5 इच अंदर घुसा दिया फिर बाहर निकाल कर दूसरे धक्के में 7 इंच लंड बुआ की चूत में डाल दिया.
बुआ : आ आ उफ़ उफ़ भैया आराम से करो ना मैं कहीं भागी नहीं जा रही आ आह बहुत अच्छा लग रहा है.
पर पापा सुन ही नहीं रहे थे और पापा ने बुआ की टांगों को बुआ के कंधों पर रख कर कंधों से बुआ को गठरी बांध कर दबोच लिया और पूरे लंड को बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का लगाया तो लंड बुआ की बच्चेदानी को फैलाते हुए पूरा का पूरा 9 इंच बुआ छाती तक पहुंच गया ।
बुआ: जोर से चीख पड़ी) उई मां भैया मार डालोगे क्या आप आज बहुत दिनों बाद मेरी चूत मार रहे हो तो मुझे थोड़ा आराम से चोदो आ आह उई उई सी सी ऊई मां.
इधर फूफा जी मेरी चूचियों को पीते हुए मुझे दबा कर चोद रहे थे.
मैं : आ आ आह उई उई मां आह आह आ करते हुए चुदवा रही थी.
फूफा जी: मेरे कान में ) भाभी जी बहुत कसी चूत है सच कहूं तो इतनी खुशी चूत तो आपकी दीदी की भी नहीं थी आपकी बहुत ही मज़ा आ रहा है.
मैं : जीजू आप का भी बहुत मोटा है मुझे दर्द के साथ मज़ा भी आ रहा है और जोर से मारो मैं झडने वाली हूं.
फूफा जी बोले मैं भी और फूफा जी ने तेज़ तेज़ करीब 80-85 धक्के मार कर मेरी चूत में अपना गरम गरम लावा भर दिया गया हम पसीना पसीना हो गए और एक दूसरे को जकड़ कर चूमने लगे मैंने शरमाते हुए अपनी आंखें बंद कर ली.
फूफा जी: मेरे कान में ) मज़ा आया भाभी जी सर का आपके नंदोई का लंड।
मैं शर्मा गई और मुस्कुराते ही रही कुछ नहीं बोली। उधर पापा भी बुआ की चूत में झड़ गये। थोड़ी देर सुस्ताने लगे हम सब नंगे ही बेड पर बैठे हुए थे फिर फूफा जी ने एक एक पैग बनाया हमने बाटम सिप लिए फिर बुआ बोली भाभी कैसी लगी पार्टी मैं शरमा कर पापा के सीने से लग गई और पापा मुझे चूमने लगे बुआ भी फूफा जी की गोद में बैठ गई और किस करने लगी थोड़ी देर बाद फूफा जी ने एक एक पैग और बनाया हमने बाटम सिप लिए फिर नशा और तेज हो गया ।
बुआ : भाभी अभी सरप्राइज पार्टी बाकी है.
मै : नशे में चूर होकर ) दीदी अब क्या होगा.
दीदी : सैंडविच चुदाई होगी इसमें बहुत मजा आता है आज चूत और गांड दोनों में लंड घुसकर चुदाई करता है, मैं बोली ये कैसे होगा तो पापा और फूफा मुझे देख कर मुस्कुराने लगे.
फूफा जी इसमें तुम्हारी दीदी को बहुत मज़ा आता है तुम भी मज़े करोगी।
मैं : अच्छा तो पहले दीदी को सैंडविच बना कर उनकी चूत और गांड में लंड डालकर चुदाई करके दिखाइए।
फूफा जी ने बुआ को इशारा किया तो बुआ ने फूफा जी का लंड पकड़ कर अपने मुंह में भरकर पीने लगी और पापा ने मेरे मुंह में अपना लंड डाल दिया मैं नशे में लंड को मुठिया कर चूस रही थी थोड़ी देर में फूफा जी का लंड खड़ा हो गया और वो लेट गये बुआ उनकी कमर के दोनों तरफ टांगों को फैला कर नीचे बैठने लगी और लंड के सुपाड़े को चूत के मुंह में फंसा कर नीचे बैठने लगी फूफा जी का लंड उनकी चूत में घुस गया और वो आगे पीछे करने लगी तभी.
फूफा जी : साले साहब अपनी दीदी को सैंडविच बना दो.
