XXX Hot Teen Sex
मेरा नाम सुधा है। मैं इलाहाबाद में रहती हूँ। मेरी उम्र 22 साल की है। मैं देखने में बहुत ही हॉट और सेक्सी लगती हूँ। मेरे मम्मे बहुत ही रोमांचक है। लड़के मेरे मम्मो को देखते ही अपना लंड खड़ा कर लेते हैं। मुझे भी अपने मम्मो को चुसाना बहुत अच्छा लगता है। मैं खुद भी अकेले में अपने मम्मो को चूसती हूँ। मैने अपनी सील खुद ही तोड़ी है। XXX Hot Teen Sex
अभी तक मैंने किसी लड़के से नहीं चुदवाया था। अब तक मैं ब्लू फिल्म देख देख कर मुठ मार लेती थी। रात में मै किचन से बैगन ले आती थी। बैगन ना हो तो मूली गाजर और कई लंबी सब्जियां ले आती थी। रात में सब्जियों को अपनी चूत में डालकर लंड का एहसास करती थी।
कई बार तो मैंने अपने चूत में सब्जियों को डालकर ही सो जाती। सुबह जब उठती तो निकालती थी। मुझे सेक्स करने का बहुत ही मन कर रहा था। सब्जियां से बहुत काम चला लिया। अब तो बस लंड खाने को मन कर रहा था। दोस्तों मैं अब अपनी कहानी पर आती हूँ।
मेरे पापा की कई टैक्सियां हैं। उसी से हमारे घर किसी तरह से पैसा आता है। बाकी कमाई का कोई रास्ता नहीं है। मेरा एक भाई है जो अभी छोटा है। पापा अकेले ही पूरा घर सँभालते है। मेरी कोई बहन नहीं है। मम्मी घर पर ही रहती है। दादा दादी जी जब मैं छोटी थी तभी गुजर गए थे।
मैंने M.A फ़ाइनल कर लिया है। अब मैं पूरा दिन घर पर ही रहती थी। मेरे कॉलेज के लड़के मुझ पर मरते थे। लेकिन मुझे कोई पसंद ही नहीं आता था। कोई भी लड़का स्मार्ट ही नहीं था। किसी की हाइट छोटी, तो कोई काला। इसी वजह से मेरी किसी लड़के से दोस्ती नहीं हुई। और अब तक मैं चुदने के मामले में कुवांरी रह गई।
मै चुदने को बेकरार हो रही थी। मैं हर रोज ब्लू फिल्म देखकर सब्जियों और अँगुलियों से काम चला रही थी। आखिर एक दिन आ ही गया जब मुझे चुदाई का सौभाग्य प्राप्त हुआ। एक दिन की बात है। मेरे मोहल्ले का एक लड़का था जो काफी सीधा बनता था। कभी किसी लड़की की तरफ नहीं देखता था।
मुझे वो बहुत पसंद था। मेरा घर उसके घर से लगभग 150 मीटर दूर था। मेरे मामा के यहाँ कोई पार्टी थी। तो मम्मी और मेरा भाई मामा के यहां चले गए थे। मै और पापा घर पर ही थे। पापा भी कुछ देर बाद अपने काम पर चले गए। अब मैं अकेली ही घर पर थी।
मैं ब्लू फिल्म देख रही थी। पापा के जाने के 2 घंटे बाद बहुत तेज बारिश होने लगी। मै घर पर बरामदे में बैठी थी। अचानक मैंने अपने मोहल्ले वाले लड़के को गेट के पास पेड़ के नीचे खड़े देखा। उसका नाम विपिन था। वो पहले मेरे ही साथ पढ़ता था।
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मैंने आवाज दी- “विपिन अंदर आ जाओ। बहुत तेज बारिश हो रही है”। विपिन गेट खोलकर अंदर आ गया।
विपिन- “थैंक यू’
मै- “थैंक यू क्यों? तुम मेरे दोस्त थे। अब भी दोस्त हो। इसमें थैंक यू का कोई काम नहीं। विपिन मुझे घूर रहा था.
मै- “क्या देख रहे हो विपिन.”
विपिन- “तुम्हे देख रहा था। तुम कितना बदल गई हो। पहले तो तुम ऐसी नहीं थी”।
मै- “तुम्हे कैसे पता। तुम तो कभी किसी की तरफ देखते ही नहीं थे”।
विपिन- “मैं तो तुम्हे पहले से ही देखता था.”
मै- “झूंठ बोल रहे हो। तुम मुझे ही क्यों देखते थे। और भी लडकियां थी। उन्हें भी तुम देखते रहे होंगे.”
विपिन- “झूठ नहीं बोल रहा। मै सिर्फ तुम्हे ही देखता था.”
