• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

HamariVasna

Hindi Sex Story Antarvasna

  • Antarvasna
  • कथा श्रेणियाँ
    • Baap Beti Ki Chudai
    • Desi Adult Sex Story
    • Desi Maid Servant Sex
    • Devar Bhabhi Sex Story
    • First Time Sex Story
    • Group Mein Chudai Kahani
    • Jija Sali Sex Story
    • Kunwari Ladki Ki Chudai
    • Lesbian Girl Sex Kahani
    • Meri Chut Chudai Story
    • Padosan Ki Chudai
    • Rishto Mein Chudai
    • Teacher Student Sex
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Hindi Sex Story
  • माँ बेटे का सेक्स
  • अपनी कहानी भेजिए
  • ThePornDude
You are here: Home / Rishto Mein Chudai / स्कर्ट ऊपर कर पेंटी लाइन दिखाई चाचा को

स्कर्ट ऊपर कर पेंटी लाइन दिखाई चाचा को

जनवरी 13, 2023 by hamari

Hot Teen Niece Fuck

ये अनोखी दिलचस्प घटना और मेरी जिंदगी का वो सच जिसको में बहुत समय से अपने मन में रखकर बैठी हुई थी, उसे हिम्मत करके लिखकर यहाँ तक लाने के बारे में सोचा और आज में उसको बताने जा रही हूँ जिसके बाद मेरे जीवन ने बड़ी तेज़ी से अपना रंग बदला और मेरे सोचने समझने कुछ भी करने की इच्छा को उस घटना ने एकदम बदलकर रख दिया। Hot Teen Niece Fuck

में वही सच आज आप लोगो के सामने लेकर आई हूँ जिसमे मैंने अपने चाचा के साथ अपने उस रिश्ते के बारे में बताया है, जिसको मैंने आज तक पूरी दुनिया से छुपाए रखा, लेकिन आज बड़ी हिम्मत करके आप लोगों को बताने जा रही हूँ और में उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी।

दोस्तों यह उन दिनों की बात है जब मेरे पापा की पोस्टिंग हिमाचल में हुई थी और हम सभी घरवाले मतलब मम्मी, पापा और में शुरू शुरू में मेरे पापा का तबादला होने के बाद मेरे श्याम चाचा के घर पर रहने लगे और हमारा प्लान यह था कि जब तक हमे कोई अच्छा घर नहीं मिलता तब तक हम सभी मेरे चाचा के घर में ही रहेंगे.

इसलिए हम बड़े आराम से रह रहे थे और वहां पर जाकर में एक नये स्कूल में पढ़ने जाने वाली थी। दोस्तों वहां पर पहुंचकर हमने रेलवे स्टेशन से बाहर निकलकर एक टेक्सी ली और फिर हम सीधे अपने चाचा के घर पर चले गये और हमारा घर सामान हमारे पीछे एक कंटेनर में आना था इसलिए उससे पहले ही हम वहां पर पहुंच गए।

दोस्तों मेरे चाचा का वहां पर टिंबर का अपना खुद का काम है और मैंने बहुत बार कुछ लोगों से सुना है कि वो उनका काम बहुत अच्छा चल रहा था इसलिए उनके पास पैसों की कोई कमी ना थी, लेकिन मेरे पापा को ही पता नहीं यह नौकरी करने का कौन सा भूत उनके सर पर चड़ा था?

तो जैसे ही हमारी टेक्सी मेरे चाचा के घर के सामने जाकर रुकी में तो देखकर एकदम दंग ही रह गयी इतना बड़ा लॉन? दरवाजे से एक सुंदर सा रास्ता जो घर के बरामदे तक था और एक बड़ा सा गार्डन जिसमे कुर्सिया लगी थी और बरामदे में एक बड़ा सा झूला भी लगा हुआ था और वो घर एकदम फ़िल्मो जैसा सुंदर आकर्षक था।

फिर मैंने देखा कि दरवाजे पर मेरे चाचा हमारा बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, मेरी चाचा जी थोड़ी छोटे कद की वो करीब पाँच फुट सात इंच की थोड़ी मोटी और एकदम गोरी चिट्टी बड़ी सुंदर नाकनक्श की थी। फिर मेरे चाचा उस समय कार्गो पेंट और आधी बांह की शर्ट पहने हुई थी.

