Sex During Periods Hindi Me
मेरा नाम शुभम है। मैं अपनी पहली सच्ची दास्ताँ लिख रहा हूँ। मेरी उम्र 25 साल है। मेरी हाइट 5.11” और वजन 62 किग्रा है, रंग गेहुँआ है। मैं कन्नौज का रहने वाला हूँ। मैं एमए फाइनल कर रहा हूँ। ये बात कोई 11 महीने पहले की है। मेरी फ्रेंड शुभांगी और मेरी हम बहुत अच्छे दोस्त हैं। Sex During Periods Hindi Me
इतने अच्छे कि किसी भी टॉपिक पर कभी बात कर सकते हैं। और एक दूसरे से कुछ भी नहीं छिपाते हैं। वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी है, मैं उसको ट्रिपल एस बुलाता हूँ। उसको भी ये बहुत अच्छा लगता है। ट्रिपल एस मतलब सुपर सेक्सी सुंदरी। उसको सभी लड़के बड़ी ही भूखी नजरों से देखते हैं। मुझे बहुत बुरा लगता था। मगर अब जाना क्यों देखते थे। उसकी फिगर कोई 34-28-34 की होगी।
चलो अपनी बीती सुनाता हूँ। कई दिनों से देख रहा था कि शुभांगी का मूड कुछ पहले जैसा नहीं है। शायद वो मुझसे कुछ छिपा रही थी। या उसकी तबीयत ठीक नहीं थी। वो कुछ चिड़चिड़ी सी थी और सुस्त भी थी। मैं सोचा चलो इससे पूछता हूँ। और मैंने उसके घर जाकर पूछा तो वो बोली कुछ भी तो नहीं है।
मगर मेरे जिद करने पे बोली मेरे पीरियड चल रहा था जो कल खत्म हो गए, इस कारण कुछ अच्छा नहीं लग रहा था। मगर अभी भी मेरे पैर बहुत दर्द कर रहे हैं। तो मैंने कहा मैं कुछ हेल्प करूँ। वो बोली नहीं डियर ठीक हो जाएगा। मगर मैं फिर भी उसके पैरों को अपनी गोद में रख के मसाज करने लगा।
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उसको थोड़ा रिलैक्स हुआ। और वो सो गई। फिर मैं वापस चला आया। अगले दिन जब वो मुझसे मिली तो बोली शुभम तुम्हारे हाथों में जादू है, मेरे पैरों का सारा दर्द गायब हो गया और मुझे बहुत ही अच्छी नींद आई। थैंक कल के लिए। मैं मुस्करा दिया और वापस चल दिया कि एक बाइक ने मेरे को टक्कर मार दी और मेरे पैर में चोट लग गई और मुझे चलने प्रॉब्लम होने लगी।
उसने कहा चलो मैं तुम को घर ड्रॉप कर दूँ। घर पहुँचने पर घर पर कोई नहीं था। उसने मेरी काफी हेल्प की और मेरे पैर की मसाज भी की। जैसे ही उसने मेरे पैरों को अपने हाथ से टच किया पता नहीं मुझ पर क्या नशा छा गया, लगा जैसे स्वर्ग में पहुँच गया और मेरा सारा दर्द खत्म हो गया। मैंने कहा पता नहीं क्या जादू है तुम्हारे हाथों में, सारा दर्द गायब हो गया। वो बोली ऐसा ही मेरे साथ हुआ था कल। उसके बाद हम लोग बातें करने लगे कि ऐसा क्यों हुआ।
शुभांगी: शुभम कल जब तुम मसाज कर रहे थे तो मुझे कुछ अजीब सा आनंद आ रहा था। पता नहीं मगर दिल कर रहा था कि तुम ऐसे ही करते रहो।
शुभम: अच्छा तो जब भी तुमको मन करे तो मुझे बोल देना, मैं कर दूँगा।
और दोनों हँसने लगे। शुभांगी फिर घर चली गई मगर उस रात मुझे नींद नहीं आई और मेरा लंड शुभांगी के बारे में सोच-सोच कर बार-बार खड़ा हो जाता और उसमें दर्द होने लगता। वो 8.5” का है और काफी तगड़ा भी। मुझे उसकी टोपी बहुत ही अच्छी लगती है, बड़ी ही चिकनी है।
अगले दिन जब हम लोग मिले तो शुभांगी की आँखें सूजी थी और मेरी भी। मैंने उसको पूछा क्या हुआ, आँखें कैसे सूज गई तुम्हारी तो वो बोली जैसे तुम्हारी। क्या तुमको क्या पता कि मेरे साथ क्या हुआ है, मुझे पता है क्या मैं तुमको नहीं जानती हूँ। सच तो क्या करें हम लोग, तुम बताओ क्या हुआ। नहीं तुम चलो दोनों बताते हैं। ओके।
शुभांगी: रात भर मुझे अजीब से सपने आते रहे और…
