Chikni Call Girl
मेरा नाम रवि है और मेरी उम्र 23 साल है. मेरी दो बहनें है, सबसे छोटी का नाम माही है जो होस्टल में पढ़ती है और वो यहाँ से करीब 200 किलोमीटर दूरी पर है और मेरी दूसरी बहन का नाम पिहू है और वो मुझसे दो साल छोटी है, वो कॉलेज के तीसरे साल में पढ़ती है. दोस्तों मेरी बहन पिहू दिखने में एकदम चिकनी, सेक्सी लड़की है. Chikni Call Girl
जो हर किसी को एक बार देखने से ही पसंद आ जाए और उसकी गांड, बूब्स बड़े है और उसके फिगर का साईज 34-28-36 है. मेरा दोस्त विशाल जो एक बहुत बड़ा रांडबाज लड़का है वो मेरे पास में ही रहता है और उसके पापा राव जी जो मेरे पापा के बहुत अच्छे दोस्त है.
मेरी माँ पापा दोनों नौकरी करते है इसलिए वो पूरा दिन बाहर ही रहते है. विशाल और में एक बहुत अच्छे दोस्त है तो वो मेरे घर पर आता जाता रहता है और यह दोनों मेरी बहन को चोदते है. जब मुझे यह बात पता चली तब में बहुत चकित हुआ था.
एक दिन विशाल की मम्मी, पापा दोनों बाहर गए हुए थे तो विशाल हमारे घर पर तीन चार दिन के लिए रहने आया था. पहली मंजिल पर मेरा और पिहू का रूम है और नीचे मम्मी पापा सोते है. उस रात को विशाल और में लॅपटॉप पर गेम खेल रहे थे और कुछ देर बाद विशाल उसके मोबाइल पर किसी से चेट कर रहा था.
मुझे लगा कि वो उसकी कोई गर्लफ्रेंड होगी और फिर हम सो गये. जब मेरी रात को दो बजे गर्मी की वजह से आँख खुली तो मैंने देखा कि पंखा बंद था और में पानी पीने के लिए उठा और मैंने देखा कि विशाल रूम में नहीं था. मैंने बाथरूम में जाकर चेक किया वो वहां पर भी नहीं था.
अब मैंने पिहू के रूम में जाकर भी उसे देखा, लेकिन रूम अंदर से लॉक था और में अपने रूम में आ गया. मुझे लगा कि शायद गर्मी की वजह से विशाल छत पर गया होगा. में वापस आकर बेड पर लेट गया और मैंने विशाल को एक मैसेज किया कि नीचे आ जा लेकिन फोन की घंटी यहीं पर बजी विशाल का मोबाइल मेरे बेड पर ही पड़ा हुआ था.
मैंने देखा उसका मोबाइल देखा तो उसमें आखरी बार किसी लड़की से मैसेज से बात हुई थी. विशाल ने उसका नंबर किसी गश्ती नाम से सेव किया था और अब मैंने वो उन दोनों की चेट पढ़ी. दोनों की कुछ सेक्सी चेट थी और वो बहुत ही गंदे शब्द में थी जिसको पढ़कर मेरा लंड भी अब खड़ा होने लगा और उसने बाद में लिखा हुआ था कि दरवाजा खुला हुआ है अंदर आ जाना. में कुछ हैरान हो गया.
फिर मैंने जो नंबर गश्ती नाम से सेव था तो उसकी डीटेल में देखा और अब में एकदम से चकित रह गया, क्योंकि वो मेरी बहन का नंबर था जिसका मतलब है कि मेरी सुंदर बहन विशाल की रंडी. मुझे यह सब नामुमकिन लग रहा था और फिर में समझ गया कि विशाल मेरी बहन के रूम में ही गया हुआ है.
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अब मैंने एक बार फिर से पिहू के रूम में देखा तो उसका दरवाजा अभी भी बंद था और में समझ गया कि मेरी बहन अंदर सुहागरात मना रही है और में उसका बड़ा भाई अभी तक वर्जिन था और अभी तक सिर्फ़ मुठ का सहारा ले रहा था, लेकिन मुझे विशाल पर ज्यादा गुस्सा नहीं आया.
में अपने रूम में आ गया और मुझे नींद आ गई. में सो गया और फिर सुबह 8 बजे आँख खुली तो मैंने देखा कि घर पर कोई नहीं था और विशाल अपने घर पर चला गया और मेरी बहन भी कॉलेज जा चुकी थी और मम्मी पापा भी नौकरी पर जा चुके थे. मुझे वो रात वाली बात एक सपने की तरह लग रही थी.
