Sex With Benefits Story
मेरे दफ्तर में एक महिला काम करती है, जो कि जुनियर क्लर्क है, उसका नाम आशिया है, जिसकी उम्र 32 साल की है। उनकी शादी 12 साल पहले हुई थी और उनका पति विदेश में 2 साल से सर्विस कर रहे थे। आशिया की फिगर 38-34-40 थी, साँवली लेकिन मोटी थी। मैं तो उनके चूतड़ पर बहुत फिदा था। Sex With Benefits Story
वह जब भी चलती थी, गांड मटका-मटकाकर चलती थी। एक महीने में ही काम के दौरान काफी घुल-मिल गई थी। एक बार तो बातों-बातों में उसने मुझसे रिक्वेस्ट की, “सर, आप चाहें तो मेरा प्रमोशन हो सकता है, इसलिए आप हेड ऑफिस में मेरी सिफारिश करेंगे तो मेरा प्रमोशन हो जाएगा और वो इसके लिए कुछ दे भी सकती है।”
तब मैंने कहा, “आप क्या दे सकती हो?” तो वह कुटिल मुस्कान भरते हुए खुमारी के साथ बोली, “चाय-पानी।” मैं भी हँसकर रह गया। उसके बाद से तो मैंने महसूस किया कि वह मुझे अजीब निगाहों से देखती थी और उसकी नजरों में काम वासना की ललक नजर आती थी।
मैं समझ नहीं सका कि वह ऐसा क्यों देखती है। तब मुझे लगा कि या तो वह प्रमोशन के लिए ऐसा कर रही है या फिर 2 साल से प्यासी होगी। मैं भी अक्सर आशिया को देखकर लंड सहलाता था, तो देखकर केवल मुस्कुरा देती थी। एक दिन उसने मुझे डिनर के लिए इनवाइट किया।
उस दिन शुक्रवार था, तो ऑफिस से मैं उसके घर उसके साथ गया। उसने मेरे लिए रास्ते से बियर की बोतल खरीद ली और होटल में डिनर का ऑर्डर दे दिया। घर पहुँचकर उसने पहले कपड़े बदले और फिर वह मेरे लिए बियर लेकर आई। मैं बियर पी रहा था और बातें कर रहा था।
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वह बार-बार मुझे अजीब निगाहों से देखती थी और बातों-बातों में कभी-कभी आँख मार देती थी या अपने होंठों को अपने दाँतों से दबा लेती थी। मैं समझ गया कि वह आज गर्म हो चुकी है। वह मेरे सामने चाय पर बैठी थी। मैंने आशिया का हाथ पकड़कर उन्हें अपनी तरफ खींच लिया।
उसने कोई प्रतिरोध नहीं किया, तो मैंने आशिया को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और आशिया के होंठों को चूमने लगा। उसके लिप्स को चूसने लगा। आशिया एकदम पागल सी हो रही थी, जैसे जन्नत का मजा आ रहा हो। मैं आशिया की जीभ को चूस रहा था और मेरा हाथ आशिया की पीठ पर चल रहा था।
फिर मेरा बायाँ हाथ आशिया की कमर पर जाकर रुक गया और फिर उसकी बायीं चूची दबाने लगा। अब आशिया बेताब होने लगी। मैंने आशिया के कान में कहा, “आशिया मेरी जान, तू बहुत भूखी है।” आशिया सिर्फ, “सर…” ही कह सकी। मेरा हाथ अब धीरे-धीरे आशिया के सलवार के नाड़े पर आ गया। और आशिया को किस करते हुए एक झटके में ही सलवार का नाड़ा खोल दिया।
आशिया की लाल सलवार सरककर नीचे जमीन पर गिर गई। वह नीचे से नंगी थी। उसकी मोटी गोरी चूत पर छोटे-छोटे झाँट थे, उसकी चूत गीली थी। आशिया ने मेरी पैंट से लंड बाहर निकाल लिया और सहलाते हुए बोली, “हाय अल्लाह… कितना मोटा और लंबा है सर आपका ये…”
फिर मैंने आशिया की कमीज़ को ऊपर की तरफ करने लगा। आशिया और जोश में आ गई और आशिया ने सहूलियत के लिए अपने हाथ ऊपर की तरफ कर दिए। मैंने उसकी कमीज़ उतार दी। कमीज़ उतारने के बाद पीछे से आशिया की ब्रा का हुक खोल दिया और एक झटके से आशिया की ब्रा को उतारकर फेंक दिया।
