Hot Sex Game XXX
मेरा नाम सविता है, मै गोंडा की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र लगभग 29 साल होगी। मेरी शादी हो चुकी है और मेरा एक बेटा भी है। वो अभी केवल 12 साल का है लेकिन उसकी दोस्ती ना जाने कैसे एक 19 साल के लड़के से हो गई। उसका नाम रजनीश था। Hot Sex Game XXX
मेरा बेटा वीडियो गेम बहुत खेलता है और रजनीश को भी वीडियो गम बहुत पसंद था। इसीलिए उन दोनों कि दोस्ती हो गई। रजनीश मेरे घर रोज आने लगा था। रजनीश मेरे बेटे के साथ में खूब गेम खेलता था। मै आप को अपने चुदाई के उस कहानी को सुनाने जा रही हूँ, जिसमे मुझे सबसे ज्यादा मजा और दर्द हुआ था।
मेरे दोस्त के बेटे ने मेरी ऐसी चुदाई की थी कि मै अभी तक नही भूल पाई हूँ। मेरे पति ने मेरी इतनी चुदाई की है कि अब मुझे उनसे चुदने में जरा भी मजा नही आता है। मेरा मन अब किसी दूसरे लंड की तलाश में है लेकिन मै केवल घर में रहती थी इसलिए कोई मिल ही नही रहा था, मेरी चूत चोदने के लिये।
लेकिन भगवान मेरी मन कि बात सुन ली और मेरी चुदाई करने के लिये रजनीश को भेज दिया। जब मै जवान थी तब मै बहुत ही मस्त लगती थी लेकिन अब थोडा कम लेकिन फिर भी मस्त माल हूँ। मुझे तो अपनी मस्त, बड़े बड़े, गोरे रंग के, बहुत ही मुलायम और चिकने मम्मो को दबाने में बहुत मज़ा आता है।
जब मै अपने चूची की काले रंग के निप्पल को पकड कर खिचती हूँ तो मेरे बदन में तो एक अजीब सी उत्तेजना उठती है जिससे मुझे बहुत मजा आता है। और मेरी चूत की बात करे तो, पहले से थोड़ी ढीली हो गयी है लेकिन दिखने में बहुत ही गोरी और मस्त है।
इसे भी पढ़े – बॉयफ्रेंड ने चूत की सील तुड़वाने का ईनाम दिया
मै तो खाली समय में अपनी चूत की लाल मटर की तरह दाने को खूब रगडती हूँ और जब तक बंद नही करती जब तक मेरी चूत से पानी ना निकलने लगे। मुझे तो ऐसा करने में बहुत मजा आता ऐसा करने में। कुछ दिन पहले की बात है, मै बहुत दिनों से किसी दूसरे लंड का इंतजार कर रही थी।
एक दिन मेरे बेटे सतीश के साथ उसका दोस्त रजनीश आया। मैंने सतीश से पूछा – ये कौन है, तो उसने कहा मेरा दोस्त है। वो दिखने में जवान था। गोरा और उसके हाथ पैर काफी मोटे थे। मैंने सोचा जब हाथ पैर इतने मोटे है तो लंड भी काफी मोटा होगा।
सतीश ने मुझसे कहा – “मम्मी मै गेम खेलने जा रहा हूँ रजनीश के साथ में आप मेरे लिये कुछ खाने के लिये ले आइये”।
मैंने कहा – “ठीक है मै तुम्हारे लिये कुछ लती हूँ”।
मेरी नजर तो रजनीश पर ही थी। मै कुछ देर बाद अपने बेटे और रजनीश के लिये जूस लेकर गई। वो दोनों गेम खेल रहें थे, मैने उनसे कहा – “चलो पहले जूस पी लो फिर गेम खेलो”।
मैंने एक ग्लास सतीश को दिया और एक ग्लास रजनीश के हाथ में दिया। रजनीश को ग्लास देते समय मै उसके हाथो को सहलाते हुए उसके हाथ में ग्लास दिया। जब मै ग्लास दिया तो रजनीश मुझे देखने लगा। सायद उसे लग रहा था कि मै उसे लाइन दे रही हूँ, और अपनी चुदाई का इंतजाम कर रही हूँ।
धीरे धीरे रजनीश रोज मेरे घर आने लगा। वो भी मेरी तरफ देखा करता था। मै उसे रोज कुछ ना कुछ देने के बहने से उसके हाथो और पैरों को छूती थी। एक दिन सतीश और रजनीश दोनों गेम खेल रहें थे, रजनीश को टोइलेट लगी थी, तो वो टोइलेट करने जा रहा था.
