Haveli Sex Kahani
प्रियंका अपने गाँव की बहुत सब से हसीन लड़की थी. रंग गोरा शरीन ऐसा की देखने वाला बस देखता रह जाए. वह पढने लिखने में एकदम सामान्य से लड़की थी, लेकिन गाँव के सारे लड़के यही तमन्ना करते थे कि किसी तरह प्रियंका उन पर मेहरबान हो जाए. Haveli Sex Kahani
ऐसा सुनने में आया है की प्रियंका जब भी मेहरबान हुई उन्होंने जाति, धर्म, आयु, कुंवारा या शादीशुदा के बीच में कोई भेद नहीं किया. मतलब ये है कि उन्होंने चंदरपुर में युनुस से चुदवाया जो १८ साल का नौजवान था और उनकी नुक्कड़ पर पंचर की दूकान थी.
प्रियंका ने विवेक से पहली बार गांड मराने का अनुभव प्राप्त किया जो कॉलेज का टोपर था. उन्होंने एक बार ६० बर्षीय बेंछु से भी चुदवाया क्योंकि बेंछु की बीवी कई साल पहले भगवान् को प्यारी हो चुकी थी. प्रियंका के मन में सब के लिए बड़ा प्यार था.
प्रियंका के लिए जब वसंत नगर से ठाकुरों के खानदान से रिश्ता आया, चंदरपुर तो मानों एक “राष्ट्रीय शोक” में डूब गया. जो लोग प्रियंका को चोद रहे थे वो तो दुखी थे ही, पर उनसे ज्यादा वो लोग दुःख में थें जिन्हें ये उम्मीद थी की उन्हें कभी न कभी प्रियंका को भोगने का मौका मिलेगा.
प्रियंका के पिता श्री यसवंत सिंह ने प्रियंका की शादी बड़ी धूमधाम से की. प्रियंका की मा के मरने के बाद श्री यसवंत सिंह का जीवन काफी कठिन रहा था, और वो चाहते थे की वो प्रियंका के विवाह के बाद वो अपने जीवन के बारे में फिर से सोचेंगे.
शहनाइयों के बीच प्रियंका चौधरी से प्रियंका ठाकुर बनी और अपने पति मयंक ठाकुर के साथ उनकी पुशतैनी हवेली आयीं. उनके ससुर जोखन सिंह ठाकुर वसंत नगर के जाने माने ज़मीदार थे और हवेली के मालिक भी. ठाकुर परिवार में जोखन सिंह और उनके तीन बेटे थे.
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मयंक सबसे छोटा बेटे था. रणवीर और सूर्य प्रताप मयंक के दो बड़े भाई थे. ये बात सभी को अजीब लगी को जोखन सिंह सबसे पहले अपने सबसे छोटे बेटे का विवाह क्यों कर रहे हैं. श्री यसवंत सिंह की तरह जोखन सिंह की पत्नी कई वर्ष पहले इश्वर को प्यारी हो चुकी थी.
रणवीर एवं सूर्य प्रताप ने कुंवारा रहने का निर्णय लिया हुआ था. सूर्य प्रताप और रणवीर खेतों का पूरा काम देखते थे. प्रियंका का पति मयंक तो बाद खेतों पर पार्ट टाइम ही काम करता था. वो बगल के शहर सहारनपुर में एक टेक्सटाइल मिल में काम करता था.
प्रियंका ने अपने विवाह के बाद अपना काम ठीक से संभाला. शीघ्र ही वो हवेली और खेतों की मालकिन बन गयी. खेतों के मामले में उसने सारे काम किये, पर परिवार के मामले में प्रियंका ने और भी ज्यादा काम किये. प्रियंका को पता था की पूरे ठाकुर खानदान में वह एक अकेली औरत है.
उसे पता था कि उसके परिवार में चार मर्द हैं जिन्हे उसकी जरूरत है. प्रियंका के जीवन में ये नया चैप्टर था. उस दिन शाम को, प्रियंका के पति मयंक की रात की शिफ्ट थी. वो शाम को ६:०० बजे उसे उसके अधरों पर एक चुम्बन दे कर अपनी मोटरसाइकिल में सवार हो कर अपनी नौकरी को करने टेक्सटाइल मिल चला गया.
प्रियंका ने शाम के सारे काम सामान्य तरीके से किये. उसने स्नान किया, टीवी देखा और गुलशन नंदा की नावेल पढने लगी. जोखन सिंह और उसके दोनों बेटों ने मिल कर बियर पी और टीवी देखा, और उन्होंने प्रियंका के जिस्म को अपनी भूखी नज़रों से देखा.
प्रियंका को ये बिलकुल इल्म नहीं था की उसेक ससुर और दोनों देवर उसके बदन को वासना की नज़र से निहार रहे हैं. सारे उसे किसी तरह से शीशे में उतारने की मन ही मन योजना बना रहे थे. प्रियंका जो इन सब बातों से अनजान थी थोडा जल्दी ही अपने बिस्तर पर चली गयी.
उसे पता ही नहीं चला की कब उनकी आँख लग गयी. जवानी न जाने कैसे कैसे स्वप्न दिखाती है…. प्रियंका को जैसे चुदाई का कोई स्वप्न आया.. स्वप्न में उसे उसके गर्म बदन में कोई मादक आनंद की लहरें लगा रहा था…प्रियंका को बड़ा ही आनंद आ रहा था …. उसे लग रहा था मानों कोई गरम और बड़ा सा लंड उसकी चूत में अन्दर बाहर हो रहा हो….
घने अँधेरे कमरे में प्रियंका की नींद टूट गयी. उसने तुरंत महसूस किया की कोई चीज उसके पैरों के बीच में थी जो उसकी चूत चूस रही थी. शीघ्र ही उसने महसूस किया किया की कोई उसे जीभ से चोद रहा है. उसे लगा कि ये उसका पति मयंक है. उसने गहरी साँसों में बीच गुहार लगाईं, “ओह राजा,चूसो मेरी चूत को.”
प्रियंका ने अपनी गांड पूरी उठा ली ताकि वो अपनी चूत पूरी तरह से चुसाई के के लिए समर्पित कर सके. उसी समय उसने महसूस किया की चूत चूसने वाले ने अपने दोनों हाथ उसकी जाँघों पर रखे और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर रख दिया. उसकी साँसें भारी हो रही थीं. एक ही ठाप में पूरा का पूरा लंड प्रियंका की चूत के अन्दर हो गया.