शुभम: और बताओ क्या हुआ और…
शुभांगी: मैं कह नहीं पा रही हूँ।
शुभम: प्लीज बताओ।
शुभांगी: नहीं तुम बताओ।
शुभम: मेरा भी यही हाल था। पता है तुम्हारे हाथों से मसाज कराने को दिल कर रहा है।
शुभांगी: मेरा भी यही दिल कर रहा है, चलें घर अभी मॉम भी बाहर होगी और डैड और भैया ऑफिस में होंगे।
शुभम: ठीक है चलते हैं।
हम लोग घर पहुँच गए और मैंने शुभांगी के पैरों की मसाज शुरू की। उसने उस टाइम स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था। हम लोग उसके ही रूम में चले गए।
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शुभम: शुभांगी पता है जब तुमने मेरे पैर की मसाज की तो मेरे क्या हुआ।
शुभांगी: नहीं बताओ।
शुभम: ऐसा लगा कि करंट लगा हो और मेरा वो कुछ हरकत करने लगा।
शुभांगी: क्या वो हरकत करने लगा, ठीक से बताओ ना।
शुभम: अरे यार मेरा पेनिस टाइट हो गया था और बाद में उसमें बहुत दर्द भी हुआ।
कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ। रात भर नींद नहीं आई मुझे।
शुभांगी: मेरे साथ भी उस दिन ऐसा ही हुआ था जब तुमने मेरे पैरों की मसाज की थी।
मेरी गीली हो गई थी, बहुत ही अच्छा लगा था मेरे को, दिल कर रहा था ऐसे ही हमेशा तुम मेरे साथ किया करो और पता नहीं कब नींद आ गई और तुम भी मुझे उठाए बिना चले गए।
शुभम: मैंने तुमको डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा और चला गया।
और मैं मसाज करते-करते अपना हाथ उसकी जाँघ तक ले गया। उसने कुछ भी नहीं कहा। मैं अपना हाथ थोड़ा और ऊपर ले गया, और भी उसने कुछ नहीं कहा। मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसको भी मजा आ रहा था। मैं बार-बार शुभांगी की रानों के ऊपर मसाज कर रहा था। और फिर थोड़ा सा और ऊपर चला गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मेरा मन शुभांगी की चूत को छूने को कर रहा था और वो भी मदहोश हो रही थी। तभी शुभांगी ने अपने पैर मोड़ लिए। पैर मोड़ते ही उसका स्कर्ट नीचे पेट पर हो गया और उसकी पैंटी दिखने लगी। मैं अब दोनों हाथों से उसकी दोनों रानों को मसल रहा था और मसलते हुए अपनी उंगली उसकी पैंटी में डालने लगा।
उसने कुछ भी नहीं बोला। तो मैंने कहा डियर अगर तुम पैंटी निकाल दो तो मैं सही से पूरी मसाज कर दूँ और इधर मेरा लंड तन कर 90 डिग्री का हो गया था। अब शुभांगी ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी थी। मुझे मानो जैसे आसमान में उड़ रहा था।
शुभांगी मेरा लंड बड़े ही मजे से सहला रही थी। मेरा लंड सहलाते-सहलाते शुभांगी मेरे खुट्टों को भी सहला रही थी। मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था और मैंने शुभांगी के बूब्स को दबाने लगा और छूने लगा। मेरे ऐसा करते ही शुभांगी के मुँह से आह आह की आवाजें निकलने लगी।
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मैंने शुभांगी से कहा मैं तुम्हारी चूत की खुजली मिटाता हूँ और उसकी ब्रा और पैंटी निकाल कर नंगा कर दिया। उसने भी मेरे पैंट और अंडरवियर को निकाल कर नंगा कर दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी। मैं भी उसके बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था और दबा रहा था और एक हाथ उसके चूत पर सहला रहा था।
