Taiyar Hokar Chudne Aai
मेरा नाम मुकेश है, मेरी शादी नही हुई है। मेरा छोटा भाई संजय शादी कर चूका है। उसकी बीबी का नाम संध्या है। पिछले साल ही मेरे घर वालों ने बड़े धूम धाम से मेरे भाई संजय की शादी की थी। मेरी माँ पुराने ज़माने की है। उन्होंने संजय से कह दिया की उसको १ साल में ही बच्चा चाहिए। Taiyar Hokar Chudne Aai
मैं संजय से १ साल बड़ा था। कायदे से मेरी शादी पहले होनी चाहिए थी, पर मैं अभी आईएस की तैयारी कर रहा था। शादी करने से सायद मैं पढाई कर ध्यान नही दे पाता। इस वजह से मैंने शादी नही की। मेरा छोटा भाई संजय कॉलेज में पढता था। वहीँ पर उसकी मुलाकात संध्या से हो गयी।
दोनों में प्यार हो गया, इस वजह से हम लोगो ने संजय की शादी संध्या से कर दी। संध्या बड़ा मस्त माल थी। उसके गाल इतने मुलायम और नर्म थे की जब संजय प्यार से संध्या के गाल पकड़कर खीच देता था तो वो लाल हो जाते है। मैं अपने दिल में हमेशा ये बात सोचा करता था की संजय कितना किस्मत वाला है। संध्या जैसी माल उसे चोदने खाने को मिली है।
जब इसके गाल इतने नर्म और गुलाबी है तो चूत कितनी मस्त होगी। मेरा छोटा भाई संजय हर रात को संध्या की चूत मारता था। क्यूंकि मेरा माँ ने बोल ही दिया था की उनको १ साल में पोता चाहिए। पर दोस्तों, जैसा हम लोगो ने सोचा था वैसा नही हुआ। संजय ने संध्या को सारी सारी रात चोदा, पर फिर भी वो लोड यानी प्रेग्नेंट नही हुई।
जब दोनों डॉक्टर के पास गये तो उसने संध्या और संजय के वीर्य की जाँच की। संध्या का वीर्य तो फर्टाइल था, पर संजय के वीर्य में शुक्राडू निल थे। ये बात जब संजय को पता चली तो वो बहुत डीप्रेस हो गया और टेंशन पाल कर बैठ गया।
उधर संध्या भी इस बात के लिए बहुत टेंशन करने लगी। उपर ने मेरी माँ संध्या को बार बार धमकी दे रही थी की अगर जल्दी से उनको पोता या पोती नही मिली तो वो उसे घर से बाहर निकाल देंगी। एक दिन संध्या अपने कमरे में रो रही थी। मैंने उसकी आवाज सुनी तो अंदर गया। मेरा माँ वहां पर नही थी क्यूंकि वो बड़ी ब्वालिन औरत थी। छोटी छोटी बात का तिल का ताड़ बना देती थी।
“संध्या! …क्या हुआ??? मैं कुछ दिन से देख रहा हूँ की तुम बुझी बुझी रहती हो….क्या बात है???” मैंने पूछा.
इस पर वो रोने लगी और कहने लगी की मैं ये बात किसी को न बताऊँ। संध्या ने मुझे बताया की वो कभी माँ नही बन सकती। क्यूंकि संजय के वीर्य में सुक्राडू नही है। डॉक्टर ने उसे बताया है की अगर वो संजय से ही चुदवाती रही तो कभी वो माँ नही बन पाएगी। कहीं ऐसा ना हो की मेरी माँ उसे घर से निकाल दें। ये सुनकर मैं भी टेंशन में आ गया।
इसे भी पढ़े – प्यासी बीवी घर के बाहर मुंह मारने लगी
“भाई साहब! क्या आप मुझे बच्चा दे सकते है????” संध्या रोते रोते बोली.
“मतलब……???” मैंने हकलाते हुए पूछा.
“भाई साहब, ये राज सिर्फ हम दोनों के बीच ही रहेगा। आप मुझे कुछ दिन कसके चोद दीजिये एकांत में। मैं पेट से हो जाऊ और अगर मैं माँ बन गयी तो आपका अहसान मैं कभी नही भूलूंगी….” संध्या रोते रोते बोली। मुझसे उसके आशू देखे नही जा रहे है।
“संध्या, ये तुम कैसी बात कर रही हो……मैं तुमको चो……..दूँ??…..नही नही ये महापाप मुझसे नही होगा” मैंने कहा और मैंने वहां से भाग आया।
दोस्तों कुछ महीने बीतने पर भी जब मेरी पुराने खयालात की माँ को संध्या की तरफ से कोई खुशखबरी नही मिली तो मेरी माँ ने एलान कर दिया की वो संध्या को हमारे घर से निकाल देंगी। दोपहर में जब मैं अपने कमरे में था तो संध्या मेरे पास आई.