प्रियंका इस समय तक पूरी तरह से जाग गयी थी. उसे अच्छी तरह से मालूम था की उसे चोदने वाला इंसान उसका पति नहीं है. प्रियंका ने शादी के पहले कई लोगों से चुदवाया था. पर जब से शादी की बात हुई थी, उसने अपने पति मयंक के प्रति वफादारी का फैसला लिया था.
पर इस समय जो भी उसे चोद रहा था, उसकी चूत को पूरी तरह से संतुष्ट कर रहा था. उसकी चूत पूरी तरह से भरी हुई थी. लंड चूत को भकाभाक चोद रहा था, चूत पूरी तरह से लंड से भर सी गयी थी. प्रियंका इस बात को पूरी तरह महसूस कर सकती थी की जो लंड उसकी चूत को चोद रहा है वो उसके पति से बड़ा है और उसे उसके पति से कहीं ज्यादा वासना से चोद रहा है.
कमरे में इतना घुप्प अँधेरा था की प्रियंका को ये बिलकुल समझ नहीं आया की उसकी चूत में जिस इंसान का लुंड इस समय घुसा हुआ है वो है कौन. चुदाई का पूरा आनंद उठाते ही प्रियंका सोच रही थी की ये उसका ससुर हो सकता है या उसके देवरों में से एक. पर इस समय प्रियंका चोदने वाले का चेहरा तो नहीं देख पा रही थी पर केवल उसके हांफने की आवाज ही सुन सकती थी.
चुदाई में इतना मज़ा आ रहा था की प्रियंका से ये सोचना की बंद कर दिया की साला चोदने वाला है कौन. प्रियंका ने अपनी टाँगे चोदने वाले के कन्धों पर रखे और अपनी चूत को ऊपर उठाया ताकि चोदने वाले का पूरा लंड अपनी चूत में उतार सके. चोदने वाले ने भी रफ़्तार पकड़ ली. भकाभक प्रियंका की चूत छोडनी चालू करी.
“हाय मार डाला ….फाड़ दी तूने साले मेरी चूत” , प्रियंका ने हाँफते हुए बोला.
प्रियंका ने अपनी गांड उठा उठा के अपने गुप्त प्रेमी के धक्के स्वीकार किये. चोदने वाले ने अपना बड़ा सा लौंडा प्रियंका की चूत में भकाभक पेश किया और ऐसा झडा की प्रियंका की चूत से उसका सामान बह बह के निकलने लगा.
प्रियंका बोली, ” ओ ओह ..मार ले मेरी .. मैं गयी रे ….मेरी चूत का मक्खन निकला रे ……….”
प्रियंका को चोदने वाला बड़ा ही महीन कलाकार निकला. उसने अपने झड़ने हुए लंड को प्रियंका की गरम चूत में एकदम अन्दर तक पेल दिया. लंड का रस प्रियंका की चूत के सबसे अन्दर वाले इलाके में जा के जमा हुआ. प्रियंका को इतना घनघोर तरीके से किसी ने नहीं चोदा था. पर वो संतुष्ट एवं परिपूर्ण महसूद कर रही थी.
उसे जो भी चोद रहा था, उसने अपना लंड बिना कुछ कहे प्रियंका की चूत से निकाला. इसके पहले की प्रियंका या किसी को कुछ पता चले वो गायब हो गए. प्रियंका अपने बिस्तर पर लेती हुई थी, सोच रही थी की उसे इतना “खुश” किसी ने नहीं किया आज तक.
अगले दिन, प्रियंका पूरे दिलो-दिमाग से ये जानने की कोशिश में थी की पिछली रात उसकी चूत को इतनी अच्छी तरह चोदने वाला था कौन. उसे ये तो पता था की वो या तो उसका ससुर था या उसके देवरों में से कोई एक. उसने पूरे दिन अपने ससुर, रणवीर और सूर्य प्रताप को पूरी तरह से ध्यान से परखा.
पर तीनों मर्दों ने कतई कोई भी ऐसा हिंट नहीं दिया जिससे प्रियंका को जरा सी भनक पड़े की की गई रात उसे चोदने वाला था कौन. उस दिन लंच के बाद जब उसके ससुर और देवर खेतों पर चले गये, उसके पति मयंक ने उसे नंगा कर के उसे जम के चोदा.
प्रियंका एक पतिव्रता नारी के तरह अपनी जांघो और चूत को पूरी तरह से खोल कर लेटी रही, मयंक उसे अपनी पूरी सामर्थ्य से चोदता रहा, पर उसका लंड प्रियंका की चूत के लिए छोटा था. मयंक अपनी बीवी की चूत में झड गया पर प्रियंका इस चुदाई से असंतुष्ट अपनी चूत को खोल के लेटी हुई थी और सोच रही थी कि रात की चुदाई में और उसके पति की चुदाई में कितना ज्यादा फर्क है.
उस शाम प्रियंका का पति अपनी टेक्सटाइल मिल की नाईट ड्यूटी पर फिर से गया. प्रियंका अपने ससुर और देवरों के बारे में गहन विचार में थी. वो इस बात से कम परेशान थीं की किसने उसे पिछली रात चोदा था. वो इस बात से परेशान थी की इस रात उसकी चुदाई होगी या नहीं.
उस रात प्रियंका जब फिर से सोने गयी, उसने अपने गाउन के नीचे कोई चड्ढी नहीं पहनी थी. क्योंकि वो मन ही मन चुदवाने का प्लान कर रही थी. थोड़ी ही देर में प्रियंका को उसी तरह से जगाया गया जैसे उसे पिछली रात जागाया गया था. उसकी चूत पर कोई अपनी गीली जीभ लगा कर अपनी पूर लगन एवं श्रद्धा से उसकी चूत का मुख-चोदन कर रहा था.
प्रियंका ने अपने पैर उठा लिए, चूसने वाले व्यक्ति का सर पकड़ा और तेजी से अपनी चूत में गडा दिया. चोदने वाले व्यक्ति की जीभ बुरी तरह से प्रियंका की चूत में घुसी हुई थी. जीभ वाला आदमी प्रियंका की चूत का पूरा आनंद ले रहा था, वो अपनी जीभ को प्रियंका की चूत के ऊपर नीचे कर रहा था. प्रियंका की चूत जैम के अपना पानी छोड़ रही थी.
