Modern Aunty Anal Fuck
मै सम्भव के घर अक्सर जाता रहता था, वो मुझसे करीब पाँच साल छोटा है और उसका शरीर व शक्ल ऐकदम लडकी के जैसा है, मै उसको लडकी ही की तरह देखता था और उसकी गाँड मारने के बारे मे सोचता रहता था पर वो इस सबसे अन्जान था। एक रोज मै सम्भव से मिलने उसके घर गया तो बगीचे मे ऐक जवान मदमस्त औरत को देख कर दंग रह गया। Modern Aunty Anal Fuck
छोटे बाल गदराया बदन मखमली गोरी जाघे भरा हुआ चेहरा भरे भरे गाल देखते ही मेरा लंण्ड खडा हो गया। सम्भव की आवाज सुनकर मै चौका पूछने पर उसने बताया कि यह उसकी चाची है और कुछ दिनो के लिए आई है क्योकि उसके घर वाले कुछ दिनो के लिए बाहर जा रहे है।
मै सोच रहा था कि अगर सम्भव अकेला होता तो मै उसकी गाँड मार सकता था लेकिन अब मै उसकी चाची की गाँड मारने की सोचने लगा। मैने सम्भव से कहा कि थोडा बाहर घूमते है तो वह मेरे साथ आ गया मैने उससे पूछा कि तुम्हारे घरवाले कब जा रहे है तो उसने बताया कि कल सुबह छःबजे की ट्रेन है.
तो मैने कहा कि कोई बात नही पाँच छः दिन मस्ती करेगे तो वो बोला कि नही यार कालेज का ऐक बहुत जरुरी प्रोजेक्ट है जिसमे वो बहुत व्यस्त रहेगा मैने उसको बोला कि कालेज की छुट्टी कर लो पर उसने मना कर दिया। मैने उससे पूछा कि कालेज कब जाओगे वो बोला सुबह आठ बजे और शाम को चार बजे वापस आऊगा।
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यह सुन कर तो मेरा लण्ड पैन्ट फाड कर बाहर आने को हो गया क्योकि उसकी चाची घर मे अकेली रह गई थी जिसकी गाँड मारने की मै तरकीबे लगा रहा था।मैने उससे कहा कि चलो कल शाम को मिलते है। रात भर सम्भव की चाची मेरी आखों के सामने आती रही और मेरे लंण्ड ने मुझको सारी रात सोने नही दिया.
रात भर मै उसको चोदने के बारे मे सोचता हुआ कब सो गया पता ही नही चला। सुबह करीब आठ बजे मेरी आँख खुली तो मेरा लण्ड अभी भी खडा हुआ था,रात भर मै सम्भव की चाची की कभी गाँड तो कभी चूत मारता रहा। मै नहा धो के तैय्यार हुआ और नाश्ता करने लगा मेरे दिमाग मे तो सम्भव की चाची ही घूम रही थी और आज मै उसको हर हाल मे चोदना चाहता था।
मैने अपने बदन पे तेल की अच्छी मालिश की और लण्ङ की भी बहुत अच्छी तेल मालिश की मैने सिर्फ जीन्स पहनी जिससे मेरा लण्ङ बिलकुल फ्री था ऊपर मैने टी शर्ट डाल ली ताकि नंगा होने मे आसानी रहे सैक्स का मजा नंगे मे ही आता है। अब दस बज चुके थे और मुझको पता था कि सम्भव कालेज जा चुका होगा और उसकी चाची अकेली होगी।
मै उसके घर की तरफ चल दिया और उसके घर से कुछ दूर मोटर साईकिल खडी दी।सम्भव का घर थोडा सुनसान जगह पर सडक से थोडी दूरी पर है आसपास के घर भी थोडी दूरी पर बने हुए है। घर पर पहुचा तो संन्न रह गया उसकी चाची ने आसमानी रंग की स्कर्ट पहनी हुई थी और हलके पीले रंग का टाप पहन रक्खा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो नीचे बैठी हुई फूलो को देख रही थी और अंन्जाने मे अपने संगेमरमर जैसै जिस्म की दर्शन करा रही थी। उसकी मखमली जाघौं मे से उसकी सफेद पैन्टी दिखाई दे रही थी और उसके बडे बडे चूचो का उभार टाप से साफ दिख रहा था। मैने बडी मुश्किल से अपने पर काबू किया लेकिन मेरा लंण्ङ पूरा बे काबू हो गया था और खडा हुआ साफ दिख रहा था। मैने गेट खटखटाया तो हरामजादी ने पूछा कौन है?
मैं: जी मै सम्भव का दोस्त.
चाची: वो तो घर पर नही है।
मैं: कहाँ है?
चाची: कालेज गया है.
मैं: कब तक आ जाएगा.
चाची: शाम तक ही आएगा बोल रहा था कि काफी काम है।
साली का भरा पूरा बदन मासल गोरी जांघे भरे भरे गाल मेरे लंण्ङ की उठक बैठक करा रहे थे और शायद वो कुतिया यह समझ भी गयी थी। मै उससे बात करके उसको फसाना चाहता था।
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मैं: आप कौन है?
