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घर में खुल्लम खुल्ला चुदाई के मजे 1

मार्च 29, 2025 by hamari

Khandani Chudai Kahani

वैसे तो मैं कोई लेखक नही हूँ पर मैने यहाँ बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं तो मुझे भी लगा कि मुझे भी अपनी कहानी लिख देनी चाहिए ये मेरी लाइफ में पहली बार है की मैं कुछ लिख रहा हूँ। पहले, मैं आपका परिचय कहानी के पत्रों से करा दूं। इस कहानी के सभी पात्र, मेरे ही परिवार के है। Khandani Chudai Kahani

सबसे पहले मेरे पिता – मिस्टर अजय, उम्र 46।

मेरी सौतेली माँ – सविता, उम्र 30।

मैं प्रिंस, उम्र 24। मेरी पत्नी – रोशनी, उम्र 22।

मेरा छोटा भाई – अंकुर, 22 और उसकी वाइफ – नेहा, 21 साल।

हम एक अच्छे परिवार से हैं और हमारा गारमेंट्स एक्सपोर्ट का बिज़्नेस है। 5 साल पहले, जब मेरी सग़ी माँ का देहांत हो गया.! तब, पापा ने तलाक़शुदा सविता से शादी कर ली.! उस वक़्त, उनकी उम्र 25 साल थी। लगभग 1 साल पहले, मेरी और कुछ महीने पहले, मेरे छोटे भाई अंकुर की शादी हो गई।

मेरे पापा की उम्र, इस वक़्त 46 साल है और वो अपने ज़माने के बहुत बड़े एथलीट थे.! इसलिए, बहुत फिट थे.! उनकी लम्बाई लगभग 6 फीट और बदन एकदम गठा और कसरती था। सविता की लम्बाई, 5 फीट 4 इंच के लगभग। भरा हुआ बदन, बड़े बड़े बूब्स और बहुत गहरी और सेक्सी नेवेल थी।

वो हमेशा, बहुत डीप गले का बैकलेस ब्लाउज पहनती थीं और साड़ी को अपनी गहरी नाभि से 3 इंच नीचे बाँधती थी। उसकी आँखों में हमेशा, एक अजीब सी कामुकता नज़र आती थीं और हाँ!! भाव से हमेशा, वासना झलकती थी। मैंने सुना था की उसकी पहली शादी, उसके पति के दोस्तों से नाजायज़ संभन्ध के कारण टूटी।

पहली शादी टूटने के बाद, वो कई मर्दों से दूसरी शादी के लिए मिली और वो जिस से भी मिलती थी पहली या दूसरी मुलाकात में ही, उसका लण्ड ले लेती थी। कुल मिला कर, मेरे पापा से शादी करने से पहले सविता कई लण्ड का अनुभव ले चुकी थी।

अब आता हूँ अपने पर, मैं एक 5 फीट 11 इंच की लम्बाई और 24 साल का शादीशुदा मर्द है और अपने पापा की तरह ही, एकदम फिट आदमी हूँ। रोशनी, मेरी बीवी की उम्र 22 साल और लम्बाई 5 फीट 6 इंच थी। उसका बदन, बिल्कुल तराशा हुआ था।  हर चीज़ सही तरह से बनी हुई। ना बिल्कुल ज़्यादा, ना थोडा सा कम। उसके भी बड़े, गोल और भरे हुए बूब्स थे।

वो भी सविता की तरह ही साड़ी पहनती थी, पर उसका तरीका कुछ अलग था। वो अक्सर छोटा ब्लाउज और नेट की साड़ी ही पहनती थी। साड़ी के अंदर, उसके बड़े बड़े बूब्स छोटे बिकनी ब्लाउज से बाहर निकलने को बेकरार रहते थे। उसकी भी आँखों में एक नशा और प्यास, देखी जा सकती थी। सच तो ये है की मुझे उसकी भी तमन्ना, बहुत सारे लण्ड लेने की लगती है पर लगता है की उसे ज़यादा मर्दों से चुदने का मौका नहीं मिला।

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अब, मेरा छोटा भाई अंकुर। उसकी लम्बाई 5 फीट 9 इंच थी और वो एक फिटनेस फ्रीक बॉडी बिल्डर था। वो बिल्कुल शेप में था और उसकी एक एक मसल, उभरी हुई थी। इधर, नेहा की लम्बाई 5 फीट 7 इंच और उम्र 21 साल थी। बदन उसका भी बिल्कुल फिट था पर उसके बूब्स, उसके बदन के हिसाब से ज़्यादा बड़े थे।

लेकिन, वो सविता और रोशनी की तरह साड़ी नहीं पहनती थी। उसको शॉर्ट स्कर्ट्स, डीप नेक टॉप, जीन्स, शर्ट और छोटे छोटे और वेस्टर्न कपड़े पहनने का शोक था। उसके बूब्स की तरह ही उसकी गाण्ड, काफ़ी भरी हुई है.! इसलिए, शॉर्ट्स और स्कर्ट्स में बहुत कामुक लगती है.! सुना है की कॉलेज के दिनों में 4 लड़कों के ग्रूप में अकेली लड़की थी और चारों मिल के उसे चोदते थे।

तीनों औरतों मैं एक चीज़ कामन थी, बदन दिखाने वाले कपड़े पहनने का शोक और लण्ड की भूख। हमारा परिवार, आपस में काफ़ी ओपन है और हम सभी ऑफीस जाते हैं और मिल कर, अपना “गारमेंट्स मॅन्यूफॅक्चरिंग और एक्सपोर्ट्स” का बिज़्नेस देखते हैं। मैं और मेरा छोटा भाई अंकुर, सविता को कभी माँ नहीं बुलाते।

हम उसको, उसके पहले नाम यानी की सविता कह के ही बुलाते हैं। सिर्फ़ पापा को छोड़ कर, हम सभी एक दूसरे को नाम से ही बुलाते हैं। सविता पापा को अजय कह के बुलाती है और बाकी हम सब, पापा को पापा ही बुलाते हैं। हमारे घर में सविता, रोशनी या नेहा को किसी भी तरह के कपड़े अपनी मर्ज़ी से पहनने की पूरी आज़ादी है।

आज कल, गारमेंट्स मॅन्यूफॅक्चरिंग का ऑफ सीज़न चल रहा था.! इसलिए, मैंने और रोशनी ने 2 हफ्ते के लिए, ऊटी छुट्टी मानने जाने का प्लान बनाया.! जिस दिन हम ऊटी के लिए निकले, उसके अगले दिन अंकुर को भी 3 हफ्ते के लिए काम से मॉरिशस जाना पड़ा.!

हमारे और अंकुर के जाने के बाद, सविता को खबर मिली की उसकी माँ जो की अमेरिका में रहती हैं, बहुत बीमार हैं और उनको कभी भी कुछ भी हो सकता है। अब यहाँ पे बिज़्नेस था और नेहा 2 हफ्ते के लिए, अकेली हो जाती.! इसलिए, सविता ने अकेले जाने का फ़ैसला किया और 2 हफ्ते के लिए, पापा और नेहा, यहाँ अकेले रह गए।

आज कल, ऑफ सीज़न था.! इसलिए, सिर्फ़ पापा ही ऑफीस जाते थे और नेहा घर पे रहती थी.! सविता के जाने के अगले दिन सुबह पापा के ऑफीस जाने के बाद, नेहा उनका बेड ठीक कर रही थी की तभी नेहा को गद्दे के नीचे से एक पेन ड्राइव मिली। पापा शायद ग़लती से भूल गए थे।

नेहा ने डिसाइड किया की वो पेन ड्राइव चला के, देखेगी। उसने, वो पेन ड्राइव पापा के कमरे में ही होम थियेटर सिस्टम पे चलाई और जैसे ही सी डी शुरू हुई, उसने होम थियेटर की 52 इंच की स्क्रीन पे जो देखा तो बस देखती ही रह गई। उसे देखा की स्क्रीन पर पापा और सविता पूरे नंगे थे और पापा अपने 9 इंच के मोटे लण्ड से नंगी सविता को अलग अलग पोज़िशन्स में चोद रहे थे.! शायद, ये पापा और सविता ने खुद ही शूट की थी.!

