Girl Painful Anal
लड़की की गांड चुदाई हेल्लो दोस्तों, मैं आपकी फ्रेंड मानसी शुक्ला आप सभी का फिर से स्वागत करती हूँ. फ्रेंड्स आपने मेरी कहानी के पिछले भाग हॉस्टल की लड़की पैसे लेकर चुदवाने लगी 1 में पढ़ा था की, मैं हॉस्टल में रहकर पढाई करती थी. और मेरी रूममेट अर्चना ने मेरी चूत को मेरे ही कॉलेज के लड़के निमेश को बेचा था. निमेश मुझे चोद कर बहुत खुश था, और वो एक बार फिर मुझे चोदना चाहता था. अब आगे – Girl Painful Anal
अगली सेक्स डेट फिक्स हुई बुधवार की, मैं सुबह उठी और नहा धो के तैयार होने लगी। मैंने वही सेक्सी रेड टॉप और ब्लाक स्कर्ट वाली ड्रेस पहनी। अर्चना ने मेरा मेकअप किया, रेड लिपस्टिक और रेड नेल पोलिश लगाई और बाल भी स्टाइल किए, अब मैं एकदम रेड हॉट लग रही थी।
फिर कैब वाले का फोन आया- मैडम, मैं हॉस्टल के बाहर खड़ा हूँ।
अर्चना ने देखा कि रास्ता साफ है तो मैंने ऊपर एक लॉन्ग जाकेट डाली और सिर नीचे कर के निकल गयी हॉस्टल से और कैब में आकर बैठ गयी। मैं उसके फ्लॅट की बिल्डिंग के बाहर पहुँच गयी तो ड्राईवर ने गाड़ी अंदर ही ले ली, निमेश ने पहले ही गेट पे बोल रखा था।
मैं लिफ्ट से आठवें फ्लोर पे पहुंची तो निमेश लिफ्ट के बाहर ही खड़ा था और इंतज़ार कर रहा था मुसकुराते हुए। मैंने उसे देखा तो मुस्कुराने लगी और हाय बोला। फिर हम दोनों उसके रूम में आ गए।
उसने मुझसे कहा- अब अंदर आ गयी हो अपनी जाकेट तो उतार दो।
मैंने जैकेट उतार के साइड में टांग दी। अब निमेश में सामने एक क्यूट और शरीफ सी लड़की खड़ी थी वो भी पूरे सेक्सी अवतार में।
मैंने कहा- अर्चना ने पैसे के बारे में बताया, पर काम 20000 में नहीं होगा, 25000 रुपए लगेंगे।
निमेश हंसने लगा, बोला- सब तो तुझे बड़ी शरीफ और मासूम समझते हैं पर तू तो रंडियों की तरह मोल भाव कर रही है।
मैंने कहा- अच्छी सर्विस चाहिए अच्छे दाम भी देने पड़ेंगे।
उसने कहा- दे दूंगा, मर मत… पर कम से कम 3 बार चोदूँगा।
मैंने बोला- ठीक है, तो शुरू करें?
निमेश बोला- कर रहे हैं यार, और भी कहीं ग्राहक लगाने हैं क्या जो इतनी जल्दी में है?
मैं हंसने लगी। फिर उसने मुझे जूस पिलाया और कहा- ले पी आज बहुत दर्द होगा।
मैंने बोला- तुम भी पियो, अपने 25000 रुपए वसूल करने हैं या नहीं?
मैं अब सच में रंडियों की तरह बात कर रही थी, उसका जोश बढ़ रहा था।
उसने कहा- तो शुरू करते हैं. आओ मेरे बेडरूम में।
हम दोनों बेडरूम में चले गए। उसने सॉफ्ट म्यूजिक लगा दिया और माहौल बनने लगा। हम दोनों बेड पे बैठे थे और एक दूसरे की आँखों में देख रहे थे।
मैं बोली- आज सिर्फ देखते रहने का इरादा है क्या?
निमेश बोला- यार तुम इतनी स्वीट और प्यारी हो, बिल्कुल दिया मिर्ज़ा की तरह, हमेशा ऐसे ही रहना।
मैं मुस्कुराने लगी और बोली- तुम्हें प्यार व्यार तो नहीं हो गया मुझसे?
