Pati Adla Badli Sex
कपल स्वैपिंग सेक्स कहानी पढ़े मेरा नाम माध्वी है. मैं 25 वर्षीया खूबसूरत और मांसल बदन की लड़की हूँ. मैं आधुनिक विचारों की हूँ और फैशनेबल तरीके से रहना मुझे अच्छा लगता है। हम लोग वड़ोदरा शहर में अभी नए आए हैं. मेरे पति रोनित एक कंपनी में मार्केटिंग ऑफिसर हैं और महीने में पंद्रह – बीस दिन बाहर के दौरे पर रहते हैं Pati Adla Badli Sex
मेरे पति रोनित काफी खुले विचारों के इन्सान हैं. वे न केवल मेरे लिये सेक्सी और रोमांटिक किताबें खरीद कर लाते हैं बल्कि ब्ल्यू फिल्में भी मुझे दिखाते हैं. चुदाई के खेल में नये नये तरीके अपनाने के लिये उकसाते हैं.
उनके कहने पर मैंने कई बार चुदाई के मामले में काफी मौज मस्ती की है, वे मेरी इस आदत का कभी बुरा नहीं मानते बल्कि खुश होते हैं। हमने इस शहर में जो घर लिया है, इसके दो हिस्से हैं, जिसमें से एक में हम लोग रहते हैं और दूसरे हिस्से में एक अन्य नव दम्पति रहते हैं.
उन दोनों के नाम कुशाल और कंचन है, कुशाल किसी ऑफिस में काम करते हैं. वे सुबह दस बजे घर से निकलते हैं और शाम को पाँच साढ़े पांच बजे के बीच वापस आते हैं. हाँ कभी कभी उन्हें भी दौरे पर बाहर भी जाना पड़ता है।
कंचन काफी सीधी-सादी युवती है. उसके साथ कुछ ही दिनों में मेरी अच्छी दोस्ती हो गई, हम लोग आपस में हर तरह की बातें कर लेती हैं. कंचन वैसे तो काफी संकोची स्वभाव की है लेकिन लड़कियाँ एक दूसरे को घर-बाहर की हर बात बता देती हैं, यही हाल कंचन का है.
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वह मुझे अपने परिवार की सारी बातें बता देती है, यहाँ तक कि हम दोनों अपनी सेक्स लाइफ के बारे में भी खुल कर बातें कर लेती हैं। एक दिन कंचन ने मुझे बताया कि उसके पति कुशाल को व्हिस्की पीने का शौक है.
और नशे में होने के बाद वे उसे काफी रात तक परेशान करते रहते हैं। यह बात सुन कर मुझे उत्सुकता हुई, मैं उसे कुरेदने लगी कि वह इस बारे में और खुल कर बताए। काफी कहने के बाद आखिरकार कंचन बताने को तैयार हुई.
वह बोली- ये चाहते हैं कि हम लोग कमरे की लाईट जला कर पूरे नंगे होकर चुदाई करें, इतना ही नहीं, वे मुझे भी शराब पीने की भी जिद करते हैं, ताकि मैं भी उनकी तरह बेशर्म हो जाऊँ. कई बार ये मुझसे अपना लौड़ा चूसने को भी कहते हैं.
लेकिन लौड़ा चूसना मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता, लौड़ा चूसने में मुझे कई बार उबकाई आ जाती है। कंचन ने बातों बातों में यह भी बताया कि कुशाल का लौड़ा काफी मोटा और लम्बा है. चुदाई के दौरान वे काफी देर से झड़ते हैं, जितनी देर में वे एक बार झड़ते हैं, उतनी देर में कंचन दो बार झड़ जाती है।
मेरे पति रोनित की आदत उलटी है! कंचन की देखादेखी मैं भी बताने लगी. उन्हें अपना लौड़ा पिलाने में उतना मजा नहीं आता जितना की मेरी चूत चूसने में आता है, मुझे चित लिटा कर जब वे मेरी चूत पर जीभ फ़ेरते हैं.
और मेरी फांकों को अपने होंठों में दबा कर चूसते हैं तो मेरा पूरा बदन गर्म हो जाता है. यदि मर्द चूत को मुँह में रख कर औरत के साथ मुख मैथुन करे तो वाकई उसे बहूत मजा आता है।
कंचन बोली : माध्वी तू कितनी खुश किस्मत है कि तेरा पति तेरी चूत को मुँह से चाटता और प्यार करता है, काश मेरे पति भी ऐसे होते. लेकिन उनकी निगाह में तो बीवी की चूत की सिर्फ इतनी ही अहमियत है कि उसे अपने डण्डे जैसे लौड़े से बुरी तरह ठोका पीटा जाये!
