Chut Me Dildo
मेरा नाम काजल विश्वकर्मा है। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। मैं अपने सगे पापा से फंस चुकी थी। हुआ ऐसा था की पापा ने पूरे घर में कैमरे लगवा दिए थे। मैं वाराणसी के कॉलेज में पढ़ रही थी। वही पर मुझे शराब और सेक्स की बुरी लत लग गयी थी। Chut Me Dildo
जब मुझे लंड खाने को नही मिलता था तब मैं चूत में ऊँगली कर लेती थी। मैंने कई बड़े डिलडो और वाईब्रेटर भी खरीद लिए थे और जब मुझे चुदाई की तलब होती थी मैं अपनी चूत में डिलडो या वाईब्रेटर डालकर मजा ले लेती थी। गर्मियों की छुट्टियों में मैं जब घर आई तो मुझे नही मालूम था की पापा ने पुरे घर में कैमरे लगवा रखे है।
एक रात जब मैं डिलडो लेकर अपनी चूत चोदने लगी तो पापा ने मुझे देख लिया और मेरे कमरे में घुस जाए। मैं पूरे २० मिनट से अपनी चूत को डिलडो से चोद रही थी। अब मेरा माल छूटने वाला था। पर ना जाने कहाँ से पापा मेरे कमरे में घुसे चले आये। उनको देखकर मैं डर गयी पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पापा के सामने ही मेरा माल छूट गया और कई पिचकारी मेरी पुसी से निकली। मैं बहुत शर्मिंदा थी।
“बेटी काजल…..देखो जो तुम कर रही हो वो गलत है!!” पापा बोले.
“….ओह्ह्ह्ह पापा मैं क्या करती। मुझे चुदाई की बड़ी जोर की तलब लगी थी। अब यहाँ कोई लड़का तो है नही जो मेरी रसीली चूत में लौड़ा दे देता। इसलिए मैं डिलडो का इस्तेमाल कर रही थी!!” मैंने सफाई दी. पर तभी पापा ने मुझे पकड़ लिया और मेरे होठो पर किस करने लगे। मुझे भी अच्छा लग रहा था।
फिर पापा मेरे साथ बिस्तर में ही लेट गये और मेरे रसीले होठ चूसने लगे। आज वो अपनी सगी बेटी को चोदने वाले थे। मैंने कभी सोचा नही था की एक दिन मेरे पापा मुझे बजाएँगे। सायद उनको भी चूत की बहुत तलब लगी हुई थी। मैं पूरी तरह से नंगी थी और अपने बिस्तर पर पड़ी थी पर अब तो पापा भी मेरे साथ आकर लेट गये थे।
उन्होंने मेरे दोनों हाथो को कसके पकड़ रखा था जिससे मैं उनको रोक न सकूं। वो तेज तेज मेरे रसीले और गुलाबी होठ चूस रहे थे। कुछ देर बाद मुझे भी अच्छा लगने लगा और मैं भी पापा के होठ चूसने लगी। कुछ देर बाद उन्होंने मेरे रसीले होठ अच्छे से चूस लिए।
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“बेटी काजल …..चूत देगी???” पापा बोले.
“हाँ जरूर पापा …..क्यूंकि मेरा भी चुदने का बड़ा दिल कर रहा है और यहाँ पर कोई जवान लंड भी नही है!! इसलिए आज मैं आपसे जरुर चुदूंगी!!” मैं बोली.