उसने बोला- अभी तक तो नहीं… पर हो भी सकता है।
मैं समझ गयी कि बंदा इमोश्नल हो रहा है। मैं उसके पास आयी और उसके होंठों पे अपने लाल रसीले होंठ रख दिये और किस करने लगी। हम दोनों की आँखें बंद हो गयी और लगभग 2 मिनट तक हम किस ही करते रहे।
मैंने उसके हाथ अपने बूब्स पे रख दिये और अपने हाथ से उसका लंड सहलाने लगी, उसके पाजामे में हलचल होने लगी। निमेश मेरे बूब्स प्यार से मसल रहा था और मैं उसके लंड को सहला रही थी, हम दोनों जोश में होश खोते जा रहे थे। हम किस कर के हटे तब तक जोश चढ़ चुका था।
मैंने कहा- आज कपड़े नहीं उतरोगे मेरे?
उसने कहा- आज तुम डांस करो और करते करते कपड़े उतारो!
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फिर वो तकिया ले के साइड के बल लेट गया जैसे मुज़रा देखने आया हो। मैं भी उस पल को एंजॉय कर रही थी, मैंने उम्म्हह उम्म्ह की अश्लील आवाज के साथ डांस करना शुरू कर दिया। वो मेरा ऐसा रूप देख के खुश भी था और हैरान भी। मैं लहरा लहरा के डांस कर रही थी और वो देखे जा रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने अपना रेड टॉप उतार दिया पर ब्रा नहीं उतारी, मैं उसके पास आई और उसका चेहरा अपने वक्ष उभारों के बीच दे दिया और ज़ोर जोर से आहें भरने लगी। थोड़ी देर तक वो ऐसे ही मेरे बूब्स के बीच चुम्मा चाटी करता रहा और आहें भरता रहा। फिर मैं अलग हो गयी और उसके कपड़े उतार दिये, फिर उसका कच्छा भी उतार के फेंक दिया।
उसका लंड ठीक से खड़ा नहीं हुआ था तो मैं उसे उत्तेजित करने के लिए थोड़ा और सेक्सी डांस करने लगी। मैंने अपनी स्कर्ट भी उतार दी। अब कमरे में एक पूरे नंगे लड़के के आगे एक सेक्सी लड़की काली बिकनी में सेक्सी डांस कर रही थी। शायद निमेश मूड में नहीं आ पा रहा था क्योंकि उसका लंड अब भी ढीला सा ही था।
मैंने उसको कहा- पैर लटका के बैठ जाओ बेड पर!
वो बैठ गया। मैं डांस करते हुए उसके पास आई और उसके लंड को सहलाने लगी; पर जल्दी ही समझ गयी आज तो मुंह से चूस के ही खड़ा होगा. तो मैंने उसके लंड के टोपे को किस किया और अपने हाथ से पकड़ से हल्की हल्की मुठ लगाने लगी।
मैंने फिर आधे से ज्यादा लंड मुंह में लेके चूसना शुरू किया जैसे कुल्फी चूसते हैं। निमेश ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगा; उसका लंड अब अपने उफान पे आ गया और पूरा तन गया किसी मोटे डंडे की तरह।
उसने कहा- प्लीज मानसी, ऐसे ही चूसती रहो, बहुत मजा आ रहा है।
मैं और लगन से चूसने लगी, निमेश सातवें आसमान पे था, उसका मुंह छत के पंखे की तरफ था और आँखें बंद… मेरा ऐसा चूसना उसे बहुत उत्तेजित किए जा रहा था। पर मुझे ये डर भी था कि कहीं ये ऐसे ही चूसते हुए न झड़ जाये, वरना मेरी चुदाई नहीं हो पाती।
मैंने कहा- अब काफी हुआ, ये अब तुम मेरी चूत चाटो जीभ से।
और मैंने ब्रा पैंटी भी उतार दी। मेरी चिकनी गोरी टाँगें देख के निमेश का जोश बढ़ता जा रहा था। मैं खड़ी हो गयी और उसके मुंह के पास अपनी चूत ले जा के टिका दी और उसका मुंह अपनी टाँगों के बीच दबा दिया। मुझे बड़ा सुख मिला, वो मेरी चूत जीभ से चाटने लगा किसी कुत्ते की तरह।
उसके बाद उसने मुझे बेड से लटका के बिठाया और मेरी चूत का द्वार खोल के जीभ से ही अंदर बाहर करने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं आआ आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआआह करके साँसें भरने लगी और वो जीभ फिराये जा रहा था। मेरी चूत गीली और चिकनी हो चली थी, मैं उसका 7 इंच का मोटा लंड लेने को तैयार थी.