मैंने जान कर वहाँ डिटर्जेंट पावडर का घोल डाल दिया। और मै वहीँ पर खड़ी हो गयी। जैसे ही रजनीश आगे बढ़ा वो फिसल कर गिर गया। मै दौडते हुए उसके पास आई और उससे कहा तुम्हे चोट तो नही लगी। मैंने रजनीश को उठा रही थी जिससे उसका हाथ मेरी चूची में छू थी, जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैंने देखा रजनीश कभी लंड खड़ा हो रहा है।
मैंने उसको उठा के बैठा दिया और और उसके हाथो पैरों को झुक कर दबाने लगी जिससे मेरी चूची मेरे ब्लाउस से बाहर लटक रही थी। और रजनीश कि नजर मेरे मम्मो पर ही टिकी थी। मै यही तो चाहती थी कि रजनीश मेरी ओर आकर्षित और मेरी चुदाई करे।
रजनीश ने मुझसे कहा – आप ऐसा क्यों कर रही है???
मैंने पूछा – क्या??
तो रजनीश ने मुझसे कहा – “आप मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
मैंने कहा – नही तो मैंने ऐसा कुछ नही क्या है?? लेकिन तुम बार बार मेरी तरफ देखते रहते हो तुम्हारा इरादा क्या है?? मैंने खुद ही उसको जल में फंसा दिया।
उसने मुझसे कहा – “पता नही क्यों आप मुझे अच्छी लगने लगी है, और मै चाहता हूँ कि आप और मै दोनों एक साथ कुछ ऐसा काम करे जो केवल पति और पत्नी ही कमरे में करते है”।
मैंने उससे कहा – “मै सब कुछ जानते हुए उससे कहा तुम कहना क्या चाहते हो”।
मै चाहती थी कि वो मुझसे कहे कि मै आप कि चुदाई करना चाहता हूँ। और रजनीश ने मुझसे कह ही दिया।
उसने मुझसे कहा – “जब से मै यहाँ आया हूँ आप ही मेरी नजरो में रहती है, मै आप कि चुदाई करना चाहता हूँ। क्या आप मुझसे चुदना चाहेगी??”
मै तो खुश हो गयी।
मैंने उससे कहा – तुम क्या बकवास कर रहे हो?? तुम्हे पता भी है, मै एक बच्चे कि माँ हूँ और तुम मुझे चोदना चाहते हो।
तो उसने कहा कि – “क्या आप को किसी नए लंड से चुदने का मन नही करता है बार बार एक ही लंड से चुद कर तुम्हारा पेट नही भरा है क्या???
इसे भी पढ़े – माँ को सरदार जी का बड़ा लंड पसंद है
मै उसको ऐसा दिखा रही थी कि मै उसके बातों के बारे में सोच रही हूँ लेकिन मै ती अभी से चुदाई के बारे में सोच रही थी। कुछ देर बाद मैंने उसे कहा – ठीक है लेकिन ये बात किसी और को पता नही चलनी चाहिए। मेरी चुत तो नए लंड की प्यासी थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने रजनीश से कहा – “मै सतीश को बाहर भेज देती हूँ, और फिर तुम मेरी जमकर चुदाई कर लेना”।
मैंने सतीश से कहा – “बहुत देर से तुम गेम खेल रहे हो अब जाओ बाहर खेलो”।
उसने कहा ठीक है। उसने रजनीश से कहा चलो बाहर चलकर खेलते है। तो रजनीश ने बहाना बनया की मुझे लेटरिंग लगी है, तुम चलो मै करके आता हूँ। और हाँ मेरा खेलने का मन नही है इसलिए मै घर चला जाऊंगा। सतीश ने कहा ठीक है।
जैसे ही सतीश घर से गया, मैंने दरवाज़ा बंद कर लिया और चुदाई करने के लिये बेडरूम में चले गये। हम दोनों बेडरूम में पहने तो रजनीश अपने कपडे उतारने लगा। उसने मुझे भी कपडे उतरने के लिये कहा। मैंने भी अपनी साडी ब्लाउस और पेटीकोट भी निकाल दी।
अब मै केवल लाल ब्रा और काले पैंटी में थी। और रजनीश भी केवल अंडरवेयर में था। रजनीश बेड पर लेटा हुआ था, मैंने पहले उसके लंड को सहलाना शुरू किया जिससे उसका लंड कुछ ही देर में खड़ा हो गाया। मैंने उसके लंड को बाहर निकाल लिया और उसको सहलाते हुए मै उसके लंड को चाटने लगी।
