Girl Inserting Pen Pussy
मेरा नाम रिद्धिमा गुप्ता है, मै सुल्तानपुर कि रहने वाली हूँ। मेरी उम्र अभी 19 साल होगी। मेरे घर में मेरे भैया, भाभी छोटा भाई, मम्मी, पापा और मै रहती हूँ। मैं हमारी वासना डॉट नेट कि नियमित पाठिका रही हूँ। मै बहुत सी सेक्स स्टोरी पढ़ी है। और कई बार तो मै बहुत ही ज्यादा जोश में आ जाती हूँ और अपनी चूत को मसलते हुए अपनी चूत में उंगली भी करने लगती हूँ। Girl Inserting Pen Pussy
आज मै आप सभी को अपनी भाभी के भाई के साथ चुदाई का महागाथा सुनाने जा रही हूँ। मैंने कभी सोचा नही था कि मै अपनी कहानी सब को बताऊंगी। कहानी सुनाने से पहले मै अपने बारे में बता दूँ। मै देखने में बहुत ज्यादा गोरी नही हूँ, लेकिन मेरे चहरे की बनावट बहुत ही अच्छी है, जिससे मै बहुत स्मार्ट लगती हूँ।
मेरे आंखे बड़ी बड़ी, और आंखे की पलके तो बहुत ही मस्त है। मेरे गाल तो बहुत ही मुलायम और काफी मोटे है। और मेरे रसीले होठ की बात करे तो वो बहुत ज्यादा पतले नही है, लेकिन बहुत अच्छे है जोकि मेरे चहरे पर बहुत अच्छा लगता है। मेरी कमसिन और गुलगुल चूची तो बहुत ही मस्त और काफी आकर्षक है।
मेरी चूची बहुत ही सुडोल और संगमरमर की तरह काफी चिकना है, जिससे मेरी चूची और भी मस्त लगती है। सबकी चूत की तरह मेरी चूत भी बहुत स्पेसल है, मैंने अपनी जिंदगी में केवल एक बार ही चुदवाया है जिससे मेरी चूत की सील तो टूट चुकी है लेकिन अभी भी किसी कुवारी चूत से कम नही है।
मेरी चूत को पहली बार मेरे चचेरी बहन के देवर ने चोदकर मेरी चूत की सील तोड़ी थी। जब मेरी सील टूटी थी तो मै तो परेशान हो गयी थी, लेकिन उसने मेरी चूत के खून को साफ करके मेरी जमकर चुदाई की थी। उसके बाद मैंने किसी से नही चुदवाया।
एक बार भाभी अपने कमरे में थी और भैया भी थे, और वो दोनों चुदाई कर मै उनके कमरे में चली गयी, उनको चुदाई करते देख मै अपने कमरे में वापस लौट आई। उनको चुदाई करते देख मेरा भी मन बन रहा था, मैने अपने कमरे के दरवाज़े को बंद कर लिया और अपने बैग से सबसे मोटा पेन निकाला और अपनी चूत में डालने लगी।
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मै मदहोश हो रही थी, और अपनी चूत के दाने को मसलते हुए पेन को अपनी चूत में डाल रही थी। और मेरे मन में किसी मोटे लंड से चुदने की बात चल रही थी। मैंने सोचा अब बहुत हुआ मुझे किसी ना किसी से तो चुदना ही होगा, कब तक अपने से चूत को चोदूंगी।
मैने सोच लिया था की कोई तो होगा जो मुझसे प्यार करे और साथ में मेरी चुदाई करे। बहुत देर तक चूत में पेन डालने से मेरी गीली हो गई। जिससे मुझे अच्छा लग रहा था। कुछ महीने पहले की बात है, मेरी पढाई की छुट्टी हो गई थी और मै कही घूमने भी नही गयी थी।
भाभी अपने घर जाने वाली थी, तो मैने मम्मी से कहा – “मम्मी मै भी भाभी से साथ उनके घर कुछ दिनो के लिये घूम आऊ”, तो मम्मी ने कहा – “जाओ अपने भैया से पूछ लो तो चली जाओ”। मैंने भाभी से कहा – “अगर आप भैया से बात करे तो भैया मना नही करेगे”।
