Aunty Ass Chudai Kahani
मेरा नाम मदन राणे है मैं सोलापुर से हूँ. ये स्टोरी मेरी एक आंटी की है उनका नाम सरिता आंटी है. मैं आंटी को बहुत पसंद करता था. वो बहुत बड़े बड़े मम्मो की मालकिन है और उनकी गांड की क्या ही बात है. उनकी उम्र 36 है और उनका फिगर 34-30-36 है. उनकी गांड हर टाइम इधर उधर हिलती ही रहती है और मैं उसको देख कर बस दीवाना हो जाता हूँ. Aunty Ass Chudai Kahani
बट अंकल की फिगर इतनी अच्छी नहीं है. आंटी की फिगर बहुत प्यारी है. वो वाकई बहुत ही सेक्सी और खूबसूरत है. खासकर उझे उनकी बड़ी चुचियों से बहुत प्यार है. वो बहुत ही गोरी भी है. कई दफा उनका सोच कर मुठ मारी है मैंने, और अपने सपनो में कई बार उनकी चूत भी मारी है.
एक दिन मैं उन के घर गया वो घर की सफाई कर रही थी वो घर पर अकेली थी और अंकल ऑफिस गए हुए थे. मुझे देख कर बहुत खुश हुई वो ऑफ-रेड स्लीवलेस नाईटी में थी वो उस टाइम. पहली दफा मैंने उनके दूध भरे हाथ देखे. उन्होंने अपनी नाईटी के निचले बटन खुल रखे थे जिसकी वजह से वो आराम से चल सकती थी. इस वजह से मैं उनकी जांघे और लोअर पार्ट देख सकता था.
मैंने उनसे पुछा “क्या मैं आप की हेल्प करूँ.”
उन्होंने कहा “नहीं मैं कर लुंगी.”
मैंने कहा “मैं बिलकुल फ्री हूँ अभी मुझे ख़ुशी होगी अगर मैं आप की हेल्प करूँ तो.”
वो बोली “ओके.”
उन्होंने मुझसे कहा के जाओ साथ वाले रूम से टेबल ले कर आओ. मैं जाने लगा तो आंटी पीछे हुई और उनकी नाईटी कहीं अटक गई और उनकी नाईटी के ऊपर का एक बटन टूट गया पर आंटी ने नोटिस नहीं किया इस बात का. खैर जब मैं टेबल ले कर वापिस आया और आंटी टेबल उठाने के लिए बेंड हुई तो उन की नाईटी में से मम्मे साफ़ नज़र आने लगे और मेरी नज़रें तो जैसे टिक गए हों वहां पर.
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सडनली आंटी की लेग टेबल के साथ टकराई और वो चीख उठी पेन से. उन्होंने झुक कर अपनी लेग को मसलना शुरू कर दिया. मैं आंटी के पास गया और कहा “ज्यादा पेन हो रहा है क्या.” वो अभी भी बेंड ही हुई थी और उनके मम्मे करीब से और साफ़ नज़र आ रहे थे और उन्होंने ब्रा भी नहीं पहना हुआ था.
ये देख कर मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया. कुछ देर बाद आंटी ठीक फील करने लगी और हम दोनों ने टेबल उठाया और जब आंटी झुकी तो उनकी वैली देख कर मैं तो पागल ही हो गया. टेबल रखने के बाद उन्होंने मेरे से एक स्टूल लाने को बोला वो स्टूल पर खड़ी हो गई और मुझे बोली के तुम मेरी लेग्स पकड़ के रखना कहीं मैं गिर ना जाऊं.
जैसे ही मैंने आंटी की मिल्की लेग को पकड़ा मुझे करंट सा लगा. आंटी का जिस्म बहुत ही चिकना था और मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया था. एकदम हल्का सा स्टूल हिला तो आंटी ने मुझे मुस्कुराते हुए कहा के देख कर ज़रा. थोड़ी देर बाद अचानक आंटी स्टूल से स्लिप कर गई और मेरे ऊपर आ गिरी.