इसे भी पढ़े – माँ के सामने मामा ने ट्रेन में पेला मुझे

और शर्ट के अंदर उन्होंने सफेद टी-शर्ट उन्होंने थोड़ा मोटा होने की वजह से अपनी उस शर्ट को अंदर भी नहीं किया था और आगे से कुछ बटन भी नहीं लगाए थे और अब वो अपनी बाहों को फैलाए हमारी तरफ बड़े और मुझे अपनी बाहों में लेकर वो मुस्कुराते हुए मुझसे बोले कि तू कितनी बड़ी हो गयी है.

और वो मेरे पापा की तरफ देखकर उनसे बोले कि जब मैंने पिछली बार इसको देखा था तब तो यह एकदम छोटी बच्ची जैसी थी। फिर मेरे पापा बीच में ही उनकी बात को काटकर बोले कि इतने साल तक तुम हमें किसी को मिलने नहीं आओगे तो ऐसा ही होगा और बच्चे छोटे से बड़े भी तो होंगे ना, क्या यह हमेशा ऐसे ही रहेगे?

अब चाचा जी की नरम छाती और मोटी बाहों में मुझे बहुत नरम नरम लग रहा था, तभी उन्होंने बड़े ही प्यार से मेरे गालों पर एक पप्पी ली और चाचा जी पहले ही दिन से मुझसे बहुत घुल मिल गये और उनके साथ साथ में बहुत बहुत खुलकर हंसी मजाक बातें करने लगी और में उनका हंसमुख स्वभाव और मेरे लिए उनका वो व्यहवार देखकर वहां पर बहुत खुश थी।

मुझे अब दो चार दिनों में ही ऐसा लगने लगा था कि जैसे में वहां पर बहुत सालों से रह रही हूँ और मेरे साथ साथ घर के सभी लोग मेरा पूरा परिवार भी मेरे चाचा के साथ बड़ा खुश था और में उन दिनों स्कर्ट और टी-शर्ट पहना करती थी।

फिर एक दिन शाम को मेरे चाचा जी, मेरी मम्मी और पापा सोफे पर बैठे हुए थे वो सभी इधर उधर की बातें हंसी मजाक कर रहे थे और सब लोग खुश नजर आ रहे थे और में अपनी दोपहर की नींद से जागकर उस कमरे में चली आई और चाचा जी ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपनी तरफ खींचकर अपनी गोद में बैठा लिया.

और फिर उन्होंने अपने एक हाथ को मेरी जांघ पर रख दिया, लेकिन मेरी मम्मी, पापा ने उस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया और में भी थोड़ा नींद में थी। मैंने भी ज्यादा दिमाग नहीं लगाया, उस समय मेरा एक पैर दूसरे पैर के ऊपर था और मेरा एक हाथ उनके गले के पीछे था.

जिसकी वजह से मेरे बूब्स जो अब अपना आकार बदलकर पहले से ज्यादा बड़े आकार के आकर्षक गोल हो चुके थे, वो मेरे चाचा के कंधो से मुझे छूते हुए महसूस हुआ, लेकिन मैंने उस तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया। अब मेरी मम्मी और पापा बातें करते करते एक दूसरे से कहने लगे कि अरे यार हमें यहाँ पर आए हुए इतने दिन हो गए है और हमने अब तक पूरा घर ही नहीं देखा।

चलो आज हम घर तो पूरा देख लें यह इतना बड़ा है कि शायद हमे कुछ घंटे लगे और वो दोनों यह बात कहकर उठकर दूसरे कमरे की तरफ चले गये। फिर उनके चले जाते ही मैंने जानबूझ कर अपने दोनों पैरों को अलग करते हुए अब पूरा फैला दिया.

