Wife Pussy
मेरा नाम खुशबू है, मेरी शादी के हुए अभी ११ महीने ही हुए है, मैं शादी के बाद ही दिल्ली आ गई थी ऐसे मैं कोलकाता की रहने वाली हु, पति एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता है, मैं २२ साल की हु, बहुत ही खूबसूरत हु, मेरा बदन काफी गदराया हुआ. Wife Pussy
आप को अगर मैं सिर्फ एक लाइन में बताऊँ तो ये है की अगर आप मुझे ऊपर से निचे तक देख लेंगे तो आपका लंड जरूर खड़ा हो जायेगा, तो आज मेरा मूड कर गया की दोस्तों को मैं अपनी कहानी बताऊँ. मैं दिल्ली के में रहती हु, पति गुडगाँव में जॉब करता है.
मैं पति पत्नी ही यहाँ है, मेरे सास ससुर और मायका सब पश्चिम बंगाल में है, दिल्ली में अगर किसी से ज्यादा मित्रता है वो वो है सर्वेश, सर्वेश का अपना काम है, मेरे पति और सर्वेश दोनों पास गाँव के ही है, दोनों ने पढाई साथ साथ की है, सर्वेश लम्बा चौड़ा बॉडी बिल्डर टाइप का लड़का है, उसकी शादी अभी नहीं हुई है.
बात आज से तीन दिन पहले की है, मेरे पति को अचानक अमेरिका जाना पड़ा कंपनी के काम से, सब कुछ इतना जल्दी जल्दी हुआ की टाइम ही नहीं बचा, वो सिर्फ एक महीने के लिए ही जाने वाले है उनकी फ्लाइट २० तारीख को है.
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मैं अकेले ही एक महीने रहने बाली थी, पर पता चला था की सर्वेश घर जा रहा है कोलकाता, क्यों की उसको लड़की बाले देखने आने बाले है, तो मेरे पति बोले की सर्वेश तुम तो जा ही रहे है एक काम करो, खुशबू को भी ले जाओ, दिल्ली में एक महीने तक क्या करेगी, घूम आएगी एक महीने में.
ये आईडिया मुझे मेरे घरवाले को ससुराल बाले को बहुत अच्छा लगा, पर एक दिक्कत थी, टिकट एक ही कन्फर्म था, सेकंड क्लास ऐसी का, मेरे लिए टिकट अवेलेबल नहीं था, अब एक समस्या थी, की जायेंगे कैसे. मेरे पति देव और सर्वेश में बात हुई की ट्रैन पे ही कोई बर्थ टिटी से बोल के दिलवा देना.
मैंने एक वेटिंग टिकट ले ली, और ट्रैन पे चढ़ गई, साइड का सीट था, हम दोनों बैठ गए, सर्वेश मेरी बहुत ही ज्यादा खातिरदारी कर रहा था करे भी क्यों ना क्यों की एक हॉट हसीना अगर सफर में मिले जाये तो इससे बढ़िया और क्या हो सकता है.
हमलोग बैठ कर बात चित करने लगे, टिटी आया पर ले दे के बात बन गई, पर कोई अलग सीट देने से मना कर दिया, हमें भी लगा चलो, बैठ के ही चले जायेगे, पर्दा लगा के हम दोनों बाथ गए, पर कौन कितना देर तक पैर को मोड़ कर बैठ सकता है, सीधा करना पड़ा, वही से कहानी सुरु हुई. “Wife Pussy”
पहले दोनों को थोड़ा ठीक नहीं लग रहा था सॉरी सॉरी ही चल रहा था पर सफर लंबा होने की वजह से मैंने भी ढील दे दी, अब दोनों का पैर एक दूसरे के जांघो को टच करने लगा, पता ही नहीं चला कब आँख लग गई एक साइड मैं एक साइड सर्वेश दोनों एक ही कंबल के अंदर थे.
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सर्वेश का पैर मेर चूच को टच कर रहा था, मुझे लगा की घूम के सो जाऊँ पर लगा की क्यों ना मजा लिया जाए, क्यों की सर्वेश बहुत ही सुन्दर और गठीला शरीर का लड़का था, मुझे ऐसे भी वो बहुत ही हॉट लगता था कई बार तो पति जब मुझे चोद रहे थे तब मैं सर्वेश के बारे में ही सोचते रहती थी, सोचती थी की सर्वेश ही मुझे चोद रहा रहा है.
मैंने सर्वेश के पैर को अपने दोनों पैरो के बीच बूर के पास सटा ली, और हौले हौले से सहलवाने लगी, सर्वेश पहले से जगा हुआ था, वो भी अपने पैर से ही मेरे चूत को सहलाने लगा धीरे धीरे मैं ढीली हो गई, और मैंने अपना सलवार का नाडा खोल दी, अब सर्वेश मेरे पेंटी को सहलाने लगा.