इसी गिरने के बीच आंटी के मम्मी काफी दफा मुझ से टच हुआ और इसी बीच मेरा हाथ उनकी गांड के एक कप पर आ गया. वाव क्या शेप थी अमेजिंग. जब हम गिरे तो थोड़ी देर ही बाद हम दोनों हंसने लग गए. आंटी बोली ठीक से पकड़ना था ना पागल अब मुझे उठाओ.
आंटी को उठाते हुए मेरा हाथ उनके मम्मों पर लगा. पर उन्होंने नोटिस नहीं लिया इस बात का और हंसती रही और सेक्सी सी आवाज़ में बोली “ओहो उम्म्म मदन अब उठा भी लो ना मुझे.” मेरा बहुत दिल कर रहा था के मैं उनको सेक्स के लिए परपोज करूँ पर हिम्मत नहीं हो रही थी.
कुछ देर बाद आंटी ने मुझे चाय बना कर दी और चाय पी कर आंटी ने मुझे बाय बाय कहा और मैं वापिस आ गया. वापिस आ कर मैं आंटी के बारे में सोचता रहा. एक दिन मेरी मदर ने कहा के घर में पूजा है तो तुम जा कर आंटी को कह आओ. मैं गया और डोर नॉक किया बट कोई आंसर नहीं मिला अंदर से.
फिर कुछ देर बाद मैं डोर को ओपन किया और अंदर जा कर पुछा के घर मैं कोई है. आंटी बाथरूम में नहा रही थी मेरी आवाज़ सुन कर बोली मदन बैठो मैं आती हूँ. मैं सोफे पर बैठ गया और मैगज़ीन पढ़ने लग गया. कुछ देर बाद आंटी बाथरूम से निकली वाइट नाईटी पहने. वो नाईटी स्लीवलेस थी और सिल्की थी और नाईटी में से आंटी का इनर पार्ट सब दिखाई दे रहा था.
मैं थोड़ा जल्दी में था तो मैंने आंटी को बोला की “आंटी कल घर में पूजा है तो अम्मी ने आप को बुलाया है.” ये कह कर मैं जाने लगा तो आंटी कहती है रुक कुछ खा कर जाओ कोई चाय या जूस. उन्होंने मुझे ऐसे स्वीट स्टाइल में कहा के मैं उन की बात टाल न सका.
आंटी ने मुझे अपने रूम मैं बुलाया जहाँ वो अपने हेयर्स में ब्रश कर रही थी. बैक से आंटी की नाईटी गीली थी जिसकी वजह से आंटी का वाइट ब्रा और पेंटी नज़र आ रही थी. ये देख कर मेरा लंड आहिस्ता आहिस्ता खड़ा होने लगा आंटी मेरे से बातें कर रही थी पर मुझे उनकी भीगी कमर देखने से ही फुर्सत नहीं थी.
उन्होंने पीछे मुड़ कर देखा और हंसने लग गई और मेरे से पूछी “हाय मदन क्या हुआ तुम्हें?” मैं तो एकदम शर्मिंदा सा हो गया. फिर आंटी ने मेरे से पुछा “मदन क्या मैं अच्छी लग रही हूँ.” मैंने कहा बहुत अच्छी लग रही हैं. फिर उन्होंने पुछा “मदन क्या मैं सेक्सी लग रही हूँ.” ये सुन कर तो मैं एकदम शॉकड हो गया.
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आंटी बोली “अरे मदन बताओ ना शर्माओ नहीं बताओ मुझे.” मैंने कहा “जी आंटी आप काफी सेक्सी लग रही हो.” आंटी गई और डोर क्लोज कर दिए और आते ही मुझे गले लगा लिया और किस करने लग गई. मैं कुछ देर के लिए तो एकदम हैरान ही हो गया के ये क्या हो रहा है मेरे साथ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पर फिर कुछ देर बाद मैं भी आंटी को किस करने लग गया. किस करते हुए मैं अपना राइट हैंड आंटी के बूब्स पर ले गया जिसको मैं ड्रीम्स में काफी दफा टच कर चुका था. आंटी किस करते हुए बोली “मदन नाईटी उतार दो ना मेरी, अगर ये तुम को तंग कर रही है.”
