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बेटी के प्रिंसिपल साथ वासना वाला खेल खेला

जनवरी 4, 2024 by hamari

Kamuk Aurat Sex

सुधा की उम्र ४५ वर्ष थी पर दिखने में वो ३४-३५ की ही लगती थी। उसने अच्छे खान-पान और कसरत के ज़रिए खुद को काफ़ी फिट और मेनटेन कर के रखा था। उसका ३६-२८-३६ का फ़िगर बहुत ही सैक्सी था। वो बहुत ही फैशनेबल थी और हमेशा शिफॉन या नेट की पारदर्शी साड़ियाँ और स्लीवलेस ब्लाउज़ पहनती थी। Kamuk Aurat Sex

उसके नूडल स्ट्रैप ब्लाउज़ हमेशा इतने लो-कट और छोटे होते थे कि उसके सामने खड़ा कोई भी इंसान उसकी सैक्सी चूचियाँ साफ-साफ देख सकता था। सुधा के तराशे हुए शरीर पे अगर कहीं माँस दिखता था तो वो था सिर्फ़ उसकी चूचियाँ और उसकी गाँड और वो इन दोनों का पूरा-पूरा फायदा उठाती थी।

उसकी शादी से पहले और बाद में भी उसके अनेकों नाजायज़ सम्बंध रहे हैं। उसका पति मर्चेंट नेवी में था और साल मे एक-आधे महीने के लिए ही घर आ पाता था। इसलिए सुधा के लिए किसी से भी अपनी चूत चुदवाने में कोई बाधा नहीं थी। सुधा की एक २२ वर्ष की बेटी थी, गरिमा।

गरिमा भी दिखने में बहुत ही खूबसूरत और सैक्सी थी। गरिमा को देख कर कितने ही लड़के आहें भरते थी और उसके नाम की मुठ मारते थे। सुधा को अपनी अय्याशियों के आगे उसकी बेटी की ज़िंदगी में कोई रुचि नहीं थी। गरिमा क्या पहनती है, क्या करती है, कहाँ आती-जाती है, इस सबसे सुधा कुछ सरोकार नहीं था।

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अपनी माँ के रोक-टोक के बगैर गरिमा की भी सिर्फ़ फ़ैशन और लड़कों में ही रुचि थी। गरिमा दो साल से बी.ए फ़ाईनल इयर में ही अटकी थी। दोनों माँ बेटी की स्वच्छँद ज़िंदगी थी। एक दिन गरिमा के कॉलेज से सुधा के लिए प्रिंसिपल से मिलने के लिए फोन आया।

सुधा को वैसे तौ गरिमा के कॉलेज और पढ़ाई-लिखाई से कोई सरोकार नहीं था पर फिर भी एक माँ होने के नाते उसने प्रिंसिपल से मिलने का फैसला किया। अगले ही दिन सुधा गरिमा के कॉलेज गयी। सुधा ने जामुनी रंग की शिफॉन की साड़ी, नाभी से काफी नीचे बाँध कर पहनी हुई थी।

उसके साथ ही उसने बहुत ही कसा हुआ लो-कट स्लीवलेस ब्लाउज़ और सफ़ेद रंग के बहुत ही ऊँची और पतली हील के सैंडल पहने थे। गले में दीपक-सुत्र था जो उसकी चूचियों की बीच की घाटी में टिका था। उसके लम्बे बाल उसके पीछे क्लिप में बँधे थे और उसके माथे पर मैचिंग बिंदी थी और माँग में हल्का सा सिंदूर भी था।

ऐसा लग रहा था जैसे वो अपनी बेटी के कॉलेज के प्रिंसिपल मिलने नहीं बल्कि किसी की शादी की पार्टी में आयी हो। जब सुधा कॉलेज पहूँची तो शाम के चार बज रहे थे। जब उसने चपरासी से प्रिंसिपल के बारे मे पूछा.