जिसकी वजह से मेरे चाचा का हाथ जो मेरी जांघ पर था, वो फिसलकर मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गिरा और फिर वो नीचे लटककर मेरी गोरी गरम जांघ को छू गया। फिर उसके छू जाने की वजह से मेरे पूरे बदन में एक अजीब सा करंट फैल गया और मैंने महसूस किया कि चाचा भी उस वजह से एकदम घबरा गये थे और उनका जिस्म अचानक से अकड़ गया.

लेकिन उनका हाथ अभी तक भी एकदम स्थिर था और ना वो मेरी जांघो से अपने हाथ को बाहर निकाल रहे थे और ना ही वो उसको बिल्कुल भी हिला रहे थे, लेकिन दोस्तों उनका चेहरा मेरे चेहरे से इतने करीब था कि उनके मोटे मोटे गाल और गुलाबी होंठ उनका सुंदर चेहरा और एकदम चमकीली नशीली आँखें एकदम पास थी.

इतना पास कि उनकी गरम गरम सांसे मेरे चेहरे तक को छूकर मुझे महसूस हो रही थी जिसकी वजह से अब मेरा दिल कर रहा था कि में उनके होंठो पर अपने होंठ लगाकर उनको चूस लूँ और मेरे मन में इच्छा हो रही थी कि वो अपना हाथ अब धीरे से आगे बढ़ाते हुए मेरी जांघो के बीच से मेरी पेंटी में डाल दे।

फिर उतने में दूसरी तरफ से मेरे पापा की आवाज़ आई और वो बोली कि अरे भाई इधर आओ और हमें अपना पूरा घर दिखाओ और उसी समय चाचा जी उनकी आवाज को सुनकर होश में आकर हड़बड़ाकर उठे और मुझे अपनी गोद से खड़ा करके वो उस समय दूसरे कमरे में मेरी मम्मी, पापा के पास चले गये.

और वो उनको अपना घर दिखाने लगे और अब में भी अपनी नींद से जागकर उस सपने के बारे में सोचने लगी जो कुछ देर पहले मैंने अपनी खुली हुई आखों से अपने चाचा की गोद में बैठकर देखा था। उसको सोच सोचकर में पागल हो चुकी थी और यह वही घटना थी जिसके बाद मेरी सोच एकदम बदल गई और मुझे मेरे अंदर बहुत सारा परिवर्तन महसूस हुआ।

फिर एक दो दिन तक ऐसा कुछ नहीं हुआ और हम सभी लोग अपने अपने काम में लग गये, मुझे अब उस दिन के बाद से मेरे चाचा जी बहुत ही सुंदर लगने लगे थे और में हमेशा उनको दूसरी नजर से देखने लगी थी और मैंने उनको बहुत बार उस नज़र से मुझे देखते हुआ पाया और मेरा बड़ा दिल था कि उनके पूरे बदन को देखने का और उन्हे अपना हर एक अंग अंग दिखाने का।

फिर एक दिन सुबह सुबह जब घर के सभी लोग सोए हुए थे तो मुझे उनके चलने की आवाज़ आई वो और उस समयी टॉयलेट की तरफ जा रहे थे और उन्होंने उस समय आधी बांह की बनियान और नीचे सफेद रंग का नाड़े वाला पजामा पहन रखा था।

फिर में उस समय उठकर एक सेकिंड रुककर अपनी दोनों आखों को अपने हाथों से रगड़ती हुई जैसे कि में भी नींद में हूँ ऐसा नाटक करते हुए में बाथरूम में चली गई। फिर मैंने देखा कि उस समय मेरे चाचा जी खड़े होकर पेशाब कर रहे थे, लेकिन वो मुझे अंदर आता हुआ देखकर एकदम से चकित हो गए थे.