मैं बहुत सॉफ्ट सॉफ्ट किस किये जा रहा था और मैंने साथ साथ आंटी की नाईटी भी उतार दी. ऊह्ह्हह्ह्ह्ह क्या सेक्सी बॉडी थी आंटी की वाऊऊऊ. अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में मेरे सामने थी और मुझे काफी सेक्सी निगाहों से देख रही थी मैंने उन को पूरे जिस्म पर किस करना शुरू कर दिए.
आंटी के मुंह से अआह्ह्ह अह्ह्ह अहह की आवाज़ें निकलने लग गई. उन्होंने जल्दी से मेरी शर्ट और पेंट उतार दी और फिर मैंने आंटी के ब्रा उतार दिए. आंटी के गोल मटोल मम्मे मेरी आंखों के सामने थे तो मैंने आंटी से उनके बूब्स का साइज पुछा. तो उन्होंने बताया 34 हैं. उफ्फ्फ्फ़ बहुत क्यूट मम्मे थे आंटी के.
मैं आंटी के मम्मे दबाये जा रहा था और उनके पिंक पिंक से निप्पल मसल रहा था और खींच रहा था. वो सिसकियाँ ले रही थी आह्हः आह्ह्ह्ह मम्मददन्न्न्नन्न पलज़्ज़ज़्ज़ज़ अराआम से दबाओ आह्ह्ह्ह मेरे निप्प्ल प्ल्ज़्ज़्ज़्ज़ खींचो मत आअह्ह्ह्ह कक्कक्कक्स ओह्ह्ह्ह मदन इनको चूसोगे भी या बस दबाते ही राहओगे प्ल्ज़्ज़्ज़्ज़ इनको चूसो ना.
मैंने आंटी का एक मम्मा पकड़ कर उसको चूसने लग गया पागलों की तरह और दूसरे मम्मे को साथ साथ दबाने लग गया. आंटी ने आंखें बंद कर ली और सिसकियाँ लेने लग गई आअह्ह्ह मदन और चुसोओ आह्ह्ह्ह डंडी नहीं काटो प्ल्ज़्ज़्ज़्ज़ आह्ह्ह्ह मेरी जान बहुत मज़ा आ रहा है आअह्ह्ह्ह चऊस लोओ उम्मम्मम उम्म्म्म ऊह्ह्ह्हह्ह.
मम्मे चूसते चूसते मैं अपना एक हाथ नीचे आंटी की पेंटी में ले गया और अंदर घुसा कर आंटी के क्यूट होल को मसलने लग गया जो बहुत ही गीला हो रहा था और काफी गरम था. मेरे ऐसा करने से आंटी पागल हो गई और मुझे हेयर से पकड़ कर अपने मम्मों से दबा लिया म्म्म्मददददन्न्नन्न्न्न आअह्हह्ह्ह्ह बहुत मज़ा आ रहा है फिंगर डालो मेरे होल में.
मैं साथ साथ आंटी के मम्मी को चूस रहा था और साथ साथ आंटी की फुद्दी में फिंगरिंग कर रहा था. उफफ्फ्फ्फ़ मदनन्न्नन्न्न्न आराम से फिंगर अंदर बाहर कारो अह्हह्ह्ह्ह ऊऊऊह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़. फिर मैंने आंटी को बेड पर लेटा लिया और आंटी की पेंटी उतार दी.
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आंटी की फुद्दी देख कर लगता ही नहीं था के ये ज्यादा चुदी होगी. आंटी की फुद्दी बहुत साफ़ और पिंक पिंक सी थी. आंटी ने कहा “मदन पलज़्ज़ज़ मेरी फुद्दी चुसो तुम्हारे अंकल नहीं चूसते पलज़्ज़ज़ तुम चूसो ना.” आंटी की क्यूट फुद्दी को देख कर मैं पागल हो गया और दोनों लेग्स खोल कर आंटी की फुद्दी पर जुबान फेरने लग गया.