चाची: मै सम्भव की चाची हूँ.
मैं: आप उसकी चाची लगती तो नही हो।
चाची: क्यो इसमे लगने वाली क्या बात है।
मैं: आप काफी मार्डन और स्मार्ट हो ना इसलिए।
मेरी बात पर वो हँस पडी और बोली कहाँ से आए हो?
मैने बोला काफी दूर से तो वो बोली चाय लोगे?
(मै अब मौकै का फायदा उठाना चाहता था,मै गेट खोल कर उसके सामने जाकर अपना तना लंण्ङ और आँखौ मे मचल रहे उसको चोदने के ईरादे जता देना चाहता था और वो बखूबी समझ भी गई थी) मै उसके पास जाकर बोला जी जरुर पर आप को तकलीफ होगी।
वो भी शायद अब मस्ती मे आ गई थी बोली इसमे तकलीफ कैसी मुझे अब सिग्नल मिल चुका था मैनै कहाँ कि मेरी मोटर साईकील बाहर खडी है मै उसको लेकर आता हूँ। वो बोली ठीक है। अब मै थोडा रिलेक्स महसूस कर रहा था क्योकि काफी हद तक मैने उसको चोदने के बारे मे बता दिया था अब मै आस पडोस के बारे मे निश्चित होना चाहता था कि ऐन वक्त पर कोई आ ना जाए।
पडोस काफी सुनसान लग रहा था लगता था कि जैसै जंगल हो मै भी मोटर साईकिल को घर मे लाकर गेट बंद करके घर के अंदर चला गया और दरवाजे को बन्द कर दिया अन्दर कयामत रसोई मे चाय बना रही थी सम्भव का घर तो काफी बडा है लेकिन रसोई मे फ्रिज टेबल की वजह से बहुत तंग जगह हो गई थी जिसकी वजह से दो लोग आपस मे मिले बिना आ जा नही सकते थे।
दिलरुबा रसोई मे चाय बना रही थी मै तेजी से उसके पीछे आ गया और अपने लंण्ङ को उसके चूतडो के बीच घुसा के एक धक्का मारा उसका मुहँ लाल हो गया वो बोली क्या कर रहे हो?मैने अन्जान बनते हुए कहाँ कि पानी लेने जा रहा था वो बोली मेरे को कह देते अब मेरा लंण्ङ उसकी गांण्ङ मे लगा हुआ था मै बोला कि मै आप को परेशान नही करना चाहता था।
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यह बोल के मै उसकी जाघौ को हाथ से सहलाते हुए हट कर कमरे मे आ गया थोडी देर बाद आवाज आई कि चाय ले लो तो मैने बोला कि यही ले आओ वो चाय लेकर मेरे कमरे मे आ गई। वो जैसै ही कमरे मे आई मैनै एकदम से कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और उसको पीछे से पकड लिया.
मेरा लंण्ङ तो उसकी गांड मे लगा हुआ था और मेरे हाथ उसके चूचे मसल रहे थे वो थोडा घबरा सी गई पर मेरे बदन और लंण्ङ की गर्मी ने उसे मस्ता सा दिया था वो बोली क्या कर रहे हो? मै बोला तेरी गांड मारुगा। मैने उसको जकड रक्खा था लंण्ङ उसकी गांण्ङ मे लगा हुआ था और हाथ उसके मम्मे मसल रहे थे मै भी पूरा गरम हो चुका था और उसे गालियाँ बके जा रहा था।
मै तेरी माँ का भोषडा मारु हरामजादी कल से लंण्ङ तडपा रक्खा है कुतिया रात भर तेरे गदराये बदन ने नींद उडा रक्खी थी साली अब भुगत लंण्ङ का कहर। मेरे ठोस बदन कडकते लंण्ङ बदन की गर्मी ने उसको दर्द और मजा दोनो मिल रहा था उसके भरे बदन ने मुझे हैवान बना दिया था.
मै अपने लंण्ङ के धक्के उसकी गांड मे मारे जा रहा था मेरे दोनो हाथ साली के चूचे निचोङ रहे थे वो अब थोडा गर्मा गयी थी मैने मौका देख कर उसका टाप अलग कर दिया अब वो छिनाल ऊपर से पूरी नंगी मेरे सामने थी मैने जल्दी से अपनी टी शर्ट उतार दी और अपने नंगे बदन से उसकी नंगी पीठ को सठा के उसके मम्मो की घुङिया मसलने लगा.
वो अब थोङी मदहोश सी हो गई थी वो जैसै ही कुछ ढीली पडी मैने तेजी से उसकी कच्छी को उतार दिया उफ्फ अब उसके बदन पर सिर्फ र्स्कट ही रह गयी थी मेरे बदन मे तो अब खून के बजाय सैक्स दौङ रहा था गोरी मांसल जाघों को तो मै पहले ही देख चुका था और अब उसके नंगे कूल्हों ने मुझे वहशी बना दिया था।
मै उसकी फूली गुलाबी चिकनी चूत को देखकर पागल हो गया था। मेरा लंण्ङ तो अब पूरा लोहा बन के सीधा खडा हुआ था मै बिलकुल जंगलियो की तरह उस पर टूट पडा मेरे बोझ की वजह से वो पास के बिस्तर पर दोनो हाथ टिका के झुक गयी तो मैने अपनी जींस निकाल दी अब मेरा लंण्ङ खुल्ले सांड की तरह था.
