Lund Tel Malish XXX
मुंबई में मेरी पोस्टिंग तीन महीने पहले ही हुई थी, मैं और मेरी बीवी निष्ठा एक फ्लैट में रहते थे। मेरी नौकरी ऐसी थी कि रोज़ मुझे 8-10 हज़ार की रिश्वत मिल जाती थी। निष्ठा मुझे ठीक से सेक्स नहीं करने देती थी। हमारी नौकरानी का नाम रोज़ा था, उसकी उम्र 35 साल के करीब होगी, वह हमारे यहाँ 3 महीने से काम कर रही थी, चूचियाँ उसकी तनी हुई और थोड़ी बड़ी-बड़ी संतरे जैसी थीं। Lund Tel Malish XXX
अक्सर मैं अपनी बीवी से नज़र बचाकर, जब वो मेरे कमरे में पौंछा लगाती थी तो उसके ब्लाउज से झांकती हुई चूचियों का मज़ा लेता था। एक दो बार उसने मुझे मुस्कुरा कर देखा भी था और हल्की सी मुस्कुराहट भी दी थी। एक दिन मेरी बीवी निष्ठां नीचे बाज़ार से कुछ सामान लेने गई वो मेरे कमरे में पौंछा लगाने आई और अंगड़ाई लेकर बोली- बाबूजी, आज गर्मी बहुत हो रही है!
और उसने अपने ब्लाउज के तीन बटन खोल लिए। नीचे ब्रा वो नहीं पहने थी पूरी चूचियाँ एकदम से बाहर आ गईं। चुचूक आधे से ज्यादा बाहर थे। पौंछा लगाते लगाते वो मुस्कुरा रही थी। रोज़ा मुस्कुरा कर बोली- बाबू, आप मुझे 200 रुपए दे दो!
मेरा लौड़ा पूरा टनटना रहा था, मैं बोला- ठीक है, लो!
और मैं उसे रुपए देने लगा तो उसने जानबूझ कर अपना पल्लू नीचे गिरा दिया। पूरी नंगी होती चूचियाँ मेरी आँखों के सामने थी। रोज़ा कामुक मुस्कान दे रही थी, मेरे से रहा नहीं गया, मैंने उसकी चूचियाँ दोनों हाथों से दबा दीं। इतने से उसका आखिरी बटन भी खुल गया। अब पूरी नंगी चूचियां मेरे सामने थी। मैंने कस कर दो तीन बार उन्हें मसल दिया।
रोज़ा मुझे हटाती हुई बोली- बीबी जी आने वाली हैं, जब मायके जाएँ तब पूरे मज़े ले लेना! आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो।
इतना कह कर उसने हल्के से मेरा लण्ड सहला दिया और मेरे होंटों पर एक पप्पी दे दी। दो हफ़्ते बाद ही मेरी पत्नी को दस दिन के लिए अपने घर जाना पड़ा। अब मैं घर में इतने दिन अकेला था। मेरे मन में रोज़ा को चोदने का ख्याल पलने लगा।
सुबह सात बजे वो आती थी। बड़ी मुश्किल से मुझे रात में नींद आई। सुबह छः बजे दरवाजे की घंटी बजी। मैंने दरवाज़ा खोला तो सामने रोज़ा मुस्कुरा रही थी। मैंने उसके अन्दर घुसते ही दरवाज़ा बंद कर दिया और पीछे से उसकी चूचियाँ पकड़ लीं।
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रोज़ा हँसते हुए बोली- बाबूजी, क्यों परेशान होते हो, आज तो पूरा मज़ा ले लो! भाभीजी बाहर हैं इसलिए ही जल्दी आई हूँ।
हम दोनों कमरे में आ गए हँसते हुए उसने अपना ब्लाउज उतार दिया ब्रा में बंद दोनों चूचियाँ मेरा लण्ड खड़ा कर चुकी थीं।
उसने कामुक अंगड़ाई ली और बोली- ब्रा का हुक खोलो ना!
मैं पगला रहा था, मैंने उसे बाँहों में भरा और उसकी ब्रा का हुक खोल कर पलंग गिरा दिया। उसकी दोनों बड़ी बड़ी संतरे जैसी चूचियाँ बाहर आ गई थीं जिन्हें मैं पागल की तरह दबाने लगा।
रोज़ा रोकते हुए बोली- इतने उतावले क्यों हो रहे हो? लो, पहले मेरे चुचूकों को चूसो!