तू इतना निराश क्यों हो रही है कंचन? मैंने कंचन के गले में अपनी बाँहें डाल कर उसे अपने से चिपटाते हुए कहा – तेरी चूत चटवाने की ज्यादा इच्छा हो तो किसी दिन अपने रोनित से तेरी यह इच्छा पूरी करवा दूँ, बोल?
मेरी बात पर कंचन हंस कर रह गई। लेकिन मैंने जब से उसके मुँह से यह सुना था कि उसके पति का लौड़ा काफी मोटा और लम्बा है और वह काफी देर से झड़ता है. तब से मेरे मन में बार बार यह विचार पैदा हो रहा था.
कि काश एक बार किसी तरह मुझे कुशाल का लौड़ा देखने को मिल जाये। संयोग से कुछ दिन बाद ही मेरी यह इच्छा पूरी हो गई. कंचन ने एक दिन मुझे बताया कि उसकी शादी कि सालगिरह है और कुशाल एक स्कॉच की बोतल लेकर आया है, वह रात में लाईट जला कर चुदाई भी करना चाहता है।
यह सुन कर मैंने कंचन को समझाया कि एक अच्छी बीवी की तरह आज की रात उसे यह सब करना चाहिये, जो कि उसका पति चाहता है। मेरी बात कंचन की समझ में आ गई.
वह बोली : तू ठीक कह रही है माध्वी, पति को जिस चीज में ख़ुशी मिले औरत को वही काम करना चाहिये. मैंने सोच लिया है कि आज मैं स्कॉच भी पीऊँगी और इनके साथ खुल कर चुदाई भी करुँगी, आज मैं इनको पूरी तरह खुश कर देना चाहती हूँ।
कंचन की बात सुन कर मेरा दिमाग दौड़ने लगा. मैंने सोचा कि आज कुशाल और कंचन अपने कमरे में लाईट जला कर चुदाई करेंगे, तो आज कुशाल का लौड़ा देखने का काफी अच्छा मौका है। यह इच्छा काफी दिन से मेरे मन में अंगडाई ले रही थी, लेकिन उसके पूरा होने का वक्त आज आया था।
शाम को कंचन और कुशाल घूमने चले गए, बाहर से पिक्चर और खाना खाने के बाद लगभग दस बजे वे लोग वापस आए. मैं उनके इन्तजार में अभी तक जाग रही थी। कंचन और मेरे बैडरूम के बीच में सिर्फ एक खिड़की थी, जो बंद रहती थी लेकिन दूसरी तरफ लाईट जलती हो तो खिड़की की दरार से दूसरी और दिख जाता था.
मैंने सोच लिया था कि मैं इसी दरार का फायदा उठाऊँगी। करीब साढ़े दस बजे मैंने अपने कमरे की बत्ती बुझा दी और खिड़की के पास जम गई। जैसे ही मैंने दरार से झाँका तो पता चला कि कंचन और कुशाल के प्यार का खेल शुरू हो चुका है।
कंचन ने पूरा मेकअप कर रखा था और वह काफी सुन्दर लग रही थी. इस समय वह अपनी साड़ी और ब्लाउज उतार चुकी थी और केवल लाल रंग का पेटीकोट और काले रंग की डिजाइनर ब्रा उसके बदन पर शेष थी।
उधर कुशाल के जिस्म पर केवल अंडरवीयर था. उसका विशाल सीना और जाँघों के जोड़ पर उसका उठा हुआ अंडरवीयर साफ़ चमक रहा था। कुशाल ने पहले कंचन को अपनी गोद में बिठाया और उसके होंठों को चूसने लगा, जवाब में कंचन भी उसे चूमने लगी।
कुछ देर बाद वे पूरी तरह नंगे हो कर चुदाई में लग गये। मैं हैरानी से कुशाल के बदन की मजबूती देखती रह गई। कंचन का कहना बिल्कुल सच था कि उसका पति देर से झड़ता है, उसके जबरदस्त धक्कों से कंचन तो थोडी देर में ही झड़ गई थी.
लेकिन कुशाल फिर भी उसकी चूत में लौड़ा डाले पड़ा रहा और अपनी बीवी की चूचियों को मसलता रहा और उसके होंठों को चूसता रहा। कुछ ही देर में कंचन दोबारा गर्म हो गई और अपने पति के धक्कों का जवाब धक्कों से देने लगी.
