Red Bra Panty
मेरा नाम रणविजय है। मै गोरखपुर में रहता हूँ। मेरी उम्र 27 साल की है। मेरा कद 6 फुट है। मैं बहुत ही खूबसूरत लगता हूँ। मेरा लंड 9.5 इंच का है। इतना बडा लंड बहुत कम ही लोगो कक होता है। सारी लड़किया मेरे मोहल्ले की मुझ पर मरती हैं। कुछ अच्छी लड़कियों के साथ मै भी सेक्स कर चुका हूँ। लड़कियों की फूली चूंची को दबाना मुझे बहुत अच्छा लगता है। Red Bra Panty
मुझे सबसे पहले सेक्स करने का मौका दिया था। मेरी पड़ोस में रहने वाली रीता ने। उसी ने मुझे ब्लू फिल्म दिखा कर सेक्स का पाठ पढ़ाया। मुझे आज भी वो दिन याद हैं। जब उसने मुझसे पहली बार चुदवाया था। तभी से मेरी चुदाई की प्यास नहीं बुझी। इनके बदले में मेरी चुदाई कि प्यास और बढ़ गई। तभी से मेरी लंड को चूत के दर्शन होने लगे।
मेरा लंड जब भी किसी मस्त हॉट और सेक्सी लड़की को देखता है। मेरा लंड तोप की तरह खड़ा हो जाता है। मै हमेशा अपने पास अपने रूम में कॉण्डोम रखता हूँ। क्योंकि चूत और भूत कभी भी मिल सकती है। मुझे स्ट्रावैरी फ्लेवर कॉण्डोम बहुत पसंद है। मै उसकी महक से खुश हो जाता हूँ।
मै हर बार चुदाई से पहले ही कॉण्डोम रख लेता हूँ। दोस्तों अब मै अपनी कहानी पर आता हूँ। दोस्तों मैं एक अमीर परिवार का लड़का हूँ। मेरे पापा एक डॉक्टर हैं। मेरी मम्मी भी टीचर हैं। मेरी मम्मी दो बहन हैं। जिनको मैंने चोद है। वो मेरी मौसी हैं। वो लखनऊ में रहती हैं। उनकी अभी शादी नही हुई है।
वो अभी भी पढ़ रही है। उनकी उम्र 28 साल की रही होगी। देखने में एकदम मस्त माल लगती थी। उनकी चूंचियों को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था। मेरा एक पेपर था लखनऊ में तो मुझे मम्मी ने मौसी के रूम पर रुक जाने को कहा। मै रात में लखनऊ पहुचा। मौसी के रूम पर गया।
मौसी को देखते ही मेरा लंड हमेशा की तरह खड़ा हो गया। मौसी का नाम समीक्षा था। लेकिन मैं प्यार से मासी कहता था। हम और मासी रात को खाना खाएं। मासी के साथ उनकी बेड पर लेट गया। मासी कुछ देर बाद सो गई। लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी।
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मैं मासी को घूर घूर कर देख रहा था। दूसरे दिन मेरा पेपर था तो मैं भी मुठ मार के सो गया। दुसरे दिन सुबह उठा। ब्रश करके नहाया और चाय पी के मैं पेपर देने चला गया। लेकिन मुझे मासी को चूचियां और उनका बदन मेरे दिमाग में बार बार घूम रहा था। मैंने किसी तरह पेपर दिया।
उनके बाद मैंने जल्दी से मासी के 32,28,34 के फिगर को देखने जल्दी से रूम पर आ गया। आज तो मासी बहुत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी लग रही थी। मासी के रूम पर आते ही जी करने लगा आज तो मासी को चोद डालूँ। मासी ने लाल रंग सलवार और समीज पहना था।
मुझे मासी के बदन पर बहुत ही अच्छा लग रहा था। मासी की समीज में पीछे नेट था। मासी के ब्रा किं पट्टियां साफ़ साफ़ दिख रही थी।मेरा लंड तो बेकाबू होता जा रहा था। मैं घर जाने को कहने लगा। मासी ने मुझे रोक लिया कहने लगी इतने दिन बाद आये हो तो रूक के जाओ। दो तीन दिन बाद चले जाना।
मासी ने मम्मी से बता दिया। मुझे तो मासी की चुदाई करने की नजर आने लगी। मासी और हम बहुत खुश थे। मासी और हम शाम को घूम कर आये। रात में खाना खाकर पढ़ाई की मासी ने। मैंने भी कुछ देर पढ़ा। मासी सो गई। लेकिन मुझे नींद कहाँ आने वाली थी। मासी की चुदाई की तरकीब सोचते सोचते 1 बज गए। मेरा लंड खड़ा था।
मैंने अपने पैजामे से ही अपने लंड को मासी की गांड में छुआने लगा। मासी सो रही थी। मैं अपने लंड को छुआ के आनंद ले रहा था। मासी ने करवटे बदली। इस बार मासी की चूत मेरे लंड के सामने थी। मासी की चूत पर अपना हाथ रख दिया। मासी ने हाथ हटा दिया। मासी ने भी मेरा तना लंड देखा।
