Raksha Bandhan Chudai
मेरा नाम धीरज है में 34 साल का हूँ गुड लुकिंग हूँ हाइट 5’11’’ चोडा सीना, मज़बूत शरीर, 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड है अब मेरी बहन के बारे में बताता हूँ उसका नाम मुस्कान है वो 45 साल की है वो गोरी, 5’6” हाइट, भरा पूरा शरीर, फिगर 38-34-40 है और मेरी भांजी आदिती वो 19 साल की है वो गोरी, 5’4” हाइट, 34-28-34 फिगर है. Raksha Bandhan Chudai
अब स्टोरी पर आता हूँ मेरी दीदी की शादी तब हो गयी थी जब में 12 साल का था मेरी दीदी मुझसे बहुत प्यार करती थी जब में छोटा था तो मेरे सारे काम वो ही करती थी मुझे खाना खिलाती थी और मुझे नहलाती भी थी बात यह तब की है जब में पिछले साल राखी पर दीदी के घर गया था.
दीदी मुझे देखकर बहुत खुश हुई बोली अच्छा हुआ धीरज तुम आ गये मुझे दीदी ने गले लगा लिया हम 5 साल बाद मिले थे राखी पर मुझे मेरे काम से टाइम ही नही मिलता था ना चाहते हुये भी मैने दीदी की चूची महसूस की उन्होने मेरी पत्नी और बच्चो के हालचाल पूछा.
मैने उन्हे बताया की सब ठीक है और इस बार मैं 2-3 दिन रुकूँगा दीदी ने बताया की घर मे बहुत मेहमान आये हैं तो मैने कहा की ठीक है फिर मैं राखी बंधवा के ही वापस चला जाऊंगा. दीदी ने कहा में तुम्हे जाने नही दूँगी तुम हमारे कमरे मे सो जाना तुम्हारे जीजू भी बाहर गये है तुम मेरे भाई हो किसी को कोई परेशानी भी नही होगी.
मै उनके सास ससुर से मिला उनका आशीर्वाद लिया फिर राखी बँधवाई नाश्ता किया फिर घूमने निकल गया दीदी ने बोला आज खाने पर में तुम्हारे पसंद की चीज़ बनाउंगी जल्दी घर आ जाना में पास के ही थियेटर मे मूवी देखने चला गया आते आते रात के 10 बज गये दीदी मेरा इन्तजार कर रही थी.
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दीदी ने कहा तुम तो बहुत देर से आये हो बाकी लोगो के सोने की तैयारी कर रही थी और लगभग सभी सो भी गये मैने बताया मुझे जल्दी सोने की आदत नही है मैने दीदी से कहा चलो साथ मे खाना खाते है. मैने दीदी से पूछा तुमने खाना खा तो नही लिया तो दीदी ने बोला नही रे भैया तुम्हारे बिना कैसे खा सकती हूँ.
दीदी – भैया अगर तुमको कुछ चाहिये डिनर के पहले तो हमारे रूम मे है.
मे – कितनी प्यारी दीदी हो तुम.
दीदी – श बोलो ना.
मे – दीदी में डिनर के पहले थोड़ा लेता हूँ बस 1-2 पेग.
दीदी – क्या चाहिये सब है रूम मे तुम वही बैठ के लो में फ्रेश होकर आती हूँ और ये कपड़े भी चेंज करती हूँ चलो हमारे रूम मे ये देखो जो चाहे वो लो.
मे – लव यू दीदी तुम कितनी अच्छी हो में सिर्फ़ दो पेक लूँगा कुछ हल्का सा खाने के लिये दे दो.
दीदी – ऐसे ही लो ना तुम्हारे जीजू और में ऐसे ही लेते है.
मे – तो फिर तुम चेंज करके आओ दोनो साथ ही लेंगे.
फिर दीदी बाथरूम मे चली गयी और में पेक बनाने लगा दीदी बाथरूम से निकली उसने नाइट गाउन पहना था में उसे देखता ही रह गया मैने दीदी की तरफ गिलास बढ़ाया दीदी ने मुझसे पूछा क्या देख रहे हो तो मैने कहा दीदी अगर बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ दीदी ने आँखें बंद करके चियर्स करके पहला पेक लेते हुये बोली बोलो जो बोलना है.
