Sexy Bua Ki Chudai Kahani
यह कहानी एक सच्ची और रियल स्टोरी है.. ऐसा मैंने कभी सोचा नही था.. मैं महाराष्ट्र के छोटे गांव से हु. मेरा नाम प्रेम है.. मेरी उम्र 24 साल है.. मैं अपने बुआ के गांव गया था.. अपनी चाची के साथ तो मैंने बहुत बार राते निकाली है.. चाची को मेरे बारे में सब पता था मैं बहुत सेक्सी हु करके.. Sexy Bua Ki Chudai Kahani
चलो अब ले चलता हु कहानी विस्तार से.. मेरी सरिता चाची और मैं सुबह 11 बजे बाइक से बुआ के गांव निकले शाम को 5 बजे घर पहुचे मेरे फूफाजी और बुआ घर पर थे.. फूफाजी को किसी कारण बाहर जाना पड़ा.. मैं और चाची मेरी बुआ हम 3 लोग घर पर थे.. बुआ ने चाय पिलाई और मैं थोड़ा गांव घूमने निकला.
इधर चाची और बुआ रसोई में खाना पका रही थी.. ज़ब घर आया दोनों बाते कर रही थी और थोड़ा फ्रेश होकर टीवी देख रहे थे.. उतन मे लाइट चली गयी और बुआ रसोई में टार्च लाने गयी.. बुआ को अँधेरे में कुछ दिखाई न देने पर वो गिर गयी थोड़ी पैरो में सूजन आ गयी थी..
थोड़ी देर लाइट आने पर खाना कर लिये और चाची बर्तन घसने चली गयी.. बुआ और मैं टीवी देखने लगे.. चाची भी अब फ्री हो गयी.. चाची और बुआ हमारा बिस्तर बिछा दिया और सामने के हॉल में टीवी देखने लगे.. फिर और लाइट चली गयी अक्सर गांव में ज्यादा लोड शटिंग रहती है..
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बुआ ने बताया की हमेशा का है लाइट जाना.. फिर घर के आगे टहलने लगा 15 मिनट हो गये कुछ लाइट का अता पता नही और मैं बिस्तर पे सोने गया लेकिन नींद भी नही आ रही थी.. थोड़ी देर बाद लाइट आ गयी और बुआ और चाची अन्दर के रूम पर आ गये..
बुआ पैर का दर्द कर रहा था उतने में चाची ने कहा प्रेम बहुत अच्छी मालिश कर देता है.. मैं सोचने लगा मैं तो अभी तक किसी को भी मालिश नही दी और चाची ने ऐसा क्यू बोला बुआ को.. और मैं सोने का नाटक कर रहा था और उनकी बाते सुन रहा था..
बुआ बोली रहने दो अब वो सो गया है. चाची बोली अभी मालिश कर लो रात को नींद और दर्द कम हो जाएगा सुबह तक.. मैं ऐसा सोचा रहा था की चाची बुआ के साथ एक रात निकाले मेरे मन को ऐसा लग रहा था.. फिर चाची ने मूझे जगाया और बोली बुआ की रीढ़ की हड्डी की मालिश कर दे ज़बकि मूझे आता भी नही था मालिश करने..
मैंने सोचा चाची की कोई चाल है.. और बुआ को मेरे पास लाकर सुलाया और चाची ने सरसो का तेल गरम करके लाया.. चाची ने लाइट बंद कर दी और जीरो लाइट चालू कर दिया.. मैंने चाची को बोला अँधेरे में कैसी मालिश कर दूँ उतन में बुआ बोली अँधेरे में ही कर दे किसने देख लिया तो..
मैं और बुआ दोनों पास ही थे.. चाची ने कटोरी दी मूझे सरसों के तेल की और चाची पैर के पीछे वाले पलंग पर चली गयी.. रात के 11 बजे थे.. सॉरी मेरा बुआ का नाम संगीता था अभी 2 साल पहले शादी हुई है.. बुआ को कोई संतान नही हुआ है अभी तक मेरे फूफा जी की उम्र 48 है बुआ एक लड़की की तरह सिर्फ 26 साल की इसलिए उनको शायद संतान नही हुआ है..
बुआ की शादी एक धोखे से हुई है.. मैंने बुआ को पूछा कहा लगाना है तेल उन्होंने कहा घुटने के ऊपर और निचे भी.. मैंने मालिश शुरु कर दी धीरे धीरे. बुआ अब धीरे धीरे सांसे रोक रही थी. 15 मिनट तक एक ही जगह मालिश कर रहा था मैं. आंटी छुपके से इशारा कर रही थी और ऊपर अपना हाथ लेके जाओ करके.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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मूझे डर लग रहा था और मैं समझ गया की चाची क्या चाहती थी.. थोड़ी देर बाद साड़ी को ऊपर किया जांघो को मालिश करने लगा. बुआ अब धीरे धीरे उत्तेजित हो रही थी उनको अच्छा लग रहा था. इधर चाची मेरे को साहस दे रही थी.. इधर मेरा 8 इंच का लंड अंडरवियर के बाहर आ रहा था तड़पने लगा था..