और उनकी दोनों चकित आखें उस समय मेरे चेहरे पर ही टिकी हुई थी और मेरी नजर नीचे उनके लंड पर थी और उन्होंने एक हाथ से अपने गोरे लंड को पकड़कर उसकी चमड़ी को पीछे कर रखा था और उनके हल्के गुलाबी रंग के टोपे से पेशाब की घार निकल रही थी।

में उधर घूरती रही और मेरे चाचा जी उस समय मुझे एकदम सहमे हुए से लगे और उनकी एक नज़र दरवाजे पर थी और वो डर रहे थे कि उस वक्त अगर कोई और इधर आ गया तो क्या सोचेगा? फिर किसी को ना आते देख चाचा जी ने एक दो बार अपना लंड झटका और पज़ामे में वापस उसको अंदर डालकर नाड़ा लगा लिया.

वो जाते जाते मेरी मुस्कुराए और वो कहने लगे कि माफ़ करना, मुझे अंदर से दरवाजे को बंद कर लेना चाहिए था। फिर मैंने भी मुस्कुराते हुए कहा कि कोई बात नहीं है चाचा जी ऐसा कभी कभी गलती से हो जाता है और मुझे भी आने से पहले दरवाजे को खटखटाकर अंदर आना चाहिए था। इसमे गलती तो कुछ मेरी तरफ से भी है, लेकिन यह सब जैसा भी था बहुत अच्छा था.

और वो मेरा जवाब सुनकर अपने कमरे में चले गये और फिर क्या था? में भी बाथरूम से कुछ देर बाद बाहर निकलकर करीब 30 मिनट तक अपने बेड पर उस मनमोहक द्रश्य को याद कर करके अपने आप से खेलती रही और अपने शरीर में उस द्रश्य की वजह से पैदा हुई उस गरमी उस अजीब सी हलचल को महसूस करने लगी थी.

इसे भी पढ़े – मुझे चुदाई का सुख दे दो जानू

जिसकी वजह से में उस दिन बहुत खुश थी और वैसे अभी स्कूल शुरू होने में थोड़ा वक्त था, मतलब कुछ महीनों तक मुझे घर में ही रहना था। अब मेरे पापा मम्मी हर दिन सुबह से उठकर हमारे लिए कोई दूसरा घर ढूंढने बाहर निलने पड़ते थे और कभी कभी तो उनके साथ मेरी चाची भी चली जाती थी.

जिसकी वजह से में चाचा के साथ घर में बिल्कुल अकेली रहने लगी थी और उस दिन भी में घर पर बिल्कुल अकेली अपने कमरे में पलंग पर लेटी हुई थी और अकेली होने की वजह से में अपना समय बिताने के लिए एक कॉमिक्स पढ़ रही थी। में उसको पढ़ने के बहुत व्यस्त थी क्योंकि मुझे उसकी कहानी बहुत अच्छी लग रही थी और में उसके मज़े लेती रही।

तभी कुछ देर बाद अचानक से चाचा मेरे कमरे में आ गए उस समय में पेट के बल लेटी हुई थी और मेरे दोनों पैर दरवाजे की तरफ थे और मेरी स्कर्ट को मैंने खुद ही जानबूझ कर थोड़ी सी ऊपर कर रखी थी कि जिससे मेरी जांघे पेंटी की लाइन तक भी साफ दिखे, लेकिन मेरे लिए मेरा क्या क्या कितना अंग दिख रहा था यह बताना बहुत मुश्किल था.

क्योंकि में पीछे मुड़कर अपने पीछे का खुला हुआ वो मनमोहक द्रश्य नहीं देख सकती थी, लेकिन मुझे यह तो बहुत अच्छी तरह से मालूम था कि चाचा जी दरवाजे पर दो चार मिनिट तक तो खड़े होकर मुझे अपनी चकित नजरों से ताकते रहे और मेरी गोरी जांघे कूल्हों को वो देखकर उनके मज़े लेते रहे जो उनके लिए बहुत अच्छा और कभी कभी दिखने वाला द्रश्य था।

अब वो मेरे पास आकर मुझसे पूछने लगे कि तुम पूरा दिन कॉमिक्स ही पढ़ती हो या कोई स्कूल की किताब भी अपने साथ में लेकर आई हो जो जीवन में आगे जाकर तुम्हारे बहुत काम आने वाली है? वैसे में गणित में बहुत पक्का हूँ और मुझे उसमे बहुत कुछ आता है वो विषय मुझे सबसे अच्छा लगता है, तुम्हे अगर मुझसे कोई भी मदद चाहिए तो मुझे जरुर बता देना?

