Slut Girl Chudai Kahani
हाय, मेरा नाम विमल है, उम्र 25 साल, अच्छी बॉडी है। मैं आपको अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो करीब 2 साल पहले की है। उस समय मैं कॉलेज में था और पॉकेट मनी के लिए ट्यूशन पढ़ाता था। एक लड़की थी गरिमा, दसवीं क्लास में, लेकिन देखने में बिल्कुल दसवीं की नहीं लगती थी। गोरा रंग, बहुत मेच्योर बॉडी और बहुत बड़े-बड़े मम्मे। Slut Girl Chudai Kahani
शुरू में मुझे लगा कि वो नॉर्मल मासूम लड़की है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता पता चला कि ये तो बहुत हॉर्नी टाइप की लड़की है। एक दिन मैं जॉब पर जा रहा था तो देखा कि हमारी कॉलोनी के पीछे एक पुलिस वाला गरिमा से बात कर रहा है और उसे पुलिस स्टेशन ले जाने की कोशिश कर रहा है। मैं हैरान रह गया।
जब मैं उनके पास गया तो पता चला कि वो पुलिस वाला मेरा पुराना क्लासमेट था। मैंने पूछा, “यार ये क्या बात है, इसे क्यों ले जा रहे हो?” उसने बताया कि ये लड़की इसी कॉलोनी के एक लड़के के साथ कमरे में गलत हालत में पकड़ी गई है।
मैंने कहा, “यार इसे छोड़ दे, ये अच्छी लड़की है, मैं इसे जानता हूँ।” मेरी बात मानकर उसने गरिमा को छोड़ दिया। मैंने गरिमा को बाइक पर बिठाकर उसके घर छोड़ दिया। उस रात मैं सोचता रहा कि मैं तो वैसे भी इस पर ट्राई नहीं मार रहा था, लेकिन ये तो खुद ही सेक्स करना चाहती है।
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फिर मैंने प्लान बनाया कि अब इसे कैसे चोदूँ। कॉलोनी में मेरी बहुत इज़्ज़त थी, इसलिए मैं इसे ब्लैकमेल नहीं करना चाहता था। मैंने सोचा कि इसे प्यार से इतना तड़पाऊँगा कि ये खुद दे दे। अगले दिन जब वो ट्यूशन पढ़ने आई तो घर में कोई नहीं था। मैंने अपना प्लान शुरू किया। थोड़ा पढ़ाया, फिर दूसरे कमरे से अपने मोबाइल पर रिंग की और आकर फोन उठाकर बात करने लगा।
फिर मैंने गरिमा से कहा, “वो पुलिस वाला बार-बार पैसे माँग रहा है। इतने तो ट्यूशन फीस भी नहीं आती जितने मैं उसे दे रहा हूँ, वो भी तेरे लिए। मेरा इसमें कोई लेना-देना नहीं। अब वो कह रहा है या तो पैसे दो या उस लड़की का पता बता दो। अब बता मैं क्या करूँ? तू तो जानती है वो तेरे साथ क्या करेंगे।”
ये सुनकर वो रोने लगी और बोली, “मैं बहुत शरीफ लड़की हूँ, मुझे बचा लो।”
मैं तो जानता था कि शरीफ वरीफ कुछ नहीं, बस नाटक कर रही है। ये देखकर मेरा गुस्सा और बढ़ गया। खुद एक लड़के के साथ पकड़ी गई और ऊपर से शरीफ बन रही है। मैंने सोचा इसे सीधे-सीधे नहीं, बहुत तड़पाकर चोदूँगा ताकि ये खुद माँगे।
जब मैंने कहा, “अब तो मैं तेरा पता पुलिस को बता ही देता हूँ,” तो उसने मेरे पैर पकड़ लिए और रोने लगी। ऐसा करते हुए उसके लो-कट सूट से उसके मम्मे साफ दिख रहे थे। कितने बड़े-बड़े थे! मैं ललचाई नज़रों से देखने लगा। उसे मेरी नीयत का अंदाज़ा हो गया, लेकिन वो सीधे-सीधे ये नहीं कह सकती थी कि मुझे चोद लो, क्योंकि मैं तो पूरी गली में सबसे शरीफ लड़का था।
फिर उसने कहा, “प्लीज़ किसी को मत बताना, आप जो कहोगे मैं वो करूँगी।”
मैं समझ तो गया, लेकिन मुझे जल्दी नहीं थी। मुझे खूब मज़े लेने थे। मैंने कहा, “चल एक शर्त पर किसी को नहीं बताऊँगा।”
मैंने कहा: जो मैं कहूँगा वो तू करेगी, और वो भी हँसते हुए, मजबूरी में नहीं। और जो मैं पूछूँगा उसका जवाब बिना हिचकिचाहट के देगी।
गरिमा: जी मुझे मंज़ूर है।
मैं: ठीक है, यहाँ आओ और सोफे पर मेरे पास बैठो। (वो बैठ गई)
फिर मैंने पूछा: बता तू उस लड़के के साथ क्या कर रही थी?
