• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

HamariVasna

Hindi Sex Story Antarvasna

  • Antarvasna
  • कथा श्रेणियाँ
    • Baap Beti Ki Chudai
    • Desi Adult Sex Story
    • Desi Maid Servant Sex
    • Devar Bhabhi Sex Story
    • First Time Sex Story
    • Group Mein Chudai Kahani
    • Jija Sali Sex Story
    • Kunwari Ladki Ki Chudai
    • Lesbian Girl Sex Kahani
    • Meri Chut Chudai Story
    • Padosan Ki Chudai
    • Rishto Mein Chudai
    • Teacher Student Sex
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Hindi Sex Story
  • माँ बेटे का सेक्स
  • अपनी कहानी भेजिए
  • ThePornDude
You are here: Home / Hindi Sex Story / दोस्त की शादीशुदा दीदी साथ चुदाई के मजे

दोस्त की शादीशुदा दीदी साथ चुदाई के मजे

अगस्त 23, 2025 by hamari Leave a Comment

Sex Hot XXX Kahani

मैं मुंबई में रहता हूँ और एक प्राइवेट कंपनी में सर्विस करता हूँ. एक बार मुझे ऑफिस के काम के सिलसिले में एक महीने के लिए दिल्ली जाना पड़ा. वहां मेरी कोई पहचान नहीं थी इसलिए मैं उस शहर से अनजान था. मेरा एक दोस्त जो की हमारे पड़ोस मैं कुछ महीने पहले ही रहने आया था. उसके साथ मेरी गहरी दोस्ती हो गई. Sex Hot XXX Kahani

जब मैंने उसे मेरे दिल्ली का प्रोग्राम बताया और मेरी परेशानी बताई की मैं दिल्ली में अंजान हूँ तो उसने कहा “डरो मत यार मेरी बड़ी बहन दिल्ली में ही रहती हैं तुम उसके घर पेइंग गेस्ट बन जाना मैं. जीजाजी से और दीदी से बात कर लूँगा” और उसने अपने वादे के अनुसार जीजाजी और दीदी से बात कर ली और वे लोग मुझे पेइंग गेस्ट बनाने में सहमत हो गये.

अपने प्रोग्राम के अनुसार मैं दिल्ली पहुंचा. ऑटो रिक्शा लेकर उनके घर पहुँच. उनके घर में केवल 3 लोग थे. जीजाजी बहन और उनकी छोटी ननद. सबसे पहले मैं आप लोगो तो उनका परिचय करता हूँ. जीजाजी: उम्र 40 के करीब फौज में अफसर हैं और अक्सर वो घर से बाहर रहते हैं. हफ्ते 2 हफ्ते में 2 दिन के लिए घर आते हैं फिर अपनी ड्यूटी पर चले जाते हैं.

दीदी: उम्र करीब 33 की हैं. शरीर से सुन्दर और ज्यादा मोटे भी नहीं तो पतली भी नहीं हैं. उनका शरीर ठीक-ठाक हैं और एक हाउस वाइफ हैं. बहन की ननद नाम पूजा हैं. उम्र करीब 20 की हैं. और दुबली पतली सांवली लड़की हैं. उसकी अभी तक शादी नहीं हुयी थी और टाइम पास के लिए एक प्राइवेट स्कूल में पड़ती हैं.

मैं शनिवार को उनके घर पंहुचा उस वक़्त जीजा घर आये हुए थे. उन्होंने मेरा अच्छी तरह से स्वागत किया. और कुछ ही घंटो में हम आपस में काफी घुल मिल गए थे. मैं संकोच के मारे उन लोगो से काम बातें करता था लेकिन जीजाजी मुझसे काफी हंसी मजाक करते थे.

इसे भी पढ़े – नशीली चूत का रसपान किया क्लासरूम में

शाम को जीजाजी ने दीदी से कहा हम बाजार होकर आते हैं तुम खाना मत बनाना होटल से मंगवा लेना क्योंकि हमारे साले साहेब के दोस्त की खातिरदारी तो करनी पड़ेगी और वैसे भी मैं 15-20 दिनों के लिए सोमवार की फ्लाइट से राजस्थान जाना हैं. दीदी ने कहा ठीक है आप लोग 7 बजे आ जाना तब तक होटल से खाना भी आ जायेगा.

जीजाजी और मैं मार्किट घूम कर करीब 7 बजे घर पहुंचे. घर आकर कपडे चेंज करके हम लोग हॉल में आ गये. हॉल में जीजाजी और दीदी सोफे पर बैठी थी. उनके मकान में 2 बेड रूम 1 हॉल और 1 किचन था. 2 बेड रूम के बीच एक कॉमन टॉयलेट था.

