Rishto Ki Hawas
में श्वेता उम्र २८ साल और मेरे पति रणविजय उम्र २९ साल मेरे जेठजी उम्र करीब ३१(पति के बड़े भाई) में दिल्ली में रहती हूँ मेरे पति एक एम् एन सी में है और में हाउस वाइफ हूँ मेरा एक लड़का है जो की ३ साल का है मेरे जेठजी मेरठ में अपने मम्मी पापा के साथ में रहेते है और उनकी वहा पर एक शो रूम है. Rishto Ki Hawas
और वे अक्सर दिल्ली आते है और हमारे घर पर ही रुकते है और जब आते है है तो हमरे लिए मिठाई और गिफ्ट भी साथ लाते है. वैसे तो मेरे जेठजी एक शरीफ आदमी है. एक साल के पहेले दुपहर को मेरे जेठजी यहाँ हमारे घर आये और मुझे कहा की रणविजय कब आयेगा.
तो मेने कहा की वो ४ दिन के लिए बंगलौर गए है और २ दिन के बाद आएंगे क्योंकि उन्हें जा कर दो दिन हो गए थे. तो जेठजी ने कहा अच्छा और बोले जल्दी से चाय और नास्ता लगा दो मेने उनसे कहा की खाना तैयार है जी खा लीजिये तो बोले मुझे देर हो रही है में शाम को आकर खाऊंगा.
और वो गेस्ट रूम चले गए और में किचेन में उनके लिए चाय और नास्ता तैयार करने लगी. मेने चाय और नास्ता लेकर हल में गयी और मेरे जेठजी ने चाय और नास्ता किया और जाते समय बोले में खाना शाम को ८ बजे आकर करूँगा और चले गए.
मेने प्लेट वापस रखकर में सोने को चली गयी (में हर रोज़ दुपहर को २ या ३ घंटे सोती हूँ नाइटी पहेनकर जो की फुल बॉडी को कवर करती है और आगे चार पुश बटन है) करीब ६ बजे उठी और चाय बनाकर पी बादमे जेठजी और मेरे लिए खाना तैयार किया और में हॉल टी.वी देखने लगी.
करीब ८.३० बजे डोर बेल बजी और मेने डोर खोला और देखा की जेठजी एक दम घबराए और परेशान से एक हाथ में बैग लेकर खड़े है. मेने उनको अन्दर आने कहा और वो अन्दर आये, मेने उनसे पूछना जरुरी नहीं समझा और कुछ नहीं पुछा जैसे ही अन्दर आये और सीधे गेस्ट रूम में चले गए.
मेने डोर बंद किया और किचेन में खाना गरम करने और मेने खाना गरम कर के खाने के टेबल के ऊपर रखा. करीब १५ मिनट के बादमे जेठजी आये और टेबल के ऊपर बैठ गए और खाना खाने लगे. जब उनका खाना ख़त्म हुआ तो वे बोले की मुझे एक घंटे के बाद मे एक कप चाय बनाकर देना.
मेने कहा जी और में भी खाना खाने लगी(दोस्तों जब जेठजी खाना खा रहे थे तो तिरछी नज़र से मुझे घुर रहे थे मेने दो तिन बार देखा). मेने भी जल्दी खाना ख़तम किया और टेबल व बर्तन साफ़ करके जेठजी के लिए चाय बनाने लगी और चाय बनाकर जेठजी को देने गयी.
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जेठजी हाल में बैठ कर टी.वी. देख रहे थे मेने उनके हाथ में चाय का कप दिया और चाय लेते समय मेरे हाथ को टच किया और मेरे बदन में कम्पन हो गया लेकिन मेरे चेहरे पर आने नहीं दिया और सीधे में किचेन में चली गयी और कुछ देर के बाद में में अपनी रूम में जाने लगी.
तभी जेठजी ने मुझे बुलाया और कहा मेरे रूम आना में उनके पीछे उनकी रूम में गयी और जेठजी ने मुझे एक बैग दी. मेने जब बैग के अन्दर देखा तो उसमे दो बैग थी एक छोटी और एक बड़ी तो पहेले मेने छोटी बैग में से एक बॉक्स निकला और देखा की उसमे एक हीरे की रिंग थी मेने अपनी राईट ऊँगली में डाला और निकला रिंग परफेक्ट साइज़ की थी.