भाभी ने कहा – ‘ठीक है मै बात कर लूँगी। भाभी के कहने पर भैया मन गये।
मै भाभी के साथ उनके घर चली आई, जब मै वहां पहंची तो सभी लोगो ने हमारा स्वागत बहुत अच्छे से किया। भाभी के घर में उनकी छोटी बहन, और एक भाई उसका नाम पृथ्वी जोकि लगभग मेरी उम्र का था। और भाभी के मामी, पापा रहते थे। उनका घर काफी अच्छा और बड़ा था।
भाभी ने मुझसे कहा – “तुम चाहो तो मेरे साथ मेरे कमरे में रह सकती हो और या फिर अलग कमरे में रह सकती हो”। मैंने उनसे कहा – मै अलग कमरे में रहूँगी। भाभी ने मेरा कमरे में मेरे सामान रखवा दिया। मेरा कमरा भाभी के भाई के कमरे के बिल्कुल ही बगल में था।
उनका भाई देखने में तो स्मार्ट है। जब मैंने उसको देखा तो मैंने तो पहली बार में ही उसकी दीवानी हो गई थी। मुझे तो लगता है कि इसके पीछे तो बहुत सी लडकियाँ पागल होंगी। लेकिन मै जो एक बार सोच लेती हूँ वो मै करके ही रहती हूँ। मैंने सोच लिया था कि मै इससे अपने प्यार में गिरा कर ही रहूँगी।
उस दिन तो कुछ खास नही था लेकिन दूसरे दिन मैंने पृथ्वी से बात करने के लिये उससे पहले पढाई के बारे में पूछने लगी, मैंने उससे पूछा – क्या कर रहें हो तुम पढाई में ?? तो उसने कहा – “मै पोलिटेक्निक कर रहा हूँ, इस बार सेकेंड इयर था। छुट्टी चल रही थी तो घर आ गया हूँ”।
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धीरे धीरे हम दोनों पास आने लगे थें, वो भी सायद मुझे लाइक करने लगा था। कभी कभी तो बात करते हुए सारा समय खत्म हो जाता था पता ही नही चलता था। एक दिन मै उसके कमरे में बैठी उससे बात कर रही थी, कुछ देर बात करने के बाद मै जाने लगी, तो पृथ्वी ने मेरा हाथ पकड लिया और मुझसे कहा – “मै तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ”। मै समझ गई ये मुझे प्रपोस करने वाला है।
मैंने कहा – “बताओ क्या कहना है, तो उसने अपनी आंखे बंद करे के मुझसे कहा – “मै तुम्हे लाइक करने लगा हूँ और तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो”। मै ये सुन कर बहुत खुश हो गई, मैंने उसके होठो पर किस करके चली गई। जिससे वो भी बहुत खुश हो गया था।
रात हुई सब लोग सोने के लिये अपने अपने कमरे में चले गये। जब मै अपने कमरे में आई तो मैंने देखा पृथ्वी पहले से ही मेरे कमरे में बैठ था। हम दोनो एक साथ बेड पर लेटे हुए बाते करने लगे। कुछ देर बाद उसने मुझे किस कर लिया, जब उसने मुझे किस किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
मैंने भी पृथ्वी को कसकर पकड लिया और उसके होठो को चूमने लग और फिर उसके होठो को इमरान हासमी कि तरह मुह में भर लिया और उससे चिपक कर उसके होठो को पीने लगी। पृथ्वी भी मुझे चिपक गया और मेरे होठो को चूसने लगा। मैंने उसके हाथो को अपने मम्मो पर रख दिया और बड़ी मस्ती से हम एक दूसरे के होठो को चूस रहें थे।