पर मुझे रुकावट ठीक नहीं लग रहा था, मैं उठी और टॉयलेट चली गई, वह मैंने सलवार और सूट को उतार के ऊपर टी शर्ट और एक स्कर्ट पहन ली यहाँ तक की मैं अपनी पेंटी भी उतार दी. वापस आई तो देखी सर्वेश उठ कर बैठा था, ट्रैन चल रही थी, आवाज आ रही थी लोग सो रहे थे. “Wife Pussy”
मैंने जैसे ही बैठी वैसे ही सर्वेश मेरे हाथ पकड़ लिया और फिर एक ऊँगली से मेरे फेस पर फिराने लगा और फिर वो ऊँगली मेरे मुह में डाल दिया, मैं चूसने लगी और हवसी निगाहों से देखने लगी, फिर कब हम दोनों एक दूसरे के बाहों में आ गए और चूमने लगे मुझे पता ही नहीं चला.
वो मुझे पटक के निचे कर दिया और मेरे होठो को चूमने लगा और धीरे धीरे मेरे टी शर्ट को ऊपर से निकाल दिया, मैं पहले से ही ब्रा खोल कर आई थी. और वो मेरी चुचिओं को पिने लगा और दबाने लगा, वो मेरे कांख को चाटने लगा दोनों हाथ को ऊपर कर के, मेरा संगमरमर सा बदन उसके सामने पड़ा था.
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वो कभी होठ चुस्त कभी निप्पल को दबाता, कभी गाल में काटता कभी गर्दन को जीभ से छूता और अपनी मजबूत हाथो से वो मेरी चूचियों को मसलता. मैं सर्वेश के लंड को पकड़ ली और हिलाने लगी और इशारा की वो आगे आये ताकि मैं उसके लंड को अपने मुह में ले सकु.
वो ऐसा ही किया और ऊपर आ गया उसका मोटा लंड मेरे मुह में नहीं आ रहा था इतना मोटा था, अंदर तो पूरा जा ही नहीं सकता, मैं लंड को पकड़ के जितना जा सकता है उतना मुह के अंदर ली और अंदर बाहर करने लगी, मेरी चूत काफी गीली हो चुकी थी. “Wife Pussy”
फिर सर्वेश निचे होक मेरे पैर को ऊपर कर के, मेरी चूत में मुह डालके चाटने लगा, वो अपना जीभ मेरे चूत के छेड़ में डाल देता, जिससे मैं बैचेन हो जाती मेरे पुरे शरीर में आग लग रही थी, मेरा मन तड़प रहा था मोटे लंड से चुदाई करवाने को.
मैंने कहा सर्वेश जी अब सहा नहीं जा रहा था प्लीज मेरे काम तमाम कर दो, और ये बात कभी भी भूल के किसी को कहना नहीं नहीं तो मेरी ज़िंदगी बर्वाद हो जाएगी, उसने कहा भाभी आप चिंता ना करो, मैं किसी को कहूँगा भी नहीं और आज के बाद मैं आपको चोदूंगा भी नहीं.
मैं अपने दोस्त की ज़िंदगी को भी खराब नहीं करना चाहता, पर आज रात मुझे आप रोकना भी नहीं, मैं आपको बहुत दिन से चोदने के लिए सोच रहा था, मैंने उसके बाहों के आगोश में आगे और उसके लंड पे बैठ गई वो अंदर से लंड निकाल के वो मेरे चूत के ऊपर रखा. मैंने उसके जांघो में बैठी थी और होठ को अपने होठ में ले रखी थी. “Wife Pussy”
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और वो निचे से ही मेरे चूत में पूरा लंड घुसा दिया, मेरे शरीर में करंट सी दौड़ गया और फिर मैं खुद ही ऊपर निचे होने लगी, वो मेरी चूचियों को दबा रहा था पि रहा था मेरा निप्पल लाल लाल हो गया था. मैं करीब दस मिनट तक वैसे ही चुदवाई फिर मैं निचे हो गई और वो ऊपर हो गया फिर वो जोर जोर से झटका देने लगा, वो मुझे अपने मजबूत बाहो में पकड़ पर जोर जोर से अपना लंड मेरे चूत में पेल रहा था, इस तरह से वो मुझे करीब तिस मिनट तक चोदा और फिर दोनों एक साथ झड़ गए.
अब क्या था हम दोनों एक साइड हो की ही चिपक के सो गए, पुरे रात में करीब ४ बार वो मुझे चोदा और एक बार गांड मार, सुबह मैं जब स्टेशन पे उतरी तो मेरे से चला नहीं जा रहा था, वो मुझे इतना चोदा था, घरवाले स्टेशन पे लेने आ गए, उन्होंने मुझे ऐसे चलते हुए देखा तो बोले की तेरा पैर अकड़ गया है इस्सवजह से चला नहीं जा रहा था, सर्वेश मुस्कुरा के देखा और मैं भी उसको देख के मुस्कुराई, हम दोनों को पता था की चला क्यों नहीं जा रहा था, फिर वो अपने घर को चला गया और मैं अपने मां पापा के साथ चली गई.
Johnson says
Mujhe to aeisa mouka kabhi nhi mila.