2 Gay Friends Sex
लड़को की पेला पेली की कहानी मेरा नाम विकाश है और मेरी उम्र 22 साल है. लेकिन में बहुत समय पहले से ही सेक्सी कहानियाँ पड़ता आ रहा हूँ. वो मुझे बहुत अच्छी लगती है और आज में अपनी एक सच्ची कहानी आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ. वैसे यह मेरी पहली कहानी है. 2 Gay Friends Sex
दोस्तों यह उन दिनों की बात है. जब में 12वीं में था और अब मुझे लंड हिलाने का चस्का लग चुका था और मैंने बहुत सी ब्लू फिल्म जमा की थी. जिनको देखकर में अपने लंड को हिलाता था.. लेकिन उनमें मुझे लड़को का लंड बहुत आकर्षित करता था.
और हमारी पुरानी बिल्डिंग में हमारे बहुत से फैमिली फ्रेंड्स रहते थे और हम लोग हमेशा एक दूसरे के घर आया जाया करते थे. और मेरे एक दोस्त का नाम शुभम था, जो कि मुझसे 4 साल बड़ा था. में बहुत बार उसके घर पर आया जाया करता था.
और जब उसके घर पर कोई नहीं रहता तो में उसकी माँ और बहन की ब्रा और पेंटी को पहनकर अपने लंड को शांत किया करता था. और इन सब चीज का तो मुझे जैसे चस्का ही लग गया. आज भी मुझे बहुत अच्छी तरह से याद है और उस दिन सोमवार था.
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में कॉलेज से जल्दी आया था. उस समय दोपहर के तीन बजे होंगे. शुभम की मम्मी हमारे घर पर बातें कर रही थी. फिर मैंने अपने घर पर कह दिया कि में शुभम के घर पर जाता हूँ और में आंटी से उनके घर की चाबी लेकर उनके घर चला गया.
दोस्तों लेकिन मैंने आप सभी को शुभम के बारे में बताया ही नहीं.. उसकी लम्बाई करीब 5.10 इंच होगी और वो एक छोटे से लंड का था. यह मुझे बाद में पता चली. लेकिन चलो अब में अपने मुद्दे पर आता हूँ.
फिर में उसके घर गया और उसके घर में टीवी देखने लगा और आवाज़ ज्यादा कर दी. जिस वजह से घर के अंदर क्या चालू है.. इसकी आवाज़ बाहर ना जा सके. फिर मैंने देखा कि शुभम के घर के बाथरूम का दरवाजा तो खुला हुआ है.
और में मन ही मन में खुश हो गया और मेरा लंड उसकी बहन की पेंटी की खुशबू लेने के लिए तड़प रहा था. अरे हाँ उसकी बहन का नाम मोहिनी था और वो बहुत सेक्सी लड़की थी. उसके बूब्स और गांड को देखने के बाद से मेरा लंड उसकी चुदाई करने के मौके तलाशने लगा था.
और उसकी चूत के लिए तड़प रहा था और मुझे बाद में पता चला कि वो भी बहुत से लड़को से कई बार चुद चुकी है. फिर मेरा दिमाग़ बिल्कुल भी काम नहीं कर रहा था. तो मैंने उसके घर की अलमारी को खोला और उसकी माँ की काली कलर की पेंटी को बाहर निकाला और सफेद कलर की ब्रा पहन ली.
और उसकी बहन की एक लाल कलर की पेंटी को अपने साथ लेकर उसे सूंघने लगा.. वाहअह्ह्ह्ह क्या खुश्बू थी उसकी चूत की. में उसे सूघंने में इतना व्यस्त हो चुका था और में दरवाजे को लॉक करना भूल गया था.
और में ब्रा और पेंटी को पहनकर उसके बेडररूम में चला गया और अपने लंड को बेड पर लेटकर सहलाने लगा. और बिल्कुल ही में भूल गया था कि शुभम के पास दूसरी चाबी थी उसके घर की. और थोड़ी देर लंड को सहलाने के बाद में उसकी माँ और बहन को सोचकर ज़ोर ज़ोर से लंड को हिलाने लगा.
करीब 10 मिनट गुज़रे होंगे और तभी मेरी नज़र बेडरूम के दरवाजे पर पड़ी. तो मैंने देखा कि शुभम मुझे देख रहा है.. में बहुत घबरा गया और घबराकर में उसके हाथ जोड़ने लगा. फिर मैंने कहां कि तू प्लीज यह बात किसी को मत बताना. “2 Gay Friends Sex”
लेकिन उसने मुझे बहुत गुस्से से देखा और मुझे दो थप्पड़ लगाए. तो मैंने भी रोते हुए उससे कहा कि तू जो कहेगा में वो करूँगा. तो वो हंस दिया और कहां कि आज कल मादरचोद तू बहुत मस्ती कर रहा है और मेरी माँ की पेंटी पहनता है.. तेरी तो आज में गांड मारूँगा.
फिर में मन ही मन में बहुत खुश हो गया.. खुश होकर में वैसे ही चलते हुए ब्रा और पेंटी में उसके पास गया. तो उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रखा और मुझे ज़िप खोलने के लिए कहा. फिर मैंने उसकी पेंट की ज़िप खोल दी और उसने मेरा मुहं ज़ोर से अपने अंडरवियर पर दबाया.