थोड़ी देर देखने के बाद, नेहा की चूत गीली हो गई और उसे ने वीडियो बंद कर के सी डी वहीं रख दी, जहाँ उसे मिली थी.! सी डी देखने के बाद, नेहा के मन में पापा का लण्ड लेने की भूख जग गई। उसने सोचा की 2 हफ्ते तक वो पापा के साथ अकेली है, पापा को सिड्यूस करने का इसे से अच्छा मौका नहीं मिलेगा.

पापा जब वापस आए तो वो उनको अजीब सी भूखी नज़रों से देखने लगी और उनको सिड्यूस करने के बारे में सोचने लगी। उसी दिन रात को यही सब सोचते हुए, वो बहुत उतेज्ज़ित फील कर रही थी। वो अपने बिस्तर से उठी, कमरे से बाहर आई और पापा के रूम की तरफ चल पड़ी।

पापा के रूम के पास पहुँच कर, वो उनके रूम के डोर के की होल से अंदर देखने लगी और अंदर उसने जो देखा.! वो देख कर, उसकी भूख और बढ़ गई और वो और भी ज़यादा उतेज़ित फील करने लगी.! उसने देखा की पापा अपने बिस्तेर पे पूरे नंगे लेटे थे।

उनका 9 इंच का लण्ड, पूरा खड़ा था और वो होम थियेटर पर वही खुद का और सविता का वीडियो देख रहे थे। वो अपने कमरे में वापस आ गई और अपने सुसुर जी को सिड्यूस करने के बारे में, सोचने लगी। थोड़ी देर सोचने के बाद, उसे ने अलमारी से एक सेक्सी सी बिकनी निकाली और उसे पहाँ कर, ऊपर से एक गाउन डाल कर स्वीमिंग पूल की तरफ चल दी।

स्वीमिंग पूल के पास पहुँच कर, उसने गाउन निकाल दिया और अब वो सिर्फ़ एक छोटी सी बिकनी में थी। पापा के रूम की एक खिड़की, स्वीमिंग पूल की तरफ खुलती थी। नेहा ने जानबुझ कर, उँचाई से पानी में डाइव लगाई.! जिससे की बहुत आवाज़ हो और जैसा उसने चाहा था, वैसा ही हुआ.!

रात के 1 बजे स्वीमिंग पूल में पानी की आवाज़ सुन कर, पापा खिड़की पे आ गए और झाँक के पूल में देखने लगे। उन्होंने, वहाँ नेहा को बिकनी में स्वीमिंग करते हुए देखा। थोड़ी देर देखने के बाद, उनके मन में नेहा के लिए चुदाई की फीलिंग आने लगी और वो नेहा को उसी नज़रों से देखने लगे।

देखते ही देखते, उनका लण्ड और टाइट हो गया और वो अपने सीधे हाथ से लण्ड को सहलाने लगे। नेहा ने स्वीमिंग करते हुए, ये सब भाँप लिया था। वो पूल से, बाहर आ गई। पूल के किनारे, ओपन में एक शावर था.! जो पूल और पापा की खिड़की के बीच था।

नेहा, उसी शावर के नीचे बिकनी में खड़ी हो गई और पापा खिड़की पर खड़े हो के नेहा के बदन को देखते हुए, लण्ड हिला रहे थे। खिड़की के ग्लास से बाहर से अंदर नहीं देखा जा सकता था.! इसीलिए, पापा कॉन्फिडेंट थे क्यों की नेहा उन्हें नहीं देख सकती थी.!

इसी का फ़ायदा उठा के, नेहा भी अपने बदन को दिखा रही थी पर वो शीशे पे पड़ रही पापा की परछाईं को देख कर सब अनुमान लगा रही थी और समझ गई थी की पापा उसे देखते हुए लण्ड हिला रहे हैं। थोड़ी देर दूर से देख के हिलाने का मज़ा लेने के बाद, पापा ने पास जा के नेहा का बिकनी में लगभग पूरा नंगा बदन देखने का मन बनाया।

उन्होने, एक नहाने का गाउन पहना और पूल की तरफ चले गये और इधर पूल के पास नेहा शावर से निकल के अपना बदन पोंछ रही थी। उन्होने, एक नहाने का गाउन पहना और पूल की तरफ चले गये और इधर पूल के पास नेहा शावर से निकल के अपना बदन पोंछ रही थी।

जब पापा नेहा के पास पहुँचे तो नेहा तौलिया छोड़ कर, सीधा सीना फूला के उनके सामने खड़ी हो गई और गहरी साँसें लेने लगी। गहरी साँसों के साथ, उसके बिकनी में से बाहर आने तो तैयार बूब्स, ऊपर नीचे होने लगे। नेहा के बूब्स को इस तरह, इतने पास से देख कर, पापा का लण्ड और भी बुरी तरह फड़फड़ाने लग गया।

सुसुर जी – अरे नेहा, तुम इतनी रात को 1 बजे, यहाँ पूल में क्या कर रही हो…

नेहा – हाँ पापा… वो नींद नहीं आ रही थी और कुछ समझ नहीं आया की क्या करूँ तो यहाँ स्वीमिंग करने आ गई…

ससुरजी – चलो, तुम मेरे कमरे में चलो… वहाँ एक एक ड्रिंक पीते हैं, शायद उसे के बाद, तुम को नींद आ जाए…

नेहा – ठीक है पापा, चलो… वैसे भी मैं बहुत बोर हो रही हूँ और नींद बिल्कुल नहीं आ रही…

नेहा ने अपना गाउन उठाना तो दूर, उसकी तरफ देखा भी नहीं और बिकनी में ही, पापा के साथ उनके रूम की तरफ चलने लगी। रूम में पहुँच कर, नेहा बेड पर बैठ गई और पापा बार के पास खड़े हो कर ड्रिंक बनाने लगे। उन्होंने रेड वाइन के दो ग्लास भरे और एक नेहा की तरफ बड़ा दिया। नेहा ने मुस्कुराते हुए, वाइन का ग्लास पापा से ले लिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

ससुरजी – नेहा, तुम्हारी बिकनी बहुत भीगी हुई है… तुम चेंज क्यों नहीं कर लेती…

नेहा – पापा वो कपड़े लेने, ऊपर अपने रूम तक जाना पड़ेगा…

ससुर जी, अरे तुम को अपने रूम तक जाने की ज़रूरत नहीं है, मेरे बाथरूम में तौलिया है… तुम बिकनी उतार के तौलिया पहाँ लो, और फिर आराम से बैठ के मेरे साथ वाइन का मज़ा लो… जब नींद आए तो चली जाना…

नेहा – ठीक है, पापा… गुड आइडिया…

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ये कह कर, नेहा उठ के बाथरूम में चली गई और बिकनी उतार के तौलिया पहाँ के बाहर आ गई। दोनों वाइन सीप करने लगे। नेहा को देखते हुए, पापा के नहाने के गाउन के नीचे खड़े लण्ड से टेंट बन गया था। वहीं नेहा की भी हालत बुरी थी। वो भी पापा के टेंट और थाइस और छाती के बाल देख देख कर, गरम हो रही थी।

