Desi Naukrani Sath Sex
चुदासी कामवाली बाई कामुकता मैं एक नौकरानी हूं और घर घर झाड़ू पोछा और खाना बनाने का काम करती हूँ। मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ । आज मैं आपको हमारी वासना के जरिये अपनी सेक्सी स्टोरी सुना रही हूँ जो मैंने अपने मोबाइल पर ही लिखी है। मैं जब घरो घरो में खाना पकाती हूँ, जब टाइम नही कटता है, मैं सेक्सी मोबाइल पर पढकर मजे मार लेती हूँ। Desi Naukrani Sath Sex
दोस्तों, आज ने १० साल पहले मेरी शादी हो गयी थी। मेरे पति का नाम उपेन्द्र था। वो भी मेरी तरह नौकर था और घरों में, बड़े बड़े बंगले में काम करता था। मैं दूसरे बगलों में काम करती थी। मेरी माँ भी एक नौकरानी थी। मेरे यहाँ ये काम पुस्तैनी था और बहुत दिनों ने होता आ रहा है।
मेरा पति उपेन्द्र मुझे बहुत प्यार करता था और खूब चूत मारता था मेरी। हर संडे को वो मुझे जुहू चौपाटी पर घुमाने ले जाता है और हम दोनों गोल गप्पा, भेलपूरी और तरह तरह की चीजे खाया करते थे। उपेन्द्र मुझे पिक्चर दिखाने भी ले जाया करता था और ३० तारिक को मुझे सारी पगार लाकर देता था। फिर कुछ दिन बाद उसे पता नही क्या हो गया की उसने मुझे अपनी तनखा देना बंद कर दिया।
“उपेन्द्र!! तूने इस महीने ही पगार मुझे क्यूँ नही दी??” मैंने उससे पूछा तो वो बोला की सब खर्च हो गयी।
“क्या….१२ हजार रुपए तूने किस काम में खर्च कर दिए???” मैंने पति को आँख दिखाते हुए पूछा.
वो मुझे जवाब ना दे पाया। और उसने ताल मटोल कर दिया। दोस्तों, इसी तरह उसने मुझे लगातार ५ महीने में १ रुपया लाकर नही दिया। जब मैं उससे कुछ पूछती तो वो इधर उधर का बहाना मारने लगा जाता जैसे- बीमे की क़िस्त चुका दी, राशन ले आया, शराब पी गया, बच्चों की फिस भर दी।
एक दिन मेरे पड़ोस की औरत ने उसे अपनी मालकिन मिसेज शरमा के साथ घूमते देखा। अब जाकर मुझे उसकी करतूत पता चली। मैं अपने पति की जासूसी करने लगी। वो जहाँ मिस्टर सक्सेना के बंगले पर काम करता था, उनकी ही औरत से मेरा मर्द फंस गया था। एक दिन मैं उसे रंगे हाथों पकड़ने के लिए दोपहर ठीक २ बजे सक्सेना जी के बंगले में गयी।
जब मैं अंदर बगले में पहुच गयी तो मेरा पति उपेन्द्र कहीं नही दिखाई दिया। एक कमरे से जोर जोर से सेक्स की गर्म गर्म आवाजे आ रही थी। उस कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। मैं पति उपेन्द्र को ढूढती हुई उस कमरे में चली गयी। मैंने जो देखा उस देखकर मेरी आँखें और गाड़ दोनों फट गयी। उपेन्द्र मिसेस सक्सेना को अपनी बाँहों में लिए पड़ा था और गोद में बिठाकर चोद रहा था।
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“उपेन्द्र????” मैं बहुत जोर से किसी काली माई वाले रूप में आकर चिल्लाई.