मैंने कहा- अब डाल दो जान… बर्दाश्त नहीं हो रहा!
वो मेरे सामने खड़ा हो गया और लंड मेरी चूत के द्वार पे रख के डालने की कोशिश करने लगा। हालांकि मैंने पिछले हफ्ते ही सील तुड़वाई थी और उस दिन चुदवा चुदवा के चूत थोड़ी बड़ी हो भी गयी थी पर एक हफ्ते के गैप की वजह से फिर से टाइट हो गयी थी। उसके लंड का मुंह बड़ा था तो एकदम से जा नहीं पा रहा था।
उसने कहा- उफ़्फ़… तेरी चूत बड़ी शैतान है, इतनी टाइट है कि लोडा आसानी से नहीं जाता।
मैंने कहा- कोई बात नहीं जानू… तुमसे 8-10 बार चुद के खुल जाएगी।
उसने कहा- ऐसे नहीं खुलेगी, उसके लिए रोज़ कम से कम एक बार या तो चुद लिया कर या फिर नकली लंड मंगा ले ऑनलाइन, उससे चुदा कर हॉस्टल में।
मैंने कहा- बाद की बाद में देखेंगे, अभी तुम ही चोदो।
उसने कहा- ठीक है, थोड़ा दर्द बर्दाश्त करना।
मैंने कहा- ऐसा करो, एकदम से डाल दो उस दिन की तरह, धीरे धीरे दर्द सहने से अच्छा है एक झटके में ही सारा दर्द दे दो।
उसने कहा- आज तेल नहीं लगाया है तो मुश्किल से जा रहा है। चलो कोशिश करता हूँ।
उसने कहा- ऐसे नहीं खुलेगी, उसके लिए रोज़ कम से कम एक बार या तो चुद लिया कर या फिर नकली लंड मंगा ले ऑनलाइन, उससे चुदा कर हॉस्टल में।
मैंने कहा- बाद की बाद में देखेंगे, अभी तुम ही चोदो।
उसने कहा- ठीक है, थोड़ा दर्द बर्दाश्त करना।
मैंने कहा- ऐसा करो, एकदम से डाल दो उस दिन की तरह, धीरे धीरे दर्द सहने से अच्छा है एक झटके में ही सारा दर्द दे दो।
उसने कहा- आज तेल नहीं लगाया है तो मुश्किल से जा रहा है। चलो कोशिश करता हूँ।
मैंने अपनी कमर के नीचे तकिया लगाया और टाँगें खोल के चूत चौड़ी कर ली लंड लेने के लिए।
निमेश मेरे ऊपर आया और मेरी बगल में हाथ रख के लंड लो चुत के छेद पे रखा और कहा- तैयार हो?
मैंने हाँ में सिर हिलाया। फिर एकदम से एक झटके में निमेश ने अपनी पूरी ताकत से अपना गर्म लंड मेरी चूत में उतार दिया। मेरा मुंह दर्द से खुला रह गया और ज़ोर की आआ आआआह की सिसकारी निकली, मेरी आँखों में दर्द के कारण आँसू आ गए, मैंने होंठ दाँतों से दबा लिए थे।
निमेश को भी दर्द हुआ था, वो भी आआआह कर के ऊपर देख रहा था। फिर थोड़ा शांत होने के बाद उसने मेरी आँखों में देखा और कहा- सॉरी यार, पर तूने ही कहा था कि एकदम से घुसेड़ दो। मैंने कहा- हम्म .. कोई नहीं, अभी ऐसे ही रहो, दर्द कम हो जाने दो थोड़ा सा।
फिर लगभग आधे मिनट बाद मैंने कहा- अब ठीक है, अब लगाओ धक्के। उसने अपना लंड बिना पूरा बाहर निकाले ही धक्के मारना शुरू किया और इधर मुझे मजा आना शुरू हुआ। मैं और निमेश एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे और मैं ‘आआह आआआह…’ कर के सिसकारियाँ ले रही थी।
निमेश भी हम्म हम्म कर रहा था। मेरे खुले बाल भी ज़ोर ज़ोर के हिल रहे थे और वो मेरे चेहरे के पास आ के उम्म उम्म साँसें ले रहा था। उसके चेहरे पे मुस्कुराहट आ गयी थी हालांकि मैं हल्के दर्द के साथ चुद रही थी।
मैंने कहा- हंस क्यों रहे हो?
