Aurat Sambhog Ki Pyas
मेरा नाम उन्नति है, विजयनगर से हूँ और यही पर अपनी ससुराल में महात्मा गांधी रोड पर रह रही हूँ। मेरी उम्र 30 साल है और फिगर 34 30 36 है। मेरे चुचे बड़े बड़े और गांड काफी मोटी है। मैं जींस टी शर्ट पहनना पसंद करती हूँ पर कुछ दिनों ने मेरी गांड 36” की हो गयी है इसलिए जींस में मेरे चूतड कुछ जादा ही भडकीले लगते है। Aurat Sambhog Ki Pyas
इस वजह से इन दिनों साड़ी पहनने लगी हूँ। दोस्तों मुझे सेक्स करना और चुदना बहुत पसंद है। चूत और गांड दोनों में अपने हसबैंड का लंड ले चुकी हूँ। इन दिनों अपने भतीजे राजेश से चुदवा रही हूँ सभी घर वालो की नजर से छिपा कर। मेरा टांका कैसे अपने भतीजे से भीड़ गया सब आपको बता रही हूँ।
फ्रेंड्स मेरी शादी को 4 साल हो गये है और एक लड़का मेरे है। जब शादी हुई थी मेरे हसबैंड मुझे देर देर तक चोदकर भरपूर मजा देते थे। मैं तो कई बार मूत मारती थी। मुता मुटाकर हसबैंड जी मुझे चोदते थे। फिर 1 साल बाद मुझे लड़का हो गया और मेरी चूत काफी ढीली हो गयी थी।
अब मेरे हसबैंड का इंटरेस्ट मुझसे कुछ कम हो गया पर मेरे अंदर वही चुदने और सम्भोग करने की प्यास जागी हुई थी। कुछ दिनों बाद मेरे हसबैंड कुछ तनाव में आ गये अपने जॉब की वजह से और अब तो वक्त से पहले ही झड़ जाते थे। वो अब शीघ्रपतन से ग्रस्त हो गये थे।
मेरी चूत में लंड घुसाकर 1, 2 मिनट रगड़ते थे और झड़ जाते थे। मैं इधर प्यासी रह जाती थी। दोस्तों कितना मन करता था की कोई मर्द कम से कम 15 20 मिनट मेरी योनी को चोद डाले, पर ये तो अब बड़ी दूर की बात हो गयी थी। हसबैंड अपने जॉब में हर वक़्त बीसी रहते थे और मेरी तरफ ध्यान नही देते थे। बस 2 मिनट मुझे चोदकर पानी निकालकर अलग हो जाते थे।
किस भी नही करते थे। फिर चादर खींचकर सो जाते थे। मैं इधर चुदने को तड़पती रहती थी। इसी तरह से मैंने 2 साल काट दिए। मेरा बेटा भी अब 2 साल का हो गया। कुछ दिनों बाद मेरा भतीजा(मेरे हसबैंड के बड़े भाई का लड़का) विशेष मेरे घर रहने विजयनगर आ गया। वो मेडिकल की कोचिंग पढ़ रहा था। तो मेरे घर ही रहने लगा और पढाई करने लगा।
विशेष 23 साल का जवान छोरा था। मुझे चाची चाची पुकारता था। मेरे सामने ही रहता था और रोज मैं उसका कसरती बदन देखती थी। इसी बीच उससे चुदने की इक्षा मेरे मन में बलवती हो गयी। पर समस्या थी कैसे विशेष से बात करूं। डरती थी की कही उसने मेरे हसबैंड से सब बोल दिया तो क्या होगा।
मैंने विशेष से चुदने के लिए दिमाग लगाना शुरू कर दिया। वो मेरी वासना और हवस को शांत कर सकता था। मैंने उसकी निगरानी शुरू कर दी की कही से उसके बारे में कुछ पता चला। कुछ दिनों बाद रात के वक्त मैंने विशेष को उसी के रूम में लैपटॉप पर ब्लू फिल्म देखते और मुठ मारते हुए पकड़ लिया।
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“हायययय.. विशेष!! तू विजयनगर पढने आया है की ये सब गंदी हरकते करने आया है??” मैंने चीखते हुए कहा.
मुझे देखकर वो डर के मारे पीला पड़ गया और जब तक वो खुद को सम्भाल पाता उसके लंड ने अपनी पिचकारी छोड़ दी और मेरे सामने ही उसने लैपटॉप के उपर ही अपना माल झाड दिया। मैं उसे आँखे दिखाते हुए बाहर चली गयी और कुछ देर बाद विशेष मेरे पास भीगी बिल्ली बन कर आ गया।
“विशेष!! आज ही तू अपना सामान बाँध दे। तू गाँव वापिस जा रहा है!!” मैं नकली गुस्सा करके बोली.