मुझे देखते ही उपेन्द्र ने मिसेज सक्सेना को छोड़ दिया। वो बिलकुल नंगा था। वो मिसेज सक्सेना को चोद रहा था। मुझे देखती ही वो दूर हट गया। घर आकर मैंने आसमान अपने सर पर उठा लिया। मेरा और उपेन्द्र का बहुत बड़ा झगड़ा हुआ।
“उपेन्द्र! अगर तुमने मिसेज सक्सेना ने नाजायज चुदाई का रिश्ता रखा तो मैं तुमको छोड़ दूंगी और बच्चो को लेकर गाँव चली जाउंगी!!” मैं अपने मर्द उपेन्द्र को आखिरी वार्निंग दी। उसके बाद वो मुझसे माफ़ी मांगने लगा और भविष्य में उसने मिसेज सक्सेना से कोई रिश्ता ना रखने का मुझसे वादा किया। “Desi Naukrani Sath Sex”
पर दोस्तों, मैं तो समझ रही थी की मेरा पति सुधर गया। पर ऐसा नही था। वो चुपके चुपके मिसेज सक्सेना की चुदाई करता रहता था और आये दिन उसको नया नया गिफ्ट लाकर देता था। इसी में उसकी १२ हजार रुपए की पगार खर्च हो जाती थी। कुछ दिन बाद मैंने उसकी शर्ट पर लिपस्टिक के कई निशान देखे। जब मैंने पति से इस बारे में पूछा तो वो इधर उधर के बहाने बनाने लगा। मेरी धमकी का भी उस पर कोई असर नही पड़ता था। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे है.
“ सरला !! मुझे छोड़ना चाहती है तो छोड़ दे, पर मैं मिजेस सक्सेना से इश्क लडाता रहूँगा और उसकी मस्त लाल चूत में लंड डालता रहूँगा!” उपेन्द्र बोला.
ये सुनकर मैं बहुत रोई। मैंने अपनी माँ और बापू को उपेन्द्र के बारे में बताया। मैंने ये भी बताया की मैं अब उस आदमी के साथ नही रहूंगी तो रात पराई औरतों के साथ बिताता हो। इस पर मेरी माँ ने कहा की बेटी तो मायके लौटकर आएगी तो लोग तरह तरह की बात करेंगे।
उपेन्द्र चाहे जैसा हो तुझे रोटी तो देता ही है ना” माँ बोली। उनकी बात सुनकर मैं समझ गयी की अगर मैं मायके चली जाऊँगी तो कहीं उन भर भोझ ना बन जाऊं। कुछ दिन तक लगातार रोने के बाद मैंने आखिर में उसी कमीने आदमी के साथ रहने का फैसला कर लिया जो अपनी बीबी को नही चोदता था और पराई औरतों से इश्क लड़ाता था। “Desi Naukrani Sath Sex”
एक दिन मेरे मालिक श्रीवास्तव जी ने मुझसे पूछा की मैं क्यों दुखी दुखी रहती हूँ तो मैंने उनको सब सच सच बता दिया। धीरे धीरे मेरे पति ने मेरे साथ रात में सोने से भी मना कर दिया और वो दूसरे कमरे में जाकर सोता। कई बार जब उसके मालिक मिस्टर सक्सेना विदेश चले जाते तो मेरा पति रात उनकी बीबी के साथ ही बिताता और खूब मजे मारता।
मैं यहाँ रात रात भर उसके लंड को तरसती रह जाती। शादी के ७ फेरे उसने मेरे साथ लिए थे, पर शादी का फर्ज मिसेज सक्सेना के साथ निभा रहा था। इस तरह जब ६ महीने तक मेरे मर्द ने मुझे नही चोदा तब मैं लंड पाने के लिए तडप गयी। मैं श्रीवास्तव जी के बंगले पर काम करती थी। वो बहुत भले आदमी थी।