तो चपरासी ने सुधा को प्रिंसिपल के ऑफिस तक ले जाने के पहले उसे सर से पाँव तक कामुक नज़रों से निहारा। चपरासी अंदर जा कर प्रिंसिपल, रामप्रकाश राय, को सुधा के आने की खबर दी। रामप्रकाश एक बहुत ही होशियार, ४२ वर्षिय आदमी था। वो ६ फुट ऊँचा, चौड़ी छाती और अच्छे हट्टे-कट्टे शरीर का मालिक था।

उसने अपने चपरासी, दीपक से सुधा को अंदर भेजने को कहा और साथ ही आदेश दिया कि कोई भी डिस्टर्ब ना करे क्योंकि यह बहुत ही जरूरी मीटिंग थी। दीपक ने बाहर आकर एक बार फिर सुधा को ऊपर-से नीचे तक निहारा और उसे अंदर जाने को कहा। वो सोच रहा था कि इस सैक्सी औरत को देख कर रामप्रकाश की क्या प्रतिक्रिया होगी।

सुधा ने दरवाजे पे नॉक कर के थोड़ा सा खोल के पूछा, “क्या मैं अंदर आ सकती हूँ? मैं सुधा, गरिमा की मदर, आपने मुझे बुलाया था।”

रामप्रकाश राय की तो इतनी सैक्सी औरत को दरवाजे पे खड़ी देख कर बोलती बँद हो गयी। जामुनी रंग की शिफॉन की साड़ी में खड़ी इतनी खूबसूरत और सैक्सी औरत की बड़ी-बड़ी कसी हुए चूचियाँ और मादक होंठ देख कर उसे विशवास ही नहीं हुआ कि वो गरिमा की माँ हो सकती है।

रामप्रकाश की नज़रें सुधा की चूचियों पे टिकी थी और वो सुधा की सैक्सी प्रतिमा को अपनी आँखों में उतारने की कोशिश कर रहा था। जब सुधा ने फिर से दरवाजे पे नॉक किया तो रामप्रकाश असलियत में वापस होश में आया और बोला, “आइये आइये सुधा जी, आप गरिमा की मदर हैं? मुझे लगा आप उसकी बहन हो इसलिए ज़रा हैरान था। वैसे सुधा जी, मैंने बुलाया था आपको गरिमा के बारे में कुछ बात करने। आओ अंदर आओ और प्लीज़ बैठो।”

कसे हुए लो-कट ब्लाउज़ में कैद अपनी बड़ी-बड़ी गोरी चूचियाँ रामप्रकाश को दिखाने के लिए सुधा ने बैठते हुए अपना पल्लू थोड़ा सा गिरा दिया। रामप्रकाश को अपनी चूचियों को घूरते हुए सुधा ने देखा तो वो मन ही मन खुश हुई और फिर अपना पल्लू फिर से ठीक करते हुए बोली, “शुक्रिया, लेकिन हाँ मैं गरिमा की मदर ही हूँ। बोलो क्या बात करनी थी आपको मेरी बेटी के बारे में सर?”

रामप्रकाश उसकी शिफॉन की साड़ी में से झाँक रही उसके छातियों के कटाव पे नज़रें गड़ाये हुए बोला, “आप ज़रा अपनी बेटी पर ध्यान दीजिए। गरिमा पढ़ाई में बहुत कमज़ोर है और पिछले दो साल फेल भी हो चुकी है।”

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सुधा को रामप्रकाश का अपनी छातियों को घूरना बिल्कुल भी नहीं अखरा बल्कि उसने थोड़ा और झुक कर अपनी बाँयी चूंची से अपना पल्लू थोड़ा खिसका दिया और बोली, “सर, वो तो पहले से कमज़ोर है पढ़ाई में, लेकिन स्पोट्‌र्स में अच्छी है। पिछले साल कबड्डी में उसकी वजह से कॉलेज को गोल्ड-मैडल मिला था… याद है ना?”

इस औरत को इतनी स्वच्छँदता से बर्ताव करते देख रामप्रकाश खुश हुआ। वो अपनी आँखें सुधा की बाँयी चूंची पे गड़ा कर बोला, “स्पोट्‌र्स में तो वो अच्छी है इसमें कोई शक नहीं सुधा जी, पर वो सिर्फ़ पढ़ाई में ही कमज़ोर नहीं बल्कि वो गलत संगत की तरफ जा रही है।”

यहाँ रामप्रकाश थोड़ा हिचकिचाते हुए बोला, “मेरा मतलब है कि वो उन लड़कियों के साथ घूमती है जिनका चाल चलन ठीक नहीं। मैं कुछ लड़कियों को पनिश करने वाला हूँ, और गरिमा का नाम भी पनिशमेंट लिस्ट में है। मैंने उन लड़कियों के परैंट्स को भी बताया है यह सब और आज आपको बता दे रहा हूँ। आप चाहें तो उसको ठीक कर सकती हैं। मुझे ऐसी लड़कियाँ नहीं चाहिए मेरे कॉलेज में।”

