Bhai Bahan Incest Sex
मेरा नाम राजीव है और में एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता हूँ. मेरा कद 5 फुट 11 इंच है और में बहुत कसरती जिस्म का मालिक हूँ. जिस कम्पनी मे में काम करता हूँ उसकी मालकिन मिस सक्सेना एक 40 साल की महिला है जिसका पति मर चुका है और उसके एक बेटा और एक बेटी है. उसका बेटा माधव मेरा दोस्त है और वो बिल्कुल लड़की जैसा दिखता है. Bhai Bahan Incest Sex
माधव की उम्र कोई 23 साल की है और उसकी बहन श्रृष्टि 20 साल की है. दोनों भाई बहन बहुत सुंदर दिखते है. मिस सक्सेना भी काफ़ी प्रभावशाली औरत है. बेशक माधव की उम्र 23 साल की हो चुकी है, लेकिन उसकी शादी अभी तक नहीं हुई क्योंकि में सक्सेना फेमिली का दोस्त हूँ इसलिए मिस सक्सेना मुझे अपना बेटा ही मानती है.
माधव स्लिम सा लड़का है, बहुत गोरा, गुलाबी होंठ, कद कोई 5 फुट 7 इंच, भूरे बाल और सबसे आकर्षित करने वाली चीज़ उसकी गांड है जो काफ़ी उभरी हुई है. मेरे दोस्त लोग आमतौर पर बातें करते है कि माधव को लड़की होना चाहिए था क्योंकि उसकी गांड चुदने वाली है.
में और माधव एक साथ पढ़ते थे और पढ़ाई के बाद मुझे उसकी माँ ने नौकरी पर रख लिया था. में सक्सेना परिवार का बहुत एहसानमंद हूँ. मेरी माँ एक स्कूल में टीचर है और पिता जी का देहांत हो चुका है. मेरी दीदी रागिनी कॉलेज में पढ़ती है और बहुत सेक्सी है, रागिनी 5 फुट 5 इंच की सेक्सी लड़की है और कई बार लड़के मेरी बहन के कारण एक दूसरे से लड़ाई कर चुके है.
लेकिन मेरी बहन किसी को घास नहीं डालती. रागिनी का जिस्म 36-24-36 है और गोरा रंग, कटीले नेन. वो अधिकतर टाईट जीन्स और टॉप पहनती है जिसमें से उसकी सेक्सी गांड और चूची का उभार देखने को बनता है. बेशक रागिनी मेरी बहन है फिर भी मेरा ध्यान उसके हुस्न की तरफ चला ही जाता है.
एक बार वो अपने रूम मे कपड़े बदल रही थी और दरवाजा लॉक करना भूल गयी और में ग़लती से रूम मे घुस गया. रागिनी बिल्कुल नंगी थी और उसका साँचे में ढला हुआ नंगा जिस्म देखकर मेरी साँस रुक गयी. मेरी बहन की लंबी टाँगें, कसरती जांघे और सपाट पेट देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.
उसने झट से अपने हाथों से अपनी बड़ी-बड़ी चूची को ढक लिया, लेकिन में उससे पहले ही रागिनी दीदी के जिस्म को देख चुका था. फिर में मांफी मांगता हुआ वापस लौट गया, लेकिन दीदी के नंगे जिस्म की तस्वीर ना भुला सका. मेरी बहन का जन्मदिन है और में सक्सेना फेमेली को इन्वाईट करने चला गया.
सबसे पहले मुझे श्रृष्टि मिली श्रृष्टि एक स्लिम सी सेक्सी लड़की है, जिसकी चूची कोई 34 करीब होगी और गांड भी बिल्कुल कसी हुई है और मुझे उसके जिस्म पर कोई भी कमी नहीं दिखती. भूरी आँखें और भूरे बालों वाली श्रृष्टि क़िसी का भी दिल जीत सकती है और में भी उसके हुस्न का आशिक था.
