Maa Sexy Kadak Maal
मेरी माँ रंडी बनी आशा है ये कहानी पढ़कर सभी लड़के अपनी चड्ढी में और सभी लड़कियाँ अपने पैंटी में ही झड़ जायेंगी। तो कहानी शूरु करता हूँ। कुछ वर्षों पहले की बात है, मेरे पापा का कन्नौज में ट्रांसफर हो गया था। वैसे तो हम लोग फतेहपुर के रहने वाले थे। पर मेरे पिता जी का ट्रांसफर कन्नौज में हो गया था। Maa Sexy Kadak Maal
वो पुलिस विभाग में बाबू थे। मेरा नाम कन्नौज के ही एक बड़े अच्छे महंगे स्कुल में लिखवा दिया गया था। मेरी माँ कभी मेरे स्कुल नही गयी थी। फिर कन्नौज ट्रांसफर होने के कुछ समय बाद मेरे पापा का देहांत हो गया। वो बहुत शराब पीते थे। पीकर कभी इस सड़क पर, कभी उस गली में पड़े रहते थे।
कई बार अपने सहकर्मियों से भी वो मार पीट कर लेते थे। इस तरह वो शराब पी पीकर मर गए। अब मेरी माँ बेसहारा हो गयी। मैं उस वक़्त 6 में पढ़ता था। अब तो मेरी माँ पर मुसिबत का पहाड़ ही टूट पड़ा दोंस्तों। अब पैसो की भी कमी हो गयी। मेरी स्कुल बस छूट गयी। क्योंकि उसमें बड़ा पैसा लगता था। अब माँ के ही मुझको पैदल पैदल स्कुल ले जाने लगी।
इससे कुछ पैसा बचने लगा। माँ अभी 32 की थी। बिलकुल टंच जवान माल थी। मेरे बॉप को मरे कुछ महीने बीते नही की अब मोहल्ले का हर जवान लड़का अपने लण्ड से माँ को चोदने के सपने देखने लगा।
ये देखो! जा रही है छिनाल! जरूर पिछले जन्म में कई मर्दों ने चलती होगी, तभी तो इसका मर्द मर गया!! देखो मरने के बाद भी रूप रंग कम ना हुआ! आवारा आज भी लिपस्टिक लगाके ही बाजार जाती है! सब कहते। मेरी माँ को लेकर बस्ती का हर जवान लड़का कमेंट करता।
पर मेरी माँ बहुत ही सीधी लोकलाजी और संस्कार वान औरत थी। वो कभी पलट के किसी लडके को कोई जवाब नही देती थी। सिर झुकाकर वो बाजार जाती थी और सिर झुकाकर ही वो घर लौटती थी। मेरे बस्ती के आवारा लड़के माँ को पटाने के लिए तरह तरह के कॉमेंट करते थे।
अरे भाभी!! पैदल पैदल कहाँ जा रही हो! इतने नौजुक पैर तुम्हारे जमीन पर चलने के लिए नहीं है। हमे एक मौका दे दो, पलकों पर उठाकर रखूँगा! लड़के कहते थे। हर आवारा और जवान लड़का बस मेरी माँ को एक बार चोदना चाहता था।
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अरे भाभी! लाओ मोहित को मैं मोटरसाइकल से स्कुल छोड़ आऊं! तुम खामखा क्यों तकलीफ उड़ाती हो! वो लड़के माँ को तरह तरह का ऑफर देते थे। पर माँ मना कर देती थी। उन लड़कों की मदद लेने का मतलब था उसने व्यवहार बढ़ाना। और अंत में उनको चूत देना।
सायद माँ अभी चुदासी नही थी। इसी तरह दोंस्तों, माँ जिंदगी का सामना करने लगी। घर के काम भी निपटाती और मुझे भी संभालती। पैसा कमाने के लिए माँ घर पर ही छोटे बच्चो को ट्यूशन देने लगी। पापा के मरने के बाद अब माँ ही मेरी फ़ीस जमा करने स्कुल जाती थी। फ़ीस भी वो ही जमा करती थी।