फिर उसे दीवार की तरफ मुँह करके खड़ा किया और पीछे से उसकी चूचियों को दोनों हाथों में पकड़ लिया और मसलने लगा। फिर उसके निप्पल्स को मसलना शुरू किया तो आशिया सिसकारियाँ भरने लगी। मैंने उसे दीवार के सहारे और दबा दिया। आशिया की गांड पर मेरा लंड सटा हुआ था और आशिया की दोनों चूँचियाँ मेरी मुट्ठी में थीं।
मैं उंगली और अंगूठे से आशिया के निप्पल्स को बेदर्दी से मसलने लगा। आशिया तो जैसे जोश में एकदम पागल सी हो रही थी। 10 मिनट बाद मैं आशिया को पकड़कर टेबल के पास ले गया और टेबल पर बैठने को कहा। आशिया टेबल पर बैठ गई। अब मेरा मोटा और लंबा तना हुआ लंड आशिया के सामने था।
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उसने तुरंत ही मेरा लंड हाथ में पकड़ा और सहलाने लगी। मैं बोला, “रानी, मुँह में लेकर चूसो इसको।” आशिया ने लंड को पकड़कर अपनी जीभ से चाटने लगी। थोड़ी ही देर बाद आशिया ने लंड को मुँह में ले लिया और लंड के सुपाड़े को चूसने लगी। आशिया भी जोश से अपने आप को काबू में नहीं रख पा रही थी और बोली, “सर, प्लीज जल्दी कुछ कीजिए ना। नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी।”
फिर मैंने आशिया की गांड को टेबल के किनारे पर रख दिया और उसकी टाँगों के बीच आकर खड़ा हो गया। आशिया की टाँगें बहुत मोटी और टाइट थीं। आशिया टेबल पर आधी लेटी हुई थी। फिर मैंने आशिया की टाँगों को हाथों से पकड़कर फैला दिया और अपने लंड के सुपाड़े को उसकी चूत के बीच में रख दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और एक झटका दिया, मेरा आधा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया। आशिया दर्द से चिल्ला उठी, “उई माँ, मर जाऊँगी मैं, आह सर रुक जाइए प्लीज,” आशिया कहने लगी तो मैं रुक गया और अपने लंड को आशिया की चूत से बाहर निकाल लिया।
मैंने एक तकिया उठाकर आशिया की गांड को उठाकर उसके गांड के नीचे रख दिया। अब आशिया की चूत थोड़ा और ऊपर हो गई। मैं आशिया के ऊपर झुक गया और आशिया के होंठों को अपने मुँह में ले लिया। फिर मैंने अपने लंड का सुपाड़ा एक बार फिर उसकी चूत के मुहाने पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा।
आशिया की चीख निकलते-निकलते रह गई क्योंकि मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा रखा था। आशिया दर्द से कराह उठी तो मैं रुक गया। आशिया के पति का लंड छोटा था और उसकी चूत का होल साइज छोटे लंड के लिए मुनासिब थी, मेरा आधा लंड घुस चुका था।
2-3 मिनट तक उसके ऊपर बिना हिले-डुले लेटा रहा, फिर मैंने धीरे-धीरे लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया। आशिया अभी भी दर्द से कराह रही थी। अचानक मैंने एक जोरदार धक्का दिया तो मेरा लंड सनसनाता हुआ आशिया की चूत में और ज्यादा अंदर तक घुस गया।
आशिया चिल्लाने लगी। रुक जाने को कहा, लेकिन मैं नहीं रुका और आशिया को तेजी से चोदने लगा। बिजली की तरह मेरा लंड आशिया की चूत में अंदर-बाहर होने लगा। जैसे ही आशिया की चीख कुछ कम होती, मैं एक धक्का जोर से लगा देता था और आशिया फिर चीख पड़ती थी।