बुआ को धीरे धीरे मालिश करते समय उनकी साड़ी ही निकल गयी और वो बहुत अच्छे से साथ दे रही थी मेरा.. इधर चाची छुपकर दोनों को मस्त देख रही थी.. बुआ का बदन जैसे की एक मछली की जैसे कमर थी. थोड़ा तेल डाला कमर के ऊपर और अपने दोनों हाथो से मालिश करने लगा.
बुआ कुछ भी नहीं बोल रही थी मूझे बुआ अब मूझे ऐसा लग रहा था की गरम हो गयी है और कहा मूझे प्रेम मेरे पुरे जिस्म की मालिश कर दो बहुत अच्छा लग रहा.. तुम्हारे हाथो में जादू है.. अब मैंने भी सोचा की बुआ को चाची के सामने ही चोद दू.. थोड़ी देर बाद मालिश करने की छोड़ दिया और बुआ को पिछे से किस करता रहा..
पुरे बदन को आग में झोक दिया बुआ तड़प रही थी.. बुआ के ब्लाउज़ के पीछे वाला एरिया का मैंने डोरी खींच ली और अपने होंठो से चुमता रहा.. धीरे धीरे आगे की और चल पड़ा दो हुक ब्लाउज़ के निकाल दिया.. अपने दोनों हाथो से बुआ का ब्रा पिंक कलर का वो भी निकाल दी अब.
और दोनों हाथो से दबाना चालु कर दिया ऐसा लग रहा था की आसमान में हु.. अपना पूरा मुँह उनके बूब्स में किसिंग और चूसने लगा. बुआ आ ऊ आ ऊ प्रेम और करो मेरी जिस्म की आग को शांत करो.. ऐसा कह रही थी बुआ मूझे चाची आँखे फाड़कर देख रही थी बुआ कितनी गरम है करके..
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धीरे धीरे करके बुआ को पूरे कपडे निकाल दिए बुआ बहुत तड़प रही थी.. उनकी सांसे थोड़ी सही होने तक मैंने अपने पुरे कपड़े उतारे और चाची को बोला मेरे काला घोड़े जैसा लंड के ऊपर तेल डाल दो ताकि बुआ को अच्छी तरह उनकी चुत की मालिश हो जाये..
बुआ की पैंटी उतारी अब वो पूरी नंगी हो गयी थी क्या बदन था क्या गाड़ थी. उनका साइज 38 26 32 की है.. उनकी चुत पूरी गोरी एक भी बाल नहीं.. फिर अपने प्यारे हाथो से चुत में ऊँगली डालकर खिलवाड़ करने लगा बुआ ज़ोर ज़ोर से आ आ ऊ ऊ कर रही थी.
थोड़ी देर में अपना मुँह चुत के ऊपर रख कर सहलाने लगा.. बुआ तड़प रही थी फिर चुत के अन्दर से पानी निकाला उसे अपने जीभ से चाटने लगा बहुत खारा पानी था.. अपने दोनों हाथो से बुआ के टांगो को ऊपर की और ले गया और 8 इंच अपना लंड उनकी चुत में डाला अन्दर बाहर करने लगा..
बुआ जमके चिल्लाई और एक धक्का दिया.. 30 मिनट तक बुआ को धक्के देता रहा बुआ ज़ोर ज़ोर से चिल्लाती रही.. 45 एंगल से बुआ को झुका कर कर उनकी गाड़ में अपना लंड डाला. पहली बार तो बराबर गया नहीं क्यूकी मोटाई में 3 इंच का था उसके बाद गाड़ में धीरे धीरे करके पूरा अन्दर डाल दिया था और ज़ोर ज़ोर से गाड़ मारा अपने बुआ की..
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बुआ आ आ आ ऊ उउ करती जा रही थी तप तप तप ऐसी चिखे सुनाई दे रही थी.. ऐसे करते करते 5 बजे सुबह के और मूझे कहा प्रेम 15 दिन रुक जाओ मेरी जिस्म की आग और शांत करना. आपके फूफा जी को कुछ आता ही नहीं.. आज मैं पहली बार खुश हुई हु.. बुआ को पता ही नहीं चला उधर चाची देख रही है करके.. फिर थोड़ी देर बाद पता चला बुआ को बुआ भी शर्म के कारण चुप हो गयी थी.. चाची ने बुआ को कहा प्रेम ने आज आपके साथ सुहगरात की है इसके पीछे मेरा ही हाथ है.. क्यूकी आपको कोई संतान नहीं हो रही थी करके मैंने प्रेम को बोला..
बुआ ने चाची को कहा प्रेम को 15 दिन रहने दो प्लीज मैं माँ बनना चाहती हु बच्चे को प्रेम का नाम दूंगा प्लीज.. चाची फिर गांव चली गयी और मैं और बुआ हर दिन दिन रात दोपहर ज़ब टाइम मिले चोदते रहते थे और बुआ को अच्छा लगता था.. तब से लेकर ज़ब टाइम मिले अपनी मनीषा बुआ को चोदता हु.. कैसी लगी मेरी कहानी आपके भी लंड से या चुत पानी निकल कर ही रहेगा.. इस कहानी में मेरे चाची ने सहयोग किया की बुआ की जिस्म की आग ठंडी कर ले करके..
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