फिर मैंने अपनी एक फिंगर उसकी चूत के अंदर डाली और अंदर-बाहर करने लगा। वो आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्सीीीीीी बहुत मजा आ रहा है शुभम लगे रहो आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह और तेज और तेज कह रही थी। फिर अचानक वो उठी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। वो पागलों की तरह चूस रही थी।
करीब 10 मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद बोली शुभम जल्दी मेरी चूत चोद कर उसकी खुजली मिटा। तो मैंने कहा इतनी उतावली क्यों होती हो, पूरा मजा लेना यार। वो बोली मजा लेने के लिए ही तो कह रही हूँ, जल्दी मुझे चोदो। मैंने उसे कहा एक और चीज में भी मजा आता है। वो बोली क्या।
मैंने उसे सीधा लिटा दिया और उसके दोनों पैरों को फैला कर उसकी चूत पे अपना मुँह रखा और उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा। वो आँख बंद करके लेटी हुई थी और तेज साँसें ले रही थी। मैं उसकी चूत को चाट रहा था और अंदर जीभ डाल रहा था।
वो बोली और अंदर लाओ आआह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्सूउउउ बहुत मजा आ रहा है ओओओउउउउउ आज पहली कोई तुम मेरी बुर चाट रहा है आह्ह्ह्ह चाटो ओओओउउउउ चाटोओओ पिलो मुझे सारी की सारी आआआआह्ह्ह्ह्ह लाओ मुझे भी तुम्हारा लोड़ा चूसना है। मैंने कहा क्यों नहीं।
फिर हम 69 पोजीशन में हुए और वो मेरे लंड को और मैं उसके चूत को मजे से चूस रहे थे। वो मेरे लंड को हिला-हिला के चूस रही थी और वो जड़ गई पर मेरा लंड चूसना जारी रखा और मैं भी उसकी चूत चाटता हुआ उसमें उंगली डाल रहा था। मैंने उससे कहा डार्लिंग जरा धीरे करो वरना मैं झड़ जाऊँगा।
वो बोली कोई बात नहीं मेरे मुँह में है जड़ जाओ, मैं तुम्हारा कम पीना चाहती हूँ और मैं उसके मुँह में ही जड़ गया और वो मेरा सारा कम मजे से पी गई और कहा बहुत मजा आया शुभम मैंने सेक्स का मजा पहली बार पाया है। मैंने शुभांगी के ब्रेस्ट्स को दबाते हुए कहा कि आपके ब्रेस्ट्स बड़े ही शानदार और रसीले हैं।
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आपकी निप्पल्स तो बड़ी ही सख्त, खुशजाइका और मीठी हैं। शुभांगी ने मुझे सेक्सी स्टाइल से देखा और अपनी आँखें बंद कर लीं। शुभांगी उस वक्त फुल हॉट और सेक्सी हो रही थीं। मैं अपनी जीभ शुभांगी के ब्रेस्ट पर से हटा कर उनके नर्म-ओ-गुदाज पेट पर फेरने लगा और स्लोली शुभांगी की थाइज मेरी दस्तरस में थीं।
मैंने उसकी टाँगें फैला कर उसकी चूत में उंगली डाल दी। उसकी चूत गीली हो रही थी। उसने मुझे अपनी चूत चाटने के लिए कहा प्लीज मेरी चूत चाटो ना। मैंने कहा क्यों नहीं मेरी प्यारी शुभांगी मैं आज आप की ऐसी चूत चाटूँगा कि आप सारी जिंदगी याद रखेंगी।
फिर मैंने उनकी गुलाबी चूत के लब खोल कर उनपर अपनी जीभ फेरने लगा। मेरी खुरदरी जीभ जब उसके क्लिट से टकराती तो उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। मैं उसकी चूत में अपनी जीभ अंदर-बाहर करने लगा। शुभांगी की चूत से लेसदार नमकीन शहद टपकने लगा।
मैंने सारा नमकीन शहद पी लिया। और अपनी जीभ से शुभांगी को चोदता रहा। शुभांगी अपना सर तकिए पर इधर-उधर पटक रही थीं और प्लीज्ज्ज उउफ्फ्फ आह्ह्ह्ह्ह्ह ओओह्ह्ह्ह्ह और करो तेजी से प्लीज्ज्ज आआह्ह्ह्ह्ह उउफ्फ्फ्फ्फ शुभम ये तुमने कैसा जादूगर दिया है। मेरी चूत में आग सी लग गई है।
