Sex With Maid Hindi Story
मैं एक ऑफिस में काम करता हूँ और लखनऊ में अकेला रहता था। मैंने अपने घर पर साफ-सफाई और खाना बनाने के लिए एक 25 वर्षीया अर्पिता नाम की नौकरानी को रखा था। वो बहुत ही सेक्सी लगती थी। रंग साँवला था, पर चेहरा काफी सेक्सी लगता था। उसका बदन बहुत ही सुडौल था। Sex With Maid Hindi Story
वो सुबह 8 बजे आती थी और रात 9 बजे चली जाती थी। वो हमेशा घाघरा और चोली पहनती थी। जब उसने घाघरा और चोली पहनी होती थी, तो उसकी मोटी-मोटी चूचियाँ एकदम साफ पता चल रही थीं। पीछे से उसके चूतड़ों का साइज़ भी समझ में आ रहा था।
देखने से लगता था कि बहुत मोटे-मोटे होंगे, पर साइज़ का अंदाज़ा नहीं लग पा रहा था। जब उसकी तबीयत खराब होती थी, तो उसकी जगह उसकी मौसी नीतू घर पर काम करती थी। नीतू 36 साल की, उसकी तरह साँवली और सुडौल महिला थी। उसके भी बड़े-बड़े चूतड़ और चूचियाँ थीं।
कभी-कभी दोनों एक साथ काम करने मेरे घर आते थे। ये घटना शनिवार की है। उस दिन मेरे ऑफिस की छुट्टी रहती है। अर्पिता सुबह करीब 8 बजे घर आई और मेरे लिए चाय बनाकर लाई। आज वो काफी सेक्सी दिख रही थी। मैं फ्रेश होकर नाश्ता करके टीवी देखने लगा। वो खाना बना रही थी।
करीब 12:30 बजे मैंने व्हिस्की का पेग बनाकर पीना शुरू किया। इतने में अर्पिता कमरे में आई और मुझे खाना खाने के लिए बुलाया। हम दोनों ने खाना खाया। मैं टीवी देखने लगा और वो बर्तन साफ करने लगी। फिर वो कमरे में आकर बैठ गई और टीवी देखने लगी।
जब टीवी पर विज्ञापन आ रहा था, तब मैंने उसके परिवार के बारे में पूछा। उसने बताया कि उसका घर गाँव में है। उसके पिता गाँव के मुखिया के यहाँ घरेलू नौकर हैं। 7 साल पहले ही उसका पति मर गया था। उसका सिर्फ एक ही लड़का है और वो उसके पिता के पास गाँव में है। वो यहाँ काम करती है।
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फिर उसने पूछा, साहब, आपने शादी नहीं की? मैंने कहा, नहीं। तो वो हल्के से मुस्कुराकर बोली, मन नहीं करता शादी करने का? मैंने कहा, करता तो है, पर अभी तो मुझे घर को अच्छी तरह से बसाना है, उसके बाद सोचूँगा। तो उसने पूछा, कोई लड़की है क्या जिससे शादी करना चाहते हो?
मैंने कहा, नहीं, अभी तो कोई नहीं है। तो वो हैरान होकर बोली, तुम्हारी उम्र में तो यहाँ शहर में सब लड़के लड़कियों के साथ घूमते हैं और तुम्हारी कोई दोस्त नहीं है? मैंने कहा, हाँ, सच में कोई नहीं है। मैं बात करते हुए उसके बदन को भी देख लेता था, खासकर उसकी चूचियों को ध्यान से देख रहा था।
एक बार उसने मुझे उसकी चूचियों को देखते हुए देख लिया, पर वो कुछ नहीं बोली। फिर वो वहीं जमीन पर बैठे-बैठे टीवी देख रही थी। टीवी देखते-देखते मुझे कब नींद लगी, पता नहीं चला। जब नींद खुली तो 4 बज रहे थे। मैंने देखा कि वो भी पेट के बल लेटकर सो रही थी और गहरी नींद में थी।
उसका घाघरा उसके चूतड़ों से ऊपर सरक गया था। मैंने ध्यान से उसके चूतड़ों को देखा, तो हाय, क्या गजब के मोटे थे। उसने पैंटी नहीं पहनी थी। बहुत ही मस्त चुदास लग रहे थे। उसके चूतड़ देखते ही मेरा लंड ने कसकर झटका मारा और तन गया। खैर, हिम्मत करके मैंने उसके चूतड़ों पर हाथ रखा।