मैं गहरा ब्लाउस पहन कर झुक झुककर उनके सामने पोचा मारती थी। पर आज तक उन्होंने मुझे गंदी नजरों से नही देखा। और कोई मालिक श्रीवास्तव जी की जगह होता तो मुझे कबका चोद लेता। धीरे धीरे मेरे मालिक मुझे बहुत अच्छे लगने लगे। दीपावली में उन्होंने मुझे बिलकुल नई बनारसी साड़ी लाकर दी। धीरे धीरे मुझे अपने मालिक मिस्टर श्रीवास्तव से प्यार होने लगा। “Desi Naukrani Sath Sex”
एक दिन जब मैं बाथरूम में उनके कपड़े धो रही थी तो मैं अचानक फिसल गयी। मेरे मालिक तुरंत वहां पहुच गये और उन्होंने मुझे बाहों में भरके उठा लिया।
“ओ सरला !! तुम्हे चोट तो नही आई???” मालिक ने पूछा
“कमर में चोट लगी है…..थोडा आयोडेक्स आप लगा दीजिये!!” मैंने कहा
वो चुपचाप अलमारी से आयोडेक्स ले आये और मेरी कमर पर मलने लगे। दोस्तों, क्या आपने कभी देखा है की कोई मालिक को आयोडेक्स लगाये और उसकी मरहम पट्टी लगाये। बस उसी दिन ने मुझे अपने मालिक मिस्टर श्रीवास्तव से प्यार हो गया। वो मेरी कमर पर आयोडेक्स मल ही रहे थे की मैंने उसने चिपक गयी।
मैं अभी सिर्फ २४ साल की नई नई कच्ची कली थी और फुल जवान थी। जैसे ही मैंने अपने मालिक से लिपट गयी तो वो भी मुझे मना ना कर पाए। मेरी नर्म नर्म बड़ी बड़ी ४०” की छातियाँ उनके सीने से दब रही थी। श्रीवास्तव ही ६ फुट के गबरू जवान मर्द थे। पहले फ़ौज में थे, पर अब रिटायर हो चुके थे।
“ये क्या सरला ????” मालिक विस्मित होकर बोले
“मालिक, मैं आपसे प्यार करने लगी हुई…..मैं आपके बिना नही रह सकती!!” मैं कहा और उसके जिस्म ने मैं चिपकी रही। कुछ देर तक वो विस्मय में रहे, फिर सायद मेरी जैसी मस्त माल औरत को वो भी चोदना चाहते थे। फिर उन्होंने भी मुझे बाहों में भर लिया और किस करने लगे।
आज मैं अपने मालिक का लंड खाने वाली थी। आज मैं उसने चुदने वाली थी। अगर मेरा पति गैर औरतों से चक्कर चला सकता है तो मैं भी अपनी चूत के लिए नये नये लंड ढूढ़ सकती हूँ। मेरे मालिक मिस्टर श्रीवास्तव मुझे अपने बेडरूम में ले आये। हम दोनों प्यार वासना और चुदास में पूरी तरह अंधे हो चुके थे। “Desi Naukrani Sath Sex”
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“मालिक!!….क्या आप मुझे चोदोगे???” मैंने पूछा.
“हाँ सरला !!…..एक अरसा हो गया। मैंने भी किसी हसीन औरत की चूत नही मारी। पर जब आज तुमने खुद तुम्हे चोदने का ऑफर दे दिया है तो मैं मस्ती से तुम्हारी रसीली चूत में लंड दूंगा और हम दोनों ऐश करेंगे” मिस्टर श्रीवास्तव बोले.
“जान…..पहले हम दोनों के लिए ड्रिंक बनाओ!…. तब मजा आये” श्रीवास्तव जी बोले.