मै- “मुझे ही क्यों देखते थे.”
विपिन- फ़िल्मी डायलॉग में बोलने लगा “पता नहीं क्यों जबसे तुमको देखा। पता नहीं कैसा लगा। लेकिन जब भी मैं तुम्हे नहीं देखता। तो मुझे उस दिन अजीब लगता था। मै अब भी तुमको देखता हूँ.”
मैंने कहा- ऐसा क्यूँ।
विपिन- पता नहीं।
मै चुपचाप बैठी थी।
विपिन ने कहा- तुम किसी से प्यार करती हो।
मैंने कहा- हाँ।
विपिन- किससे??
मैंने कहा- बता दूं।
विपिन का चेहरा लाल पीला हो रहा था।
मैंने कहा- तुमसे।
विपिन की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा।
विपिन ने कहा- तो पहले क्यों नहीं बोल दिया।
मैंने कहा- कभी देखते भी थे तुम मेरी तरफ।
विपिन और मै दोनों लोग पास पास सटकर कुछ देर बाद बैठ गए। विपिन ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। कहने लगा- जो मैं आज तक नहीं बोला किसी से वो मै आज तुमसे बोलता हूँ। फिर विपिन ने बोला- आई लव यू। मै भी ख़ुशी से विपिन को बाहों में भरकर लव यू टू बोलने लगी।
विपिन ने मुझे चूम लिया। मै मन ही मन खुश हो गई। मैंने भी विपिन को चूम लिया। विपिन ने फिर से मुझे हँसते हुए चूमा। मैंने भी विपिन को फिर से चूमा। इस तरह से हम दोनों ने शुरूवात की। विपिन शरमा रहा था। लेकिन मुझे चुदाई के लिए बेचैनी होने लगी। मै विपिन की गोद में बैठ गई।
विपिन मुझे कस के पकड़ लिया। विपिन मेरे गले को चूम रहा था। मैं गरम होंने लगी। बारिश खूब तेज हो रही थी। किसी के आने का कोई डर नहीं था। हम दोनों बरामदे में ही चुम्मा चाटी कर रहे थे। विपिन ने मेरे होंठो पर अपना होंठ रख कर चूमने लगा। मै भी विपिन का साथ दे रही थी।
विपिन मेरी होंठ को काट काट कर चूस रहा था। विपिन को मैने भी पकड़ लिया। विपिन ने तुरंत अपना हाथ मेरी कमर से हटा कर। मेरी दोनों कानो कों पकड कर दबा दिया। मेरे होंठ को अपने होंठो से चिपका कर जोर जोर से मेरे होंठ चूसने लगा। मेरा होंठ चूसते चूसते काला हो गया। मै भी विपिन की होंठ कों जोर जोर से चूस रही थी।
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विपिन ने मेरी होंठ का रस निचोड़ निचोड़ कर पी रहा था। मेरे गुलाब जैसे होंठो को रसगुल्ले की तरह काला कर दिया। मुझे पहली बार किसी के चूमने का एहसास हो रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने उस दिन हाफ लोवर औऱ टी शर्ट पहन रखी थी। विपिन मेरे मम्मो को घूर रहा था।
उसे मेरे मम्मो को छूने से डर लग रहा था। कुछ देर बाद बड़ी हिम्मत करके मेरे बूब्स पर हाथ रख दिया। किस करते करते विपिन की हिम्मत बढ़ रही थी। मैंने कहा कुछ भी करो आज से मै तेरी हो गई। विपिन अब मेरे होंठ को चूसते चूसते मेरे बूब्स भी दबाने लगा। मै अपने बूब्स दबवा रही थी।
लेकिन मेरे पडोसी के घर का कोई ना देख ले हमे इसीलिए मैं विपिन के साथ अपने रूम में चली आयी। विपिन ने फिर वही कार्यक्रम जारी रखा। मैंने उसके तने लंड पर अपना हाथ रख दिया। वो समझ गया मै चुदवाने को बेकरार हूँ। मैं चुदवाना चाहती हूँ। उसने मेरी टी शर्ट निकाल दी।
मेरी सफ़ेद रंग की ब्रा में मेरी चूंचियां बहुत ही जबरदस्त लग रही थी। विपिन मेरे बूब्स को दबा रहा था। आज पहली बार कोई दूसरा मेरे बूब्स को दबा रहा था। मुझे बहुत मजा आ रहा था। विपिन ने अपने दोनों हाथों में मेरे चुच्चो को लेकर खेलने लगा।