कुशाल जोर जोर से लौड़ा उसकी चूत में अन्दर बाहर करता रहा। करीब बीस मिनट की रगड़ाई के बाद दोनों बारी बारी से झड़ गये। अब कंचन के साथ साथ कुशाल भी पूरा संतुष्ट नजर आ रहा था। कुशाल का दमदार लौड़ा देख कर मेरा मन लालच में पड़ गया.
दूसरे मर्दों के प्रति मेरे विचार काफी खुले हुए थे, क्योंकि मेरे पति रोनित जैन ने शादी के तुरन्त बाद से ही मुझे अपने दोस्तों से मिलवाना शुरु कर दिया था। वे लोग ना केवल मेरे साथ हंसी मजाक करते थे बल्कि कई बार तो मेरे बदन से भी छेड़छाड़ कर लेते थे.
यह सब चोरी छिपे नहीं होता था बल्कि खुले आम होता था और मेरे पति भी उस वक्त मौजूद रहते थे। मेरे पति की तरह उनके सारे दोस्त भी काफी खुले दिमाग थे, रोनित उन लोगों की बीवियों के बदन पर खुलम – खुल्ला हाथ डाल देते थे, पर वे लोग बुरा नहीं मानते थे।
चूँकि मैं अपने पति रोनित का स्वभाव जानती थी, इसलिए कुशाल के लौड़ा को देखने के बाद मैंने मन में ठान लिया था कि मैं रोनित को सब कुछ बता कर कुशाल से चुदवाऊँगी। मैंने यह भी सोच लिया था कि मैं किसी ना किसी बहाने कंचन को रोनित से चुदवाने के लिए राजी कर लूँगी.
ताकि रोनित को यह सारा खेल एक तरफा ना लगे। अपनी योजना पर चलते हुए मैंने कंचन के साथ सेक्सी मैगजीनों का आदान – प्रदान शुरू कर दिया। बीच बीच में मैं उसे बताती रहती कि मेरे पति रोनित उसे बहुत पसन्द करते हैं और मुझसे कहते रहते हैं कि कंचन कितनी सेक्सी औरत है।
यह सब सुन कर कंचन काफी खुश हो जाती थी, कई बार वह मजाक में कह ती- माध्वी, अगर मैं तेरे पति रोनित को फांस लूँ तो तू क्या करेगी?
करना क्या है, मेरी जान? मैं भी हंस कर बोल देती – तू रोनित को फंसाएगी तो मैं तेरे पति कुशाल को फंसा लूँगी, कितना मोटा और सख्त लौड़ा है कुशाल का. कितना मजा आयेगा जब तेरे पति मुझे अपनी जाँघों के बीच दबायेंगे और मेरे पति तेरी चुसवाने को बैचैन चूत को जम कर चूसने के बाद जम कर चोदेंगे। समझ ले, उसके बाद तो हम लोगों की दोस्ती और भी पक्की हो जायेगी। “Pati Adla Badli Sex”
इतना कह कर मैं और कंचन एक दूसरे से लिपट जाती। इसी बीच मेरे पति घर आये, मैंने उन्हें भी बताया की कंचन उन्हें बहुत पसंद करती है. और जब भी मैं उसे बताती हूँ कि चुदाई के समय आप किस तरह से मेरी चूत को चूसते हैं तो वह बुरी तरह उत्तेजित हो जाती है।
ये बातें सुन कर रोनित बहुत खुश हुए और कहने लगे : डार्लिंग, कंचन है तो काफी खूबसूरत, किसी रोज उसे पटा कर बैडरूम में ले आओ तो उसे अपने लौड़ा का मजा चखा दूँ!
कंचन तो कब से बैचैन है डार्लिंग! मैंने अपने पति से झूठमूठ कहा. वह कई बार कह चुकी है कि किसी रोज अपने हसबेंड से मेरा क्रॉस करवा दो, लेकिन मैंने हामी नहीं भरी. आखिर तुमसे पूछना भी तो जरूरी था।
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कमाल करती हो डार्लिंग! रोनित बोले. ऐसे कामों के लिये भी पूछने की जरूरत होती है क्या? अरे यार, कंचन जैसी मांसल और गठीली औरत को चोदने के लिये तो मैं आधी रात को घने जंगल तक में जा सकता हूँ। “Pati Adla Badli Sex”
तो फिर ठीक है, मैं आज ही कंचन को हरा सिगनल दे देती हूँ! मैंने कहा. लेकिन डिअर, मेरी भी एक शर्त है. अगर तुम कंचन के साथ धक्कम धक्का करोगे तो मैं भी उसके हसबेंड कुशाल के साथ चुदाई का मजा लूँगी, तुम्हें इसमें कोई आपत्ति तो नहीं?