मे – तुम्हारी चूची बड़ी मस्त है और फिगर भी कमाल की है दीदी.
दीदी – भैया ये क्या भाभी की भी है ना मेरे से बड़ी में अब ज़्यादा मोटी हो गयी हूँ.
मे – लेकिन फिर भी गदराई जिस्म की बात ही कुछ और है.
हमने एक पेक ख़त्म किया नशा थोड़ा थोड़ा होने लगा था.
दीदी – तुम्हारे जीजू भी यही कहते है सब मर्द एक जैसे ही होते है.
उसके बाद मैने एक पेग और बनाया इस बार मैने स्ट्रॉंग बनाया था दीदी ने बड़ा सीप लिया मेरा लंड खड़ा हो गया था जिसे दीदी ने गिलास नीचे रखते वक़्त देख लिया उसने मेरे खड़े लंड को देख कर बोला भाभी की याद आ गयी क्या मैने जवाब दिया नही दीदी अभी तो तुम्हे ही देख के कुछ कुछ हो रहा है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दीदी – क्यों शरमाते हो अब मेरी भी उमर 45 पार कर चुकी है इतना देख के ही समझ सकती हूँ वेसे मुझे भी पीने के बाद तुम्हारे जीजू की याद आने लगती है.
मे – दीदी किसी को पता नही चलेगा अगर हम इस बंद कमरे मे कुछ करे तो तुम्हे भी मर्द की कमी महसूस हो रही है और मुझे भी औरत की और इस समय हम केवल मर्द और औरत है कोई भाई बहन नही.
दीदी मुस्कुराई और बोली चलो अब खाना खा लो मैने उनसे आँख मार के कहा पहले जिस चीज़ की भूख लगी है वो ही खा लेते है दीदी ने कहा जो मैने स्वीट्स बनाई है वो ही खा लो मैने उनसे कहा अपने हाथो से खिला दो हम दोनो साथ मे बैठे थे दीदी मेरी कुर्सी के पास आकर मेरे मुँह मे स्वीट्स डाल देती है और मेरी आँखें उनकी झूलती हुई चूची पर थी।
दीदी बोली यहाँ गर्मी है। और उसने अपने नाइट गाउन का एक बटन खोल दिया। मेंने दीदी से कहा पानी भी पीला दो दीदी और लेने को बोली लेकिन मेरी आँखें तो उनकी चूचीयों पर टिकी थी। मेने कहा कि अगर इन कबूतरों पर रख के चाटने को मिले तो मज़ा आ जाये.
फिर हम बेड पर चले गये. दीदी बेड पर गिर जाती है और में उनके उपर दीदी के नाइट गाउन का बटन टूट जाता है गिरने के कारण और चूचीयाँ पूरी आज़ाद हो जाती है में तुरंत गेट बंद कर के आता हूँ और दीदी की चूचीयों को चूसने लगता हूँ छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक.
दीदी मुझे ज़ोर से पकड़ लेती है और आहें भरने लगती है में एक चूची चूस रहा था और एक चूची को दबा रहा था दीदी की आँखें बंद थी लेकिन उनके चेहरे पर मस्ती साफ झलक रही थी.
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दीदी – आह ये ठीक नही है.
मे – अब मज़े लो ना दीदी अब हम मर्द और औरत है भाई बहन नही.
दीदी हाथ नीचे ले जाकर मेरा लंड पकड़ लेती है और बोलती है इतना बड़ा मे उन्हे सहलाने के लिये बोलता हूँ फिर उनकी नाइट गाउन उतार देता हूँ दीदी पेंटी नही पहनती थी और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगता हूँ दीदी मेरा लंड हाथ से आगे पीछे करती हुई बोलती है इतना बड़ा भाभी कैसे लेती है?
मैने उन्हे जवाब दिया दीदी तुम भी लोगी और उछल उछल कर लोगी और मज़ा भी खूब आयेगा फिर हम लोग किस्सिंग करने लगते है हमारी जीभ एक दूसरे से मिलती है और मज़े से किस चलती है में दीदी की गांड को दबाते हुये किस्सिंग कर रहा था.