उसने कहा- यार, मैं कितना लकी हूँ कॉलेज में जो तुम्हें सच में चोद रहा हूँ।
मैंने कहा- तो लकी मैन, थोड़ी स्पीड बढ़ा दो। लगाओ धक्के ज़ोर से… और ज़ोर से!
और निमेश ने ‘ऊम्म ऊन्ह उन्ह ऊन्ह…’ कर के धक्के तेज़ कर दिये, पूरा बेड हिलने लगा और मैं सुख के आसमान में उड़ने लगी। मैं कामुक आवाजें निकाल रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह अह अहह निमेश और ज़ोर से… येस येस और तेज़ और तेज़!
निमेश तेज़ी से चोदे जा रहा था; न वो झड़ने का नाम ले रहा था, न मैं। फिर वो थकने लगा, उसकी और मेरी भी साँस फूल गयी थी। वो कुछ देर के लिए रुक गया पर उसका लौड़ा मेरी चूत के अंदर ही पड़ा रहा।
मैंने आह भरे स्वर में पूछा- आह निमेश, क्या हुआ?
तो निमेश चिढ़ के बोला- साली रांड, इंसान हूँ मशीन नहीं। सांस फूल गयी है, थोड़ा तो रहम कर।
मैंने बोला- ठीक है कर लो, लंड निकाल के साइड में लेट जाओ।
वो मेरे साइड में गिर गया और हम दोनों हाँफते हुए साँसें काबू में करने लगे।
लेटे लेटे ही उसने मेरी तरफ देखा और कहा- इतनी आग है तुझमें चुदने की… मैं सोच भी नहीं सकता था।
मैंने कहा- तुमने ही मेरी जवानी की चिंगारी को हवा दी है, अब आग तो भड़केगी ही! और हंसने लगी।
वो भी हंसने लगा और ऊपर देखने लगा। हम नंगे ही एक दूसरे के बगल में पड़े रहे लगभग 5 मिनट तक। मैं उसके लंड को प्यार से सहलाती रही और हम इधर उधर की बातें करते रहे।
मैंने कहा- चलो फिर शुरू करें!
वो मुस्कुराया और बोला- अब तुम मेरे लंड पे आ के बैठो और उछल कूद करो।
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मैंने उसके लंड को अपने मुंह में लिया और थोड़ा सा चूसा ताकि वो चिकना हो जाए। फिर लंड के ऊपर बैठी और चुत में ले लिया। निमेश की तरफ मुंह करके उसकी छाती पे हाथ रख लिए और लंड पे ऊपर नीचे होने लगी। निमेश का लंड काफी लंबा था और काफी अंदर तक जाता था।
मुझे तब अहसास हुआ कि कितनी मेहनत लगती है धक्के मारने में। मैं लंड पे कूद रही थी और निमेश की आँखों में देख रही थी, मैं ज़ोर ज़ोर से आह आह आहह आहह चिल्ला रही थी और निमेश मुझे बड़ी हवस भरी नजरों से देखे जा रहा था।
हम दोनों एक दूसरे को देख के शैतानी हंसी हंस रहे थे। लगभग ऐसे ही 5-6 मिनट चुदने के बाद मैं निमेश की छाती पे लेट गयी अपने बूब्स सटा के। कुछ देर मैं चुत में लंड लिए शांति से उसकी बांहों में पड़ी रही। फिर निमेश ने मुझे उसकी हालत में अपनी बांहों में भर के लंड अंदर बाहर करना शुरू किया.
और मैं फिर उसपे पड़े पड़े चुदती रही, चुदाई का सुख लेती रही, मेरे बाल बिखर गए थे और वो उनमें हाथ हाथ फिरा के प्यार से देख रहा था। तकरीबन 7-8 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद उसने मुझे कहा- अब उल्टी लेट जा!
मैं उल्टी हो के लेट गयी और निमेश ने मेरी चुत को ऊपर करने के लिए मेरी कमर में हाथ देकर ऊपर उठाया और पेट उसके नीचे एक तकिया रख दिया। अब मेरी चुत उसके सामने थी और मैं शीशे में खुद को और उसे देख पा रही थी। वो मेरे पीछे आया तो अपने लंड को मेरी चुत और गांड के छेद पे रगड़ने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने कहा- ओये… थप्पड़ मारूँगी अगर उसमें डाला तो!
वो हंसने लगा, बोला- अभी नहीं डाल रहा, डर मत!