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पापा बोरोप्लस की ट्यूब ले कर बुआ के पास पहुंच गए और बुआ को फूफा के ऊपर लिटा दिया अब बुआ की गांड का छेद दिखाई दे रहा था पापा ने ट्यूब को बुआ की गांड के छेद में डाल कर क्रीम लगा दी और अपने लंड पर भी क्रीम लगाने के बाद दोनों हाथों से बुआ के चूतड़ों को खोल कर सुपाड़ा गांड के छेद पर रख कर धीरे से अपना सुपाड़ा बुआ की गांड में डाल दिया.
बुआ : आ आ आह भैया आराम से डालो आज बहुत दिनों बाद गांड मरवा रही हूं ।
पापा ने बुआ की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का लगाया तो बुआ चीख पड़ी उई मां मर गई आराम से करो. पापा 3 इंच लंड का बुआ की गांड में घुस गया था पापा बोले पूजा थोड़ा सा बर्दाश्त करो और फिर अपने लंड को बाहर खींच कर एक और धक्का मारा इस बार 6 इंच लंड बुआ की गांड में खूटे की तरह गड गया था.
बुआ :चीख पड़ी) उई हुई आ उफ़ मां भाई आज जान लेने का इरादा है क्या.
पापा : दीदी तेरी गांड और भी टाइट हो गई है जीजू ने कब से नहीं मारी।
जीजू : सही कह रहे हो साले साहब लगभग 2 महीने हो गए हैं तुम्हारी दीदी की गांड मारे हुए ।
फिर पापा ने धीरे से पूरा लंड बाहर किन चा और थोड़ा सा बोरोप्लस दोबारा से लगाकर जीत पर टिकाया और एक जोर का धक्का मार का पूरा का पूरा 9 इंच बुआ की गांड ठोक दिया, बुआ के आंसू निकल आए और वह रोने लगी मुझे देखा नहीं गया मैं बुआ के पास चली गई और अपनी चूची बुआ के मुंह में डाल दी बुआ के पास जाने से मेरी चूत फूफा जी के पास हो गई.
और फूफा जी ने मेरी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और उंगली से चोदने लगे फिर उन्होंने दो उंगली डाली मेरी चूत से पानी गिरने लगा वह सारी उंगलियां चाट ली. नीचे से फूफा जी अपनी कमर उछाल कर बुआ की चूत चोद रहे थे और ऊपर से पापा का लंड बुआ की गांड में धक्के लगा रहा था इसी के साथ बुआ मेरी चूची चूस रही थी थोड़ी देर बाद बुआ झड़ गई.
बुआ : भैया बस बस रुक जाओ मेरा हो गया है अब थोड़ा सा मजा निशि को भी दो.
पापा ने अपना लंड बुआ की गांड से बाहर खींच लिया और बुआ फूफा जी की ऊपर से उठ गई उनके चूत से पानी टपक रहा था फूफा जी ने मुझे देखते हुए मुस्कुरा कर इशारा किया कि मैं उनके लंड पर बैठकर उसे अपनी चूत में ले लूं.
पापा : निशि आ जाओ यह तुम्हारी चॉइस है कि तुम कौन सा लंड अपनी चूत में लोगी और कौन सा गांड में।
मैं :शर्मा कर पापा) आप मेरे पति हो इसका निर्णय में आप पर छोड़ती हूं कि अभी आप मेरी चूत या गांड क्या मारना चाहते हैं.
पापा : अगर ऐसी बात है जानू तो मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.
यह सुन कर फूफा जी खुश हो गए वह मेरी चूत मार कर मेरी चूत के दीवाने हो गए थे मेरी चूत में उनके लंड को बुरी तरह से कस कर निचोड़ लिया था और अब वो मेरा हाथ पकड़ कर मुझको अपने लंड पर बैठने लगे लंड पहले से ही बुआ जी की चूत रस से चिकना हुआ था.
मैंने तीन चार बार कोशिश करके उसको पूरा अपनी चूत में ले लिया वह मेरे बच्चेदानी को भेदता हुआ अंदर तक पहुंच गया था फिर मैं फूफा जी के ऊपर लेट गई पापा ने बोरोप्लस लेकर मेरी गान्ड में घुसा कर लगाया और अपने लंड पर लगा कर मेरे पीछे से कमर पकड़ कर मेरी गांड के छेद पर लगा कर एक जोरदार धक्का मारा तो पापा का सुपाड़ा मेरी गांड में घुस गया.
