Chikni Chut Desi Porn
दोस्तों हमारे बनारस वाले मकान के पड़ोस में एक अंकल आंटी रहते हैं। उनके परिवार में उन दोनों के अलावा उनका लड़का और एक लड़की जिसका नाम अमृता है। अमृता मेरी एक एक्स गर्ल फ्रेंड की दोस्त भी है। बात तब की है जब अमृता का 20 वाँ जन्मदिन था। Chikni Chut Desi Porn
जैसा मैं पहले कई बार अपनी कहानियों में बता चुका हूँ कि मैं बनारस यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। तो बनारस वाले मकान पे अकेला ही रहता था। बाकी फैमिली दूर बनारस के ही एक कस्बे में रहती थी। एक दिन हुआ ये की मैं अपने घर में घुस ही रहा था कि पड़ोसन आंटी ने मुझे रोका।
उन्होंने कहा कि, “सुनो नितिन बेटा शाम को तुम्हें घर पे आना है 6 बजे, और खाना भी यहीं खाना है।”
मैंने पूछा, “आंटी, क्या प्रोग्राम है?”
तो उन्होंने कहा, “कुछ नहीं है बस तुम आ जाना।”
मैंने कहा ठीक है आंटी आ जाऊंगा। शाम को करीब 7 बजे मैं पहुंचा उनके घर तो मुझे पता चला कि उनकी लड़की अमृता का जन्मदिन है। और केक काटने का प्रोग्राम तभी था। अमृता ने केक काटा और सबने उसको गिफ्ट भी दिए और खाना खाके घर आ गए।
मैंने भी अमृता को बर्थडे विश किया और कहा, “सॉरी मुझे पता नही था अमृता तुम्हारा जन्मदिन है तो मैं गिफ्ट नहीं लाया।”
वो बोली, “कोई बात नहीं इट्स ओ के। कल दे देना।”
मैंने कहा, “हाँ ठीक है कल पक्का दे दूंगा। बताओ तुम्हे क्या चाहिए?”
वो बोली, “ये मैं कल ही सोच के बताती हूँ तुम्हे।”
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मैंने भी कहा ठीक है सुबह बता देना। और फिर मैं भी खाना खाके घर आ गया। अगले दिन सुबह करीब 9 बजे मेरा दरवाज़ा बजा। मैं नहाके निकला ही था बाथरूम से तो तौलिया लपेटे हुए ही दरवाज़ा खोला। देखा तो सामने अमृता उसकी कॉलेज की ड्रेस में खड़ी थी।
मैंने कहा, “आओ अमृता, बैठो बताओ कैसे आना हुआ?”
वो अंदर आयी और बोली कि, “मैं कॉलेज जा रही थी तो सोचा तुमसे अपना गिफ्ट ही लेती जाऊं।”
मैंने कहा, “हाँ बताओ तुम्हे क्या चाहिए, मैं शाम तक ले आऊँगा।”
तो वो मुझसे बोली पहले दरवाज़ा बन्द करके आओ। मुझे थोड़ा अटपटा सा लगा दोस्तो पर मैंने दरवाज़ा बन्द किया और कहा, “हाँ बताओ क्या चाहिए?”
तो वो बोली, “विभा तुम्हारी एक्स गर्ल फ्रेंड है ना?”
मैंने कहा हाँ।
तो उसने कहा, “वो मेरी फ्रेंड है, उसने बताया कि तुम्हारा वो बहुत बड़ा और मोटा है। मुझे उसे देखना है।”
मैंने कहा, “वो क्या?”
तो वो बोली कि, “अरे तुम्हारा हथियार।”
मैंने कहा, “हथियार मतलब?”