और उसने अपने हाथ से लंड पकड़ के मेरी चुत के छेद पे रखा और आगे हाथ रख के झुक गया। अब उसने लंड को मेरी चूत में धकेलना शुरू किया। मेरे मुंह से बस लंबी सी आआआऊऊऊ निकली और लंड चूत में चला गया।
उसने फिर लंड ज़ोर ज़ोर के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और मैं आगे पीछे हिलने लगी उसके बेड के सॉफ्ट गद्दे में। मुझे बहुत मजा आ रहा था इस पोजीशन में, मैं शीशे में उसको देख रही थी और खुद को धक्के खाते हुए।
मैंने चुदते हुए उससे पूछा- इस बेड पे कितनी लड़कियों को चोदा है?
वो मुस्कुराने लगा और कहा- तुम्हें मिला के 14 लड़कियां।
मैंने कहा- हम्म… तभी इतनी देर तक चोदते हो।
उसने कहा- हाँ! और अपनी स्पीड बढ़ा दी।
मेरी चुत गीली हो रही थी इसलिए फ़च फ़च फ़च की आवाज आ रही थी। मैं आह आहह आह कर रही थी, साँसें तेज़ होने लगी थी और मैं झड़ने वाली थी। मैंने कहा- बस लगे रहो… अब मैं झड़ने वाली हूँ.
उसने कहा- मैं भी!
और धकाधक धक्के मारता रहा.
हम दोनों हाँफ रहे थे और मैं सेक्स के चरम सुख पे पहुँचने वाली थी, मेरी सिसकारियाँ तेज़ हो गयी थी और फिर मेरा बदन अकड़ने लगा, निमेश को महसूस हो गया; और फिर उसने रुक रुक के तेज़ झटके मारने शुरू कर दिये और पूरा लंड हर झटके में निकालता और डालता, मेरे आनंद की सीमा नहीं रह गयी थी।
पूरा कमरे में मेरी आह आह और उसकी जांघें मेरे चूतड़ों से टकराने के कारण पट पट पट की आवाज आ रही थी। आखिरकार एक लंबी ‘आआहह…’ के साथ मेरी चूत से पानी फच्च कर के छूट गया, उसके एक दो झटके बाद ही निमेश का वीर्य भी झड़ गया.
उसने अपना लंड बाहर नहीं निकाला और सारा वीर्य मेरी चूत के अंदर ही गिरा दिया और वो मेरी कमर पे आ गिरा एक ज़ोर की आह के साथ। हम दोनों के चेहरे पे एक दूसरे को संतुष्ट करने की खुशी थी. हम लोग तकरीबन 20 मिनट तक ऐसे है पड़े रहे.
फिर मैं बोली- उठो यार!
वो उठा तब तक उसका थोड़ा सा वीर्य सूख चुका था और हमारे शरीर के बीच चिपक गया था। चुदाई पूरी होने के बाद मैंने अपनी चुत का जायजा लिया, तो फिर से वो काफी खुल चुकी थी।
निमेश ने कहा- देखा, रोज़ एक बार चुदवा लिया कर! तभी तेरी चुत खुली रहेगी. वरना इतने दिनों बाद चोदने में तेरे को भी दर्द होता है और मुझे भी लंड डालने में दिक्कत आती है।
मैंने कहा- ठीक है यार… चुदवा लिया करूंगी।
फिर मैं उठ के बाथरूम में चली गयी और अपना शरीर पानी से साफ किया। मैं बाहर आ गयी फिर निमेश बाथरूम चला गया अपने आपको साफ करने! मैंने कपड़े नहीं पहने और नंगी ही हाल में आ के बैठ गयी।
निमेश आया और बोला- क्या बात है? मेरे घर में नंगी ही घूमती रहती हो।
मैंने हंस के कहा- थोड़ी देर में फिर उतारने पड़ेंगे. इससे अच्छा तो अभी पहनूँ ही न।
वो मुस्कुराया और मेरे पास आ कर बैठ गया।
फिर उसने कहा- एक बात कहूँ?
मैंने बोला- बोलो न?
उसने कहा- मैं तेरी गांड में चोदना चाहता हूँ इस बार।
मैंने कहा- बिल्कुल नहीं, गांड में कौन चोदता है?
निमेश बोला- कोई मूर्ख ही होगा जो नहीं चोदता होगा.