जीजाजी शार्ट और टीशर्ट पहने थे और दीदी नाईटी में थी. थोड़ी देर बाद जीजाजी ने दीदी से कहा “यार कुछ पापड़ का वगैरह तो ला दो एक आध पेग पी लेते हैं.” दीदी उठकर पापड़ और 3 गिलास ले आयी. 3 गिलास देखते ही मैं चौका लेकिन कुछ नहीं कहा.

अचानक जीजाजी ने मुझसे कहा “शानू क्या तुम लेते हो?”

मैं: थोड़ा संकोच करते हुए कहा हाँ कभी कभी मैं ले लेता हु जीजाजी. कितनी लेते हो (यह सुनते ही दीदी हंस पड़ी).

मैं: अगर दूसरे दिन छुट्टी हो तो 3-4 पेग ले लेता हु जीजा जी:

फिर तो ठीक हैं कल रविवार हैं और तुम्हारी छुट्टी भी है. खूब जमेगा रंग जब तीन यार मिल बैठेंगे संग.

यह कहकर जीजाजी ने 2 गिलास में लार्ज पेग और 1 गिलास में स्माल पेग बना दिया. स्माल पेग दीदी को दिया. हम तीनो धीरे धीरे पेग पीने लगे. जीजाजी बीच बीच में हमें कई किस्से और जोक सुना रहे थे. करीब 9 बजे जब दीदी की ननद पूजा आयी हमने अपना पिने का सिलसिला बंद कर खाना खाया.

और करीब 10:30 बजे मेरा बिस्तर हॉल में लगा कर दीदी अपने कमरे में सोने चली गयी और उनकी ननद दूसरे कमरे में सोने चली गयी. रम का नशा और सफर की थकान के कारण मुझे जल्दी ही नींद आ गयी. क़रीब 12:30 बजे मेरी नींद खुली क्योंकि मुझे पैसाब लगी थी.

मैं जब टॉयलेट जाने के लिए दीदी के कमरे के पास से गुजर रहा था. मुझे उनके कमरे से चूड़ियों की खनक सुनाई दी. मैं जब पेशाब करके वापस आया तो उत्सुकतावश उनके कमरे के के होल से अंदर देखा. वाह क्या नज़ारा था. दीदी बिलकुल नंगी थी और जीजाजी उन्हें चोद रहे थे. दीदी धीमी आवाज में कराह रही थी ओओओओह्ह्ह्हह्ह और जोर से चोदो मेरे राजा. मैं बहुत गरम हो गयी हूँ. कस कस कर अपना लंड मेरी चूत में पेलो.

लेकिन 4-5 धक्को के बाद जीजाजी झड़ गए और दीद के बगल में सो गए. दीदी बोली माधरचोद मेरी चूत को प्यासा रख कर खुद निढाल पड़ गया और बड़े मर्द बनते हों. चूतिए साला ठन्डे लंड की औलाद लगता हैं हमेशा की तरह मुझे अपनी उंगली से ही चूत की प्यास बुझानी पड़ेगी. फिर दीदी अपनी चूत में अपनी ही उंगली से चुदाई करके सो गई.

मुझे उनके हालत पर तरस और दया आयी और मैं भी बिस्तर पर आकर सो गया. सुबह करीब 7 बजे मैं उठा और नहा धो कर फ्रेश होकर नास्ता किया. दिन भर मेरे पास कोई काम नहीं था इसलिए मैं बोर हो रहा था. अचानक जीजाजी का फ़ोन आया जीजाजी फ़ोन पर बातें करने के बाद उदास हो गये. और दीदी से बोले मुझे आज ही दोपहर की फ्लाइट से राजस्थान जाना होगा क्योंकि इमर्जेन्सी हैं.

और वे उठकर जाने की तैयारी करने लगे. उनकी फ्लाइट 1:20 की थी इसलिए मैं और दीदी उन्हें 12:00 बजे एयरपोर्ट छोड़ने गए. जब वापस घर लौटे तो दोपहर के 2 बज रहे थे. दीदी ने कहा शानू चलो खाना खा लेते हैं. घर में अब केवल हम तीन जन ही थे. दीदी पूजा(बहन की ननद) और मैं. खाना खाने के बाद हम लोग टीवी पर पिक्चर देखने लगे.

जब शाम हुयी तो मैंने कहा दीदी मैं बाजार होकर आता हूँ. कुछ लाना तो नहीं हैं. दीदी बोली शानू आते समय मेरे लिए जिन(एक तरह बकी शराब) और कबाब ले आना. मैं करीब 7 बजे मार्किट से जिन और कबाब ले आया. जब घर आया तो पूजा की सहेली भी आयी थी उसने दीदी से कहा दीदी पूजा को लेकर मैं हमारे एक कलिग की आज मांगनी है तो क्या मैं पूजा तो ले जा सकती हूँ.