ओओओह्ह्ह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह्ह हाययययय मर गय्य्यईईईई। ह मेरी जाआआन। आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह जानी प्लीज जल्दी, तेज तेज। शुभांगी बिलकुल फारिग हो गईं। और उसकी चूत ने बहुत सा नमकीन रस छोड़ दिया, जो मैंने सारा पी लिया। जब शुभांगी की हालत कुछ बहाल हुई तो वो उठी और मुझे गले लगाया और किस करके कहने लगी कि तुमने तो अपना काम खूब अंजाम दिया अब देखो मैं क्या करती हूँ।
फिर शुभांगी ने मेरे लंड की टोपी पर जीभ फेरनी शुरू की। फिर धीरे-धीरे पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया। और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। शुभांगी बहुत अच्छा लंड चूस रही थीं। मैं तो उस वक्त लज्जत और एंजॉयमेंट की इंतहा पर था। शुभांगी ने पहले आहिस्ता और फिर तेजी से लंड चूसना शुरू कर दिया।
आखिर जब मैं फारिग होने पर आया तो मैंने अपना लंड उसके मुँह से निकालना चाहा तो उसने इशारे से कहा कि मेरे मुँह में ही निकालो। मैंने अपनी पूरी मनी उसके हलक में उँडेल दी। वो भी एक कतरा जाया किये बगैर सारी मनी पी गए। और फिर से लंड चूसना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर में ही मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया। फिर शुभांगी ने कहा कि चलो असल मजा तो अब होगा। फिर वो बेड पर लेट गईं और अपनी टाँगें उठा दीं जिससे उसकी चूत ऊपर की तरफ उठ आई। मैं उसके ऊपर लेट गया, और शुभांगी ने मेरा लंड अपनी चूत पर रखा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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मैंने एक स्लो पुश किया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। चूँकि उसकी चूत पहले ही गीली हो रही थी फिर भी आधा लंड बड़ी मुश्किल से उसकी चूत में चला गया। पहले तो मैं शुभांगी को आहिस्ता-आहिस्ता चोदता रहा फिर मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और शुभांगी सख्ती से चोदने लगा।
शुभांगी चुदाई का पूरा मजा ले रही थी और आआह्ह्ह ओओह्ह्ह्ह्ह उउफ्फ्फ ह्ह्ह्य्यीईई और तेज जल्दी तेज उफ्फ्फ ओओओह्ह्ह्ह्ह की आवाज निकल रही थी। उसके ब्रेस्ट्स हर झटके के साथ हिल रहे थे जो एक दिलकश नजारा था। थोड़ी देर ऐसी पोजीशन में चोदने के बाद मैंने शुभांगी को घोड़ी (डॉगी स्टाइल) बनाया तो उसकी खूबसूरत और चोरी गांड ऊपर को उठ आई और उनके ब्रेस्ट्स आम की तरह लटकने लगे।
मैंने शुभांगी की गांड पर हाथ फेरते हुए लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनके ब्रेस्ट्स पकड़ कर जोर-जोर से झटके लगाने लगा। मैं शुभांगी को जी जान से चोद रहा था और शुभांगी भी चुदाई में भरपूर साथ दे रही थीं। काफी देर चुदने के बाद शुभांगी ठंडी पड़ गईं, मैं भी अपने क्लाइमैक्स पर था।
मैंने शुभांगी को कहा कि मैं फारिग होने वाला हूँ तो उसने कहा कि कोई बात नहीं तुम मेरे अंदर ही निकालो। मेरे लंड से मनी का फुव्वारा निकला और शुभांगी की चूत मनी से भर गई। मैं भी थक कर शुभांगी के ऊपर लेट गया। थोड़ी देर बाद मैंने लंड शुभांगी की चूत से निकाला जो मनी और शुभांगी के जूस से भरा हुआ था।
शुभांगी ने फिर मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और इसे बिलकुल साफ कर दिया। फिर हम दोनों बाथरूम में गए। फिर एक बार शुरू हो गए। उसने अपना एक गाल मेरी जाँघों पर रख कर लेटी थी और उसका मुँह मेरे लंड के पास था। मैं उसी लेटा हुआ उसके सर पर हाथ फेर रहा था।