जब सुधा ने रामप्रकाश को अपनी चूंची की तरफ घूरते हुए देखा तो उसे खुशी हुई। उसे भी रामप्रकाश एक सजीला और तँदुरुस्त मर्द लगा जिससे सुधा की चूत में थोड़ी सी खुजली उठी और उसके निप्पल तन गये और चूंचियाँ थोड़ी कड़क हो गयीं।

सुधा ने सोचा कि अगर वो चाहे तो कुछ हो सकता है। अगर वो रामप्रकाश को पटा ले तो गरिमा तो पनिश होने से बच ही जायेगी पर साथ ही सुधा की चूत को भी रामप्रकाश से चुदने को मिल जायेगा। सुधा ने इस खेल को कुछ और देर जारी रखने का सोचा और अपने ब्लाउज़ के ऊपर से ही अपनी चूंची को खुजलया जैसे कि उसे खुजली हो रही हो।

फिर रामप्रकाश की आँखों में गहरायी तक झाँकते हुए बोली, “अरे सर गरिमा अब बच्ची थोड़ी है, अपना भला बुरा वो अच्छे से समझती है। भले वो उन लड़कियों के साथ रहती है जिनका चाल-चलन ठीक नहीं है, लेकिन मेरी बेटी का चाल-चलन तो ठीक है ना?”

सुधा फिर अपने दोनों हाथ टेबल पे रख के थोड़ा झुकी और अपनी चूचियों का अच्छा नज़ारा रामप्रकाश को दिखाते हुए बोली, “मेरी बेटी ने ऐसा क्या गुनाह किया है जिसके लिए आप उसको पनिश करने वाले हो सर?” रामप्रकाश को सुधा का आचरण देख कर लगा कि वो उसे रिझाने की कोशिश कर रही है।

रामप्रकाश एक गरम खून वाला राजपूत था जिसकी बीवी का ४ साल पहले देहाँत हो गया था। वैसे तो उसने अपनी शारीरिक इच्छाओं को काफ़ी काँट्रोल में रखा था और उसके अब तक सिर्फ़ कॉलेज की ही २-३ जवान टीचरों से सम्बंध बने थे पर कभी भी उसने किसी स्टूडेंट की माँ को चोदने की कल्पना नहीं की थी।

उसके कॉलेज की टीचरों से सम्बंध भी खतम हो गये थे जब या तो वो शादी कर के नौकरी छोड़ गयीं या उन्हें कहीं और अच्छी नौकरी मिल गयी। पर अब सुधा का बर्ताव देख कर उसे लगा कि उसे कोशिश करनी चाहिए। उसे लगा कि सुधा जैसी खूबसूरत और सैक्सी औरत के लिए थोड़ा खतरा मोल लिया जा सकता है।

रामप्रकाश उठा और सुधा के पीछे गया। सुधा का ब्लाउज़ पीछे से भी बहुत गहराई तक कटा था और उसकी दूधिया सफ़ेद, गोरी पीठ और सैक्सी कमर देख कर वो और भी उत्तेजित हो गया। रामप्रकाश सुधा के बिल्कुल पीछे खड़ा हो कर बोला, “सुधा जी यह पूछो कि गरिमा क्या नहीं करती? क्लास बँक करके उन लड़कियों के साथ घूमती है जिनके अफेयर्स हैं और कई बार लड़कों के साथ देर तक अकेले कैंटीन के पीछे रहती है।”

सुधा भी खड़ी हो कर रामप्रकाश की तरफ घूम गयी। उसका गोरा-गोरा क्लीवेज और ब्लाउज़ के अंदर से एक चूंची साफ़-साफ़ दिख रही थी। सुधा ने नीचे देखा तो रामप्रकाश की पैंट में उभार देख कर समझ गयी कि रामप्रकाश उसकी अदाओं की वजह से गरम हो चुका था।

वे दोनों अब एक- दूसरे के बहुत नज़दीक थे। सुधा थोड़ी मुस्कुराते हुए बोली, “अरे क्लास तो सभी बँक करते हैं, क्लास बँक किया तो क्या हुआ? और अगर वो लड़कों के साथ बातें करती बैठती है तो इसमे उसपे एक्शन लेने की क्या ज़रूरत है?”

सुधा की मादक अदाओं को देख कर रामप्रकाश ने मामला अपने हाथों मे लेने का निश्चय किया और सुधा को बाँह से पकड़ कर सोफ़े की और ले गया। सुधा ने रामप्रकाश द्वारा अपनी बाँह पकड़े जाने का बिल्कुल विरोध नहीं किया। सुधा को सोफे पे बैठा कर वो भी उसके पास बैठ गया.