नेहा सोचने लगी की अब बात आगे कैसे बड़ाई जाए। नेहा ने पापा के लण्ड के दर्शन करने का एक जुगाड़ निकाला। उसने पापा से बोला, टीवी चालू कर दूं और उठ के टीवी की तरफ बड़ी। रास्ते में, वो सोफा था.! जिस पे, पापा बैठे थे.! नेहा ने उनकी टाँगों में उलझने का नाटक करते हुए, अपना वाइन का ग्लास पापा के ऊपर उडेल दिया और सॉरी बोलते हुए हाथ से वाइन झाड़ते हुए नेहा ने पापा के गाउन का बेल्ट खोल दिया।

गाउन का बेल्ट खुलते ही, गाउन पापा के कंधों से झूलने लगा और उनकी सामने की बॉडी पूरी नंगी हो गई और लण्ड सीधा खड़ा हो के, नेहा की तरफ खड़ा हो के सलामी देने लगा। नेहा पापा के लण्ड को भूखी नज़रों से देखने लगी और पापा ने अपना लण्ड ढकने की, ज़रा भी कोशिश नहीं की।

ससुरजी – क्या हुआ नेहा… तुम ने मेरा गाउन क्यों खोला…

नेहा – सॉरी पापा… आप के ऊपर, वो वाइन गिर गई थी और मुझे नहीं पता था की आप ने अंदर अंडर वियर नहीं पहना है…

ससुरजी – चलो, कोई बात नहीं… ठीक है…

नेहा – पर पापा, आप ये गाउन पूरा निकाल दो… नहीं तो, वाइन से आपकी स्किन चिप चिपि हो जाएगी…

ससुरजी – ठीक है… पर गाउन निकाला तो मैं पूरा नंगा हो जाऊंगा…

नेहा – कोई बात नहीं… मैं बिल्कुल भी माइंड नहीं करूँगी… आप गाउन निकाल दीजिए…

ससुरजी – ठीक है…

पापा ने, अपना गाउन निकाल दिया।

अब वो सोफे पर नेहा के सामने, पूरे नंगे बैठे थे और उनका 9 इंच का पूरा खड़ा हो के नेहा को सलामी दे रहा था। नेहा की नज़र, पापा के लण्ड पर ही टिकी थी। नेहा, अभी भी तौलिया में थी और वो किसी बहाने अपना तौलिया उतारने का प्लान बनाने लगी। पापा का हाथ, लण्ड तक पहुँच गया था। वो एक हाथ से, वाइन सीप कर रहे थे और दूसरे हाथ से नेहा को देखते हुए लण्ड हिला रहे थे। तब तक, नेहा एक प्लान बना चुकी थी।

नेहा – अरे पापा, आप के छाती पे और टमी पे वाइन लगी है… इसे सॉफ कर लेना चाहिए नहीं तो स्किन चिपचिपी हो जाएगी…

ससुरजी – कैसे करूँ… बाथरूम में एक ही तौलिया था, जो की तुम ने पहाँ रखा है…

नेहा – ओह!! तो आप ये तौलिया ले लीजिए और सॉफ कर लीजिए… लाइए, मैं सॉफ कर देती हूँ…

ससुरजी – पर ये तौलिया उतारा तो तुम नंगी हो जाओगी…

नेहा – तो क्या हुआ… आप भी तो पूरे नंगे हो…

ससुरजी (सोफे से खड़े होते हुए) – ठीक है, तुम ही सॉफ कर दो…

नेहा उठ कर, बाथरूम में गई और अपना तौलिया उतार के थोडा सा गीला किया और हाथ में तौलिया ले के पूरी नंगी बाहर आ गई। पापा अब एकटक, उसके बूब्स देख रहे थे। वो इतराती और बलखाती हुई सिर से पाँव तक नंगी, पापा के पास गई.

और एकदम से खंडे लण्ड पे हाथ रख के, दूसरे हाथ से पापा का सीना तौलिया से सॉफ करने लगी.! नेहा के बूब्स, पापा के सिने से टच हो रहे थे और पापा के लण्ड का सुपाड़ा नेहा के प्यूबिक एरिया पे रगड़ रहा था। वाइन सॉफ करने के बाद, नेहा ने तौलिया बाथरूम की तरफ फेंक दी पर अपनी पोज़िशन चेंज नहीं की.!

नेहा – (ससुरजी के सिने पे हाथ मलते हुए) – पापा सॉफ हो गई, आप की छाती…

ससुरजी – हाँ बेटा… धन्यवाद…

इतना कहते हुए, पापा ने नेहा के कंधे पे हाथ रख दिए और दवाब बनाते हुए नीचे बिठा दिया। नेहा भी पापा का इशारा समझ गई और उनकी जांघों पे बैठ गई। अब पापा का लण्ड, नेहा के मुंह के सामने था और लिप्स पे टच हो रहा था। नेहा ने मुंह खोला और पापा ने अपना लण्ड नेहा के मुंह में डाल दिया।

ससुरजी – उःमन्ह: नेहा… चूसो मेरा लण्ड, ज़ोर से… मज़ा आ रहा है… चूसती रहो… तुम्हारी चूत, क्या मस्त है… चलो उठो, बेड में चलो…

नेहा – पापा, मैं आप की रंडी हूँ… चोद डालो, मुझे…

पापा ने नेहा को बेड पे लिटाया और लण्ड उसकी चूत पे रखा।

ससुरजी – तो फिर, आ जा मेरी रंडी… चुदने के लिए, तैयार हो जा…

नेहा – मैं तो कब से तैयार हूँ… भूखी हूँ, लण्ड के लिए… डाल डो अपने मजबूत लण्ड को मेरे अंदर… आआ अहह…

ससुरजी – ले अंदर गया… और पापा ज़ोर ज़ोर से नेहा को चोट मारने लगे।

पट पट पट पट पट पट… फॅट फॅट फॅट फॅट फॅट फॅट…

नेहा – आ अहह आहह आअहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… छोड़ दो मुझे… फाड़ दो… आहहा आहह ह ह ह ह ह ह ह… ले लो, मेरी चूत… कुतिया की तरह, चोदो मुझे पापा… बहुत मज़ा आ रहा है…

ससुरजी – ये ले रंडी और ले… तू तो, सविता से भी बड़ी रंडी है… सविता से ज़्यादा मज़ा आ रहा है, तेरी चूत लेने में… आआहह आआ अहह आ आ आ आ आ आ आ आ आ नेहा.!.! आ आहह ह ह ह ह ह ह ह ह ह आ आहह रोशनी s s s s s s… आ आहह आ अहह आ आहह आ आहह स स स स स स स स स स नेहा s s s s s s… आ आ अहह उंह म म म म म…

नेहा – और ज़ोर से पापा, और ज़ोर से… मैं आ रही हूँ पापा, मैं आ रही हूँ…

ससुरजी – नेहा स स स स स स स s s s s s s… आ अहह ह ह ह ह ह ह… मैं भी…

फिर थोड़ी देर बाद, चुदाई के बाद वाइन पीते हुए।

नेहा – पापा, आप ने मुझे चोदते हुए एक दो बार रोशनी का नाम लिया था… आप को, उसकी भी चाहिए क्या… मैं कुछ हेल्प करूँ, आप की…

ससुरजी – अरे, वो सब अभी रहने दो… अभी तो मुझे ये 2 हफ्ते, तुम्हारे बदन का पूरा मज़ा लेने दो…

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उसके बाद, अगले 2 हफ्ते तक मेरे पापा और नेहा दोनों साथ ही सोते थे और रोज चुदाई करते थे। 2 हफ्ते बाद, सविता के अमेरिका से वापस आने का टाइम आ गया था और मेरी भी छुट्टियाँ पूरी हो रही थी और मुझे रोशनी के साथ वापस आना था।

हमारे बिज़्नेस के सिलसले में हमारे एक रुटीन क्लाइंट, जो की सिंगापुर में थे। वो हमें किसी थर्ड पार्टी के साथ, बिज़्नेस मीटिंग्स और डीलिंग्स के लिए मिलवाना चाहते थे। वो चाहते थे की हम में से कोई, कुछ दिनों के लिए सिंगापुर आ जाए और मीटिंग में पार्टिसिपेट करे। उन्होंने पापा को कॉल कर के रिक्वेस्ट की, हमारे परिवार में से कोई आ जाए।