और उसने मेरी शर्ट और बनियान उतारकर मेरा सर अपनी गोदी में रख लिया और मेरे मुँह में अपनी चूची की घुण्डी घुसा दी। एक बच्चे की तरह मैं उसकी चूची चूसने लगा। उसकी चूची चूसने में मुझे मज़ा आ रहा था। रोज़ा का एक हाथ मेरे पजामे के ऊपर लण्ड पर था, एक तरह से वो मेरे लण्ड को सहला रही थी।
थोड़ी देर में उसने मेरा पजामा उतार दिया तो मेरा नंगा लण्ड उसके हाथों में था जिसे वो हल्का हल्का अपनी मुट्ठी में दबा कर मसल रही थी। मैं गर्म हो रहा था और उसकी चूची पीते पीते उसके चुचूक पर काट रहा था। मेरा मन रोज़ा को चोदने का कर रहा था, रोज़ा इस बात को समझ गई थी। उसने मुझे उठा कर अपना पेटीकोट उतार दिया। उसकी नंगी चिकनी चूत पूरी चमचमा रही थी।
रोज़ा मुस्कुराते हुए बोली- आज सुबह पाँच बजे उठकर तुम्हारे लिए चिकनी की है! अब मस्त चोदना!
उसने अपनी दोनों टाँगे चौड़ी कर दीं और बोली- अब अपना लण्ड इसमें घुसा दो! सच, बहुत दिनों से तुमसे मरवाने का मन कर रहा है, अब रहा नहीं जा रहा है, इस सुसरी को फाड़ दो!
तीन महीने से मेरी बीवी ने चूत नहीं दी थी, मुझसे रहा नहीं गया, बिना कंडोम पहने मैंने अपना आठ इंची लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। चूत चुदी हुई थी तो लण्ड आराम से अन्दर घुस गया। मैंने रोज़ा की चुदाई शुरू कर दी थी, रोज़ा की चूत में लण्ड घुसा हुआ था.
अपने दोनों हाथ उसकी चूचियों पर टिका दिए और उन्हें की तरह बजाने लगा साथ ही उसके सुन्दर काले चुचूक नोच और मसल रहा था। उसकी चूत मेरे लण्ड के झटके खा रही थी, रोज़ा मज़े लेते हुए मेरे बाल सहला रही थी। करीब दो मिनट ही मैंने उसको चोदा होगा कि लण्ड ने वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया। हाँफते हुए मैं उठ गया, जल्दी झड़ने के कारण मैं शरमा रहा था।
रोज़ा उठी और उसने मुझे एक ग्लास पानी लाकर दिया और बोली- साहब शरमाएँ नहीं! सात दिन में मैं आपको चूत का खिलाडी बना दूँगी, एक-एक घंटे तक यह औरतों की चूत फाड़े रखेगा और एक बार बुढ़िया या जवान जिसको आपने चोद दिया वो आपकी दीवानी हो जाएगी और बार बार चुदवाएगी, आपके लण्ड में अभी बहुत जान है, लाओ मैं इसे चूसती हूँ।
रोज़ा मेरा लण्ड चूसने लगी, मैं आराम से लेटा हुआ था, अब मुझमें इतनी उत्तेजना नहीं थी लेकिन मुझे मस्ती बहुत आ रही थी, पहली बार किसी ने मेरा लण्ड चूसा था। लेकिन यह क्या एक मिनट से कम में ही मेरा लण्ड फिर झड़ गया। रोज़ा मेरा लण्ड-रस मुँह में पी गई, मैं आँखें नीचे किये था।
रोज़ा मुझे समझाते हुए बोली- आप शरमाएँ नहीं। आप में कोई कमी नहीं है, आप ने शराफत के कारण चूत का असली मज़ा नहीं लिया है। अगर आप रोज़ बीबी जी की चूत मारते तो यह इतनी जल्दी खाली नहीं होता। मुझे पता है शरीफ लोग बीवी की रोज़ मार नहीं पाते और बीवी भी उनको खुलकर चूत नहीं देती है और एसे पतियों का ख्याल भी नहीं रखती है। अब आप देखना, मैं आपको दस दिन में चूत का खिलाड़ी बना दूँगी।
रोज़ा आगे बोली- अब आपका लण्ड पूरा खाली है। आपको मैं दो ग्लास दूध देती हूँ। उसके बाद नहाते समय सरसों के तेल से लण्ड की मालिश करुँगी। शाम तक यह टनटनाने लगेगा। शाम को एक बार मैं आपका लण्ड फिर चूसूंगी, कल फिर आप देखना कैसे यह चूत में हल्ला मचाता है, 15 मिनट से पहले खाली नहीं होगा और दस दिन बाद यह आठ इंची लण्ड औरतों की 2-2 घंटे फाड़े रखेगा और उनकी चूत 4-4 बार झड़वा देगा।
रोज़ा ने मेरा सर अपनी चूचियों में छिपा लिया और मेरे बाल सहलाने लगी। पाँच मिनट बाद रोज़ा उठी, उसने मुझे दो ग्लास दूध दिया और बोली- आप अब तली हुई चीज़ मत खाना।
मुझे लग रहा था कि रोज़ा मुझे अब चोदना सिखा देगी। मैंने आधा ग्लास दूध रोज़ा को भी पिलाया। हम दोनों नंगे बाथरूम में गए, वहाँ रोज़ा ने मेरे लण्ड की तेल मालिश की और मुझसे चिपक कर शावर में नहाने का मज़ा लिया। मैंने ऐसे मज़े की कभी उम्मीद भी नहीं की थी।
शाम को रोज़ा पाँच बजे आई और काम करने के बाद उसने मुझसे कहा- चलो अब अपना लण्ड चुसवाओ!