वो कोई भी हरकत किए बिना पड़ी रही। मेरी और हिम्मत बढ़ी। मैंने उसके चूतड़ों को मसलने लगा और उसकी गांड की दरार में बीच की उंगली से सहलाने लगा। तो उसने अपनी गांड सिकुड़ ली। मैं समझ गया कि वो जाग चुकी है और सोने का नाटक कर रही है।
उसकी साँसें लंबी चलने लगीं। अब मैं समझ गया कि आज ये अच्छे से मुझसे चुदवाएगी। मैं भी अब खूब जोर-जोर से मसलने और सहलाने लगा। वो जोर-जोर से सिसकने लगी। उसकी सिसकने की आवाज़ सुनकर मुझे और भी जोश आ रहा था। मैंने उसका बायाँ हाथ की हथेली को लुंगी के ऊपर से लंड पर महसूस किया।
मैंने झट से अपना लंड निकालकर उसकी मुट्ठी में पकड़ा दिया और उसके कान के पास धीमी आवाज़ में बोला, अर्पिता, कितनी अच्छी गांड है तुम्हारी। वो भी धीमी आवाज़ में बोली, साहब, आपका भी बहुत बड़ा और लंबा है। मैं बोला, तो मज़ा ले इस मोटे और लंबे लौड़े से।
बोली, हाँ साहब, बस ऐसे ही बातें करते हुए मुझे चोद दो। कब से तरस रही हूँ। मेरा मर्द भी जल्दी मर गया और मैं ठीक से मज़े भी नहीं ले पाई। अब तुम ही मेरी प्यास मिटा दो। बना दो मुझे रंडी और ले लो इस चूत और गांड का मज़ा। हाय, काश मैं सच में रंडी होती तो रोज़ जमकर चुदवाती, नए-नए लंडों से खूब मज़े ले-लेकर। स्स्स्सी, उई माँ, और कसके मसलो मेरे चूतड़ों को। हाय, ले लो मज़ा मेरे बदन का।
मैंने कहा, साली, अगर सच में तुझको कई लंड चाहिए तो बता, मेरे दोस्त हैं कई, उन सबके दिला दूँगा। तो वो बोली, सच मेरे साहब, मैं तुम्हारा अहसान कभी नहीं भूलूँगी अगर तुम मुझे सच में रंडी बनाकर चुदवा दो। मैंने उसके चूतड़ों को और कसकर मसलते हुए कहा, करा दूँगा मेरी रानी, पूरे मज़े करा दूँगा।
और कसके उसके चूतड़ों पर काट लिया। वो और तेज़ी से सिसक पड़ी, हाय स्स्स्सी, मर गई, हाय माँ, मार डाला। क्या मज़ा ले रहा है तू मेरे चूतड़ों का। हाय, और कसके मसल ना, फाड़ डाल इन साले हरामियों को। बहुत मचलते हैं ये साले। उई माँ, मज़ा आ गया। काट डाल साले मादरचोद। हाय स्स्स्सी, चूस ले, पेल दे। हाय रे, और कसके।
अब मैंने धीरे-धीरे उसके चूतड़ों से ऊपर की ओर होने लगा और उसके ऊपर लेट गया। फिर मैंने कहा, साली रंडी, अब जरा पलट जा, देखूँ तो सही कि तेरी ये चूचियाँ कितनी मोटी हैं। जरा इनका असली साइज़ तो देख लूँ। तो वो पलट गई। अब मैंने उसकी चोली के ऊपर से उसकी मोटी-मोटी चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया।
वाकई में काफी गजब की चूचियाँ थीं उसकी, बहुत ही मोटी थीं। मैंने उसका साइज़ पूछा, तो वो बोली, दबाने के लिए साइज़ की क्या जरूरत? तो मैंने कहा, नहीं मेरी जान, तेरे लिए कल बाज़ार से ब्रा और पैंटी लेकर आऊँगा। फिर वो बोली, ठीक है, तो गुलाबी रंग की लाना। तो मैंने कहा, ठीक है।
फिर उसने साइज़ बताया, चूचियों का साइज़ 38 और गांड का साइज़ 40 था। सुनकर मुझे मज़ा आ गया। मैंने कहा, तभी साली इतना मज़ा आ रहा था तेरे चूतड़ दबाने में। फिर मैंने उसकी चूचियों को और कसकर मसलना और सहलाना शुरू कर दिया। वो अभी भी सिसक रही थी।