गरिमा: कुछ नहीं।
मैं: देखो, मैंने कहा था जो पूछूँ सच-सच बताना, लेकिन तू झूठ बोल रही है। सोचो कि तू अपनी सहेली से बात कर रही है, मुझसे नहीं।
गरिमा: जी वो हम… वो सेक्स कर रहे थे।
मैं: यार अंग्रेज़ी में नहीं, हिंदी में खुलकर बोलो कि क्या कर रहे थे। (दरअसल मैं चाहता था कि वो अपने आप को सती-सावित्री न समझे, जैसी है वैसी बोले, उसे सेक्स की भूख है वो खुलकर कहे।)
गरिमा: जी वो हम संभोग कर रहे थे। (शरमाते हुए बोली, पर थोड़ा हँसते हुए क्योंकि अब उसे मेरी शरारत समझ आ रही थी)
मैं: नहीं ऐसे भी नहीं। क्या तूने अपनी सहेली को बताया था कभी कि तूने सेक्स किया है?
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गरिमा: जी हाँ बताया था।
मैं: तो तूने तब भी यही शब्द इस्तेमाल किए थे – सेक्स, संभोग वगैरह?
गरिमा: जी नहीं, हम तो कुछ और ही कहते हैं।
मैं: क्या कहते हो, ज़रा मुझे भी तो पता चले कि लड़कियाँ कौन-कौन से शब्द इस्तेमाल करती हैं।
गरिमा: जी वो सब शब्द जो आप सब लड़के करते हो।
मैं: अच्छा, तो तुझे पता है हम क्या शब्द इस्तेमाल करते हैं। चलो बताओ फिर।
गरिमा: (शरमाते हुए) जी वो मेरी गांड मार रहा था। (दरअसल शरमाने-मुस्कुराने के चक्कर में शायद चूत की जगह गांड कह बैठी.)
मैं: अच्छा, तो ज़रा खड़ी हो जा।
वो खड़ी हुई। मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा, “ज़रा इधर-उधर घूम।” अब मेरा चेहरा उसके चूतड़ के बिल्कुल सामने था। मैंने उन पर हाथ रखकर गोल-गोल चूतड़ हल्के से दबाए और उसकी गांड में उंगली डालते हुए कहा, “क्या तू गांड भी देती है?” (उसकी मोरी बहुत टाइट थी, वो चिल्ला उठी – नहीं!) ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं: नहीं क्या? हम तो इसे ही गांड कहते हैं।
गरिमा: वो टेंशन में मैंने चूत की जगह गांड कह दिया।
मैं: अच्छा चलो, अब ये बता कि कितनी बार चूत मरवाई है तूने? (उसे अपने पास बिठाते हुए.)
गरिमा: जी 8 बार।
मैं: 8 बार उसी लड़के ने ली है या कभी किसी और को भी दी है?
गरिमा: जी मेरे जीजाजी ने मारी थी सबसे पहले।
मैं: अच्छा तो जीजाजी को भी दी है तूने?
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गरिमा: जी उन्होंने 5 बार ली और उस लड़के ने 3 बार। तीसरी बार में ही तो पुलिस वाला आ गया था।
मैं: (उसके कंधे पर हाथ रखते हुए) अच्छा बता कि किसके साथ ज़्यादा मज़ा आया?
गरिमा: जी मेरे जीजाजी के साथ।
मैं: (उसके मम्मों की तरफ़ इशारा करते हुए) अच्छा इसे क्या कहते हैं?
गरिमा: जी मम्मे।
मैं: (उसके बड़े-बड़े मम्मे दबाते हुए) मैं दबा लूँ इन्हें?
गरिमा: जी दबा लो।
मैं: अच्छा गरिमा ये बताओ कि जीजाजी के साथ ही क्यों ज़्यादा मज़ा आया?
गरिमा: जी बस अच्छा लगा, बड़ा था। (शरमाते हुए)
मैं: फिर झूठ। सच-सच बता कि क्यों अच्छा लगा।
गरिमा: जी उनका बड़ा और मोटा है वो।
मैं: क्या है बड़ा और मोटा?
गरिमा: जी वो जो लड़कों का होता है।
मैं: क्या होता है, क्या कहते हैं उसे?
गरिमा: जी जी… लंड। (शरमाते हुए)
मैं: अच्छा मेरा लौड़ा कैसा है? (उसका हाथ अपने लंड पर रखते हुए)
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गरिमा: (बड़ी खुशी में) जी आपका तो कितना बड़ा है!
मैं: तेरे जीजाजी से भी बड़ा?
गरिमा: जी उनसे भी बहुत बड़ा और मोटा।
मैं: चल फिर तुझे ये पसंद है। अब बता कि चूत मरवाएगी मुझसे?