दीदी ने कहा ठीक हैं लेकिन कब तक वापस लौटेंगी आप लोग. पूजा ने कहा दीदी हम लोग सुबह ही वापस लौटेंगी क्योंकि रात भर गाने वगैरह होगा. दीदी पहले तो मना करती रही की तुम्हारे भैया घर पर नहीं हैं इसलिए रात भर वहां रहना उचित नहीं होगा लेकिन पूजा और उसकी सहेली के जिद के आगे दीदी की नहीं चली और आखिर वो बोली “अच्छा बाबा लेकिन सुबह जल्दी आ जाना.”

इतना सुनते ही पूजा और उसकी सहेली चली गयी. अब घर में हम दो लोग थे दीदी और मैं. उनके जाते ही दीदी बोली एक काम करते हैं. हम सिर्फ दो ही लोग है तो होटल से खाना माँगा लेते है. जब तक खाना आता है मैं थोड़ा जिन पी लेती हूँ. फिर उन्होंने पूछा क्या तुम जिन पियोगे. मैने कहा नहीं कल मुझे काम पर ऑडिट के लिए जाना हैं.

इसे भी पढ़े – मम्मी वासना में दुसरे मर्दों से चुदवाने लगी

दीदी बोली. यह तो लेडीज ड्रिंक हैं अगर तुम थोड़ा पी लोगे तो कुछ नहीं होगा और मेरा साथ भी देते रहोगे. मैंने कहा ठीक हैं. लेकिन पहले मैं अपने कंपनी के ब्रांच मैनेजर को फ़ोन करके कल का अपॉइंटमेंट ले लेता हूँ. फिर मैं अपने दिल्ली ब्रांच मैनेजर को फ़ोन लगाया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

उन्होंने कहा की आप मंगलवार से आकर ऑडिट कर सकते हैं क्यों की मंडे तक उनकी एंट्री पूरी हो जायेगी इसलिए मंगलवार को सुबह 10 बजे आकर ऑडिट कर सकते हैं और एक दिन और सफर की थकान बिता सकते हैं. यह सुनकर मैं थोड़ा नर्वस हो गया क्योंकि एक दिन घर रहकर और बोर हो जाऊंगा. दीदी किचन से 2 गिलास और थोड़ा नमकीन लेकर आयी.

फिर लार्ज पग बनाने लगी. जब वो पेग बना रही थी उसका पल्लू निचे गिर गया जिससे उसके उभरे हुवे बूब्स बॉल्स दिखाई देने लगे. पेग बनाकर उसने अपना पल्लू ठीक किया. हम पेग पीने लगे और मुंबई के विषय में बातें करने लगे. हम लोगो ने करीब 4-4 पेग पिए. दीदी को नशा होने लगा फिर भी उसने स्माल पेग और पिया.

स्माल पेग पिते ही उसके कदम लड़खड़ाने लगे. मैंने कहा दीदी अब बस करो खाना खाते हैं. दीदी बोली शानू तुम खुद ही खाना लगा लो. मैंने उन्हे किसी तरह खाना खिलाया और खुद भी खा लिया. खाना खाने के बाद दीदी बोली शानू पहले मुझे टॉयलेट तक ले चलो फिर मुझे बेड रूम में छोड़ देना. मैंने दीदी की कमर पकड़ कर उनके हाथों को मेरे कंधे पर रख कर टॉयलेट ले गाया.

टॉयलेट में जाने के बाद दीदी ने टॉयलेट का दरवाजा बंद किया लेकिन कुण्डी नहीं लगाई. जिससे दरवाजा थोड़ा खुला रहा गया. मुझे दरवाजे से साफ़ दिखाई दे रहा था दीदी ने पहले अपनी साडी ऊपर की फिर उन्होंने चड्डी उतारी और पेशाब करने लगी. उनकी बड़ी बड़ी चूतड़ साफ दिखाई दे रही थी. यह सब देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.

पेशाब करके दीदी बाहर आयी मैं उनको उनके बेडरूम में लगाया. बिस्तर पर लेटते ही दीदी निढाल पड़ गयी. और नशे में बोली शानू तुम भी इसी कमरे में सो जाना मेरे पास और लाइट ऑफ कर डीम लाइट जला देना. मैं हॉल में वापस आकर अपना अंडरवियर निकला और केवल पजामा और बनियान में दीदी के पास आकर सो गया.

दीदी का पल्लू और साड़ी अस्त व्यस्त थी. बिस्तर पर दिवार की तरफ ज्यादा जगह थी शायद मेरे सोने के लिए दीदी ने दिवार की और की जगह छोड़ी थी. मैं दिवार की तरफ आकर सो गया. अबतक मैं दोस्त की बहन को अपनी ही बहन की तरह हही देख रहा था. मेरे मन में कोई गलत भावना नहीं थी. पर बिस्तर पर दीदी का पल्लू और साड़ी अस्त व्यस्त देख कर मेरे मन में हलचल मच गयी थी.

