Sexy Large Dick
दोस्तों मेरे पति का दोस्त मनीष हर शनिवार को मेरे घर आता था। मेरे पति को महंगी इंग्लिश शराब पीना बहुत पसंद था। पति और मनीष दोनों रात में बैठकर शराब पीते थे। मैं ही उन लोगो के लिए शराब ग्लास में निकालती थी। कभी कभी मैं भी पी लेती थी। धीरे धीरे मुझे मनीष अच्छा लगने लगा और मैं उससे पट गयी थी। अब मैं अपने पति को जादा शराब पिला देती थी। Sexy Large Dick
मनीष कई दिन से मुझे चोदने की डिमांड कर रहा था। पर मुझे मौक़ा नही मिल रहा था। 2 दिन बाद फिर से शनिवार की रात आ गयी थी। मेरे पति और मनीष एक ही कम्पनी में काम करते थे। पति ने तो मुझे चोद चोदकर मेरी चूत बिलकुल ढीली कर दी थी। पर दोस्तों मैंने अपनी सेहत को बनाए रखा था।
मैं कभी भी तला भुना या जादा मसालेदार खाना नही खाती थी। मैं हमेशा हरी सब्जियां और जूस लेती थी। इस वजह से मैं बहुत ही जवान और खूबसूरत थी। आज भी मैं कोई 20 साल की जवान लड़की लगती थी। शनिवार की रात आ गयी थी। मेरे पति और मनीष के आने का वक़्त हो गया था।
मैं जल्दी से बाथरूम में भागी और अपनी रसीली चूत की झांटो को मैंने जल्दी से शेव कर लिया। फिर चंदन के साबुन से मैंने अच्छे से नहा लिया। अब मेरा अंग अंग चमक रहा था। मैं कोई मस्त परी जैसी लग रही थी। आज मेरा अपने पति के दोस्त मनीष से चुदने का बहुत मन था।
नहाकर मैंने लाल रंग की अच्छी सी साड़ी पहन ली। मैंने अपने होठो पर लिपस्टिक लगाई और पूरा मेकअप किया। जब मैं रेडी हुई तो मैं बहुत खूबसूरत माल लग रही थी। कुछ ही देर में दरवाजे की घंटी बजी। मैंने दरवाजा खोला। पति मनीष के साथ थे। मनीष मुझे देख के मुस्की मार रहा था।
आज रात वो मेरी चूत को चोदकर उसका धन्यवाद करने वाला था। आज रात मैं मनीष का मोटा लंड खाना चाहती थी। चुदवाने के लिए मैं बिलकुल मरी जा रही थी। “प्रिया बेबी!! उफ्फ्फ आज तुम कितनी हॉट लग रही हो??? जाओ जल्दी से गिलास ले आओ” पति बोले। मैं जल्दी से अंदर गयी और उन लोगो के लिए गिलास ले आई। फिर वो दोनों शराब पीने लगे।
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धीरे धीरे मेरे पति टल्ली होने लगे। उनके दोस्त मनीष ने मेरा हाथ वही पकड़ लिया। “प्रिया! भाभी और कितना तड़पाओगी” मनीष बोला और मुझे उसके अपने सोफे पर खीच लिया और चुम्मा लेने लगा। मुझे भी अच्छा लग रहा था।
मनीष 30 साल का एक जवान मर्द था और कुवारा था। अभी उसकी शादी भी नही हुई थी और मुझे कुवारे मर्द बहुत पसंद थे। मैं मुस्कुराने लगी। मनीष ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे गाल चूमने लगा। “भाभीजान! कब चूत दोगी?? मेरा लंड तो कबसे खड़ा है!!” मनीष बोला.
“मनीष डार्लिंग!! कुछ देर रुको। इन्तजार में जो मजा है वो किसी में नही है!!” मैंने मुस्कुराते हुए कहा। मनीष ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया और मेरी साडी के उपर से ही मेरे मम्मे दबाने लगा। मेरी गांड में उसका लंड चुभ रहा था। क्यूंकि मैं ठीक मनीष के लंड के उपर बैठी थी।
वो मुझे पति के सामने ही किस कर रहा था। मेरे पति नशे में धुत हो चुके थे। कुछ देर बाद वो जाग गये। “प्रिया बेबी!! एक लार्ज ग्लास और बनाओ और आइस भी डाल दो!!” पतिदेव ने आँखे बंद किये ही कहा। मैंने उठने लगी तो मनीष ने मुझे पकड़ लिया और जल्दी जल्दी मेरे गाल पर चुम्मा लेने लगा।
मेरी चूत गीली हो गयी थी। मेरा उससे चुदाने का बड़ा दिल कर रहा था। मनीष ने मेरी साड़ी के पल्लू को गिरा दिया और मेरे ब्लाउस के उपर से मेरे बड़े बड़े 40” के कबूतर दबाने लगा। मैं “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की आवाज निकालने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
“मनीष डार्लिंग!! प्लीस मुझे जाने दो। जल्दी से मैं तुम्हारे भैया को एक लार्ज गिलास पिला दूँ , फिर हम अंदर कमरे में चलकर मजे करते है!!” मैं बोली.