में ख़ुशी से उनको धन्यवाद कहा और दूसरी बैग को खोला, जैसे ही मेने दूसरी बैग से सामान निकला और देखा तो मेरे होश ही उड़ गए थे और मुझे गुस्सा व शर्म आ रही थी उस बैग में एक लाइट पिंक कलर की ट्रांसपैरन्ट (आर पार दिखने वाली) नाइटी थी और साथ में मेंचिंग ब्रा पेंटी थी.
मेने जेठजी के मुह के ऊपर दोनों को फेका और जैसे ही जाने के मुड़ी तो जेठजी ने मुझे पीछे से पकड़ दिया और मेरी दोनों चूची को रगड़ने लगे और बोले क्यों पसंद नहीं आया मेरा तोफहा और मेरे गले के ऊपर किस्सिंग करने लगे. मेने उनसे छुड़ाने की कोशिश की लेकिन उनकी पकड़ मजबूत थी.
और मुझे अपनी बाहों में उठा कर बोले रानी तुम्हारे बेडरूम में लेकर जाऊ या यहाँ ही पर? तो मेने उनसे कहा प्लीज़ मुझे छोड़ दो भगवान के लिए में आपकी छोटे भाई की पत्नी हूँ और आपकी छोटी बहन जैसी हूँ तो जेठजी बोले देखो एक बार तुम मुझे प्यार करने दो फिर में तुझे छोड़ दूंगा.
तो में बोली प्लीज़ नहीं में ऐसा कभी नहीं कर सकती और जेठजी मेरी रूम ले आये और मुझे बेड के ऊपर डाला और मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरी नाइटी को आगे से खीचा जैसे ही मेरी नाइटी के बटन खुले और एक हाथ को अन्दर डाला और मेरी दाई चूची को जोर जोर से मसलने लगे.
और एक हाथ को निचे लाकर मेरी जांघ को सहलने लगे में ना ना करती रही और जेठजी मेरी चूची को मसलते रहे करीब १५ मिनट के बाद मे जेठजी ने अपने कापडे उतारे और वो पूरे नंगे हो गए और मेरी नाइटी को जबरदस्ती से उतरने लगे अब मेरे बॉडी पैर ब्रा व पंटी थी और में शर्म से उलटी हो गयी और जोर जोर से रोने लगी और भगवन को याद करने लगी.
तभी जेठजी ने मेरी ब्रा का क्लिप खोला और एक हाथ से मेरी गांड को सहालाना चालू किया और दसूरे हाथ से मेरी पीठ पर हाथ फिराने लगे मुझे भी ब उतेजना हो रही थी क्यों की पहेली बार कोई दूसरा मर्द मेरे साथ में अश्लील हरकत कर रहा था.
तभी जेठजी ने मेरे बाल पकडे और और मुझे बहुर जोर से दर्द हुआ और मेरा सर ऊँचा हुआ और मुझे कहा प्लीज़ एक बार मुझे प्यार करो ना मेने उनके मुंहपैर थूका तो जेठजी गुस्सा होते हुए बोले साली आज तेरो को तेरी नानी याद नहीं दिलाई तो मेरा नाम बदल कर रख देना.
और एक ही जटके में मुझे सीधा किया और मेरे ऊपर सो कर मेरी दोनों चूची को जोर जोर से रगड़ने लगे और साथ में लंड को मेरी पेंटी के ऊपर रगड़ने लगे और मेरी गल को अपनी जिब से चाटने लगे (दोस्तों मुझे दर्द भी बहुत हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था क्योंकि मेरे पति ने मुझे ऐसा कभी नहीं रगडा था.).