मेरा लंड पाजामे के अंदर एकदम खड़ा था और दिमाग में दीदी का सेक्स जिस्म घूम रहा था. कल रात वाली घटना (दीदी अपने चूत की प्यास अपनी उंगली से बुझाने वाली) मेरे दिमाग में रह रह कर घूम रही थी. किसी तरह यह सब गन्दी बातें दिमाग से हटा कर सो गया. करीब रात 1:30 बजे मेरी नींद खुली और मुझे जोर से पेशाब लगी.

मैं दिवार की तरफ था और उतरने की लिए दीदी के ऊपर से जाना पड़ता था. मैं उठा और दीदी को लांघने के लिए उनके पैरो पर हाथ रखा. हाथ रखते ही मेरे सारे बदन में करंट लग गया. दीदी की साड़ी घुटनो के उप्पर थी और मेरा हाथ उनकी नंगी जांघो पर पड़ा था लेकिन दीदी की तरफ से कोई हरकत नहीं हुयी. मैं जल्दी से उठ कर पेशाब करने चला गया.

पेशाब करने के बाद मेरा मन फिर दीदी की तरफ गया और लंड फूलकर फिर खड़ा होगया. मैंने सोचा दीदी तो सो रही है अगर मैं भी थोड़ा हाथ फेर लूँ तो उनको मालूम नहीं पड़ेगा. और अगर वो जग गयी तो सोचेगी मैं नींद में हूँ और कुछ नहीं कहेगी. दोबारा पलंग पर आने के पहले मैंने नाईट लैंप ऑफ कर दी जिस से कमरे में बिलकुल अँधेरा होगया और आकर दीदी की बगल में लेट गया.

लेटने के बाद दीदी के पास सरक कर अपना हाथ उनके पेट पर रख दिया और थोड़ा इंतजार के बाद जब देखा दीदी अब भी सो रहे थी. मैंने अपना हाथ थोड़ा ऊपर सरका कर ब्लाउज के ऊपर तक लगाया. उनकी एक चचूची की आधी गोलाई मेरे उंगलिओं के निचे आ गयी. अब धीरे धीरे मैंने उनकी चूची दबाना शुरु किया. कुछ ही देर में उनकी वो पूरी चूची मेरे हाथों में थी.

ब्रा के ऊपर से उनकी ब्रा महसूस हो रही थी पर निप्पल कुछ मालूम नहीं पड़ रहा था. दीदी अब भी बेखबर सो रही थी और मेरा लंड एकदम फडफडा रहा था. सिर्फ ब्लाउज के ऊपर से उनकी चूची दबा कर मजा नहीं आ रहा था. मुंबई के बस और लोकल ट्रैन में न जाने कितने लड़कियों की चूची दबाई थी मैंने.

इसे भी पढ़े – अपनी सहेली को भी चुदवाया अपने आशिक से

मैंने सोचा अब असली माल को टटोला जाये और अपना हाथ उठा कर दीदी की जांघो पर रख दिया. मेरा हाथ उनकी साडी पर पड़ा पर मुझे मालूम था अगर मैं अपना हाथ थोड़ा निचे सरका लू तो मुझे उनकी जांघे खुली मिलेगी. मैंने अपना हाथ निचे सरकाया तो मुझे उनकी नरम नरम जांघो का स्पर्श हुवा. तभी मेरा स्पर्श पाकर दीदी ने थोड़ी हलचल की फिर शांत हो गयी.

मैं भी थोड़ी देर रुक कर अपना हाथ ऊपर सरकाने लगा जिससे उनकी साडी भी ऊपर सरक रही थी. दीदी फिर से कुछ हिली पर शांत हो गई. अब मेरा मन मेरे बस में नहीं था मैंने अपना हाथ दीदी के जांघो के बिच लेने की सोची पर मैंने पाया की दीदी की जांघे आपस में सटी हुयी थी और मेरी उंगलिया उनकी चूत तक नहीं पहुँच सकती थी.

फिर भी मैंने अपना हाथ ऊपर सरकाया और साथ में मेरी उंगलिया दोनों जांघो के बीच घुसाने की कोशिश की. दीदी फिर से हिली और नींद में ही अपना एक पैर घुटनो से मोड़ लिया जिस से उनकी जांघे फ़ैल गयी. मैंने भी इस सिचुएशन का फायदा उठाया और अपना हाथ उनकी जांघो के बिच लगाया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

अब मेरा अंगूठा दीदी के बुर के ऊपरी उभार पर था और मेरी पहली उंगली दीदी की जांघो के बिच उनकी पेंटी के ऊपर से असली हिस्से पर थी. दीदी की बुर की गर्माहट मेरी उंगली पर महसूस हो रही थी. और कुछ कुछ गीलापन महसूस हो रहा था. कमरे में बिलकुल अँधेरा था मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था.