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“ओह उम् आह”, प्रियंका ने सिसकारी भरी.
प्रियंका ने अपने चोदने वाले के लंड को पकडा और उसे सोंटना शुरू कर दिया. पर इसी बीच इसे चोदने वाला प्रियंका ऊपर आया और अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पर लगा के एक ठाप मारी. उसका लंड चूत में आधा घुस गया.
“ये ले मेरा लंड”, चोदने वाले ने प्रियंका के कान में फुसफुसाया.
प्रियंका ने तुरंत ये आवाज़ पहचानी. ये तो उसका ससुर जोखन सिंह था.
“ओह जोखन सिंह पापा जी!” वो चुदवाते हुए बोली.
प्रियंका ने अपने हाथ और पैर जोखन सिंह के शरीर पर रख कर चूत उसके लंड पर भकाभक धक्के लगाना चालू किया….
“साली हरामजादी तुझे तेरे ससुर की चुदाई पसंद है….”
जोखन सिंह प्रियंका की चूत में बेरहमी से लंड के धक्के लगाते ही बोला.
“हाँ जी ससुर जी… आपका लंड कितना अच्छा है…..मेरी चूत पानी छोड़ रही है ……” प्रियंका बोली.
जोखन सिंह ने अपनी बहु की चूत में अपने लंड के भालाभाक धक्के लगाए.
“तुम्हारा लंड कितना बड़ा है….. फाड़ दो मेरी चूत को…मैं झड रही हूँ . पापा आ…आ …आ … …..” प्रियंका चिल्लाते हुए झड रही थी.
“मेरा लंड भी तेरी चूत में पानी छोड़ रहा है ……. मैं झड रहा हूँ”, जोखन सिंह झाड़ते हुए बोला.
इस घटना के बाद, प्रियंका ने महसूस किया की इस परिवार में उसका स्थान काफी ऊपर है.
सुबह हुई और रोज की तरह प्रियंका सुबह के पहले उठी. प्रियंका अपने पति मयंक के लिए नाश्ता बनाती थी. मयंक अपनी नाईट ड्यूटी करके आता था और नाश्ता खा के सो जाता था. प्रियंका उसके बाद अपने ससुर और देवरों के लिए नाश्ता बनाती थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
सामान्य तौर पर, उसके ससुर और देवर सात बजे तक नाश्ता कर के खेतों के तरफ प्रस्थान कर जाते थे. पर आज उसके ससुर ने रणवीर और सूर्य प्रताप को खेतों पर भेज दिया पर खुद नहीं गया. प्रियंका रासोई में बर्तन धो रही थी. तभी उसने अपनी गांड की दरार पर एक खड़ा लंड महसूस किया.
मुड़ कर देखा तो पाया की ससुर जी खड़े हैं मुस्करा रहे हैं. प्रियंका ने अपने गोल और गुन्दाज़ चूतडों को और पीछे फेंका जैसे अपने चूतडों के द्वारा ससुर के लंड की मालिश कर रही हो. जोखन सिंह खुद को बड़ा किस्मतवाल मन रहे थे की उन्हें ऐसी चुदाक्कड टाइप बहु मिली.,वो अपने हाथों से बहु की गुन्दाज़ चुंचियां दबाने और सहलाने लगे.
“ओह ओह पापा जी ……” प्रियंका ने भारी आवाज में बोला.
“मेरा लंड बहुत जोर से खड़ा है बहु. क्या तुम्हारी चूत के पास थोडा टाइम है?”
जोखन सिंह पैशनेट आवाज में बोला और प्रियंका की टांगों के बीच हाथ डाल कर उसकी चूत को सहलाने लगा.
“ओह पापा जी…प्लीज … आपको चोदने का बड़ा दिल कर रहा है……पर मयंक घर में है…वो बेडरूम में सो रहा है …पर कभी भी जग सकता है…..हम यहाँ नहीं चोद सकते…” प्रियंका बोली.
“तुम ठीक कहती हो बहु…यहाँ ठीक नहीं है… मैं तबेले में तुम्हारा इंतज़ार करता हूँ …चलो तबेले में आओ …जल्दी से…”.
जोखन सिंह अपनी बहु की चून्चियों को दबाते ही आँख मारते हुए बोला.
प्रियंका बेडरूम गयी और देखा की उसका पति मयंक अच्छी तरह से सो रहा है. प्रियंका किचन से निकल कर तबेले में गयी. उसके शरीर में एक अजीब तरह की इच्छा थी जिसकी वज़ह से उसकी चूत गीली थी. प्रियंका ने तबेले में प्रवेश किया और देखा की उसके ससुर जोखन सिंह वहां पूर्ण नग्न हो कर अपने लंड को धीमें धीमें सोंट रहे थे.
प्रियंका ने अपने सारे कपडे उतारे और अपने ससुर के पास गयी. जोखन सिंह अपने घुटनों के बल बैठ गया और प्रियंका उसके लौंड़े के ऊपर चढ़ गयी. प्रियंका ने अपनी चुन्चिया ससुर के मुंह में दे दीं. जोखन सिंह ने बहु की चुन्चिया चूसी और लंड को बहु की चूत की गहराइयों में डुबाया.
“ओह….ओह… मर गयी रे …..पापा जी तुम्हारा औज़ार तुम्हारे बेटे से बड़ा है …..चोदो मुझे…….मेरी फाड दो पापा जी…….”
जोखन सिंह ने अपना लंड लपालप अपनी बहु की चूत के हवाले किया और बहु को तो तब तक चोदा जब तक मज़ा न आ जाए.
प्रियंका चुदाई करवाते हुए बोली, “पापा प्लीज मेरी चूत में अपना पानी डाल के झडो ……प्लीज….”
जोखन सिंह ने प्रियंका की चूत में अपना लंड अन्दर बाहर करते हुए निकला और प्रियंका के मुंह में डाल के बोला, ” ये ले बहु चूस ले इसे….पी ले इस का रस….”
प्रियंका ने अपने ससुर का लंड जम के चूसा पर ससुर को प्रियंका की चूत में लंड डाल के ही झाड़ना पड़ा.
“ये ले चख ले मेरा वीर्य”, जोखन सिंह ने झड के प्रियंका को बोला.