गरिमा: जी।
मैं: चल फिर इसे हिलाती रह और मुझे मम्मों का मज़ा लेने दे। (और मैंने उसके मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबाया)
वो मस्त होने लगी और ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को हिलाते हुए बोली, “आपने ये सब पहले क्यों नहीं बताया कि आप भी मुझे चोदना चाहते थे? मैं तो कब से आपको देना चाहती थी, पर डरती थी क्योंकि आप बहुत शरीफ़ थे।”
मैंने कहा, “मैं तो अब भी शरीफ़ ही हूँ, बस तुझे थोड़ा तड़पाना चाहता था।”
ये कहकर मैंने उसे किस करना शुरू किया। वो तो किस करने में महारथी थी। उसने मेरा ऊपर वाला होंठ चूसना शुरू कर दिया और मैं उसका नीचे वाला होंठ चूस रहा था। वो लगातार ज़ोर-ज़ोर से मेरे लंड को ऊपर-नीचे कर रही थी और इतनी ज़ोर से पकड़े थी जैसे मैं भाग जाऊँगा कहीं।
मुझे झड़ने वाला हो गया था। मैंने कहा, “इतनी जल्दी में क्यों है, ज़रा आराम से।” मैं उसके मम्मे भी ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था। फिर वो बोली, “अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा, मुझे चोद दो।”
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मैंने कहा, “अभी तो तेरे कपड़े भी नहीं उतारे।” ये कहकर मैंने उसका सूट ऊपर से पूरा फाड़ दिया और उसके वो बड़े-बड़े मम्मे बाहर आ गए। फिर मैंने उसकी सलवार में हाथ डाला और उसे भी खोल दिया। अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी।
फिर मैंने कहा, “मेरी एक शर्त है।” वो बोली, “क्या शर्त है आपकी?”
मैंने कहा, “मैं तेरी पहले गांड मारूँगा।”
वो बोली, “आपने अभी उंगली डाली थी, देखा था न कितनी टाइट है और आपका इतना मोटा-बड़ा है, मैं तो मर जाऊँगी।”
मैंने कहा, “देख ले, या तो गांड दे दे या फिर मैं चूत भी नहीं मारूँगा।”
वो बोली, “चलो पर आराम से करना।”
मैंने उसे घुमाया और वो झुक गई। मैंने कहा, “नहीं तू सीधी खड़ी रह, इससे ज़्यादा मज़ा आएगा।” (वो मुझसे हाइट में छोटी थी। उसे पता था कि इससे उसे बहुत दर्द होगा क्योंकि जब मैं पूरा नीचे झुककर एक झटके में ऊपर होऊँगा तो वो ऊपर उछलेगी और उसका सारा वज़न मेरे लंड पर पड़ेगा, जिससे वो और अंदर जाएगा।) ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और मैंने वैसा ही किया। पहले तो मैंने लंड को बार-बार उसकी मोरी पर टच किया, फिर अचानक एक ही झटके में अंदर डाल दिया। वो हवा में थी और चिल्लाई – आआआआआ! फिर थोड़ा झुके, एक और झटका और वो फिर चिल्लाई – आआआआ!
बस फिर क्या था – थप-थप-थप-थप की आवाज़ें और उसकी चीखें। वो हर बार हवा में उछलती। कुछ देर तक उसे चोदने के बाद मैंने उसकी गांड में ही झड़ गया और सोफे पर बैठ गया। वो मेरे ऊपर थी, थकी हुई सी। मेरा लंड अभी भी उसके अंदर था।
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थोड़ी देर बाद वो उठी और साइड में बैठकर बोली, “अब तो इतनी बुरी तरह आपने मेरी गांड भी मार ली, अब तो चूत मार लो।” (दरअसल वो तड़प गई थी मेरा लंड लेने के लिए) फिर मैंने कहा, “अब तुझे इसे चूसकर फिर खड़ा करना पड़ेगा।” पर उसने मना कर दिया और कहा कि उसके जीजा ने भी कई बार चुसने को कहा था पर उसने कभी नहीं चूसा। मैंने कहा, “कभी तेरी किसी ने गांड भी नहीं मारी थी, आज मैंने मारी ना? तो अब अगर तुझे चूत मरवानी है तो चूस इसे।” और उसने चूसना शुरू कर दिया।
वो तो इतनी तड़प रही थी चूत मरवाने को कि लंड को ज़ोर-ज़ोर से ऊपर-नीचे करती हुई चूसने लगी। थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर खड़ा हो गया। फिर मैंने उसे टेबल पर लिटाया और उसकी टाँगें पकड़कर हवा में सीधी कर के खोल दीं। इससे उसकी चूत साफ मेरे निशाने पर थी। मैंने कहा, “अपने हाथों से अपनी टाँगें पकड़।” जब तक वो पकड़ती रही, मैंने लंड को उसकी टाइट चूत में डाल दिया। वो फिर चिल्लाई आआआआआ! और बस मैं ज़ोर-ज़ोर से उसे चोदता रहा। वो 3 बार झड़ गई जब तक मैं झड़ा।
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