कमाल करती हो माध्वी, यह भी कोई आपत्ति करने लायक बात है? अरे यार, हम पढ़े लिखे और मॉडर्न लोग हैं. हमें अपना जीवन पूरी आज़ादी के साथ गुजारने का हक़ है. मेरी तरफ से तुम्हें पूरी आज़ादी है कि तुम कुशाल के साथ जम कर चुदाई का मजा लूटो, चार दिन की यह जवानी है, हमें इसका भरपूर मजा लेना चाहिये। रोनित बोले।
फ़िर तो मैं कुशाल को फंसाने को पूरी तरह तैयार हो गई. कुशाल दो तीन दिन बाद ही दौरे पर चले गये, संयोग से इसी बीच कंचन की माँ की बिमारी का फोन आ गया, उसे फौरन अपने मायके जाना पड़ा, जाते जाते वह अपने पति के खाने पीने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर डाल गई जिसे मैंने ख़ुशी ख़ुशी मान ली। “Pati Adla Badli Sex”
अगले दिन मैंने अपनी कामवाली को पूरे दिन कि छुट्टी दे दी. वह रविवार का दिन था, नहा धोकर मैंने जींस और स्लीवलेस शर्ट पहनी और होंठों पर कॉफी कलर की लिपिस्टिक लगा ली। दोपहर में कुशाल को मैंने अपने घर पर बुला कर खाना खिलाया. खाना खाते समय वह बार बार कनखियों से मुझे देख रहा था, मैं समझ गई मेरी खूबसूरती उसे घायल कर दे रही है।
जब वह खाना खाकर जाने लगा तो मैं उससे लिपट गई और बोली : मेरा जी बहुत घबरा रहा है कुशाल, प्लीज, इस वक्त मुझे छोड़ कर मत जाओ।
उससे लिपटते वक्त मैंने इस बात का खास ध्यान रखा था कि ब्रा में तनी हुई मेरी गोल गोल चूचियाँ कुशाल के सीने से अच्छी तरह सट जायें। मेरी बात मान कर कुशाल वहीं बैठ गया. उसने इस समय केवल बनियान और लुंगी पहन रखी थी। “Pati Adla Badli Sex”
मेरा मन हो रहा था कि उसके ये दोनों कपड़े हटा कर उसके लौड़े को बाहर निकाल लूँ और उसे जी भर कर प्यार करूँ। कुशाल मुझे एकटक देख रहा था, मैंने उसकी ओर मादक निगाहों से देख कर अपनी आँख मार दी।
अब तो कुशाल को जोश आ गया, शायद उसे मेरे मनोभावों का अंदाज हो गया थ. उसने अपनी बनियान उतार दी और मेरे पास आकर बैठ गया. मैं अपनी हथेली उसके सीने पर फिराने लगी, फ़िर अचानक मैंने उसे चूम लिया।
फिर तो कुशाल पूरा मर्द बन गया, उसने मेरी शर्ट जींस ब्रा और पेंटी तक उतार डाली और अपनी लुंगी भी खोल फेंकी। मैंने जैसे ही उसकी दोनों जाँघों के बीच लटकते उसके लण्ड को देखा तो अपने नंगेपन का ख्याल छोड़ कर मैं उस पर झपट पड़ी और अपने हाथों से उसे दबोच लिया, फिर उसे अपने होंठों से चूमती चाटती हुई मैं चटखारे लेने लगी। “Pati Adla Badli Sex”
फ़िर हम दोनों जोरदार धक्का मुक्की में लग गए. कुछ ही देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन कुशाल अभी भी पूरी तरह मजबूती से मैदान में डटा हुआ था. वह मेरा पानी छुट जाने के बाद भी मेरी चूचियों को प्यार से सहलाता रहा और मेरी जाँघों और मेरी चूत को हौले हौले मसलता रहा।
कुछ देर में मेरे बदन में दोबारा आग लग गई. मैं भी कुशाल के लण्ड से खेलने लगी। फिर तो कुशाल ने मुझे दोबारा चित कर दिया और मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया। मैं उछल उछल कर उसका उत्साह बढ़ाने लगी. “Pati Adla Badli Sex”
और वह कमर हिला हिला कर मेरी चूत पर जोरदार धक्के मारने लगा. मैंने अपने आप को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन कुशाल के लौड़ा ने मेरी कसी हुई चूत में ऐसी खलबली मचा दी थी की थोडी ही देर में मैं दोबारा झड़ गई.