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मैंने उसकी चोली के हुक खोल दिए और उसकी चोली को उतारकर चूचियों को आज़ाद कर दिया। उसने ब्रा भी नहीं पहनी थी। उसकी चूचियाँ फुदककर बाहर आ गईं। वाह, क्या मस्त माल थी साली। पूरी चुदक्कड़ लग रही थी। मादरचोद, मैं जोश में आ गया और कस-कसकर उसकी एक चूची को मसलने लगा और दूसरी को चूसने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो और जोर से सिसकने लगी, हाय मेरे राजा, क्या मज़ा ले रहे हो तुम। सच में तुम मुझे रंडी बना दोगे। हाय, और कसके दबाओ ना, हाँ ऐसे ही, और जोर से। स्स्स्सी, हाय, उई माँ, मज़ा आ गया। मसल डालो, फाड़ डालो। बहुत दर्द होता है इन सलियों में। रगड़ो इनको अच्छे से। स्स्स्सी, उई, मर गई रे, हाय, ले लो मज़ा मेरी जवानी का। हाय रे, काट लो इनको, हाँ ऐसे ही।
मैं इन सब बातों को सुनकर और भी जोश में आ रहा था। और इसी जोश में मैंने उसके निप्पल पर काट लिया, तो वो जोर से सिसक पड़ी, हाय रे, जल्लाद साले मादरचोद, काट लिया। पर कोई बात नहीं, ऐसे ही करते रहो। हाय। मैं और कसकर रगड़ने लगा।
मैं बोला, साली कुतिया मादरचोद, बहुत बड़ी रंडी है तू। तेरी माँ को चोदूँ साली रंडी। फाड़ डालूँगा तेरी चूत और गांड। बहुत मोटी कर रखी है भोसड़ी वाली तूने, कुतिया हरमजादी साली। तो वो बोली, बाबू, हाँ ऐसे ही मज़े दे दो मुझे। फाड़ डालो मेरी चूत और गांड कसके। फिर मैं नीचे होता हुआ उसकी चूत पर आ गया और उसे चाटने लगा। अब तो वो बिल्कुल ही पागल हो गई। मस्त होकर पता नहीं क्या-क्या कहने लगी।
साले मादरचोद, ये क्या कर दिया। बहुत मज़े ले रहा है तू तो मेरी जवानी के। इतने तो मेरा पति भी 6 साल में नहीं ले पाया। हाँ साले बहनचोद, चूस और कसके। हाय, मैं मर गई। उई माँ, खा जा साले मादरचोद। स्स्स्सी, उई, मैं मरी। हाय, बहुत मज़ा आ रहा है। साले कुत्ते की तरह चाट रहा है तू तो। बहुत मज़ा आ रहा है। हाय रे, उई माँ, बस अब नहीं स सहा जाता। साले चोद मुझे।
मैंने जोश में आकर एक कसकर चाँटा उसके चूतड़ों पर मारा और बोला, साली मादरचोद कुतिया, बहन की लोड़ी, चुपचाप पड़ी रह और मुझे जो मन में आए करने दे। नहीं तो गांड फाड़ दूँगा तेरी। वो बोली, मेरे राजा, मैंने कब मना किया है। ये चूत तुम्हारी है, गांड और चूचियाँ भी तुम्हारी हैं। जैसे चाहे मज़े ले लो।
अब मैं और कस-कसकर चूसने लगा और वो जोर-जोर से सिसकने लगी। फिर मैं उठा और अपने कपड़े उतार दिए, तो मेरा मोटा लंबा लंड बाहर आकर उछलने लगा। वो देखकर खुश हो गई और बोली, आज तो मेरी चूत के भाग खुल गए जो ये मस्त लंड मिल रहा है मुझे। फिर मैंने कहा, कुतिया साली, ज्यादा बातें न बना। अब लंड चूस मेरा।
तो उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया। अब मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था। हाय साली कुतिया, क्या मस्त चूस रही है तू। मज़ा आ गया साली। हाय, स्स्स्सी, और मस्त होकर चूस साली रंडी। पूरी रंडी की तरह मज़े दे साली। अब तो तुझें पक्का रंडी बनवा दूँगा। अपने सारे दोस्तों के लंड से तेरी चूत पूरी तरह से फटवा दूँगा। समझी हरमजादी, बहन की लोड़ी, मादरचोद।
वो और जोर-जोर से चूसने लगी। अब मैं और भी मस्त हो गया था। मैंने कहा, चल साली, अब तू लेट जा। अब मैं तेरी चूत फाड़ूँगा। तो वो बोली, साहब, पहला धक्का खूब जोर से मारना ताकि मुझे बहुत कसके दर्द हो। मैं बहुत सालों से नहीं चुदी हूँ, तो चूत भी टाइट हो गई है। जमकर चोदना।
