Desi Sex Bomb
मेरा नाम आजिंक्य है। मेरी ऊंचाई 5 फ़ीट 10 इंच है में जवान हूँ। मेरी उम्र अभी 34 साल है और मेरी पत्नी अर्चना की उम्र 32 साल है। उसका रंग गोरा है, फिट बदन, फिगर 34-30-36 है। दिखने में एकदम माल लगती है। अर्चना की सेक्स अपील उसके रसीले होंठ और उसकी लंबी लंबी सुडौल टाँगे है। Desi Sex Bomb
उसका चेहरा एक परिपक्व औरत जैसा है। हमारी शादी को 3 साल हो चुके है और हमारा कोई बच्चा नहीं है। इस कहानी के दूसरे पात्र मेरे दोस्त हार्दिक, ऋषभ और ऋषभ की बीवी उर्वशी है। कहानी का हीरो हार्दिक रेग्युलर जिम में जाता है, योगा करता है, टेनिस- बेडमिंटन -क्रिकेट खेलता है। और अपनी फिटनेस का बहुत ख्याल रखता है।
हार्दिक एक रईस और संयुक्त परिवार का लड़का है। उनका ऑइल इंडस्ट्रीज का बिजनेस है जो उसके बड़े भाई मिलकर चलाते है। वो बेहद इंटेलिजेंट, संयमी और सुलझा हुआ इंसान है। उसकी उम्र 27 साल लंबाई 6 फ़ीट 2 इंच और मस्क्युलर है। रंग थोड़ा सावला पर दिखने में हीरो लगता है।
ऋषभ भी 6 फ़ीट हाइट और दिखने में एवरेज है। वो एक सिविल इंजिनीयर है। उसकी बीवी उर्वशी माशाअल्लाह क्या बड़े बड़े बॉबे और गांड है उसकी। वो थोड़ी चब्बी किस्म की औरत है। दिखने में एवरेज है। मेरी बीवी की तरह खूबसूरत नही पर उसके बड़े बड़े खरबूजे और बड़ी गांड ला जवाब है।
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एक बार हम सबने सर्दियों में प्रोग्राम बनाया कि चलो कहीं वेकेशन कर आते हैं। हम सब मे सिर्फ हार्दिक के पास कार है। तो हमने घूमने के लिए उसकी एर्टिगा लेली। रास्ते में हमने खूब मजा किया फोटो खींचे। फिर हम राजस्थान के जोधपुर में 4 स्टार रिसोर्ट पहोचे और 3 कमरे लिए।
हमारा और हार्दिक कमरा आमने सामने था और ऋषभ-उर्वशी का कमरा उसी फ्लोर पर थोड़ी दूर था। अपने अपने कमरे में पहुंच कर सब फ़्रेश हो गए और रात को शहर में घूमने जाने का प्रोग्राम बनाया। बाज़ार में घूमते वक्त मेरी बीवी अर्चना को हार्दिक ने एक झुमका दीखाया और कहा भाभी आप पे ये बहोत अच्छा लगेगा।
अर्चना: सच हार्दिक ये बहोत ही सुंदर है।
हार्दिक: पर आप के जितना नही।
अर्चना शरमा गई। फिर हार्दिकने उसे अपने हाथों से झुमका पहनाया। मैं वही थोड़ी दूर से देख रहा था पर उन्हें पता नही था। फिर अर्चना ने हार्दिक के ही पसंद की एक राजस्थानी मोजड़ी भी ली। और वो हार्दिक ने उसके पाव में अपने हाथो से पहनाई। उस वक्त उसने मेरी बीवी के पैरों की बड़ी तारीफ की।
मुझे इससे ऐतराज नही था क्यों कि में बहुत ही सुलझा हुआ इन्सान हूँ। हर मर्द अपनी पसंद की औरत को हमेशा रिझाने का प्रयत्न करता है जैसे हार्दिक। और औरत को भी मर्द उसके आसपास भवरे की तरह घूमे वह अच्छा लगता है। और वैसे भी औरत और तितली को बांध के नही रखना चाहिए।
थोड़ी छूट देनी चाहिए तो वो हमेशा आपके पास ही रहेगी। फिर दूसरे दिन हम वहां से थार गाड़ी ले के वीरान रेगिस्तान में घूमने गए। उस वक्त अर्चनाने लाल कलर का शर्ट और लाल कलर की पेंट वाला टू पीस पहना था। लाल रंग की और मर्द ज्यादा ही आकर्षित होते है।
उस दिन पूरे दिन हार्दिक और ऋषभ दोनो ही मेरी बीवी को ज्यादा इम्पोर्टेन्स भी दे रहे थे। और उस से मजाक मस्ती कर रहे थे। मैंने देखा कि इससे उर्वशी को जलन हो रही है। इसलिए मैंने उससे बातें करना और मजाक शुरू कर दिया। रेगिस्तान में शाम के वक्त डूबते सूरज के साथ की फोटो लेने के लिए हम वही रुके।