मैं पैंट उतारने लगा तो मुझे बाँहों में भरती हुई बोली- मेरे शरीफ साहब पैंट उतरने की जरुरत नहीं है, चेन खोलो और लण्ड बाहर निकालो, उसे मैं चूसूंगी! कभी पार्क में किसी लड़की के साथ जाओ तो उसे ऐसे ही लण्ड चुसवाया जाता है।
मैंने चेन खोल कर लण्ड निकाल लिया। लण्ड धीरे धीरे टनक रहा था, रोज़ा ने उसे मुँह में ले लिया और 5-6 बार चूसने के बाद सुपाड़ा चाटने लगी।
मैंने कहा- रोज़ा, चोदने का मन कर रहा है, एक बार चूत मारने दो!
रोज़ा ने अपने मुख से लण्ड निकाला और उँगलियाँ सुपाड़े पर फिराती हुई बोली- चूत कल मिलेगी! अभी मैं चूस कर इसे खाली करुँगी!
और उसने अपने हाथों से लण्ड पकड़ कर मुँह में चूसना शुरू कर दिया। मैं उसकी चूचियाँ धीरे धीरे मसल रहा था। करीब 5 मिनट तक मेरे लण्ड से खेलने के बाद बोली- अब इसका रस निकलने वाला है उसे मेरे मुँह में डाल दो! मैंने उसके कहे अनुसार लण्ड-रस उसके मुँह में डाल दिया।
इसके बाद उसने मुझसे कहा- रात को आप दो ग्लास दूध लेना और सुबह लण्ड मालिश करके रखना। कल सुबह एक बार फिर आप मेरी चूत मारना। अगले दिन रोज़ा सुबह 6 बजे आई मैंने लण्ड पर उसके कहे अनुसार तेल मालिश कर रखी थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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और रात से मेरा लण्ड बुरी तरह से उसकी चूत मारने को फड़फड़ा रहा था। मैंने सिर्फ लूंगी और बनियान पहन रखी थी। रोज़ा के घुसते ही मैंने दरवाज़ा बंद किया और उसे गोद में उठा कर पलंग पर पटक दिया मेरी लूंगी खुल गई थी और मेरा 8 इंची लण्ड उसके सामने था।
उसने अपने हाथ से मेरा लण्ड पकड़ा और बोली- बाबूजी, लण्ड तो आपका बहुत मस्त हो रहा है, मेरी चूत भी इसे खाने के लिए पागल हो रही है लेकिन थोड़ा सब्र करो, इतने उतावले क्यों हो रहे हो? पहले मुझे नंगी तो कर दो।
मैं रोज़ा का गुलाम हो गया था, मैंने एक एक करके उसकी धोती, ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया। ब्रा आज वो नहीं पहने थी। नंगी रोज़ा मेरे लण्ड में आग लगाए हुआ थी। लण्ड पूरा टनटना रहा था, ऐसे में तो बुढ़िया भी सुंदरी लगती है फिर सुन्दर औरत तो अप्सरा लगनी ही थी।
रोज़ा ने मुझे पलंग पर बैठाया और अपना मुँह मेरे लण्ड पर लगा दिया। मेरे दोनों हाथों में उसने अपने संतरे पकड़ा दिए। रोज़ा ने बड़े प्यार से धीरे धीरे 3-4 बार मेरा लण्ड चूसा और मेरे लण्ड के अग्र भाग पर जीभ फिराने लगी। मेरी उत्तेजना चरमसीमा पर थी, मुझसे रहा नहीं जा रहा था.
मैं बोला- रोज़ा अब चूत मारने दो! अब रहा नहीं जा रहा है।
रोज़ा मुँह से लण्ड निकालते हुए बोली- बाबूजी, चूत तो आपकी गुलाम है लेकिन कुछ इनाम तो दे दो इस नाचीज़ को।
मैंने अपनी जेब से निकाल कर पाँच हजार रुपए दे दिए। मेरे से चिपकती हुई रोज़ा बोली- आपने मुझे खुश कर दिया, मैं आपको 2-3 दिन में सरप्राइज़ दूँगी।
मैं बोला- रानी पहले अपनी चूत मारने दो, अब सब्र नहीं होता। बाद में जो देना हो, दे देना!