“भाभी!! भैया [मेरे पति] को तो काफी चढ़ चुकी है। तुम बर्फ लेने जाओगी, पर ब्लाउस उतार कर!!” मनीष बोला।
फिर वो जल्दी जल्दी मेरे बूब्स दबाने लगा। धीरे धीरे उसने मेरे ब्लाउस की सब बटन खोल दी। ब्लाउस निकाल दिया। फिर मनीष ने मेरी ब्रा भी खोल दी और निकाल दी। अब मैं उपर से नंगी हो गयी थी। मेरे बड़े बड़े 40” के मम्मे उसे साफ़ साफ़ दिख रहे थे। मनीष ने मुझे पकड़ लिया और किस करने लगा।
मेरे खूबसूरत गोल और बड़े बड़े बूब्स देखकर उसे बहुत मजा आ रहा था। उसने मुझे पकड़ लिया और मेरे नंगे चिकने कंधों पर किस करने लगा। फिर उसने मेरी रसेदार चूचियों को बाहों में भर लिया और सहलाने लगा। मैं “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” की आवाज निकालने लगी।
मुझे बहुत हॉट और सेक्सी फील हो रहा था। आज किसी नये मर्द ने मेरे बूब्स को हाथ में ले लिया था। फिर मैं खड़ी हो गयी और पति देव के लिए आइस ले आई। मैंने एक बड़ा गिलास बनाकर पति को दिया। उन्होंने अपनी आँख नही खोली और पी गये। फिर वो सो गये। उनके दोस्त मनीष ने फिर से मुझे अपनी गोद में बिठा दिया और मेरे मम्मे पीने लगा।
“मनीष डार्लिंग!! चलो कमरे में चलते है। यहाँ पर राज [मेरे पति] जग सकते है” मैंने कहा।
फिर मनीष मुझे लेकर दूसरे कमरे में चला आया। उसने अपने कपड़े निकाल दिए। वो नंगा हो गया। फिर हम बिस्तर पर लेटकर मजे करने लगे। मनीष से मुझे बाहों में भर लिया और किस करने लगा। वो मेरे कंधों और मम्मो को किस कर रहा था। फिर वो मेरे नंगे मम्मे दबाने लगा।
मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। वो मेरे बूब्स को तेज तेज दबा रहा था। मेरे जिस्म में चुदास की आग लग रही थी। मैंने भी मनीष की पीठ को सहला रही थी। वो किसी बच्चे की तरह मेरी चूचियां पी रहा था। मुझे एक अलग सा नशा मिल रहा था। मनीष के दांत मेरे चिकने मम्मो में चुभ जाते थे।
मैं “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” बोलकर चिल्ला देती थी। मेरी साड़ी मनीष ने निकाल दी थी। अब मैं सिर्फ पेटीकोट में थी। वो मेरे उपर लेटकर मेरी रसीली चूचियां पी रहा था। मैंने उसके 9” के लंड को सहला रही थी।
हाय दैया!! कितना मोटा लंड था। मेरे पति के लंड से ३ गुना मोटा लंड था। मेरे तो मुंह में पानी आ रहा था। फिर मैं जल्दी जल्दी मनीष का लंड फेटने लगी। वो मेरी चूचियां पीने में बिसी था। उसने मेरी बायीं चूची को किसी आम की तरह चूस लिया। फिर मेरी दाई चूची को मुंह में ले लिया और पीने लगा।
मेरी चूत से अब माल निकलने लगा था। मैं जल्दी जल्दी अपने पति के दोस्त मनीष की नंगी पीठ को जल्दी जल्दी सहला रही थी। मैं चाहती थी की आज वो पूरी तरह से जोश में आकर मेरी चूत का धन्यवाद करे और उसे कसके चोद चोद कर फाड़ दे। मैं यही चाहता थी।
मनीष अब भी मेरी चूचियों को मसल रहा था और चूस रहा था। मैं उसके सिर को अपने बूब्स की तरह दबा देती थी जिससे पुरी चूची उसके मुंह में घुस जाए। आज मैं ऐश कर रही थी। कुछ देर बाद मनीष ने मेरा पेटीकोट खोल दिया और पेंटी भी निकाल दी। मेरी चूत से बहुत सारा सफ़ेद माल बाहर निकल आया था।