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कुछ देर तक मैं इसी तरह चोदता रहा। धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड आशिया की चूत की गहराई तक जगह बना चुका था और तेजी के साथ अंदर-बाहर हो रहा था। आशिया दर्द से तड़प रही थी। 8-10 मिनट के बाद आशिया को भी मजा आने लगा। उसने अपने हाथ मेरी कमर पर कैंची की तरह कस दिए और अपनी गांड उठा-उठाकर मेरा साथ देने लगी।
मैं बोला, “शाबाश मेरी रानी, अब तो तुझे चुदवाने में मजा आ गया।” मैं उसे लगभग 15-20 मिनट तक चोदता रहा। इस दौरान आशिया 3-4 बार झड़ चुकी थी, लेकिन मेरा लंड था कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। अब मैं आशिया के ऊपर से हट गया और उसे घोड़ी की तरह बन जाने को कहा।
आशिया उठकर जमीन पर आ गई और घोड़ी की तरह हो गई। मैंने उसकी कमर पकड़कर अपना लंड पीछे से आशिया की चूत में डाल दिया। 32 साल की आशिया फिर दर्द से कराहने लगी, पर कुछ ही देर में आशिया का दर्द जैसे कम हो गया और आशिया को मजा आने लगा।
आशिया अब अपनी गांड को पीछे पुश करके ताल से ताल मिलाने लगी। 10-15 मिनट के बाद मैंने आशिया की चूत में ही झड़ गया। और अपना लंड आशिया की चूत से बाहर निकालकर आशिया के मुँह में दे दिया। आशिया ने मेरे लंड को चाट-चाटकर साफ किया और हम दोनों साथ ही साथ जमीन पर ही लेट गए।
फिर हम लोगों ने नंगे ही खाना खाया और खाना खाने के बाद मैंने आशिया से कहा, “आशिया, और मजा दोगी।” आशिया ने अपना सिर हाँ में हिला दिया। तब मैंने अपना लंड, जो कि फिर खड़ा हो गया था, आशिया के मुँह में दे दिया और वह चूसने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने अपनी बीच की मोटी उंगली आशिया की चूत में घुसा दी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
“उफ…” आशिया तड़प उठी। मेरी उंगली आशिया की चूत में अंदर-बाहर होने लगी। आशिया को भी मजा आने लगा और आशिया आहें भरने लगी। अचानक मैं उठा और आशिया के पैरों के बीच में आ गया। उसके पैर उठाए और अपने कंधों पर रख लिया। मेरा तना हुआ लंड आशिया की चूत से बस केवल एक इंच की ही दूरी पर था।
फिर मैंने उसकी आँखों में देखा और बोला, “चोदूँ, मेरी रानी।” आशिया ने अपना सिर हाँ में हिला दिया और अपनी चूत को मेरे लंड से सटा दिया और बोली, “धीरे-धीरे चोदिएगा प्लीज, बहुत दर्द होता है।” फिर मैंने उसकी चूची को पकड़ा और निप्पल्स को मसलते हुए अपने लंड को उसकी चूत में घुसाने लगा।
अभी तक मैंने हल्का सा धक्का मारा था, लेकिन आधा लंड आशिया की चूत में घुस चुका था। आशिया की चूची को दबाते हुए और दोनों निप्पल्स को खींचते हुए बोला, “एक बार में पूरा अंदर लोगी।” आशिया तो एकदम जोश में थी और आशिया ने दर्द की परवाह न करते हुए कहा, “हाँ सर।”
फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। इसके पहले कि आशिया कुछ समझ पाती, एक ही धक्के में अपना पूरा लंड वापस आशिया की चूत की गहराई तक घुसा दिया। आशिया अपनी चीख बड़ी मुश्किल से रोक पाई। कुछ देर बाद मैंने आशिया को तेजी से चोदना शुरू कर दिया।