मैंने सोचा अब क्या करू उनकी बुर को पेंटी ने अपने अंदर छुपा रखा था. मैं अगर पेंटी के अंदर हाथ डालूं तो दीदी जरूर जग जाएगी. फिर भी अभी तक दीदी की और से कोई हलचल ना देख कर मेरी हिम्मत बढ़ी. और सोचा अगर उनकी चड्डी के साइड से उंगली डालूं तो शायद कामयाब हो जाऊंगा. मैंने धीरे से एक उंगली मोड़ी और उनकी चड्डी के साइड से खिंच कर अपनी उंगली अंदर डाल दी.

मेरी उंगली उनकी चूत के किनारे पर पहुँच गयी. मैंने पाया उनकी चूत एकदम गीली हो चूकी थी जिस से मेरी उंगली का अगला हिस्सा उनकी बुर के मुहाने से आसानी से घुस गया. अब मैं धीरे धीरे दीदी की चूत में उंगली को अंदर बाहर करने लगा. 3-4 बार अंदर बाहर करने से दीदी अचानक जाग गयी. मैं तो घबरा गया और सोचा अब तो मैं गया काम से.

लेकिन दीदी ने अपने हाथ से अपनी चूत को टटोला और उनकी चूत पर मेरा हाथ पाकर थोड़ी देर उनका हाथ वहीँ रुक गया. शायद दीदी भी घबरा गयी थी. मैंने अपना हाथ उसी पोजीशन में रख कर सोने का नाटक कर रहा था और सोचा अब दीदी मेरा हाथ अपने चूत से निकाल कर मुझे परे धकेल देगी. लेकिन दीदी ने वो किया जो मैं सोच भी नहीं सकता था.

उन्होंने मेरा हाथ न हटाते हुवे अपनी चूत की झांटो को खुजलाने लगी और खुजाते खुजाते उन्होंने अपनी चड्डी (पेंटी) निचे सरका दी जिस से उनकी चूत आधी नंगी हो गई और वो नींद में खर्राटे भरने लगी. मेरी उंगली अब भी उनकी चूत के अंदर थी और जब दीदी ने अपनी चड्डी थोड़ा निचे सरकाकर खर्राटे भरने लगी तो मैं समझ गया की शायद दीदी भी चुपचाप लेटी लेटी मज़ा लेना चाहती होगी.

मैं हिम्मत करके अपनी उंगली निकाल कर मेरा हाथ उनकी चड्डी के अंदर डाल कर सीधे अपनी बिच की उंगली उनकी चूत में डाल दी. चूत गीली होने से आधी से ज्यादा बिच की उंगली उनकी चूत में घुस गयी. जिस कारण दीदी ने अपने पैर और फैला दिया और अपना एक हाथ मेरे हाथ पर रख कर खर्राटे भर रही थी (शायद सोने का नाटक कर रही होगी).

मैंने भी अपनी दूसरी उंगली उनकी चूत में डाल दी और 2 उंगलिया उनकी चूत में डाल कर धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था. मैंने पाया की अब दीदी की सांसे जोर जोर से चल रही थी. अबतक तो मेरा हाथ उनकी गरम चूत तो टटोल रहा था पर अब मैं बिलकुल दीदी के करीब उनसे सट गया और मेरा मुख उनके मुंह के करीब ले आया और अपने आप को इस तरह से एडजस्ट किया की मेरे होठ बिलकुल उनके होठ से सट गया.

इसे भी पढ़े – पहली दफ़ा गांड मरवा रही हूँ आराम से पेलो

उधर मेरी दोनों उंगलिया दीदी के चूत में अपना खुल्लम खुल्ला अंदर बाहर अंदर बाहर का कमाल दिखा रही थी. इधर अब भी दीदी सोने का नाटक कर रही थी. मैंने सोचा अब बहुत नाटक हो गया अब असली जवानी का खेल खेलना चाहिए. मैंने अपनी तीसरी उंगली भी दीदी के बुर में डाल दी. जैसे ही मेरी तीसरी उंगली अंदर घुसी दीदी के मुँह से आआआहहहआ की आवाज निकल गयी.

आहे निकलते ही दीदी का मुँह थोड़ा खुल गया मैंने तुरंत ही अपनी जीभ उनके मुँह में डाल कर दीदी को चूमने लगा और दीदी की चूत से अपना हाथ हटा कर कस कर उन्हें अपनी बाँहों में लिपट लिया. दीदी बोली उम्म्म शानू यह क्या कर रहे हो.. हट जाओ मेरे ऊपर से. कह कर दीदी मुझे परे धकेलना चाहा.