मैंने जवाब दिया- सॉरी पर नहीं।
उसने बोला- प्लीज।
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मैं भी अड़ी रही और मना करती रही। फिर उसने टीवी पे एक ब्लू फिल्म लगा दी और हम दोनों देखने लगे। अब आप खुद ही सोचिए कि आपके सामने टीवी पे ब्लू फिल्म चल रही हो और आपके पास में एक बहुत खूबसूरत लड़की बैठी हो… वो भी नंगी तो आप कितनी देर तक काबू कर सकते हैं।
कमरे का माहौल फिर गरमाने लगा। निमेश मेरे बगल में बैठा टीवी देख रहा था, मुझे भी जोश चढ़ने लगा। लगभग एक घंटा हो चुका था और मैं फिर से चुदने को तैयार थी। मैं निमेश की गोदी में आ के बैठ गयी और अपनी बांहें उसके कंधे पे रख दी क्योंकि हम दोनों ही नंगे थे इसलिए हम दोनों के गरम जिस्म एक दूसरे के संपर्क में थे।
निमेश ने मेरी तरफ देखा और बोला- इरादा क्या है?
मैंने कहा- वही जो कॉलेज के सब लड़कों का है मेरे बारे में!
वो हंसने लगा और कहने लगा- तुझे क्या पता कॉलेज वाले तेरे बारे में क्या बोलते हैं?
मैंने कहा- इस वक़्त कॉलेज वाले इंपोर्टेंट हैं या मैं?
उसने कहा- सिर्फ तुम जानेमन, बाकी दुनिया जाए माँ चदाने।
और उसने उठा के मुझे सोफ़े पे साइड में फेंक दिया और मेरी चुत चाटने लगा। मैं यही तो चाह रही थी; मैं गर्म आहें भरने लगी। मैंने अपना सिर सोफ़े के आर्म रेस्ट पे टिका रखा था और निमेश मेरी चुत को चूसे जा रहा था पागलों की तरह।
मैं उसके सिर को पकड़ के चुत में दबाये जा रही थी और अपनी गांड उठा उठा के चुत को उसके मुंह में घुसाये जा रही थी। उसे बहुत मजा आ रहा था और मेरे आनंद की भी कोई सीमा नहीं थी। लगभग 5 मिनट चुत चाटने के बाद वो मेरे बूब्स पे आ गया और निप्पल मुंह में लेके चूसने लगा। मुझे जोश चढ़ चुका था.
मैंने कहा- सर, अब थोड़ी सर्विस मुझे भी करने दो!
और मैंने उसको सोफ़े पे बैठाया और उसके लंड को हाथ से सहलाने लगी। उसका लंड मोटा होने लगा। और मैंने फिर लंड को मुंह में ले के चूसना शुरू किया; एक मिनट में लंड मुझे चोदने को तैयार था। उधर टीवी पे ब्लू फिल्म में लड़का लड़की की गांड मार रहा था।
निमेश ने कहा- प्लीज मानसी यार… गांड में करते हैं न… प्लीज प्लीज?
मैंने कहा- नहीं यार प्लीज समझो।
पर आज वो भी ज़िद पे अड़ा था; उसने बोला- अच्छा अगर तुम्हें मजा न आया तो तुरंत हट जाऊंगा पर एक बार कोशिश तो करो।
मैंने कहा- नहीं, सिर्फ चुत में लंड डालने की इजाजत है तुम्हें!
फिर उसने कहा- अच्छा ठीक है बाबा, तुम जीती, जाओ अंदर से नारियल तेल की बॉटल ले आओ, थोड़ा चिकनी चुत कर के चोदूँगा।
मैं उठी और तेल ले आई। उसने मेरी कमर से नीचे टाँगों तक सारा शरीर तेल से चिकना कर दिया मसल मसल कर। मेरी चुत और चूतड़ पे भी तेल लगा के चिकना कर दिया। कमरे की सफ़ेद रोशनी में सब मेरा जिस्म शीशे की तरह चमक रहा था। मैं उसकी तेल मालिश से उत्तेजित हो चुकी थी। उसने तेल मेरी चुत और गांड के छेद पे ही डाल दिया था।
मैंने कहा- गांड में तेल क्यूँ डाल रहे हो?
उसने कहा- तेरे चिकने जिस्म पे बह के जा रहा है सब जगह!
उसने दबा के मालिश की तो चुत में और गांड में तेल चला गया और दोनों ही चीजें अंदर से भी चिकनी हो गयी।
उसने कहा- यार मेरे लंड की भी मालिश कर दे।
मैंने कहा- लाओ।
वो खड़ा हो गया और मुझे तेल की शीशी दे दी।
मैं घुटने के बल बैठ के उसके लंड को तेल पिलाने लगी और वो चिकना हो गया एकदम सख्त।
उसने कहा- शुरू करें?
