Bhai Bahan Pela Peli
ये बात उस समय की है जब मैं 18 साल का था। मेरी बड़ी बहन, जिसका नाम सुनयना है, वो 22 साल की थी। हमारा घर मध्यमवर्गीय था, जिसमें दो कमरे थे। घर में हम छह लोग थे—पिताजी, माँ, फिर बड़ी दीदी जिनकी शादी हो चुकी थी, फिर सुनयना और मैं। इकलौता भाई होने के कारण मैं सबका लाडला था। Bhai Bahan Pela Peli
बड़ी दीदी की शादी के बाद माँ और पिताजी एक कमरे में सोते थे, और मैं और सुनयना दूसरे कमरे में। मेरी बहन का फिगर 34-26-34 था और वो बहुत आकर्षक थी। मैं उसे सोचकर अक्सर हस्तमैथुन करता था और उसे अपनी कल्पनाओं में देखता था। मैं बहाने से कभी उसकी छाती को छू लेता या कभी उसकी कमर पर हाथ फेर देता।
एक बार माँ और पिताजी मामा की बेटी की शादी में गए हुए थे। घर पर मैं और सुनयना अकेले थे। मुझे मौका मिल गया था सुनयना के साथ नजदीकी बढ़ाने का। मैंने योजना बनाई और कहा, “सुनयना, मेरे सिर में दर्द हो रहा है।” वो मेरे सिर को दबाने लगी।
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रात का समय था, सोते वक्त वो मेरे बिस्तर पर आ गई और मेरे सिर को अपनी गोद में रखकर दबाने लगी। सिर दबाते समय मेरा चेहरा उसकी छाती के पास आ गया। मैंने अपना मुँह थोड़ा आगे बढ़ाकर अपने होंठ उसकी छाती से सटा दिए। थोड़ी देर बाद वो बोली, “तू सोने की कोशिश कर, मैं लाइट बंद करती हूँ। मैं तेरा सिर दबाती हूँ, तू सो जा।”
ये कहकर उसने लाइट बंद की और मेरे पास आकर बगल में लेट गई। उसने कहा, “मैं तेरा सिर दबाती हूँ, तू सो जा। जब तू सो जाएगा, मैं अपने बिस्तर पर चली जाऊँगी।” मैंने सोने का नाटक शुरू किया और करवट लेकर लेट गया। सुनयना अपनी कोहनी के बल लेटकर मेरा सिर दबाने लगी।
अब मेरा मुँह उसकी ओर होने के कारण उसकी छाती मेरे मुँह से छू रही थी। थोड़ी देर बाद मैंने सोने का नाटक किया तो वो भी वहीँ लेट गई और सो गई। मैं तो बस उसके सोने का इंतज़ार कर रहा था। मैंने उसे पीछे से अपनी बाहों में भर लिया। मेरा लंड उसकी कमर से टकरा रहा था।
मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी कमर की दरार में फिट किया और उसे कसकर पकड़ लिया। फिर मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसकी छाती को दबाना शुरू किया। मैंने धीरे से उसका चेहरा अपनी ओर किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मैंने अपना पजामा खोलकर अपना लंड बाहर निकाला और उसे उसके हाथ में धीरे से पकड़ा दिया। तभी वो जाग गई। (बाद में उसने बताया कि वो सोने का नाटक कर रही थी।)
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वो बोली, “ये क्या कर रहा है? मैं तेरी दीदी हूँ!” ये कहकर उसने लाइट जला दी और देखा कि मेरा लंड उसके हाथ में था। वो बोली, “ये क्या कर रहा है?” मैंने कहा, “दीदी, मैं तुमसे प्यार करता हूँ। प्लीज़, एक बार मुझे तुम्हारे साथ संबंध बनाने दे।” मेरा लंड पूरी तरह खड़ा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उसे देखकर वो भी उत्तेजित हो गई और बोली, “ठीक है, लेकिन मैं चुदाई नहीं करूँगी।” मैं उसे चूमने लगा और कहा, “ठीक है दीदी, मैं तुम्हें नग्न देखना चाहता हूँ।” ये कहकर मैंने उसका गाउन उतार दिया। उसे नग्न देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया।
उसकी चूत पर बाल नहीं थे और उसकी छाती बहुत आकर्षक थी। मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया। हम दोनों भाई-बहन एक-दूसरे से लिपट गए और चूमने-चाटने लगे। मैंने सुनयना को अपना लंड पकड़ा दिया। वो धीरे से उसे सहलाने लगी। मैंने कहा, “दीदी, प्लीज़ मेरा लंड चूसो।”
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उसने मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। अब हम 69 की स्थिति में आ गए। मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी तो वो ज़ोर से कराह उठी और मेरे मुँह पर धक्के मारने लगी।
वो “उह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह” की आवाज़ें निकालने लगी। मैंने मौका देखकर कहा, “दीदी, प्लीज़ आज मुझे अंदर डालने दो।” वो बोली, “मेरे राजा, देर मत कर, जल्दी से मुझे चोद दे। अपनी बहन को रंडी की तरह चोद!” ये कहकर वो लेट गई और अपनी टाँगें उठाकर अपनी चूत को फैला दिया।
वो बोली, “चल साले बहनचोद, अपनी बहन की चूत चोद, फाड़ दे मेरी चूत!” मैं उसकी टाँगों के बीच आया और अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। वो बोली, “प्लीज़ भैया, अब सहन नहीं हो रहा, जल्दी से चोदो, ज़ोर से चोदो… फाड़ दो अपनी बहन की चूत… मैं तेरी रंडी हूँ, चोद मुझे!” मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसाना शुरू किया।
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उसकी चूत तंग होने के कारण मैंने ज़ोर से धक्का मारा तो वो दर्द से चीख पड़ी और बोली, “हाय साले बहनचोद, मेरी चूत फाड़ दी!” उसकी चूत से खून आने लगा। मैंने कहा, “दीदी, थोड़ा सहन करो, अब मज़ा आएगा।” थोड़ी देर बाद उसका दर्द शांत हुआ और मैंने धक्के मारना शुरू किया। अब सुनयना को भी मज़ा आने लगा। वो भी अपनी कमर उठाने लगी और ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी, “आह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह… ज़ोर से चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत, मेरे प्यारे भाई, चोद अपनी बहन को ज़ोर से! बड़ा मोटा लंड है, फाड़ दे अपनी बहन की चूत!”
मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था और वो नीचे से अपनी कमर उठा रही थी। फिर मैंने अपना लंड निकाला और उसके मुँह में अपना वीर्य छोड़ दिया। उसने सारा वीर्य पी लिया। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “सुनयना, अब मुझे तेरी गांड मारनी है।” वो बोली, “मेरे राजा, मैं तो तेरी गुलाम हूँ, जो करना चाहे कर।” फिर मैंने उसकी गांड मारी। गांड मारने की कहानी मैं अगली कहानी में बताऊँगा। अब हम दोनों पति-पत्नी की तरह रहते हैं। रात को रोज़ चुदाई करते हैं और दिन में समाज की नज़रों में भाई-बहन हैं।
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