उसने मेरे लंड का सुपाड़ा बाहर निकाला और अपनी जीभ से चाटने लगी। फिर उसने मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया और जोर-जोर से चूसने लगी। मैं बीचेन हो गया। करीब 10 मिनट बाद मैंने उसे ऊपर खींचा और अब मैंने उसे बिस्तर पर पलटा दिया। अब मैं उसके ऊपर था। मैं मदहोश हो गया।
अब मैंने उसे पैर से चूमना शुरू किया। पैर से होते हुए जाँघों को चूमते हुए चूत के पास पहुँचा। पैंटी के ऊपर से ही चूमते हुए धीरे से मैंने उसकी पैंटी उतारना शुरू की। उसके पैंटी हटते ही उसकी गजब की चिकनी चूत मेरे सामने आने लगी, बहन एक भी बाल नहीं था। मैंने पूरी पैंटी उतार दी और अपनी जीभ उसकी चूत पर रख दी।
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उसके मुँह से सिसकारी छूट गई। मैं करीब 15 मिनट तक उसकी चूत का रसास्वादन करता रहा और वो मछली की तरह तड़पती रही। अब उसने मेरे सर के बाल जोर से पकड़े और मुझे ऊपर की तरफ खींचने लगी। बोली क्या मेरी जान निकाल के ही रहोगे प्लीज जल्दी अंदर डालो प्लीज्ज्ज मैं कब से प्यासी हूँ प्लीज मुझे और मत तड़पाओ।
अब मैंने उसके दोनों पैर को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत पर रखा। उसकी साँसें तेज चलने लगी। वो बार-बार अपनी जीभ अपने होंठों पर फेर रही थी और ललचाई नजरों से मेरी तरफ देख रही थी। मैंने अपनी कमर से एक जोरदार झटका दिया। उसके मुँह से एक जोरदार चीख निकल गई, उसकी चीख से पूरा रूम गूँज गया।
उसकी आँखों से पानी निकल आया पर अभी तक मेरा पूरा लंड उसकी चूत में नहीं गया था। वो अपनी जिंदगी में दूसरी बार चुदवा रही थी जो आज ही दूसरी बार मेरे साथ ही थी, और अभी तक कुँवारी थी इसलिए उसे बहुत दर्द हो रहा था। मैं कुछ देर साँत उसके ऊपर लेटा रहा फिर मैंने उसके आँसू पोंछे और कहा कि थोड़ा दर्द होगा फिर अच्छा लगने लगेगा तुम हिम्मत रखो।
फिर मैंने अपना आधा लंड ही अंदर डाले हुए आगे-पीछे होने लगा। इससे उसकी चूत में कुछ नमी आ गई और मेरे लंड को अंदर-बाहर होने में आसानी होने लगी और उसका दर्द भी कम हो गया। फिर मैंने अपनी स्पीड कुछ बढ़ाई और मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर था और उसे भी अब मजा आने लगा था। वो अपनी चूतड़ उठा-उठा कर मेरा साथ देने लगी। उसके मुँह से सी सी की आवाज निकल रही थी। अब उसने अपने दोनों हाथ मेरे चूतड़ पर रख के अपनी तरफ खींचने लगी। मैं लगातार धक्के मार रहा था।
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वो पागलों की तरह चीखने लगी और जोर-जोर से अपनी चूतड़ ऊपर उछालने लगी। हम्म आह्हा उर्र जोर से शुभम और जोर से हम्म्म सी सी। वो बहुत ज्यादा तड़प रही थी। उसकी चीख निकल रही थी। उसे इतना सुख मिल रहा था कि मानो उसकी जान उसकी चीख के साथ निकल जाए। वो पागल हो चुकी थी। मैं भी अपनी रफ्तार से लगा हुआ था। फिर अचानक मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसने भी मेरे साथ-साथ अपनी चूतड़ तेजी से ऊपर उछालने लगी और हम दोनों अब चरम सुख को पाने के करीब पहुँच गए.
और हम दोनों ने साथ ही अपना-अपना पानी छोड़ दिया। हम दोनों ही बुरी तरह हाँफ रहे थे। मैं उसके ऊपर लेट गया। उसने भी मुझे आगोश में भर लिया। हम दोनों करीब 10 मिनट तक उसी लेटे रहे। अब हम कुछ नॉर्मल हुए तो मैंने उसके चेहरे को देखा। उसके चेहरे पर अपार खुशी झलक रही थी। उसका चेहरा पहले से ज्यादा चमक रहा था। वो मुझे बेहिसाब चूमने लगी। बोली शुभम आज तुमने मुझे वो खुशी दी है जो शायद ही मैं इस जनम में पा सकती थी।
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