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वो मुझे प्यार की नज़र से कभी-कभी देख लेती थी, लेकिन में उन लोगों के बराबर नहीं था इसलिए में हमेशा श्रृष्टि को बस इज़्ज़त की नज़र से देखता था. मिस सक्सेना ने मेरे इन्विटेशन के बारे मे कहा कि बेटा में तो आ नहीं पाऊँगी, लेकिन माधव और श्रृष्टि रागिनी के बर्थ-डे पर ज़रूर आयेंगे.
ख़ैर अब मेरी बहन के जन्मदिन पर माधव रागिनी पर फिदा हो गया और या यह कहो कि श्रृष्टि मेरी बहन को अपनी भाभी बनाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो गयी. फिर उसने अपने भाई से ना जाने क्या कहा कि माधव बोला कि राजीव मुझे तेरी बहन बहुत पसंद है और में तुझे अपना साला बनाना चाहता हूँ क्या हुस्न है?
तेरी बहन रागिनी का, तू मुझे अपना जीजा बना ले. में सारी उम्र उसको हर खुशी दूँगा और अपनी रानी बनाकर रखूँगा. मुझे ये रिश्ता पसंद था माधव एक ईमानदार लड़का था, सुंदर था, अमीर था. फिर मैंने माँ से बात कि तो वो तुरंत मान गयी, लेकिन अब मिस सक्सेना पर निर्भर करता था कि ये रिश्ता होगा या नहीं.
फिर माधव और श्रृष्टि ने अपनी माँ से बात चलाई तो मिस सक्सेना ने मुझे ऑफिस मे बुलाया. मिस सक्सेना उस वक्त सफेद साड़ी मे अपनी कुर्सी पर बैठी हुई थी. वो बोली कि राजीव बेटा मुझे इस रिश्ते से कोई एतराज़ नहीं है अगर तुम माधव को अच्छी तरह जानते हो, समझते हो और उसको अपनी बहन का सुहाग बनाना चाहते हो तो मुझे ये शादी मंज़ूर है.
लेकिन फिर बाद में मुझे क़िसी बात पर दोषी मत ठहराना. फिर में बोल उठा आपको दोषी, नहीं आंटी, कभी नहीं ? आप तो हम लोगों को इतना प्यार करती है, तो ठीक है हम शादी की तैयारी शुरू करते है. अब रागिनी भी बहुत खुश थी, होती भी क्यों ना? उसको इतना पैसे वाला पति मिल रहा था.
शादी की शॉपिंग मे में और श्रृष्टि भी बहुत काम कर रहे थे और श्रृष्टि भी मेरे नज़दीक आ रही थी, वो बात-बात पर हंस देती मुझे पीठ पर हाथ मारती और कई बार तो गले से लिपट जाती. फिर मुझे लगा कि वो मेरे साथ अपना चक्कर चलाने के मूड में है. ऐसी सेक्सी लड़की के साथ संबंध बनाने मे मुझे क्या एतराज़ हो सकता था?
अब माधव और रागिनी की शादी हो गयी और कुछ दिन के बाद रागिनी हमारे घर वापस आई, लेकिन उसके चेहरे पर कोई खास खुशी नहीं झलक रही थी. मेरा एक दोस्त रागिनी की शक्ल देखकर मुझसे अकेले मे बोला राजीव क्या बात है? रागिनी दीदी खुश नज़र नहीं आती. में तो सोचता था कि शादी के बाद रागिनी दीदी खिल उठेगी, लेकिन ये तो मामला ही कुछ और है.
सच कहूँ तो शादी के बाद जब औरत को खूब अच्छा लंड मिले और खूब ज़ोर से चुदाई हो तो पूरा बदन खिल उठता है. राजीव कहीं माधव जीजा जी के लंड मे तो कोई कमी नहीं है. साले अगर मुझे मौका मिलता तो चाहे में रागिनी को दीदी पुकारता हूँ, लेकिन उसको चोद-चोदकर कली से फूल बना देता.
मुझे मेरे दोस्त की बात पर बहुत गुस्सा आया और मैंने उसको बाहर जाने को कह दिया, लेकिन मेरे दोस्त के शब्द मेरे दिमाग मे टिक गये. फिर अगले दिन दोपहर को में माधव से बात करने गया तो पता चला कि वो गोदाम मे गया हुआ है. गोदाम के बाहर चौकीदार ने मुझे देखा तो बोला साहब अन्दर जाने की क़िसी को इजाजत नहीं है, लेकिन आप तो साहब के साले हो तो चले जाओ.