मैं: चिहुंक पड़ी) उई मां क्या कर रहे हैं जी थोड़ा प्यार से करिए एक 16 साल की लड़की की चूत और गांड कैसे मारी जाती है आप जरा भी ख्याल नहीं करते कसी हुई चूत और गांड मिली नहीं की बस लौड़ा घुसा के फाड़ दो आप सभी मर्द छोटी उम्र की लड़कियों की चूत की दीवाने होते हो।
पापा: शोना सही कह रही हो मुझे तुम्हारी 16 साल की कसी हुई चिकनी चूत बहुत अच्छी लगती है लंड जब अंदर तक फंस के तुम्हारी बच्चेदानी में घुसता है तो बहुत ताकत लगानी पड़ती है और चुदाई में बहुत मजा आता है आई लव यू बाबू.
पापा ने मेरी कमर पकड़ कर दूसरा जोर का धक्का मारा 5 इंच की गांड में घुस गया पापा से मेरी गांड में लंड घुसा रहे थे मैं चीख और तड़प रही थी लेकिन पापा पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वो पूरी ताकत से मेरी गांड मारे जा रहे थे नीचे से फूफा जी मेरी चूत का बाजा बजा रहे थे बुआ मेरे पास आकर मेरे सिर पर हाथ फेरने लगी और बोली भाभी सैंडविच पसंद आया.
मैं दर्द में सिर्फ मुस्कुरा रही थी तभी पापा ने अपना लंड निकाल लिया और मुझे उठा कर बोले जानू उठ कर जीजू को अपनी गांड का मजा दो मुझे अब तुम्हारी चूत मारनी है मैं उठी और फूफा जी का लंड अपनी गांड के छेद पर रख कर धीरे धीरे नीचे बैठने लगी फूफा जी का लंड मेरी गान्ड के छेद को फैलता हुआ अंदर जाने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और वो मज़े से सिसकारियां लेने लगे उनका पूरा लंड गांड में घुस गया तो पापा ने मुझे पीछे लिटाकर मेरी कमर को पकड़ लिया और लंड को मेरी चूत पर रख कर धीरे धीरे अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया दोनों ने एक लय बना कर मेरी सैंडविच चुदाई शुरू कर दी मेरे दोनों छेदों में दो लंड मेरी चुदाई कर रहे थे.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था थोड़ी देर बाद दोनों मुझे तेज़ रफ़्तार से चोदने लगे और हम तीनों एक साथ झड़े पापा ने अपना सारा वीर्य मेरी बच्चेदानी में भर दिया और फूफा जी ने मेरी गान्ड में गर्म गर्म लावा उगल दिया। हम तीनों पसीने से लथपथ हांफ रहे थे गला सूख रहा था बुआ ने हमें एक एक पैग बना कर दिया जिसे हम सब एक ही सिप में पी गये।
मैं मूतने के लिए उठी तो लड़खड़ा गई तभी फूफा जी ने मुझे पीछे से पकड़ कर बाथरूम में ले गए मैं बैठ कर मूतने लगी। फूफा जी मुझे अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पर ले आए और मेरे बगल में लेट गए मेरे दूसरी तरफ पापा आकर लेट गए बुआ एक और पेग बना लाइ और हम उसको एक घूंट में पी गये। थोड़ी देर बाद फूफा और पापा दोनों मेरे बदन पर हाथ फेर रहे थे मैं बहुत थक चुकी थी मैं मना कर रही थी.
फूफा जी: अरे भाभी जी आप टेंशन ना लो हम कुछ नहीं करेंगे लेकिन आपके शरीर पर हाथ फेरने में बहुत अच्छा लग रहा है की चूचियां सहलाने में मजा आ रहा है हम सिर्फ आपका दूध पियेंगे।
पापा: मैं जानता हूं बेबी तुम्हारी इस तो चुदाई ने तुम्हें बहुत थका दिया है तुम कुछ मत करो बस फूफा तुम्हारा दूध पियेंगे और मुझे तुम्हारी चूत पीनी है.