“ओह मेरे मुंह में अपना सारा माल जमा कर दो पापा जी जानेमन”, प्रियंका आँख मारते हुए बोली.
दोनों चुदाई से थक चुके थे, इसके पहले की प्रियंका का पति मयंक उठे उसने अपने साडी ठीक की और घर में चली गयी. जोखन सिंह ने अपना गीला लंड अपने जांघिये में डाला और खेतों पर राउंड मारने निकल गया. प्रियंका को पता था की उसके अच्छे दिन आने आ चुके हैं. और बहुत ही खुश थी.
प्रियंका जब से शादी कर के वसंत नगर आयी थी, हर रात कोई उसकी “चोरी” से चुदाई कर रहा था. शुरू में तो उसे पता नहीं चला की उसका ये गुप्त प्रेमी कौन है, पर एक दो सप्ताह में ही उसने पता कर लिया की वो और कोई नहीं उसके ससुर जोखन सिंह खुद थे.
ऐसी बातें जब परदे से बाहर आ जाएँ तो फिर चुदाई का कार्यक्रम कहीं भी और कभी भी हो जाता है. प्रियंका और जोखन सिंह के बीच में कुछ ऐसा ही होने लगा. पति मयंक को सोता छोड़ कर और अपने दोनों देवरों सूर्य प्रताप और रणवीर की आँखों में धुल झोंक कर प्रियंका अपने ससुर के साथ वासना के खेल कभी भी खेल लेती थी.
पर एक बात तो तय है, ऐसी बातें ज्यादा दिन तक छुपती नहीं हैं. एक दिन जब जोखन सिंह प्रियंका को घोडी बना कर पीछे से उसे छोड़ रहा था, रणवीर और सूर्य प्रताप ने उन दोनों को देख लिया. ऐसा चुदाई का दृश्य देखते ही दोनों का लंड एक दम खड़ा हो गया और उन्होंने मन ही मन में तय किया वो भी जल्दी ही मौका देख कर प्रियंका के कामुक शरीर का भोग लगायेंगे.
और ऐसा मौका उन्हें दो दिन बाद ही मिल गया. उस दिन जोखन सिंह पंचायत के काम के सिलसिले में सुबह ही शहर निकल गया था. मयंक रोज की तरह अपनी नाईट ड्यूटी कर के नाश्ता कर के सो रहा था. उन दिन ज्यादा थक कर वापस आया था, सो उसने प्रियंका को छोड़ा भी नहीं और खा कर सीधे सोने चला गया.
आज प्रियंका को थोडा बुरा लग रहा था की उसे चोदने वाले दोनों लोग उपलब्ध नहीं थे. उसने सोचा की थोड़े घर के काम के काम ही कर लिए जाएँ. पर उसे ये बिलकुल आभास नहीं था की उसके कामुक शरीर में घुसने के लिए दो दो लंड कुछ दिनों से लालायित थे. जिस समय वो घर के बाहर पौधों को पानी दे रही थी.
उस समय सूर्य प्रताप और रणवीर बगल में तबेले में काम कर रहे थे. सूर्य प्रताप ने उसे तबेले में मदद के लिए बुलाया. प्रियंका जैसे ही तबेले में घुसी, दोनों ने उसे पकड़ कर वहां पडी चारपाई पर जबरन लिटा दिया. प्रियंका ने अपनी शक्ति के अनुरूप अपने देवरों की जबरदस्ती का पूरा विरोध किया.
ये सब कुछ इतना अचानक हुआ की उसकी आवाज निकले उससे पहले रणवीर ने उसकी साडी और पेटीकोट खींच के फ़ेंक दिया गया. और सूर्य प्रताप उसका ब्लाउज खोल रहा था. प्रियंका अपने ससुर जी की सहूलियत के चड्ढी वैसे भी नहीं पहनती थी. सो दो मिनट में वो वहां दो जवान लड़कों के सामने पूरी नंग धडंग पडी हुई थी.
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प्रियंका ने शर्म से अपनी आँखें बंद कर रखीं थीं. उसे अब ये तो पता था की उसके साथ अब क्या होने वाला है. हालांकि वो कोई दूध की धुली नहीं थी, पर उसे देवरों के सामने इस प्रकार से बल के ऐसे प्रयोग से नंगा हो कर लेटना अच्छा नहीं लग रहा था. उसने चुदाई तो बहुत की थी, पर दो दो लंडों का स्वाद एक साथ लेने का यह पहला अवसर था.
इस बात को सोच कर उसकी चूत में अजीब तरह की प्यास जग गयी. सूर्य प्रताप ने अपना लंड बिना किसी निमंत्रण के अपनी भाभी की चूत के मुंह पर टिकाया और अपना सुपदा अन्दर किया. प्रियंका सिहर उठी. प्रियंका की चूत थोडा गीली थी सो लंड दो तीन धक्कों में अपने मुकाम पर पहुच गया.
दूसरा देवर रणवीर रणवीर उसकी चून्चियां चूसने ऐसे चूस रहा था मानों वो कोई स्वादिष्ट पके हुए आम हों. प्रियंका को अब इस खेल में मजा आना शुरू हो गया था और वो सिसकारी लेने लगी. सूर्य प्रताप का लंड अपने पिता जोखन सिंह से छोटा था पर साइज़ में मोटा था.
इस लिए जब भी सूर्य प्रताप धक्का लगता था, प्रियंका की चूत और फैलती थी और उसे ज्यादा आनंद आ रहा था. उसने अपनी ऑंखें खोल लीं, अपनी टाँगे सूर्य प्रताप की गांड के दोनों तरफ फंसा कर प्रियंका अपनी गांड उठा उठा कर सूर्य प्रताप का लंड अपनी गीली चूत में लेने लगी. फचफच की आवाज तबेले में गूँज रही थी.
“चोदो मुझे सूर्य प्रताप…..” प्रियंका पहली बार मुंह खोल कर कुछ बोली.
सूर्य प्रताप ने अपनी भाभी की चूत में अपने लंड की रफ़्तार बढ़ा दी. और रणवीर ने खुले मुंह का लाभ उठा कर उसके मुंह में अपना हथियार घुसा दिया. प्रियंका पूरे मजे ले ले कर उसे चूसने लगी. अपने मादक शरीर में दो दो लंडों को अन्दर बाहर होने के अनुभर से भाव विभोर गयी.