धीरे धीरे हमारी शरीर गरम होने लगी, हम जोश में आने लगे थे वो मेरे मम्मो को जोर जोर दबाने लगा था और मेरे होठो को चूसते हुए मेरे होठ को काट कर मुझे और भी उत्तेजित कर रहा था। मैं उसके ऊपर लेट कर उसको किस कर रही थी।
हम दोनों अपने आप से बाहर हो रहें थे और खुद को रोक नही पा रहें थे, पृथ्वी ने जल्दी से अपने और मेरे कपडे उतारने लगा, मै भी बहुत जोश में थी और मैंने भी जल्दी से अपने कपड़ो को निकाल दिया और हम दोंनो नंगे एक दूसरे से लिपट कर किस कर रहें थे।
लगभग 40 मिनट तक मुझे किस करने के बाद पृथ्वी मेरे गर्दन को पीते हुए मेरे पूरे बदन को चूमने लगा। जिससे मै बहुत ही ज्यादा बेकाबू होने लगी थी और अपने मम्मो को दबाने लगी थी। मेरे पूरे बदन को चूमने के बाद उसका पूरा ध्यान मेरी चूची पर आ गया।
उसने मेरी चूची को अपने हाथो में पकड लिया और जोर जोर से दबने लगा जिससे मै धीरे धीरे सिसकने लगी और तड़पने लगी। उसने मेरी चूची को दबाते हुए अपने मुह में रख लिया और मेरी चूची को पीने लगा। वो मेरे मम्मो को मसलते हुए पी रहा था, जिससे मै कामातुर हो कर तड़प रही थी।
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पृथ्वी मेरी कमसिन और काफी मस्त चूची के काले निप्पल को अपने जीभ से गोल गोल कर रह था और मेरी चूची को बगल से कटे हुए पी रहा था। मुझे थोडा सा दर्द तो हो रहा था लेकिन मज़ा भी आ रह था। बहुत देर तक मेरे मम्मो को पीने के बाद उसने मेरी मम्मो से नीचे मेरी पेट को पीते हुए मेरी कमर को पीने लगा और साथ साथ मेरे मम्मो को दबा रहा था।
बहुत देर तक मेरे कर को पीने के बाद उसने मेरे मेरी चूत को सहलाना शुरू किया, जब उसने मेरी चूत में हाथ लगी तो मै तो मचल गई और अपने मम्मो को सहलाने लगी। कुछ ही देर में कुछ ही देर में उसने मेरी चूत को सहलाते हुए उसमे अपनी उंगलियो को डालने लगा जिससे मै बहुत ही कामोत्तेजित होने लगी.
वो अपनी उगालियो को मेरी चूत में इस तरह से डाल रहा था जैसे कोई गीली मिट्टी में जल्दी जल्दी अपनी उंगलियो को डाल रहा हो। मै तो धीरे धीरे .. अहह हहह ओह ओह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह ऊह उफ्फ़ उफ्फ्फ्फ्फ़ .. करके सिसकने लगी थी। लेकिन मुझे बहुत मजा भी आ रहा था।
कुछ ही देर में वो अपने उंगलियो से मेरी चूत को फैला कर अपने जीभ से चाटने लगा था और साथ साथ मेरी चूत में उंगली भी कर रहा था जिससे मै बहुत ज्यादा मचल कर तड़प रही थी और पृथ्वी मज़े लेते हुए मेरी चूत को चाटने के साथ उंगली भी कर रहा था और मै ..उनहू उनहू उनहू … अहह अहह उफ्फ़ उफ़ उफ़ करके धीरे धीरे चीख रही थी।
लगातार मेरी चूत में उंगली करने से मेरी चूत तड़प गई और मेरी चूत से धीरे धीरे पानी निकलने लगा। वो मेरी चूत में उंगली करे कि रफ़्तार और तेज कर दी जिससे मेरी चूत से तेजी से पानी निकलने लगा। मेरी चूत का पानी निकलने के बाद पृथ्वी ने अपने काफी मोटे और बड़े लंड को सहलाने लगा और मेरी चुचियो में अपने लंड से मारने लगा.