रोज़ा ने मेरी बनियान उतार दी और अंगड़ाई लेती हुई बोली- लो राजा मार लो!
मैंने उसे सीधा लेटा दिया और उसकी चूत में लण्ड घुसा दिया। अब मैं रोज़ा के ऊपर चढ़ा हुआ था। आज सच में लण्ड में एक अजीब सी ताकत दिख रही थी। चूची दबाते हुए मैंने उसकी चूत चोदना शुरू कर दी। 2-3 मिनट चोदने के बाद रोज़ा ने मुझे हटा दिया और बोली- राजा, अब 5 मिनट आराम करो, फिर नई ताकत से चोदना!
उसने मुझे सीधा लेटा दिया और धीरे धीरे मेरी छाती की घुन्डियाँ काटने लगी और बीच बीच में मेरा लण्ड सहला देती।
मुझसे बात करते हुए बोली- आपकी बीवी आपको ठीक से चूत मारने नहीं देती अगर औरत की चूत रोज चोदोगे तो तीन महीने बाद एक घंटे तक चूत बीच बीच मैं 4-5 बार 2-3 मिनट का आराम लेते हुए चोद सकते हो। आपने मैडम की कभी गाण्ड मारी है या नहीं?
मैं मुस्कुराते हुए बोला- तू मजाक बहुत करती है! मैंने आज तक पीछे से चूत नहीं चोदी, तू गाण्ड की बात करती है। तीन महीने में एक बार चोदता हूँ वो भी लाइट बंद करने के बाद और 5 मिनट से कम में ही खेल ख़त्म हो जाता है।
रोज़ा बोली- आपको चूत चोदने में तो माहिर करूँगी ही, साथ में गाण्ड का भी मज़ा दिलाऊँगी। आप जितना गोरा और लम्बा लण्ड कम ही लोगों का होता है!
उसने मेरा लण्ड एक बार और सहला दिया जो अब सीधा छत को छूने की कोशिश कर रहा था।
रोज़ा उठी, उसने मेरे लण्ड के सुपाड़े पर अपनी चूत छुलाई और टाँगें चौड़ी करके पूरा लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया। अब रोज़ा मेरे लण्ड पर बैठी थी। उसने मेरे हाथ उठाकर अपनी चूचियों पर रख दिए और बोली- लो राजा, इन्हें दबाओ जितनी जोर से दबाओगे उतना ही उछल उछल कर चुदूँगी।
मैं कभी धीरे, कभी तेज उसकी संतरे जैसे चूचियाँ दबाने लगा। वाकई वो भी कभी धीरे कभी तेज मेरे लण्ड पर उछल कर मुझे मजा दे रही थी, ओह आह से कमरा गूंजने लगा। दो मिनट के बाद शांत होकर रोज़ा मेरे लण्ड पर बैठ गई और बोली- राजा थक गई! अब तुम जरा अपने चूतड़ हिला हिला कर मेरी भोंसड़ी को चोद दो।
मैं लेटे लेटे ही अपने लण्ड को उसकी चूत में गाण्ड उठा के पेलने लगा। रोज़ा चिल्ला रही थी- वाह कुत्ते! क्या चोद रहा है, मज़ा आ गया! फाड़ इसे फाड़ हरामजादे! बहुत मजा आ रहा है! चोद दे, बना दे इसकी महा भोंसड़ी!
रोज़ा चुदने में पूरा साथ दे रही थी। थोड़ी देर में मेरे लण्ड की पिचकारी छूट गई और वो मुझ पर झुक कर चिपक गई मेरा लण्ड उसकी चूत में ख़ाली हो गया था। अब हम दोनों चिपके हुए थे। रोज़ा आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रहे थे। तभी फ़ोन की घंटी बजी!
उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- भाई साहब, मैं प्रीति बोल रही हूँ आपकी पुरानी पड़ोसन!
मैंने अपना नंगा लण्ड सहलाते हुए कहा- प्रीति जी, आप कैसी हैं? कहाँ से बोल रही हैं?
प्रीति हँसते हुए बोली- अब हम नालंदा अपार्टमेन्ट में रहते हैं आपके यहाँ से थोड़ी दूर ही हैं, भाभीजी नहीं हैं क्या?
मैंने कहा- नहीं वो तो नहीं है!
प्रीति बोली- मैं भी अकेली हूँ! अच्छा, रोज़ा आपके यहाँ हो तो भाईसाहब बात करा दीजिए न! कुछ बड़ा काम तो नहीं कर रही है क्या?