पर मैंने भी दीदी को कस कर पकड़ा हुवा था और बोला मुझे मालूम हैं दीदी आप पिछले आधे घंटे से सोने का नाटक कर रही हो और मेरे द्वारा उंगली चूत में अंदर बाहर करने का मजा ले रही हो. तब दीदी ने मचलना बंद किया और कहा शैतान कहीं का तुझे डर नहीं लगा मेरे साथ यह सब करते हुवे. मैंने कहा डर तो बहुत लगा पर अब डर किस बात का.

यह कहते हुवे मैंने अपना हाथ दीदी की पीठ से सरका कर उनकी गांड के निचे सरका लिया और पीछे से उनकी चड्डी की इलास्टिक को पकड़ कर निचे सरकानी शुरु कर दी. तभी दीदी बोली शानू तू क्या मेरे साथ करेगा अब मैं ही तेरे साथ करुँगी क्योंकी तूने मुझे काफी गरम कर दिया है. यह कहते हुवे दीदी ने अपने पैरों से अपनी चड्डी निकाल फेंकी.

और इधर मैंने भी अपना पैजामा निकाल दिया फिर दीदी तो पीठ के बल लिटाकर उनका ब्लाउज ब्रा और साडी निकाल दी. हम दोनों बिलकुल नंगे थे. मैं दीदी के ऊपर लेट कर बड़े आराम से चूची दबाते दबाते थोड़ी देर बाद चुची को चूसने लगा और वो मेरा सर अपने हाथो से सहला रही थी. कुछ देर बाद दीदी ने अपना हाथ मेरे लंड पर ले जा कर बोली शानू अब बहुत हो गया चलो असली खेल खेला जाये.

यह कहते हुवे दीदी ने मेरा लंड पकड़ कर उनकी चूत के मुँह पर रखा. चूत गीली होने से मेरे लंड का सूपाड़ा अंदर चला गया और मैं उन्हें धीरे धीरे पेलने लगा. उनकी चूत मेरे चूत को कसी कसी लग रही थी. चूत अंदर घुसाने में मुझे थोड़ी मेहनत करनी पड़ रही थी. जब मैं एक जोरदार धक्का मारकर चूत आधे से ज्यादा उनकी चूत में डाला.

दीदी ऊऊफफफफफ कहती हुए अपना हाथ मेरी गांड की तरफ ले गयी और एक उंगली मेरी गांड में घुसेड़ दी जिस कारण मेरा लंड उनकी चूत में थोड़ा और घुस गया और मैं भी उनकी गांड को ऊँचा करके अपनी एक उंगली दीदी के गांड में घुसेड़ी जिस कारण मेरा लंड पूरा अंदर घुस गया. अब मैं चूतड़ उठा उठा कर दीदी को कस कस कर पेल रहा था.

पुरे कमरे में हमारी चुदाई की आवाज गूंज रही थी. करीब 10-15 मिनट्स बाद दीदी का बदन एठने लगा और कस कर मुझे अपनी बाहों में जकड लिया और कहने लगी “और जोर जोर से चोदो मुझे बड़ा मजा आ रहा हैं.. जब भी तुम्हारे जीजू मुझे चोदते हैं मुझे बीच मझधार में छोड़ देते हैं खुद अपनी प्यास बुझाते हैं मुझे प्यासी रखते हैं हअआइईईईई आअज माआईईईन्न्नन बहुत संतुष्ट हूँ जोर जोर से चोदो मेरा राजा आआह्ह्हआ.

ऐसा कहते कहते दीदी झड़ गयी लेकिन मेरा लंड अभी भी खड़ा था और उनकी चूत में जम जम कर अंदर बाहर हो रहा था. कुछ देर बाद दीदी फिर से गरम हो गयी मैं अभी भी उन्हें जम कर पेल रहा था. दीदी निचे से अपना चूतड़ उठा उठा कर कह रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

इसे भी पढ़े – कर्मचारी की नौकरी उसकी वाइफ ने बचाई

हाय अब्बब्बब ककककयाआ हुवा आरईईए बहहहहाआन्दुऊवववीए ुउउइइइइइइ ससालइली चोददददद ना जल्दी जल्दी मेरी चूत जल रही है चोद मादरचोद अपने दोस्त की बहन को चोद उसकी चूत की प्यास अपने चूत से मिटा. ऊऊऊऊईईईई मायआ मैं पाएगगाजल होओओओओ जाहूंगीयी ाअरररीई हहाआरराममजाआदे. कहते हुवे फिर एक बार दीदी झड़ गयी.