उसका लंड काफी बड़ा था, जिससे मेरे हाथो में ठीक से नही आ रहा था। मैं उसके उसके लंड को चूसने लगी। कुछ देर बाद रजनीश ने मेरा सर पकड लिया और मेरे मुह में अपने लंड को डालने लगा। वो मेरे मुहं को अपने लंड से चोद रहा था। रजनीश लगातार घप्प घप्प मेरे मुह में पेल रहा था।
जिससे मै बहुत ज्यादा मचल रही थी। उसने अपने लंड को मेरे मुह में पूरा अंदर डाल दिया, जिससे मुझे उलटी आने लगी। मैंने अपने मुह से रजनीश के लंड को हटा दिया। जब मैंने उसके लंड को अपने मुह से निकाल दिया, तो उसने मेरी चोटी को पकड लिया और मेरे होठो को चूमने के लिये अपनी ओर खिचने लगा।
उसने मेरे होठ को चाटते हुए उसको अपने मुह में भर लिया, जिससे मै सहल उठी और मैंने भी उसके होठो को अपने मुह में भर लिया और बड़ी मस्ती से उसको चूसने लगी। मुझे तो बहुत मजा आ रहा था, लेकिन कुछ ही देर में रजनीश का जोश बढ़ने लगा और वो मेरे होठो को अपने दांतों से काटने लगा।
मै तो सिसक कर चीख पड़ी। मै भी धीरे धीरे बेकाबू होने लगी। मैंने भी उसके होठो को जोर से काट लिया जिससे उसने मेरे होठो को छोड़ दिया। जैसे ही उसने मेरे होठो को छोड़ा, वो मेरी चूची को दबाने लगा, मेरी चूची को दबाते हुए उसने फिर से मेरे होठो को चूसने लगा।
इसे भी पढ़े – जवान चुदासी बहन को बाथरूम में नहाते चोदा
मै भी कामातुर होकर उसके होठो को पीते हुए मै अपने मम्मो दबवा रही थी। लगातार 40 मिनटों तक मेरे पतले और रसीले होठो को पीने के बाद, वो धीरे धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगा, कुछ ही देर में वो मेरे बड़े और मस्त मम्मो के पास पहुँच गया।
उसने मेरे मम्मो को दबाते हुए मेरे ब्रा को निकाल दिया और मेरे मम्मो को मसलते हुए पीने लगा। मै तो बहुत ही उत्तेजित हो रही थी। वो मजे से मेरे दूध दबाता रहा, जैसे कोई मुसम्मी का रस निकालने के लिए उसे हाथ में लेकर निचोड़ देता है।
इसके साथ ही वो मेरे रसीले स्तनों को मुंह में लेकर पी और चूस रहा था। इधर मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। ऐसा लग रहा था की आज वो मेरे सारा दूध पी जाएंगे और मेरे पति के लिए कुछ नही छोड़ेंगे। उनके दांत मेरी नर्म चूचियों को बार बार चुभ जाते थे।
“……उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. .अहह्ह्ह्हह.. दर्द हो रहा है आराम से !!” मैंने कहा।
पर उन्होंने मुझे अनसुना कर दिया। और मेरे मम्मो को निचोड़ निचोड़ कर पी रहा था। वो लगातार आधे घंटे तक मेरे को पी रहा। मेरे मम्मो को पीने के बाद उसने मेरी चूची को दबाते हुए मेरी चूची से नीचे बढ़ने लगा। मै कामोतेजित्त हो कर अपने मम्मो को मसलने लगी, और रजनीश मेरे पेट को पेट को पीते हुए मेरे नाभि तक पहुँच गया।
मै और भी ज्यादा मचलने लगी थी। मैंने अपनी चूची को जोर जोर से मसलने लगा था। वो मेरे नाभि को पीते हुए मेरे कमर को पीने लगा, धीरे धीरे वो मेरी चूत तक पहुँच गया। उसने मेरे चूत को सहलाते हुए मेरी पैंटी को निकलने लगा।
उसने मेरी पैंटी निकलने के बाद, मेरी चूत को बहुत ध्यान से देखने लगा। और कुछ देर बाद उसने मेरी चूत को अपने हाथो से फैला दिया और अपनी जीभ को मेरी चूत मे डाल दिया। उसकी खुरदरी जीभ मेरी नाजुक और कोमल फुद्दी में चुभ रही थी। और मै धीरे धीरे सिसकने लगी थी।
राजु ने मेरी बुर के दाने को कुत्ते की तरह से चाट रहा था जिससे मै और भी ज्यादा मचलने लगी थी, कुछ देर लगातार मेरी चूत के दाने को चाटने से थोड़ी ही देर में मेरी चूत गीली हो गई। जब वो मेरी चूत को कुत्ते की तरह चाट रहा था तो मै बहुत मदहोश हो गयी थी.