मुझे वो लंड की खुशबु आई और में उसके लंड को वैसे ही चूसने लगा. वो सिसकियां ले रहा था.. हहहहहहहहह् मेरी रांड चूस मेरे लंड को. फिर मैंने उसकी अंडरवियर से उसका लंड बाहर निकाला और उसकी गोटियों को सहलाने लगा.
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वो सिसकियाँ ले रहा था.. अह्ह्ह मज़ा आ रहा है.. आज से तू मेरी बीवी बनेगा.. अह्ह्ह उह्ह्ह. फिर उसके बाद मैंने उसका लंड उसकी अंडरवियर से बाहर निकाल दिया और मुझे वही दिखा जो मुझे चाहिए था. क्या मस्त लंड था. “2 Gay Friends Sex”
उसके मोटे लंड को चूसने लगा और वो मेरे निप्पल को ब्रा के ऊपर से दबा रहा था और में उसका लंड चूस रहा था. क्या नज़ारा था और वो चिल्ला रहा था.. अह्ह्ह उह्ह्ह. तू आज से मेरी रखेल है.. चूस और ज़ोर से मेरा लंड अहह भड़वे अहह. और मुझे भी उसका लंड चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर थोड़ी देर में वो बोला कि वो झड़ने वाला है. तो मैंने कहां कि मेरे राजा मेरे मुहं में ही डाल दे.. अहह रंडी ले मेरा पानी अह्ह्ह्ह. यह कहकर उसने अपना सारा वीर्य मेरे मुहं के अंदर डाल दिया और फिर हम दोनों वैसे ही बेड पर लेट गये.
वो शायद झड़ने के बाद थक गया था. लेकिन अब मेरे लंड का बुरा हाल था और अब मेरा लंड पूरे जोश में था और उसने अपनी दोनों आँखे बंद की हुई थी. मैंने उसकी साइड में लेटकर उसकी बहन की पेंटी में मुठ मारने लगा. “2 Gay Friends Sex”
तभी वो पलट गया और उसने मेरे निप्पल चूसने शुरू किए.. अह्ह्ह्हआ नहीं. उस समय मुझमें एक लड़की नाच रही थी. और उसको निप्पल चुसाने के बाद मेरा भी वीर्य निकल गया और वो यह देखकर बोला कि अब फिर से मेरी बारी..
लेकिन इस बार में तेरी गांड मारूँगा. फिर यह बात सुनकर मुझे भी बहुत अच्छा लगा. लेकिन मैंने थोड़ा डरने का नाटक करते हुए उसको मना कर दिया. तो उसने मुझे प्यार से मेरे गाल पर किस किया और में शरमा गया.
फिर उसने कहां कि आज से तेरा नाम विकाश नहीं है. फिर मैंने पूछा तो क्या है? वो बोला कि आज से तू मेरी रानी है और आज से में जो कहूँगा.. तू वो करेगा और मैंने हाँ भी भर दी. फिर वो बाहर दूसरे कमरे में जाकर एक तेल की शीशी उठा लाया. “2 Gay Friends Sex”
और मुझसे कहा कि में उसका लंड चूसूं और फिर में उसका लंड सहलाने लगा. उसे ज़ोर ज़ोर से पकड़कर मुहं में हिलाने लगा.. अह्ह्ह शुभम में तेरी रांड हूँ फाड़ दे आज मेरी गांड को. ऐसा कहकर उसे में मज़े देने लगा और फिर से उसका बड़ा काला लंड मेरे मुहं में था.
फिर उसने मुझे उल्टा लेटाकर मेरी पेंटी उतार दी.. धीरे धीरे मेरी गांड में तेल डाला और एक उंगली.. फिर दो उंगलियां. ऐसा करते करते उसने मेरी गांड का छेद बड़ा कर दिया और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.. में सिसकियाँ ले रहा था.
फिर उसने अपने लंड का सुपड़ा मेरी गांड के छेद पर रखा और धीरे से धक्का लगाया तो मुझे थोड़ा दर्द हुआ. लेकिन बहुत अच्छा भी लग रहा था. फिर उसने धीरे धीरे करते हुए पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में डाल दिया.
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हाहहहह और मेरी गांड में उसका लंड कितना मस्त लग रहा था. मेरी गांड मारते मारते हुये शुभम बोल रहा था कि वाह! क्या कोमल गांड है तेरी.. अब तो में तेरी हर रोज गांड मारूँगा भड़वे.. ले और ले मेरा लंड. और मेरी गांड उसके थप्पड़ो की वजह से एकदम लाल हो गयी थी.
फिर मैंने कहां कि देख तेरी माँ की ब्रा कितनी मस्त है. मुझे तो इसे पहनकर एक लड़की बना दिया जाये.. अहह साले हाँ और मार ले.. अपनी बहन की गांड मार और वो भी मेरी यह बात सुनकर जोश में आ गया और कहने लगा. आहह उह्ह्ह मोहिनी में तुझे चोदूंगा रंडी.. तेरी गांड मारूँगा.. अहह. फिर दो तीन झटको के बाद वो मेरी गांड के अंदर ही झड़ गया. लेकिन उस दिन से में हफ्ते में एक बार तो शुभम से गांड मरवाता ही हूँ. “2 Gay Friends Sex”