दोस्तों मुझे उस वक्त अपने चाचा के करीब जाने का कोई भी रास्ता मंजूर था, जिस पर चलकर में अब उनके बहुत पास जाना चाहती थी और चाहे वो मेरी पढ़ाई का बहाना ही क्यों ना हो? फिर मैंने उनसे मुस्कुराते हुए पूछा क्या आप सच कह रहे हो और क्या आप सिख़ाओगे मुझे?

में हमेशा ऐसे ही किसी व्यक्ति की तलाश में रहती हूँ जो मुझे उस विषय में कुछ बता सके समझा सके, क्योंकि में उसमे अपने आपको बहुत कमजोर महसूस करती हूँ और आप मेरे साथ रहोगे तो मुझे फिर इस कमजोरी से डरने की कोई आवश्कता नहीं है।

फिर उन्होंने कहा कि हाँ तुम अपनी किताब को लेकर पढ़ाई करने वाले कमरे में आ जाओ और वो मुझसे यह बात कहकर मेरे आगे चले गये और में अपने बेग से किताब को बाहर निकालने लगी और में उस समय बहुत खुश थी और मेरे दिल में एक उम्मीद की किरण जागी और उस कमरे में जाने से पहले मैंने जल्दी से अपनी पेंटी को उतारकर उस बेडरूम में ही एक कोने में डाल दिया था।

अब में बड़ी सहमी हुई उस कमरे में चली गई और मैंने देखा कि चाचा के उस कमरे में बहुत सारी अलमारियां थी और उनमे बहुत सारी किताबें भी थी एक बड़ी सी टेबल और दो कुर्सी भी थी हमने कुर्सियों को टेबल के पास किया और फिर उस किताब को खोलकर हम पड़ने लगे, लेकिन दोस्तों मेरा ध्यान क्या खाक पढ़ाई पर जाना था? पढ़ाई तो मेरे लिए बस उनके पास बैठने का एक बहाना थी।

फिर उन्होंने मुझे हल करने के लिए एक सवाल दिया जो मुझे तो बिल्कुल भी नहीं समझ आ रहा था, इसलिए मैंने उनसे कहा अफ चाचू यह क्या, यह कितना मुश्किल है? तभी हंसते हुए उन्होंने मेरी तरफ देखकर एक ही सेकेंड में उसको हल करके मुझे दिखा दिया.

मैंने खुश होने का नाटक करते हुए उनके दोनों हाथों को अपने दोनों हाथों से पकड़ा और फिर मैंने उन्हे अपने नरम होंठो से उनके हाथों पर एक किस किया और बोली कि वाह चाचू आप तो बहुत माहिर हो वो एकदम दंग रह गये और उनकी दोनों आँखें बड़ी हो गई।

अब मैंने उनको कहा कि आप एक बार फिर से धीरे धीरे इसको करते हुए मुझे दिखाओ और यह बात बोलकर में उसी समय उठकर जानबूझ कर उनकी गोदी में जाकर बैठ गयी और मैंने ऐसा व्यक्त किया जैसे में यह सब अपनी नादानी से कर रही हूँ.

और अब मेरी कोरी गांड जो उस समय बिना पेंटी के थी उनके लंड के सीधे ऊपर बिल्कुल ठीक निशाने पर थी और अब उन्हे मेरे गोदी में बैठे होने की वजह से एक साइड से किताब को देखना पढ़ रहा था। फिर मैंने महसूस किया कि उन्होंने अब थोड़ा सा धैर्य दिखाया.