हार्दिक और ऋषभने मेरी बीवी की फोटो खींची और मैने ऋषभ की बीवी की। तभी एक जोरों का तूफान आ गया। और हम सब लोग घबरा गए। गाड़ी लेके हम सुमसान रास्ते से लौट रहे थे तभी गाड़ी बंद पड़ गई। वहां पास मे ही एक हवेली थी। हवेली बंद थी और होटल बहुत दूर इसलिए हमने वही थोड़ी देर रुकने का प्लान बनाया।
ताला तोड़ के हम अंदर घुसे तो शानदार हवेली थी मालिक ने अभी रिनोवेशन कराया लगता था। वहां एक खूबसूरत स्विमिंग पूल भी था। हम कुछ देर वहां रुके और तूफान थम गया। थोड़ी देर में एक पुलिस की गाड़ी वहां से जा रही थी तो मैकेनिक को लाने मैं और ऋषभ उनके साथ चल दिये। हार्दिक अर्चना और उर्वशी के साथ हवेली पे रुक गया। हवेली पे – यहाँ हार्दिक ने अपनी बेग में से ओल्ड मॉन्क रम निकाली और दोनों लड़कियों ने नास्ता।
उर्वशी: अरे हार्दिक ये तुम शराब पी रहे हो?
हार्दिक: भाभी इसे ओल्ड मॉन्क कहते है इससे सर्दी में गर्माहट मिलती है। चाहे तो आप भी एक पैक मार लो। (आंख मारते हुए).
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इधर उर्वशी ने तो एक एक करके 3 पैक लगा लिये। तो सब हँसने लगे। रात के 8 बज चुके थे तो उर्वशी को नींद आ रही थी तो वो उसी कमरे में सो गए। अर्चना और हार्दिक की आंख मिली तो दोनों मुस्कराए और अर्चना ने आंख नीची कर ली। फिर वो दोनों बातें करते करते गार्डन- स्विमिंग पूल के पास टहलने लगे।
हार्दिक ने कैमरे में अर्चना की तस्वीरे दिखाई। तभी उसने एक फोटो ऐसी दिखाई जिसमे अर्चना खड़ी थी और बंदर सुसु कर रहा था। अर्चना उसे फोटो डिलीट करने बोला तो हार्दिक भागने लगा। तभी जप्पा जिप्पी में वो दोनों स्विमिंग पूल में गीर गए। अर्चना को तैरना नही आता था।
तो हार्दिक ने उसे अपनी बाहों में ले लिया और बाहर निकाला। दोनो इतने करीब आ गए थे कि एक दूसरे की सांसो की गर्माहट महसूस कर रहे थे। फिर जल्दी जल्दी वो दोनो कमरे में आ गए। दूसरे कपड़े तो थे नही, इसलिए हार्दिक ने सिर्फ वहांसे टॉवल ढूंढ कर लपेट लिया।
हार्दिक: अर्चना, तुम जल्दी से कपड़े निकाल दो वर्ना सर्दी लग जाएगी।
अर्चना को भाभी की जगह अर्चना और आप की जगह तुम सुनकर अच्छा लगा। उसको हार्दिक ने एक सफेद चादर ढूंढ के दी। वो जब नकशीदार लकड़ी के चेंजिंग सेक्शन में एक एक करके कपड़े निकाल रही थी तो हार्दिक देखता ही रह गया। उसने अपनी लाल शर्ट पेन्ट निकाल दी और अंदर लाल ही रंग के ब्रा और पेंटी देख के हार्दिक जैसे सेल्फ कंट्रोल्ड इंसान का भी मन डोल गया।
वो शर्माती हुई आंखे झुकाकर सिर्फ सफेद चादर लिपट कर बाहर आई उसके बाल हल्के भीगे थे और खुले थे। इस रूप में वो औरत मादक लग रही थी।अब अर्चना एक सोफे पे बैठी और हार्दिक ने सेमेट्री में आग जलादि। वे दोनों आग से सेक रहे थे। पर राजस्थान की ठंड बहुत थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अर्चना को अब ठंड चढ़ रही थी और वो बहुत कांप रही थी। हार्दिक ने उसे रम पिलाई और बेड पे सुला दिया। नजदीक पे बडे बर्तन में आग जलाकर रख दिया और रजाई ओढा दी। फिर वो उसके पाँव की तलवे को अपनी हथेली से घिसने लगा। फिर भी अर्चना की हालत नाजुक थी।
हार्दिक अब दुविधा में था। फिर उसने अर्चना को अपने बदन की गर्मी देने का निर्णय लिया। और वो भी उसी रजाई में बिना किसी कपड़ों के घुस गया। उस समय मेरी बीवी के शरीर पर एक भी कपड़ा नही था। सिर्फ पाँव में पायल थी गले मे मंगलसूत्र, कानो में हार्दिक के दिए झुमके, नाक में बड़ी गोल नथ और दाए हाथ मे ब्रेसलेट।