“चाची!! आई ऍम वेरी सॉरी!! मुझे माफ़ कर दो” विशेष भीगी बिल्ली बनकर बोला.
मैं काफी देर तक तरह तरह से बडबड़ाती रही और आज की हाई टेक पीढ़ी को कोसती रही।
“चाची!! मैं आपकी पूरी गुलाबी करूंगा पर प्लीस चाचा ने कुछ मत कहना। मुझे यही रहने दो” विशेष डरकर सहमकर बोला.
मैंने उसे पास बुलाकर मुझे चोदने को कहा। वो सुनकर दंग रह गया। मैं उसे लेकर सीधा कमरे में चली गयी। मैंने ही उसकी शर्ट पेंट उतार दी और फिर उसका बनियान कच्छा उतार दिया। दोस्तों हल्की ठंड पड़ रही थी इसलिए मैंने अपने और भतीजे विशेष को लिटाकर उपर से रजाई ओढ़ ली। मैंने विशेष के गोरे और सेक्सी जिस्म का दीदार किया।
उसके 5 पैक्स एब कितने सेक्सी दिख रहे थे। बिलकुल स्लिम और ट्रिम दिख रहा था। मैंने विशेष के लंड को हाथ से पकड़ लिया और किसी रंडी की तरह जल्दी जल्दी फेटने लगी। कुछ देर देर में उसका काला नाग जाग गया और फूलने लगा। फिर मैं मुठ पर मुठ देती रही और फिर मेरे हैंडसम भतीजे का लौड़ा 10” लम्बा हो गया। अब जाकर मेरे जान में जान आई।
मैंने और जोर जोर से फेट किया और फिर झुककर विशेष का मोटा लंड चूसने लगी। विशेष “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…चाची!!…..उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगा। मैंने चूस चूसकर उसके लंड को टाईट कर दिया। विशेष का लौड़ा अपना माल छोड़ने लगा और रस बाहर को टपकने लगा।
मैं चुस्ती रही और हाथ से मुठ देती रही। इस तरह से काफी देर तक oral sex करती रही। दोस्तों मेरे भतीजे का लौड़ा तो हसबैंड के लौड़े से जादा लम्बा था। अब मुझे देखना था की भतीजा कितनी देर चलता है। मुझे अच्छे से चोद पाता है की नही या कही ये भी शीघपतन से ग्रस्त तो नही।
“विशेष!! मुझे कुतिया बनाकर चोद बेटे!!” मैंने कहा और फौरन कुतिया बन गयी.
विशेष मेरे पीछे आ गया और मेरे मस्त मस्त 36 इंच के चुतड को देखने लगा।
“क्या देख रहा है??” मैंने पूछा.
“आपके चूतड़ को किस कर लूँ चाची??” वो डरते हुए बोला.
“हा बेटे!! इसमें पूछना है। समझ ये मैं तेरी चाची नही गर्लफ्रेंड हूँ। तू अच्छे से मेरे चूतड़ को पी ले” मैंने बोली आँख मारकर.
मेरा भतीजा तो सेक्सी हो गया और होंठो से मेरी बड़ी बड़ी गांड और चूतड़ पर हाथ घुमा घुमाकर किस करने लगा। मेरे गेंद की तरह पुट्ठो को दांत से काट लेटा तो निशान पड़ जाते। मैं सी सी ई ई करती। इस तरह विशेष ने मेरी दोनों गांड को अच्छे से सहलाया और अपनी कामवासना को हवा दे दी। काफी किस किया उसने।
मैं बिस्तर पर किसी आज्ञाकारी चुदक्कड औरत की तरह कुतिया बनी थी। अपने गले को बिस्तर पर टिकाकर अपना पिछवाडा उठाये थी। विशेष अब मेरी चूत को चाटने में बीसी था। आँखों से चूत को ताड़ ताडकर आनन्द ले रहा था।
उसकी जीभ जब मेरी चूत में लगने लगी तो मैं“ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी। मैं तो जैसे हवा में उड़ रही थी। विशेष मेरे हसबैंड की तरह आज मेरी चूत को किस कर रहा था। अच्छे से चाट रहा था। बड़ा आनन्द आया मुझे।
“अई..अई. .अई… और चाट बेटा!!” मैं बोली.