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आशिया के पैरों की पायल मेरे हर धक्के के साथ बजने लगी। पायल की आवाज से मुझे और जोश आने लगा और आशिया को तेजी के साथ चोदने लगा। मेरा हाथ अभी भी आशिया की चूची के निप्पल्स को मसल रहा था और आशिया को दर्द हो रहा था। पर वह चुप थी क्योंकि आज 12 साल बाद कोई मोटे तगड़े लंड ने उसकी चूत की प्यास को बुझा रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने आशिया के पैर को उठाया और आशिया के कंधों की तरफ झुका दिया, अब आशिया एकदम दोहरी हो गई और आशिया की चूत और ऊपर उठ आई। और फिर उसके पैरों को पकड़कर बहुत ही तेजी के साथ आशिया की चुदाई शुरू कर दी। मुझे मेरे लंड के सुपाड़े पर उसकी बच्चेदानी का मुँह महसूस होने लगा था।
आशिया और भी जोश में आ गई और अपनी आँखें बंद कर ली। आशिया के मुँह से केवल यही आवाजें निकल रही थीं, “सर, ऐसे ही और कस-कसकर जोर से चोदिए, और जोर से चोदिए, फाड़ दीजिए मेरी चूत को।” मेरे चेहरे का पसीना आशिया के चेहरे पर टप-टप गिर रहा था।
लेकिन लंड राज रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था। आशिया अब तक 2-3 बार झड़ चुकी थी। कुछ ही देर में मेरे लंड ने भी उसकी चूत में पानी छोड़ दिया, फिर हम दोनों थोड़ी देर आशिया के ऊपर पड़े रहे और आशिया मुझे किस करती रही। मैं अब आशिया के ऊपर से हट गया और आशिया के बगल में लेट गया।
थोड़ी देर बाद आशिया ने मेरे मुरझाए हुए लंड को अपने हाथों में लिया। मैंने आशिया की आँखों में देखा, जैसे एक बार फिर चोदने की इजाजत माँग रहा हो। आशिया ने अपने होंठों को दाँत से काटते हुए कहा, “अगर आप बुरा न मानें तो मैं आपके लंड को फिर से चूसना चाहती हूँ, प्लीज।”
मैं बोला, “इसमें इजाजत की क्या बात है, ये लंड तो अब सिर्फ तुम्हारा ही है।” आशिया मेरे पैरों के बीच में आकर बैठ गई। और दोनों हाथों से लंड को पकड़ा और लंड के सुपाड़े पर धीरे से किस किया। आशिया मेरी तरफ देखकर आँख मारी और फिर से अपने होंठों को लंड पर रख दिया।
लंड को पकड़कर आशिया अपने मुँह को ऊपर-नीचे करने लगी और मेरा लंड बिल्कुल तन गया। फिर आशिया उठकर मेरे ऊपर आ गई। अपने हाथ से लंड को पोजीशन में करके अपनी चूत के बीच रख दिया और ऊपर से दबाने लगी, पर सिर्फ सुपाड़ा ही आशिया की चूत में घुस पाया।
वह तड़पती निगाहों से मेरी तरफ देखा। मैं उसका इशारा समझ गया। उसकी कमर को पकड़कर कसके नीचे किया तो एक झटके से आधे से ज्यादा लंड आशिया की चूत में घुस गया। अब आशिया धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी और मैं आशिया की कमर को पकड़े हुए था।
आशिया ने अपनी आँखें बंद कर ली और चुदाई का मजा लेने लगी। उनकी रफ्तार बढ़ने लगी और वह इतनी तेज हो गई कि पता ही नहीं लगा कब दोनों झड़ गए। दोनों एक-दूसरे की बाहों में लिपटकर लेट गए। लगभग एक घंटे बाद मैंने अपना लंड आशिया के हाथों में दे दिया। वह फिर तन गया था।
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मैं बोला, “आशिया, अब तुम घोड़ी बन जाओ।” आशिया जमीन पर आकर घोड़ी बन गई। तब मैंने बोला, “आशिया, अब मैं तुम्हारी गांड मारूँगा।” आशिया डर गई। क्योंकि उसे ऐसा लग रहा था कि मुझे गांड बहुत पसंद है। और डरते हुए बोली, “बहुत दर्द होगा, प्लीज।” मैं बोला, “तुम घबराओ मत, मैं आराम से करूँगा।”