उसने अर्चना को अपनी ओर मोड़ा और उसे अपने आगोश में लेते हुए उसे कस के लिपटकर सो गया। ककडती ठंड में दोनों के एक ही रजाई में पूरे नंगे बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे। हार्दिक के बदन की गरमी उसके शरीर को मिल रही थी। दोनो की सांसें एक दूसरे में समा रही थी। सांसो की गर्मी एक दूसरे को मिल रही थी।
मेरी बीवी के बदन की खुश्बू से हार्दिक का लंड अब खडा हो गया था और उसने अर्चना को चता लेटा कर उसके ऊपर आ गया। जैसे एक मजबूत और कसा हुआ घोड़ा सुकुमारी घोड़ी के ऊपर चढ़ता है। उसका मजबूत सीना मेरी बीवी के उरोजों से सीटा हुआ था।
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अर्चनाने तंद्रा में उसे अपने दोनो हाथो से गले से सीटा लिया। उसका खड़ा लंड अर्चना की चूत पे लगा था और अंदर जाने को मचल रहा था। अब तक हार्दिक के शरीर की उष्णता से अर्चना भी गर्म हो चुकी थी। फिर उसने आंखे खोली उसकी नज़रे हार्दिक से मिली।
उसकी आंखें उसे शुक्रिया कह रही थी। तभी हार्दिक ने एक लपलपाता हुआ चुम्बन उसके होंठो पे जड़ दिया। करीब 10 मिनिट तक वो उसके होंटो को चूसता रहा और अर्चना भी उसका साथ दे रही थी। उसके होंठ फूल गए तब अर्चना ने हार्दिक का मुंह अपने से अलग किया।
पर वो रुका नही उसने फिर उसके गले को निशान बनाया। उसके पूरे गले को 10 मिनिट तक चूसता काटता रहा जिससे उसका पूरा गला गीला हो गया था। इसी दौरान उसका लंड अब अर्चना की चूत पे हल्का हल्का घिस रहा था। जिस वजह से चूत में से पानी निकलना शुरू हो गया था।
गले को छोड़कर अब बारी दोनो खूबसूरत चूचियों की यानी कि बूब्स की थी। उसने बारी बारी निप्पलों को मुंह मे लेकर खेला चूसा कभी तो पूरा मुँह खोल कर पूरा बोबा मुँह में भर लेता। एकआद बार निप्पल पे दांत से काटा तो अर्चना की चीख निकल गई। चूचियों को लाल कर दिया।
अब उससे रहा नही गया तो अपने लंड से अर्चना की चूत पे दबाव बढ़ाया। वो कुवारी नहीं थी इसलिए धीरे धीरे अंदर सरकने लगा। लेकिन उसका लंड मेरे लंड से गोलाई में लगभग दुगना था पर लंबाई में कुछ ही कम था। इसीलिए मजबूत प्रहार कर सकता था।
जैसे जैसे लंड अंदर गया मादरजात मेरी बीवी कसमसाने लगी। उसकी आँखों मे से पानी निकल गया। और उसने अपने से पांच साल छोटे पराये मर्द का पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया। वो कुछ देर ऐसे ही रहा फिर उसने धीरे धीरे लंड से स्ट्रोकिंग चालू करी।
अर्चना को शुरू में थोड़ा घिसा फिर उसकी चूत ने लंड के मुताबिक अपने आप को एडजस्ट कर लिया। धीरे धीरे धक्कों की गति उसने बढ़ा दी। हर धक्के के साथ मेरी बीवी के मुंह से उन्ह उन्ह की आवाज निकलने लगी। और हार्दिक जोरो से आह आह की आवाज निकालता था।
जिससे पूरा कमरा लंड चूत की थपा थप और आह उन्ह से भर गया। “हार्दिक, आई लव यू, हार्दिक चोद दो मुझे, मसल डालो अपने लंड से। मुझे अपने आप मे समा लो।” मेरी रंडी बीवी ने हार्दिक से कहा, जैसे वो किसी की पत्नी नही हार्दिक की प्रियतमा हो। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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ये सुनते ही हार्दिक ने उसे कस कर दबोच लिया और उसके मुंह को हर जगह चाटने लगा। मेरी बीवी का पूरा चहेरा उसने अपने अधर रस से भर दिया। “उफ्फ्फ ये लड़का, आह! ये लड़का मुझे खा जाएगा!” अर्चनाके मुँह से ऐसे आवाजे निकली। हार्दिक ने धक्कों की रफ्तार और बढ़ा दी। गीली चूत और लंड की घिसन से पुच पुच पुच पुच की आवाज आने लगी