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मैंने कहा, ठीक है। और लंड का सुपड़ा उसकी चूत पर लगा दिया और फिर अचानक कसके एक जोरदार धक्का उसकी चूत में लगा दिया। वो जोर से उछल पड़ी और बोली, हाय मैं मर गई। फाड़ डाला मेरी चूत को। उई माँ, बचा ले। हाय, मर जाऊँगी। स्स्स्सी, फाड़ दिया रे। मैं थोड़ी देर फिर वैसे ही लेटा रहा। फिर जब वो थोड़ा शांत हुई, तो एक और जोरदार धक्का लगा दिया।
इस बार वो और भी ऊपर को तन गई। हाय मैं मरी, स्स्स्सी, फट गई रे। रंडी बना दिया रे मुझे। चोद डाला रे हरमजादे। फाड़ दी मेरी चूत। पेल दिया ये मोटा तगड़ा लंड मेरी चूत में। फिर मैंने एक और धक्का लगाकर पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। अब उसने थोड़ी राहत की साँस ली। फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और अब उसे भी मज़ा आने लगा था।
वो सिसकने लगी, हाय स्स्स्सी, साले मज़ा आ गया। उई माँ, बहुत मज़ा आ रहा है। हाय, काश तुम पहले मिल गए होते, तो मैं इतना नहीं तड़पती लंड के लिए। हाय, मेरे हा, फाड़ मेरी चूत को। ले ले मज़ा। उई, दइया, पेल साले कुत्ते कमीने। चोद जमके मुझे। फाड़ दे मेरी चूत। और जोर से, और जोर से। हाँ ऐसे ही, कस-कसके।
हाय रे, स्स्स्सी, उई माँ, मज़ा गया रे। पेलो, और जोर से पेलो मेरे राजा। मैं तेरी रखेल हूँ। जैसे चाहे मज़े ले ले मेरे साथ। हाय रे, पेलो और कसके। उई, हाय, स्स्स्सी, कसके जोर से। मादरचोद, चूत फाड़ मेरी। कुतिया बना दे मुझे। रंडी हूँ मैं तेरी। स्स्स्सी, फाड़ दी रे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
जोर से चोद साले मादरचोद। और कसके हरमजादे, पेल मुझे। बना ले रंडी। तेरे सारे दोस्तों का लंड लूँगी। खूब मज़े दूँगी सबको। हाय, स्स्स्सी, उई, माँ, साँसें चुदवाने में तो और भी मज़ा आएगा। हाय, फट गई। हाय रे, फाड़ दी मेरी चूत। स्स्स्सी, ले लो मज़े और ले लो।
अब मैं भी बहुत कस-कसकर उसे पेल रहा था। मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था। मेरे लंड में बहुत तेज़ गुदगुदी हो रही थी। मेरा लंड अब पूरा अंदर जाकर बाहर आ रहा था और मैं जोर-जोर से धक्के लगा रहा था उसकी चूत में। अब बहुत जोर की गुदगुदी होने लगी और वो पागल-सी होने लगी। हाय, दुनिया, मैं झड़ रही हूँ। और कसके। स्स्स्सी, याह, उई माँ, मज़ा आ गया।
अब उसकी चूत से मेरी चुदाई के कारण मस्त आवाज़ कर रही थी। फच-फच की आवाज़ बहुत ही अच्छी लग रही थी। तभी वो कसके मुझसे चिपक गई। उसकी चूत का पानी निकल रहा था। पर मेरा लंड अभी भी तना हुआ था और मैं कसके धक्के लगा रहा था।
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फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाल लिया और उसे कहा, साली चिनाल, चल अब कुतिया की तरह खड़ी हो जा। तो वो हाथ और घुटनों के बल खड़ी हो गई। अब मुझे उसकी गांड का छेद एकदम साफ दिख रहा था। तो मैंने उससे कहा, रानी, अब मैं तेरी गांड मारने जा रहा हूँ। दर्द होगा, ज्यादा जोर से मत चिल्लाना।