आशिया भी मस्त हो गई और बोली, “ओके, आप तो मेरे बॉस हैं, मेरा सब कुछ आपका ही तो है। आप जो चाहें वो करें। आज आपकी आशिया आपके लंड की गुलाम है। सर, मारिए मेरी गांड को, फाड़ दीजिए इसे भी। मैं कितना भी चिल्लाऊँ, आप रुकिएगा मत, अपनी आशिया को बेदर्दी से पेलिएगा।”
अब मैं उसके पीछे आ गया और अपने लंड और आशिया की गांड पर ढेर सारा वैसलीन लगा दिया। फिर आशिया की गांड के छेद पर अपने लंड की टोपी को रखा और आशिया की कमर को पकड़ लिया और धीरे-धीरे अपने लंड को आशिया की गांड में घुसाने लगा। आशिया चिल्लाने लगी। अभी तक लंड की सिर्फ टोपी ही घुस पाई थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर मैंने आशिया की गांड के छेद को हाथों से फैलाया और फिर से आशिया की कमर पकड़कर एक धक्का दिया। आशिया दर्द से अपना सिर कुत्तिया की तरह इधर-उधर करने लगी। मैंने थोड़ा जोर और लगाया तो आशिया चिल्लाने लगी। मैं बोला, “आशिया मेरी जान, अगर तुम चिल्लाओगी तो कैसे काम बनेगा। अभी तो ये 3 इंच ही अंदर घुसा है।”
आशिया ने कहा, “मेरे चिल्लाने की आप परवाह मत कीजिए। घुसा दीजिए अपने पूरे लंड को मेरी गांड में। फाड़ डालिए इसे।” फिर मैंने आशिया के मुँह पर एक हाथ रख दिया और कमर को पकड़कर धक्के पर धक्का लगाते हुए अपने लंड को आशिया की गांड में घुसाने लगा।
आशिया की गांड में जैसे बहुत दर्द होने लगा और लंड आशिया की गांड में और गहराई तक घुसने लगा। मैं बोला, “शाबाश आशिया, मेरा लंड अब तुम्हारी गांड में 6 इंच तक घुस चुका है।” दर्द से आशिया की हालत खराब होने लगी। मैं तेजी से आशिया की गांड को मारने लगा था और रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे।
आशिया की गांड चौड़ी होती गई और दर्द बढ़ता गया। गांड में दर्द की वजह से आशिया सिसकियाँ लेती रही। आशिया के आँसू भी निकल आए, पर आशिया ने हिम्मत नहीं हारी। जब मेरा लंड पूरा घुस गया तो मैं रुक गया। थोड़ी देर में दर्द धीरे-धीरे कम हो गया तो मैंने फिर धीरे-धीरे पेलना शुरू कर दिया।
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अब मैं अपना आधा लंड बाहर निकालता और वापस एक ही धक्के में पूरा लंड उसकी गांड के अंदर तक डाल देता। आशिया भी अब अपनी गांड मेरे हर धक्के के साथ हिलाने लगी। हालाँकि दर्द अभी खत्म नहीं हुआ था। अब मैं फुल स्पीड से आशिया को चोदने लगा। अब मैं अपना पूरा लंड बाहर निकालता और वापस तेजी के साथ अंदर घुसा देता। आशिया को विश्वास नहीं हो रहा था कि इतना लंबा और मोटा लंड आशिया कभी अपनी गांड में ले पाएगी। मैं बहुत मजे ले-लेकर आशिया की गांड को मारने में लगा हुआ था। आशिया और ज्यादा मस्त हो गई थी.
और अपनी गांड पुश करते हुए बोली, “सर, पेलिए। मुझे, मेरी गांड फाड़ दीजिए। अपनी आशिया की गांड चौड़ी कर डालिए। मुझे बेदर्दी से पेलिए, सर।” मैंने फिर आशिया की गांड पकड़कर अपना लंड और गहराई तक घुसा दिया। थोड़ी देर में मैं आशिया की गांड में ही झड़ गया और दोनों फिर बिस्तर पर लेट गए। दोनों की साँसें फूली हुई थीं। 20-25 मिनट ऐसे ही पड़े रहने के बाद आशिया बाथरूम में चली गई। वापस आने पर आशिया बहुत खुश थी और मैं भी। और एक हफ्ते के अंदर उसका प्रमोशन करा दिया और जब तक वहाँ रहा, हर रात आशिया की चुदाई में बिताने लगा।
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