“भाई साहब!! भगवान के लिए!! ….आप मुझे चोदकर बच्चा दे दो….वरना माँ जी मुझे निकाल देंगी!!” संध्या ने रोते रोते कहा तो मैं उसका दुःख ना देख सका। मैं राजी हो गया। कुछ देर बाद संध्या अच्छी तरह से नहाधोकर तैयार क्रीम पाउडर लगाकर मेरे कमरे में आ गयी।
मेरा छोटा भाई अपने काम पर गया हुआ था। मेरी माँ कहीं बाहर चली गयी थी। संध्या ने बाथरूम में १ घंटे तक साबुन से रगड़ रगड़कर नहाया था। जब वो मेरे कमरे में आयी तो मैं उसे देखता ही रहा गया। वो मेरे बिलकुल पास आकर बैठ गयी। उसके बाल अभी भी गीले थे और गोरे चिकने बदन से साबुन की ताजा खुश्बू मेरी नाक में जा रही थी।
“भाई साहब!! ….आप मुझे बच्चा देंगे ना??” वो दीनहीन अवस्था में बोली.
“हाँ दूंगा…..मैं तुमको बच्चा जरुर दूंगा!!” मैं कहा.
दोस्तों, आज मेरा सपना साकार होने वाला था। जिस संध्या को देख देखकर मैं बाथरूम में ना जाने कितनी बार मुठ मारी थी, आज मैं उसको चोदने वाला था। जिस फूल को मैं रोज देखा करता था, उसकी खुश्बू आज मैं सूंघने वाला था। मैंने दरवाजा बंद कर लिया वरना मेरी माँ कभी भी आ सकती थी।
संध्या खुद ही आकर मुझसे लिपट गयी। मुझे कुछ नही करना पड़ा। ओह्ह्ह्हह्ह…..कितनी मस्त खुसबू उसके बदन से आ रही थी, सायद उसने कोई मस्त परफ्यूम लगाया हुआ था। संध्या ने खुद ही मुझे पकड़ लिया और मेरे कंधों पर हाथ रख दिया। कुछ देर बाद हम एक दूसरे को किस करने लगे।
बाप रे!! आज मैंने उसको बिलकुल करीब से देखा। गोल चेहरा, बड़ी बड़ी बोलती आँखें, सुंदर पलकें, और भरे हुए गालों पर छोटे छोटे सुडौल ओंठ का सौंदर्य देखते ही बनता था। सायद मुझे पटाने या रिझाने के लिए संध्या ने आँखों में काजल लगा रखा था। इसमें वो बहुत जादा कामुक और सेक्सी लग रही थी।
माथे पर बड़ी सी लाल बिंदी और नाक में उसने रिंग वाली नथुनी पहन रखी थी जो मेरा कत्ल कर रही थी। वो १०० परसेंट देसी indian माल लग रही थी। उसे देखते ही मेरे मुँह में पानी भर आया। बहनचोद!!….क्या मस्त माल चोदने को मिली है आज…..वो तो कहो की संजय नामर्द निकला मुकेश वरना तुझे ये चिड़िया कभी चोदने को नही मिलती। मैंने सोचा।
मैंने संध्या को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ओंठ पीने लगा। वो बहुत गहरी नीली लिपस्टिक लगा कर आई थी। क्या पटाखा माल लग रही थी। मैंने भी सोचा की आज बेटा मौका हाथ लगा है….आज इसको कायदे से चोद लूँगा। मैंने संध्या की साड़ी का पल्लू हटा दिया तो उसके ३६” के बड़े बड़े दूध के दर्शन हो गये।
मेरी तो नियत ही ख़राब हो गयी थी। हम दोनों अब शर्म और ह्या को भूल गये थे और दो प्रेमी बन गये थे जो एक ही डाल मर बैठ के गुटुर गू करने वाली थे। मैंने अपने छोटे भाई संजय की बीबी की हाथ की उँगलियों में अपनी उँगलियाँ फंसा दी। मैंने अपने होठ उसके लिपस्टिक लगे ओंठों पर रख दिए और पीने लगा। उफ्फ्फफ्फ्फ़ …क्या रसीले ओंठ थे उसके।
“खुलकर चूत देगी???” मैंने संध्या से पूछा.
“हाँ भाईसाहब !! ….जैसा दिल करे मुझे चोद लो…आज मुझे इतना जादा चोदना की मैं पेट से रुक जाऊं!” संध्या बोली.