मेरा पैजामे को तंबू की तरह ताने हुए था। मौसी की भी चूत में कुछ कुछ होने लगा। मौसी मेरे लंड को देख रही थी। मौसी को लगा मै सो रहा हूँ। मौसी ने धीरे से मेरे लंड को एक ऊँगली से छुआ। मेरा लंड छूते ही और बड़ा हो गया। मासी डर कर अपनी अंगुली उठा ली। मेरा लंड मासी को सलाम कर ही चुका था।
मासी का भी मूड कुछ चुदवाने के लिए होने लगा। मासी मेरे पास चिपक कर अपना गांड मेरी तरफ करके लेट गई। मासी की गांड में मैंने अपना लंड छुआ दिया। मासी की गांड में मेरा लंड लग रहा था। मासी कुछ नहीं बोल रही थी। मासी को मैंने चोदने का पूरा मूड बना लिया। मैंने सोचा जो होगा देखा जायेगा। आज तो मैं मासी को चोद कर ही मानूंगा।
मैंने मासी की गांड पर धक्का मारा। मासी कुछ न कही। मैंने अपना पैर उठाया और मासी की गांड पर रखकर चढ़ गया। मासी ने फिर भी कोई विरोध नही किया। मैंने मासी की एक बूब्स को पकड़ के दबा रहा था। मासी का बूब्स बहुत ही सॉफ्ट था। मासी की बूब्स को मै दबा रहा था।
मासी चुपचाप अपना बूब्स दबवा रही थी। मैंने मासी के नीचे से हाथ डालकर मासी की दोनों बूब्स को पकड़ लिया। मासी की दोनों चूचियों को मै दबा रहा था। मासी की पीछे पीठ पर किस करने लगा। मासी की पीठ पर किस करते ही मासी भीं कण्ट्रोल नहीं कर पा रही थी। मासी ने भी इधर उधर होना शुरू किया।
मासी अपना मुँह मेरी तरफ करके लेट गई। मैंने मासी की लाल लाल होंठो को छूकर अपना होंठ मासी के होंठो पर रख दिया। मैं कुछ भी करता मासी कोई विरोध नहीं करती थी। मेरी हिम्मत बढ़ती ही जा रही थी। मासी के लाल लाल होंठो को पीना शुरू किया। मासी की होंठ का रस पीते पीते मैंने अपना हाथ मासी के समीज में पीछे नीचे से डाल दिया।
मासी की समीज ऊपर उठ गई। मासी का चिकना गोरा पेट दिख रहा था। मासी की ढोंढ़ी बहुत ही अच्छी लग रही थी। मासी ने अपनी आँखे खोल दी। मुझे थोड़ा बहुत ही डर लग रहा था। मासी ने कहा- ये क्या कर रहे हो। मै चुपचाप उन्ही ब्रा का हुक पीछे से पकडे हाथ घुसेड़े रहा।
मासी ने मुझसे न चुदवाने को कहा। लेकिन मेरे बहुत मनाने पर मासी मान गई। मैंने कहा हम लोग अपनी सेक्स किं प्यास बुझा रहे हैं कोई देख थोड़ी न रहा। मासी को अपने लंड को छूने वाली बात भी बताई। मासी को पता चल गया कि मैं ये सब देख रहा था। मैंने मासी की होंठ चूसना शुरू किया। इस बार मासी भी साथ दे रही थी।
मुझे अब मासी के होंठ चूसने में बहुत मजा आ रहा था। मै मासी के होंठो को चूस चूस कर उनकी पीठ को सहला रहा था। मासी भी मुझे बड़ी कातिलाना नजरों से देख रही थी। मासी और हम एक दुसरे के होंठो को बारी बारी से चूस चूस कर लाल कर दिया। मासी की होंठ गुलाब की पंखुड़ियों जैसे लाल लाल दिखने लगे।
मै मासी की बूबा को दबाने लगा। मासिने भी मेरे लंड को सहला रही थी। मैंने अपना लंड मासी के करीब कर दिया। मासी मेरा लंड हाथ में ले के हिला हिला कर मजे ले रही थी। मासी को मैंने खड़ी होने को कहा। मासी खड़ी हो गयी। मैंने मासी के गले पर किस करते हुए मासी की समीज निकाल दी।
मासी दीवाल से चिपकी खड़ी रही। मासी ब्रा में एकदम झक्कास लग रही थी। मैंने मासी के सलवार का नाड़ा खोला। नाड़ा खुलते ही सलवार नीचे गिर गया। मासी ने लाल रंग की ही ब्रा और पैंटी पहनी थी। मासी की सॉलिड बॉडी देखते ही मेरा लंड चोदने को बेकरार हो गया। मैंने भी अपना पैजामा निकाला और अपना बड़ा मोटा लंड मासी के सामने पेश किया।