में सबसे पहले पिहू के रूम पर गया और मैंने देखा कि वहां पर बेड के ऊपर कपड़े बिखरे पड़े थे और बेड को देखकर में सोचने लगा कि कल रात को यहाँ पर मेरी बहन चुद रही थी और फिर में मेरी बहन का रूम साफ करके नहाकर कॉलेज के लिए निकल गया और जब मुझे विशाल मिला तो मैंने उससे पूछा कि तुम कल रात कहाँ थे यार?
तो उसने कहा कि में गरमी की वजह से छत पर चला गया था, लेकिन अब मैंने उससे ज़्यादा कुछ पूछा नहीं और फिर शाम को में और विशाल घर पर आए, लेकिन पिहू पहले से ही घर पर थी. हम तीनों बैठकर इधर उधर की बातें कर रहे थे.
शायद पहली बार चुदाई होने की वजह से लड़की का चलने का तरीका बिल्कुल बदल सा जाता है, लेकिन मेरी बहन तो एकदम सही चल रही थी. शायद यह उसकी चुदाई का पहला समय नहीं था. फिर मम्मी पापा आ गये और हम सबने खाना खाया और कुछ देर टीवी देखकर बातें करके सोने चले गये.
मुझे फिर से पता था कि आज फिर से विशाल और पिहू सेक्स करेंगे. पिहू ने उस समय मेक्सी पहनी हुई थी जिसकी वजह से उसकी गांड बहुत बड़ी दिख रही थी और फिर से विशाल शायद मेरी ही बहन से चेट कर रहा था. मैंने सोने का नाटक किया, लेकिन पता नहीं कब मुझे नींद आ गई और मेरी आँख खुली ही नहीं.
फिर में सुबह 7 बजे उठा और कॉलेज के लिए तैयार हुआ. विशाल सो रहा था तो मैंने सोचा कि बैचारा रात भर थक गया होगा. फिर में अपने कॉलेज के लिए निकल रहा था तो उससे मैंने पहले पिहू को देखा तो वो अभी भी सो रही थी और मैंने उसको उठाया तो बोली वो कि आज उसकी तबीयत कुछ ठीक नहीं तो वो कॉलेज नहीं जा रही है.
और मैंने जब विशाल से पूछा तो वो भी में बाद में आ जाऊंगा कहकर सो गया और अब मुझे पूरा विश्वास था कि वो दोनों बहाना बना रहे है. फिर में कॉलेज चला गया, लेकिन वहां पर मेरा मन नहीं लग रहा था, क्योंकि विशाल मेरे घर पर फ्री का माल चोद रहा था और में यहाँ पर कॉलेज में मक्खियाँ मार रहा था और फिर शाम को में जल्दी घर पर वापस आ गया.
तो मैंने देखा कि विशाल और पिहू टीवी देख रहे थे और पिहू ने वही रात वाली खुली खुली ढीली ढाली मेक्सी पहनी हुई थी. में फ्रेश होकर आ गया और अब हम ऐसे ही बातें कर रहे थे. विशाल मुझे आज बहुत खुश लग रहा था और पिहू भी जैसे कि उनकी कोई लॉटरी लगी हो.
और उन दोनों को देखकर ही मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया. उस दिन विशाल के मम्मी पापा वापस आ गये और विशाल अपने घर पर चला गया और फिर उस दिन रात को दस बजे के बाद मेरी और पिहू की कुछ बातें शुरू हुई.
में : में तेरे रूम में सोने के लिए आ रहा हूँ क्योंकि मेरे रूम का पंखा खराब है.
पिहू : लेकिन क्यों? ऐसा कभी नहीं हो सकता, क्योंकि मुझे किसी के साथ नींद नहीं आती.
दोस्तों इतना कहकर उसने बहुत गुस्से से दरवाजा बंद कर दिया, मैंने उससे बहुत बार कहा आग्रह किया, लेकिन वो नहीं मानी और फिर वो बोली कि आप मेरे रूम में आ जाओ और में आपके रूम में चली जाती हूँ फिर वो अपना सामान लेकर मेरे रूम में चली गई और फिर में उसी बेड पर सो गया जहाँ पर ना ज़ाने कितनी बार मेरी बहन चुदी होगी?
में उसकी चुदाई की बातें सोचकर सो गया. फिर उस दिन भी में उठकर तैयार होकर कॉलेज चला गया, लेकिन उस दिन में जल्दी ही घर पर लौट आया और उस समय करीब तीन बजे थे और विशाल भी उस दिन कॉलेज नहीं आया था.
अब में उसके घर पर चला गया जो हमारे बिल्कुल पास में ही था, लेकिन मैंने देखा कि उसके घर पर भी ताला लगा हुआ था. मुझे कुछ काम होने की वजह से मैंने विशाल के पापा के ऑफिस जाने की सोचा, दोस्तों जैसा कि मैंने पहले आप सभी को बताया था कि राव जी यानी कि विशाल के पापा एक बहुत अच्छे और इज्जतदार इंसान है.