वो बोली, ठीक है, चोद लो मेरी गांड। ले लो मज़े इन हरामी चूतड़ों के। बहुत साले दुखाते हैं। मिटा दो आज इनकी खुजली को। मैं इन बातों से जोश में आ गया और अपने लंड को उसकी गांड से सटाकर और उसकी चूचियों को दोनों हाथों से कसकर पकड़कर एक जोरदार धक्का मारा।
मेरा लंड उसकी गांड फाड़ता हुआ उसके अंदर घुस गया। वो दर्द से बेहाल हो गई। उई, हाय, मैं मर जाऊँगी। मेरी माँ, मैं मरी। स्स्स्सी, फट गई मेरी गांड। हाय रे, बहुत दर्द हो रहा है। प्लीज़ निकाल लो। मैंने कहा, साली कुतिया, बहन की लोड़ी, चुपचाप चुदवाती रह। नहीं तो और कसके पेल दूँगा भोसड़ी वाली तुझको। वो बोली, मेरे राजा, क्या करूँ, बहुत दर्द हो रहा है।
मैंने कहा, चुप साली मादरचोद। और इसके साथ ही एक और जबरदस्त धक्का उसकी गांड में लगा दिया। वो उछल पड़ी। वो तो मैं उसके ऊपर था और मेरे दोनों हाथों में उसकी चूचियाँ फँसी हुई थीं, तो मेरा लंड उसकी गांड में ही फँसा रहा। अब मैंने एक और जोर का धक्का लगा दिया।
वो अब रोने लगी, बाबू, मेरी गांड फट गई है। रहने दो, मैं मर जाऊँगी। तो मैंने उसकी गांड पर एक हाथ कसके मारा और बोला, साली रंडी कुतिया, कहा न एक बार, चुदवाती रह। बस, समझ में नहीं आता है तुझे। और मैं कस-कसके उसके चूतड़ों की पिटाई करने लगा।
मैं बहुत कसके मार रहा था उसके चूतड़ों पर। तो वो और भी जोर से सिसकने लगी। हाय, री, मेरी माँ, मर गई। स्स्स्सी, फाड़ डाला रे। उई, फटी। स्स्स्सी, धीरे से। मैं मर जाऊँगी। उफ, उई, स्स्स्सी, हरमजादे, ऐसे अपनी बीवी की फड़ियो तू साले।
मैंने कहा, साली, तू मेरी रखेल है, समझी हरमजादी। तेरी तो गांड और चूत। अब ऐसे ही फटा करेंगे। अभी तो तुझको अपने सारे यारों से चुदवाऊँगा। सब तेरी गांड मारेंगे। तब क्या करेगी तू। हाय, क्या कसी हुई गांड है तेरी। बहुत मज़ा आ रहा है। स्स्स्सी, हाय, उई, मज़ा आ गया।
थोड़ी देर में उसका दर्द भी कम हो गया था और अब उसे भी मज़ा आ रहा था। वो खूब सिसकने लगी। अब स्स्स्सी, पेलो मेरे राजा। ले लो मज़ा इस गांड के। हाय, स्स्स्सी, मस्त कर दिया मेरे दुनिया तुमने। मुझे क्या चोद रहे हो। मुझे अब लग रहा है कि मैं सच में एक चुदक्कड़ औरत हूँ। पेलो। उई, मरी मैं। हाय, री माँ, फाड़ो मेरी गांड। कस-कसके। हाय रे.
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मैं अब जोश में आ गया और उसे कस-कसके पेलने लगा। उसकी चूचियाँ मेरे हाथ में थीं और उसकी गांड मारते हुए मैं उन्हें भी कसके दबा रहा था और उसके निप्पलों को रगड़ रहा था। वो मस्त होकर मज़े ले रही थी। अब मेरा लंड झड़ने वाला था। मैंने स्पीड बढ़ा दी थी और मुझे फुल मज़ा मिल रहा था।
हाय, स्स्स्सी, साली कुतिया, मेरा निकलने वाला है। बहन की लोड़ी, भोसड़ी वाली, मादरचोद रंडी, मैं झड़ने वाला हूँ। हाय, स्स्स्सी, निकल रहा है। निकल गया। हाय, स्स्स्सी, मज़ा आ गया रानी। निकल रहा है। बहुत अच्छे से मज़ा आ गया तुझको चोदकर मेरी रंडी कुतिया साली। हाय, स्स्स्सी।
और फिर मैं उसके ऊपर गिर गया और सुस्ताने लगा। वो भी अपनी चूत में उंगली करके झड़ गई थी। फिर मैं उसके साथ कमरे में चला गया और बिस्तर पर उसे अपने साथ लिटा लिया और धीरे-धीरे उसकी चूचियों से मज़े लेता रहा, जिसके कारण मेरा लंड फिर तन गया थोड़ी ही देर में।