फिर मेरे पापा ने अपनी शर्ट और जींस उतार दी। फिर बनियान, अंडरवियर और अपने जूते- मोज़े भी उतार दिए और पूरी तरह से नंगे होकर मेरे साथ बिस्तर में आ गये। ये बेड पापा ने मुझे मेरे पिछले बर्थडे पर गिफ्ट किया था। ये बेड बहुत बड़ा और आरामदायक था।
हम बाप बेटी मजे करने लगे। पापा मेरे उपर लेट गये और मेरे नंगे जिस्म को उपर से नीचे तक सहलाने लगे। मुझे मजा आ रहा था। फिर वो मुझ पर झुक गये और मेरे ताजे गुलाब से होठ चूसने लगे। आज मैं अपने सगे पापा से चुदने वाली थी। मैं पूरी तरह से नंगी थी और बहुत ही सेक्सी माल लग रही थी।
फिर मेरे पापा मेरे दूध चूसने लगे। मेरे मम्मे ३४” के थे जो बहुत ही गोल और सेक्सी बूब्स थे। पापा ने अपने दोनों हाथ मेरे बूब्स पर रख दिए थे और धीरे धीरे दबाने लगे थे। मुझे मजा आ रहा था इसलिए मैं“……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करके चिल्लाने लगी। पापा को भी भरपूर मजा मिलने लगा।
वो मेरे रसीले बूब्स दबाने लगे और मुंह में लेकर चूसने लगे। मैं पापा के सिर के बालों में प्यार से अपने हाथ सहलाने लगी। आज मेरे सगे पापा ही अपनी बेटी को चोदने जा रहे थे। आज वो अपनी डाटर को फक करने जा रहे थे। मेरे पापा आज भी जवान थे और ४० साल के हस्त पुष्ट आदमी थे।
मेरे बूब्स पीते पीते उनका लौड़ा खड़ा हो गया था और १२” लम्बा लग रहा था। मेरे मुंह में लौड़ा देखकर पानी आ रहा था क्यूंकि अभी मैं इसी लौड़े से चुदने वाली थी। मैंने अपने हाथ पैर खोल दिए और बेड पर सीधा लेट गयी जिससे मेरे पापा आराम से मेरे रसीले और गोलाकर बूब्स चूस सके।
वो मेरे आम को मजे से चूसने लगे। मेरी माँम घर पर नही थी वरना हम बाप बेटी की चुदाई कभी ना हो पाती। पापा मजे से मेरे बूब्स को मुंह में भरकर चूस रहे थे। मुझे फुल मजा मिल रहा था। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” करके कराह रही थी और मजे ले रही थी। हम बाप बेटी घर पर पूरी तरह से अकेले थे और घर पर कोई भी नही था।
आज मैं अपने पापा से चुदनेवाली थी। मेरी चूचियां ३४” की थी और बहुत बड़ी बड़ी और रसीली थी। पापा ललचा ललचाकर मेरे बूब्स चूस रहे थे। आज अपनी जवान बेटी को देखकर उनको गर्व हो रहा था। फिर मैंने उनको दोनों हाथो से पीठ से कसकर पकड़ लिया और सीने से चिपका लिया। वो मेरे मम्मे चूस रहे थे। मुझे मजा आ रहा था।
“बेटी आज मैं तुझे शीशे के सामने चोदना चाहता हूँ!!” पापा बोले.
“ओके पापा ….आपका जैसे दिल करे वैसे मुझे ठोको!!” मैंने कंधे उचकाकर कहा.
हम दोनों उठकर शीशे के सामने आ गये। मेरे कमरे में एक बहुत बड़ा शीशा लगा हुआ था जहाँ पर मैं मेकप किया करती थी। जैसे ही पापा मुझे शीशे के सामने लाए मैं शर्मा गयी। क्यूंकि मैं पूरी तरह से नंगी थी। मेरे सगे पापा मेरे सामने खड़े थे। मुझे शर्म आने लगी।
मेरे पापा ने मेरी माँम को खूब चोदा था तब जाकर मैं पैदा हुई थी। और आज वो मुझे चोदने वाले थे। आज मैं एक ४० साल के आदमी का मोटा और परिपक्व लंड खाने वाली थी। जब मैं शीशे में खुद को देखा तो मैं झेप गयी और अपनी चूत और दूध को छुपाने लगी।
“नही बेटी…अपनी चूत को मत छिपाओ!! यही तो तुम्हारी असली खूबसुरती है!!” पापा बोले.