इस बार कुशाल ने मेरा पानी छूटने के बाद भी मुझे छोड़ा नहीं और मेरी चूत पर जोर जोर से धक्के मारता चला गया। शायद वह भी झड़ने के करीब आ चुका था. कई जोरदार धक्के मारने के बाद वह अपने आठ इंच के लौड़ा को जड़ तक मेरी चूत में घुसा कर मेरे ऊपर औंधा पड़ गया. “Pati Adla Badli Sex”
उसके बदन में काफी जोर की सिहरन हुई और उसके साथ ही उसके लौड़े ने मेरी चूत में गर्मागर्म लावा उगल दिया। मैंने खुशी में उसको अपनी मांसल बाँहों में बाँध लिया और उसके चेहरे पर चुम्बनों की बौछार कर दी। अब मेरा मकसद तो पुरा हुआ, लेकिन मुझे अब अपने पति से किया वायदा पूरा करना था। “Pati Adla Badli Sex”
इसलिए कुछ दिन के बाद जब कुशाल घर में नहीं था, मैंने उसकी बीबी कंचन को अपने घर बुला कर रोनित के हवाले कर दिया. हालांकि काफी दिनों से कंचन का मन रोनित के साथ चुदाई का आनन्द लेने का था क्योंकि मैंने उसे बता रक्खा था कि रोनित को औरत की चूत चूसने और चाटने का महारत हासिल है।
लेकिन कुछ तो वह शर्माती थी और कुछ वह अपने पति से डरती थी, इसलिए मैंने कुशाल के बाहर ज़ाने पर ही रंगारंग कार्यक्रम का प्रोग्राम रखा था. और कंचन की शर्म दूर करने के लिये मैंने उससे वायदा किया था कि जिस वक्त रोनित उसके साथ चुदाई करेगा, मैं उसके करीब मौजूद रहूँगी।
आपने कभी किसी औरत के बारे में नहीं पढ़ा या सुना होगा कि कोई औरत खुद किसी पराई औरत को अपने पति के बिस्तर पर ले जाकर उन दोनों का यौन सम्बन्ध कराया हो? लेकिन मैंने खुद इस काम को अंजाम दिया. “Pati Adla Badli Sex”
अपनी पड़ोसन कंचन को रोनित के बिस्तर पर ले जाकर मैंने खुद अपने हाथों से बारी बारी उन दोनों के कपड़े खोले, फिर मैं अपने कपड़े भी उतारने लगी। चूँकि मैंने रोनित को बता रखा था कि कंचन को अपनी चूत चुसवाने का काफी शौक है, लेकिन उसका पति कुशाल उसकी चूत चाट कर उसे वह सुख नहीं देता.
अतः कंचन के नंगे होते ही रोनित उसकी कमर की ओर चेहरा करके लेट गया और दोनों हाथ उसके चूतड़ों पर जमा कर उसकी चूत चूसने लगा. फिर उसने अपनी जुबान बाहर निकाली और कंचन की मलाई जैसी त्वचा पर फिराने लगा। “Pati Adla Badli Sex”
चूत पर रोनित की जुबान लगते ही कंचन बेचैन हो गई. वह दोनों हाथों से रोनित के सिर और चेहरे को सहलाने लगी और गांड उचका कर अपनी चूत उसके होंठ पर छुआने लगी। इससे रोनित का जोश बढ़ता चला गया.
उसने कंचन की चूत की सुडौल मोटी मोटी फांकों को अपने मुँह में भर लिया और उन्हें चोकलेट की तरह चबाने लगा। कंचन का चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया, वह अपने पूरे बदन को बुरी तरह तोड़ने मरोड़ने लगी।
मैं औरत होने के नाते उसकी बैचैनी को समझ सकती थी, इस वक्त तक मैंने खुद को भी पूरी तरह नंगा कर लिया था. उसी हालत में मैं कंचन के पास जाकर घुटनों के बल बैठ गई और उसकी चूचियों को हाथ से धीमे धीमे सहलाने लगी। “Pati Adla Badli Sex”
कंचन की चूचियाँ उत्तेजना के कारण पूरी तरह तन गई थी और उसके दोनों निप्पल भी सख्त हो गये थे. मैं झुक कर उसकी चूचियों पर जुबान फिराने लगी, फिर उसके एक निप्पल कों दांतों के बीच रख कर काटने लगी।
हाय माध्वी, कितनी अच्छी है तू! कंचन ने सिसिया कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया – तेरे जैसी प्यारी सहेली मुझे पहले क्यों नहीं मिली?