हार्दिक बोला, “मेरी जान तू अब तक कहा थी? तुम मेरी हो तुम्हारे जिस्म पे, चूत पे तेरे मम्मो पे मेरा हक है आज से। मैं जब बुलाऊंगा तब तब तुजे आना होगा मेरा लंड लेना होगा। वरना तुझे उठा कर ले जाऊंगा। मुझे तुझसे प्यार हो गया है।”
मेरी बीवी भी ये सब सुनके एक्साइट हो गई। वो हार्दिक के बालो को खींचते हुए चेहरे को, सिर पर, आंखों पर, होंठो पर और गालो पर एक के ऊपर एक चुम्बन करने लगी। पूरे वाइल्ड हो चुके थे। ऐसे कुछ 25 -30 धक्कों के बाद उसकी चूत ने और ज्यादा पानी छोड़ दिया। वो थक गई थी पर हार्दिक का स्टेमिना जैसे मेने बताया योगा-स्पोर्ट-संयम के कारण बहुत ज्यादा था।
मेरी बीवी ने हांफते हुए कहा, “अब छोड़ दे जालिम। मुजे दर्द हो रहा है। मेरी चूत फट जाएगी, फिर कभी कर लेना!”
वो छोड़ने के लिए मिन्नते करने लगी। पर वो रुकने वाला नही था। उसने मेरी बीवी को और कस के पकड़ लिया। वैसे भी पौरुषत्व से भरपूर शेर की पकड़ से मदमस्त हिरनी कैसे छूट सकती है। वो हिरनी की तरह छट पटाने लगी। पर हार्दिक ने उसपे कंट्रोल कर लिया।
हार्दिक बोला, “तू मेरी जान है, तू ही मेरी प्रियतमा है, तुही मेरी महोब्बत है। तू ही मेरी गुलाम है, तू ही मेरी रांड है, तू ही मेरा माल है। बस तू ही तू है तुझे पाने को जबरदस्ती करनी पड़े तो करूँगा दुनिया से लड़ जाऊंगा।”
उसमे अब दरिंदगी आ गई थी। मेरी बीवी के गले को और उरोजों को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई वैम्पायर खून चूस रहा हो।
अर्चना: आ छोड़ दे रे कसाई, अब नही, है भगवान बचा ले मुझे इस लड़के से।
हार्दिक उसके मुह में जीभ फिराने लगा। बाल खींचने लगा और एक हाथ से उरोजों को दबाने लगा। उसने धक्कों की रफ्तार धीमी कर दी। फिर एक लंबा लिप टू लिप् फ्रेंच चुम्बन करने लगा। अर्चना की लिपस्टिक होंठो के आस पास फैल गई थी उसके बाल बिखर गए थे। गले पे बूब्स पे लव बाइट्स पड़ गए थे और पीठ पे नाखुनो के निशान पड़ गए थी। और अर्चना की चूत में फिर से पानी आने लगा वो भी गांड हिला हिला कर साथ देने लगी।
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मेरी बीवी: हार्दिक आज तूने मुझे सेटिस्फाई किया है ऐसी चुदाई मेरी कभी नही हुई है। में चाहती हु की मैं तेरे ही बच्चे की माँ बनु। मुझे तेरे जैसा बेटा चाहिए, इसलिए बाहर मत निकालना। अंदर ही निकालो। अपने वीर्य से मेरी योनी को भर दो, भर दो मेरी कोख को अपने पौरुष से। कर दो मेरे पाव भारी, बनादो मुजे एक पूर्ण परिपक्व औरत।
फिर एक लंबी चीख के साथ मेरी बीवी और हार्दिक ने एक साथ पानी निकाल दिया। हार्दिक ने अपने लंड को बाहर नही निकाला नाही अर्चनाने निकाल ने दिया दोनो एक दूसरे में समाते हुए ऐसे ही सो गए। बाहर और भी ठंड थी पर रजाई में बहुत गर्मी।
सुबह हम जब लौटे तब तक सभी जाग चुके थे और कपड़े पहन चुके थे। मेरी बीवी ने मुँह धो कर गले मे स्कार्फ लगा कर रखा था जिससे कल रात की चुदाई का पता ना चले। हम सब गाड़ी ठीक होते ही होटल पहोचे और नाह धो कर आगे घूमने बढ़ दिए। पर मेरी बीवी मन ही मन बहुत खुश थी क्योंकि उसे पूर्णता का एहसास मिला था और साथ ही वीर पुरूष का वीर्य।