विशेष भी अब सेक्सी फील करने लगा। काफी किस किया उसके मेरी चूत को। दोस्तों मेरे हसबैंड ने मुझे 3 साल तक काफी चोदा था जिससे मेरे गुलाबी चूत के दोनों होठ काफी बड़े बड़े हो गये थे। विशेष मेरे चूत के सेक्सी कामुक होठो को खींच खींचकर चाट रहा था जिससे मेरी बुर अपना रस छोड़ रही थी।
इसी दौरान मुझे लगा की मैंने कोकीन का नशा कर दिया है। मेरा जिस्म अब सिर से पाँव तक जलने लगा और चुदने को मैं व्याकुल हो गयी। “FUCK Me विशेष!! अच्छे ने मुझे अब चोदो!!” मैं बोल गयी फिर तुरंत ही सोचने लगी की जरुर विशेष अपने मन में सोचेगा की मैं कितनी बड़ी आवारा औरत हूँ।
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विशेष ने अपना 10 इंची और 2 इंची मोटा लंड हाथ से पकड़कर मेरी चूत में घुसा दिया जो थोड़ी मेहनत के बाद आराम से घुस गया। अब विशेष अपनी ट्रेन चलाने लगा। मुझे चोदने लगा। शुरू में मुझे कुछ जादा पता नही चला दोस्तों। क्यूंकि 3 साल मेरे हसबैंड ने मेरी चोद में पेला था।
पर जब विशेष ठोकता ही चला गया तो उसके धक्को की तरंग से मेरे 36 इंच के चूतड़ हिलने लगे। विशेष आराम से लेने लगा और किसी चुदैया व्यक्ति की तरह मुझे ठोंक रहा था। मैं हल्का हल्का“आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” बोलकर मिमियाने लगी।
विशेष धक्के पर धक्के देता रहा। कुछ देर बाद उसके लौड़े से अच्छी स्पीड पकड़ ली और चूत से चटर चटर की आवाजे आने लगी। मैं अच्छे से किसी छिनाल रंडी की तरह सिर को बिस्तर पर टिकाकर कुतिया बनी रही। विशेष मेरे चूतड़ों को हाथ से गोल गोल सहलाता था और मुझे fuck कर रहा था।
मुझे काफी सेक्स प्लेसर मिला दोस्तों। फिर विशेष ने अपना लंड कुछ देर के लिए निकाल लिया और हाफ़ने लगा। मैं भी हांफ गयी थी। विशेष झुक गया और पीछे ने मेरी चूत का रस चाटने लगा। मैं“……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी।
मेरे भतीजे ने मुझे 15 मिनट चोदा था। मैं ख़ुशी से फुले नही समा रही थी। इतने देर में मेरे हसबैंड तो 3 4 बार झड़ गये होते। “शाबाश भतीजे!! अब तेरी मुठ वाली बात को मैं किसी को नही बोलूंगी” मैंने कहा। अब विशेष मेरे गांड के भूरे छेद को ध्यान से देखने लगा।
मेरे हसबैंड मेरी गांड अक्सर चोदते थे इस वजह से थोडा छेद बड़ा था। गांड की सिलवटे विशेष को साफ़ साफ़ दिख रही थी। विशेष झुक गया और अब जीभ लगाकर मेरी गांड के छिद्र को चाटने लगा। मुझे अलग तरह की अनुभूति होने लगी। विशेष तो चाटता ही चला गया। मुझे पुरे बदन में सिहरन होने लगी।
अपनी बीच वाली ऊँगली उसने गांड में घुसानी शुरू कर दी तो मैं “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। अब विशेष की आधी से जादा ऊँगली मेरी कसी गांड के छिद्र में घुस गयी और वो और अंदर घुसाने लगा। मैं यौन आनन्द और सुख में डूब गयी.
“भतीजे!! मेरी चूत में ही एक साथ ऊँगली करो!!” मैंने कहा.
अब विशेष ने दूसरी ऊँगली चूत में घुसा दी और अब तो मैं डबल डबल मजा लेने लगी। इस तरह वो दो दो छेदों में 2 2 ऊँगली चलाने लगा तो मैं तडप गयी और दोनों छेदों में अजीब सी हलचल होने लगी। मैं धैर्य करके कुतिया बनी रही। मेरा भतीजा मेरे साफ और सेक्सी गद्देदार कुल्हे हो बार बार दुसरे हाथ से सहला सहलाकर किस कर रहा था।
इस तरह मुझे जवानी का भरपूर सुख और संतुस्टी दे रहा था। अब विशेष और भी भीसन तरीके से दोनों छेदों में जल्दी जल्दी उगली चलाने लगा जिससे मेरा बदन मरोड़ खाने लगा। बड़ा आनन्द लिया और अब लगा की झड़ जाउंगी। “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”मैं बार बार किये जा रही थी और विशेष तो किसी बदतमीज आदमी की तरह मेरी जवानी का खजाना लूट रहा था।
फिर मैं कापने लगी और पुरे बदन में सुनामी जैसी लहरे उठ गयी। विशेष दोनों छेदों में ऊँगली करता रहा और मैं चूत में झड़ गयी। झीर्र….झिर्र मेरे भोसड़े से अपना पेट्रोल छोड़ दिया। मैं थक गयी और शिथिल पड़ पड़ी। विशेष ने मेरी गांड पर एक लात मारी और मैं दाए तरह गिर गयी। मैं हाफ्ने लगी। “ओह्ह भतीजे!! तू बड़ा चोदू है रे!!” मैंने कहा.