आह्ह्ह्हह मदन्न्नन्न्न्न बहुत मज़ा आ रहा है प्ल्ज़्ज़्ज़्ज़ थोड़ा आहिस्ता जुबान फेरो बहुत गुदगुदी हो रही है आह्ह्ह्ह मदन्न्न्न. आंटी ने मुझे सर से पकड़ा हुआ था और मैं बहुत मज़े से आंटी की फुद्दी चूस रहा था. मैंने फुद्दी चूसते हुए अपनी जुबां आंटी की फुद्दी में डाल दी तो आंटी पागल ही हो गई अह्ह्ह्हह मदन्न्न्नन्न्न्नन्न उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ अह्ह्ह्हह्हह ऊऊऊह्ह्ह सीसीसीसीसीसीसीसीसी बहुत मज़ा आ रहा है मैं आज तक इस मज़े से महरूम थी आअह्ह्ह चुसो मदन और चुसो.
कुछ देर मैं आंटी की फुद्दी जुबान से चोदता रहा फिर आंटी का पानी निकल आया. फिर मैं बेड पर लेट गया और आंटी बैठ गई और मेरे लंड को पकड़ लिया और उसको दबाने लग गई और उस पर किस किया और मेरे टट्टे चूसने लग गई और फिर मेरा टोप्पा अपने मुंह में ले लिया उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ ये वो अजीब मज़ा था जो मैं लफ़्ज़ों में नहीं लिख सकता.
अहिस्ता आहिस्ता आंटी ने मेरा पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लग गई. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं सिसकियाँ ले रहा था अह्ह्ह्हह ऊह्ह्हह्ह कक्कक्कक्स. आंटी बहुत टाइट लिप्स से मेरा लंड चूस रही थी. आंटी ने फिर मेरा लंड निकाल कर उस पर जुबान फेरना शुरू की जिससे इतनी गुदगुदी हुई और इतना मज़ा आया के बस मैंने आंटी को कहा आंटी आप बहुत अच्छा लंड चूसती हैं.
तो उन्होंने कहा के कब से तुम्हारे अंकल का चूस रही हूँ तो काफी एक्सपीरियंस हो गया है. खैर थोड़ी देर आंटी मेरे लंड को चूसती रही और साथ साथ मेरे टट्टे भी चूसती रही. और फिर मैंने आंटी से कहा के मैं फारिग होने वाला हूँ तो आंटी ने लंड मुंह से निकाला और हाथ से मेरी मुठ मारी और मेरा सारा पानी आंटी के मम्मों पर निकल गया.
थोड़ी देर मैं और आंटी बेड पर लेट गए और अभी वक़्त था फाइनल राउंड का और थोड़ी देर बाद आंटी ने मेरे लंड को पकड़ा और फिर थोड़ा सा चूसा और मेरा लंड खड़ा हो गया. और फिर मैंने आंटी को कहा के मेरे लंड पर बैठें और मेरा लंड अपनी फुद्दी में ले ले. मैं बेड पर ही लेटा रहा और आंटी उठी और दोनों लेग्स खोल कर मेरे ऊपर आई.
और मेरा लंड पकड़ कर अपनी फुद्दी के लिप्स पर थोड़ा सा मसला. फिर आहिस्ता आहिस्ता मेरे लंड पर बैठने लगी और मेरा लंड आंटी की फुद्दी में आहिस्ता आहिस्ता घुस रहा था. उफ्फ्फ्फ़ बहुत मज़ा भी आ रहा था और थोड़ा सा पेन भी हो रहा था क्योंकि आंटी की फुद्दी बहुत टाइट थी.
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आंटी साथ साथ बैठ रही थी मेरे लंड पर और साथ साथ सिसकियाँ ले रही थी आह्हः मदन्न्नन्न्न्न ओओह्ह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़, आहिस्ता आहिस्ता करते वो पूरी बैठ गई और मेरा पूरा लंड आंटी की फुद्दी में घुस गया था. फिर आंटी आहिस्ता आहिस्ता ऊपर नीचे होने लग गई. उफ्फ्फफ्फ्फ़ अह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह कक्ककक्कक्स अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मेरी और आंटी की सिसकियाँ निकलनी शुरू हो गई अह्हह्ह्ह्ह.