फिर मनीष ने मेरी टांगों को खोल दिया और मेरी चिकनी चमेली चूत को पीने लगा। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की सेक्सी आवाजे निकालने लगी। मेरी चूत में ज्वालामुखी आ चुका था। मेरी चूत किसी परमाडू भट्टी की तरह धधक रही थी।
मनीष मेरी रसीली चूत का सारा माल पी रहा था। वो मेरी चूत को अच्छे से पी रहा था। मेरे चूत के दाने को मनीष जल्दी जल्दी घिस रहा था। मैं बांवली हो रही थी। “माँ के लौड़े….तेरी बहन की चूत….तेरी माँ की चूत….चाट और चाट मेरी चूत को! और अच्छे से पी मेरी चूत!!” मैंने मनीष से कह रही थी।
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फिर वो और जल्दी जल्दी मेरी बुर पीने लगा। मैं बार बार अपनी कमर और गांड हवा में उठा रही थी। मैं बेकाबू हो रही थी। मुझे बेचैनी हो रही थी। मनीष तो बड़ा जालिम निकला। वो किसी चुदासे कुत्ते की तरह मेरी चूत जल्दी जल्दी पी रहा था। मैं पागल हो रही थी। बड़ी देर तक ये खेल चला।
मनीष ने 20 मिनट मेरी चूत पी और चुसी। फिर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगा। मैंने खुद को उसके हवाले कर दिया। मनीष मेरी रसीली चूत में ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा। मैं ऐश कर रही थी। आज मैं किसी गैर मर्द का मोटा लंडखा रही थी।
इससे पहले कभी मैंने 9” का मोटा लंड नही खाया था। मनीष मुझे जल्दी जल्दी चोदने लगा। मुझे भरपूर मजा मिल रहा था। “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… मनीष चोदो चोदो…. आज मेरी चूत फाड़ फाड़कर इसका भरता बना डालो जाननननन….” मैंने जोश में आकर कहा।
फिर मनीष मेरी चूत में और जादा चौके चक्के मारने लगा। मुझे सेक्स का अजीब सा नशा चढ़ गया था। आज मैं अपने ही घर में एक गैर मर्द से चुदा रही थी। मनीष मेरी चूत को फाड़ रहा था। वो मेरी चूत का चबूतरा कर रहा था। मुझे मजा आ रहा था। फिर मनीष ने मेरे कंधों पकड़ लिए और मेरे उपर झुक गया।
उसके बाद दोस्तों उसने 20 मिनट तक किसी सेक्सी रंडी की तरह चोदा। मैं “….आआआआअह्हह्हह… अई…..अई….ईईईईईईई मर गयी…मर गयी….मर गयी….मैं तो आजजजजज!!” चिल्ला रही थी। फिर मनीष मेरी रसीली चुद्दी [चूत] में ही झड गया। हम दोनों के पसीने छूट गये थे। वो मेरे उपर गिर गया।
मैं पसीना पसीना हो गयी थी चुदाकर। फिर हम किस करने लगे। बड़ी देर तक मैंने उसके होठ चूसे। “मनीष!! आज तो तुमने मेरी चूत फाड़ दी और इसका चबूतरा बना डाला!!” मैंने कहा “प्रिया भाभी!! मैं जिस औरत को अपने 9” लंड से पेलता हूँ वो मेरी इसी तरह तारीफ करती है!!”
मनीष बोला “भाभी! क्या तुम और भी मर्दों से चुदवा लेती हो???” मनीष बोला “नही !! जो मर्द मुझे बहुत पसंद आते है सिर्फ उसने ही मैं चुदाती हूँ” मैंने कहा उसके बाद मैं बिस्तर से नीचे उतर आई और फर्श पर खड़ी हो गयी। मनीष भी नीचे उतर आया। वो मेरे गोल मटोल चुतड को सहलाने लगा।
फिर उसने कई बार मेरे पुट्ठो पर कस कसे चांटे मारे। चट चट की आवाज कई बार आई। मेरे पुट्ठे लाल हो गये। “जाओ प्रिया भाभी!! एक गिलास ड्रिंक बना लाओ आइस के साथ!!” मनीष बोला। मैं किसी देसी रंडी की तरह अपने कुल्हे मटकाते हुए गयी और शराब की गिलास लेकर मैं ड्रिंक बनाने लगी। तभी मेरे पति जाग गये।
“प्रिया!! तुम नंगी कैसे हो?? कहीं तुम मनीष से चुदवा तो नही रही हो???” मेरे पति राज बोले.
