Maa Antarvasna Chudai
मेरे परिवार मे मै व एक बहन व एक भाई है, मेरी उम्र 22 वर्ष थी व छोटे भाई कि 20 वर्ष तथा बहन 18+ थी. माँ के यहाँ उनके भाई के लड़के के विवाह यानी मेरे मामा के लड़के का विवाह था. माँ को लेकर मै मामा के घर पहुँच गए, मामा के व माँ के सम्बन्ध ज्यादा अच्छे नही थे. Maa Antarvasna Chudai
मगर जाना मजबुरी थी रिस्तेदारी के कारण व दुसरी बात माँ जो घर खर्च से बचे पैसे माँ मामा के पास पापा से, चोरी-छुपे जमा करवाया करती थी, जो मामा पी गए थे. खैर विवाह के दौरान माँ ने उस पैसो का जिकर करने पर मामा बहुत बिगड़ गए माँ बहुत रो रही थी.
तो मैने मामा के घर से निकल कर एक होटल के कमरा ले लिया, और वापिस आ कर माँ को होटल मे ले गया, पहले खाना खाया. फिर माँ के साथ होटल के रुम मे आ गए, माँ रोए जा रही थी कि, दादा-दादी व पिता जी के सामने माँ कि क्या इज्जत रहेगी?
मै माँ को हिम्मत ढांढस बंधवाता रहा तो माँ रोए जा रही थी, कि नही उन सब को तो पता चलेगा ही. तब मैने माँ को कहा कि आप बताओगे तभी तो पता चलेगा किसी को, तब माँ ने कहा कि तु नही बताएगा क्या? तब मैने कहा नही मै बिलकुल नही बताऊंगा.
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तब माँ मेरे लिपट गई तब तो किसी को भी पता नही चलेगा, मुझ को शर्मिन्दगी नही उठानी पड़ेगी, नही तो तेरी दादी ने सब बुआ चाचा चाची को बता कर मेरा मजाक बनवाने मे कसर नही छोड़नी थी, और मुझे से स्नेह मे लिपटी रही, मै ना चाहते हुए एक 44 साल कि उम्र कि आयु की मादक व बहुत-बहुत तंदुरूस्त भरे बदन कि महिला के बड़े बड़े स्तन ही महसुस हो रहे थे, माँ के बजाए एक औरत के.
भूल गया था यह औरत मेरी माँ है, बस नीचे से लण्ड खड़ा हुआ जा रहा था, और इतना अधिक व्याकुल कर रहा था कि, बाहर से भी खड़ा हुआ महसूस हो रहा था, माँ को कि वीरु को जवानी तंग कर रही है, मगर आखिर मे वह भी थी तो एक औरत ही, महसुस होने पर माँ दुर हटने लगी.
तब मैने माँ को कस कर चिपका लिया और एक चुम्बन भी कर लिया तब माँ बिलकुल साफ-साफ समझ गई कि अब बेटा, बेटा नही रहा वह तो हवस मे भर गया है तब माँ ने कहा सॉरी बेटा मेरे आलिंगन से तुझे तकलीफ हो गई है, जा बाथरुम मे हो आ, मै माँ को देख रहा था.
तो माँ ने कहा समाधान यही है शर्म संकोच मत कर, जा हो आ बाथरुम, मुझे अचम्भा व बहुत-बहुत हैरत हो रही थी कि माँ क्या बोले जा रही है, और मै माँ का मुंह ताके जा रहा था. तब माँ ने फिर कहा बाथरुम से बढ़िया कोई सोलुसन समाधान नही है, इसमे शर्म संकोच की कोई गुंजाइश नही है.
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तो मैने कहा आप जब इतना समझ रही हो तो बाथरुम क्यो मै यही पर निकाल लेता हुं अपनी गर्मी बाथरुम कि गर्मी मे क्यो परेशान होऊं, जब सब उजागर है तो फिर बाथरूम क्यों. तो माँ ने कहा कि यही सामाजिक सीमाऐ है, और सब को पता है और सब करते भी है. सब कि बहुत-बहुत इच्छाऐ होती है तमन्नाऐ होती है.
मगर समाज मे यह एकांत व छुप कर ही सब करते है, यही सीमाऐ है, मर्यादाए है, जो समाज को चला रही है, अगर यही करेगा और किसी ने देख लिया कि माँ के होते हुए बेटा अपना हिला रहा है तो देखने वाला तो यही समझेगां कि दोनो मे गलत सम्बन्ध मे है तो इसलिए कंट्रोल बहुत जरुरी है, तब तक चोदने कि इच्छा सिर चढ़ चुकी थी.