फिर में अंदर गया तो सारा गोदाम खाली पड़ा था. में मुड़ने ही वाला था की एक कमरे से आवाज़ें आ रही थी, हह्ह्ह्ह ज़ोर से मनीष भाई, ज़ोर से चोदो अपनी रानी को बहुत दिनों के बाद मौका मिला है, आअहह चोदो मुझे मनीष, क्या मस्त लंड पाया है आपने? वाहह मनीष भाई.
ये आवाज़ तो माधव की थी और मनीष हमारी कंपनी मे एक ड्राइवर था, दरवाजा कुछ खुला था और मुझे माधव नग्न रूप मे घुटनों और हाथों के बल झुका हुआ नज़र आया. माधव की गोरी गांड उठी हुई थी और मनीष का कम से कम 7 इंच लंबा और मोटा लंड माधव की गांड में घुसा हुआ था.
मनीष मेरे जीजा को बेरहमी से चोद रहा था और माधव मज़े से लंड अपनी गांड मे ले रहा था. मनीष क़िसी कुत्ते की तरह हाँफ रहा था. फिर मनीष बोला हाँ मालिक जब से आप शादी मे व्यस्त थे, मुझे भी ऐसी गांड नहीं मिली.
अब तो मेरी बीवी भी गांड मरवाने से मना करती है और मुझे गांड के बिना कुछ और अच्छा नहीं लगता. मालिक आप ही मेरी रानी बने रहो, मुझे कोई बीवी नहीं चाहिए. अब माधव भी नीचे से बोला कि मनीष भाई मैंने भी रागिनी से शादी करके यू ही मुसीबत मोल ले ली है, अगर मेरी बहन मुझे ना कहती तो में कभी ये शादी नहीं करता.
लेकिन में अपनी बहन को क्या कहता कि मुझसे ठीक तरह से चुदाई नहीं होगी? या ये कहता कि में रागिनी को क्या चोदूंगा? मुझे तो खुद को अपनी गांड के लिए मनीष भाई का लंड चाहिए. अब में उनकी और बातें सुन नहीं सका और गुस्से से भरा हुआ मिस सक्सेना के रूम में गया.
फिर में बोला आंटी मेरी बहन शादी से खुश नहीं है, माधव तो खुद कहता है कि वो ठीक से चोद नहीं सकता, वो तो खुद गांडू है और इस वक्त गोदाम मे मनीष से गांड मरवा रहा है. आंटी मेरी बहन की तो ज़िंदगी बर्बाद हो गयी ना.
फिर मिस सक्सेना अपनी सीट से उठी और मुझे अपनी बाहों में भरकर सीने से लगाते हुए बोली कि राजीव बेटा मैंने तुझसे कहा था ना कि कल मुझे दोष मत देना. असल में माधव के पिता भी लंड के मामले में कमज़ोर थे, लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि उसको ये गांड कि भी बीमारी है. बेटा निराश मत होना जो करना होगा में करूँगी.
में कभी रागिनी के जज़्बातों का नुकसान नहीं होने दूँगी, आख़िर रागिनी अब हमारे घर की बहू है. में माधव से बात करूँगी और समस्या का हल ढूंढ ही लूँगी और फिर श्रृष्टि भी तो तुझसे शादी करना चाहती है, अब मेरी एक नहीं दो बेटियाँ है श्रृष्टि और रागिनी और जल्द ही माधव तुझसे बात करेगा.
फिर में बोला माधव साला मुझसे क्या बात करेगा? जो करना था वो ठीक से कर नहीं पाया, लेकिन उसी रात माधव ने मुझे एक बार में बुलाया और दो पेग विस्की के पीने के बाद मुझसे बोला यार में जान चुका हूँ कि तुझे मेरे उस शौक के बारे मे पता चल गया है और तुम जानते हो कि मेरे लंड में इतनी ताक़त नहीं है, लेकिन मेरे पास एक बहुत अच्छा सुझाव है अगर कहो तो बोलूं?