पापा ने कहा – ठीक है… मैं किसी को भेजता हूँ… नो प्राब्लम… कोई ना कोई, पहुँच जाएगा…

पापा ने सोचा की सविता, अभी भी अमेरिका में ही है। उसको बोलता हूँ, अगर वो जा सके तो अच्छा होगा।

ये सोच कर, पापा ने सविता को कॉल किया और सारी बात बताई। सविता तो हमेशा से लण्ड की भूखी थी और मुझे और अंकुर को सिड्यूस करना चाहती थी पर कभी ऐसा कोई मौका नहीं आया।

सविता ने सोचा – शायद, इस बार ऐसी कोई बात बन जाए… और यही सोच कर, उसने पापा से कहा की वो अमेरिका से सीधा 1 हफ्ते के लिए, सिंगापुर चली जाएगी पर उसे ने ये भी कहा – अंकुर या प्रिंस में से कोई, मेरे साथ वहाँ आ जाए तो अच्छा होगा और मुझे डिसिशन्स लेने में आसानी होगी…

पापा ने कहा – ठीक है… अंकुर को तो अभी मॉरिशस में एक हफ्ते और लगेगा तो मैं प्रिंस से बात करता हूँ…

फिर पापा ने मुझे, ऊटी कॉल किया।

तब मैं, एक दो दिन में वापस आने की सोच ही रहा था। पापा ने मुझे सारी बात बताई तो मैंने सोचा की ये गरमा गरम सविता के साथ सिंगापुर में रहने का गोलडेन चान्स है.! यही सोच कर के, मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मैंने तुरंत हाँ कर दी.! ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैंने पापा को बोला – मैं रोशनी को देल्ही की फ्लाइट पर घर के लिया छोड़ कर, यहाँ से डाइरेक्ट सिंगापुर चला जाता हूँ…

पापा ने मुझे बताया की सविता वहाँ कल पहुँचने वाली है… कल, तुम रोशनी को घर के लिए रवाना कर के सविता को कॉल कर लेना और परसों तक पहुँच जाना… अगले दिन, मैंने रोशनी को एयरपोर्ट छोड़ के सविता को कॉल किया।

मैं – हैलो, सविता…

सविता – हैलो प्रिंस… कैसे हो तुम…

मैं – मैं ठीक हूँ, सविता… आप बताओ आप कैसी हो…

सविता – मैं भी ठीक हूँ… मैं यहाँ सिंगापुर में हूँ…

मैं – हाँ सविता… पापा ने बताया था की तुम आज सिंगापुर पहुँच जाओगी… मैं भी कल वहाँ आ रहा हूँ… कल मैं, दिन में 3 बजे तक वहाँ पहुँच जाऊंगा…

सविता – ठीक है, जल्दी आ जाओ… मैं अभी अभी यहाँ पहुँची हूँ और पेसिफिक होटल में चेक इन किया है… मैं कल 3 बजे एयरपोर्ट आ जाउंगी तुम को लेने…

मैं – नहीं सविता, मैं अपने आप ही होटल आ जाऊंगा… तुम को आने की ज़रूरत तो नहीं है, वैसे… फिर भी, अगर तुम फ्री हो और आना चाहती हो तो…

सविता – कोई बात नहीं, प्रिंस… वैसे भी मैं फ्री हूँ, होटल में बोर हो जाउंगी… हमारी मीटिंग्स 3 दिन बाद, सोमवार से स्टार्ट हैं और बुधवार तक हैं…

मैं – ठीक है… कोई बात नहीं, आप आ जाना…

सविता – ठीक है… हाँ एक और बात… मैंने यहाँ पेसिफिक में हम दोनों के लिए एक ही रूम बुक किया है… मुझे लगता है, तुम को मेरे साथ रूम शेयर करने में कोई प्राब्लम नहीं होगी… अगर, तुम अलग रूम चाहते हो तो बता दो… मैं अभी एक और रूम बुक कर दूँगी…

मैं – (मेरे मन में लड्डू फूटा और लण्ड खड़ा हो गया) अरे नहीं, सविता कोई प्राब्लम नहीं है… हम दोनों एक ही रूम में रह लेंगें… मुझे बिल्कुल भी प्राब्लम नहीं है…

सविता – चलो, ठीक है… गुड उनमह: आ जाओ… मैं तुम्हारा इंतेज़ार कर रही हूँ… उफफफफफफ्फ़…

मैं – (लंबी साँस लेते हुए और छोड़ते हुए) सविता मैं आ रहा हूँ, कल पक्का… 3 बजे…

सविता – चलो, कल मिलते हैं, एयरपोर्ट पर…

मैं – ठीक है… बाय बाय…

मैंने अगले दिन, अपना सामान पैक किया और ऊटी के रिज़ॉर्ट से चेक आउट कर के सिंगापुर के लिए निकल पड़ा। जब मेरा प्लेन सिंगापुर एयरपोर्ट पे लैंड हुआ और मैं जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर आया तो वहाँ सविता को खड़ा मेरा वेट करते देखा। सविता ने भी मेरी तरफ देखा और हम दोनों की नज़रें मिली और हम दोनों एक दूसरे को देख के मुस्करा दिए। सविता, सुपर सेक्सी लग रही थी।

सविता ने एक डार्क ब्लू कलर की सी थ्रू साड़ी पहनी थी और उसके साथ मिलते कलर का स्लीवलेस और बैकलेस, डीप नेक का ब्लाउज पहना था। उसने अपनी साड़ी नाभि से, 3 इंच नीचे बँधी थी। उस ड्रेस में, उसको देखते ही, मेरे तन बदन में आग लग गई और मेरा लण्ड खड़ा हो गया।

फिर हम दोनों ने ही एक दूसरे को हैलो किया और हग करने के लिए, सविता ने अपनी बाहें फैला दी। मैंने भी उसे एक ज़ोर का हग दिया और हग देते हुए, उसकी बैकलेस ब्लाउज से नंगी होती हुई पीठ पर हाथ से हल्का सा मसाज दिया। फिर हम दोनों अलग हो कर, उसको लाई हुई टैक्सी की तरफ चल पड़े।

जब हम टैक्सी के पास पहुँचे तो ड्राइवर ने समान डिग्गी में रखा और हम दोनों पीछे की सीट पर बैठ गए। जब सविता टैक्सी में बैठ रही थी, तब उसने जान बूझ कर, साड़ी का आँचल उसके सीने से ढलका दिया और ऐसे ही बैठ गई। उसने अपना टैक्सी की सीट पे पड़ा आँचल वापस उठाने की फिर कोई कोशिश नहीं की और ऐसे ही बैठी रही।

मैं उसके बगल में बैठा था। टैक्सी चल पड़ी और मैं सविता के बगल में बैठा उसकी डीप क्लीवेज और नेवेल एरिया को घूर रहा था। घूरते हुए, मेरा लंबा और मोटा लण्ड एक दम खड़ा हो गया और पैंट मैं टेंट बना के सविता को सलामी देने लगा। मैंने भी लण्ड के टेंट को, कवर करने की ज़रा भी कोशिश नहीं की।

सविता मुझे उसको घूरते हुए देख रही थी और मेरे पैंट में बना टेंट भी देख रही थी। ये देख कर, उसने भाँप लिया की आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई है और वो मन ही मन खुश हो रही थी की अब यहाँ सिंगापुर में उसको मेरा लण्ड मिल ही जायगा। थोड़ी देर में, हम लोग होटल पहुँच गये और टैक्सी से उतर कर अपने रूम में आ गए। सविता ने पीछे से रूम लॉक कर दिया और मैंने अपना समान एक तरफ रख दिया।