दीदी पूरी गर्म हो गयी थी उनके निपल्स नुकीले हो गये थे उनकी साँसें तेज़ चल रही थी फिर हम 69 पोज़िशन मे आ गये मैने अपना लंड उनके मुँह मे डाल दिया और उनकी चूत के छेद मे अपनी जीभ फेरने लगा दीदी मेरे लंड को चूसते हुये मेरे बॉल से भी खेल रही थी.
वो पूरी गर्म हो गयी थी फिर बोलती है भाभी बहुत खुशकिस्मत है जो उनको इतना प्यारा लंड मिला है चुदवाने के लिये फिर अपनी टांग खोल देती है और मुझे बोलती है अब सहा नही जा रहा है अब चोद दे भैया डाल दे अपना मूसल लंड मेरी चूत में में दीदी के उपर आकर एक ही झटके मे अपना पूरा लंड डाल देता हूँ.
दीदी चीखती है ज़ोर से वो मेरी जीभ को चूसने लगती है फिर ज़ोर ज़ोर से चुदाई शुरू हो जाती है घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा घच्छ घचा दीदी चुत्तड उठा उठा के मस्ती मे चुदवा रही थी.
दीदी – हाँ भैया मज़ा आ रहा है डालो रे ये मूसल लंड डालो फाड़ डालो मेरी चूत को आहह अहहहहहा हहा आहा हाँ.
मे – ले बहना ले आज में बहनचोद बन गया लेकिन बड़ा मज़ा आ रहा है तुझे चोदने मे दीदी.
दीदी – अब कौन भाई बस में प्यासी औरत हूँ और तू मेरा मर्द अहह्ह्ह डालो डालो ज़ोर से लंड अग्घह घहघग इसस्ससस.
फिर दीदी की चुतड उपर उठा के उपर से चोदने लगता हूँ दीदी एक बार झड़ चुकी थी उनका रस बाहर निकल रहा था अब चोदने मे बड़ा मज़ा आ रहा था लंड बड़ी आसानी से अंदर बाहर हो रहा था बहुत ही अच्छी खुशबू रूम मे फैल रही थी और चुदाई की आवाज़ और मज़ा दे रही थी घपाक घप घपाक घप घप घपाक घपाक घप.
दीदी मेरी पूरी हेल्प कर रही थी में उनकी चूचीयों को चूस रहा था एक चीज़ हम ग़लती से भूल गये थे उनके कमरे की खिड़की बंद करना मुझे लगा कोई हमे वहा से देख रहा है घर के अंदर जो खिड़की होती है उसमे कुण्डी नही लगी होती है बाहर की खिड़की पर ही लोहे की कुण्डी लगी होती है हम चुदाई मे मग्न थे बहुत ही मज़ा आ रहा था दीदी के बाल खुले हुये थे चूचीयों को चूसने मे बड़ा ही आनंद आ रहा था तभी एक आवाज़ ने हमे चौका दिया.
आदिती – मम्मी ये क्या हो रहा है मुझे भी करना है मामा मुझे भी चोदो ना मैने खिड़की से सब देख लिया है जब मुझे सहा नही गया तो में अंदर आ गयी.
दीदी – उई माँ! तू अंदर कैसे आई आदिती.
आदिती – में खिड़की से आई पहले तुम्हारी चुदाई देखी फिर आ गयी.
दीदी – धीरज चोदते रहो क्या मूसल लंड है रे तुम्हारा ऐसे ही चोदते रहो अघ्घघग आह घ्घग ह घपक घप घपक घप घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक घपक.
आदिती – मामा मुझे भी चोदो ना प्लीज़.
दीदी – बेटी इधर मेरे पास आ किसी को बताना नही प्लीज़. (दीदी ने उसके हाथो को अपने हाथो मे लेकर प्यार से कहा).
में दीदी को मस्त चोद रहा था दीदी अब झड़ने वाली थी उसकी बॉडी टाइट हो रही थी वो दूसरी बार झड़ने वाली थी उसकी चूची बड़ी मस्ती से हिल रही थी.
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आदिती – माँ अगर मामा मुझे भी चोदेगे तो में किसी को नही बताउंगी मुझे भी चुदवाना है बस.