वो मेरे पास आई और मुझसे चिपक के खड़ी हो गयी और मेरी टॉवल खींच के निकाल दी। और बोली ये। जैसे ही उसने तौलिया खींची मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लण्ड फड़फड़ाता हुआ एकदम तनके खड़ा हो गया। अमृता ने मेरे लण्ड को हाथ में लिया और उसका साइज महसूस होते ही उसकी आँखें काफी बड़ी-बड़ी खुल गयी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तभी उसने नीचे की तरफ देखा और बोली, “वाह! यार ये तो सच में बहुत बड़ा है, विभा तभी इसकी इतनी तारीफ करती है।”
फिर वह मुझसे बोली, “मुझे गिफ्ट में यही चाहिए।”
तो मैंने कहा, “अब हाथ में ही लोगी या लेने वाली जगह भी लोगी?”
वो मेरी तरफ मुस्कुराई और मेरे लण्ड को पकड़े हुए मुझे बेड की तरफ ले गयी। और फिर वो बेड पे बैठ गयी और झट से मेरे लण्ड को मुँह में लेके चूसने लगी। क्या चूस रही थी वो। उसकी जीभ मेरे लण्ड पर चारों तरफ लपर-लपर चल रही थी। लण्ड मुंह में लेकर जीभ से चाटने की वजह से लण्ड चुसवाने में दो गुना मजा आ रहा था मुझे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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मैंने उसके सर को पकड़ के पूरा अंदर तक लण्ड उसके मुँह में अंदर बाहर कर रहा था। थोड़ी देर बाद मुँह से लण्ड निकाल के उसने अपने भी खुद ही सारे कपड़े निकाल दिए। क्या माल थी वो एकदम गोरा रंग शरीर पे कोई भी दाग नहीं 32 के चूचे और 34 की गांड।
मैंने भी देर न करते हुए उसे अपने पास खींचा। और उसको चेहरे पे किस करने लगा। फिर मैंने उसे उसकी गर्दन पे किस किया तो वो पागल सी होने लगी। साथ ही मैं उसके बूब्स भी दबा रहा था। उसके निप्पल्स एकदम सख्त और खड़े हो चुके थे।
फिर थोड़ा सा नीचे आके मैं उसके बूब्स को दबाने लगा और उसके गुलाबी निप्पल्स को जीभ से चाटने लगा। मैंने उसके निप्पल्स को चाटना शुरू किया तो वो तेजी से सिसकियाँ भरने लगी। और मेरा सर अपने बूब्स में दबाते हुए बोली, “सही सुना था मैंने तुम चाटते भी बहुत अच्छा हो। यार कितने नसीब वाली थी विभा सच में।”
मैं बोला, “आजा मेरी जान तुझे भी नसीब वाली बनाता हूँ।”
और मैंने उसे वही बिस्तर पे लिटा लिया। मैं बिस्तर के पास खड़ा था। उसने भी अपनी एक टाँग मेरे कंधे पर रख ली इतनी गोरी टाँग की बिल्कुल सफेद रंग की। दोस्तो मैंने उसकी टाँग को किस करना शुरू किया और किस करते हुए उसकी चूत की तरफ बढ़ा।
एकदम चिकनी बिना बालों की चूत आज ही साफ करके आयी थी वो बाल। चिकनी गोरी चूत और उसपे एक सुंदर सी क्लाइटोरिस। मैंने उसकी चूत को जीभ से चाटना शुरू किया और अंदर तक चूत में जीभ डालके चाटा। वो भी पागल होने लगी और ‘आह आह’ चिल्लाने लगी।
तभी वो बोली, “रुको जन्मदिन मेरा है तोहफा मुझे मिलना है तो तुम्हारा लण्ड मुझे चूसने दो।”
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फिर मैं बिस्तर पे लेट गया और वो मेरे ऊपर 69 पोजीशन में आ गयी। और मेरे लण्ड को चाट चाट के चूसने लगी। मैं भी उसकी चूत को जीभ से चाट रहा था। फिर मैंने उसकी चूत में 2 उँगलियाँ डाली और जीभ से उसकी क्लाइटोरिस को चाटने लगा। वो भी मेरे लण्ड को तेजी से चूसने लगी।