और मुझसे यह बात बोलते हुए कि तुम इसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो लगातार धीरे धीरे करने से तुम्हे भी सब कुछ आ जाएगा और उन्होंने यह बात कहते हुए हंसकर मेरी जांघ पर अपना एक हाथ रख दिया, लेकिन मैंने कुछ ना कहा जिसकी वजह से वो मेरी मर्जी समझ गए.

और उसके बाद वो धीरे से मेरी स्कर्ट के अंदर से हाथ आगे लेने लगे, मैंने उस समय पेंटी नहीं पहनी थी इसलिए उनके हाथ सीधे मेरे नीचे के बाल मतलब कि मेरी चूत के ऊपर मेरी झांट जो अभी तक पूरी तरह से आए भी नहीं थे उनके पास तक चले गये और वो मेरे चेहरे की तरफ देखकर नोट कर रहे थे.

लेकिन मैंने कोई भी विरोध नहीं किया और में किताब पर लिखती रही और अपना काम करती रही। अब वो और भी ज्यादा गरम हुए और अपनी उंगलियों को मेरी चूत के आस पास चलाने लगे और अब मुझे मेरी पीठ पर उनके पेट के साथ साथ मेरी गांड के नीचे दोनों कूल्हों के बीच में उनका अब तनकर खड़ा लंड भी महसूस होने लगा था और में पलटकर टेबल पर जाकर बैठ गई।

मैंने अपने दोनों पैरों को चाचा की कुर्सी के हत्थे पर रखी और अपने पैरों को थोड़ा सा फैला लिया। दोस्तों मेरी तरफ से इस खुले आमंत्रण के बाद तो चाचा से बिल्कुल भी रहा ना गया और उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे उसी समय मेरी स्कर्ट को शर्ट की तरफ ऊपर उठा दिया जिसकी वजह से उनको अब मेरी बिना पेंटी की कामुक चूत साफ साफ दिख रही थी.

उस पर अपनी नज़र को गड़ाए उन्होंने प्यार से मेरी चूत को अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर सहलाया और वो उस पर लगातार अपना हाथ फेरकर उसको महसूस कर रहे थे। शायद वो मेरी चूत को ऐसा करके गरम करने का प्रयत्न कर रहे थे.

लेकिन उनको क्या पता था कि में तो पहले से ही बहुत प्यासी गरम हो चुकी थी, जिसकी वजह से मेरी चूत ने अब अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और वो गरम चिकना पानी उनकी उंगलियों में लग रहा था, वो मेरी चूत में अपनी ऊँगली को डालने भी लगे थे.

और वो सब मेरे लिए अपना पहला अनुभव था इसलिए में बहुत खुश थी और दूसरी दुनिया में पहुंच गई थी और में तुरंत उसी समय उनको इतना गरम करके उसी टेबल पर ही तुरंत लेट गई। फिर मैंने देखा कि मेरे लेटने की वजह से मेरी खुली चूत को अपने सामने देखकर खुश होकर मुस्कुराने की वजह से चाचा के मोटे मोटे गालों में डिंपल पड़े हुए थे.

और वो जैसे किसी छोटे बच्चे को चोकलेट मिली हो ऐसे मुस्कुरा रहे थे और उनकी वो ख़ुशी उनके चेहरे पर मुझे साफ दिख रही थी, जो कुछ में उनके साथ अब करना चाहती थी। सब सच में होने जा रहा था इतने में दरवाजे के खुलने और किसी के अंदर आने की आवाज़ मुझे आई हम दोनों उसी समय हड़बड़ाकर अपनी अपनी कुर्सी पर वापस बैठ गये।

दोस्तों वो मेरी मम्मी, पापा थे जो अब वापस आ गये थे। शायद आज अपने चाचा के साथ मेरी किस्मत में इतना प्यार ही लिखा था जो मुझे मिल चुका था। दोस्तों फिर दूसरे दिन मम्मी पापा के जाते ही उफ़फ्फ़ एईईईईईई सस्सस्स की आवाजें पूरे कमरे में फैल गयी.