दीदी अब झड़ चुकी थी.
दीदी – आदिती तुम्हे देखना है तो देख सकती हो बेटी मामा का लंड बहुत बड़ा है तुम्हे तकलीफ़ होगी धीरज अब लंड निकालो ना में झड़ चुकी हूँ.
आदिती – हाँ मुझे भी चाहिये नही तो सोच लो.
मैने अपना लंड बाहर निकाल लिया फिर दीदी ने मेरे रस से भीगे लंड को हाथ मे लेकर आदिती को दिखाया और बोला देख कितना बड़ा है तेरी चूत छोटी है उसमे कैसे जायेगा यह.
आदिती – मुझे ट्राई करना है मेरी दोस्त कहती है पहले दर्द होता है फिर बहुत मज़ा आता है.
दीदी – बेटी तुमने किसी का लिया नही अब तक.
आदिती – लिया नही पर आज लेना है मामा बोलो ना मुझे भी चोदोगे ना प्लीज़ मामा प्लीज़.
मे – बेटी तुम्हे दर्द होगा.
आदिती – चलेगा.
धीरज तुम इसकी चूत चाटो में इसकी चूची चूसती हूँ तब तक तुम मुझे और चोदो और अपना माल निकाल दो मेरी चूत में मैने बहुत दिन से गरमा गर्म माल फील नहीं किया चूत के अंदर आओ ना चोदो फिर मैने आदिती की चूत को अपने मुँह के सामने किया और उसे चाटने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दीदी उसकी चूचीयों को चूसने लगी मैने अपना लंड फिर दीदी की चूत मे डाल दिया था और मस्त चुदाई फिर शुरू हो गयी फकक्चह फ़चह फकक्चह फ़चह फकक्चह फ़चह दीदी आदिती की निपल चूस रही थी में उसकी कुँवारी चूत को चाट रहा था क्या मस्त चूत थी छोटी सी प्यारी सी उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी.
दीदी अब मुझे पानी अपनी चूत मे ही डालने के लिये बोल रही थी मै अब तेज झटके मारने लगा अब में भी झडने वाला था. दीदी ने मुझे कहा थोड़ी सा चूत मे डालने के बाद बाकी मेरी चूचीयों पर गिरा देना में तुम्हारा गाढ़ा रस देखना चाहती हूँ.
आदिती अपनी आँखे बंद करके बोली मामा बहुत मज़ा आ रहा है मुझे आपका लंड चाहिये तभी में झड़ने लगा थोड़ा सा अंदर गिराने के बाद मैने अपना लंड बाहर निकाला और पिचकारी दीदी की चूचीयों की ओर छोड़ दी. दीदी की चूचीयाँ मेरे गाढ़े रस से नहा गई.
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दीदी – देख कितना गाढ़ा है पिचकारी का रस.
आदिती – हाँ मामा बहुत गाढ़ा है आपका रस। ये लम्बा लंड मुझे भी डलवाना है.
दीदी – बेटी अब ये लंड थोड़ा मुरझा गया है में इसे चाटती हूँ और बाद में चूत चाटूँगी जिससे तुम्हे इसे लेने मे आसानी होगी.
दीदी ने पहले अपनी जीभ से मेरे लंड को साफ किया और आदिती को दे दिया चूसने के लिये और उसकी चूत चाटने लगी आदिती की मुलायम चूत को चाटने का मज़ा अब दीदी ले रही थी और आदिती मेरे लंड को मज़े से चूस रही थी.
दीदी अब अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डाल रही थी बहुत अंदर तक आदिती और गर्म हो गयी थी और तड़पने लगी थी में आदिती की चूचीयों को मसल रहा था वो चीख रही थी आआहह धीरे मामा माँ बहुत मज़ा आ रहा है आदिती एक बार झड़ चुकी थी दीदी उसके रस को पी रही थी.
मेरा लंड अब फिर से खड़ा होने लगा था इस कुँवारी जिस्म को देख के और उसके मस्त चाटने से दीदी ने उसे बेड पर लेटाया और कमर के नीचे तकिया लगाया जिससे चूत खुली दिखने लगी और आदिती को किस करने लगी जिससे अगर आदिती सील टूटते समय चीखे तो आवाज़ बाहर नही जाये.