सामने शीशे में मेरी चूत साफ़ साफ़ दिख रही थी। सुबह ही मैंने अपनी चूत को क्लीन सेव किया था। मेरी चूत बड़ी गुलाबी गुलाबी थी जो सामने शीशे में दिख रहे थे। पापा ने मुझे पीछे से पकड़ रखा था और अपनी बाहों में भर रखा था।
हम दोनों बड़ी देर तक खामोश रहे और शीशे के सामने खड़े रहे। पापा को मेरी चूत हर हालत में चोदनी थी, मैं ये बात जानती थी। उन्होंने शीशे के सामने ही अपने दोनों हाथ मेरी चिकनी, पतली दुबली और छरहरी कमर में डाल दिए और मेरे झुककर मेरे बाएं गाल पर किस कर लिया। मैं झेप गयी।
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“बेटी…. तुम शीशे में नंगी कितनी अच्छी लगती थी। कितनी मस्त माल लग रही हो। कोई भी लड़का तुम्हारे यौवन पर मर मिटेगा!!” पापा बोले और शीशे के सामने ही मेरी चूत में ऊँगली करने लगे और सहलाने लगे।
“पापा…आप सिर्फ मेरी तारीफ़ कर रहे हो। पर आप भी इकदम अनिल कपूर जितने हॉट और सेक्सी लग रहे हो!!” मैं बोली।
फिर वो मेरे गाल पर किस करने लगे। बड़ी देर तक हम दोनों शीशे के सामने खड़े रहे और एक दूसरे के नंगे जिस्म को देखते और ताड़ते रहे। आज मुझे हर हालत में पापा का मोटा लंड खाना था। उन्होंने शीशे के सामने ही मुझे एक मेज से सहारा देकर खड़ा कर दिया और अपना घुटने के बल नीचे बैठ गये। और मेरी रसीली बुर पीने लगे।
ओह्ह्ह …..मैं बता नही सकती थी की वो सब बहुत आकर्षक था। मैं खुद को शीशे में साफ साफ देख सकती थी। पापा मेरी चूत पी रहे थे। मैं उनके बालों में अपनी उँगलियाँ घुमा रही थी। पापा किसी चुदासे कुत्ते की तरह मेरी चूत चाट रहे थे। मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हममममअहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करके तडप रही थी। ओह्ह कितना मधुर था ये मिलन।
पापा की लम्बी जीभ मजे से मेरी साफ चिकनी चूत को चाट, सहला और पी रही थी। दोस्तों मुझे फुल मजा मिल रहा था। मैं ऐश कर रही थी। मुझे इतना मजा तो डिलडो और वाईब्रेटर से भी नही मिलता। शीशे के सामने ही मैं अपने पापा को अपनी चूत पिला रही थी। इसी बीच मैं यौन उतेज्जना से पागल हुई जा रही थी। और मैंने अपनी एक टांग उपर को उठा दी।
अब तो पापा को और अच्छा मौक़ा मिल गया था मेरी बुर चाटने का। उफफ्फ्फ्फ़….मैं तडप रही थी, काँप रही थी। मुझे झुरझुरी हो रही थी। पापा तो किसी चुदासे कुत्ते की तरह मेरी बुर चाट रहे थे। दोस्तों मैं फुल ऐश कर रही थी। फिर पापा ने मुझे अपने आगे कर दिया और खुद मेरे पीछे खड़े हो गये।
मुझे उन्होंने थोड़ा आगे को झुका दिया और मेरी चूत में अपना १२” लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगे। उफ्फ्फ्फ़…ये पहली बार था जब मैं शीशे के सामने खड़े होकर अपने सगे बाप से पेलवा रही थी। मैं लंड की प्यासी थी और आज कसकर चुदने के मूड में थी। पापा मुझे थोड़ा आगे झुकाकर पका पक पेलने खाने लगे। मैं शीशे के ठीक सामने खड़ी थी, पापा का लंड खा रही थी।
ये बहुत रोमांटिक और जुनूनी था। पापा का लंड तेज तेज मेरी रसीली चूत की कुटईया कर रहा था। मेरे दोनों ३४” के दूध तेज तेज हिल रहे थे। हम बाप बेटी शीशे के सामने खड़े होकर ठुकाई का मजा ले रहे थे। मैं “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” करके चुद रही थी।
पापा ने मेरे दोनों हाथो को कंधे के पास से कसकर पकड़ रखा था और धांय धांय मुझे बजा रहे थे। आजतक मैं खड़े होकर कभी नही चुदवाया था और वो भी शीशे के सामने। दोस्तों पापा मुझे अमेरिकन स्टाइल में ठोंक रहे थे। दोस्तों फुल मजा आ रहा था।
जादातर अमेरिकी ही शीशे के सामने खड़े होकर ठुकाई करते है। कुछ देर बाद तो मैं पापा के लौड़े का माल पूरी तरह से बन गयी और वो मुझे पीछे से गचा गच चोदने लगे। कुछ देर बाद पापा मेरी चूत में झड़ गये। पापा तेज तेज हाफ़ने लगे. “बेटी ….मजा आया???” पापा हाँफते हुए बोले। उनकी सांसें तेज चल रही थी।
मुझे चोदने में उनकी काफी ताकत खर्च हो गयी थी। मैंने उसके माथे पर पसीना साफ़ साफ़ देख सकती थी। उनका चेहरा चुदाई करने के कारण तमतमा रहा था। वो एक स्ट्रोंग मैंन थे। मैं उनका मोटा १२ इंची लौड़ा खा चुकी थी और मजे लूट चुकी थी। मैं उनके लौड़े की दीवानी हो चुकी थी। अब भी उनके लौड़े से माल की बुँदे टपक रही थी।
“हाँ पापा …आपने मेरी चूत खूब बजाई। ओह्ह पापा यू आर सच इ मदरफकर!! यू फक ग्रेट!!” मैं कहा। पापा हंसने लगे।
“पापा …अब मैं आपका लौड़ा चूसूंगी। आप शीशे के सामने ही खड़े रहो!!” मैंने कहा.