आंटी की टाइट फुद्दी मुझे पेन भी दे रही थी पर मज़े के आगे पेन कुछ भी नहीं था ऊह्ह्ह्हह्ह. आंटी जब ऊपर नीचे हो रही थी तो उनके मम्मे हिल रहे थे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था आंटी ऊपर नीचे हो रही थी. और मैं भी आहिस्ता आहिस्ता अपना लंड ऊपर नीचे कर रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और इतनी ग्रेट साउंड्स प्रोडयूस हो रही थी जब आंटी की गांड मेरी जांघो के साथ टच होती थी. मैंने फिर आंटी के मम्मे साथ साथ दबाना शुरू कर दिए और वो सिसकियाँ ले रही थी आआआआआ ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह ऊऊऊऊओ ऊऊऊऊ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह. हम दोनों सिसकियाँ ले रहे थे और बलाप बलाप की आवाज़ें प्रोडयूस हो रही थी.
अब आंटी ने थोड़ी स्पीड पकड़ी और वो तेज़ तेज़ ऊपर नीचे होने लगी. उफ्फ्फ्फ़ उनके 34 साइज के मम्मी उछलते हुए इतने सेक्सी लग रहे थे के बस मैं देख देख कर पागल हो रहा था. और मैंने अपना लंड बाहर निकाला और आंटी के मम्मे पकड़ कर उन पर किस किया.
तो आंटी ने मुझे पागलो की तरह गले लगा लिया और मुझे किस करने लग गई फिर मैंने आंटी के मम्मे पकड़े और उनको दबाया आंटी के निप्पल काफी बड़े थे नार्मल साइज से. फिर आंटी ने कहा के अब मैं नीचे लेटती हूँ और तुम चोदो मेरी फुद्दी को. और आंटी लेट गई और उन्होंने अपनी लेग्स खोल ली. उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ आंटी की फुद्दी काफी गीली हो गई थी और बहुत ही प्यारी लग रही थी.
मैं अपना लंड पकड़ा और अपना टोप्पा आंटी की फुद्दी पर रख कर मसलने लग गया. आह्ह्ह्हह्ह मदन्न्न्नन्न्नन्न नहीं करोओ ऐसे बस्सस अंदर घुसा दो अब नहीं हो रहा बर्दाश्त मेरे से अह्ह्ह्हह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़ डाल दो इसको अंदर. फिर मैंने आहिस्ता अहिस्ता अपना लंड आंटी की फुद्दी में डाला जो आराम से चला गया. और फिर मैं अंदर बाहर करने लग गया.
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आंटी की सिसकियाँ मुझे पागल कर रही थी आह्ह्ह्हह्ह ओह्ह्ह्हह्ह मदन्न्न्न थोड़ा तेज़ करो प्ल्ज़्ज़्ज़्ज़ थोड़ा तेज़ करो बहुत मज़ा आ रहा है. मैंने थोड़ा तेज़ करना शुरू किया तो आंटी ज़ोर ज़ोर से चीखने लग गई आअह्ह्ह्हह मदन्न्नन्न्न्न थोड़ा आहिस्ता पलज़्ज़ज़्ज़ज़ अह्हह्ह्ह्ह मैं मर जाऊंगी थोड़ा आहिस्ता पलज़्ज़ज़्ज़ज़ ओह्ह्ह्हह्हह उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ मदन्न्न्नन. थोड़ी ही देर में हम दोनों की सांसें बहुत तेज़ चलना शुरू हो गई और इसी बीच आंटी फारिग हो गई. मैं भी फारिग होने लगा तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया.
और आंटी की फुद्दी के ऊपर ही छूट गया अह्ह्ह्हह्ह, बहुत पानी निकला मेरा और मैं एकदम निढ़ाल हो कर लेट गया. थोड़ी देर मैं और आंटी लेते रहे. फिर मैंने आंटी से कहा के आंटी मुझे गांड भी चोदनी है. तो आंटी ने कहा के नहीं अभी नहीं अभी तुम्हारे अंकल के आने का टाइम है तो नेक्स्ट टाइम तुम अपना ये शौक भी पूरा कर लेना पर प्रॉमिस करो तुम ये बात किसी को भी नहीं बताओगे. मैंने आंटी को प्रॉमिस किया और फिर वापिस घर को आ गया दोस्तों पता नहीं किस दिन मुझे आंटी की गांड चोदने का मौक़ा मिले.
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