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और सुधा के चेहरे के नज़दीक आ कर बोला, “यहाँ बैठो सुधा जी, आप क्यों नहीं समझती कि मैं क्या कहना चाहता हूँ? गरिमा वो सब करती है जो गलत लड़कियाँ करती हैं। मैं अब उसको कॉलेज से निकालने वाला हूँ, फिर जो होगा वो आप और आपकी बेटी देख लेना। मेरे पास और कोई चारा नहीं है।”

सुधा भी अब काफी गरम हो चुकी थी और रामप्रकाश की जाँघ पे हाथ रख कर बोली, “सर मुझे आप यह बताना कि वो उन लड़कों के साथ ऐसा क्या गलत काम करती है? और सर आप उसको कॉलेज से मत निकालना प्लीज़।” अपना निचला होंठ दाँत से हल्के से चबाते हुए सुधा आगे बोली, “रामप्रकाश जी आप चाहो तो उसकी हरकतों की सज़ा मुझे देना। आप बोलो मैं क्या करूँ जिससे मेरी बेटी को कॉलेज से नहीं निकालेंगे आप।”

इतनी सैक्सी औरत को अपने इतनी नज़दीक पा कर रामप्रकाश के सब्र का बाँध टूटा जा रहा था। उसने सुधा का चेहरा अपने हाथों में पकड़ा और बोला, “आपको क्या सज़ा दूँ? खूबसूरत औरतों को मैं कभी सज़ा नहीं देता, बल्कि उन्हें प्यार देता हूँ।” फिर अपने होंठ सुधा के होठों पे रख के रामप्रकाश ने उन्हें चूमना शुरू कर दिया।

सुधा को खड़ी कर के रामप्रकाश ने उसके काँधे पर से उसका पल्लू हटा कर नीचे गिरा दिया। फिर सुधा के होंठ चूमते हुए ही उसने सुधा की साड़ी उसके पेटीकोट से अलग कर के दूर फेंक दी सुधा को दोनों हाथों से थोड़ी दूरी पे पकड़ कर कठोरता से बोला, “लगता है साली छिनाल माँ की छिनाल बेटी है गरिमा, बोल क्या सज़ा दूँ तुझे छिनाल। तू भी तेरी बेटी जैसी छिनाल है, मुझे सब खबर है।”

सुधा ने बिल्कुल सोचा नहीं था कि रामप्रकाश इतनी जल्दी यह सब करने लगेगा पर वो रामप्रकाश की हरकतों से खुश थी। फिर भी जानबूझ कर थोड़ी शर्म दिखाते हुए अपनी छातियों को अपने दोनों हाथों से ढक कर बोली, “शी… रामप्रकाश जी आप कितनी गंदी बात करते हैं। आप ऐसा क्यों कह रहे हैं कि गरिमा एक वैसी माँ की वैसी बेटी है? मेरी बेटी भी क्या ऐसा बर्ताव करती है रामप्रकाश जी? आप कहते हैं कि आपको सब खबर है… इसका क्या मतलब?”

रामप्रकाश सुधा के हाथ उसके सीने से हटा के सुधा के निप्पलों को दोनों हाथों की अँगुलियों से मसलने लगा और सुधा आहें भरते खड़ी रही। सुधा के निप्पलों से खेलते हुए रामप्रकाश ने सुधा के ब्लाउज़ के सब हुक खोले और सुधा के दोनों मम्मों को हल्के से मसलने लगा।

दूसरे हाथ से सुधा के पेटीकोट का नाड़ा खोल के रामप्रकाश ने उसे नीचे गिरा दिया। अब सुधा रामप्रकाश के सामने सिर्फ ओपन ब्लाउज़, गुलाबी ब्रा पैंटी, और सफ़ेद रंग के पतली हाई हील के सैंडल पहने खड़ी थी।

रामप्रकाश सुधा का ब्लाउज़ उतार के बोला, “अब जैसे तू बिंदास हो के मेरे हाथों नंगी हुई है वैसे ही तेरी बेटी भी उसके बॉयफ़्रैंड के सामने नंगी होती है… तो तुम माँ बेटी को छिनाल क्यों नहीं कहूँ? रही बात मेरी गँदी बातों की… तो सुन साली! तेरी जैसी औरत को गालियाँ सुनके चुदवाने में ही मज़ा आता है… यह मालूम है मुझे। मुझे खबर है तेरी बेटी उसके यार के साथ क्या-क्या करती है।”