मेरे दिमाग पे तो जैसे शैतान सवार था, मैने साली की दोनो टांगे अपने हाथो से उठा ली मेरे हाथो की पकड इतनी कसी हुई थी कि वो सिहर गयी मै गौर से उसकी चूत और गांड देखकर उत्तेजना से हाँफ रहा था और मेरा लँण्ङ ऊपर नीचे हो रहा था वो भी अब चुदने को बिलकुल तैय्यार थी पर मेरे शैतानी दिमाग मे कुछ और ही चल रहा था।
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मै उसको तडपाना चाहता था उसको दर्द देना चाहता था उससे बदला लेना चाहता था उसको भी तरसाना चाहता था मुझे पता था कि यह हफ्ते तक तो मेरी है।मैने उसकी गांड मारने की सोची जिससे कि वो चुदवाने को तरसे और गांड मे मेरे लौङे का दर्द झेले। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैने उसकी टांगे छोड दी उसने चुदने को टागे थोङी चौङी कर ली मैने अपने लँण्ङ का सुपाडा उसकी गांड के छल्ले के ऊपर करके उसके चुच्चे मसलने लगा मेरे लँण्ङ की गर्मी उसके गांड के छल्ले को गर्म कर रही थी और मेरा पूरा नंगा बदन उसको गर्म कर रहा था.
मेरी गर्म सांस धौकनी की तरह उसके कानो को गर्माहट दे रहे थे वो अब निढाल हो गई थी उसने जैसे ही अपने गांड के छल्ले को थोडा ढीला छोडा मैनै जोर मार के लँण्ङ गांड मे घुसा दिया वो दर्द से मेरी मजबूत पकड की वजह से तडप गई और उईईईईईईईई चिल्लाते हुए बोली कि क्या कर रहे हो?
मैं: साली गांड मार रहा हूँ.
चाची: कुत्ते दर्द हो रहा है निकाल ईसे.
मैं: कुतिया कल से परेशान किया हुआ है तूने अब भुगत.
चाची: हरामजादे किसी लडकी से नही किया क्या कभी या लडको की ही मारता रहा?
मैं: भोषडीकी तेरी तो आज गांड ही बजेगी.
ये बोल कर मैने पूरी ताकत से लँण्ङ को पूरा उसकी गांड मे घुसा दिया वो दर्द से बिलख पडी मैनै उसको कुछ देर तक ऐसे ही जकडे रक्खा उसके बाद मैने हल्के हल्के धक्के मारने शुरु किये तो वो दर्द से रोने लगी लेकिन मुझे उसको देखकर मजा आ रहा था।
मेरे धक्को से जब वो बहुत रोने लगी तो मैने उसको जकड के लँण्ङ पूरा घुसाके उसकी चूत सहलाने लगा थोडी देर सहलाने पर जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो अपनी उगली उसकी चूत मे घुसा दी और चूत मे उगली करने लगा। उसको दर्द और मजा दोनो आ रहे थे अब मैनै लँण्ङ के धक्के मारने शुरु कर दिये साथ हि साथ चूत मे उगली भी कर रहा था.
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वो अब अलग ही मस्ती मे आ गई थी दर्द और मजा दोनो ले रही थी मै भी अब लँण्ङ को पूरा अन्दर बाहर कर रहा था और उसकी चूत मे ऊगलि घुमाए जा रहा था। उसको अब गांड मरवाने मे मजा आने लगा था और वो अब मेरे लँण्ङ पे अपनी गाँङ के धक्के मार रही थी। अब मैने ऐक हाथ से उसके चूचे दबाने चालू कर दिये और दूसरा हाथ चूत मे उगली कर रहा था मेरा लँण्ङ पिस्टन उसकी गांड मे घचाघच करे जा रहा था। थोडी देर मे उसकी चूत ने पानी छोड दिया तो उसने अपनि गांड भीच ली तभी मेरा लँण्ङ भी फैलने लगा वो दर्द से चिल्लाई.
लेकिन मै अब गांड की तेज मराई करने लगा और थोडी देर बाद झड गया। वो भी निढाल हो गई थी और मै भी बेसुध उसके ऊपर पड गया। काफी देर बाद वो मेरे नीचे से निकली मैने भी फिर जल्दी से कपडे पहने वो भी कपडे पहन चुकी थी,मैने उसको कस के अपनी छाती से लगा कर उसको बहुत चूमा। मै कैसा लगा हमारा अन्दाज? वो शरमा गई तब मैने उसके होठो को चुमते हुए कहाँ कि कल आपकी चूत चोदेगे और ये बोल कर मैने उसकी चूत पकड ली वो हस पडी और मैं वहाँ से निकल गया।
Arpit Kumar says
Kisi ,bhabhi ,aunty,ko shukh na mil pa rha ho mujhse sampark kar skta
Mi unko achi tarah se santusht kar sktahuu