मैं उस वक़्त छोटा था 5 या 6 में हूँगा। मेरे प्रिन्सिपल मिश्रा जी से माँ की अच्छी जानपहचान हो गयी थी। अगला महीने की 15 तारीख फिर आ गयी। मेरी माँ फिर से स्कुल फ़ीस जमा करने पहुँची। प्रिन्सिपल साहेब से माँ की मुलाकात हो गयी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अरे लवली जी!! नमस्कार!! आइये बैठिए आके। मैंने तो आपके बारे में अभी स्टाफ से बात कर रहा था। बताइये अभी आपकी कोई उम्र नही है। पर ईश्वर ने आप पर कितना बड़ा संकट डाल दिया! मिश्रा जी जो मेरे स्कुल के प्रिंसिपल थे बोले।
मेरी माँ विधवा जरूर हो गयी थी, पर रंगीन कपड़े पहनती थी। क्योंकि अब 21वी सदी में वो सफ़ेद साडी का जमाना चला गया। अब तो रांड़ भी पूरा मेकअप करके रहती है। मेरी माँ ऐसी ही एक रांड़ थी। मिश्रा जी के मीठे वचन सुनकर माँ मुस्कुरा दी। “Maa Sexy Kadak Maal”
लवली जी!! मैंने हमारे मैनेजर और ओनर से सिफारिश की थी की आपकी फ़ीस आधी कर दी जाए! वो मंजूर हो गयी है। अब आपको 2000 की जगह 1000 देने पढेंगे! प्रिन्सिपल बोले।
प्रिसिपल साहब!! मैं आपका अहसान कभी नहीं भूलूंगी! माँ की आँखों में आँसू आ गये। उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर उनका अहसान जताया।
मित्रो, अब हमारी गृहस्थी में हर महीने1000 बचने लगे। पापा के मरने के बाद तो हम लोग पाई पाई की कीमत जान गए थे। अब मेरी माँ बहुत खुश थी। जहाँ अब हर दिन मेरे प्रिन्सिपल का जिक्र करती थी , वहीँ मुझको लगता था की जरूर दाल में कुछ काला है। भोसड़ी का मिश्रा बड़ा चालू आइटम था।
उसके बारे में कई कहावतें थी कि वो पैसे के लिये बहुत मरता है। लोग कहते थे की अगर पैसा मिलता हो तो वो आपमें बाप को बेच दे। अपनी माँ को कोठे पर बेच आये। जब भोसड़ी का मिश्रा मेरी माँ को कुछ जादा ही मक्खन लगाने लगा तो मैं परेशान हो गया। मैंने अपने दोंस्तों से इस बारे में पूछा। “Maa Sexy Kadak Maal”
मोहित!! तू बड़ा भोला है रे!! मिश्रा की नजर तेरी माँ के रूप रंग पर है। असल में वो तेरी माँ को चोदना चाहता है! मेरे दोंस्तों ने मुझको बताया। मेरी गांड़ फट गयी। अब मेरी माँ ही मुझको स्कुल ले जाती थी। जब गाण्डू मिश्रा देख लेता तो कहता लवली जी! आइये बैठिए। आपके साथ एक चाय हो जाए। कितने दिन से आपके दर्शन नही हुए! वो कहता और खीस निपोरता।
असल में वो मेरी माँ के चुत के दर्शन करना चाहता था। अब पप्पा के मरने के बाद मेरी जवान माँ की जवानी में दीमक लगता जा रहा था। मोहल्ले की औरते कहती लवली!! तुझको चुदास तो लगती ही होगी, देख कोई मर्द फसा ले और हफ्ते में 1 बार चुदवा लिया कर। तेरी चूत की गर्मी निकलती रहेगी।
माँ इसपर कुछ नही कहती थी। माँ चुदवाना तो चाहती थी, पर लोक लाज। घर परिवार इज्जत मर्यादा इनसब से बहुत डरती थी। मोहल्ले में किसी को पता चल गया तो लोग क्या कहेंगे। रिश्तेदार भी चूत मांगने लगे जाएंगे।
इसीसे माँ किसी से नही फंसी थी। हालांकि उनका चूदने का मन था। एक दिन माँ बहुत सारी सब्जियों की पन्नी लेकर आ गयी थी। मेरा हरामी चोदूँ प्रिंसीपल मिश्रा मिल गया। उसने अपनी कार रोक दी। “Maa Sexy Kadak Maal”
अरे लवली जी!! इतनी भारी पन्नियां उठाकर आपके नाजुक हाथों में दर्द हो गया होगा। आइये कार में बैठ जाएगी! वो बोला।
मुझे कुछ शॉपिंग और करनी है! माँ बोली.