“अरे क्या मस्त चूत है तुम्हारी भाभी. पूरे गाँव में इतनी मौज और किसी लडकी ने नहीं दी मुझे”, सूर्य प्रताप उसे चोदते हुए बोला.
“ये ले ….मेरा ल…अ…अं….न्ड…..”
प्रियंका समझ गयी की सूर्य प्रताप अब बस झड़ने ही वाला है. वह जोर जोर से अपनी गांड उठाते हुए मरवाने लगी. अगले ४-५ ढाकों के बाद सूर्य प्रताप ने अपने लंड का पानी प्रियंका की चूत में उड़ेल दिया. सूर्य प्रताप ने अपना लंड निकाला और रणवीर को इशारा किया की अब वो भी अपने भाभी के हुस्न का सेवन करे.
रणवीर ने प्रियंका को उल्टा किया और उसकी गांड पकड़ कर उठाने लगा. प्रियंका समझ गयी की ये देवर उसी कुतिया के पोस में चोदना चाह रहा है सो वह तुरतं घुटनों के बल हो गयी. सूर्य प्रताप का वीर्य उसकी चूत से निकल कर झांघों से बहने लगा. रणवीर ने अपना लंड एक झटके में उसकी चूत में डाल दिया और फुर्ती से चोदने लगा.
रणवीर का मोटा लंड प्रियंका की चूत बुरी तरह से चोद रहा था. पीछे से चोदते हुए उसने उसकी चून्चियों को अपने हाथों से सहलाते हुए फुसफुसाया “मैं और सूर्य प्रताप तुम्हें रोज इसी तरह से अच्छे से चोदेंगे. तुम्हारी चूत में अपने लंड डाल डाल के तुम्हारी क्रीम निकालेंगे रोज हम दोनों भाई. ठीक है न भाभी?”
“हाँ….हाँ …मुझे तुम दोनों इसी तरह से मजे देना रोज….आह …आह …..रोज ……” प्रियंका ने पूरे आनंदित स्वर में जवाब दिया.
ये सुन कर रणवीर ने अपने चुदाई की रफ़्तार बाधा दी. उसकी जांघें प्रियंका के चूतडों से टकरा टकरा कर जैसे संगीत बनाने लगीं.
“ओह …ओह…मैं गया ….ये ले ..मेरा सारा रस ….अपनी चूत में ……”
ये कहते कहते रणवीर ने अपना लंड पूरी जोर से घुसा दिया और झड गया. प्रियंका को ऐसा लगा मानो उसकी चूत के गहराई में जा कर किसी ने वाटर जेट चला दिया हो. प्रियंका बड़ी खुश थी, उसके पास तीन तीन मर्द थे जो उसे रोज कभी भी जवानी का सुख देने को तैयार रहते थे. उसके जैसी कामुक स्त्री के लिए ये किसी स्वर्ग से कम नहीं था.
“हाँ मैं बिलकुल ठीक से हूँ और बहुत ख़ुशी से हूँ पापा. ससुराल वाले मेरा अच्छी तरह से ख़याल रखते हैं.” प्रियंका ने चहकते हुए कहा.
बेटी की आवाज़ को सुन कर पापा श्री यसवंत सिंह समझ गए की उनकी बेटी ने ससुराल में अपना जलवा दिख ही दिया है. पर उन्हें इस बात का जरा भी इल्म नहीं था ये जलवा था किस तरह का. वो जानते थे कि प्रियंका खुश है और उनके लिए इतना ही काफी था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उन्होंने बोला, “मतलब, लगता है पूरा पूरा ख़याल रख रहे हैं ससुराल वाले?”
प्रियंका ने अपना निचला होठ दांत में दबाते हुए बताया, “हाँ पापा, मैंने सोचा भी नहीं था की तीन महीने में ही सभी लोग मेरा इतना ख़याल रखने लगेंगे. “
श्री यसवंत सिंह बोले, “बेटे मैं बड़ा खुश हूँ की तू खुश है. अब वही तेरा घर है. तेरी शादी हो गयी, अच्छा घर मिला गया. वहां सबका अच्छे से ख़याल रखना. अब तेरे भाई रविन्द्र की शादी हो जाए. बस मैं मुक्त हो जाऊं”
प्रियंका ने कहा, “हां पापा अब रविन्द्र की शादी जल्दी कराइए.”
प्रियंका उस समय शीशे के सामने खड़ी थी. उसने खुद को ही अपनी आँख मारते हुए बोला, “यहाँ मैं सबका ख़याल इतनी अच्छी तरह से रख रही हूँ कि आपकी बहु आपका कभी नहीं रख पाएगी.”
श्री यसवंत सिंह बोले, ” अच्छा बेटे, मेरा काम पर जाने का वक़्त हो गया है, मैं फ़ोन रखता हूँ. खुश रहो.”
श्री यसवंत सिंह ने फ़ोन रखा नहीं था, बल्कि उन्हें रखना पड़ा. क्योंकि विमला जो उनके घर की नौकरानी थी, उनका लंड किसी स्वादिष्ट लेमन चूस की तरह चाट रही थी. जब वो फ़ोन पर थे, विमला घर का काम ख़तम कर के आई, श्री यसवंत सिह की धोती से उनका लंड निकाला और उसे मुंह में डालकर चुभलाने लगी.
लंड चुस्वाने के आन्दतिरेक में अब उनकी आवाज संयत न रहती, इस लिए बेटी का फ़ोन थोडा जल्दी ही काटना पड़ा. बेटी को बोलना पड़ा की काम पर जा रहे हैं, और बेटी को ये बिलकुल अंदाजा नहीं था की उनके पापा कौन से काम पर जा रहे हैं.
“विमला, तेरी मुंह बड़े कमाल का है. चूस इसे जरा जोर से. बड़ा आनंद आवे है मन्ने.”
विमला ने लंड को पूरा अपने मुंह में लिए हुए उनसे नज़रें मिलाईं मुस्कराई और जोर से चाटने लगी. श्री यसवंत सिंह का लंड अब तक पूरे शबाब पर आ चुका था. वो अपनी कुसी से उठे तो उनका लम्बा और मोटा लंड विमला के मुंह से निकल गया.