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सविता – आप चेंज कर के, फ्रेश हो जाओ… तब तक मैं, रूम सर्विस से कुछ ऑर्डर करती हूँ…

मैं – क्या ऑर्डर करोगी… मुझे अभी भूख नहीं है… एयरपोर्ट पे और फ्लाइट में मैं बहुत कुछ खा चुका हूँ… आप ने लंच किया या नहीं…

सविता – मैं भी लंच कर के ही, एयरपोर्ट के लिए निकली थी… अभी तो 4:30 ही बजे हैं… डिन्नर टाइम होने में, अभी बहुत देर है…

मैं – तो अब आगे क्या प्लान है…

सविता – आगे अब 3 दिन तक, हमको यहाँ कोई काम नहीं है… चलो, ऐश करते हैं… कुछ दारू शरु पीते हैं और एंजाय करते हैं…

मैं – गुड आइडिया… तुम कुछ ड्रिंक्स और स्नैक्स ऑर्डर करो… तब तक मैं चेंज कर के आता हूँ…

सविता – ठीक है… तुम क्या पियोगे… तुम्हारी पसंदीदा स्कॉच, विस्की या कुछ और…

मैं – मैं तो विस्की ही पीऊंगा… और तुम…

सविता – मैं भी आज विस्की पियूंगी… ठीक है, चलो मैं ऑर्डर करती हूँ…

मैंने अपने सामान में से एक शॉर्ट और एक टी शर्ट निकाली और बाथरूम में चला गया। फिर, मैंने अपने सारे कपड़े ओर अंडरवियर उतार के शॉर्ट और टी शर्ट पहन ली। शॉर्ट के अंदर, मैंने अंडर वियर नहीं पहना था। फिर, मैं वापस कमरे में आ गया और सोफे पे बैठ गया।

सविता बेड पर बैठी थी। थोड़ी देर में, वेटर एक विस्की की बॉटल, सोडा, आइस क्यूब्स सलाद और कुछ स्नैक्स ले कर आ गया। सविता ने उठ कर, दरवाज़ा खोला और सारा समान टेबल पर लगवा दिया। वेटर के जाने के बाद, वो दरवाज़ा लॉक कर के पलंग पे आ कर बैठ गई।

मैं – सविता, तुम भी चेंज कर के कंफर्टबल हो जाओ…

सविता – नहीं… मैं ऐसी ही, ठीक हूँ… मैं बस ये साड़ी निकाल देती हूँ, जो इधर उधर गिर रही है… फिर, मैं कंफर्टबल हो जाउंगी… मुझे साड़ी पहाँना ही पसंद है पर इसको संभालना थोड़ा अनकंफर्टबल होता है…

ये कह कर, सविता बेड से उठी और अपनी साड़ी उतार कर, वॉर्डरोब में रख दी। फिर, वो वापस आ कर बेड पर बैठ गई। अब वो सिर्फ़ अपने बैकलेस और डीप नेक ब्लाउज और पेटीकोट में थी। वो मेरे सामने बेड पर बैठी थी और मैं सोफे पर, बीच में टेबल पर ड्रिंक्स और खाने का समान लगा था।

सविता ने विस्की के दो पेग बनाए और एक मेरी तरफ बड़ा दिया। हम दोनों चियर्स कर के, अपना अपना ड्रिंक सीप करने लगे। मैं सविता के सामने बैठ कर, प्यासी नज़रों से उसके डीप नेक ब्लाउज में से बाहर निकलते हुए बूब्स, सेक्सी टमी और डीप नेवेल को देखते हुए विस्की सीप कर रहा था। मेरा 9 इंच का लण्ड, शॉर्ट में पूरा खड़ा था और एक बहुत उँचा टेंट बना रहा था।

सविता भी उसे भूखी नज़रों से घूर रही थी और विस्की सीप कर रही थी। हम दोनों ने, एक एक पेग ख़तम किया और सविता दूसरा पेग बनाने लगी। दूसरा पेग बना के, सविता ने मेरी तरफ बढ़ाया। दूसरा पेग, उसके हाथ से लेते हुए मेरी उंगलियाँ उसकी उंगलियों से टच हुई और हम दोनों के मुंह से एक हल्की सी अंह: निकल गई। फिर, हम दूसरा पेग सीप करने लगे। दूसरा पेग, सीप करते हुए.! .!

सविता – अमेरिका में, बहुत व्यस्तता थी और सफ़र से आते हुए, मैं काफ़ी थक गई थी… अब जा के, थोड़ा आराम मिल रहा है… मन कर रहा है, एक अच्छा सा फुल बॉडी मसाज लेने का…

मैं – हाँ, मेरा भी कुछ ऐसा ही हाल है…

सविता – तुम को मसाज चाहिए तो तुम्हारे लिए, कोई लड़की बुलाऊँ… जो मसाज भी देगी और बाकी सारे मज़े भी देगी… वैसे भी 3 दिन तक, हम को कोई काम नहीं है और सिंगापुर तो फेमस है यहाँ की गरमा गरम रंडियों के लिए… इंडिया से काफ़ी मर्द यहाँ, सिर्फ़ यही करने आते हैं…

मैं – (शॉर्ट के ऊपर से अपने लण्ड पे हाथ फेरते हुए) नहीं यार, सविता… मैं अगर लड़की के साथ लगा रहा तो तुम और भी बोर हो जाओगी… मुझे तुम्हारा भी तो ख़याल रखना है…

सविता – अच्छा इतना ख़याल है मेरा की तुम मेरे लिए, सिंगापुर की एकदम गरमा गरम और चका चक रंडियाँ चोदने का मौका छोड़ रहे हो… हुम्ह: फिर, तो मुझे भी तुम्हारे एंटरटेनमेंट के लिए, कुछ करना चाहिए…

मैं – तुम क्या करोगी…

सविता – आज शाम को हम “स्ट्रीप शो” देखने चलते हैं… क्या ख़याल है…

मैं – नहीं यार सविता… फिरंगी और चीनी लड़कियों को स्ट्रीप करते हुए, नंगी देखने में कोई मज़ा नहीं है… मुझे तो रोशनी और तुम्हारे जैसी “राक हार्ड, सेक्सी देसी लड़कियाँ” ही पसंद हैं…

सविता – अच्छा, मेरे जैसी…

मैं – हाँ…

सविता – अच्छा मैं “राक हार्ड, सेक्सी और देसी औरत” हूँ… वैसी, जैसी तुम को पसंद हैं…

मैं – हाँ!! बिल्कुल…

सविता – हुम्म्म: सोच रही हूँ की फिर मैं अब क्या करूँ, तुम्हारे एंटरटेनमेंट के लिए… मुझे भी तुम्हारे जैसे फिट मर्द पसंद हैं और जैसा की मैं तुम्हारे शॉर्ट के ऊपर से देख सकती हूँ, तुम्हारा लण्ड भी काफ़ी बड़ा और मोटा लग रहा है…

मैं – हाहाहा: हाँ… थैंक्स… तुम्हारा बदन भी बहुत सेक्सी है…

सविता – थैंक्स, तुम को मेरा बदन पसंद है तो हम दोनों ही, फिर एक दूसरे को मज़ा दे सकते हैं… स्ट्रीप पोकर के बारे में सुना है…

मैं – हाँ स्ट्रीप पोकर… हाँ मुझे पता है… कभी खेला नहीं, पर हाँ मनोरंजक होगा…

सविता – चलो, फिर… हम दोनों स्ट्रीप पोकर खेलते हैं… जैसा की मैं देख सकती हूँ, तुम कब से मेरा बदन देख रहे हो और मुझे ऐसे देखते हुए तुम्हारा लण्ड भी एकदम खड़ा है…