मैं भाग कर गयी और बार से व्हिस्की की बड़ी बोतल, सोडा और बर्फ ले आई। हम दोनों ने ३ ग्लास शराब पी ली। उसके बाद हम दोनों खुलकर प्यार करने लगे। मेरे मालिक ने धीरे धीरे करके मेरी साड़ी निकाल दी। मेरे काले रंग के ब्लाउस पर से वो मेरे मम्मे दबाने लगे। मैंने भी उनकी शर्त पैंट निकाल दी।
फिर श्रीवास्तव जी ने मेरा ब्लाउस भी उतार दिया, मेरी पेटीकोट खोल दिया और मैं नंगी हो गयी। मैंने खुद अपने हाथ पीछे किये और ब्रा निकाल दी। फिर मैंने पेंटी निकाल दी। मेरे नंगे भरे हुए जिस्म को देखकर मेरे मालिक के दिल में आग सी लग गयी। उन्होंने मुझे बाँहों में भर लिया और अपनी औरत की तरह चूमने, चूसने लगे। “Desi Naukrani Sath Sex”
“मालिक सच सच बताइये …..की मैं आपके यहाँ ७ साल से काम कर रही थी। रोज सुबह शाम मैं झुक झुककर पोछा मारती थी और अपने मस्त मस्त दूध मैं आपको दिखाकर रोज ललचाती थी….क्या आपका कभी मुझे चोदने का दिल नही किया???” मैंने मालिक से पूछा.
“अरी सरला ! बस पूछ मत। तेरे ४०” के दूध देखकर मैं बहुत बार मुठ मारी है। तुझे चोदने का मेरा दिल बहुत करता था, पर तू कोई कुवारी तो नही थी, शादी शुदा थी, इसलिए मैंने तुझे कभी ना हाथ लगाया!!” मेरे मालिक बोले.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से नंगे होकर लिपट गये और चुम्मा चाटी करने लगे। मेरे मालिक मेरे दूध हाथ से दबाने लगे। मुझे अभी बहुत मजा मिल रहा था। फिर मिस्टर श्रीवास्तव मेरे मस्त मस्त दूध पीने लगे। मेरी चूत ढीली और रसीली होनी लगी। मैंने उसके मोटे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे है.
धीरे धीरे मेरे ५० साल की उम्र वाले मालिक का लंड खड़ा होने लगा। आधे घंटे तक उन्होंने मेरे इतना दूध पिया की मेरी छातियाँ बिलकुल लाल लाल हो गयी। कई बात चुदास में आकर मालिक ने मेरे दूध को अपने दांत से काट लिया। मैं तडप उठी। आधे घंटे बाद जब उनला लौड़ा खड़ा हुआ तो मुझे चक्कर आ रहा था।
कोई १० इंच लम्बा और ३ इंच मोटा लौड़ा था। दोस्तों, वैसे भी फौजियों के लंड तो बहुत बड़े बड़े होते है, इसी से आप अंदाजा लगा सकते है की मेरे मालिक मिस्टर श्रीवास्तव का लौड़ा कितना बड़ा होगा। फिर वो मेरी चूत पर आ गये और मेरी रसीली बुर पीने लगे। आह मुझे बहुत सुख मिला। “Desi Naukrani Sath Sex”
मेरी चूत से माल निकलने लगा जिसको वो चाट रहे थे। इसी बीच मैंने थोडा सा मूत दिया। मिस्टर श्रीवास्तव वो भी चाट गये। फिर उन्होंने व्हिस्की की बोतल उठा ली और मेरी चूत पर धीरे धीरे गिराने लगे। और नीचे मुँह लगाकर पीने लगे। कम से कम यही खेल २ घंटा चला। मेरे मालिक कभी मेरी चूचियों पर व्हिस्की डालकर पीते, तो कभी चूत पर। फिर उन्होंने मेरे दोनों घुटने खोल दिए और लंड मेरे भोसड़े में डाल दिया।
“सरला बाई!!….तुमको चोद तो रहा हूँ….पर ऐसे चूत देना की लगे की मैं अपनी औरत को चोद रहा है!!” मालिक बोले.