मैं भी आज फ्री हूँ। मैं भी कुछ शॉपिंग कर लूंगा! आपको ऐतराज तो नही लवली! वो बोला।
माँ ने हाँ कर दी। क्योंकि उसने फ़ीस माफ़ करवा दी थी।
दोंस्तों, उस दिन मेरे प्रिन्सिपल को पूरे दिन एक मॉल से दूसरे मॉल, एक शॉपिंग स्टोर से दूसरे स्टोर खूब घुमाया। माँ उसके साथ आगे ही बैठी थी। कई बार कार में बार बार ब्रेक लगने माँ उछलकर मिश्रा की तरह चली जाती। माँ ने उस दिन अपने बालों में शैम्पू किया था।
बाल खुले छोड़ रखे थे। माँ ने अपने लंबे घने रेशमी बालों में गार्नियर का बरगंडी कलर किया था। गोरी चिकनी माँ ने जहाँ एक ओर अपने बाल खोल रखे थे, वही दूसरी ओर नीली डेनिम स्किन टाइट जीन्स पहन रखी थी।
माँ ने ऊपर एक क्रीम कलर का चुस्त टॉप भी डाल रखा था। माँ बिलकुल धमाल कमाल लग रही थी। भोसड़ी का मिश्रा तो मेरे माँ के यौवन और रूप रंग पर लट्टु हो गया था। उसका अब एक ही सपना था, एक ही मिसन था मेरी माँ को पटाना और चोदना। “Maa Sexy Kadak Maal”
वो बार बार ब्रेक मरता था और माँ के खुशबूदार खुले बाल बार बार मिश्रा के मुँह पर बिखर जाते थे। दोंस्तों, आज तो उसकी निकल पड़ी थी। मेरी माँ को लाइन पर लाइन दिए जा रहा था। मेरी माँ जीन्स टॉप और खुले बालों में क्या पटाका लग रही थी। जब शाम को शॉपिंग पूरी हो गयी तो भोसड़ी का मिश्रा बोला –
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लवली जी, यही पास में बरिश्ता है, चलिए कॉफी हो जाए!
नही प्रिन्सिपल साहेब, फिर किसी दिन माँ बोली.
प्लीस! क्या मैं इतना बदनसीब हूँ की आपके साथ एक कम कॉफी भी नहीं पी सकता!
आप इतना जोर दे रहे है तो चलिये! माँ बोली.
मिश्रा खुसी से उछल पड़ा। माँ को कॉफी पिलाई। फिर अपनी कार में घर भी छोड़ दिया। धीरे धीरे मेरा इस्क़बाज प्रिन्सिपल मेरी माँ के पीछे पागल हो गया। जब अगली बार माँ फ़ीस जमा करने गयी तो फोन नम्बर भी ले लिया। माँ को सुबह शाम गुडमॉर्निंग, गुड इवनिंग करता।
लवली जी! आप मुझसे शादी करेंगी! मैं आपसे प्यार करता हूँ!! एक दिन मिश्रा ने मेरी गजब की खूबसूरत माँ को प्रोपोज़ कर दिया। माँ तो शर्म से गड़ गयी।
पता नही मिश्रा जी! माँ बोली.