मेरे दोनो चुच्चो को दबा दबा कर उसका भरता लगा रहा था। विपिन ने मेरी ब्रा निकाल दी। मेरी चूंचियो के दर्शन कर के दोनो चुच्चो का रसपान करने के लिए। उसने अपना मुँह मेरी चुच्चो के निप्पल पर लगा दिया। विपिन ने मेरी दोनों चुच्चो के निप्पल को बारी बारी से पीना शुरू किया।
मैंने उसका सर अपने चुच्चो से सटा दिया। विपिन मेरे बूब्स को दबा दबा कर चुस रहा था। बीच बीच में मीठी निप्पलों को काट लेता। मेरी मुँह से सिसकारियां निकल जाती थी। मैं “सी…सी..सी…-अहहह्ह्ह्हह स्सीई ई ई इ..अ अ अ अअ…उफ़…फ..उफ्फ्फ…उफ्फ्फ..!! की आवाज निकल रही थी।
विपिन मेरे चुच्चो को चूसने में मस्त था। मैं तेज तेज से साँसें ले रही थी। मै गरम गरम साँसे छोड़ रही थी। उसने मेरे चुच्चो का रस पीकर रुक गया। विपिन ने मेरे लोवर को नीचे सरका दिया। मेरी लोवर को नीचे करके निकाल कर उसने मुझे पैंटी में कर दिया। विपिन के सामने मै पैंटी में खड़ी थी। मुझे शरम आ रही थी।
विपिन ने मेरी पैंटी पीकर अपना हाथ रखकर घुमाने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। लग रहा था विपिन मुझे गुदगुदी कर रहा है। विपिन ने कुछ देर तक मेरी चूत पर हाथ फेरा उसके बाद उसने मेरी पैंटी निकाल दी। मैंने अपनी चूत को हाथ से ढक लिया। विपिन ने मेरे हांथो को हटा कर। मेरी चिकनी चूत के दर्शन करने लगा।
अपना मुँह मेरी चूत पर लगा कर चाटने लगा। मुझे चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था। वो अपना जीभ मेरी चूत पर चला कर चाट रहा था। विपिन को भी मेरी चूत चकटने में बहुत मजा आ रहा था। उसने अपनी जीभ को मेरी चूत में घुसा दी। मै सिसक रही थी।
मैं-““….अई….अई….अई……अई…-इसस्स्स्स्स्स्स्स……उहह्ह्ह्ह…ओह्ह्ह्हह्ह की सिसकारियां मेरे मुह से निकल रकही थी। मैंने अपनी चूत में विपिन कर सर दबा दिया। वो और जोर से मेरी चूत पीने लगा। मै बहुत ही गर्म हो गई। मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। उसने मेरी चूत का सारा माल पी लिया।
कुछ देर बाद विपिन ने मेरी चूत को पीना बंद किया। मैंने उसकी पैंट निकाल दी। उसका लंड उसके कच्छे में तना हुआ दिख रहा था। मैंने विपिन का कच्छा भी निकाल दिया। उसका लंड बहुत बड़ा था। विपिन काकच्छा निकालते ही उसके लंड अपना फन फैलाने लगा। लंड लगभग 8 इंच का था।
मैंने विपिन के लंड को अपने हाथों में लेकर मै भी खेलने लगी। आगे पीछे कर रही थी। मैंने सेक्स के सारे स्टेप ब्लू फिल्म मेंसीखे थे। मैं उसके लंड को मुठ मार कर और मोटा कर रही थी। विपिन का लंड गर्म होकर कडा हो गया। मैंने कुछ देर तक उसका लंड चूसा।
विपिन की दोनों गोलियां नीचे लटक रही थी। मैं दोनो गोलियों को टॉफी की तरह अपनी मुँह में रखकर चूसने लगा। वो भी चोदने को बेकरार होने लगा। मैंने उसके लंड को छोड़ दिया। विपिन ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया, खुद खड़ा हो गया। विपिन ने अपना लंड मेरे चूत के दोनों टुकड़ो के बीच में फंसाकर रगड़ने लगा।
मैं “–अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ—-अअअअअ—-आहा —हा हा हा” की तेज सिसकियाँ निकाल रही थी.