इसे भी पढ़े – पेटीकोट में मेरा मुंह घुसा दिया आंटी ने

और में चाचू के मुहं पर अपनी चूत को लगाए हुए उस समय अपने दोनों घुटनों के बल बैठी हुई थी और वो मेरी चूत को किसी रसीले आम की तरह बहुत मज़ा लेकर चूसे जा रहे थे, उनकी गरम, गीली जीभ मेरी चूत के अंदर बहुत आगे जा रही थी और वो अपने दोनों हाथों को मेरी स्कर्ट के नीचे घुसाकर मेरी मखमली गोलमटोल गांड को भी धीरे धीरे सहला रहे थे और में पूरी तरह से जोश में आकर अपनी चूत को उनके मुहं पर रगड़ने लगी थी.

क्योंकि में उनकी जीभ को अपनी चूत में पूरा अंदर तक लेना चाहती थी, लेकिन जीभ कहाँ लंड का मज़ा दे सकती है और यह बात आप सभी बहुत अच्छी तरह से जानते समझते है। फिर भी में अपने काम को पूरी जिम्मेदारी से कर रही थी और वो नीचे से मेरी चूत को पूरी ईमानदारी से चाटकर अपना काम कर रहे थे। फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना लोड़ा मेरी चूत में डाला जो एक ही बार में पूरा समा गया, क्योंकि मेरी चूत पहले से ही गीली थी। फिर उन्होंने मुझे खूब रगड़कर चोदा और आज भी जब में उस घटना को याद करती हूँ तो मेरी चूत पानी छोड़ने लग जाती है।

ये Hot Teen Niece Fuck की कहानी आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे……………….

अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-

Related posts:

  1. कुंवारी चूत का जायजा लिया लिंग से
  2. मोहब्बत में इन्तेकाम की सेक्सी कहानी
  3. विधवा मौसी चोदने बाद उनकी बेटी को भी चोदा 1
  4. कुंवारी चूत से गर्म गर्म पानी निकालने लगी मैं
  5. भैया ने मेरी बीवी का सील तोड़ा
  6. खुबसूरत चूत की मालकिन है मेरी बहन 2

Filed Under: Rishto Mein Chudai Tagged With: Blowjob, Boobs Suck, Family Sex, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Kamukata, Kunwari Chut Chudai, Mastaram Ki Kahani, Pahli Chudai, Sexy Figure

Primary Sidebar

हिंदी सेक्स स्टोरी

कहानियाँ सर्च करे……

नवीनतम प्रकाशित सेक्सी कहानियाँ

  • Maa Ne Chut Ki Pyas Bete Se Bujhwai
  • मम्मी ने चूत चुदाई का दावत दिया
  • Nukar Se Chudwa Liya Kunwari Ladki Ne
  • सेक्सी नौकरानी की जवानी का मजा लिया
  • Office Girl Lund Ke Bina Nahi Rah Pati

Desi Chudai Kahani

कथा संग्रह

  • Antarvasna
  • Baap Beti Ki Chudai
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Desi Adult Sex Story
  • Desi Maid Servant Sex
  • Devar Bhabhi Sex Story
  • First Time Sex Story
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Group Mein Chudai Kahani
  • Hindi Sex Story
  • Jija Sali Sex Story
  • Kunwari Ladki Ki Chudai
  • Lesbian Girl Sex Kahani
  • Meri Chut Chudai Story
  • Padosan Ki Chudai
  • Rishto Mein Chudai
  • Teacher Student Sex
  • माँ बेटे का सेक्स

टैग्स

Anal Fuck Story Bathroom Sex Kahani Blowjob Boobs Suck College Girl Chudai Desi Kahani Family Sex Hardcore Sex Hindi Porn Story Horny Girl Kamukata Kunwari Chut Chudai Mastaram Ki Kahani Neighbor Sex Non Veg Story Pahli Chudai Phone Sex Chat Romantic Love Story Sexy Figure Train Mein Chudai

हमारे सहयोगी

क्रेजी सेक्स स्टोरी

Footer

Disclaimer and Terms of Use

HamariVasna - Free Hindi Sex Story Daily Updated