इसे भी पढ़े – 2 मैकेनिक ने मेरी चूत की मस्त सेवा की
मैंने धीरे धीरे उसके ब्लाउस के बटन खोल दिए। अब उसकी लाल रंग की ब्रा मेरे सामने थी। मैंने वो भी खोल दी। ब्लाउस और ब्रा मैंने निकाल दिया। मुझपर तो जैसे बिजली ही गिर गयी थी। इतने सुंदर मम्मे मैंने सिर्फ टीवी में मॉडल्स के देखे थे। मैं तो सोचता था की किसी लड़की के इतने मस्त और चिकने मम्मे हो ही नही सकते है।
पर आज मैंने साक्षात ऐसे मस्त मस्त माल देख लिए थे। मैं बिलकुल पागल हो गया था संध्या की रसीली छातियाँ देखकर। कितनी गोल, बड़ी, रसीली, जूसी और चिकनी छातियाँ थी। बहनचोद, मेरा भाई तो बड़ा लकी निकला। कितना मस्त माल चोदने को मिला है इसे। कुछ पल के लिए मैं अपने भाई संजय से जलने लगा।
फिर मैंने अपने हाथ संध्या के दूध पर रख दिए और मजे से दबाने लगा। रुई जैसे मुलायम स्तन थे उसके। बस समझ लीजिये की मक्खन की २ बड़ी बड़ी टिकियाँ थी वो। फिर हम दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। मैंने अपने भाई संजय की औरत की नंगी रसीली छातियाँ अपने मुँह में भर ली। और मजे लेकर पीने लगा।
हम दोनों प्रेमियों की आँखें बंद हो गयी और बस प्यार ही प्यार हम दोनों पर हावी हो गया। मेरी किस्मत कितनीतेज थी। एक मस्त चुदासी औरत खुद मेरे पास चलकर आई थी और निवेदन कर रही थी की मैं उसको रगड़कर चोदू। मैं हपर हपर करके संध्या के दूध पीने लगा। मैं स्वर्ग में पहुच गया था।
रसीली निपल्स मेरे मर्दाना स्पर्श से खड़ी हो गयी थी। चूचकों के इर्द गिर्द बड़े बड़े काले घेरे मुझे अनायास अपनी ओर खींच रहे थे। और इस मस्त माल को दबा के चोदने को कह रहे थे। ये बात अच्छी थी की घर में कोई नही था वरना मैं शर्म ही करता रह जाता और संध्या को चोद ना पाटा, फिर उसे बच्चा कैसा मिलता।
मैं भी जा जान से इस ‘बच्चा पाओ’ मिशन पर लग गया और संध्या के दोनों दूध मजे से पीने लगा। उतेज्जना में जब मेरे तेज दांत उसके मुलायम स्तन में चुभ जाते तो वो आई….आई…..करने लग जाती। मैं जीभर के अपनी हवस शांत कर ली। इसी बीच मैंने अपने सम्पूर्ण कपड़े निकाल दिए और पूर्ण नग्न अवस्था में आ गया।
“ऐ संध्या!! तेरे मम्मे चोदू तो तुझे कोई शिकायत तो नही???” मैंने धीरे से पूछा.
“भाईसाहब!! मैं तो आपसे ही चुदने के लिए आई है…..आप मेरे मम्मे चोद लो!” वो बोली.
मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था। मैं संध्या को सीधा लिटा दिया और उसके एक एक मम्मे में अपना ७” का मोटा लंड चुभोने लगा। आह्ह्हह्ह….बड़ा सुख मिला मुझे। बड़ी देर तक मैं संध्या के दूध में लंड गड़ाता रहा और उसे तड़पाता रहा।
फिर मैंने उसके गहरे क्लीवेज में अपना लंड किसी हॉटडॉग की तरह रख दिया और दोनों हाथों से मम्मो को बीच की ओर दबा दिया। संध्या तडप गयी। मैं उसके स्तन चोदने लगा। आह्ह्ह……कितना दिव्या अहसास था वो। जिन मम्मो को देख देखकर मैं रोज मुठ मारा करता था आज वही माल मुझे चोदने को मिल रही थी।
मैं जोर जोर से अपने मोटे और मजबूत लंड से संध्या के दूध चोद रहा था। वो सायद मेरी जिन्दगी का सबसे हसीन और रोमांटिक पल था। एक शादी शुदा औरत को चोदने का अलग ही मजा मिलता है। किसी का धर्म नस्त करने में बहुत मजा मिलता है।
संध्या के सुहाग की पहचान उसकी बड़ी से काली बिंदी, गले में मंगल सूत्र और नाम में नथ तो मेरा कत्ल कर रही थी। मैं जोर जोर से अपनी गांड और कमर चला चलाकर संध्या के नर्म नर्म दूध चोद रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपना माल गिरा दिया। सफ़ेद चिकने मम्मे पर मेरा माल बह गया। संध्या उसको चाट गयी। फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया।
“चल चूस मेरा लौड़ा छिनाल…..वरना मैं तेरी चूत नही मारूंगा!!” मैंने कहा.