मैं समझा गई कि दोनों अभी मुझे फिर से चोदेंगे वह मेरा दूध और चूत पीकर मुझे गर्म करना चाहते हैं ताकि मैं खुद ही उनके लंड को अपना चूत में घुसा लूं।
मैं: पापा आज मैंने पहली बार दो लंड एक साथ लिए हैं मेरी हालत बहुत खराब है मजा भी बहुत आया लेकिन अभी नहीं थोड़ी देर बाद आपके मन नहीं करूंगी तब तक आप बुआ की चूत पी लो और फूफा जी बुआ का दूध पी ले थोड़ी देर बाद जब मुझे आराम मिल जाएगा तब मै आपको चोदूंगी।
पापा मान नहीं रहे थे वह मेरी ही चूत मारना चाहते थे तभी फूफा जी ने बोला कोई बात नहीं तुम थोड़ी देर आराम कर लो हम तुम्हारी बुआ से मजे करेंगे और फिर दोनों कर बुआ के दोनों तरफ से पेट के बल लेट कर एक चूची फूफा जी ने अपने मुंह में भर ली दूसरी पापा ने और बुआ की चूची दबा दबा कर पीने लगे।
दोनों ने आंखों में कुछ इशारा किया बुआ को समझ पाती सबसे पहले दोनों ने अपनी एक उंगली हुआ की चूत में घुसा दी और अंदर बाहर करने लगे बुआ सीसी करने लगी। दोनों के लंड बुरी तरह से तन कर तैयार थे. तभी फूफा जी के मन में एक खुराफात आई.
उन्होंने बुआ से कहा कि तुम साले साहब के ऊपर चढ़कर उनका लंड अपनी चूत में लंड और उनके ऊपर लेट जाओ. बा पापा की कमर के दोनों तरफ प्यार करके पापा के खड़े लंड पर बैठकर उनके लंड को अपनी चूत में ले लिया और पापा के सीने पर लेट गई।
फूफा जी पीछे से आए और उनके चूतड़ों पर हाथ फेरने लगे मैंने और बुआ ने सोचा कि अब वह उनकी गांड मारेंगे पर उन्होंने बुआ की चूत को फैलाने की कोशिश की उसमें पहले से ही पापा का लंड फंसा हुआ था चूत को फैला कर अपना लंड बुआ की चूत में घुसने की कोशिश करने लगे यानी की चूत के एक छेद में दो-दो लंड डालने की कोशिश करने लगे। बुआ छटपटाने लगी है.
बुआ; अरे आप यह क्या कर रहे हैं आह आह उई मां निकालिए ऐसे मत करिए मुझे बहुत दर्द हो रहा है एक लंड़ चूत में कितना फसा हुआ है और आप दूसरा जबरदस्ती दूसरा घुसा रहे हैं यह तो सरासर जबरदस्ती मेरी चूत फट जाएगी फिर भी यह नहीं घुसेगा।
फूफा जीने पापा को ईसारा किया तो पापा ने बुआ की पीठ पर हाथ रखकर बुआ को बंद लिया अब वह उठ नहीं सकती थी.
फूफा जी: जानू थोड़ा सा दुखी था लेकिन बहुत मजा आएगा तुमको और हमको यह एक नया एक्सपीरियंस होगा हमारे लिए मैंने एक हफ्ते पहले एक वीडियो में देखा था लड़की की चूत में दो लंड एक साथ घुसे हुए थे और तीनों को मजे कर रहे थे अभी तुमको भी मजा आएगा फिर मुझसे बोले निशि म्यूजिक थोड़ा सा तेज कर दो और अपनी बुआ के पास आकर देखो.
मैंने म्यूजिक थोड़ा सा तेज कर दिया और बुआ के पास आकर बैठी फूफा जी ने बुआ की कमर पड़ी और अपने लंड को पीछे से बुआ की चूत फैला कर घुसाने लगे फूफा जी का सुपड़ा भी हुआ की चूत में घुसते ही बुआ हलाल होते हुए बकरे की तरह चिल्लाने लगी.
बुआ: आ आह उई मां आज तुम दोनों को क्या हो गया है तुम लोग मेरे साथ इस तरह जबरदस्ती कर रहे हो मुझे बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाऊंगी दो लंड एक साथ नहीं ले सकती प्लीज़ निकाल दो मैं मर जाऊंगी उई मां, भाभी प्लीज आप इनको खींच कर ऊपर से उतारीये है वरना यह मेरी अर्थी उठा देंगे.