मैं झेंपता हुआ बोला- अभी कराता हूँ!
रोज़ा पीछे आकर मुझसे चिपक गई थी, मैंने रोज़ा को फ़ोन दे दिया। रोज़ा की आवाज़ मुझे सुनाई दी, रोज़ा बोल रही थी- अच्छा मेमसाहब तो आज नहीं आना है? ठीक है, शाम को दे दूँगी!
फ़ोन रखने के बाद रोज़ा मुस्कुरा रही थी।
मैं बोला- यह प्रीति जी वही हैं न जो हमारे सामने रहती थीं और निष्ठा की दोस्त भी थी?
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रोज़ा आँखे मटका कर बोली- हाँ जी, यह वही हैं, जब यह अपनी बालकनी में कुछ उठाने आती थीं तो आप छुपकर देखा करते थे और जब कभी आपके घर आती थीं तो आप इनकी चूचियाँ घूर घूर कर देखते थे। आजकल सामने वाली बिल्डिंग में रहती हैं। शाम को इनकी झांटे साफ़ करने वाली क्रीम वापस करनी है।
मेरा लण्ड झुका हुआ था, रोज़ा ने उसे हिलाया और बोली- आपकी वो किताब कहाँ है जिसमें सुन्दर सुन्दर नंगी लड़कियों की चुदती हुई फोटो लगा रखी हैं?
मैं चौंकते हुए बोला- तुझे कैसे पता? यह बात तो मेरी बीवी को भी नहीं पता!
बाबूजी, आपकी बीवी को तो यह भी नहीं पता कि आप मेरी चूत का रस चख रहे हैं, आप एक दिन बस स्टैंड के पास फ़ुटपाथ की जिस दुकान से नंगी फोटो खरीद रहे थे वो मेरे पड़ोसी की दुकान है, उसी ने बताया था कि आपको नंगी जवान लड़कियों की सेक्सी फोटो खरीदने का शौक है, अब नखरे न करो, मुझे दिखा दो, नहीं तो मैं नाराज हो जाऊँगी।
मैंने कहा- ठीक है, मैं दिखाता हूँ।
यह हुई न बात!’ रोज़ा बोली और उसने मेरे ठन्डे पड़े लण्ड को मुँह में लेकर दो तीन बार चूस लिया, बोली- आप किताब लाओ तब तक मैं आपके लिए गरम दूध बनाकर लाती हूँ।
मैं अपनी दो सौ पन्नों की फाइल ले आया जिसमें नंगी लड़कियों की हसीन फोटो थीं। उन्हें मैं एक बार देखने लगा जिससे मेरे लण्ड में थोड़ा सा उफान आ गया। रोज़ा दो ग्लास दूध ले आई थी। मेरी तरफ ग्लास बढ़ाकर बोली- लो साहब दूध पियो! ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं बोला- मैं ठंडा दूध पीता हूँ!
उसने मेरा दूध मेज पर रख दिया और अपना ग्लास खाली कर दिया, मेरा लौड़ा सहलाते हुए बोली- राजा, अभी तो एक पारी और हो जाएगी, यह मियां तो फुदकी मार रहें हैं।
मैं बोला- तू ग्लास दे।
उसने ग्लास मेरी ओर बढ़ा दिया। ग्लास में बहुत मलाई थी, मैं उसे निकालने लगा तो रोज़ा बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैं बोला- रानी, मैं मलाई नहीं खाता!
रोज़ा बोली- लाओ, मलाई मुझे दो! आप कोई अच्छा काम करते भी हो?
मैंने मलाई उसके हाथ में दे दी उसने मलाई लेकर मेरे लण्ड पर गिरा दी।
मैं बोला- अरे, यह क्या कर रही हो रोज़ा?वह मेरे गाल पर चुटकी काटते हुए बोली- आप अब दूध पियो और मुझे मलाई खाने दो!
उसने दूध की मलाई से मेरे लण्ड की मालिश की और लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगी। थोड़ी देर में लण्ड पूरा तन गया, मैं मस्त हो गया। पूरा लण्ड तनते ही मेरा मन दुबारा चोदने को करने लगा।
रोज़ा बोली- राजा, पहले जाकर दूध के ग्लास रख कर आओ फिर तुम्हें चुदाई का दूसरा पाठ पढ़ाती हूँ।
मैं ग्लास रखने गया, तभी मेरे ऑफिस से फ़ोन आ गया। मैंने फ़ोन पर बता दिया- आज नहीं आऊँगा।
जब मैं कमरे में घुसा तो रोज़ा उलटी घुटनों के बल लेटकर नंगी लड़कियों की फोटो देख रही थी, मैं उसकी गाण्ड से चिपक कर चूची दबाने लगा तो रोज़ा बोली- लड़कियां तो बहुत सुन्दर हैं! दो-दो लण्डों से भी चुदवा रही हैं।
मैं बोला- रोज़ा जान, मेरा लण्ड तुम्हारी चूत के लिए पागल हो रहा है, जरा सीधी हो जा, एक बार चूत की सैर और करा दे!