उसके आवाज को सुन कर मैं और भी अपने लंड की स्पीड को बढ़ा दिया था और करीब 10-12 धक्को के बाद मैं भी उसकी चूत में झड़ गया. मैं उसके ऊपर करीब 10-15 मिनट्स तक ऐसे ही पड़ा रहा. हम दोनों पूरी तरह से पसीने से भीग गए थे. कुछ देर बाद दीदी उठी और पेशाब करके आयी.

वो बोली शानू वाकई तुम्हारा लंड जानदार और शानदार हैं. इस तरह से मैंने आज तक मैंने अपनी चूत नहीं चुदाई जी करता हैं रात भर मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में डाली रहूँ. मैंने कहा दीदी मेरा भी मन अभी भरा नहीं है अगर तुम कहो तो एक राउंड और हो जाये. यह सुनते ही वो हसने लगी. और मेरा मुरझाये हुवे लंड को हाथ में लेकर लंड की चमड़ी को ऊपर निचे करने लगी.

जब वो लंड की चमड़ी तो निचे करती मेरा लंड का घूँघट सरक कर लंड के सुपाडे का दर्शन करती. मेरे लंड के सुपाडे का साइज और मोटा पन देख कर बहुत खुश होती. ऐसा करते करते करते मेरा लंड फुल कर खड़ा और लम्बा हो गया. अब उसने मेरे लंड की चमड़ी को निचे किया और फुल्ले हुवे मोटे सुपाडे को देख कर वो थोड़ा झुकी और सुपाडे को मुँह में लेकर धीरे धीरे चुसने लगी.

इधर वो मेरे लंड को चूस रही थी उधर मैं अपने हाथो से उसकी चूत की फांको (दोनों किनारों) को ऊपर से निचे रगड़ रहा था जिस कारण उसकी चूत फिर से पनिया गयी थी. बिच बिच में मैं उसकी चूत के दानो को अंगूठे और उंगली से मसल देता था तब उसके मुँह से आह्ह्ह्हह ऊऊऊह्ह्ह्ह की आवाज निकलती थी. थोड़ी देर बाद अब हम दोनों 69 पोजीशन में होकर एक दूसरी की चूत और लंड को चाटना और चूसना शुरू किया.

दीदी की चूत में अपनी जीभ डालकर मैं चोद रहा था उन्हें बड़ा मजा आ रहा था. अब उससे रहा नहीं गया और बोली शानू अब जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड पेल दो. मैं कहा दीदी आप घोड़ी बन जाओ मैं आप को पीछे से चोदना चाहता हूँ. दीदी पलंग पर घोड़ी बन गयी मैं पीछे से उनकी चूत के अंदर अपना लंड डालने लगा. चूत गीली होने के कारण उनकी चूत में लंड आसानी से चला गया.

अब दीदी की चूतड़ पकड़ कर मैं उसे पीछे से चोद रहा था. दीदी बोली आअह्ह्ह राआजा चोदो मुझे जोर जोर से चोदो फाड़ डालो मेरी चूत को. अपने मोटे और रेस के लम्बे दौड़ के लौड़े से मेरी चूत की धज्जियां उड़ा दो ऊऊफफफफ्फ्फ्फ़ चोदो मेरी जान खूब चोदो चोद चोद के मेरी चूत को भोसड़ा बना दे.. आआआअह्ह्ह्हह्ह्ह्हह उफ्फ्फफ्फ्फ़. मैं लगातार सुपर फ़ास्ट ट्रेन की तरह दीदी को कस कस कर धक्के लगा रहा था.

इसी दरमियान दीदी फिर 2 बार झड़ी लेकिन अभी तक मेरा लंड ने पानी का फुवांरा नहीं फेका था. अचानक मेरा लंड उनकी चूत से फिसल कर बाहर निकल गया. इधर मेरा लंड बाहर निकला उधर मुझे दीदी की गांड मारने का ख्याल आया. मैंने अपने लंड और दीदी की गांड पर ढेर सारा थूक लगा कर उनकी भूरी भूरी गांड के छेद पर अपना लंड लगा कर कस कर एक जोरदार धक्का मारा तो मेरा लंड का सूपाड़ा उनकी गांड में घुस गया.

मेरा सूपाड़ा जाते ही दीदी दर्द से बिलबिला पड़ी और कहा नहीईईईईईईईई निकाल लो मैं नहीं बर्दास्त कर पाऊंगी है मैं मरी ऊफ्फ निकालो शानू. लेकिन मैं रुका नहीं और फिर एक जोरदार धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड उनकी गांड में घुस गया. दीदी फिर से बिलबिला पड़ी और आँखों में आंसू आ गये.