तो मैने कहा कि अभी आपने कहा है कि सब कि इच्छाऐ सब कि होती है, तब तो आप कि भी इच्छाऐ जरुर होगी तो माँ ने कहा कि निश्चित तौर पर हुई है मगर मर्यादाए भी तो है तब तक मैने उठ कर लॉक के साथ-साथ कुण्डी भी लगा दी, और लण्ड लोअर से बाहर करते हुए कहा कि आप भी यही कर लो और मै भी यही करूगां. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और लण्ड को ऊपर नीचे करने लगा मगर माँ से कुछ नही हो पा रहा था वह मेरा फड़फड़ता लण्ड बस देख ही रही थी, तो मै खड़ा हुआ और माँ कि सलवार खोल दी. माँ बहुत-बहुत अड़ गई कि नही यह ठीक नही है लेकिन मेरा लण्ड तो चुत देखते ही बहुत-बहुत खड़ा हो गया.
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अब मै माँ के साथ जबरदस्ती उनको अपने साथ शामिल कर रहा था, और माँ मेरा लण्ड जबरदस्ती माँ के हाथ मे दे कर माँ को गर्म कर रहा था अब आव देखा ना ताव माँ कि चूत मे मुंह डाल दिया और चुत की फांको को खोलकर मुंह से चुत व चुत के दाने को जीभ से मसल व रगड़ रहा था.
माँ बिलकुल ढीली पड़ गई और टांगे खोल दी और आंखे बन्द कर ली बहुत देर करने पर जब जीभ दुखने लगी तब माँ कि टांगो को ऊपर उठा कर सीधा चुत मे पेलने लगा अब माँ ने आंखे खोल ली मगर जब तक पानी से व मेरी लार से पुरी भीगी हुई चुत मे लण्ड चुत मे घुस चुका था.
अब अन्दर बाहर बड़े झटके के साथ करने लगा माँ भी ना चाहने कि एक्टिंग से चुदवाने का आधा अधुरी कोशिश के बाद एक जबरदस्त धक्के से चुत से पानी फेकने लगी. मेरा लण्ड वाला एरीया पूरा गिला हो गया, टट्टे सब भीग गए अब शायद माँ को भी बहुत-बहुत आनन्द व सुख मिल रहा था.
तो माँ मे भी अकड़न आने लगी, चुत बहुत सिकुड़ व ढीली हो रही थी और एक दो मिनट मे ही बिल्कुल ढीली हो गई. और मुझसे कहा कि दो घसे तेज तेज मार कर अपना वीर्य भी निकाल ले मेरा तो सारा निकल गया है. तब मैने भी घसे तेज व अन्दर तक मार मार कर सारा वीर्य माँ कि चुत मे निकाल लिया.
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तब माँ ने कहा बहुत-बहुत जिद्दी है तु अब इसको भी किसी को ना बताइएओ, और मै और माँ बहुत-बहुत खुल गए, रातभर छेड़खानी अन्दर बाहर करते रहे, घर आने पर भी कंट्रोल खत्म था बस एक ही धुन कि अन्दर बाहर करना है, छोटे भाई ने एक दिन पकड़ लिया. तो मैने उसे भी चुत मारने कि कहा वह तो जैसे पहले से तैयार था पिल गया पेलने मे बहुत-बहुत चुदाई करी. और फिर भेद खोला कि मै तो बहन को कम कम से दो बार हर रोज चोदता हु, पिछले दो वर्ष से, जब बहन कालज से घर आई तो छोटे ने उसके घुसते ही दरवाजे पर कुण्डी लगा कर.
मेरे व माँ के सामने ही उसे नंगा करके मुझे कहा कि भाई आपने माँ से चुदाई शुरु करवाई थी मै बहन से चुदाई करवाने कि, और मुझे बहन को चोदने का वह भी माँ के सामने तो भाई माँ पर चढ़ गया, अब कोई कुछ एतराज करे उससे पहले घर स्वर्ग जन्नत मे बदल चुका था, तब से बहन के विवाह के बावजूद भी यह सब चुपचाप गोपनीय ढंग से चल रहा है, घर घर नही स्वर्ग बन गया है जिसके कारण सब भटकते फिरते है वही चीज अब घर मे ही मौजूद है, माँ भी इस उम्र मे बेहद बेहिसाब बेशुमार चुदाई से बहुत-बहुत खुश है।