सुधा भी बेशरम होके रामप्रकाश से लिपट गयी। रामप्रकाश उसको चूमते हुए उसके बदन को मसलने लगा। सुधा खुद रामप्रकाश के शर्ट के बटन खोलते हुए बोली, “रामप्रकाश अब आप जो चाहे वो सज़ा दो मुझे, लेकिन मेरी बेटी को कॉलेज से मत निकालना। आप कहते हो कि मेरी बेटी भी ऐसा करती है, क्या यह सच है रामप्रकाश जी?”

जैसे ही सुधा ने रामप्रकाश की शर्ट खोल कर उतारी, वैसे ही रामप्रकाश ने भी सुधा की ब्रा के हुक खोल कर उसकी ब्रा उतार दी। वो सुधा की बड़ी-बड़ी ३६-डी साईज़ की बिना लटके हुए सिधी खड़ी चूचियों को देख कर दंग रह गया। सुधा के निप्पल एक दम नोकिले और हल्के ब्राऊन रंग के थे और उनके आस-पास का घेरा २ रुपये के सिक्के के माप का था।

उसके निप्पलों को चूमते और चूसते हुए रामप्रकाश बोला, “साली गरिमा भी एक रंडी है और बहुत चुदवाती है… उसकी चूत देखी तो नहीं मगर मुझे पता है उसका चक्कर है लड़कों से और वो खूब ऐश करती है। सुन सुधा अब जब तू इतने प्यार से मुझे समझा रही है तो तेरी बेटी को कॉलेज से नहीं निकालुँगा बल्कि तेरी जवानी से गरिमा को सज़ा ना देने की पूरी कीमत वसूल करूँगा।”

सुधा के मम्मे मसलते और चूमते हुए रामप्रकाश उसकी गाँड पे हाथ फेरने लगा। सुधा भी अपनी आँखें बँद करके रामप्रकाश की पैंट खोलने लगी और उसे नीचे करके उसने रामप्रकाश का लंड पकड़ लिया। उसे अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि गरिमा किसी लड़के से चुदवाती है।

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वो रामप्रकाश का अंडरवीयर नीचे करके उसकी आँखों मै आँखें डाल के उसका नंगा लंड बिना देखे सहलाते हुए बोली, “नहीं नहीं… रामप्रकाश मेरी बेटी ऐसी नहीं है, आप झूठ बोल रहे हो। कौन लड़का है जिससे मेरी बेटी के शारीरिक सम्बंध हैं।”

रामप्रकाश अपनी पैंट पैरों से निकाल के सुधा के मम्मे मसलने लगा और सुधा आहें भरते बोली, “उउफफ़फ़फ़ रामप्रकाश आराम से मसल ना मेरे मम्मे, दर्द होता है। अब मैं पूरी कीमत दे रही हूँ तो प्यार से करो ना, दर्द क्यों दे रहे हो?”

रामप्रकाश ने बिना कुछ बोले सुधा की पैंटी उतार के उसे पूरी तरह नंगी कर दिया। अब सुधा सिर्फ अपने सफेद रंग के हाई हील्ड सैंडल पहने हुए थी और रामप्रकाश भी बिल्कुल नंगा था। सुधा ने रामप्रकाश का लंड देखा तो थोड़ी डर गयी पर खुश भी हो गयी।

रामप्रकाश का ९” लम्बा और ४” मोटा राजपुताना लंड उसे भा गया था और सुधा उसका लंड सहलाने लगी। रामप्रकाश भी सुधा की बिना झाँटों वाली नंगी चूत देख के खुश हुआ। जब उसने एक अँगुली सुधा की चूत में घुसाई तो सुधा की गीली चूत ने रामप्रकाश की अँगुली को दबोच लिया।

रामप्रकाश सुधा की गीली चूत में अँगुली करते हुए उसके मम्मे चूसने लगा और उधर सुधा रामप्रकाश के गरम लंड को सहलाते हुए उसे प्यार करने लगी। सुधा की चूत अँगुली से चोदते हुए रामप्रकाश बोला, “साली सुधा तेरी जैसी गरम माल को तो दर्द के साथ चोदना चाहिए, इससे मुझे भी मज़ा आयेगा और तुझे भी। अब तेरी रंडी बेटी की बात गयी भाड़ में… पहले मुझे गरिमा की गरम माँ को जी भर के चोदने दे… बाद में तेरी बेटी की बात करेंगे राँड।”

रामप्रकाश अब सुधा को सोफ़े पे बिठा के उसके सामने खड़े होके अपना लंड सुधा के चेहरे पे घुमाने लगा। सुधा उसका लंड पकड़के चूमते हुए कहने लगी, “ऊफ़फ़फ़ रामप्रकाश तेरा यह लंड तो बहुत मस्त और बड़ा और लम्बा है। मुझे दर्द तो नहीं देगा ना तू?”