और रोते हुवे बोली ऊऊऊऊऊऊईईईईईईईई आआआआआआह्ह्ह्ह ओओओओओओह्ह्ह्हह्हह्ह्ह मररररररररर गईईईईईईईई की आवाज़ों से रूम गूंजने लगा. इस बीच कई धक्के पर धक्के कस कस के मारे और दीदी चिल्ला रही थी नहीं नहीं अब नहीं अब सहन नहीं होता है की आवाज़ों से गूँज रहा था.

इसे भी पढ़े – चाची की चूत को मिला भतीजे का लंड

उधर दीदी दर्द के मारे मरी जा रही थी इधर मैं अपना लंड तेजी से अंदर बाहर कर रहा था. कुछ देर बाद शायद उनको कुछ दर्द कम हुवा और सिर्फ ऊऊफफफफ आआह्ह्ह्हह्हआ मज्जा आ रहा है कह रही थी. करीब 10-15 धक्को के बाद मेरा लंड उनकी गांड में पानी का फुवांरा फेक दिया और जब लंड बाहर निकला तो उनकी गांड मेरे मलाई जैसे पानी से भरी थी. अब दीदी बोली शानू अब बस करो चाहिए तो सुबह कर लेना मैं थक गयी हूँ. और फिर हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में बाँहों डाल कर सो गए.

सुबह जब 7 बजे उठा तो दीदी सोयी थी मेरी नजर उनकी चूत और गांड पर पड़ी तो देखा दोनों सूज कर फैली पड़ी थी. मैं एक बार फिर उनकी चूत को चाटा और चोदा. उनको बड़ा मजा आया. करीब 9 बजे हम दोनों नहा धोकर फ्रेश हो गये इतने में उनकी ननद घर आयी और वो भी फ्रेश होकर नास्ता करने हमारे साथ बैठ गयी. नास्ता करके दीदी अपने काम में लग गयी और पूजा ने कहा भाभी मैं रात भर जगी हूँ तो मैं सोना चाहती हूँ और वो अपने कमरे में सोने चली गयी और मैं बाजार में घूमने चला गया.

ये Sex Hot XXX Kahani आपको पसंद आई तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे…………….

अपने दोस्तों के साथ शेयर करे-

Related posts:

  1. आंटी के जिस्म पर प्यार की निशानी छोड़ी
  2. पत्नी की उत्तेजित गर्म योनी का कामुक गंध
  3. मजबूर बाप की खूबसूरत बेटी की चुद गई
  4. ननद भाभी अँधेरे में चुदवाने आती मुझसे
  5. गाँव की औरतों की चूत का भूत भगाया
  6. ऑफिस नहीं रंडीखाने में काम करता हूँ

Filed Under: Hindi Sex Story Tagged With: Anal Fuck Story, Bathroom Sex Kahani, Blowjob, Boobs Suck, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Horny Girl, Kamukata, Mastaram Ki Kahani, Sexy Figure

Reader Interactions

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Primary Sidebar

हिंदी सेक्स स्टोरी

कहानियाँ सर्च करे……

नवीनतम प्रकाशित सेक्सी कहानियाँ

  • Bahan Ko Pussy Fingering Karte Dekha
  • पहाड़ की खूबसूरत औरत साथ सेक्स
  • Ganv Ke Hospital Me Doctro Ne Choda
  • चलते ट्रक में रात भर खल्लासी ने चोदा
  • Jija Ko Bahka Kar Chudwaya Sali Ne

Desi Chudai Kahani

कथा संग्रह

  • Antarvasna
  • Baap Beti Ki Chudai
  • Bhai Bahan Sex Stoy
  • Desi Adult Sex Story
  • Desi Maid Servant Sex
  • Devar Bhabhi Sex Story
  • First Time Sex Story
  • Girlfriend Boyfriend Sex Story
  • Group Mein Chudai Kahani
  • Hindi Sex Story
  • Jija Sali Sex Story
  • Kunwari Ladki Ki Chudai
  • Lesbian Girl Sex Kahani
  • Meri Chut Chudai Story
  • Padosan Ki Chudai
  • Rishto Mein Chudai
  • Teacher Student Sex
  • माँ बेटे का सेक्स

टैग्स

Anal Fuck Story Bathroom Sex Kahani Blowjob Boobs Suck College Girl Chudai Desi Kahani Family Sex Hardcore Sex Hindi Porn Story Horny Girl Kamukata Kunwari Chut Chudai Mastaram Ki Kahani Neighbor Sex Non Veg Story Pahli Chudai Phone Sex Chat Romantic Love Story Sexy Figure Train Mein Chudai

हमारे सहयोगी

क्रेजी सेक्स स्टोरी

Footer

Disclaimer and Terms of Use

HamariVasna - Free Hindi Sex Story Daily Updated