उन्होंने अपनी धोती और कच्छा जल्दी से उतारा और कुरते को निकाल कर फ़ेंक दिया और जा कर बगल में बिछे हुए दीवान पर जा कर लेट गए. विमला अपने घुटनों के बल बैठ कर उनका लंड फिर से चूसने लगी. इस प्रक्रिया में उसकी गांड ऊपर की तरफ उठी हुई थी. वो पूरी तरह से नंगी थी.
वो दोनों इस बात से बिलकुल बेखबर थे की खिड़की पर खड़ा रविन्द्र उनके ये सारे कार्य प्रलाप देख रहा है. रविन्द्र आज अपनी सुबह की दौड़ से जल्दी घर आया और जब पापा को बात करते सुना तो सोचा की वो भी दीदी से बात कर ले.
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पर खिड़की से देखा की बात चीत के साथ विमला की उनके पापा के लंड से डायरेक्ट बात चल रही है तो वो वहीँ ठहर गया. ये दृश्य पिछली रात में देखी गयी सनी लोएन्ने की फिल्म से कहीं ज्यादा कामुक था. उसका हाँथ उसके शॉर्ट्स में था और वो पाना लंड धीरे धीरे सहला रहा था.
विमला का गदराया बदन वो कई बार देख चूका था. विमला बहार नौकरों के क्वार्टर में खुले में नहाती थी. रविन्द्र को उसके बड़े बड़े मम्मे और फेंकी हुई गोल एवं गुन्दाज़ चुतड इतने पसंद थे की उन्हें याद करते ही उसका लंड खड़ा हो जाता था. विमला का पति शम्भू श्री यसवंत सिंह के खेतों का प्रमुख था.
वो अन्य नौकरों का सुपरवाइजर था. रविन्द्र को ये पता नहीं था की विमला की चुदाई शम्भू की पूरी रजामंदी से हो रही है. अपना लंड चुस्वाते चुस्वाते, श्री यसवंत की साँसे तेज हो गयी थीं. विमला की चूत में अभी तक वो अपनी तीन उंगलिया दाल चुके थे.
चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी. और उन्होंने अपनी उंगलिया निकाली और विमला की उठी हुई गांड पर एक चपत मारी. विमला को इस चपत का इशारा अच्छी तरह पता था. उसने उनके लौंडे को अपने मुंह से अज्जाद किये और फर्श पर कड़ी हो कर झुक कर उसने कुर्सी के दोनों हैंडल पकड़ लिए.
उसकी गांड मानो श्री यसवंत सिहं को आमंत्रण दे रही थी की आइये और मेरी लीजिये. श्री यसवंत उठ कर उसके पीछे आये और अपने लंड विमला की चूत के मुंह पर टिका दिया. विमला ने अपने गांड को हिला कर मालिक का लंड थोडा अन्दर लिया. लंड का सुपादा पूरा अन्दर जा चूका था.
आज विमला की चूत बड़ी कसी कसी लग रही थी. उन्होंने एक धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड अन्दर. विमला के मुंह से चीख निकल गयी. विमला को अपने चूत में श्री यसवंत सिंह का लौदा कसा और गरम लग रहा था. उसे अभी भी याद है वो दिन जब वो शम्भू से ब्याह कर इस हवेली के सर्वेंट क्वार्टर में आई थी. श्री
यसवंत सिह उसकी उस दिन से नियमित रूप से चुदाई कर रहे थे. आदम जात की भूख जितना बढ़ाया जाये वो उतनी ही बढ़ती जाती है. विमला का अब हाल यही हो गया था की वो रोज रोज अपनी चूत में कोई लंड चाहती थी. श्री यसवंत और शम्भू दोनों इस बात को जानते थे.
इस लिए उसे जम के पलते थे. कई बार तो दोनों ने उसे एक साथ मिल कर छोड़ा हुआ था. जब भी श्री यसवंत सिंह किसी नेता या अफसर को बुलाते थे, उन्हें खिला पिला के बाद उनकी पेट के नीचे की भूख का इंतजाम विमला करती थी. इस प्रकार से उस इलाके के जितने भी कॉन्ट्रैक्ट थे वो सब श्री यसवंत सिंह को मिलते थे. श्री यसवंत सिंह ने उसे चोदते हुए दोनों हाथों से उसकी चुंचियां दबाना चालू कर दिया. चुन्ची के दबने से विमला वर्तमान में आई.
“मालिक जोर से पेलो अपना लंड…. पेलो रजा पेलो ….”
“साली तू तो बिलकुल रंडी हो गयी है. ये ले …..मेरा पूरा लंड ….तेरी चूत तो अब लगता है …गधे का लौंडा भी ले सकती है ….”
“मालिक आपके लंड के सामने ….गधे का लंड भी फेल है ….आ …आ…उई…..सी,,,,,मर गयी मैं.”
रविन्द्र अब तक अपना लंड शॉर्ट्स के बाहर निकाल चूका था. अन्दर की कार्यवाही को देख कर उसका लंड भी पूरी तरह से तन चूका था और वह सडका मारने लगा. श्री यसवंत सिंह जोर जोर से विमला को चोदने लगे…बीच बीच में उसकी गांड पर चपत भी लगा देते…
“ये ले साली….ये ले मेरा लंड …मैं छूट रहा हूँ….ऊ…..ऊ…..ऊ….. …”
ये कहते हुए वो विमला की चूत के अन्दर उन्होंने अपना सारा पानी छोड दिया. रविन्द्र के लंड से भी फव्वारा निकला उसके निशाँ खिड़की के नीचे की दीवाल पर आज भी है. श्री यसवंत सिंह आकर दीवान पर बैठ गए और विमला के पेटीकोट से अपना गीला लंड पोछने लगे.
उनकी नज़र फ़ोन पर गयी. जल्दी में उशोने फ़ोन काटा नहीं था, फ़ोन अभी भी उनकी बेटी प्रियंका से कनेक्टेड था. उन्होंने फ़ोन उठा के सुनने की कोशिश की किसी ने उनके प्रलाप को सुना तो नहीं. उधर से कोई आवाज नहीं आई. पर जैसे ही श्री यसवंत सिंह के साँसे फ़ोन से टकराई, प्रियंका की तरफ से फ़ोन कट गया. श्री
यसवंत सिंह को पक्का नहीं पता चला की प्रियंका ने उस्न्की चुदाई सुनी है या नहीं. पर दूसरी तरफ प्रियंका अपने पिता की इस गरम सी चुदाई को फ़ोन पर सुनकर पूरी तरह गरम हो चुकी थी और वह मयंक को जगा कर उससे चुदने का प्लान बना रही थी. उसे अब पता चल गया था की उसकी चुदाक्कड आदतें उसने अपने बाप से ली हैं.