फिर मैंने कहा अब क्या सुझाव बचा है मेरी बहन की ज़िंदगी बर्बाद करके? देख राजीव रागिनी की चुदाई तो होगी अगर में नहीं करता तो कोई और करेगा. अब किसी बाहर के आदमी से हो तो घर की इज़्ज़त का क्या होगा? मेरी बात मान लो तुम खुद रागिनी की चुदाई जी भरकर कर लो.
तुम दोनों भाई बहन पर क़िसी को शक भी नहीं होगा और में तुझे अपनी मनाली वाली कोठी की चाबी भी दूँगा जहाँ तुम दोनों अपना हनीमून मना लेना. तुझे भी अपनी बहन के जिस्म का मज़ा मिल जायेगा और अगर भगवान की मर्ज़ी हुई तो रागिनी माँ भी बन जायेंगी और सारे समाज मे में भी बाप कहलाऊंगा.
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फिर कल को तुझे ही तो श्रृष्टि का पति बनाना है. फिर तुम हमारे घर मे रहकर दोनों को चोद सकते हो बोलो मंज़ूर है? लेकिन में रागिनी को कैसे? वो मेरी बहन है, ये कैसे हो सकता है? फिर माधव पेग पीकर फिर से बोला तो हम क्या रागिनी को क़िसी और गैर से चुदने के लिए छोड़ दें? इससे बेहतर होगा कि तुम ही उसकी जवानी के मज़े लूट लो और घर की इज़्ज़त भी बची रहेगी.
फिर में बोला लेकिन अगर मैंने अपनी बहन को स्पर्श भी किया तो वो मुझे जान से मार डालेगी, चोदना तो दूर की बात है. फिर माधव बोला तू उसकी चिंता मत कर कल ही हम तीनों मनाली जायेंगे और में रागिनी को चोदने की कोशिश करूँगा और जब मुझसे चोदा नहीं जायेगा तो वो मुझे गाली देगी और तब तुम आ जाना.
जब चूत जल रही होती है तो रिश्ते नहीं देखती और फिर अपनी बहन की चूत अपने लंड से भर देना, एक बार वो चुद गयी तो सदा के लिए तेरी हो जायेगी. जीजा की बात सुनकर अचानक मेरा लंड खड़ा होने लगा और अपनी बहन को चोदने की इच्छा सच होती नज़र आने लगी.
फिर अगले दिन हम तीनों मनाली की तरफ चल पड़े. रागिनी को उत्तेजित करने के लिए माधव बार-बार उसके जिस्म पर हाथ फेरने लगा. फिर हम दोपहर को शराब पीने लगे, माधव जानबूझ कर मेरे सामने ही रागिनी के साथ सेक्सी बातें करने लगा, जिनको सुनकर रागिनी का रंग लाल होने लगा.
फिर मनाली पहुँचकर माधव बोला राजीव तुम पास वाले कमरे मे सो जाओ और में अभी अपनी बीवी के साथ चुदाई के मज़े लेता हूँ. उसकी बात सुनकर रागिनी शर्म से लाल हो उठी थी. शराब पी होने की वजह से माधव का लंड जो थोड़ा बहुत खड़ा होता था वो भी नहीं हुआ था.
फिर रागिनी गुस्से में चिल्लाने लगी कि माधव बहनचोद अगर लंड में कमज़ोरी थी तो मुझसे शादी क्यों की? साले अब इस जलती हुई चूत को में कहाँ लेकर जाऊं? मादरचोद की औलाद, साले नपुंसक कहीं के. फिर माधव शर्मिंदा हुआ बाहर निकला और बोला राजीव तू अब बस 5 मिनट इंतज़ार करना, फिर अंदर चले जाना तेरा मामला फिट हो जायेगा.
फिर ठीक 5 मिनट के बाद जब मे रागिनी दीदी के रूम मे गया तो मैंने देखा कि रागिनी नंगी पलंग पर लेटी हुई है और जांघे फैलाकर अपनी चूत मे उंगली कर रही थी. सच मानो तो उस समय मेरी बहन कोई कामदेवी लग रही थी. उसकी शेव की हुई चूत से पानी टपक रहा था और वो आँखें बंद किए हुई थी और चूत रगड़ रही थी.