वो बहुत तेज तेज अपना लंड चूत पर रखकर रगड़ रहा था. मैं गर्म हो रही थी. मेरी चूत भी गर्म हो रही थी. बड़ा हॉट हॉट फील हो रहा था. मै चुदने को बहुत ज्यादा तड़पने लगी। मैंने विपिन से कहा-” विपिन और ना तड़पा। बहुत हो गया। अब डाल दो”। विपिन ने अपना सर हिलाया और अपना लौड़ा मेरी बुर में पेलने लगा।
मै आज पहली बार चुदाई का आनन्द पाने जा रही थी। वो अपना लंड मेरी चूत में डालने की कोशिश कर रहा था। मेरी चूत बहुत ही टाइट थी। विपिन का लौड़ा जल्दी घुस ही नहीं रहा था। बड़े कोशिशों के बाद विपिन ने अपना लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया।
मेरी मुँह से “…-मम्मी…मम्मी…सी सी सी सी– हा हा हा …-ऊऊऊ ..ऊँ…ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ…” की चीख निकल गई। विपिन ने फिर से धक्का मारा। मेरी थोड़ी सी फटी चूत को इस बार पूरा लंड घुसा कर फाड़ दिया। मैंने जोर से चिल्लाया। विपिन डर गया। विपिन ने चुदाई ही रोक दी। मै चुप हो गई।
विपिन ने फिर से अपना लौड़ा मेरी चूत में डालकर पेलने लगा। इस बार मैंने धीऱे धीऱे सिसकारियां लेकर चुदवाने लगी। मै अब धीऱे धीरे सिसक रही थी। मेरी मुँह से अब “ओह्ह माँ…..ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ…..अअअअअ आ आ आ आ…” की सिसकारियां भर रही थी।
विपिन मेरी चूत में अपना लंड लगातार पलटा रहा। मै सिसकती रही। मेरी चूत में उसका लंड लपा लप अंदर बाहर हो रहा था। विपिन की चुदाई कीस्पीड बढ़ती ही जा रही थी। वो अपना पूरा लंड मेरी चूत ने डाल रहा था। उसकी दोनों गोलियां मेरी चूत के नीचे लड़ रही थी।
मैं अपनी अंगुली से अपनी चूत को मसल रही थी। मेरी चूत बहुत ही गरम हो गई। विपिन का लौड़ा मेरी गर्म चूत की गर्मी को शांत कर रहा था। आज मुझे पहली बार किसी का लंड खाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। विपिन का लौड़ा आज मुझे लौड़े से चुदाई का एहसास करा रहा था।
कुछ देर बाद उसने मेरी चूत से अपना लौंडा बाहर निकाला। विपिन का घुटना दर्द करने लगा था। विपिन ने मुझे खड़ी करके झुका दिया। विपिन ने अपना लौड़ा पीछे से मेरी चूत में डाल दिया। विपिन ने मेरी कमर पकड़ी। जोर से धक्का मार कर अपना लंड जड़ तक मेरी चूत में घुस दिया।
मैं “——अई—अई—-अई——अई—-इसस्स्स्स्स्——-उहह्ह्ह्ह—–ओह्ह्ह्हह्ह—-” बोलकर चीख रही थी। विपिन अपना लौड़ा मेरी कमर पकड़ कर जोर जोर से पेल रहा था। अपनी कमर को जल्दी जल्दी हिला हिला कर मेरी चुदाई कर रहा था।
उसकी ताबड़तोड़ चुदाई ने मेरी चूत से पानी निकाल लिया। विपिन ने मेरी चूत को चोद चोद कर भरता बना डाला। मेरी चूत बार बार अपना पानी छोड़ रही थी। बड़ा मजा आ रहा था। विपिन मेरी चूत से अपना लंड निकाल कर मेरी गांड में घुसाने लगा।
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मेरी गांड की छेद पर अपना लौड़ा रख कर जबरदस्ती मेरी छेद में घुसाने लगा। मेरी गांड ने बहुत कोशिशों के बाद विपिन का लंड थोड़ा सा अंदर ले लिया। विपिन का थोड़ा लौड़ा अंदर जाते ही उसने पूरा लौड़ा अंदर घुसा दिया। मैं दर्द से चिल्लाने लगी। “ हूँ उ उ उ हूँ उ उ उ हूँउउउ …-ऊ…ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा…ओ हो हो….” की आवाज निकाल कर चुदवाने लगी। विपिन ने खूब गांड मारी। वो भी अब झड़ने वाला हो गया। खड़े खड़े ही मेरे साथ सेक्स कर रहा था। विपिन ने अपना लौड़ा निकाल कर मेरी मुँह के सामने करके मुठ मारने लगा।
मैंने जल्दी से अपना मुंह खोल दिया। उसने मुठ मार कर अपना सारा माल मेरी मुँह में गिरा दिया। मैंने सारा माल पी लिया। मुझे उसके लंड का पानी बहुत अच्छा लगा। विपिन और हम दोनों नंगे ही बिस्तर पर चिपक कर लेट गये। 1 घंटे बाद उसने अपना कपड़ा पहना और चला गया। मै कुछ देर नंगी ही लेटी रही। चुदाई के बारे में सोच रही थी। मैंने भी कुछ देर बाद अपने कपडे पहन लिए। अब जब भी हम दोनों को मौका मिलता है हम लोग खूब चुदाई करते है। हमे खूब मजा आता है।