“जान !! मैं नंगी कहाँ हूँ। मैं तो कपड़े पहनी हुई हूँ। लो तुम शराब पियो!!” मैंने कहा और पति को एक गिलास और शराब पिला दी। पति फिर से टल्ली हो गये। मैं जाम बनाकर अंदर कमरे में आ गयी। मनीष को अपने हाथ से मैंने जाम पिलाया। थोड़ी शराब मैंने भी पी। फिर हम दोनों किस करने लगे। मनीष सीधा लेट गया।
“प्रिया भाभी!! प्लीस मेरा लंड चूसो!!” मनीष बोला.
मैंने इतना बड़ा लौड़ा आज तक नही देखा था। मनीष का लंड तो किसी गधे के लंड की मोटा और लम्बा था। मैंने डरते डरते लंड हाथ में लिया। मैं सहमकर उसका लंड हाथ में लेकर फेटने लगी और जल्दी जल्दी अपने हाथ को उपर नीचे करने लगी। मन ही मन में मेरे दिल में लड्डू भी फूट रहा था की ये रसीला लंड आज मुझे चोदेगा और खूब मजा देगा।
ये सब सोचकर मैंने मनीष का लंड मुंह में ले लिया और किसी लोपीपॉप की तरह चूसने लगी। कुछ देर बाद मुझे भी मजा आने लगा। किसी रंडी छिनाल की तरह मैं मनीष का लंड चूस रही थी। लंड पर जल्दी जल्दी मैं सिर हिला रही थी मुंह में लेकर। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं मनीष के लंड से मंजन करने लगी। गले के आखरी छोर तक मैं उसके मीठे और रसीले लंड को मुंह में लेकर चूस रही थी। मनीष “……आआआआअह्हह्हह….. हा हा हा..ओ हो हो…..” कर रहा था।
मुझ जैसी खूबसूरत औरत के रसीले होठ से लंड चुस्वाने का सौभाग्य आज उसको मिल रहा था। ये बहुत ही बड़ी बात थी।
फिर मैंने अपने मुंह से उसका लौड़ा निकाल दिया। मेरे मुंह में २ ४ चम्मच माल छूट गया था। मैं पी गयी। मुझे मजा आ रहा था। मैं मनीष के लंड से खेलने लगी। अपने चेहरे पर लंड से प्यार भरी थपकी लेने लगी। मनीष के 9” इंची लंड तो मेरे चेहरे के जितना लम्बा था। वो अपने रसीले लौड़े से मेरे चेहरे की लम्बाई नाप सकते था।
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फिर मनीष भी अपने मोटे लौड़े से मेरे चेहरे को मारने लगे। मैं उसकी गोलियां चूसने लगी। आज तो मैं किसी रंडी छिनाल की तरह बर्ताव कर रही थी। मैं ४० मिनट तक मनीष का रसीला लंड चूसा। उसके बाद उसने मुझे कुतिया बना दिया। फिर मनीष जोर जोर से मेरी बुर में ऊँगली करने लगा और जल्दी जल्दी मेरी चूत फेटने लगा। मेरी चूत बड़ी पनीली हो गयी थी, क्यूंकि मनीष उसको जल्दी जल्दी फेट जो रहा था।
कमरे में मेरी चूत को फेटने की पनीली फच फच करती आवाज आ रही थी जैसे कोई पानी में चीनी घोलकर शरबत बना रहा है। मैं ये सब बर्दास्त नही कर पा रही थी। मैं जल्द से जल्द चुदवाना चाहती थी। “…उई..उई..उई…. माँ…माँ….ओह्ह्ह्ह माँ….अहह्ह्ह्हह..” मैं चिल्ला रही थी। मैं कुतिया बनकर मनीष से चूत में ऊँगली करवा रही थी। मैं जानती थी की मुझसे बड़ी छिनाल इस दुनिया में दूसरी नही मिलेगी। दोस्तों, ये बात मैं अच्छी तरह से जानती थी। फिर मनीष ने मुझे कुतिया बनाकर पीछे से मेरी चूत एक बार फिर से चोदी।