वो एक कम्पनी के मालिक थे और घर से आधे घंटे की दूरी पर उनका ऑफिस है. में वहां पर चला गया और मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वहां मेरी बहन की स्कूटी खड़ी हुई थी. मुझे विशाल पर शक हुआ कि कहीं पिहू उसके साथ यहाँ पर ना आई हो?
अब मैंने सोचा कि पहले राव अंकल से अपना काम निपटा लूँ और में उसके बाद में इन दोनों को देखूंगा. में उनके ऑफिस जो कि पांचवी मंजिल पर था वहां पर चला गया और अब मैंने उनके सेक्रेटरी मिस्टर श्रीवास्तव से पूछा कि क्या राव जी मेरे पड़ोसी है मुझे वो बहुत अच्छी तरह जानते है.
लेकिन उन्होंने फिर भी ना जाने क्यों उन्होंने मुझे अंदर जाने नहीं दिया और बहाना बनाकर कहा कि सर कोई मीटिंग में व्यस्त है, लेकिन अब मुझे उस पर शक होने की वजह से में भी मानने वाला नहीं था. मैंने उन्हे बहुत बोला और धमकी भी दी कि में अंकल को बोलकर तुझे तेरी नौकरी से निकलवा दूँगा. हमारी बात कुछ यूँ हुई..
मिस्टर श्रीवास्तव (सेक्रेटरी) : अंदर सर की आईटम, गर्लफ्रेंड आई हुई है और सर उसमे अभी बहुत व्यस्त है. अगर मैंने तुम्हे वहां पर जाने दिया तो वो मेरी सैलेरी काट देंगे.
में : तुम यह क्या पागलों की तरह बोल रहे हो, तुम्हे पता है अंकल शादीशुदा है?
मिस्टर श्रीवास्तव : हाँ, लेकिन उनकी आइटम को देखकर किसी भी बुड्ढे का लंड खड़ा हो जाए.
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फिर मुझे भी अब उसकी बातों में बहुत मज़ा आने लगा था और वो उस लड़की की बहुत तारीफ कर रहा था, तभी मुझे अचानक शक हुआ कि पिहू की स्कूटी भी यहीं पर बाहर खड़ी हुई है. कहीं पिहू और राव अंकल आज? फिर मैंने तुरंत अपने मोबाईल से पिहू की एक फोटो निकालकर मिस्टर श्रीवास्तव को दिखाई और उनसे पूछा कि कहीं यह तो नहीं?
श्रीवास्तव की आँखे फटी की फटी रह गई और मेरा शक अब बिल्कुल सही निकला. में बहुत हैरान था कि श्रीवास्तव मुझसे सच बोल रहा था. उसने पूछा कि क्या तुम इसे जानते हो? तुम्हारे पास इसकी फोटो कहाँ से आई. तभी वो मुझसे बोला कि प्लीज मेरी एक बार इससे सेटिंग करवा दो प्लीज.
और फिर मैंने आख़िरकार उसे बता ही दिया कि यह मेरी छोटी बहन है तो श्रीवास्तव मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया और मैंने उससे कहा कि मुझे एक बार देखना है कि वो दोनों अंदर क्या कर रहे है?
तो उसने कहा कि में तुम्हे दिखा सकता हूँ, लेकिन मेरी एक शर्त है? तो मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी हर शर्त मंजूर है. फिर भी वो बहुत चालाकी करने लगा और मेरी मजबूरी का फायदा उठाने लगा. मुझे अंदाज़ा नहीं था कि वो इतनी गंदी शर्त रखेगा.
श्रीवास्तव : में तुम्हे उन दोनों का सेक्स दिखाऊंगा तो उसके बदले में मुझे क्या मिलेगा?
में : जो आप बोलो, लेकिन प्लीज़.
श्रीवास्तव : क्या तुम अपने हाथों से मेरी मुठ मारोगे?
में : तुम यह क्या बक रहे हो?
श्रीवास्तव : तो ठीक है, अब तुम बिल्कुल चुपचाप यहाँ से वापस चले जाओ.
फिर मैंने उस समय जल्दी से हाँ कर दिया और फिर वो मुझे एक स्टोर रूम में ले गया और ऑफिस रूम में जहाँ पर एसी लगा हुआ था वहां पर उसके पास तीन इंच जितना एक छेद था. सीड़ीयों की वजह से हम वहां पर खड़े हो गये और अब अंदर का नज़ारा मेरे लिए बहुत ही चौका देने वाला था.
क्योंकि अंदर राव अंकल सिर्फ़ शर्ट में थे और वो नीचे से पूरे नंगे थे और मेरी बहन बिल्कुल नंगी थी और वो दोनों स्मूच कर रहे थे. दोस्तों उनको देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे एक हसीन माल किसी बुड्ढे के साथ स्मूच कर रहा था और आज मैंने पहली बार मेरी बहन को पूरा नंगा देखा था.