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करीब आधे घंटे के बाद मे जेठजी उठे और मेरी पंटी को फाड़ दिया और मेरी चूत के ऊपर हाथ रख कर बोले रानी क्या चूत है मेरा छोटा भाई बड़ा लकी है में तो पागल हो रहा हूँ ऐसी चूत को देख कर और दोनों हाथो से मेरे पैर को फेला कर मेरी चूत में ऊँगली डाली और जोर जोर से आगे पीछे करने लगे.
में भी अब धीरे धीरे सिसकारी लेने लगी और शर्म के मारे आंखे बंद कर ली तभी जेठजी ने अन्गुटे को चूत के अन्दर डाला और अन्गुटे और ऊँगली से मेरी चूत के दाने को पकड़ कर जोर से भींच दिया जैसे हि जेठजी ने मेरी चूत के दाने को मसला मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. और में दर्द से तड़प उठी और बोली प्लीज़ भगवन के लिए मुझे छोड़ दो में आप के सामने हाथ जोडती हूँ.
जेठजी ने कहा में तुम्हे छोड़ दू यह हो नहीं सकता तुझे पाने के लिए में कितने दिनों से तड़प रहा था. आज हम दोनों को अच्छा मोका मिला आओ हम दोनों मिलकर एक इतिहास रचते है, आज मुझे मत रोको और तुम खुद ही देख लो की तुम्हारी चूत लंड के तड़प रही है देखो कितना रस छोड़ रही है.
और जेठजी ने मेरी चूत से चूत रस निकाल कर मुझे दिखाया और बोले देखो एक काम करो तुम मेरा लंड मुह में लो और में तेरी चूत मुह में लेता हूँ. दोस्तों जैसे ही जेठजी ने लंड और चूत शब्द कहा में तो शर्म से मर गयी और अपनी आंखे बंद कर ली और उनसे कहा प्लीज़ आप ऐसी गन्दी बाते ना करे.
दोस्तों मुझे सुनने में बड़ा मज़ा आया (अगर आप लड़की है तो आप के सामने जब कोई पराया मर्द लंड और चूत जैसी बात करे तो आप ही बताये तो आप को कैसा लगेगा. और कैसा अनुभव होगा) तभी जेठजी ने कहा तुम मेरी ऊपर आती हो या में तेरे ऊपर आउ मेने उनको कोई उतर नहीं दिया.
और जेठजी उठे और दोनों हाथ से मेरा मुंहपकड़ा और मुझे किस्सिंग करने लगे करीब 5 मिनट किस्सिंग करते रहे बाद मे मेरे ऊपर उल्टा होकर बोले रानी मेरा लंड चूसो में तेरी चूत चूसता हूँ मेने कहा में नहीं में यह सब नहीं करुँगी.
तभी जेठजी ने दोनों हाथ से मेरी चूत के होठ खोल कर मेरी चूत के अन्दर मुंह डालकर चूत के दाने को काटने लगे और बोले जब तक तुम मेरा लंड मुह में नहीं लोगी में तेरी चूत को जोर जोर से अपने दांत के निचे रख कर काट दूंगा बाद मे तुम टोइलेट भी नहीं कर सकोगी और अपने दांत के बिच में चूत के दाने को दबा कर रख दिया.
में दर्द से तड़प उठी और जोर से चिलाने लगी उई उई माँ माँ प्लीज़ आप मुझे फोर्स मत कीजिये में अपने पति को कैसे मुह दिखाउंगी और जेठजी ने उनके हाथ से लंड पकड़ कर मेरे मुह में जबरदस्ती डाल दिया और ना चाहते हुए भी भी लंड मुह में लेना पड़ा.
और जेठजी ने मेरी चूत को अपनी जिब से चाटने लगे उनका लंड भी मेरे मुंहमें अपने आप आगे पीछे होने लगा (दोस्तों पहेले तो मुझे अजीब लगा और बादमे धीरे धीरे मुझे आनंद आने लगा) और जेठजी और में ६९ की मुद्रा में एक दुसरे के शरीर व एक दुसरे के कामुक अंग को चाटने लगे (में जेठजी का लंड और जेठजी मेरी चूत ).