रामप्रकाश अपना लंड सुधा के लिप्स पे रखते बोला, “साली छिनाल! तुझे कबसे दर्द होने का डर है? क्या पहली बार इतना बड़ा लंड देख रही है तू… राँड? मुझे लगा तू बड़ी चुदक्कड़ औरत है और ऐसे बहुत लंड चूस चूकी है… क्यों? चल साली बहनचोद… चल चाट मेरा लंड हरामी।”

रामप्रकाश की गालियों से सुधा की चूत और गरम हो गयी। उसने सैंकड़ों लंडों से चुदाई की थी लेकिन रामप्रकाश जैसे किसी मर्द ने उसे इतनी गालियाँ पहले से ही देके और डॉमिनेट करके गरम नहीं किया था। सुधा अब रामप्रकाश के लंड को मुठ मार के चूसने लगी।

रामप्रकाश का लंड पूरा हलक तक लेके उसे चूसती हुई वो रामप्रकाश की गोटियाँ भी मसलने लगी। रामप्रकाश ने सुधा का सिर पकड़के उसका मुँह अपने लंड से मस्ती में चोदते हुए बोला, “हाँ ऐसे ही चूस मेरा लंड… राँड साली… तेरी बहन को चोदूँ… छिनाल। आआआहहह चूस मेरा लंड और गोटियाँ भी मसल हरामी राँड। साली तेरी चूत बड़ी गरम लगती है… इसलिए इतनी जल्दी मुझसे चुदवाने को तैयार हो गयी तू।”

रामप्रकाश का लंड चूस के सुधा उस गीले लंड को मुँह से निकाल के अपने चेहरे पे घुमाते हुए बोली, “ऊम्म्म्म्म… बड़ा मस्त लंड है तेरा रामप्रकाश, तेरा राजपुताना लंड चूसने में मज़ा आ रहा है मुझे। हाँ रामप्रकाश मैं बड़ी गरम औरत हूँ और तेरे जैसे गरम मर्द के सामने यह राज़ मैं छिपा नहीं सकती… मेरी चूत तो हमेशा चुदने को तैयार रहती है… मेरे राजा। तेरा यह लंड देखके मैं बड़ी खुश हुई रामप्रकाश। दिल करता है यह लंड हमेशा चूसती और उससे चुदवाती रहूँ।”

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सुधा ने फिर रामप्रकाश की गोटियों को चूसा और सुधा से गोटियाँ चूसवाने में रामप्रकाश को बहुत अच्छा लगा। रामप्रकाश की गोटियाँ चूसने के बाद सुधा ने फिर लंड मुँह में लेके उसे मस्ती से चूसते हुए अपना मुँह चुदवाने लगी।

अब रामप्रकाश से रहा नहीं गया और अपना लंड सुधा के मुँह से निकल के, सुधा को उठा के नीचे कारपेट पे लिटा के उसकी टाँगें खोलके और उनके बीच बैठ गया। अपना लंड सुधा की गरम चूत पे रखते हुए रामप्रकाश बोला, “बहनचोद रंडी… देख तुझे कैसे चोदता हूँ। तेरी बहन की चूत चोदूँ हरामी राँड साली… तू आज मेरा लंड लेके ज़िंदगी भर उसे याद करती रहेगी।” सु

धा भी बेशरम होके रामप्रकाश का लंड अपनी चूत पे रख के बोली, “हाँ चोद डालो मेरी गरम चूत रामप्रकाश… जबसे तुझे देखा, मेरा अपने दिल पे काबू नहीं रहा। मुझे ऐसे चोद कि मैं तेरी गुलाम बनके रहूँ राजा। ऐसे ही मेरे ऊपर आके मेरी चूत अपने तगड़े राजपुताना लंड से चोद।”

