Sasural Me Chudai Ke Maje
मेरा नाम प्रवीन है। मैं 36 साल का नौजवान हूँ। मेरे लिंग का आकार 8 इंच लंबा और 4 इंच चौड़ा है। मैं अपनी जिंदगी के सबसे हसीन सेक्स के बारे में बताना चाहता हूँ। आप सभी लिंग वालों और चूत वालों से आशा है कि आपको यह पसंद आएगी। यह बात दिसंबर 2024 की है। Sasural Me Chudai Ke Maje
मेरी एक साली की शादी थी। मैं और मेरी पत्नी जोधपुर से ससुराल दिल्ली शादी में गए। वहाँ सबसे छोटी साली की शादी की वजह से काफी भीड़ थी। सभी सगे-संबंधी आए हुए थे। रात में बड़ी धूमधाम से शादी हुई। खाना-पीना बहुत अच्छा था। बारात और मेरी साली की विदाई भी सुबह 6 बजे हो गई।
दूसरे दिन सभी का रुकने का विचार था। सभी लोग काफी थके हुए थे। नहा-धोकर, खाना-वगैरह खाने के बाद सब अपने-अपने चूत और लिंग के साथ घूमने चले गए। मैं भी अपनी बीवी के साथ चिड़ियाघर देखने चला गया। चिड़ियाघर में हम दोनों ने दोपहर में एक बंदर और बंदरिया को सेक्स करते देखा।
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मेरा मन बेचैन हो उठा। मैंने अपनी पत्नी से कहा, “देखो, जानवर भी लगे हुए हैं। मेरा क्या होगा?” मैं 3 दिन से सेक्स नहीं कर पाया था। मैं बिना सेक्स के एक भी रात नहीं रह सकता। आज भी मैं एक रात में 2 से 3 बार अलग-अलग तरीके से सेक्स करता हूँ। मेरी पत्नी बोली, “रात में कर लेना।”
शाम को सभी घूम-फिरकर वापस आ गए। सभी ने फ्रेश होकर खाना खाया। जाड़े की रात थी, इतने लोगों में रजाई और कंबल कम पड़ रहे थे। मेरी सास और ससुर परेशान थे कि इतने लोगों का सोने का इंतजाम कहाँ और कैसे होगा। मैं और मेरी पत्नी ने ऊपर वाले कमरे में अपना बिस्तर लगा लिया।
रात के 9 बजे दरवाजे पर दस्तक हुई। मेरी पत्नी ने दरवाजा खोला तो मेरी बड़ी और छोटी सलहज अंदर आ गईं। उन्होंने कहा, “आप लोग हमें भी यहाँ सोने दें। जगह और रजाई की कमी है।” मैं चुपचाप रहा, जैसे कि मैं सो रहा हूँ। मेरी पत्नी ने कहा, “भाभी, ठीक है, आ जाइए।”
मैंने सोचा, यह रात भी बेकार जाएगी। फिर मैं सो गया। रात के 1 बजे मुझे पेशाब लगा, मैं उठकर बाथरूम चला गया। लिंग हाथ में लेते ही मेरा सेक्स जाग गया। जब मैं वापस आया, तो सोचा कि सेक्स कैसे करूँ, दोनों सलहज सो रही हैं। फिर भी मैं अपनी पत्नी के साथ बिस्तर में घुस गया और उसके स्तनों को दबाने लगा, उसे चूमने लगा और एक हाथ उसकी चूत पर फेरने लगा।
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वह जाग गई और बोली, “दोनों भाभी अगर जाग गईं तो क्या होगा?” मैं खीजते हुए बोला, “देखो, मैं 3 रात से सेक्स नहीं किया, मैं अब नहीं रह सकता। अगर तुम्हारी भाभी जाग जाएँगी, तो उन्हें भी चोद दूँगा।” मेरी पत्नी चुप हो गई। मैंने उसे जोर-जोर से चूमना शुरू किया, उसके स्तनों को दबाने लगा। मैं बेताब हो रहा था।
मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। वह सिसकारियाँ लेने लगी। वह भी मेरा लिंग हिलाने लगी। मैं उसे रगड़ रहा था, वह सिसकारियाँ निकालने लगी, “आह्ह्ह, धीरे मसलो।” इसी बीच मैं नीचे खिसक गया और अपना मुँह उसकी चूत पर टिका कर उसके भगनासा को चाटने लगा।
वह पूरी तरह गर्म हो गई थी। वह बोल रही थी, “अब्ब रह्ह्हहाहाहा जआआआततताआआआ। नहीं, जल्दी से आआआओ ननन।” मैं भी बेचैन था। मैंने उसकी टाँगें फैलाकर अपने 8 इंच लंबे लिंग का सुपारा उसकी चूत के छेद पर रखा, निशाना लगाया और एक जोरदार झटके के साथ पूरा लिंग घुसा दिया।