(दोस्तों जब में जेठजी का लंड मुह में चूसने लगी तो मुझे इतना आनंद आया की में बता नहीं सकती इतना आनंद तो मेरा पति का लंड मुह में लेने से नहीं आया था) और में जेठजी के लंड को जोर जोर से चाटने लगी तभी जेठजी ने कहा शाबाश मेरी रानी लगती तू लंड मुह में लेने में एक्सपर्ट हो लगता है मेरे भाई ने पूरी ट्रेनिंग दी है.
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में सुन कर अपने आप पर बहुत ही गलीनता महसूस हुयी तभी जेठजी ने मेरी चूत में जोर जोर से जिब को अन्दर बाहर करने लगे और में जेठजी के लंड को मुह के अन्दर बाहर करने लगी करीब १५ मिनट में में जड़ी और जेठजी भी मेरे मुह में जड़ गए.
में मुह हटा लिया जेठजी का वीर्य मेरे गले और चूची पर पड़ा और जेठजी ने मेरा वीर्य पूरा पि लिया और चूत को जिब से चाटने लगे में ठंडी पड गयी थी. तभी जेठजी उठे मेरे हाथ को पकड़ कर उनके लंड पर रख और बोले इसको अपने हाथो से हिलाओ.
और मेरे हाथ में उनके लंड को पकड़ कर आगे पीछे हिलाने लगे और उनका लंड देखते ही देखते करीब ९ इंच का हूँ गया दोस्तों में एक बात बताना भूल ही गया मेरे पति लंड है ७ इंच और मेरे जेठ जी का है ९ इंच और मोटा भी मेरे पति से १/२ इंच जियादा है.
मेरी सालियो और भाभियों आप ही सोचे अगर आप के हाथ में इतना लम्बा और मोटा लंड आपके हाथ में आ जाये तो आप किया करेगी? आप समझ गई ना में किया कहना चाहती हूँ. जब मेने अपना हाथ हटाने कि कोशिश कि तो जेठजी ने मेरी चूची कि गुंडी को हाथ मे लेकर जोर जोर से मसलने लगे.
मेने उनके सामने देखा और बोली अब मुझे छोड़ दो (लिव मी). तो बोले रानी अभी तो खेल बाकि है और मेरी दाई चूची को मुंह में लेकर चूसने लगे और बायीं चूची को रगड़ने लगे और मुझे किस्सिंग करने लगे में फिर से कामुक हो गयी और मेरी चूत भी पानी छोड़ रही.
तभी मेने जेठजी के सामने देखा जैसे ही में जेठजी को देखा जेठजी ने मेरी आंख में झांक कर बोले प्लीज़ एक बार मेरा लंड हिला दोना और मेरी चूची जोर जोर से मसलने लगे अब में भी चालू हो गयी और जेठजी का लंड जोर जोर से हिलाने लगी.
जब उनका लंड एकदम पूरा कड़क हो गया और बोले क्या हिलती हूँ ऐसा तो तुम्हारी जेठानी भी नहीं हिलती वाह मज़ा आ गया. तभी जेठजी ने कहा बस करो और मुझे लिटा दिया और मेरे ऊपर आए और दोनों टांगो को फेलाया और लंड को मेरी चूत के मुंह पर रखा बाद मे अपने दोनों हाथो से मेरो दोनों चूची को पकड़ कर एक जोरदार धका मारा.
लंड चूत में सर सर करके चला गया और मेरी आँखों में देख कर मेरे होटो को चूसने लगे और साथ मे चूची को मसलने लगे और पूरा लंड को मेरी चूत में रखा. कुछ देर मेरी चूचियों को रगड़ ते रहे साथ में मेरे होटो को भी चूसते रहे बाद में लंड को बाहर निकाला और वापस जोर से अन्दर डाला.
में उई उई उई माँ माँ माँ करते हुए उनसे धीरे से कहा प्लीज़ मुझे छोड़ दो (लिव में). तो जेठजी ने कहा क्यों मेरा लंड पसंद नहीं आया. मेने उनसे फिर कहा प्लीज़ आप गन्दी बात न करे इधर मेरी चूत को दर्द भी हो रहा था और मज़ा आनंद भी आ रहा था.