मैं – हाहाहा:… चलो, ठीक है… खेलते हैं…

सविता उठ कर, वॉर्डरोब में से ताश की गड्डी ले आई और मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ गई। उसने एक एक हाथ ताश बाँट दिए और पहली बाज़ी शुरू हुई। पहली बाज़ी, मैं हार गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

सविता – वाउ!! मैं जीत गई…

मैं – हाँ, माइ हार्ड लक… बताओ, कौन सा कपड़ा उतारूँ…

सविता – तुम अपनी टी शर्ट, उतार दो… मैं तुम्हारा चौड़ा नंगा सीना देखना चाहती हूँ…

मैं – (टी शर्ट उतारते हुए) मेरे बदन पे दो ही कपड़े हैं, अगर फिर से हारा तो पूरा नंगा हो जाऊंगा…

सविता – चिंता, मत करो… मैंने भी पैंटी नहीं पहनी… मेरे बदन पर भी दो ही कपड़े हैं…

मैं – मतलब, हम 4 बाज़ी से ज़यादा नहीं खेल पाएँगें…

सविता – नहीं, हम पूरे नंगे होने के बाद भी गेम जारी रखेंगें… सारे कपड़े उतारने के बाद, जो हारेगा उसे एक डेयर करना होगा… बोलो, मंज़ूर है…

मैं – हाँ, गुड आइडिया… बहुत मज़ा आने वाला है…

सविता – तुम्हारी नंगी छाती, बहुत सेक्सी लग रहा है…

मैं – धन्यवाद…

सविता ताश ले कर, दूसरा हाथ बाँटने लगी और दूसरा गेम शुरू हुआ। इस बार भी, मैं हार गया और सविता खुश हो गई.!

सविता – वाउ!! मज़ा आ गया… मैं फिर जीत गई… अब तुम को अपना शॉर्ट भी उतारना पड़ेगा…

मैं – लो, ले लो… मेरा शॉर्ट…

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मैं पूरा नंगा हो के, सोफे पे बैठ गया। मेरा 9 इंच का लण्ड, सविता को सलामी दे रहा था और सविता उसे भूखी नज़रों से घूर रही थी।

सविता – तुम चाहो तो, अपना लण्ड सहला सकते हो… टाइट खड़ा है, थोड़ा अनकंफर्टबल होगा… हिलने और सहलाने से आराम रहेगा…

मैं – ठीक है…

और मैं सविता के सामने, सोफे पे पूरा नंगा बैठा अपने लण्ड से खेलने लगा। फिर सविता ने तीसरा हाथ बाँट दिया और तीसरा गेम शुरू हुआ। इस बार, मेरा लक अच्छा था और मैं गेम जीत गया।

सविता – तो तुम इस बार जीत ही गये… तो बताओ, पहले क्या देखना चाहते हो… मेरे बूब्स या मेरी चूत… बोलो क्या उतारें, अपना ब्लाउज या पेटीकोट…

मैं – मुझे पहले तुम्हारे बूब्स देखने हैं… प्लीज़, अपना ब्लाउज उतारो ना…

सविता ने बिना देर किए, एक ही झटके में फटाफट अपना ब्लाउज उतार दिया और एक तरफ फेंक दिया। उसके नंगे बूब्स देख कर, मैं और भी ज़्यादा उतेज्ज़ित हो गया और उसके बूब्स देखते हुए, अपना लण्ड पकड़ कर बहुत ज़ोर से मूठ मारने लगा।

सविता – अरे, ये क्या… इतने भी बेसबर मत बनो… अपने हाथ से ही सब कर लोगे क्या… चलो, आगे खेलते हैं…

मैं – उनमह: ठ ठा ठीक है…

सविता अब ताश ले कर, चौथा हाथ बाँटने लगी और चौथा गेम शुरू हुआ। इस बार भी, मेरा हार्ड लक रहा और मैं गेम हार गया।

सविता – वाउ!! लो तुम फिर से हार गए और मेरे पूरे कपड़े भी अभी नहीं उतरे…

मैं – हाँ, माई हार्ड लक… पर मुझे बहुत मज़ा आ रहा है…

सविता – सोच रही हूँ तुम को, क्या डेयर दूं…

मैं – कुछ भी दे दो…

सविता – मेरा डांस करने का, मन कर रहा है… तुम्हारा डेयर ये है की तुम अपने लण्ड से टेबल पर ड्रम बजाओ और मैं डांस करती हूँ…

और मैं तुरंत अपना लंबा लण्ड पकड़ कर, टेबल पर पटक पटक कर ड्रम की तरह बजाने लगा और सविता उठ कर अपने नंगे बूब्स उछाल उछाल कर नाचने लगी.! थोड़ी देर बाद, सविता ने ताश का पाँचवा हाथ बनाया और पाँचवा गेम शुरू हुआ। इस बार, मैं जीत गया.!

मैं – हुर्रे!! मैं जीत गया… तो फाइनली, अब मुझे तुम्हारी चूत के दर्शन होंगे…

सविता – ये लो, मेरा पेटीकोट… अब मैं भी तुम्हारी तरह, पूरी नंगी हो गई हूँ… लो, देख लो मेरी चूत… जी भर के देखो…

अब सविता ने ताश का छठा हाथ बनाया और छठा गेम शुरू हुआ। इस बार, मैं फिर जीत गया.!

मैं – मैं जीत गया… बोलो, तुम को क्या डेयर दूं…

सविता – कुछ भी दे दो… मैं कुछ भी करने को तैयार हूँ… पूरी नंगी तो हूँ ही… अब कुछ भी करवा लो…

मैं – हुम्म्म: सोच रहा हूँ क्या करूँ… क्या डेयर दूँ…

सविता – तुम भी पूरे नंगे हो और मैं भी पूरी नंगी हूँ… चाहो तो, अपना लण्ड मुझ से चूसवा लो… मुझे भी मज़ा आएगा…

मैं – हाँ, आ जाओ ना… चूस लो ना, मेरा लण्ड… ये कब से बेताब है…

और सविता सोफे से उठी और मेरे सोफे के सामने, अपने घुटने पर बैठ कर मेरी कमर पकड़ कर मेरा लण्ड चूसने लगी। थोड़ी देर चूसने के बाद, सविता ने लण्ड मुंह से निकाला.!

सविता – चलो ना, अब बेड पर चलते हैं… गेम बंद करो और मुझे बेड पर ले चलो… कब से मैं तुम्हारे लण्ड की भूखी हूँ… प्लीज़, मुझे अब बेड पे ले जा के चोद दो ना, प्रिंस…

मैं – मैं भी कब से, तुम को चोदना चाहता हूँ… चलो उठो… बेड पर चलते हैं…

मैंने सविता को उठाया और हम दोनों, बेड पर आ गए। मैं सविता के बूब्स चूसने लगा और वो बेड पर मचलने लगी। थोड़ी देर बाद, मैं उसकी चूत चाटने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

सविता – उंहमहम: आअहह… प्रिंस, बहुत मज़ा आ रहा है… जीभ अंदर डाल के, लीक करो ना…

और मैं उसकी चूत के अंदर, जीभ फिराने लगा और वो और ज़ोर से बेड पर तड़पने लगी।

सविता – आअहह… मैं एक दम तैयार हूँ, अब और इंतेज़ार नहीं होता… प्लीज़, अब लण्ड डालो ना…

फिर, मैंने सविता को सीधा बेड पर लिटाया और उसके उपर चढ़ गया। अपना लण्ड हाथ में पकड़ कर, एक ही झटके में पूरा अंदर घुसा दिया। सविता के मुंह से सिसकारियाँ निकलने लगी और मैं उसे धीरे धीरे लण्ड अंदर बाहर करते हुए, चोदने लगा। धीरे धीरे, मैं अपनी स्पीड बड़ा रहा था और साथ ही सविता की सिसकारियाँ भी तेज़ होती जा रही थी.!