दीदी ने मेरे लंड को उसकी चूत के मुँह पर टिकाया और मुझे कहा भाई धीरे से डालना मैने हल्का सा झटका लगाया लंड थोड़ी दूर जाकर फंस गया दीदी ने आदिती का मुँह अपने मुँह से बंद कर दिया पर उसके आँसू नहीं रुक पाये उसके गालो पर बहने लगे.
दीदी उसे किस करने लगी में उसकी जाँघ और कमर सहलाने लगा थोड़ी देर मे उसका जब दर्द कम हुआ तो में उतनी देर मे आगे पीछे करने लगा हर दो तीन झटकों के बाद एक थोड़ा तेज़ झटका लगा देता. मैने आँखों ही आँखों मे दीदी को इशारा किया.
दीदी समझ गयी दीदी ने उसका मुँह पूरी तरह बन्द कर दिया अपने मुँह से फटाआआआककक और पूरा लंड अंदर सील टूट गयी आदिती की वो थोड़ा छटपटाने लगी पर दीदी उसका शरीर सहलाने लगी में थोड़ी देर रुक गया.
फिर धीरे धीरे चुदाई शुरू की फ़च्चा फक फ़च्चा फक फ़च्चा फक फ़च्चा फक फ़च्चा आदिती को दर्द हो रहा था पर में कहा रुकने वाला था मुझे टाइट चूत चोदने मे मज़ा आ रहा था थोड़ी देर बाद वो भी मज़ा लेने लगी उसका दर्द कम होने लगा होगा.
फिर दीदी ने उसके मुँह को आज़ाद कर दिया वो अब मज़े से गांड उठा उठा के मेरे धक्को का जवाब दे रही थी दीदी नीचे जाकर कभी मेरे लंड की गोलियाँ चूस रही थी तो कभी आदिती की चूत के नीचे का रस फिर दीदी उपर आई और आदिती के मुँह मे अपनी चूची दे दी.
दीदी – चूस बेटी चूस मेरी चूची चूस तूने 5 साल तक मेरी चूची से दूध पिया है आज भी पी ले.
आदिती – हाँ मम्मी दो मुझे आज भी पीना है.
फिर आदिती दीदी की चूची चूसने लगी और में मज़े से टाइट चूत चोद रहा था मखमली कमर पकड़ के शॉट लगा रहा था थोड़ी देर के बाद मुझे आदिती को उल्टा करके चोदने का मन कर रहा था उसके चुत्तड महसूस करने का मन कर रहा था. मैने दीदी को बोला दीदी अब लेट जाओ और आदिती से अपनी चूत चटवाओ में इसे पीछे से चोदूंगा.
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अब मैने आदिती को कुतिया स्टाइल मे कर दिया और पीछे से चूत मे लंड डाल दिया और उसके बाल पकड़ के चोदने लगा और उसका मुँह दीदी की चूत पर था. हर झटके के बाद वो अपनी पूरी जीभ दीदी की चूत के अंदर डाल देती मै अब बाल छोड़ के अब कमर पकड़ के ज़ोर ज़ोर से शॉट लगाने लगा घपाआक घप घपाआक घप घपाआक घप पूरा कमरा चुदाई और सिसकारियों की आवाज़ से गूँज रहा था. आदिती अब झड़ चुकी थी दीदी की चूसाई हो रही थी वो भी अब बहने लगी थी आदिती अब अपनी माँ के रस को पी रही थी में भी अब झड़ने वाला था.
मेंने ज़ोर ज़ोर से चोदते हुये अपना सारा माल आदिती की चूत मे ही गिरा दिया मेरे लास्ट झटके के बाद में उस पर गिरा और उसका मुँह दीदी की चूत पर फिर थोड़ी देर तक हम तीनो ऐसे ही पड़े रहे दीदी उठी और अपनी चूत को साफ किया और आदिती को उठा कर बेडशीट बाथरूम मे डाला उस पर आदिती के सील टूटने के कारण खून के धब्बे पड गये थे और हम लोगो का रस भी लगा था उस पर फिर हम तीनो कपड़े पहन कर सो गये आदिती अपने कमरे मे सुबह 5 बजे चली गयी.