संध्या तो पहले ही घबराई हुई थी। वो चुपचाप मेरा लंड चूसने लग गयी। फिर मैंने उसका मुँह चोदना शुरू कर दिया। मैंने ठीक उसके मुँह के उपर आ गया और उसके मुँह में अपना लंड डालने लगा। बड़ी देर तक मैं उसका मुँह चोदता रहा। अब संध्या की चूत की बारी थी।
यदि मैं उसके दूध, मुँह और गांड चोदता रहता और उसकी मस्त मस्त चूत नही मारता तो वो बेचारी कभी प्रेगनेंट नही होती। इसलिए दोस्तों ये अति आवस्यक था की मैं उसकी मस्त गुलाबी चूत को फाड़कर रख दूँ। मैं उसके भोसड़े पर हाथ लगाने लगा। और छू छूकर चूत सहलाने लगा।
फिर मैं चूत के दाने को अपनी ऊँगली से जोर जोर से घिसने लगा। कुछ ही देर में मानो संध्या की चूत में आग लग गयी। मैं उसकी चूत की घाटी में उतर गया। और मस्त मस्त बुर को मजे लेकर पीने लगा। संध्या सिसकने लगी और आह्ह्ह्ह अईईईई….माँ….आआआअह्हह्हह्ह..कहने लगी।
मैं किसी चूत के प्यासे कुत्ते की तरह उसकी बुर पी रहा था। उफफ्फ्फ्फ़……क्या मस्त चूत थी मेरे भाई की बीबी की। फिर मैंने अपना मोटा लंड उसके भोसड़े पर रख दिया और हाथ से सुपाड़ा अंदर डाल दिया। फिर मैं संध्या जैसी हसीना को ठोंकने लगा। उसने मुझे बाहों में लपेट लिया और गच्च गच्च चुदवाने लगी।
“भाईसाहब!!…..आ आ आ …आज मुझे इतना चोदिये की एक बार की ठुकाई में ही मेरा गर्भ रुक जाए!!” संध्या बोली.
इसे भी पढ़े – गर्लफ्रेंड और उसकी सहेली साथ थ्रीसम चुदाई
मैं खुश था और जोर जोर से उसे पेल रहा था। उसकी जाघें, घुटने, कमर बाप रे बाप….कितनी चिकनी थी की मैं अपने आपको गर्वान्वित महसूस कर रहा थी की संध्या को चोदने का सुनेहरा अवसर मिल गया। उसने खुद मेरे गले में अपने दोनों हाथ डाल दिए और अपनी दोनों चिकनी टांगें मेरी कमर में फंसा दी।
“बोल!! संध्या!! …..तू मेरी औरत है!!” मैंने चुहिल की.
“हाँ! भाईसाहब मैं…..आज के लिए आपकी औरत हो…आज मुझे मन भरके चोद लीजिये!!” संध्या बोली.
“बोल रंडी …की माँ बनने के बाद भी मुझे चुपके चुपके चूत और गांड दिया करेगी!” मैंने कहा.
“हाँ, भाई साहब! ….मैं माँ बनने के बाद भी आपका अहसान जिन्दगी भर नही भूलूंगी और आपको चुपके चुपके चूत और गांड दूंगी!!” संध्या बोली.
उसके बाद मैं उससे बेहद प्रसन्न हो गया और मैंने उसे अपनी औरत की तरह ३ घंटे चोदा। पहले लिटा कर उसको लिया। फिर लंड पर बिठाकर मैंने अपने भाई संजय की बीबी को चोदा, फिर उसको घोड़ी बनाकर पेला। अंत में मैंने उसकी गांड मारी। दोस्तों, उपर वाले का ऐसा आशिर्वाद था की केवल एक ही चुदाई में संध्या पेट से हो गयी।
९ महीने बाद उसने १ बड़े हट्टे कट्टे लड़के को जन्म दिया। पोता पाकर मेरी माँ बेहद खुश थी। अब वो संध्या को बहुत सम्मान देने लगी थी। पर मेरा छोटा भाई संजय कहीं ना कहीं शक करता था की वो बेटा उसका नही मेरा है। मैं आज भी संध्या को अपने कमरे में बुलाकर चुपके से चोद लेता है।
Rohit says
Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058939556