इसे भी पढ़े – मौसा का लंड माँ की चूत में घुसा था
और साथ साथ मै अपने मम्मो को मसलते हुए धीरे धीरे अहह… आह आह अह्ह्ह… मम्मी मम्मी… उफ्फ्फ… उफ्फ्फ्फ़… करके सिसकने लगी थी। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। बहुत देर तक मेरी चूत को पीने के बाद रजनीश ने अपने लंड को बाहर निकाला।
जैसे ही उसने अपना लंड बाहर किया, मै तो खुश हो गयी उसने मेरी चूत की चुदाई करने के लिये अपने लंड को मेरी चूत के लटकती हुए दाने पर रगड़ने लगा, जिससे मेरे अंदर की ज्वाला बाहर आने लगी, कुछ ही देर में उसने मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया.
मेरे बुर को वो बहुत मस्ती से चोद रहा था लेकीन कुछ ही देर में उसने अपने चुदाई की रफ़्तार बढ़ाई और मेरी चूत को होठ की तरह से खोलकर उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुस जाता और फिर बाहर निकल आता। फिर मैंने हाथ के पंजों से बिस्तर की चादर पकड़ ली और कसकर भींच ली।
वो हौक हौंक के मेरी चूत मारने लगा। इस तरह चुदवाने में कुछ आराम मिल रहा था। खाली मुट्ठी चुदवाने में बड़ा अजीब लगता है। हाथ में तो कुछ होना ही चाहिए। रजनीश मेरी चूत को बहुत ही मस्ती से चोद रहा था। मैं अच्छी तरह जानती थी की रजनीश मेरे रूप, रंग और खूबसूरती को भोगना चाहता था।
वो मुझे पेट पर हाथ से गोल गोल सहला सहलाकर चोद रहे थे। कुछ देर बाद मेरी चूत रवां हो गयी और पूरी तरह से खुल गयी। मेरी चूत से ढेर सारा ताजा मक्खन निकला रहा था चुदते समय जो उसके मोटे लौड़े पर ग्रीस की तरह अच्छे से चुपड़ गया था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
इससे वो अच्छे से फट फट करके मुझे चोद पा रहा था। किसी पिस्टन की तरह उनका लौड़ा मेरी चूत में फिसल रहा था , अंदर बाहर हो रहा था और मेरी चूत को चोद रहा था। जिससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था लेकिन साथ साथ मै जोर जोर से आआआआअह्हह्हह… ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह… अई.. अई.. अई… अई.. मम्मी… उ उ उ उ ऊऊऊ… ऊँ.. ऊँ… ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो.. हो… आह आह अह्ह्ह…. उफ्फ्फ उफ़…. करके चीख रही थी।
इसे भी पढ़े – सौतेले बाप भाई ने मेरी इज्जत लुट ली
लगातार मेरी चूत को चोदने के बाद उसने मुझे आधा बेड से नीचे कर दिया, जिससे मेरा गांड ऊपर ही था और मेरा मुह फर्श पर था। उसने मेरी गांड को पहले कुछ देर तक अपने जीभ से चाटता रहा फिर उसमे थोडा सा थूक लगाया और मेरी गांड मारना शुरू कर दिया। वो मेरे गांड को बेरहमी से से मार रहा था और मै भी दर्द से आह आ. उनहू….. ओह ओह… उफ़ उफ्फ्फ्फ़, उफ्फ़. उनहू उनहू आह बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मजा आ रहा है और तेज मेरी गांड मारो… कह कर मै चीख रही थी।
लगभग आधे घंटे तक मेरी गांड मारने के बाद सायद वो गिरने वाला था इसलिए उसने अपने लंड को मेरी गांड से निकाल लिया और मुठ मारने लगा। कुछ ही देर में उसके लंड से माल निकलने लगा और देखते हो देखते उसका लंड ढीला हो गया। उसके बाद उसने बहुत देर तक मेरे चूत में उंगली की और मुझे किस भी किया। उस दिन के बाद रजनीश ,मेरे घर वीडियो गेम खेलने के बहाने से मेरे साथ सेक्स का गेम खेलता था।