रामप्रकाश सुधा की दोनों टाँगें उठाके चूत को २ अँगुली से खोले लंड दबाने लगा। सुधा की चूत उसे टाईट लगी और इसलिए लंड और ज़रा दबाके लंड की टोपी अंदर घुसा के बोला, “गाँडू साली… साली तेरी चूत तो अभी भी बड़ी टाईट है, लगता है गरिमा के बाप ने तुझे ज़्यादा नहीं चोदा है।”

रामप्रकाश का मोटा लंड घुसने से सुधा को ज़रा दर्द हुआ और रामप्रकाश की कमर पकड़ के वो बोली, “रामप्रकाश अब आराम से डाल नहीं तो मेरी चूत फटेगी। यह बात बराबर है कि मेरा पति मुझे ज्यादा नहीं चोदता है लेकिन यह बात तुझे कैसे पता चली? आआआआहह ज़…हीईई..र मेरीईईई चूऊऊऊ..त गयीईईईई। मुझे बहुत दर्द हो रहा है… मैं मर गयीईईईई मेरीईईई चूत फट गयीईईई रामप्रकाशऽऽऽऽ।”

रामप्रकाश ने सुधा की बातों पे ध्यान दिये बिना एक धक्का और मारा और आधा लंड सुधा की गरम चूत में घुसा दिया। दोनों हाथों से सुधा के मम्मे मसलते हुए वो बोला, “नहीं फटेगी रानी, तेरी चूत अभी भी बड़ी टाईट और जवान है, बड़े सम्भाल कर रखी है तूने अपनी चूत।”

सुधा को दर्द अभी भी हो रहा था और वो अपनी कमर सोफ़े में दबा के रामप्रकाश से दूर होने लगी तो रामप्रकाश उसके मम्मे ज़ोर से दबा के बोला, “बहन की चूत तेरी… छिनाल नखरे मत कर साली छिनाल… ज़रा चूत उठा-उठा कर धक्के ले अंदर।”

रामप्रकाश ने सुधा की गाँड के पीछे हाथ डाल के उसे उठाया और एक धक्का और मारके पूरा लंड सुधा की चूत में घुसा के सुधा को टाईट पकड़ के रखा जिससे दर्द होने पे सुधा उसके हाथों जा नहीं सके। सुधा नीचे मचल रही थी लेकिन रामप्रकाश ने उसे टाईट पकड़ा था। इसलिए वो कुछ कर नहीं सकी।

रामप्रकाश ने ८-१० धक्के मार के सुधा की चूत पूरी तरह खोल दी जिससे सुधा का दर्द भी कम होने लगा। रामप्रकाश अब सुधा की चूत ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। सुधा रामप्रकाश के मुँह में अपना एक निप्पल दे के चूत उठा-उठा की चुदवाने लगी और बोली, “उउउफ्फ़्फ़्फ़ रामप्रकाश तेरा राजपुताना लंड बड़ा तगड़ा है, मेरी तो साँस ही बँद कर डाली तूने। लेकिन अब जी भरके चोद मुझे राजा।”

रामप्रकाश नीचे से सुधा की गाँड उठाके पकड़के उसे चोदने लगा। सुधा भी रामप्रकाश को जकड़ के उससे चुदवाते हुए बोली, “रामप्रकाश और चोद मुझे, मज़ा आ रहा है तेरे राजपुताना लौड़े से… ले चोद ले गरिमा की माँ को और हम दोनों की हवस ठंडी कर… बोल रामप्रकाश कैसी है तेरी स्टूडेंट गरिमा की माँ की चूत… पसंद आयी तुझे राजा?”

रामप्रकाश अब मस्ती से सुधा की चूत को चोदने और उसकी क्लिट को लंड से रगड़ने लगा और उसकी गोटियाँ सुधा की गाँड से टकराने लगीं। सुधा के मम्मे मसलते हुए वो बोला, “सुधा साली… हवस बुझानी है तो दिल और गाँड खोल के चुदवा राँड…।

तेरी जैसी गरम औरत को आज पहली बार चोद रह हूँ। बहनचोद बड़ी लाजवाब चूत है तेरी सुधा। मुझे मेरी स्टूडेंट गरिमा की माँ बहुत पसंद आयी इसलिए आज से तू गरिमा कि माँ भी है और मेरी मेरी रंडी भी… समझी? बहन की चूत साली… सुधा… तुझे अपनी रखैल बनाके रखूँगा।”

सुधा चुदाई से मदहोश होके अपनी चूत उठा-उठा के चुदवाने लगी। उसके ज़ोरों से हिलते मम्मे रामप्रकाश बेरहमी से मसल रहा थ। रामप्रकाश की झाँटों में हाथ घुमाते हुए सुधा कहने लगी, “ऊफ्फ्फ रामप्रकाश मैं तेरी रंडी बनने को तैयार हूँ पर मैं तेरी रंडी कैसे बनूँगी? मैं तो एक शादी शुदा औरत हूँ। तू मुझे रंडी कैसे बनायेगा? और समझो कि अगर मैं तेरी रंडी बनी भी तो तेरी राँड बन के मैं क्या करूँगी?”