आधा घंटे हम 69 पोजीशन में ही रहे। उसकी चूत कई बार पानी छोड़ चुकी थी। मैं उसकी चूत को तेजी से चाट रहा था। फिर थोड़ी देर बाद एक साथ मैंने भी अपना माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया। उसका मुँह मेरे लण्ड के माल से भर गया। कुछ तो वो पी गयी और बचे हुए को जीभ से उसने मेरे लण्ड पर ही लगा दिया।
फिर मैंने उसे उठाया और बिस्तर पे लिटा लिया और उसकी चूत पे लण्ड रगड़ना शुरू किया। और एक साथ झटके से पूरा लण्ड उसकी गीली चूत में घुस दिया। वो बहुत तेज चिल्लाई और बोली, “इसे निकालो प्लीज़ मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मेरा दम निकल जायेगा निकालो प्लीज़।”
मैं बोला, “बस 2 मिनट रुक मेरी जान ये दर्द मजे में बदल जायेगा।”
फिर मैंने धीरे से लण्ड बाहर निकाला और उसे धीरे-धीरे अंदर बाहर करने लगा। थोड़ी ही देर में अमृता मजे से सिसकारियाँ भरने लगी और मेरे लण्ड के साथ अपनी चूत को भी आगे पीछे करने लगी। थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने उसे खड़ा करके चोदा और फिर उसे कुतिया बना लिया।
जैसे ही कुतिया बनी के उसकी चूत में लण्ड डाला। उसे और ज्यादा मजा आने लगा और मजे में और तेजी से चिल्लाने लगी। “आह आह ऊह क्या लण्ड है, मर गयी कम ऑन चोदो मुझे आह!” मैंने तभी अपना लण्ड निकाला और उसकी गांड पे फिराया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो बोली, “नहीं प्लीज़ गांड में नहीं बहुत बड़ा है फट जाएगी यार।”
मैं बोला, “बाबू, जन्मदिन का गिफ्ट है मुँह में लिया चूत में लिया तो गांड में भी लो।”
वो बोली, “अच्छा ठीक है कंडोम लगा लो कंडोम की चिकनाई से आसानी से चला जायेगा।”
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दोस्तो मैंने एक कंडोम लिया चॉक्लेट फ्लेवर और अमृता को दिया। उसने मेरे लण्ड पे वो कंडोम चढ़ाया और उसे चूसने लगी। थोडी देर चूसने के बाद बोली कंडोम से चूसने में कम अच्छा लग रहा है इसे तो सीधे चूसने में ज्यादा मजा है। मैंने उसे खड़ा किया और पीछे घुमा लिया और उसके चूतड़ों पर 2 हाथ लगाये कस के। और फिर वही कुतिया बना दिया और उसकी गाँड़ में लण्ड घुसाया। लण्ड का टोपा ही घुस पाया था कि वो दर्द से उछल गयी। मैंने उसे कस के पकड़ा और लण्ड एकसाथ आधा घुसा दिया।
वो छटपटाई पर मैंने उसे छोड़ा नहीं और कस कसके जोर से झटके लगाए। काफी देर अमृता की गाँड़ बजाने के बाद मुझे लगा मैं झड़ने वाला हूँ। तो मैंने अपना लण्ड उसकी गाँड़ से पूरा निकाल लिया। उसकी गाँड़ का छेद चौड़ चुका था। मैंने फटाफट कंडोम निकाल दिया और सीधे उसकी गाँड़ में लण्ड पेल दिया। और फिर तेजी से जल्दी जल्दी के झटके लगाए। और फिर उसकी गाँड़ को अपने लण्ड के माल से भर दिया। इस सब में हमें बहुत देर हो चुकी थी। उस दिन अमृता कॉलेज नही गयी और हमने 2 बार और कस के चुदाई की।