तभी रोनित का हाथ मेरे कूल्हों पर आ गया और गांड को टटोलते टटोलते उन्होंने एक अंगुली मेरी चूत में घुसेड़ दी. उनकी इस हरकत से मैं भी उत्तेजित हो गई और पलट कर उन्हें देखती हुई बोली : अंगुली से काम नहीं चलेगा डार्लिंग, मुझे तो तुम्हारी तीसरी टांग चहिये, यही मेरी प्यास बुझा पायेगी।
सॉरी, डार्लिंग, मेरी तीसरी टांग की बुकिंग तो आज कंचन ने करवा रखी है, अगर तीसरी टांग से मैंने तुम्हारी सेवा की तो बेचारी कंचन प्यासी रह जायेगी. मैं कुशाल तो हूँ नहीं जो की खुद झड़ने के पहले औरत को दो दो बार झडवा दूँ। रोनित बोले और मेरी ओर देख कर मुस्कुराने लगे। “Pati Adla Badli Sex”
मैं रोनित का यह कहने का मतलब तुरन्त समझ गई, दरअसल कुशाल के साथ चुदाई करने के बाद अपने पति से उसकी मर्दानगी और मजबूती की काफी तारीफ़ की थी. इसी लिये उन्होंने इस समय यह बात मजाक में कही थी लेकिन उनके इस नहले का जवाब मैंने दहले से दिया. “Pati Adla Badli Sex”
मैं बोली – डार्लिंग, तुम कुशाल भले ना हो, लेकिन उससे कम भी नहीं हो. मैं जानती हूँ कि तुम अपनी पर उतर जाओ तो दो क्या, चार चार औरतों को पानी पिला सकते हो।
थेंक यू, मेरी जान, तुम्हारी इस बात ने मेरा जोश दस गुना बढ़ा दिया है। रोनित बोले। अब तुम मेरा कमाल देखो, मैं पहले कंचन को चोदूँगा, फिर तुम्हारी चूत की आग ठंडी करूँगा।
इतना कह कर उन्होंने कंचन की दोनों टांगों को उपर की ओर मोड़ दिया और उसकी चूत को चुटकियों से मसलने लगे। रोनित के मुँह से चूत चटवाने का स्वाद ले चुकने के कारण उसकी चूत पहले ही गीली हो चुकी थी.
अतः कुछ देर हाथ से मसलने के बाद ज्यों ही अपना लौड़ा उसकी चूत में डाल कर चोदना शुरू किया, वह बार बार काँपने लगी। उसकी हालत देख कर मैं समझ गई कि वह ज्यादा देर तक रोनित की मर्दानगी का सामना नहीं कर पायेगी और आखिरकार यही हुआ. “Pati Adla Badli Sex”
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रोनित ने मुश्किल से बारह चौदह धक्के ही मारे होंगे की कंचन बुरी तरह सिसियाती हुई उनसे चिपक गई, उसकी हालत दीवार पर चिपकी छिपकली जैसी दिख रही थी। कंचन को अपने से अलग करने के बाद रोनित ने मेरी जाँघों के बीच आसन लगा लिया. काफी देर तक लौड़ा चूत की आपस की लड़ाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये। “Pati Adla Badli Sex”
उस दिन के बाद से कंचन और मेरा एक दूसरे के पतियों के साथ चुदाई का सम्बन्ध बराबर बना हुआ है. जब भी हम में से किसी का पति किसी काम से बाहर जाता है तो उसकी बीवी दूसरे के पति से अपनी चूत की गर्मी शांत करती है. आपसी सहमति का यह खेल पिछले दो सालों से चल रहा है, केवल कंचन के पति कुशाल इस पूरी हकीकत से अनजान है. वह यही समझता है कि मैंने उसके साथ सम्बन्ध बना रखे हैं, लेकिन उसकी बीवी कंचन बिल्कुल सीधी सादी और शरीफ है।