पापा शीशे के सामने ही खड़े हो गये। अब मैं जमीन पर बैठ गयी और उनका लौड़ा चूसने लगे। अभी अभी इसी लौड़े ने मुझे जन्नत का मजा दिला दिया था। मैं शीशे के सामने ही जमीन पर बैठकर पापा का लंड चूस रही थी। आज हम बाप बेटी ने सारी हदे पार कर दी थी।
मैंने पापा का लौड़ा हाथ में ले लिया और मुंह में लेकर चूसने लगी। पापा मुझे प्यार कर रहे थे और मेरे सर को अपने हाथ से सहला रहे थी। मैं कोई वेश्या लग रही थी और अपने सगे बाप का मोटा लौड़ा चूस रही थी। मेरे कमरे में लगे शीशे के सामने ही खड़े होकर हम दोनों कांड कर रहे थे।
मुझे मजा आ रहा था। हम दोनों फन कर रहे थे। पापा का लौड़ा बहुत मोटा था। वो ४० साल के हो चुके थे पर लौड़ा आज भी जवान और कसा था। पापा ने अपनी उम्र को थाम दिया था। पापा से वक़्त को चकमा दे दिया था। वो आज भी जवान थे।
उन्होंने शीशे के सामने खड़े होकर मुझे २० मिनट बजाया था। ये कोई छोटी बात नही थी। अब मैं पापा के लौड़े को हाथ में लेकर फेट रही थी और मुंह में लेकर चूस रही थी। उसकी गोलियां तो बहुत बड़ी बड़ी थी जो नीचे को लटक रही थी। मैं पापा के लौड़े को मुंह में अंदर गले तक लेकर चूस रही थी।
“बेटी….मुझे तेरी गांड चाहिए” पापा बोले.
“अभी….??”
“हाँ…” पापा बोले.
उन्होंने मेरे कमरे में रखी बड़ी सी डाइनिंग टेबल को खीच कर शीशे के सामने कर दिया और मुझे उस ऊँची डाईनिंग टेबल पर लिटा दिया। फिर पापा नीचे झुक गये और मेरी गांड के छेद को पीने लगे। मैंने अपने स्कूल में चूत तो खूब मरवाई थी पर आज तक किसी लड़के से गांड नही मरवाई थी। ये मेरा फर्स्ट टाइम था।
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मैं खुद को शीशे में नहीं देख सकती थी क्यूंकि मेरा सिर पापा की तरह था। पर मेरे पापा मुझे शीशे में साफ साफ देख सकते थे। वो इस वक़्त मेरी गुलाबी गांड को अपने गुलाबी होठो से चूस रहे थे और मजा ले रहे थे। मैं अपने चुतड उठा रही थी। फिर पापा ने मेरी गांड पर अपना १२ इंची लौड़ा रख दिया और तेज धक्का मारा। मेरी गांड की सील टूट गयी और उनका लौड़ा अंदर घुस गया। मैं “…….उई—उई—उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” चिल्लाई। धीरे धीरे पापा मेरी गांड लेने लगे। मुझे बहुत दर्द हो रहा था।
पापा मुझे शीशे में देखकर पेलने लगे। मैंने अपने दोनों पैर उपर की तरफ उठा रखे थे। पापा सट सट मेरी गांड चोदने लगे। वो शीशे में देखकर मेरी गांड मार रहे थे। उनको तो मजा आ रहा था, पर मेरी तो गांड फटी जा रही थी। “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” मैं चिल्ला रही थी। पापा ने १ घंटे मेरी गांड चोदी और माल मेरे मुंह पर झार दिया। उस रात के बाद से हम बाप बेटी जब दिल करता है शीशे के सामने खड़े होकर चुदाई कर लेते है और मजे उड़ा लेते है।
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