XXX Desi Chudai
बात आज से 5 महीने पहले, अप्रैल की है। मैं हरियाणा से हूँ और एक प्राइवेट कंपनी में कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता हूँ। हमारी कंपनी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और डेटा एंट्री का काम करती है। हमारी कंपनी फर्स्ट फ्लोर पर है और इसके ठीक सामने सी आई डी डिपार्टमेंट (प्राइवेट पुलिस) का ऑफिस था। XXX Desi Chudai
उसमें एक ऑफिसर रोज़ हमारे पास आता था—कभी पेपर लेने, कभी फाइल लेने, तो कभी कुछ और लेने। इस तरह कई दिन बीत गए और हल्के-फुल्के मज़ाक के साथ हमारी दोस्ती हो गई। एक दिन उसने कहा कि उसकी बेटी एम.एससी. कर रही है और उसे कंप्यूटर के बारे में कुछ पूछना है।
उसने मुझे अपना पता देकर रात को ऑफिस के बाद 8 बजे अपने घर आने को कहा। मैं रात को उसके घर गया। घर जल्दी ही मिल गया। लगभग 8:30 बजे मैंने डोरबेल बजाई। उसकी बेटी ने दरवाज़ा खोला। उसे देखकर मैं तो बस देखता ही रह गया। वह लाल टी-शर्ट और सफेद लोअर में किसी अप्सरा की तरह लग रही थी। मेरे होश उड़ गए। मैंने ऐसी लड़की पहले कभी नहीं देखी थी।
उसने कहा, “हैलो मिस्टर, क्या बात है?”
मैं हड़बड़ाते हुए बोला, “आपके पापा ने बुलाया था।”
वह बोली, “वो तो घर पर नहीं हैं, बाद में आना।”
मैंने कहा, “मैं कंप्यूटर के बारे में बात करने आया हूँ।”
तभी उसने कहा, “अंदर आ जाओ।”
तभी उसके पापा का फोन आया। उसने फोन पर बात की और मुझे बताया कि उसके पापा ने कहा कि वे लेट आएँगे, मेरी समस्याएँ समझ लो और कल सॉल्व करवा देना। तभी उसकी माँ आ गईं। उनकी उम्र कोई 40-45 साल होगी, लेकिन वे 30-32 से ज्यादा नहीं लग रही थीं। मेरी तो हालत खराब हो गई।
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उन्होंने कहा, “पहले चाय पी लो।”
मैंने कहा, “मैं चाय नहीं पीता।”
उनकी माँ बोलीं, “दूध पी लो।”
मैंने कहा, “वो तो पी लूँगा।”
तभी उनकी बेटी हँसते हुए बोली, “डंडा पियोगे, गर्म?”
मैंने कहा, “गर्म में ज्यादा मज़ा आता है, पर आप ठंडा पिला दो।”
वह अपनी माँ को किचन में कुछ कहने गई। मैंने उसका कंप्यूटर ऑन किया और उसकी समस्याएँ देखीं। तभी उसकी माँ ठंडा दूध लेकर आ गईं। मैं कभी उसकी समस्याएँ देखता, कभी उसे। फिर मैं वहाँ से चला आया। अगले दिन शाम को मैंने उसके घर जाकर उसकी समस्याएँ सॉल्व कर दीं और रोज़ शाम 7 बजे उसे ट्यूशन देने लगा।
एक महीने बाद उसके एग्जाम हो गए और फिर मैं उससे नहीं मिला। काफी दिनों बाद उसका फोन आया कि उसका बर्थडे है और मुझे रात 12 बजे उसकी पार्टी में आना है। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या गिफ्ट लूँ। फिर मैंने अपनी एक दोस्त से पूछा, तो उसने कहा, “डीयोडेंट और चॉकलेट का गिफ्ट दे दो।”
मैं वही लेकर उसकी पार्टी में गया। वहाँ उसके कई दोस्त थे। वह मिनी स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप में बहुत सेक्सी लग रही थी। मैंने उसे गिफ्ट दिया और थोड़ी देर बाद वहाँ से चला आया। शाम को उसका थैंक्स का फोन आया। मैंने कहा, “मुझे अलग से ट्रीट चाहिए।”
वह बोली, “जब मर्जी ले लेना।”
मैंने अगले दिन का समय फिक्स कर लिया। वह अकेले ट्रीट देने आई।
मैंने कहा, “कल तो तुम पटाखा लग रही थी।”
वह बोली, “पटाखा क्या होता है?”