मैंने कहा- बिल्कुल!
उसने मुझे अपने सामने खड़े होने को कहा। मैं खड़ी हो गयी। उसने मेरी बाई टांग को हाथ से उठाया चुत से लंड सटाया और एक ही झटके में घुसेड़ दिया। चिकना लंड और चिकनी चुत होने की वजह से लंड फच्च कर के चुत में पूरा घुसता चला गया और ज़ोर से आहह कर के उसकी बांहों में गिर गयी।
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वो मुझे लंड डाले डाले ही दीवार तक ले आया और फिर सामने से धक्के मार मार के चोदने लगा। हम दोनों के होंठ एक दूसरे को किस कर रहे थे और उसका लंड मुझे चोदे जा रहा था घपा घप घप घप। मैं ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ ले रही थी और कह रही थी- आह निमेश… आह आह आह निमेश… और ज़ोर से!
और वो स्पीड बढ़ा रहा था। उसका लंड चिकनाहट के कारण आसानी से अंदर बाहर हो रहा था और मैं मजे ले के चुदी जा रही थी। लगभग 5-6 मिनट ऐसे ही चोदने के बाद वो हटा और हाँफने लगा। मैं भी थक के वही फर्श पे बैठ गयी और उसके लंड को सहलाने लगी हाथ से। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसने कहा- चलो बेडरूम में! और हम बेडरूम में आ गए।
वो तेल की बॉटल साथ लाया था, मुझे घोड़ी बना कर उसने फिर से काफी सारा तेल मेरी गांड पे डाल दिया और चुत में उंगली से डालने लगा तेल। हालांकि उसने गांड पे भी ऊपर से डाल डाल के काफी तेल अंदर पहुंचा दिया था।
उसने कहा- अब तैयार हो?
मैंने कहा- हम्म।
उसने मेरी चुत पे लंड लगाया और थोड़ा थोड़ा डाल के चोदने लगा। मैं तड़पने लगी और चिल्लाने लगी- भेनचोद… ये क्या कर रहा है, पूरा लंड तो डाल… प्लीज यार ऐसे मत तड़पा!
वो समझ गया था कि मैं अपने पूरे जोश में हूँ और अब किसी चीज़ को मना नहीं करूंगी। उसने लंड निकाला और मेरी गांड के छेद पे टिकाया, मुझे जैसे ही महसूस हुआ कि वो अब गांड में डाल देगा, मैं तुरंत चिल्लाई और बोली- आआआआह… रुको!
और इसके साथ ही उसने अपना 7 इंच मोटा लंड मेरी गांड में एक झटके में घुसा दिया। वो समझ गया था कि मैं अपने पूरे जोश में हूँ और अब किसी चीज़ को मना नहीं करूंगी। उसने लंड निकाला और मेरी गांड के छेद पे टिकाया, मुझे जैसे ही महसूस हुआ कि वो अब गांड में डाल देगा.
मैं तुरंत चिल्लाई और बोली- आआआआह… रुको!
और इसके साथ ही उसने अपना 7 इंच मोटा लंड मेरी गांड में एक झटके में घुसा दिया। मेरी आँखों से आँसू आ गए और मैं आगे झुक के रोने लगी, बहुत दर्द हो रहा था।
मैंने कहा- प्लीज निकालो यार… ये डील नहीं हुयी थी।
उसने कहा- अब तो घुस गया, थोड़ी देर साथ दे भेन की लोड़ी!
और फंसे हुये लंड से ही अंदर बाहर अंदर बाहर धक्के मारने लगा. मैं दर्द से मरी जा रही थी और वो मेरी गांड मारे जा रहा था। अब मैं मजे से नहीं, दर्द से छटपटा रही थी। मैं बस सोच रही थी कि ये जल्दी झड़ जाये और बस रोते हुये चुदती रही। मेरी गांड का दर्द तो कम हो गया था इसलिए बेमन से उसका साथ दे रही थी।
उसने 7-8 मिनट तक मेरी गांड में चुदाई करी, फिर अपने आप अलग हो गया और मेरे पास आया, बोला- रो मत जानेमन… ये तो आज कल सब करते हैं।
मैंने कहा- मैं तैयार नहीं थी यार, तुम ने फिर भी मेरी गांड में डाल दिया, ये गलत है!