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प्रियंका का शादीशुदा जीवन में आनंद के जैसे सीमा नहीं थी. एक अकेली विडम्बना यही थी उसका पति जो उसके कामुक एवं मादक शरीर का असल में हकदार था, वही उसका सबसे कम या फिर न के बराबर इस्तेमाल कर रहा था. जब रात में उसका पति मयंक नाईट ड्यूटी करने चला जाता था, उसके ससुर जोखन सिंह उसका पेटीकोट उठा कर नियमित रूप से उसकी लेते थे.
उसके दोनों देवर कभी अपने पिता की चुदाई के बाद प्रियंका को चोदते थे, या फिर सुबह उसे तबेले में पडी चारपाई पर लिटा कर उसकी लेते थे. कुल मिला कर, इस घर के सरे मर्द प्रियंका के मुठ्ठी में थे. कहने को ठाकुर जोखन सिंह भले ही मालिक हों, पर इस हवेली की असली मालकिन प्रियंका खुद थी.
वो एक गर्मी की सुबह थी. प्रियंका के ससुर जोखन सिंह खेतों के राउंड पर निकले हुए थे. सूर्य प्रताप और रणवीर को प्रियंका की लिए हुए लगभग एक सप्ताह हो गया था. आज जैसे ही उनके पिता निकले वो तुरंत प्रियंका के कमरे में गये. रणवीर ने उसकी बांह पकड़ी और सूर्य प्रताप ने उसकी कमर में हाथ डाला और दोनों उसे लगभग खींचते हुए तबेले में ले गए. प्रियंका हंस रही थी, विरोध का नाटक कर रही थी.
“देवर जी, मयंक सो रहे हैं. और पापा जी कहीं आ गए तो?”
“भाभी देवरों को इतना न तडपाओ. आज अगर हमारे खड़े लंडों को खाना नहीं मिला तो हम गर्मी से फट जायेंगे.”
रणवीर ने अपने पजामे की तरफ इशारा किया. प्रियंका ने देखा की पजामा उसके लंड की वजह से टेंट की तरह ताना हुआ था. सूर्य प्रताप का हाल भी कुछ ऐसा ही था. तीनों लगभग दौड़ते हुए तबेले में पहुंचे. हांफ रहे थे, हंस रहे थे और साथ में कपडे उतार रहे थे. प्रियंका रणवीर के सामने नंगी कड़ी थी.
रणवीर उसकी झांटों से भरी हुई चूत सहला रहा था. पीछे खड़ा सूर्य प्रताप ने प्रियंका की गांड अपने दोनों हाथों से पकडी हुई थी. रणवीर ने अपने होंठ प्रियंका के होठों पर रख दिए और उसका गीला चुम्बन लेने लगा, उसकी दो उंगलिया प्रियंका की गीली चूत में थीं और उसकी जीभ प्रियंका के मुह के अन्दर थी.
सूर्य प्रताप ने पीछे से उसे पकड़ा हुआ था, उसका एक हाथ प्रियंका की गांड पर और दूसरा हाथ उसकी चून्चियों पर था. वो प्रियंका के गले पे पीछे की जगह को अपनी जीभ से चाट रहा था. प्रियंका चरम आनंद का अनुभव कर रही थी.
रणवीर ने अपनी उंगलिया निकाल लीं और प्रियंका के मुंह में से दीं. प्रियंका एक गरम कुतिया की भांति रणवीर की उँगलियों से अपनी का चूत का रस चाट चाट कर चख रही थी. तीनों अभी भी खड़े थे. रणवीर ने अपना लंड प्रियंका की चूत में डाल दिया.
सूर्य प्रताप प्रियंका की पीठ से चिपका हुआ था और रणवीर के धक्के उसे अपने ऊपर महसूस हो रहे थे. प्रियंका की चूत रणवीर का लंड चप्प चप्प की आवाज कर के ले रही थी. रणवीर का लंड पतला और लम्बा था. शायद सूर्य प्रताप को चप्प चप्प कि आवाज सुन कर लगा कि भाभी की चूत में दुसरे लंड की जगह है.
सो उसने प्रियंका की दोनों टांगों के बीच से ले जा कर अपने लंड का मुंह अपनी भाभी की चूत के मुंह पर टिकाया. अगले धक्के में जब रणवीर ने अपना लंड थोडा बाहर लिए तो सूर्य प्रताप ने अपना सुपाडा अन्दर किये. इसके पहले की प्रियंका कुछ समझ पाती, दोनों के लंड उसकी चूत में थे.
प्रियंका को अपनी चूत में बड़ी जोर का दर्द हुआ. उसने अपनी चूत को इन दोनों जवान लंडों से हटाने की कोशिश की. पर दोनों ने उसे जोर से पकड़ा हुआ था. और उसके पास हटने या बच कर के निकलने की कोई जगह नहीं थी.
“अरे कमीनों छोडो मुझे….एक एक के कर के करो….मेरी चूत फट गए….मैं मर गयी ……”
प्रियंका ने गुहार लगाई. पर दोनों भाई गज़ब के चोदू थे. प्रियंका को ऐसा लगा रहा था मानूं एक हज्जार चींटियां उसकी चूत में घुस गए हैं और सब एक साथ मिल कर उसे वहां काट रही हैं. कहते हैं चूत के अन्दर गज़ब की क्षमता होती है. दो तीन मिनट में प्रियंका का दर्द काफूर हो गया और उसे मज़ा आने लगा.
प्रियंका बोली , “चोदो हरामियों…मुझे जोर से चोदो…..दो दो लंड से मेरी फाड़ डालो ……आ ….आ……बड़ा मज़ा आ रहा है.”
तीनों के बदन पसीने से सने गए और तीनों के बदन से चाप चाप की आवाज आ रही थी. तबेले में खड़े गाय बैल उन्हें देख कर मानों यही मुश्किल में थे उन सबमें सबसे बड़े जानवर हैं कौन.