मैंने कहा, “बहुत सेक्सी लग रही थी।”
वह शरमाकर मुस्कुरा दी। फिर उसने पूछा, “आज कैसी लग रही हूँ?”
मैंने कहा, “आज तो नॉर्मल हो।”
वह स्माइल पास करने लगी। फिर हमारा मिलने का सिलसिला शुरू हो गया। एक दिन उसके पापा का फोन आया, “फौरन घर आ जाओ, मुझे सब पता चल गया है।” मेरी तो हालत खराब हो गई। मैं सोचने लगा कि अब क्या होगा। मैं कुछ देर में उसके घर गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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उसके पापा ने दरवाज़ा खोला और बोले, “मुझे सब पता चल गया है।”
मैंने कहा, “क्या सर?”
वे बोले, “तुम्हारी मेहनत ने इसे टॉप करवा दिया।”
यह सुनकर मेरी जान में जान आई। फिर मैं कुछ देर रुककर वहाँ से चला गया और उसे फोन करने को कहा। अगले दिन उसका फोन आया।
मैंने कहा, “ट्रीट?” वह बोली, “ले लो।”
मैंने शाम का मूवी देखने का प्रोग्राम बनाया। हम मूवी देखने गए। हॉल में ज्यादा भीड़ नहीं थी। हमने लास्ट रो में कॉर्नर सीट ले ली। मूवी में एक किस सीन आया।
मैंने कहा, “कितने मज़े से ले रहे हैं।”
वह बोली, “आप भी तो लेते होंगे।”
मैंने कहा, “अभी तक तो लिया नहीं, अगर तुम दो तो ज़रूर लूँगा।”
उसने कोई जवाब नहीं दिया और मूवी देखने लगी। थोड़ी देर बाद हिम्मत करके मैंने उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया। उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैंने उसके सिर पर हाथ फेरना शुरू किया।
वह बोली, “क्या कर रहे हो?”
मैंने कहा, “कुछ नहीं।”
फिर हिम्मत करके मैंने कहा, “एक किस दे दो।”
वह बोली, “फिर कभी।”
कुछ दिन बाद उसका फोन आया, “आज घर आ जाना, मैं अकेली हूँ।”
मैंने कहा, “एक शर्त पर आऊँगा, किस दोगी तो।”
वह बोली, “ठीक है।”
मैं उसके घर गया। वह सूट पहने हुए थी। कुछ देर बात करने के बाद मैंने कहा, “किस?”
वह बोली, “कुत्ते की पूँछ 12 साल में भी सीधी नहीं होती।”
फिर बोली, “सिर्फ आज दूँगी, फिर नहीं।”
मैंने कहा, “ठीक है, आज तो दे।”
वह मेरे पास आई। मैंने उसे पकड़कर अपनी गोद में बिठाया और किस करने लगा। उसे भी मज़ा आने लगा। मैंने धीरे से अपना हाथ उसके स्तनों पर रखा। उसने कुछ नहीं कहा। फिर मैं हल्के-हल्के दबाने लगा। तभी डोरबेल बजी। हम ठीक हो गए। उसकी मम्मी वापस आ गईं। उन्हें देखकर मैं दंग रह गया।
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उन्होंने पूछा, “कब आए?”
मैंने कहा, “बस 5 मिनट हुए हैं।”
वे बोलीं, “कोई काम था?”
मैंने कहा, “नहीं, यहीं से जा रहा था, तो आपसे मिलने आ गया।”
उन्होंने कहा, “कुछ लोगे?”
मैंने कहा, “पानी दे दो।”
पानी लिया और थोड़ी देर बाद मैं चला आया। फिर हम एक-दो बार मिले, लेकिन उसने किस नहीं दी। फिर मैंने उसे बताया कि मेरा बर्थडे है।
वह बोली, “पार्टी?” मैंने कहा, “जहाँ चाहो, वहाँ ले लो।”
वह बोली, “हमारे कॉलेज का ट्रिप मंसूरी जा रहा है, तुम भी वहाँ आ जाओ, वही सेलिब्रेट करेंगे।”
मैंने ऑफिस से 4 दिन की छुट्टी ले ली। ट्रिप के 2 दिन पहले उसका फोन आया, “क्या गिफ्ट लोगे?”