उसने फिर मुझे कमर के बल लिटाया और मेरी चुत में लंड डाल के धक्के मारने लगा। मैं अपना दर्द भूलने लगी और मादक सिसकारियाँ ले के चुदने लगी ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआआ आआह… निमेश और ज़ोर से और ज़ोर से। लगभग 5-6 मिनट उसने मुझे ऐसे ही चोदा।
थोड़ी देर बाद मैंने कहा- मैं झड़ने वाली हूँ, प्लीज मेरा साथ दो!
और फच फच की आवाजें आने लगी. मेरी चुत झड़ रही थी और मेरी टांगें अकड़ के सीधी हो गयी, मैं एक झटके में झड़ गयी और तेज़ साँसें लेती हुई निढाल हो के गिर गयी।
पर निमेश नहीं झड़ा था, उसने मुझे कहा- ये आखिरी बार!
और फिर मेरी गांड में अपना लंड एक झटके में ठोक दिया और धक्के मारने लगा। मेरी आँखों में आंसू आ आ गए और मैं चुपचाप छत की और देखती रही और उसके धक्कों से हिलती रही। लगभग 2 मिनट मेरी गाँड मारने के बाद वो एक ज़ोर की आह के साथ उसी में झड़ गया और मेरे ऊपर आ के गिर गया।
मैं दर्द से तड़प रही थी पर चुप थी। फिर जब उसका लंड झड़ के पतला हुआ वो मेरे से अलग हुआ, मैं चुपचाप उठी और शीशे के सामने अपनी चुत और गांड को देखने लगी। आज निमेश ने चोद चोद कर दोनों को फैला दिया था।
मेरी हालत बहुत खराब हो गयी थी, बाल बिखर चुके थे, काजल भी आँसुओं की वजह से फैल गया था। मैं लड़खड़ाते हुए बाथरूम में गयी और नहाने लगी शावर में। निमेश अंदर आ गया और मुझे अपने हाथों से साफ करने लगा। फिर मैं गीली ही हाल में आई और अपने हाथों में अपना चेहरा ढक कर रोने लगी।
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वो मेरे पास आया और बोला- प्लीज बेबी रोओ मत; मैं तुम्हारी चिकनी गांड को देख के खुद को रोक नहीं पाया।
मैं कुछ नहीं बोली। वो मेरे लिए कुछ खाने को ले आया, हमने चुपचाप खाना खाया। तभी उसने मेरे हाथ में एक लिफाफा दिया। मैंने खोला तो उसमें 35000 रुपए थे।
मैं बोली- तुम तो केवल 25000 रुपए को बोल रहे थे?
उसने कहा- जो बचे हुये 15000 हैं, ये उस गांड के दर्द को सहने के लिए और फिर भी साथ देने के लिए है।
मैंने ‘हम्म…’ कहा और अपने पर्स में रख लिए।
फिर मैंने अपने कपड़े पहने और जाकेट पहन के तैयार हो गयी जाने के लिए। उसने मेरे लिए कैब मंगा दी और मुझे सहारा दे के नीचे तक छोड़ने आया। मैं कैब से होस्टल आ गयी और धीरे धीरे अपने रूम में आ गयी। अर्चना ने गेट खोला तो मुझे देख के बोली- क्या हुआ?
मैं उसके गले लग गयी और बोली- यार, निमेश बहुत गंदा है उसने मेरी गांड भी मार ली आज… वो भी बिना पर्मिशन के।
निमेश ने अर्चना को पहले ही फोन कर दिया था ताकि वो मुझे संभाल ले।
अर्चना बोली- कोई नहीं यार… ऐसा हो जाता है। तू आ जा!
फिर उसने मुझे दर्द की दवाई दी और मैं सो गयी। अगली सुबह मेरे कमरे में एक गिफ्ट पैक रखा हुआ था और साथ में एक लेटर था उसमें लिखा था- प्लीज मुझे माफ कर दो मानसी, तुम गुस्सा मत हो, मैं जोश में आ गया था तो हो गया।
मैंने गिफ्ट खोल के देखा तो उसमें एक लेटेस्ट आईफोन था। मेरी आँखों में चमक आ गयी, मैंने उसे फोन किया और कहा- तुम्हारी माफी स्वीकार कर ली गयी है।
उसने कहा- थैंक यू वेरी मच मानसी!
मैंने कहा- कोई बात नहीं! अब बाय… मुझे कॉलेज जाना है। और मैंने फोन काट दिया। मैं कॉलेज न जा के फिर से सो गयी।