बुआ जोर-जोर से रो रही थी मैं फूफा जी को कहा फूफा जी प्लीज मत करिए देखिए बुआ को कितना दर्द हो रहा है वरना वह ऐसे नहीं रोती। फूफा जी हंसते हुए बोले तुम बुआ के मुंह में अपनी चूची डाल दो बुआ को कम दर्द होगा। पापा ने बुआ को अपनी बाहों में जकड़ रखा था बुआ हिल नहीं पा रही थी.
और पीछे से फूफा जी ने अपना आधा लंड उनकी चूत में घुसा दिया फिर थोड़ा सा बाहर खींचकर पूरी ताकत से अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसा दिया मैंने देखा हुआ की चूत फट गई थी और खून बहने लगा यह देखकर फूफा जी को बहुत मजा आया पता नहीं क्यों मर्दों को औरत की चूत फाड़ कर खून निकल कर खुशी क्यों होती है मैंने कहा पापा बुआ की चूत से खून निकलने लगा है आप लोग अब छोड़ दीजिए.
पापा: जानू एक अच्छी सी कॉफी पिला दो हम दीदी को छोड़ रहे हैं।
मैं पापा की बात मानकर कॉफी बनाने चली गई और इधर फूफा और पापा ने बुआ को पकड़कर एक साथ चोदने लगे और वह रो-रो कर शोर मचा रही थी छोड़ दो प्लीज छोड़ दो.
लेकिन म्यूजिक की आवाज में बुआ की आवाज कमरे से बाहर नहीं आ रही थी मैं काफी लेकर अंदर आई तो देखा बा एकदम बेहोश से बिस्तर पर पड़ी है चादर खून से सुनी हुई है पापा और फूफा उनके साथ किनारे लेते हुए खुश हो रहे हैं और कह रहे थे जीजा जी इस वाली चुदाई में तो बहुत मजा आया।
फूफा जी बोले अभी जब तुम्हारी नई नई बीवी को ऐसे चोदेगें तो कितना मजा आएगा।
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पापा बोले जीजा जी अभी नहीं वह बहुत छोटी है वह अपनी चूत में एक लंड नहीं ले पाती तो दो घुसने का सवाल ही नहीं है और मैं अपनी पत्नी के साथ इस तरह से जबरदस्ती नहीं करूंगा। उसकी चुदाई शुरू हुए अभी 15 दिन ही हुए हैं। मैं तो दीदी के साथ भी ऐसा नहीं करना चाहता था लेकिन आपने अपनी इच्छा पूरी की सोचिए दो बच्चे पैदा करने के बाद दीदी का यह हाल हो गया निशि झेल नहीं पाएगी और मैं उसे इसी तरह कभी नहीं करूंगा।
मैं पापा की बात सुनकर बहुत खुश हो गई कि मेरे पापा मेरी भी खुशी का कितना ख्याल रखते हैं। आधे घंटे बाद बुआ को थोड़ा सा होश आया वह अपना चूत पकड़ कर रो रही थी।
बुआ: आज आपको क्या हो गया था जी मेरे साथ यह हैवानियत क्योंकि मैं मेरी जा रही थी आपने मेरी एक नहीं सुनी।
फूफा जी: सॉरी जानू आई लव यू मुझे माफ कर दो उसे दिन वह मूवी देखकर और आज शराब के नशे में मैं बहक गया था अब मैं आगे से ऐसा कभी नहीं करूंगा प्लीज मुझे माफ कर दो।
बुआ; आपने मेरे साथ बहुत गलत किया है और उसकी सजा आपको जरूर मिलेगी अभी मैं आराम करना चाहती हूं आप दोनों दूसरे कमरे में जाकर सो जाएं अब पार्टी खत्म।
दोनों के जाने के बाद मैं गर्म पानी लेकर आई और बुआ की सिकाई की बुआ से बोली चलिए नहा लीजिए थोड़ा फ्रेश हो जाएंगे और दर्द में भी आराम आएगा बुआ को उठकर बाथरूम में ले गई और हम दोनों नहा कर निकले नहाने से थोड़ा फ्रेश हो गए थे हम वैसे ही नगे सो गए. मित्रों किस तरीके से हमने बुआ के घर एक रात बिताई अब आगे की कहानी के लिए आप लोगों को कमेंट कर कर मोटिवेट करना पड़ेगा शुभ रात्रि.
Ali says
Koi aunty ya bhabhi dosti ka liya call me 9258403830
Ya what app me 9258403830
Stone says
Aage ki kahaini knhb ka b aayegi