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कुछ देर बाद उसने अपने लंड को मेरे हाथ में पकड़ा दिया। मैंने उसके लंड को पकड लिया और चूसने शुरू कर दिया जिससे वो बहुत ही जोश से तड़पने लगा था। मै उसके लंड को काट काट कर चूसने लगी जिससे वो और भी मचल रहा था। बहुत देर तक उसके लंड को चूसने के बाद उसने अपने लंड को मेरे मुह से निकाल लिया और मेरी चूत में रगड़ने लगा।
उसके लंड के रगड़ से मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था, कुछ देर बाद उसने अपने लंड को जोर से ताकत लगा के मेरी चूत में डाल दिया। जब उसका लंड पहली बार अंदर गया तो मेरी मुह से चीख निकाल पड़ी क्योकि बहुत दर्द हो रहा था।
फिर पृथ्वी ने मेरी चूत को जल्दी जल्दी चोदना शुरू किया वो अपने मोटे और लंबे लौड़े को मेरी नाजुक और रसीली चूत के अंदर डाल देता और कुछ देर बाद बाहर निकाल लेता। वो मुझे बहुत मस्ती से चोदने लगा और मैं भी मस्ती से चुदवाने लगी। पृथ्वी के चोदने से मेरी बुर के दोनों होठ बार बार खुलते थे और बार बार बंद हो जाते थे।
वो मुझे जोर जोर से पेल रहा था। सच में मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। बहुत सुख मुझे मिल रहा था दोस्तों। पृथ्वी मेरी चूत को हचर हचर करके मेरी कच्ची कली चुत को चोद रहा था। उसके मोटे से लम्बे लौड़े पर मेरा पूरा शरीर थिरक रहा था और मै तड़प रही थी। ऐसा लग रहा था वो कोई इंजन मेरी चूत में डाल के चला रहा हो।
वो मेरी बुर को अपनी पूरी ताकत लगा कर चोद रहा था। वो हच हच करके मुझे चोद रहा था। जैसे वो अपना लौड़ा मेरी बुर में डालता था, लौड़ा हच्च से मेरी बुर में जाता था जिससे मै कुछ आगे सरक जाती थी। फिर जैसे वो लौड़ा निकलता था मैं वापिस पीछे आ जाती थी। वो जोर जोर से हच हच करके मेरी बुर में लौड़ा अंदर बाहर कर रहा था।
और अपने बुर को मसलते हुए “..अहह अहह ओह उः ओह ओह ओह्ह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उफ्फ्फ्फ़ उफ़….माँ माँ माँ मम्मा मम्मी…..उफ़ उफ़.. उनहू उनहू उनहू ही हिः ही ही.. सी सिस सी सिस सी…. ओह जल्दी और कस कर चोदो ..और चोदो बहुत दर्द हो रहा है….. लेकिन मजा भी आ रहा है,, चोदो और मेरी बुर को फाड़ दो …उम्म्म्म आह अह्ह्ह ,, ……” कह कर चीख रही थी। वो लगातार मेरी चूत को चोद रहा था और खुद भी बहुत मचल रहा था।
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लगातार एक घंटे मेरी चुदाई करने के बाद उसने मेरी चूत से अपना लंड निकाल दिया और अपने लंड को हाथ में पकड लिया, मै समझ गई कि अब ये झड़ने वाला है, वो मुठ मारने लगा. और जैसे जैसे उसका माल निकलने वाला था वो अपने शरीर को टाइट कर लेता और जब उसके लंड के माल निकलने लगा तो वो ..आह आह अह्ह्ह उफ्फ्फ्फु उफ़ उफ़ अहह .. करके जल्दी जल्दी मुठ मारने लगा। चुदाई के बाद में भी कुछ देर तक हमने किस किया और साथ ही साथ उसने मेरे मम्मो को भी बहुत देर तक दबाया।
और बहुत देर बाद उसने मुझसे कहा – “देखो मै तुमसे प्यार तो करता नही क्योकि तुम मेरे लायक हो नही। कहा मै गोरा और कहाँ तुम सावली। मैंने तो बस अपने हवस पूरी करने के लिये तुमको प्रपोस किया था”। मैंने उससे कहा – “तुम सारे लड़के एक तरह के होते हो। बस किसी तरह से चूत मिल जाये बस। किसी के भावनाओ से कोई इस तरह से खेलता है”। वो मेरी चुदाई करने के बाद चला गया। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था फिर मैने सोचा चलो चुदाई का मजा तो मिला। इस तरह से भाभी के भाई ने अपनी हवस मेरी चूत को चोद कर मिटाई।