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और वे मुझे ऐसे ही लम्भी लम्बी और धीरे धीरे शोट मरते हुए मेरी एक चूची को रगड़ ते हुए और दूसरी चूची कि गुंडी(निप्प्ल) को मुंह में ले कर चूसने लगे मेरा दर्द अब बंद हो गया और चूत में चींटिया रेंगेने लगी और में पूरी कामुक हो गयी थी जी चाह रहा था की में भी उनसे दिल खोल कर चुद्वाऊ लेकिन मेरे जेठजी होने के कारन में चुप थी और शर्म भी आ रही थी.
जेठजी ने अब स्पीड बड़ा दी और लम्बे लम्बे शोट मरने लगे और मेरी चूचियों को जोर से रगड़ने व चूसने लगे मेंने भी अब जोर जोर से सिसकारी लेने लगी उई उई उई माँ माँ माँ……. और मेरे गले में अपने दंत के निसान भी लगा दिया मेने भी अपने नाकुन से उनके पीठ पर रगड़ने लगी.
कुछ देर जेठजी मेरे को ऐसी ही चोदते रहे और में चुद्वाती रही करीब दस मिनट के बादमे जेठजी ने एक जटके में लंड को बाहर निकला और फिर से पूरी ताकत अन्दर डाला. मेरी चूत फिर दर्द से तड़प ऊती और मेरे मुंहसे जेठ जी ईईईइ निकला तभी जेठजी फिर पूरा लंड निकला और दूसरा जटका मारा और फिर मेरे मुंह से जेठजी ईईईइ निकला.
ऐसे ही करीब २० २५ जटके मरे और हर जटका में में जेठजी ईईईइ चिलाती (दोस्तों मुझे भी मज़ा भी बहुत आ रहा था ऐसी चुदाई तो मेरे पति ने पहेले कभी नहीं की) और में भी चूत को ऊपर उठा कर उनके हर जटके को मेरी चूत के अन्दर लेने लगी तभी जेठजी ने कहा रानी सच सच बोलो मज़ा आ रहा है ने में उनको कोई उतर नहीं दिया.
अब में झड़ने वाली थी तभी जेठजी ने फुल स्पीड से लंड को मेरी चूत में मरने लगे और में झड़ने लगी और में निढाल हो गयी लेकिन जेठजी ने मेरी लंभी लाभी शोट मरने लगे और साथ मे मेरी चूचियों को जोर जोर से रगड़ ने लगे और में फिर से उनके लंड को लेने के लिए मेरी चूत को ऊपर उठाने लगी.
और करीब दस मिनट के बाद मे जेठजी ने मेरी गांड के निचे २ तकिये रखे और मेरी चूत ऊपर उठ गयी और वे लंड को चूत में डाल कर जोर जोर मरने लगे और में भी जोर जोर सिसकारी लेते हुए उनको पूरा साथ देने लगी तभी जेठजी ने मुझे पुछा किया रानी में अन्दर डालू मेरा रस या फिर मुंह में डालू.
तो मेने उनसे कहा न तो में अन्दर लुंगी और ना नहीं में अपने मुंह में लुंगी. तभी जेठजी ने दो चार शोट जोर जोर से मरे और में फिर झड़ गयी और जेठजी ने लंड को बाहर निकला और लंड को मेरी चूचियों पैर रख कर दो तिन बार हिलाया और उनके लंड से तेज़ धार निकली और मेरे मुंह से लेकर मेरी चूचियों पैर करीब १००एम् एल निकला.
में छि छि करने लगी जैसे ही जेठजी पूरे झड़े और मेरे बगल में लेट गए और एक हाथ से मेरी चूचियों पड़े उनके वीर्य से पूरे मुंह गले और पूरी छाती पर मसल दिया और मेरा ऊपर का शरीर पूरा उनके वीर्य से हो गया में उठने लगी.