तो वो बोली, क्या आज ही पूरी माँ चोद दोगे मेरी। मैंने कहा, नहीं, तेरी माँ की नहीं, तेरी फाड़ दूँगा। और उसकी चूत मसलते हुए उसे अपने ऊपर चढ़ा लिया और फिर से अपने लंड का सुपड़ा उसकी चूत पर लगा दिया और कसके धक्के लगाने लगा। पूरा मज़ा आ रहा था।
और इस तरह मैंने उसे उस रात तीन बार चोदा और 2 बार उसकी गांड भी मारी। वो पूरी मस्त हो गई। फिर थककर हम दोनों चिपककर सो गए। जब मैं शाम को उठा, तो वो नंगी मुझसे चिपकी हुई थी। फिर मैंने उसे उठाया। इस समय 7:30 बज रहे थे।
उसने उठकर अपने कपड़े पहने और बोली, बाबू, अब जब चाहे मेरी चूत और गांड फाड़कर मेरे मज़े ले लेना। और जब चाहे किसी से भी मुझे चुदवा देना। अब मैं तुम्हारी रखेल हूँ और पूरी चुदक्कड़ बनकर तुमको रंडी की तरह मज़ा दूँगी। अब मैं तुम्हारे सारे दोस्तों का लंड लूँगी अपनी चुदास चूत में और इस रंडी की गांड में। फिर वो खाना बनाने चली गई।
दूसरे रविवार को अर्पिता और उसकी मौसी नीतू दोनों सवेरे 7:30 बजे आईं क्योंकि रविवार को काम ज्यादा होता था। हफ्ते भर के कपड़े धोना, प्रेस करना, साफ-सफाई करना, खाना बनाना आदि। अर्पिता बाथरूम में जाकर कपड़े धोने में लग गई और नीतू मौसी चाय बनाकर जब मुझे उठाने आई, तो मैं देखता ही रह गया।
जब वो झुककर मुझे जगा रही थी, तब उसका पल्लू नीचे सरक गया था और ब्लाउज़ में से उसके बड़े-बड़े चूचियों की झलक दिखाई देने लगी। और मैं जब उसकी चूचियों की गोलाई को निहार रहा था, तब वो झट से पल्लू सीधे करके मुड़ी और चली गई। पीछे से उसके भारी-भारी चूतड़ों को देखकर तो मैं और पागल हो गया।
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मैं बाथरूम में गया। वहाँ इस समय अर्पिता नहीं थी। इसलिए मैं नीतू की चूचियों और उसकी गांड के बारे में सोचते हुए अपने लंड को रगड़ने लगा। तभी दूसरे कमरे से अर्पिता की आवाज़ आई कि साहब, आप नहाइए, तो मुझे तौलिया और कच्छी धोने के लिए दे दीजिए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने बाथरूम का दरवाज़ा खोलकर उसे बुलाया और कहा कि लंड का पानी हिला-हिलाकर निकाल दे। तो वो मेरे लंड को पकड़कर कस-कसके हिलाने लगी। और मैंने भी उसकी चूचियों को हाथ से मसलने लगा और उससे कहा, हाय, स्स्स्सी, रानी, मज़ा आ गया। क्या मस्त गांड देखी है सुबह-सुबह। हाय रे, मज़ा आ गया। उई, स्स्स्सी, हाय री, नीतू मौसी क्या चुदास माल है तू। तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा चोद-चोदकर साली कुतिया।
अर्पिता मेरी बातें सुन रही थी और अब उसने भी मेरा लंड जोर से हिलाना शुरू कर दिया। मैंने भी उसका घाघरा उठाकर उसकी चूत में उंगली डाल दी। कल की चुदाई से उसकी चूत सूजी हुई थी। लेकिन मैं उंगली डालकर उसकी चूत में अंदर-बाहर करने लगा, फुल स्पीड में।
उसे भी मज़ा आने लगा। स्स्स्सी, हाय, बाबू, मज़ा आ रहा है। उई, स्स्स्सी, मैं झड़ रही हूँ। मैं भी झड़ने वाला था। हाय, साली, हरमजादी, मेरा भी निकल रहा है। साली, उई, स्स्स्सी, हाँ, मेरा निकल रहा है। स्स्स्सी, निकल गया। और उसी समय वो भी झड़ गई। फिर थोड़ी देर वो मेरा लंड यूँ ही पकड़े रही।