फिर मैंने हिम्मत की और पलंग के पास जाकर उसके नंगे जिस्म पर हाथ फेरने लगा तो उसने झट से अपनी आँखें खोल दी और बोली भैया तुम यहाँ क्या कर रहे हो? जाओं यहाँ से, लेकिन फिर मैंने अपने हाथ उसकी चूची पर रख दिए और रगड़कर बोला दीदी में तुझे ऐसे प्यासी कैसे छोड़ दूँ? आख़िर भाई का भी कोई फ़र्ज़ होता है या नहीं?
अगर जीजा नपुंसक हो तो क्या भाई का फ़र्ज़ नहीं बनता कि अपनी बहन की चूत की आग ठंडी करे, ऐसा मदमस्त जिस्म क्या भगवान हर क़िसी को देता है? दीदी अपनी भारी-भारी चूची, आपकी मस्त चूत जो बेचारी मस्त लंड के लिए तरस रही है और आपकी गांड सब मुझे पागल बना रही है.
दीदी अब मुझे चुदाई से मत रोकना, में अपनी रागिनी दीदी की चूत चोदे बिना आज यहाँ से जाने वाला नहीं हूँ, अगर मुझ पर विश्वास नहीं होता तो अपने भाई का लंड देख लो. फिर मैंने ये कहते ही अपनी पेंट उतार दी और अपना 9 इंच वाला मोटा लंड रागिनी को दिखाते हुए उसके हाथ मे दे दिया.
मेरा मोटा लंड मेरी काली झांटो के बीच में से क़िसी काले नाग की तरह फूंकार रहा था. दीदी अब बताओ कि आपके भाई का लंड मस्त है या नहीं? आपकी मस्त चूत इसको अंदर लेने के लिए मचल रही है या नहीं? अब रागिनी के भाव बता रहे थे कि वो एक पल के लिए झिझकी, लेकिन फिर वासना ने उस पर काबू पा लिया.
फिर मैंने कमीज़ भी उतार दी और कमरे का दरवाजा बंद करने के लिए बढ़ा तो रागिनी बोली कि नहीं मेरे प्यारे भैया दरवाज़ा खुला ही रहने दो, अगर मेरा नपुंसक पति देखना चाहे तो देख ले कि मर्द का लंड कैसा होता है? और जवान औरत की प्यास कैसे बुझाई जाती है? आ जाओ भैया और तोड़ दो मेरी सील, जो शायद आज तक मेरे भैया के लिए ही बची हुई थी.
मेरे भाई आज मुझे अपना बना लो, मुझे इस मस्त लंड से चोदकर पूरी औरत बना लो, आपकी बहन आज से सिर्फ़ आपकी है. फिर में भी रागिनी दीदी की बात सुनकर पूरा जोश में आ गया और अपनी दीदी के होंठों को चूमने लगा. उसके होंठों पर जीभ फेरते हुए उसके नंगे जिस्म से लिपटने लगा.
हमारे जिस्म जल रहे थे और दीदी अभी भी मेरे लंड को पकड़े हुई थी और में उसको चूम रहा था. फिर मैंने बोला कि दीदी तुमने कभी लंड चूसा है? तो दीदी मचलकर बोली कि अभी तक तो नहीं, लेकिन आज अपने भैया का लंड चूसने की इच्छा ज़रूर है. अगर इजाज़त हो तो चूस लूँ? अगर चूस लेती हूँ तो मेरे भैया मेरे सईयां बन जायेंगे.
फिर मैंने दीदी की चूची को चूम लिया और बोला कि देर किस बात की, बना लो मुझे अपना सईयां. फिर दीदी ने झुककर मेरे लंड का टोपा चूम लिया और मेरे अंडकोष थामकर लंड को मुँह में ले लिया. फिर मैंने दीदी के बाल पकड़कर उसका मुँह अपने लंड पर टिका दिया और कमर आगे पीछे करने लगा.