मैंने कहा, “मुझे गिफ्ट नहीं चाहिए।”
वह बोली, “कुछ तो लो।”
मैंने कहा, “मंसूरी जाकर ले लूँगा।”
उसने कहा, “मैं समझ गई, ले लेना।”
हम मंसूरी चले गए। रास्ते में मेरी कार खराब होने की वजह से मैं रात को लेट पहुँचा, इसलिए उस रात मैं उससे नहीं मिल पाया। अगले दिन मेरा बर्थडे था। मैं उससे मिला और दोपहर को मिलने का प्लान हुआ। दोपहर को वह ब्लैक सूट में मेरे रूम में आई। हमने वहाँ कुछ स्नैक्स और कॉफी ऑर्डर की।
इसके बाद वह बोली, “अपना गिफ्ट नहीं लेना?”
मैंने कहा, “दिन में नहीं, रात को तुम मेरे साथ सोना, तभी लूँगा।”
वह नहीं मानी और बोली, “लेना है तो ले लो, वरना मैं जा रही हूँ।”
मैंने कहा, “ठीक है, मैं भी जा रहा हूँ, लेकिन मुझे दोबारा कभी कॉल मत करना, हमारी दोस्ती खत्म।”
वह चली गई। मैं बहुत अपसेट हो गया। थोड़ी देर बाद वह अपनी सहेली के साथ मेरे रूम में आई।
उसकी सहेली बोली, “आप रात को यहाँ रुकोगे? अगर चेकिंग हो गई तो दिक्कत हो जाएगी।”
मैंने कहा, “उसकी जिम्मेदारी मेरी है।”
उसकी सहेली बोली, “ठीक है, रात को 11 बजे आएगी, लेकिन सुबह 6 बजे वापस भेज देना।”
मैंने कहा, “ठीक है।”
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उसके सामने ही वह मुझसे गले लगी और सॉरी बोलने लगी। मैंने उसे जोर से दबाया। उसके स्तन मेरी छाती से दबने लगे। जाते-जाते मैंने दरवाजे पर उसकी गांड में उंगली की। वह बोली, “नॉटी।” रात को 11 बजे वह पिंक नाइट गाउन में आई। उसे देखकर मेरा मन हुआ कि अभी इसे चोद दूँ, लेकिन ऐसा नहीं कर सकता था। हम सोफे पर बैठ गए। वह मेरे पास थी और बोली, “किस नहीं लेना?”
मैंने कहा, “मेरी गोद में आकर दे दो।”
वह मेरी गोद में आ गई। मैं उसे किस करने लगा, उसकी जीभ चूसने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने अपना हाथ उसकी चूची पर रखा।
वह बोली, “ये नहीं।”
मैंने कहा, “क्या?”
वह बोली, “इन्हें मत दबाओ।”
मैंने कहा, “इसके बिना किस में मज़ा नहीं आता।”
वह फिर किस करने लगी। किस करते-करते मैंने उसके गाउन के ऊपर से उसकी चूची दबाई। फिर मैंने गाउन के अंदर हाथ डालकर उसकी ब्रा के ऊपर से चूची दबाने लगा। जब उसने मना नहीं किया, तो मैंने गाउन के बटन खोल दिए। वह बोली, “ये क्या कर रहे हो?”