रामप्रकाश अब लम्बे-लम्बे धक्के मारते हुए सुधा को चोदते हुए बोला, “बहनचोद साली… शादी शुदा हुई तो क्या हुआ, तू मेरी रखैल है। आज के बाद मैं जब चाहूँगा तुझे चोदूँगा। तुझे चाहिए तो मैं पैसे भी दूँगा और तेरे हिजड़े पति ने घर से निकाल दिया तो तुझे और तेरी बेटी को मैं सहारा दूँगा। तू हमेशा मेरी दासी बनके रहेगी और मेरा लंड तेरे नंगे बदन का मालिक होगा… यह याद रख।”

सुधा रामप्रकाश के मुँह से इतनी गंदी बात सुनके और भी मस्ती से चुदवाने लगी। उसे अच्छा लगा जब रामप्रकाश ने उसे रखैल बनाने की बात की तो। वो रामप्रकाश को चूमते हुए बोली, “हाँ रामप्रकाश मैं तेरे राजपुताना लौड़े की रंडी हूँ, अब तू जब चाहे मुझे बुला और मै आके तेरे इस लंड की दासी बनके तुझसे चुदवाउँगी।

रही बात मेरे पति की तो उसे मेरी इन हरकतों के बारे में कुछ पता नहीं… इसलिए तू उसके बारे में कोई चिंता मत कर। और ज़ोर से चोद मुझे… मेरे रामप्रकाश राजा… पर एक बात याद रखना… मैं बहुत चुदास औरत हूँ और सिर्फ एक लंड के सहारे नहीं रह सकती… मैं तेरी रंडी बनूँगी पर जिससे भी चाहूँगी चुदवाउँगी।”

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अब दोनों जिस्म घमसान चुदाई कर रहे थे। सुधा की गरम चूत को रामप्रकाश अपने कड़क लंड से बड़ी बेरहमी से चोदते हुए उसके निप्पल चूसके मम्मे मसल रहा था। सुधा रामप्रकाश को कसके पकड़ के चूत चुदवा रही थी। रामप्रकाश भी जोश में उसे चोद रह था। रामप्रकाश का लंड सुधा की चूत में पूरी गहरायी तक जाके टकरा रहा था। जब रामप्रकाश को एहसास हुआ कि वो झड़ने वाला है तो वो सुधा को और कसके पकड़के चोदते हुए बोला, “आआहहह बहन चोदददद… राँडडड… यह ले सालीईईईई… राजपुताना लंड का पानीईईई। कसम से क्याआआआ… चूऊऊऊ…त है तेरीईईई…।”

और सुधा की चूत में रामप्रकाश का लंड रंडी की तरह चोदते हुए झड़ने लगा। उधर सुधा भी झड़ना शुरू हो गयी। कसके रामप्रकाश को बाहों में भरके झड़ते-झड़ते वो वो चिल्लाई, “आआआआहहहह उउउफ्फ्फ्फ मज़ाआआआ आआआ….याआआआ राजाआआआ और घुसाआआ तेराआआ लंड।” रामप्रकाश भी पूरी तरह लंड सुधा की चूत में घुसाके झड़ गया और सुधा की चूत रामप्रकाश के लंड के पानी से भर गयी। वो दोनों हाँफ़ते- हाँफ़ते एक दूसरे के आगोश में लेट गये।

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  1. Hot says

    जनवरी 4, 2024 at 4:01 अपराह्न

    Hey grils bhabhi jisko bhi mere sath enjoy karna hai to mujhe Snapchat me msg kre meri id hotbaat97 pe aao

  2. Raman deep says

    जनवरी 4, 2024 at 4:28 अपराह्न

    कोई लड़की भाभी आंटी तलाकशुदा महिला जिसकी चूत प्यासी हो ओर मोटे लड से चुदवाना चाहती हो तो मुझे कॉल और व्हाट्सएप करे 7707981551 सिर्फ महिलाएं….लड़के कॉल ना करे
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