यारों और सहेलियों, मेरा लिंग 3 दिन से भूखा था। मैं जोर-जोर से चुदाई करने लगा। मेरी पत्नी भी मस्त होकर चुदाई करवा रही थी। कमरे में फक-फक की आवाज़ गूँज रही थी। हम दोनों चुदाई में मस्त थे। दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था। इस बीच मेरी पत्नी दो बार झड़ चुकी थी। मेरा भी पानी निकलने वाला था।
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हमारा स्पीड सुपरफास्ट ट्रेन की तरह था। 15 मिनट बाद मैं झड़ गया और अपना सारा वीर्य अपनी पत्नी की चूत में छोड़ दिया। तभी मैंने देखा कि मेरी दोनों सलहज, जो दूसरे बिस्तर पर एक साथ सो रही थीं, आपस में एक-दूसरे को चूम रही थीं। मैं समझ गया कि वे हमारी चुदाई देख रही थीं। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरी पत्नी धीरे-धीरे सो गई। मैं चुपचाप उनकी हरकतें देख रहा था। दोनों एक-दूसरे से लिपट गई थीं और सिसकारियाँ भर रही थीं। मैं चुपचाप सोने का नाटक करते हुए देखता रहा। उन्हें लगा कि मैं सो गया हूँ। वे दोनों एक-दूसरे के ऊपर-नीचे हो रही थीं। दोनों के कपड़े खुल गए थे।
दोनों एक-दूसरे के स्तनों को दबा रही थीं और चूत में उंगली कर रही थीं। यह देखकर मेरा लिंग फिर से खड़ा होने लगा। मैंने सोचा, आज इन दोनों को भी ज़रूर चोदूँगा। मैं धीरे से उठकर खड़ा हो गया। वे दोनों मस्त हो चुकी थीं। मैं धीरे से उनके बिस्तर के कोने पर जाकर बैठ गया और रजाई खींचकर नीचे गिरा दी।
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दोनों शर्म के मारे अपनी आँखें हाथों से छुपा लिया। मैं दोनों के ऊपर चढ़ गया और उनके स्तनों को सहलाने लगा। मैंने कहा, “क्या बात है, साले साहब नहीं चोदते क्या?” दोनों बोलीं, “शादी की वजह से हम दोनों ने एक हफ्ते से चुदाई नहीं की। आपकी चुदाई देखकर हमारा सेक्स जाग गया।” यह सुनकर मैं दोनों को बारी-बारी से चूमने लगा।
दोनों सिसकारियाँ मारने लगीं। मैं दोनों के ऊपर सवार था। थोड़ी देर बाद दोनों मुझसे चुदवाने के लिए तैयार हो गईं। दोनों ने मेरे लिंग का भरपूर कमाल देख लिया था। वे बोलीं, “आपका लिंग देखने के बाद हम दोनों भी इससे चुदाई करवाना चाहती हैं। आपका लिंग तो बहुत लंबा और मोटा है। इससे चुदवाने में बहुत मज़ा आएगा।”
मैं दोनों की चूत सहलाता रहा, उनके स्तनों को दबाता रहा। उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह्ह्ह, जोर से, और जोर से मसलो।” इसी बीच मैं नीचे खिसक गया और बारी-बारी से दोनों की चूत पर अपना मुँह टिकाकर चाटने लगा।
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वे पूरी तरह गर्म हो चुकी थीं और बोल रही थीं, “आब्ब रह्ह्हहहा जआआआअततताआआ। नहीं, जल्दी से आआआओ नन्नन्न।” मैं भी बेचैन था। मैंने एक-एक करके दोनों को सुबह 3 बजे तक चोदा। हम तीनों मिलकर खूब मज़े ले रहे थे। उनकी हालत चुदाई से थककर खस्ता हो गई थी। वे एक-दूसरे के स्तनों को चूम-चाट रही थीं, चूत में उंगली डाल रही थीं। बड़े मज़े कर रही थीं। इतने में मैंने देखा कि मेरी पत्नी भी रजाई के नीचे से हमें देख रही थी। हमने उसे भी बुला लिया।
वह बोली, “आपका लिंग बहुत लंबा और मोटा है, इसलिए मैं अपनी भाभियों को भी इसका आनंद दिलवाना चाहती थी।” मैं और मेरी दोनों सलहज का यह आपसी समझौता था। फिर मैंने एक-एक करके तीनों की भरपूर चुदाई की। क्योंकि मेरा लिंग अब 30 मिनट से पहले नहीं झड़ता था। हम चारों मिलकर सुबह 5 बजे तक चुदाई का खेल खेलते रहे। आज भी जब मैं दिल्ली जाता हूँ, तो अपनी दोनों सलहज को ज़रूर चोदता हूँ। दोनों मेरे लिंग के लिए बेताब रहती हैं। मेरा लिंग है ही ऐसा कि रुपया लगे न पैसा, चुदाई हो चूत फाड़ जैसा।
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