रोज़ा बोली- चोद दो! पीछे से चोद दो! लो मैं चूत ढीली छोड़ती हूँ! तुम घुसाओ!
रोज़ा थोड़ी उचक गई और उसने टाँगे फ़ैला दीं, बोली- चूत दिख रही है?
मैंने कहा- दिख तो रही है!
‘तो घुसाओ ना! चूतिया क्यों बने हुए हो?’
मैं लण्ड उसकी चूत में लगाने लगा लेकिन लण्ड घुस ही नहीं रहा था। रोज़ा बनावटी गुस्से से बोली- मादरचोद, भगवान अगले जन्म में लण्ड बिना पैदा करेगा। आठ इंच का रख कर भी चूत में नहीं घुसा पा रहा गाण्डू? कमर पकड़!
मैंने रोज़ा की कमर पकड़ ली, रोज़ा ने हाथ से लण्ड अपनी चूत के मुँह पर लगा लिया और बोली- अब तेजी से धक्का मार!
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मैंने बिना देर किये उसकी कमर पकड़ कर उठाया और एक तेज झटके में लण्ड को चूत में मारा, सफलता मिली और लण्ड चूत में था। वाकई एक अनोखा मज़ा था! उसकी चूचियां मैंने पकड़ ली।
रोज़ा बोली- ज्यादा शरीफ मत बनो, गालियाँ बकते हुए चोदो, वर्ना मेरे आलावा किसी की चोद भी नहीं पाओगे।
मैंने रोज़ा को गुरु मान लिया था, लण्ड को पेलते हुए मैंने गालियाँ बकनी शुरू कर दीं। थोड़ी देर में हम दोनों पूरे मज़े ले रहे थे, रोज़ा चिल्ला रही थी- ऊह आह! मज़ा आ गया! क्या मारी है बहन चोद! तू तो आज से चूत का राजा बन गया है! मार साली की भोंसड़ी बना! सच अब तुझसे चुदने का मज़ा आ रहा है! कुत्ते मार इस हरामिन चूत को! साली बहुत तंग करती है।
मैं भी कुतिया, रंडी, साली, रंडी की औलाद, तेरी भोंसरी की मारूँ, लोंडी बकता हुआ रोज़ा को चोदने में लगा हुआ था। 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं निढाल होकर लेट गया, रोज़ा भी मुझसे चिपक गई। चिपके चिपके हम एक दूसरे की चूची, चूत चुचकों और लण्ड से खेल रहे थे।
करीब एक घंटे बाद उठे तो मैं चौंकते हुए बोला- अरे बारह बज गए? कोई क्या सोचेगा?
रोज़ा मेरे गालों की पप्पी लेते हुए बोली- कोई कुछ नहीं सोचेगा! सुबह वाले गार्ड की ड्यूटी नौ बजे बदल जाती है और किसी के पास इस मुंबई में इतना समय नहीं है कि हमारे बारे में सोचेगा।
मैं रोज़ा को चिपकाते हुए बोला- रानी, तुमने मस्त कर दिया! अब यह बताओ कि क्या सरप्राइज़ दे रही हो?
रोज़ा बोली- इतनी मारी है मेरी! कुछ इनाम तो दो!
मैंने बिना देखे हुए कल शाम को एक ठेकेदार जो लिफाफा दे गया था, वो पूरा उसे दे दिया।
उसने खोल कर देखा तो उसमें दस हजार थे, वो बोली- राजा, आपने मुझे खुश कर दिया! सच राजा, मज़ा आ गया!
और उसने मेरे गालों पर 5-6 पप्पी दे डाली।
मैं बोला- सरप्राइज़ तो बता दो?
वो मेरे कान के पास मुँह लाकर बोली- दो दिन बाद मैं आपके लण्ड राजा को प्रीति जी की चूत में घुमा कर लाऊँगी।
‘सच रानी? मुझे विश्वास नहीं हो रहा है!’