दोंस्तों, कुछ महीनो में उसने मेरी माँ को सेट कर लिया। मैं भले ही 10 12 साल का था पर समझदार था। हालांकि मैं चुदाई के बारे में कम ही जानता था। अब शाम को जब मैं अपने स्कुल का होमवर्क करता, माँ मेरे सामने ही बैठी रहती। वो अब 3 3, 4 4घण्टे अब मेरे सिटियाबाज प्रिन्सिपल से बात करती।
मिश्रा की मेहनत रंग लाई। आखिर 6 महीने बाद मेरी पटाखा जीन्स पहनने वाली माल जैसी मेरी माँ उससे सेट हो गयी थी। हर हफ्ते वो माँ को कपड़े, जूते, मोबाइल, मिठाईयां और ना जाने क्या क्या गिफ्ट करता। मेरी माँ पर हजारों रुपए फुक देता। “Maa Sexy Kadak Maal”
मैं जानता था वो सब मिश्रा मेरी माँ को चोदने खाने के लिए कर रहा था। मैं ये बात अच्छी तरह जानता था। अब तो माँ भी खूब बाटे करती। अब मिश्रा का स्टाइल बदल गया था। माँ लाउड स्पीकर पर बात करती। अब उसका बात करने का लहजा बदल गया था।
लवली! कब दोगी यार!! ये भंवरा 6 महीनो से प्यासा है? इतना मत तड़पाओ लवली! वरना ये भंवरा मर जाएगा! मिश्रा बड़ी नजाकत से कहता।
माँ इसपर जोर से हँस देती। दे दूंगी! दे दूंगी! जरा सब्र रखो प्रिन्सिपल साहेब! माँ प्यार से कहती।
मैंने अपने दोंस्तों को बताया कि भोसड़ी का मिश्रा माँ से कहता है कब दोगी?? कब दोगी?? वो गाण्डू आखिर मेरी माँ से क्या मांग रहा है।
भाई!! मिश्रा तुम्हारी माँ से चूत मांग रहा है मेरे दोंस्तों ने बताया। मेरा तो दिमाग घूम गया ये सुनकर। 2।दिन बाद माँ ने बड़ा गजब का मेकअप किया। बिलकुल कटरीना कैफ लग रही थी। आज भी माँ ने जीन्स टॉप पहना था। आज माँ बिलकुल सामान लग रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
माँ छुट्टी के वक़्त स्कुल पहुँच गयी। माँ ने मुझको पार्क में खेलने को कह दिया। वो मिश्रा के कमरे में चली गयी। अब छुट्टी हो गयी थी। सारे टीचर चले गए थे। बस एक चपरासी था। देखो सारे स्टाफ की छुट्टी कर दो। तुम बाहर ही बैठो! कोई अंदर ना आने पाये! मिश्रा बोला।
मेरी माँ अंदर चली गयी। आज इस औरत को चोदेगा मिश्रा ! चपरासी धीरे से फुसफुसाया। मैं तो दोंस्तों, उस वक़्त बच्चा था। पार्क में खेल रहा था। उधर मिश्रा मेरी माँ को भांजने की तैयारी कर रहा था। माँ उसके कमरे में गयी। उसने शीशे का दरवाजा बन कर लिया अंदर से। पर्दे खीच लिए। चपरासी जान गया कि जो औरत अभी अंदर गयी है, आज उसके चुदने का कांड हो जाएगा। “Maa Sexy Kadak Maal”