फिर मैंने दीदी को पलंग पर सीधा लेटाकर उसके ऊपर चढ़ गया और अब मेरा मुँह दीदी की लाल चूत पर था और मेरा लंड उसके मुँह में था. हम 69 पोजिशन में एक दूसरे को चाटने लगे. अब दीदी की चूत का रस मुझे बहुत उत्तेजित करने लगा और उसकी चूत फड़फडाने लगी. अब देरी करना फ़िज़ूल था क्योंकि दीदी अब बहुत गर्म हो चुकी थी.
मैंने दीदी से पूछा कि अब चुदाई शुरू करें? तो दीदी बोली हाँ भैया, अब इंतज़ार नहीं होता पेल डालो अपना लंड मेरी चूत में भैया और इस रात को यादगार बना दो. अब दीदी ने शर्म छोड़कर मुझे चोदने का निमंत्रण दिया.
अब मैंने चूत की भीगी हुई फांकों को फैलाकर लंड चूत के मुँह पर टिका दिया और धड़कते दिल से मैंने लंड को एक धक्का मारा और मेरा पूरा टोपा चूत में घुस गया, ओह भैया धीरे से आहह में मर गयी, अहह भैया धीरे से उई माँआआ धीरे से भैया. फिर मेरे लंड को चूत के अंदर गर्माहट महसूस हुई और मैंने धीरे से लंड और आगे बढ़ा दिया.
फिर में दीदी की गांड को थाम कर धीरे-धीरे लंड अंदर पेलने लगा, सच मानों दोस्तों ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं मिला था. दीदी की चूत जन्नत का दरवाजा थी. मेरे लंड पर कसी हुई दीदी की चूत की दीवारें मेरे लंड को सहला रही थी. जब आधे से ज्यादा लंड चूत में घुस गया तो दीदी अपने चूतड़ उठाकर और लंड लेने लगी.
में दीदी के ऊपर सवार था और जन्नत का मज़ा लेते हुए चुदाई करने लगा और चूत की चिकनाहट के कारण अब लंड आसानी से चूत में घुस रहा था. फिर कोई 5 मिनट में लंड पूरा चूत में समा गया. मेरी रानी बहन मेरा लंड पूरा अपनी चूत में ले चुकी थी. मेरी रानी तेरी क्या मस्त चूत है? अहहहह क्या मस्त है मेरी बहना? अब तो दर्द नहीं हो रहा रागिनी रानी?
तो दीदी मज़े से आँखें बंद किए हुए बोली नहीं मेरे राजा भैया, अब तो मज़ा आ रहा है, चोद डालो अपनी लाडली बहना को, शाबाश राजा भैया, पेलो अपना लंड अपनी सजनी की चूत में, अब तो हम भाई बहन सिर्फ़ दुनिया के लिए ही है असल मे तो मेरा भाई मेरा पति है, ऑह्ह्ह्ह मेरे भैया का कितना मस्त लंड है.
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अब दीदी अपनी गांड उठाकर चुदवाने लगी थी और में बहुत जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा. अब पूरा कमरा फ़च फ़च की आवाज़ों से गूँज रहा था और चुदाई का संगीत चारों तरफ था और चुदाई की सिसकियाँ हम दोनों भाई बहन के मुँह से निकल रही थी. मेरा लंड क़िसी पिस्टन की तरह अपनी सग़ी बहन की चूत चोद रहा था. अब हमारे जिस्म पसीना-पसीना हो चुके थे और में आगे झुक कर दीदी के बूब्स चूसने लगा.
दीदी मदहोश हो गई और बोली ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह भैया और चूसो आआआआआ म्म्म्मममममम चोदो मेरे राजा चोदो मुझे, मुझे हर रोज ऐसे चोदना भैया. फिर में दीदी को चोदने लगा और दीदी बेकाबू होने लगी, भैया मुझमे समा जाओ, रोज़ चोदना मुझे, भर दो मेरी चूत अपने लंड से, बना दो मुझे अपनी पत्नी, मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो भैया. फिर लगातार चुदाई के बाद दीदी झड़ गई और वो पूरी तरह से संतुष्ट हो गई थी. अब हम बहुत चुदाई करते है और खूब मजे लेते है.