लेकिन जेठजी ने मुझे उठने नहीं दिया और मेरी बाहों में बाहे डालकर लेट गए और मेरे से माफ़ी मांगे लगे मुझे माफ़ कर देना में भी आंख बंद कर के उनसे ऐसे ही सो गयी. जब उठी तो देखा की जेठजी सो रहे है और में बाथरूम में गयी और स्नान किया और मेने दूसरी नाइटी पहनी और हाल में सोफा के ऊपर सो गयी.
जब उठी तो देखा मेरा बेटा रो रहा है और में बाथरूम में हाथ मुंह धो कर के किचेन में जा कर बच्चे के लिए दूध बनाया और बच्चे को पिलाने लगी. तभी मेने देखा की जेठजी मेरे पास आकार खड़े है और उनके हाथ में नाइटी और ब्रा पेंटी है.
जब में ने बेटे को दूध पिलाया और वापस किचेन में जाने लगी तो जेठजी मेरे पीछे पीछे आये और मेरे से बोले प्लीज़ यह गिफ्ट ले लो मेने इंकार कर लिया तो जेठजी ने मेरे पीछे अपने दोनों हाथो को आगे ला कर मेरी ना इ टी के बटन को खोला दोनों हाथो से मेरी नाइटी को निकला और मुझे कहा तुम पहेनोगी या में पहनाऊ.
तो में कुछ नहीं बोली तभी जेठजी ने मेरी एक चूची को पकड़ा और दूसरी चूची को चूसने लगे में फिर से पूरी गरम हो गयी और उनका सर पकड़ खीचने और मेरी चूची पर रगड़ ने लगी तभी जेठजी ने मुझे छोड़ दिया और बोले में अभी आता हूँ तुम इन कपड़ो में होनी चाइए.
और जेठजी ने मेरी नाइटी को लेकर किचेन से बाहर चले गए और करीब २ मिनट में आये जब तक में पूरी नंगी किचेन में खड़ी रही और जेठजी ने मेरी फोटो ले ली अपने मोबाइल फ़ोन से मुझे पता नहीं चला तभी जेठजी ने विडियो मोड़े रखा और हम दोनो की पिक्चर सही आ सके और हमारे लेवल में रख दिया और मुझे इम्पोर्टेड नाइटी पहनाई और दो चार फोटो भी ली.
लेकिन मुझे पता चला भी नहीं और में उनके सामने आंख बंद करके खड़ी थी तभी जेठजी बोले तुम अब मेरे कमरे में तेरी और मेरी चाय ले आओगी और तुम मेरे साथ भी चाय पि लेना मेरी दोनों चूची को दोनों हाथो से रगड़ दिया और अपने रूम में चले गए.
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में भी नाइटी पहेन कर बहुत खुश थी लेकिन शर्म भी बहुत आ रही थी और चाय बनाए लगी और दो कप चाय उनके कमरे में ले गयी तबी मेने देखा की जेठजी मोबाइल में देख कर अपने लंड को हिला रहे है में देख कर गबरा गयी और दरवाजे पे खड़ी हो देखने लगी तभी जेठजी की नज़र मुझ पर पड़ी और बोले अन्दर आओ ना बाहर क्यों खड़ी हो. और में अन्दर गयी और उनको चाय दी उअर खुद चाय पिने लगी जेठजी ने जल्दी ही चाय पिली और मेरी चाय ख़तम होने का इंतजार कर रहे थे.
जैसे ही मेरी चाय ख़तम हुयी मेने कप को निचे रखा जेठजी ने मुझे अपने बाहों में लिया और मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरे से कहने लगे देखो कितनी प्यारी लग रही हूँ तुम और मेरी नाइटी ऊपर उठा दी और मेरे टांगो को फेलाया और लंड को मेरी चूत में डाल दिया और द्दोनो हाथो से चूची रगड़ते हुए चोदने लगे और में भी उनका सहयोग देने लगी तभी जेठजी बोले शाबाश मेरी रानी और मुझे चोदते रहे और मेरी चूची को भी रगड़ने लगे करीब ३० मिनट तक मेरी चूत को भोसड़ा बना दिया और मेरी चूत में ही झड गए और साथ मे में भी जेठजी को बहो में बहे डाल कर झड गयी.