रोज़ा बोली- दो दिन बाद हो जायेगा! लेकिन मर्द बनकर चोदना, शरीफ बनकर नहीं! कल मैं तुम्हें पूरा प्रोग्राम बताऊँगी।
उसके बाद रोज़ा चली गई। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस प्रीति की सोच सोच कर मैंने कई बार मुठ मार दी और जिसकी चूची तक मैंने नहीं दबाई, उसकी चूत में मेरा लण्ड दो दिन बाद सैर करेगा। मैं सोचते सोचते नहाने चला गया और नहाते हुए सरसों के तेल से रोज़ा के कहे अनुसार लण्ड पर मालिश करने लगा।
अगले दिन रोज़ा फिर छः बजे आ गई। मैंने उससे प्रोग्राम पूछा, लेकिन उसने कहा- पहले आप मुझे आठ बजे तक चोदो बिना लण्ड झड़े! तब मैं प्रीति जी की चूत दिलवाऊँगी। मैंने प्रीतिजी को बता दिया है कि तुम दो घंटे तक चूत चोदोगे उनकी।
उनके पति उन्हें दस मिनट से ज्यादा चोद नहीं पाते और चार महीने में एक बार मारते हैं, महीने में बीस दिन बाहर रहते हैं। मेरी चाल में तो 9-10 इंच लम्बे लण्ड वाले लोंडे हैं जो 6-6 घंटे तक चूत फाड़े रखते हैं लेकिन प्रीति जी तुम्हें पसंद करती हैं और तुमसे ही चुदना चाहती हैं।
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अब तुम उन्हें एक घंटा भी नहीं चोद पाए तो मेरी इज्ज़त मिटटी में मिल जाएगी। मैंने उसकी बात मान ली और चुदाई शुरू कर दी। रोज़ा ने मुझे पूरा सहयोग किया और 5-6 आसनों से मेरा लण्ड चूत में डलवाया। डेढ़ घंटे बाद मेरा लण्ड पहली बार झड़ा.
इतनी देर तक मैं रोज़ा को इसलिए चोद पाया क्योंकि रोज़ा ने हर आसन के बाद मेरे लण्ड को 2-3 मिनट का आराम दिया और इस समय मैं मुझसे अपने संतरे और होंटों को चुसवाया। इसके बाद रोज़ा ने लण्ड चूसा और उसे दुबारा खड़ा किया। एक बार फिर एक घंटे तक मेरे लण्ड ने उसकी चूत को बजाया।
रोज़ा मुस्कुराते हुए बोली- साहब, वाकई अब आप चोदना सीख गए हो! अब दो दिन बाद प्रीति जी की चूत पर आपका राज रहेगा और आप उनकी चूत जम कर बजाना।
रोज़ा ने अपना प्रोग्राम बताया। उसने बताया कि कल शाम दो बजे को गोविंदा नाम के एक सज्जन अपनी पड़ोसन वंदना के साथ आपके घर आयेंगे। जिसे वो 2 से 5 बजे आपके यहाँ चोदेंगे। मैं भी 2बजे काम करने आऊँगी और आपके साथ रहूँगी।
दो दिन बाद अँधेरी में उनके फ्लैट में आप प्रीति जी के साथ अपनी कार से जायेंगे, जहाँ प्रीति जी को आप चोदेंगे। प्रीति जी अँधेरी के बाहर आपको मिल जाएँगी। लोकल स्टेशन से अपनी कार में प्रीति को लेकर आप गोविंदा जी के यहाँ जायेंगे, वहाँ आपको मेरी सहेली शोभा मिलेगी जो गोविंदा के यहाँ काम करती है।
शोभा ने ही गोविंदा को उनकी पड़ोसन की चूत दिलाई है। कोई दिक्कत होगी तो शोभा मदद कर देगी। अब मैं प्रीति जी के यहाँ काम करने जा रही हूँ, वहाँ फ़ोन से आपकी बात प्रीति से कराऊँगी। जरा रंगीन बनकर बात करना, बड़ा मज़ा आएगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रोज़ा के जाने के थोड़ी देर बाद मेरे मोबाइल पर घंटी आई, रोज़ा बोल रही थी- लो प्रीति जी से बात करो!
मेरे दिल की धड़कन जोरों पर थी, उधर से प्रीति बोली- नमस्ते अनुराग जी, रोज़ा बता रही थी आप मुझे बहुत पसंद करते हैं?
मैं बोला- सच प्रीति जी, आप बहुत सुन्दर हैं और आपकी आवाज़ भी बहुत मधुर है।
‘सच? और क्या क्या अच्छा लगता है?’
मैं बोला- सब कुछ!
‘आप ठीक से बताइए न! अब तो हम दोस्त हैं ना?’
मैंने कहा- सच बता दूँ?
प्रीति सेक्सी ऊहं भरती हुई बोली- जल्दी बताइए न?
मैं बोला- मुझे सबसे अच्छे आपके संतरे लगते हैं! सच, रस पीने का बड़ा मन करता है।
प्रीति बोली- पी लीजिये! लो, मैंने दोनों बाहर निकाल लिए हैं, पीजिये ना। आप पी रहे हैं ना?