अब मेरा पूरा पानी निकल गया और उसका भी। फिर वो बोली, बाबू, मज़े मुझसे ले रहे थे और नाम नीतू मौसी का। क्या बात है, उसे भी चोदोगे क्या? तो मैंने कहा, देख, तू मेरी रखेल है, तो तुझको बता देता हूँ कि मैं आज नीतू मौसी को चोदूँगा। वो साली चुदक्कड़ बहुत है ना, मादरचोद कुतिया।
तब वो बोली, अगर तुम मेरी मौसी को चोदना चाहते हो, ठीक है, चोद लो। लेकिन उसके लिए आपको ही उसे पटाना पड़ेगा। पर मेरी चूत को न भूल जाना। तो मैंने कहा, तू तो मेरी रखेल है और उसे भी अपनी रखेल बना लूँगा। तो वो बोली, हाँ, ये ठीक रहेगा। फिर वो अलमारी से कपड़े लाने चली गई और मैं नहाने लगा।
नहाकर जब आया, तो नीतू मौसी ने मुझे नाश्ता लाकर दिया। और जब नाश्ता परोस रही थी, तब भी मैंने उसकी चूचियों की गोलाई देखी। मुझे लगा, शायद वो जानबूझकर दिखा रही हो। फिर वो अपना पल्लू ठीक करते हुए कमरे से गांड मटकाती हुई चली गई। मैं बनियान और तौलिया पहने हुए था।
मैं टेबल पर नाश्ता कर रहा था और पेपर पढ़ रहा था। मुझे मालूम था कि नीतू मौसी मुझे चाय देने ज़रूर आएगी। इसलिए मैं इस तरह से बैठा कि मेरी जाँघों से थोड़ा तौलिया सरक जाए और उसे मेरे लंड की झलक मिल जाए। वो थोड़ी देर बाद चाय लेकर आई।
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मैंने तिरछी नज़रों से देखा, वो मेरे करीब रुककर मेरे मोटे लंड को निहार रही थी। मैं पेपर पढ़ने में मस्त था। फिर वो चाय टेबल पर रखकर कोने से झाड़ू उठाकर कमरे को बैठकर बुहारने लगी। लेकिन उसकी नज़रें मेरे लंड पर ही जमी थीं। मैं भी जानबूझकर वैसे ही बैठा रहा और तिरछी निगाहों से उसे देख रहा था।
जब वो बैठकर झाड़ू मार रही थी, तब उसकी साड़ी उसके घुटनों के ऊपर थी। वो साड़ी को इस तरह करके बैठी थी कि मुझे उसकी चूत की झलक मिल सके। मुझे उसकी चूत तो साफ नज़र नहीं आ रही थी, पर चूत के ऊपर के घने बाल साफ-साफ दिख रहे थे।
मैं समझ गया कि वो आज चुदवाना चाहती है। खैर, वो सफाई करके चली गई और मैं भी उठकर टीवी देखने लगा। करीब 1 बजे मैंने 2 बोतल बियर पी और करीब 2 बजे हम तीनों ने खाना खाया। अर्पिता को दूसरे घर में काम था, इसलिए वो चली गई। अब केवल मैं और नीतू मौसी रह गए।
खाना खाकर मैं टीवी पर इंग्लिश पिक्चर देखने लगा। कुछ देर बाद नीतू मौसी भी कमरे में आकर जमीन पर बैठ गई। कुछ देर बाद उसने अपने पैरों को घुटने ऊपर करके बैठ गई। उसकी साड़ी घुटनों पर थी। तभी टीवी पर एक चुम्बन का जबरदस्त सीन आया, तो मैंने उसकी ओर देखा।
उसका चेहरा काम वासना से भरा हुआ था और वो पिक्चर देखते हुए अपनी साड़ी में हाथ डालकर खुजा रही थी। ये देखते ही मैंने पूछा, नीतू मौसी, क्या खुजा रही हो? वो चौंककर साड़ी से अपना हाथ निकाल लिया। पर मुझे उसकी चूत और झाँटें साफ दिखाई देने लगी थीं।
वो बोली, क्या करूँ बाबू, जब से मैंने तुम्हारा देखा, मैं पागल हो गई हूँ। ये सुनकर मैं हैरान हो गया। तब वो बोली, हैरान मत हो। जब से मैंने तुम्हारा मोटा लंड देखा है, तो मेरी चूत में आग लग गई है। और वो तुम्हारे लंड से चुदवाकर ही शांत होगी। तो मैंने पूछा कि तुमने कब मेरा लंड देख लिया?