अब उन दोनों को देखकर मुझ लग रहा था कि जैसे उनकी पहली चुदाई पूरी हो गई थी और अब दूसरी चुदाई चालू करने वाले थे. दोस्तों राव अंकल दिखने में बहुत गोरे है, लेकिन उनका लंड बहुत काला था. मेरी बहन उनके शरीर को इस तरह चूस रही थी जैसे वो एक भूखी शैरनी हो और अब पिहू धीरे धीरे नीचे की तरफ आ रही थी अब वो अंकल की छाती चाट रही थी.
दोस्तों आपको क्या बताऊँ? फिर अंकल ने एक पैर कुर्सी पर रख दिया और पिहू के बाल पकड़कर अपने दोनों पैरों के बीच पिहू का मुहं कर दिया. मेरी बहन मेरे सामने अंकल के काले काले हिस्से को चाट चाटकर साफ कर रही थी. वो अपनी नाक और जीभ को बहुत ही गंदी तरह से लंड पर रगड़ रही थी और उसने उसकी गांड को भी नहीं छोड़ा.
मेरी बहन किसी की गांड चाटे, चूसे और वो भी पिहू जो कभी मेरा झूठा पानी भी नहीं पीती वो अपने इतने सुंदर होंठो से अंकल की गांड को चूम रही थी और जीभ से चाट रही थी. मुझे इस बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मुझसे ज़्यादा नसीब वाला तो अंकल की गांड का छेद है. में अब यही सब सोच रहा था.
इतने में श्रीवास्तव ने मुझसे कहा कि क्यों शर्त याद है और फिर उसने अपना लंड पेंट से बाहर निकाल दिया और अब मुझसे हिलाने को बोला. में एकदम चुपचाप उसका लंड हाथ में लेकर उसकी मुठ मार रहा था. अब श्रीवास्तव बीच बीच में बोल रहा था कि रंडी नहीं तो रंडी का भाई ही सही.
वो मेरी बहन को मेरे सामने ही रंडी बोल रहा था और हम दोनों अंदर देख रहे थे और अब राव अंकल ने एक टेबल पर पिहू को लेटा दिया और उसे चोदने लगे. मेरी बहन ठीक मेरे सामने चुद रही थी. में और श्रीवास्तव यह सब देख रहे थे. मेरा एक हाथ श्रीवास्तव के लंड पर था और फिर कुछ देर बाद श्रीवास्तव झड़ गया और उसके वीर्य की कुछ बूंदे मेरे हाथ पर लगी.
में लगातार उनकी चुदाई को देखता रहा, लेकिन करीब दस मिनट के बाद अंकल और पिहू दोनों ही अचानक से रुक हो गये. फिर श्रीवास्तव मुझसे बोला कि बाहर चल अब इनकी फिल्म खत्म हो गई है और अब तेरी बहन बाहर आए उससे पहले तुम यहाँ से चले जाओ.
फिर में वहां से भागा और जल्दी में मैंने अपने हाथ भी नहीं धोए और घर पर आकर में फ्रेश होने चला गया और मैंने मुठ मार ली. शाम को 6 बजे पिहू घर पर आई तो मैंने उससे पूछा कि तुमने आज घर पर आने में इतनी देर क्यों लगा दी?
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तो वो बोली कि ट्रेफिक बहुत ज़्यादा था और फिर वो भी फ्रेश होकर आई और हम बैठकर बातें करने लगे. में बार बार उसके होंठो को देख रहा था कि कैसे अभी कुछ देर पहले यह होंठ किसी का लंड चूस रहे थे. अब मेरी समझ में पूरी तरह से आ चुका था कि मेरी छोटी बहन उन दोनों बाप बेटे की रंडी थी. फिर रात को मम्मी पापा आए तो हमने बातें की और फिर उस दिन के बाद मुझे पिहू की सभी हरकते रंडी जैसी लगने लगी.
जैसे कोई घर पर आए तो दरवाज़ा खोलकर उसे देखते रहना या किसी भी मेहमान के साथ खुद अकेले रहना बिल्कुल टाईट नाईटी, मेक्सी, टी-शर्ट में ही रहना अपने जिस्म को दिखाकर दूसरों को अपनी तरफ आकर्षित करना और बहुत कुछ ऐसा था जो वो अब करने लगी थी. फिर उसके बाद बहुत बार विशाल मुझसे मिलने घर पर आता था, लेकिन मुझसे मिलना तो सिर्फ उसका एक बहाना था. वो तो मेरी रंडी बहन से मिलने के मौके ढूंढता और सही मौका मिलने पर बहुत जमकर उसे चोदता था.