कुछ देर बाद विशेष ने मुझे फिर से कुतिया बना दिया और गांड के छेद में अपने मोटे लंड का टोपा घुसाने लगा जो काफी मोटा था। मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ…हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करनी लगी और अंत में उसने अपना लंड मेरी गांड के कसे छिद्र में घुसा दी दिया। मैं लड़खड़ा गयी और पेट के बल की लेट गयी।
विशेष मजे से बैठ गया और अब मेरी गांड को fuck करने लगा। मैं तो जैसे बेहोश होने लगी। विशेष का लंड 10 इंच लम्बा था जिस वजह से गांड में अंदर तक घुस कर कोहराम मचा रहा था। अब विशेष बड़े से मेरी ass गांड को लेने लगा और मुझे बड़ा आनन्द आने लगा।
हल्का हल्का दर्द भी होता था क्यूंकि मेरे हसबैंड ने कई महीनो ने मेरे साथ गांड में चुदाई नही की थी। विशेष का लंड मुझे तो दिन में तारे दिखा रहा था और चूत में चुदाई से अलग और हटकर अहसास था। “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा—मेरे चूत के राजा और चोद मेरी कामिनी गांड को!! अच्छे से चोदो भतीजे!!” मैं किसी रांड की तरह बडबडाने लगी।
ये सुनकर विशेष और भी हब्सी हो गया और जल्दी जल्दी गांड लेने लगा। मेरे चूतड़ जो रबड़ की बाल की तरह दिख रहे थे उस पर विशेष चांटे जड़ने लगा और फट फट करके मेरी गांड फाड़ रहा था। मैं बिल्ली की तरह मिमिया रही थी। गाय की तरह रम्भा रही थी।
मैं पेट के बल लेटी थी और भतीजा विशेष फट फट मेरे उपर बैठ कर मेरी गांड की पिपिहरी बजा रहा था। जबरदस्त गुदा मैथुन हो रहा था दोस्तों। कुछ देर बाद विशेष ने लौड़ा निकाला और गांड के छेद को खोलकर देखा तो उसे 2 इंच का मोटा खूबसूरत सुराख दिखा। वो झुक गया और फिर से मेरी गांड के छिद्र को चाटने लगा।
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फिर अपने 10 इंची लंड को जड़ से पकड़कर मेरे फुले फूले गद्देदार चूतड़ को पीटने लगा। मैं “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…”करने लगी। विशेष दोनों पुट्ठो को पीटता ही रहा और लाल कर दिया। “साली कुतिया हरामजादी!! अपने मर्द से नही चुदवा पाती है तो मेरे से करवा रही है!!”
विशेष बोला और उसने पास से अपने स्मार्ट फोन को उठाकर विडियो रिकॉर्डिंग करने लगा। “नही भतीजे!! ऐसा मत करो!!” मैं परे परे बोली पर विशेष नही माना। वो सब कुछ काण्ड रिकॉर्ड करने लगा और फिर से मेरी गांड के छिद्र में लंड घुसाकर चोदने लगा। मैं तो टेंशन में आ गयी। विशेष ने मेरे साथ आधे घंटे गांड चुदाई की फिर दोनों चूतड़ पर माल गिरा दिया।
“भतीजे!! वो विडियो डिलीट कर!!” मैं गुस्से से बोली.
“चाची!! क्या दुबारा मेरा लौड़ा नही खाना है???” वो पूछने लगा.
“खाना है” मैं बोली.
“तो इस विडियो के बारे में भूल जाओ। ये मेरी मर्दानगी का सबूत है। इसे अपने दोस्तों को दिखाउंगा। और जब चुदने की तलब लगे तो मेरे पास आ जाना” विशेष बोला. दोस्तों अब तो अक्सर ही दोनों छेदों में उससे सम्भोग करवा लेती हूँ।