‘आह, बहुत मज़ा आ रहा है!’ फ़ोन पर मैं सेक्सी आवाज़ निकलने लगा और बोला- प्रीति जी। फ़ोन पर जब इतने रसीले लग रहे है तो सामने पीने पर कितने अच्छे लगेंगे!
प्रीति बोली- आहा, सच, बहुत मज़ा आएगा जब आप असली में पीयेंगे! अच्छा और क्या मन कर रहा है?
मैं बोला- मेरा घोड़ा आपकी सुरंग में घूमना चाह रहा है!
प्रीति बोली- हो हो! मतलब कि आप मेरी मारना चाहते हैं? आपका कितना लम्बा है?
मैं बोला- आठ इंच का है!
प्रीति बोली- बाप रे! आठ इंची? नहीं बाबा नहीं! मेरी तो फट जाएगी! दर्द भी खूब होगा और बदनाम हो जाऊँगी।
मैं बोला- आप एक बार दें तो! इतने प्यार से मारूँगा कि आप खुद ही कहेंगी कि एक बार और मारो ना!
प्रीति बोली- सच? तो कब आप मेरी मार रहे हैं? सच बताऊँ, यह साली तो मुझे बहुत परेशान करे हुए है दो महीने से लण्ड-लण्ड चिल्ला रही है, आपकी बातों से पूरी गीली हो गई है।
मैं अपना लण्ड निकाल कर हाथ में पकड़े हुआ था, लण्ड प्रीति की बातें सुनकर टनक रहा था।
रोज़ा उधर खड़ी हमारी बातें सुन रही थी, बोली- प्रीति जी, आपकी सुरंग मैं गीली करा दूँगी!
और उसने अपनी पूरी योजना प्रीति को बता दी।
प्रीति ऊहं भरती हुई बोली- अनुराग जी, दो दिन तक इंतजार करना पड़ेगा! प्यार से मारना आप! सच में आज तो सो ही नहीं पाऊँगी! अब डार्लिग, फ़ोन बंद कर दूँ?
मैं बोला- एक पप्पी तो दे दो!
उधर से एक पुच की आवाज़ आई और फ़ोन बंद हो गया। मैंने भी अपना फ़ोन बंद कर दिया। मेरा लण्ड इस समय आसमान छू रहा था पर रोज़ा ने मुझे मुठ मारने के लिए मना किया था इसलिए बात करने के बाद मैं बाहर टहलने निकल गया।
रोज़ा अगले दिन सुबह सात बजे काम पर आई, मैंने उसे पकड़ लिया और उसके गालों को चूमने लगा और बोला- रोज़ा, तूने तो कमाल कर दिया?
रोज़ा बोली- देखते जाओ! आज शाम को गोविंदा की पड़ोसन गोविंदा के साथ-साथ आप से भी चुदेगी।
मैं बोला- लेकिन गोविंदा बुरा तो नहीं मानेगा?
रोज़ा मेरे लण्ड को सहलाते हुए मुस्कुराई और बोली- इस खेल में सब जायज़ है! अब यह सेक्स तेल लो और हर एक घंटे बाद इसकी मालिश करो! दो बजे से आपका भी मैच है, मैं नहीं चाहती कि आप उसमें फेल हों!
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रोज़ा ने अपनी चूचियों के बीच से निकाल कर सेक्स के तेल की शीशी मुझे दे दी। रोज़ा तेल निकाल कर मेरे लण्ड की मालिश करने लगी। उसके बाद लण्ड अपने मुँह में घुसाने से पहले बोली- आज चुदवाऊँगी नहीं! शाम को टनटनाए रहना! वंदना की चूत का बाजा बजाना है। रोज़ा ने बताया- गोविंदा की पड़ोसन वंदना गोविंदा से पिछले कई महीने से चुदवा रही है गोविंदा का लण्ड 5 इंच लम्बा है लेकिन दोनों को एक दूसरे से करवाने में मज़ा आता है।
आज गोविंदा उसकी गाण्ड मारना चाहता है जिसके लिए मुझे उसकी मदद करनी पड़ेगी। तुम भी देखना कैसे उसकी गाण्ड मरवाती हूँ और तुम्हारा लण्ड उसकी चूत में भी डलवाऊँगी! बस तुम जल्दबाजी मत करना! रोज़ा ने मुझे एक पप्पी दी और बोली- मैं गोविंदा के साथ गाड़ी में आऊँगी, सोच-सोच कर मुठ मत मारना और इतना कह कर रोज़ा चली गई। मैं दो बजने का इंतजार करने लगा।
S.shaw says
मस्त कहानी
शिक्षा भी