सविता – आ आ अहह… आ आ आह… ओह… ऐसे ही, ज़ोर से… चोदो… मेरी ले लो… मैं रंडी हूँ… मेरी मार लो… आ आ हह… मस्त लण्ड है तेरा… कुतिया की तरह, चोद मुझे… आ आहह… फाड़ डाल, मेरी चूत… मैं झड़ रही हूँ… करते रहो… ऐसे ही… आ आ आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह ह ह ह…

मैं – साली, रंडी… कुतिया… ले और ले… आह अहहा… और फिर हम दोनों ने एक साथ चरम आनंद का अनुभव किया और मैंने सविता की चूत के अंदर ही निकाल दिया।

चुदाई के बाद, सविता ने विस्की का थर्ड पेग बनाया और हम दोनों सोफे पर नंगे ही, आमने सामने बैठ कर, विस्की सीप करने लगे।

सविता – बहुत मज़ा आया, आज चुदाई में… मैं कब से, तुम्हारे लण्ड की भूखी थी… आज तुम्हारे लण्ड का मज़ा मिल ही गया… अब हम दोनों जब तक यहाँ हैं, रोज़ चुदाई करेंगें और खूब ऐश करेंगें… बड़ा मज़ा आएगा…

मैं – हाँ, सच में मज़ा आएगा… मैं भी कब से, तुम को चोदने के लिए तड़प रहा था… जब भी तुम को देखता था, लण्ड टाइट हो जाता था…

सविता – काश, मुझे कभी अंकुर का लण्ड भी मिल जाए… मुझे उसका भी चाहिए और क्या मस्त बॉडी है, उसकी…

मैं – नेहा भी, कोई कम नहीं है…

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सविता – हाँ, नेहा भी कोई कम रंडी नहीं है… उसकी आँखों में भी मैंने तुम्हारे और अजय के लण्ड के लिए, भूख देखी है… अजय और नेहा, पिछले 2 हफ्ते घर पे अकेले थे… मुझे पूरा यकीन है की नेहा ने अजय को सिड्यूस कर के, उसका लण्ड ले लिया होगा और अब रोशनी भी वहाँ पहुँच चुकी है… अजय ने कई बार, मुझे चोदते हुए रोशनी का नाम लिया है… अजय रोशनी की भी चूत मारना चाहते हैं… हो सकता है, नेहा उनकी मदद कर दे तो तीनों मिल के, खूब चुदाई कर रहे होंगे…

मैं – मुझे तुम तो मिल ही गई हो… रोशनी, अगर पापा और अंकुर से चुदती है तो मुझे कोई प्राब्लम नहीं… पर, मुझे नेहा की भी चाहिए… उसकी स्कर्ट में मोटी मोटी मस्त जांघें और बड़े बड़े बूब्स देख कर, मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है…

सविता – ठीक है, आगे जब भी मौका लगेगा, मैं तुम को नेहा की दिलवाने की कोशिश करूँगी… पर तुम भी कोशिश करना की मुझे कभी अंकुर के साथ अकेले रहने का मौका मिले… सिड्यूस तो, मैं उसे खुद ही कर लूँगी…

मैं – ठीक है… वादा रहा…

जब मैं ऊटी से सिंगापुर के लिए निकला, उसके एक दिन पहले रोशनी ऊटी से घर आ गई थी क्यों की उन दिनों सिर्फ़ पापा ऑफीस जा रहे थे.! इसलिए, नेहा फ्री थी और नेहा रोशनी को लेने एयरपोर्ट आ गई थी.! नेहा ने एयरपोर्ट से रोशनी को लिया और दोनों घर के लिए निकले, गाड़ी में।

नेहा – तो कैसा रहा, तेरा हनिमून प्रिंस के साथ… 2 हफ्ते, बहुत मज़ा किया होगा, तुम दोनों ने ऊटी में…

रोशनी – अरे नहीं, हनिमून कहाँ यार… शादी के बाद में, ये मेरा और प्रिंस का चौथा विकेशन था… अब वो पहले हनिमून जैसी बात अब कहाँ रही… पर, हाँ विकेशन में मज़ा बहुत आया…

नेहा – तो क्या तू प्रिंस के लण्ड से संतुष्ट नहीं है… ज़यादा चोदता नहीं क्या, तुझे वो…

रोशनी – अरे!! नहीं नहीं… ऐसी बात नहीं है… प्रिंस, बहुत पक्का और असली मर्द है और उसका लण्ड भी लंबा और मोटा है… फाड़ के रख देता है, मेरी… विकेशन पे एक दिन में, कई कई बार ले लेता है… मेरा मतलब था की फर्स्ट हनिमून में जो नयापन का मज़ा था, वो अब नहीं बचा क्यों की वही सब कुछ हम कई बार कर चुके हैं…

नेहा – तो तू पटा ले ना, किसी को… प्रिंस के लण्ड के मज़े के साथ साथ, तुझे नयापन भी मिल जायगा…

रोशनी – हाँ यार!! ऐसा ही कुछ सोच रही हूँ… देखती हूँ… कुछ ना कुछ तो करूँगी…

नेहा – मेरे पास एक आइडिया है…

रोशनी – बता…

नेहा – मुझे भी प्रिंस पसंद है… तू मेरे लिए, मुझे तेरे पति प्रिंस को पाटने में मेरी मदद कर दियो और तू मेरे पति अंकुर को पटा ले… मैं तेरी मदद कर दूँगी…

रोशनी – वाउ!! एक्सचेंज ऑफर… हाहहाहा… तुम सीरीयस हो… कहीं तू मज़ाक तो नहीं कर रही…

नेहा – अरे, नहीं यार… मेरा भी हाल, कुछ तेरी तरह ही है… कुछ नयापन हो लाइफ में, तो मज़ा आ जायगा…

रोशनी – चल, बाद में सोचते हैं इस बारे में… अभी आज कल तो अंकुर मॉरिशस में है और प्रिंस सिंगापुर में और यहाँ पर तो सिर्फ़ ससुर जी ही हैं।

दोनों घर पहुँचते हैं और अपने अपने रूम में, चले जाते हैं। रोशनी नहा के फ्रेश हो जाती है और सो जाती है। नेहा भी अपने रूम में, रेस्ट करने लगती है। शाम को, पापा ऑफीस से घर आते हैं। नेहा, दरवाज़ा खोलती है। पापा अंदर आते ही, नेहा को पकड़ कर किस करने लगते हैं.

तो नेहा उनको दूर हटाते हुए बोलती है की अभी नहीं… रोशनी घर पर है… 8 बजे, डिन्नर पर मिलते हैं… फिर रात में, रोशनी के सोने के बाद… मैं आप के कमरे में आ जाउंगी… रात 8 बजे, नेहा पापा और रोशनी तीनों डिन्नर टेबल पर थे। नेहा ने काली स्कर्ट और काला टॉप पहना था।

टॉप में से उसकी क्लीवेज मस्त लग रही थी, जो किसी को भी पागल बना दे। रोशनी ने अपने सिग्नेचर स्टाइल में, पर्पल कलर की सादी और पारदर्शी साड़ी, मिलते रंग के बिकनी ब्लाउज के साथ पहनी थी। साड़ी उसने नेवेल से, बहुत नीचे बँधी थी। पापा उसकी नेवेल, क्लीवेज और पीठ ललचाई नज़रों से बस घूरे जा रहे थे। पापा सिर्फ़ अपने गाउन में थे और उन्होने, अंदर कुछ नहीं पहना था।

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नेहा – हमारा डिन्नर टाइम तो हो गया पर आज कुछ ज़यादा भूख नहीं है…