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तो वो बोली, जब मॉर्निंग में तुमको अर्पिता जब कपड़ों के बारे में पूछने थी, तो काफी देर हो गई। तो मैं भी बाथरूम के पास आई थी। पर देखा कि अर्पिता तुम्हारे मस्त मोटे लंड को कस-कसकर हिला रही थी और तुम भी उसकी मस्त मोटी-मोटी चूचियों को मसल रहे थे। तब देखा मैंने तुम्हारा लंड।
फिर तुमने मस्ती में बहुत कुछ बोला कि रानी, तेरी चूचियाँ मसल दूँगा, गांड फाड़ दूँगा तेरी। लेकिन तुमने अर्पिता का नाम नहीं लिया, बल्कि तुमने मेरा नाम लिया। तो मेरी चूत और भी गीली हो गई। फिर तुम्हारा और अर्पिता का पानी निकल गया। फिर तुमने अर्पिता को बताया कि तुम मेरी चूत और गांड फाड़ना चाहते हो।
ये सुनकर मैं उसके करीब गया और उसके और मेरे कपड़े निकालकर उसकी चूचियों से काफी देर तक खेलता और चूसता रहा। वो मेरे लंड को पकड़कर सहला रही थी और मुँह में लेकर चूस रही थी। जब हम दोनों काफी गर्म हो गए, तब मैंने उसे कुतिया की तरह खड़ा किया और उसकी गांड पर ढेर सारा तेल लगाकर उसकी गांड के छेद पर लंड लगाकर पूरा लंड उसकी गांड में पेल दिया।
लंड गांड में घुसते ही वो चिल्ला रही थी। उई, माँ, फट गई मेरी गांड। हाय, स्स्स्सी, उम्म, हाय, पेल दिया रे। फाड़ दिया मेरी प्यारी सी गांड को। हाय रे, उई, मैं मर जाऊँगी। स्स्स्सी, कोई बचा लो। उई, स्स्स्सी, हाय, जाने दो। मैं मरी। हाय, स्स्स्सी, हाय। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
ये सुनते ही मुझे जोश आ गया और उसकी कमर को पकड़कर लंड को गांड के अंदर-बाहर करते हुए बोला, चुप साली कुतिया, बहन की लोड़ी। मेरा लंड खाने का तुझे काफी शौक था ना। अब ले बहनचोद। ये कहकर मैंने अपनी स्पीड और भी बढ़ा दी। फिर मैंने उसकी गांड से लंड निकालकर उसकी चूत में डाल दिया और कस-कसकर चोदने लगा। अब नीतू को भी कुछ मज़ा आ रहा था और वो बहुत जोर से सिसकने लगी।
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हाय, स्स्स्सी, उई, माँ, मज़ा गया। आहा, हा, मैं मर गई। स्स्स्सी, उम्म, और कसके चोद साले कुत्ते। फाड़ मेरी चूत। स्स्स्सी, मैं मर जाऊँगी। स्स्स्सी, उई, माँ, खूब जोर से। स्स्स्सी, हाय, फाड़ साले मादरचोद कुत्ते, बहनचोद साले भड़वे। गांड फाड़ दे मेरी। मैं बोला, साली कुतिया, आज रात भर तेरी गांड और चूत को फाड़-फाड़कर चिथड़े कर दूँगा। वो बोली, जो चाहे कर लो, पर ऐसे ही चोदते रहो। मत जाने दो मुझे। पर चोदना बहुत कसके। हाय, स्स्स्सी, बहुत मज़ा आ रहा है मेरे राजा। फाड़ दे मेरी चूत।
हाय, स्स्स्सी, उम्म, आह, उई, माँ, मज़ा आ गया। बन गई आज तो मैं रंडी। हाँ, बना दो पूरी रंडी। और कसके फाड़ साले कुत्ते कमीने मादरचोद। फाड़ मेरी चूत। हाय, स्स्स्सी, हाँ, हाय, मैं मरी। उई, स्स्स्सी, कसके मार। जाऊँगी। स्स्स्सी, हाय, हाँ, आह, हाय, स्स्स्सी, झड़ने वाली हूँ। और कसके पेल मुझे। हाय, स्स्स्सी, पेल डालो ऐसे ही। हाय। और वो झड़ गई। मैं भी 15-20 धक्कों के बाद उसकी चूत में झड़ गया। इस तरह मैं ऑफिस जाने से पहले रोज़ सुबह अर्पिता को या नीतू को बहुत चोदा करता था।
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