“भाभी, हम लोग तुमको हर बार नहीं चीजें सिखायेंगे…दो लंड इकठ्ठे किसी चूत को बड़ी किस्मत से मिलते हैं मेरी जान”, सूर्य प्रताप चहकते हुए बोला.
प्रियंका ने अपनी खड़े खड़े अपनी टांगो को फैला लिए ताकि दोनों लंडों को ठीक से चोदने की जगह मिले. सूर्य प्रताप और रणवीर के लौंड़े प्रियंका की चूत में आपस में रगड़ रहे थें मानो एक दुसरे से कम्पटीशन कुश्ती का हो की कौन कितनी चूत मारेगा भाभी की.
प्रियंका ने अपनी बायीं तरफ की चूंची रणवीर के मुन्ह में दे दी. दायीं वाली सूर्य प्रताप पीछे से दबा रहा था. सूर्य प्रताप अपना लंड भाभी के मोटे चूतड़ों के बीच से भाभी की चूत में आते जाते देख रहा था. उसे बड़ी ख़ुशी थी की प्रियंका जैसी कामुक लडकी उनके घर आई. अब चुदाई के लिए बाहर जा कर लडकियां पटाने का कितना सारा समय बाख जाता था. ऊपर से घर का माल घर में की खर्च हो रहा था.
“दो दो लौंड़े खाने वाली भाभी …. दो लौंड़े खा ले …
अपनी चूत का भक्काडा, बनवा ले बनवा ले……”
रणवीर चोद भी रहा था और गा ही रहा था. प्रियंका को चुद्वाते हुए गंदी बातें सुनना बड़ा पसंद है. रणवीर और सूर्य प्रताप की चुदाई और उनकी गंदे बातों और गानों से उसकी चूत का रस मानों अब निकला तब निकला.
इसी बीच खेतों के राउंड पर गए जोखन सिंह ठाकुर को याद आया कि आजा सुबह उनकी बहन रेनू का फ़ोन आने वाला है. जब जेबें टटोली तो पता लगा कि फ़ोन घर में ही चूत गया है .इस बात से बिलकुल अनजान कि घर में क्या चल रहा है, वो समय से पहले ही घर की तरफ लौट चले.
जैसे जैसे उसके कदम उन्हें घर के पास लाते गए, एक जानी पहचानी आवाज उन्हें सुनाई पड़ने लगी. उनको लगा की उनकी गई हाजिरी में उनकी बहु प्रियंका कुछ गुल खिला रही है. इस बात संशय कि कहीं कोई नौकर तो उसे नहीं छोड़ रहा है, उन्हें गुस्सा दिला रहा था.
वो घर में घुसे और प्रियंका के कमरे के दरवाजे तक गए. बाहर से कमरे को देखा फिर अन्दर गए, पर वहां कोई था नहीं सो मिला नहीं. वो आवाज का पीछा करते हुए हवेली के दुसरे हिस्से में जाने लगे. जैसे ही वो मुख्य दरवाजे के पास से निकले उन्हें पता चल गया वो आवाज कहाँ से आ रही है. वो सीधे तबेले में पहुँच गए.
वहां का दृश्य देखा तो उनका दिल ही हिल गया. उसके दोनों बेटे उसकी बहु को एक साथ चोद रहे थे. प्रियंका ने आनंद में अपनी आँखें बंद कर रखीं थीं. और दोनों पूरी रफ़्तार से उसे छोड़ रहे थे. जोखन सिंह का मन तो किया की जूते उतार के सूर्य प्रताप और रणवीर को मारें.
पर वास्तविकता तो ये थी की उन्हें पता था जवान बेटों से अब दोस्तों जैसा बर्ताव करना ही ठीक है. वो दरवाजे के पीछे छिप गए. अब तक प्रियंका दो बार झड चुकी थी. वो दोनों देवरों से गुहार लगा रही की वो अपना रस जल्दी से निकालें. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दोनों ने अपने लौड़े निकले और प्रियंका को जमीन पर बिठाया वो उसके चेहरे के दोनों साइड में आ ये और अपना लौंडा हिलाने लगे. प्रियंका ने अपने एक एक हाथ में एक एक लंड लिया और उन्हें हिलाने लगी. पहले सूर्य प्रताप झडा और प्रियंका ने उसकी एक एक बूँद अपने मुंह में ले ली. रणवीर ने इसी बीच अपना फव्वारा मनोरका के चेहरे और मम्मों पर छोड़ दिया.
जोखन सिंह का लंड बुरी तरह खड़ा हो रहा था. वो वहां से बिना कोई आवाज के निकल गए. सूर्य प्रताप और रणवीर अपने कपडे पहन रहे थे. प्रियंका दोनों देवरों के वीर्य और पसीनें से सनी हुई तबेले की चारपाई पर अभी भी पडी हुई थी. उसकी साँसे भरी थीं. उसे आनंद का नया अहसास मिला था.
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दो मर्दों ने उसे आज एक रंडी की तरह इस्तेमाल किया था और उसे बहुत ही मज़ा आया. उधर जोखन सिंह के मन में अभी अभी जो देखा उसके जैसे फिल्म लगातार चल रही थी. वो बैठ कर अपनी बहन रेनू के फ़ोन का इंतज़ार कर रहे थे. जोखन सिंह और रेनू अपने जवानी के दिनों से एक दुसरे के काफी करीब थे. रेनू ने अपनी सील अपने भाई जोखन सिंह से ही खुलवाई थी. शादी के बाद भी जब जोखन सिंह शहर जाते थे, रेनू के यहाँ की रुकते थे और मौका देख जीजा जी की नज़रें बचा कर चुदाई करते थे.
जबसे प्रियंका घर आई थी, जोखन सिंह को रेनू के यहाँ जाने की तलब बिलकुल नहीं हुई. प्रियंका तबेले की चारपाई से उठी और अपने कपडे पहन कर घर आ कर सीधा बाथरूम चली गयी. बाथरूम में जा कर उसे ये याद आया की ससुर जी के जूते बाहर रखे थे, इसका मतलब वो जिस समय सूर्य प्रताप और रणवीर के साथ थी ससुर जी वापस आ चुके थे. कहीं ससुर जी उसे उस अवस्था में सूर्य प्रताप और रणवीर के साथ देख तो नहीं लिया ये सोच कर उसका दिल एकदम से धक् से रह गया.
Raman deep says
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Wa.me/917707981551?text=Hiii Raman