मिश्रा मेरी माँ से लिपट गया। ओहः लवली! कितना इंतजार करवाया तुमने!! वो बोला। मेरी माँ के परफ्यूम मिश्रा की नाक तक पंहुचा। वो मस्त हो गया। आज 6 महीने मेरी माँ भी किसी पुरुष का साथ पाना चाहती थी। माँ ने भी उसको जकड़ लिया। वो माँ के गले, कान, नाक , मुँह, होंठ हर जगह किस करने लगा। माँ भी राजी थी। सायद आज माँ भी चुदना चाहती थी। “Maa Sexy Kadak Maal”
माँ ने भी उसको गले से लगा लिया। खूब चुम्मा चाटी हो गयी। लवली!! आज मुझको दे दो! वरना मैं मर जाऊंगा! वो बोला। माँ शरमा गयी। मिश्रा माँ को सोफे पर ले गया। उसने माँ के टॉप को निकाल दिया। फिर उनकी ब्रा को। माँ के दोनों खूबसूरत कबूतर उसके सामने आ गए।
नुकीले गर्वीले, कैसे, दूधिया मम्मो को देख मिश्रा उनपर टूट पड़ा। सीधे मुँह में भरके पीने लगा। माँ ने उसको सीने से लगा लिया। वो माँ के दोनों कबूतरों को मस्ती ने पीने लगा। माँ को भी आनंद आया। खूब कबूतर पिये उसने मेरी 32 साल की जवान गोरी माँ के। आप लोग अंदाजा लगा सकते है कितना मजा मिला होगा उसको।
अब उसने मेरी माँ की जीन्स की बटन खोल दी। जब उतारने लगा तो जीन्स बहुत टाइट थी। मिश्रा को बड़ी मेहनत और इंतजार करना पड़ा। बड़ी मेहनत मसक्कत के बाद वो माँ को नँगी कर पाया। माँ ने एक बड़ी महीन जालीदार पैंटी पहन रखी थी। भोसड़ी के मिश्रा का तो लण्ड बेहने लगा। पैंटी को उसने एक ओर सरकाया। “Maa Sexy Kadak Maal”
मेरी माँ का बुरपान करने लगा। आज 6 महीने के लंबे इंतजार बाद उसको मेरी माँ के बुर के दर्शन हुए थे, इसलिये उसने खूब बुर पी मेरी माँ की। माँ की चूत बिलकुल लाल हो गयी। अब मिश्रा माँ को चोदने लगा। माँ आ आआहा ओहः के आहे भरने लगी।
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मिश्रा मेरी माँ को चोदने खाने लगा। माँ को भी सुख मिल रहा था। पापा को मरे एक साल हो गया था। माँ भी प्यासी थी। मिश्रा ने माँ को 1 घण्टे चोदा और जड़ गया। जब मैं लौटा तो माँ को ढूंढ़ा। माँ एक सेकंड के लिये कमरे से बाहर निकली। मोहित बेटा!! मैं जरा तुम्हारी फ़ीस जमा कर दूँ। जाओ चपरासी अंकल के साथ घूम आओ। चॉकोलेट खा लेना। माँ ने चपरासी को 100 का नोट दिया। मैं उसके साथ बाहर घूमने चला गया। माँ अंदर घुस गई फिर से।
मिश्रा अब मेरी माँ को कुतिया बनाके चोदने लगा। जब मैं 2 घण्टे बाद लौटा, वो गांडू मेरी माँ को 5 बार ले चुका था। माँ की गाण्ड भी उसने मार ली थी। रात में मेरी माँ उससे हँस हसके बात कर रही थी। लवली!! आज तो यार तुमने तबियत खुश कर दी!! बाय गॉड यार!! जननत दिखा दी यार लवली तूने आज!!! मिश्रा बोला। माँ हँसते हँसते फोन लेकर बालकनी में चली गयी। मैं जान गया कि आज मेरी कड़क मॉल माँ मेरे स्कुल के प्रिंसिपल से चुद गयी है। “Maa Sexy Kadak Maal”