ये सुनकर मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया और उसी तरह से चुदवाने लगी जैसी मेरा पति उपेन्द्र मुझे चोदा करता था। कुछ दी देर में मिस्टर श्रीवास्तव ने अच्छी रफ्तार पकड़ ली और मुझे पटर पटर करके चोदने लगे। मेरा और उसका पेट पट पट की आवाज करते हुए बड़ी तेज तेज टकरा रहा था। मैं मजे से चुदवा रही थी। “Desi Naukrani Sath Sex”
“आआआआ …..मालिक…..औ…र तेज चोदो….आह आह …..फाड़ दे मेरा भोसड़ा….आज!!” मैंने किसी रंडी की तरह चिल्लाने लगी तो मेरे मालिक भी जोश में आ गये। उन्होंने मेरे दोनों कंधे कसके पकड़ लिया और जल्दी जल्दी मुझे ठोंकने लगे। लगा जैसे कोई चुदाई वाली मशीन मुझे चोद रही है।
मिस्टर श्रीवास्तव मेरी गर्मा गर्म सिकारियां, मेरी कामुक आवाजों का भरपूर आनंद ले रहे थे। मुझे फट फट फरके फक कर रहे थे। वो बहुत मेहनत से मेरे साथ मेरी चिकनी योनी में सम्भोग कर रहे है। मुझे बहुत मजा मिला। “Desi Naukrani Sath Sex”
आज ६ महीने बाद फिर से मेरी चूत का सटर उठा और उसका उदघाटन हुआ। मेरे मालिक मेरे दूध भी पी रहे थे और मेरे सेक्सी ओंठ पी चूस रहे थे। ३० मिनट बाद मालिक मेरे भोसड़े में आउट हो गये। फिर मैं उसने किसी जोंक की तरह चिपक गयी और प्यार करने लगी।
“सरला बाई!!!……कैसी ठुकाई की मैंने…..क्या तुम्हारे मर्द से जादा अच्छी ठुकाई की???” मालिक ने पूछा
“हाँ …मालिक! आपके लौड़े में तो अभी बहुत दम है। एक साथ आप ४ ४ औरतों को चुदाई के खेल में हरा दोगे!!” मैंने कहा
उसके बाद मैं मालिक का लंड चूसने लगी। इतने बड़े १०” लम्बे लौड़े को मुँह में लेकर चुसना बहुत गर्व की बात थी। कितना बड़ा, कितना गुलाबी और कितना मीठा लौड़ा था मेरे मालिक का। उन्होंने मेरे सर पर हाथ रख दिया और अपने मुँह की ओर धक्का दे देकर वो लंड चुस्वाने लगे।
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उनको भी इसमें बहुत मजा मिल रहा था। मैं उनकी गोलियां भी मुँह में भरकर चूस लेती थी। मैं गले तक अपने मालिक का लौड़ा चूस रही थी। उनके लंड से माल रिसने लगा था क्यूंकि वो बहुत उत्तेजित महसूस कर रहे थे। फिर लंड चुस्वाने के बाद मालिक ने मुझे बिस्तर पर कुतिया बना दिया। मैं अपने दोनों हाथों और घुटनों पर कुतिया बन गयी। मेरे मालिक मिस्टर श्रीवास्तव मेरी गांड पीने लगे। मुझे एक अलग सा नशा छाने लगा। फिर उन्होंने मेरी गांड में ढेर सारा तेल लगा दिया और लंड मेरी गांड में डाल दिया और फिर वो मेरी गांड मारने लगी।
शुरू शुरू में मुझे लग रहा था इतना मोटा लंड मैं बर्दास्त नही कर पाउंगी, पर ४० मिनट बाद मेरी गांड का छेद खुल गया और मैं मजे से उछल उछलकर कर गांड मरवाने लगी। “आह आह आह ….हा हा हा!!” करके मेरे मालिक मेरी गांड चोद रहे थे। कुछ देर बाद तो जैसे मुझे गांड मरवाने का चस्का लग गया। डेढ़ घंटे तक मालिक ने मेरी गांड दबाकर चोदी, उसके बाद मालिक ने अपना माल मेरी गांड में ही छोड़ दिया। उसके बाद फिर कुतिया बनाकर मेरी चूत मारी। अब मेरा पति मिसेज सक्सेना को चोदता है और मैं हर रात अपने मालिक मिस्टर श्रीवास्तव से चुदवाती हूँ। “Desi Naukrani Sath Sex”
Sourabhsharma says
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