मैंने कहा, “कुछ नहीं।” वह मना करती रही, फिर मान गई। मैंने उसके गाउन के बटन खोल दिए और ब्रा के ऊपर से उसकी चूची दबाने लगा। उसे मज़ा आने लगा और वह “आह्ह… आह्ह…” की आवाज़ें निकालने लगी। मैंने उसकी पैंटी पर हाथ रखा तो वह पूरी गीली हो चुकी थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर मैंने पैंटी में हाथ डालकर उसकी चूत सहलाने लगा। वह मस्त हो गई और “आह्ह… ओह्ह…” की आवाज़ें निकालने लगी। तभी मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। वह और मस्त हो गई। मैं उंगली आगे-पीछे करने लगा। कुछ देर में वह झड़ गई और हँसने लगी।
उसने कहा, “बहुत मज़ा आया।”
मैंने कहा, “अब बेड पर चलें।”
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वह नाइटी पहनने लगी। मैंने कहा, “इसे छोड़, ऐसे ही सोते हैं।” मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए और अंडरवियर में था। मेरा लंड खड़ा था। उसे देखकर वह हँसने लगी। हम बेड पर आए और फिर से किस करने लगे। किस करते-करते मैंने उसकी ब्रा उतार दी। उसने कुछ नहीं कहा।
मैं उसकी चूची चूसने और दबाने लगा। वह “ओह… ओह… आह्ह…” कर रही थी। फिर मैंने उसकी चूत में उंगली करने लगा। वह बोली, “तुम तो मुझे मार डालोगे।” मैंने उसकी पैंटी उतारकर उसकी चूत चाटने और उंगली करने लगा। वह फिर झड़ गई और हँसने लगी। उसने कहा, “तुम तो बहुत एक्सपर्ट हो।”
फिर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपना अंडरवियर उतारकर कहा, “तुम्हारा खिलौना ये है, इससे खेलो।” वह बोली, “ये तो बहुत मोटा और लंबा है।” मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने लंड पर रख दिया। वह उसे सहलाने लगी। मेरा वीर्य निकलने वाला था। मैंने कहा, “इसे चूसो।” वह उसे किस करने लगी।
मैंने उसके मुँह में डाल दिया। वह लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। फिर मेरा वीर्य उसके मुँह में निकल गया। उसने सारा वीर्य पी लिया और चाटकर मेरा लंड साफ कर दिया। फिर हम बातें करते रहे और मैं उसकी चूची से खेलता रहा। थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर खड़ा हो गया।
मैंने कहा, “अब मैं इसे तुम्हारी चूत में डालूँगा।”
वह बोली, “मैं अभी तक कुंवारी हूँ, कुछ हो गया तो?”
मैंने उसे समझाया कि कुछ नहीं होगा। फिर वह मान गई। मैंने उसे नीचे लिटाकर अपना लंड उसकी चूत के छेद पर रखा और धक्का मारा। मेरा लंड थोड़ा सा अंदर गया और वह चिल्लाने लगी, “आह्ह… फट गई।” मैं उसे किस करता रहा और उसकी चूची दबाता रहा।
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जब वह रिलैक्स हुई, तो मैंने धक्का लगाकर सारा लंड उसकी चूत में डाल दिया। वह चिल्लाती रही, “आह्ह… ओह्ह… मार डाला, लंड बाहर निकालो।” मैं उसे किस करता रहा। कुछ देर बाद जब वह रिलैक्स हुई, तो मैं धक्के मारने लगा। वह अपनी गांड उछाल-उछालकर मज़े लेने लगी। थोड़ी देर बाद वह बोली, “मुझे कुछ हो रहा है, तेज़-तेज़ करो।” फिर एकदम उसने मुझे जोर से पकड़ लिया। मैं धक्के लगाता रहा। फिर मैं भी झड़ने वाला था। मैं झड़ गया और वह भी। हम एक-दूसरे से चिपक गए और किस करते रहे। सारी रात मैंने उसे 5 बार चोदा।
सुबह उसे चला नहीं जा रहा था और उसे बुखार भी हो गया। जब उसने बेडशीट देखी, तो वह खून से लाल हो चुकी थी। वह बोली, “तुमने तो मुझे फाड़ दिया।” सुबह 6 बजे मैंने उसे किस करके भेज दिया और सो गया। 10 बजे उसकी सहेली मेरे रूम में आई और बोली, “क्या बात है, सारी रात उसे छोड़ा नहीं, उसे बहुत दर्द हो रहा है।” मैं उसे देखने गया। वह मुझे देखकर हँसने लगी। मैंने डॉक्टर से बात करके उसे कुछ पेनकिलर दिलवाए। फिर हम वापस आ गए। इसके बाद हमें दोबारा ऐसा मौका नहीं मिला।
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