रोशनी – हाँ, मैंने भी लेट खाया था फ्लाइट में…

ससुरजी – मेरा तो एक दो ड्रिंक्स लेने का मन है, अभी…

नेहा – तो चलिए, फिर हम तीनों लिविंग रूम में बार के पास चलते हैं और कुछ देर वहीं बैठ के 2 या 3 ड्रिंक्स लेते हैं… पहले, रोशनी तुम पिओगी ना…

रोशनी – ओह!! हाँ हाँ क्यूँ नहीं… चलो…

नेहा और रोशनी, लिविंग रूम में जा के एक 3 सीटर सोफे पे जा के आस पास बैठ गई और पापा बार के सामने खड़े हो कर ड्रिंक्स बनाने लगे।

ससुरजी – रोशनी, तुम क्या लोगी…

रोशनी – पापा, मैं वाइट वाइन…

ससुरजी – और नेहा, तुम…

नेहा – मुझे तो कुछ भी चलेगा… आप जो अपने लिए बना रहे हो, वही मुझे भी डाल डो… (पापा को देख कर, हंसते हुए)

ससुरजी – मैं विस्की ले रहा हूँ… विस्की चलेगी…

नेहा – हाँ हाँ… क्यूँ नहीं…

पापा ने नेहा और रोशनी को उनका ड्रिंक दिया और अपना ड्रिंक ले के, उनके सामने वाले सोफे पे बैठ गई। तीनों, अपना अपना ड्रिंक सीप कर रहे थे। अपना ड्रिंक सीप करते हुए पापा, फिर रोशनी के अधनंगे जिस्म को निहारने लगे। नेहा ने पापा को रोशनी की तरफ घूरते हुए देखा तो उसने चुपके से रोशनी का आँचल पकड़ कर, उसकी साड़ी का पल्ला धीरे धीरे खींच कर ढलका दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

जब रोशनी का पल्ला ढलका तो उसने नेहा की ये हरकत नोटीस की और रोशनी ने नेहा की तरफ देखा तो नेहा ने रोशनी को चुपके से आँख मार कर, इशारा किया और पापा की तरफ देखा। रोशनी ने भी नेहा की नज़रों का पीछा करते हुए, पापा की तरफ देखा तो सारी बात समझ गई।

पापा को उसने, अपनी तरफ घूरता पाया और उनके गाउन में लण्ड का काफ़ी उँचा टेंट भी बन रहा था। रोशनी ने वापस, नेहा की तरफ देखा। दोनों की नज़रें मिली और दोनों के होठों पर स्माइल थी। रोशनी, समझ गई थी की पापा की सिड्यूस करना है।

अब रोशनी के सिने से, साड़ी का आँचल ढलाक चुका था। वो, थोड़ा सीधा हो कर बैठ गईं। पापा अपना ड्रिंक सीप करते हुए, रोशनी को देख रहे थे। रोशनी को देखते हुए और ड्रिंक सीप करते हुए अंजाने में, पापा का दूसरा हाथ उनके लण्ड की तरफ चला गया और वो अपना खड़ा लण्ड गाउन के ऊपर से सहलाने लगे। इस हालात पे, नेहा चुटकी लेते हुए बोली।

नेहा – क्या पापा, जब से रोशनी आई है… आप तो मेरी तरफ देख भी नहीं रहे…

ससुरजी (सकपका कर लण्ड से, हाथ हटाते हुए) – अरे नहीं, नेहा ऐसी कोई बात नहीं है…

नेहा – अच्छा, आप को मेरे और रोशनी में से कौन ज़यादा पसंद है…

ससुरजी – तुम दोनों ही, मुझे अज़ीज़ हो…

पहली ड्रिंक ख़तम हो गई थी, पापा सोफे से उठ कर खड़े हुए।

ससुरजी – लाओ, अपना अपना ग्लास दो… मैं अगला ड्रिंक बनाता हूँ…

ये कहते हुए, पापा पहले नेहा की तरफ बड़े और उसका ग्लास ले कर रोशनी की तरफ मुड़े। रोशनी के सामने झुक कर, पापा ने उसके बिकनी ब्लाउज की डीप क्लीवेज में अंदर तक झाँकते हुए, उसे से ग्लास लिया। रोशनी ने अभी भी, अपना ढलका हुआ आँचल नहीं उठाया था और उसका उठाने का कोई इरादा भी नहीं था.!

पापा ने दोनों को एक एक ड्रिंक और बनाया और पहले, नेहा का ड्रिंक उसकी तरफ बड़ाया। फिर, पापा रोशनी के पास जा कर थोड़ा झुक कर फिर से रोशनी के बिकनी ब्लाउज की डीप क्लीवेज में, अंदर तक झाँकते हुए उसे ड्रिंक देने लगे।

रोशनी – अरे!! कहाँ देख रहे हो, पापा… यहाँ देखो, नहीं तो ड्रिंक गिर जाएगी…

ससुरजी – ओह सॉरी… ये लो तुम्हारे ड्रिंक…

रोशनी (ड्रिंक लेते हुए) – धन्यवाद पापा…

पापा, वापस अपने सोफे पे जा कर बैठ गये। तीनों, अपना दूसरा ड्रिंक सीप करने लगे। पापा अभी भी, रोशनी की निहार रहे थे।

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रोशनी – पापा, आज क्या बात है… आज तो आप, मुझे कुछ ज़यादा ही प्यार से देख रहे हो…

नेहा – हाँ, मुझे भी जलन हो रही है…

ससुरजी – ऐसा कुछ नहीं है, बेटा…

रोशनी – पापा, आप उतनी दूर वहाँ क्यों बैठे हो… आप भी इसी सोफे पे आ जाओ ना… जो देखना है, पास से देख लेना… अच्छा लगेगा…

ससुरजी – रोशनी, तुम को कुछ बुरा तो नहीं लगा…

रोशनी – नहीं नहीं… बिल्कुल भी नहीं… आप आ जाओ ना, यहाँ…

ससुरजी – ठीक है… फिर, मैं वहीं आता हूँ…

और पापा उसी थ्री सीटर सोफे पर नेहा और रोशनी के बीच में बैठ गये और पापा फिर चोरी चोरी, रोशनी का जिस्म देखने लगे।

नेहा – पापा, मैं भी तो सेक्सी हूँ और मैंने भी कम कपड़े पहने है… लेकिन, आप तो बस, रोशनी को ही देखे जा रहे हो…

रोशनी – हा हा हा…

ससुरजी – तुम दोनों ही बहुत सेक्सी हो… पर रोशनी, आज इतने दिनों बाद आई है तो…

नेहा – तो क्या आप, आज रोशनी को पूरी नंगी देखना चाहते हो…

रोशनी – पापा, आप मुझे नंगी देखना चाहते हो तो बता दो… मुझे कोई प्राब्लम नहीं है… मैं अभी आप के सामने नंगी हो जाउंगी.!

नेहा – चलो, एक काम करते हैं… हम सभी नंगे हो जाते हैं… मज़ा आएगा…

रोशनी – चलो, तो फिर ठीक है…

नेहा ने फिर पापा के जवाब का इंतेज़ार नहीं किया और उनका गाउन खोल कर, कंधों पर से खिसका कर उतार कर एक तरफ फेंक दिया। पापा, अब पूरे नंगे हो गये थे और अपना लण्ड पकड़ कर बैठे थे और हिलाते हुए अभी भी रोशनी के बूब्स देख रहे थे। पापा का गाउन उतारने के बाद, नेहा ने अपना टॉप स्कर्ट और पैंटी भी उतार दी और पलक झपकते ही, पूरी नंगी हो गई और पापा के सामने सेंटर टेबल पर खड़ी हो कर, पोज़ कर कर के पापा को दिखाने लगी। पापा, थोड़ी देर देखते रहे और अपना लण्ड पकड़ कर हिलाते रहे। दोस्तों आगे की कहानी अगले भाग में…

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