मासी मेरे बड़े मोटे लंड को देखकर चौक गई। अपने मुँह पर हाथ लगाकर बोली- बाप रे इतना बड़ा और मोटा लंड मैंने पहली बार देखा है। मुझे तो यकीन नहीं होता की तुम्हारा इतना बड़ा लंड है। मैंने मासी से लंड चूसने को कहा। मासी ने लंड चूसने स मना कर दिया। वो सिर्फ मेरे लंड को हाथों में लेकर खेल रही थी।
मुठ मारते हुए मासी झुकी हुई थी। मैंने मासी की ब्रा को निकाल कर बिस्तर पर फेंक दिया। मासी ने जब अपना सर उठाया तो मैं उनकी चूंचियों को देखता ही रह गया। मासी की मैंने बिस्तर पर लिटाकर उनका दूध पीने लगा। मासी कक काले रंग का निप्पल बहुत ही आकर्षक लग रहा था। मैं मासी दोनों चूंचियों को जोर जोर से दबा दबा कर पी रहा था।
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मासी की साँसे गरम गरम बाहर निकल रही थी। जब भी मै मासी का निप्पल काटता मासी..अई…अई… अई..अई. .इसस्..स्स्स्..स्स्..स्स् करने लगती। मैंने मासी की चूत पर बार बार अपनी हाथ को फिर रहा था। मासी बहुत ही गर्म हो चुकी थी। मासी की पैंटी को मै चूंचियां पीते पीते ही निकाल रहा था।
मासी भी अब मजे ले ले लेकर मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी। मैंने भी अपनी टी शर्ट उतारी। मासी की पैंटी निकाल कर उनकी टांगो को फैला दिया। मासी की चूत के दर्शन होते ही मेरा लंड लोहे के रॉड की तरह हो गया। मासी की चूत को मैं चाटने लगा। मासी सिमट सिमट कर मुझे अपने चूत से चिपका रही थी।
मासी की चूत भी बहुत सॉफ्ट और गोरी थी। मासी के चूत का दाना सारी लड़कियों से कुछ बड़ा था। मै मासी की चूत अंदर तक जीभ को लंबी करके चाट रहा था। मासी की चूत ने थोड़ा सा पानी छोड़ा। मै उस पानी को चाट गया। मासी की चूत बहुत टाइट दिख रही थी। मासी ने अभी तक शायद कम से कम ही चुदवाया होगा।
मासी की चूत को चाटकर मै मासी को तड़पा रहा था। मासी की चूत में जीभ डालते ही मासी सी…सी..सी…ई..ई करने लगती। मासी- और कितना चाटोगे मेरी चूत। बस भी करो। मैंने अपना लंड मासी की चूत पर रख कर ऊपर से नीचे की तरफ रगड़ने लगा। मासी अपना मुँह इधर उधर कर रही थी।
मैं उन्हें खूब तड़पा के चोदना चाहता था। मासी की मुँह से कुछ बोल ही नहीं पा रही थीं। मैंने मासी की छूट के छेद से अपना लंड लगाकर उनकी बुर में धकेल दिया। मासी की चूत बहुत टाइट थी। मेरे लंड को बाहर फेंक दिया। मैंने बार बार थूक लगाकर कोशिश की। आखिर कर मेरा लंड जबरदस्ती मासी की चूत में घुस गया।
मासी जोर जोर स चिल्लाने लगी। मासी-“आआआअह्हह्हह…ईईईईईईई.. ..ओह्ह्ह्… .अई…अई…अई..अई….मम्मी…..” करने लगी। मैंने मासी को धीऱे धीऱे चोदना शुरू किया।मासी की दर्द धीमा होने के इंतजार में मै मासी को धीऱे धीऱे चोद रहा था। मासी की चूत धुकुर धुकुर कर रही थी। मासी की चीख धीऱे धीऱे कम होने लगी।
मैंने जोर से धक्का मार के मासी की चूत में अपना पूरा लंड घुसा दिया। मासी की आवाज निकलने से पहले ही मैंने मासी की होंठ पर होंठ रख के आवाज को दबा दिया। मासी की चुदाई अब पूरे लंड को अंदर बाहर डाल के कर रहा था। मासी को भी कुछ दर्द हो रहा था। लेकिन फिर भी उन्हें मजा आ रहा था। मासी की चूत को फाड़ दिया।
मासी की चूत लाल लाल ही गई। मासी ने भी कमर उठा उठा के चुदवा रही थी। मासी अपनी चूत के ऊपर उँगलियों को रख कर मसल रही थी। मैं मासी की चूत में अपना लंड धका पेल पेल रहा था। मासी-“…..अई….अई….अई….अई…इसस्स्स्स्स्स्स्स्…..उहह्ह्ह्ह..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाजो के साथ चुदवा रही थी। मासी को चोदने में बहुत मजा आ रहा था। यहाँ न कोई डर था।
मासी भी बेफिक्र होकर चुदवा रही थी। मासी को मैंने कुतिया बनाया। मासी को मैं डॉगी स्टाईल में चोद रहा था। मासी को बहुत मजा आने लगा। मासी भी गांड मटका मटका के चुदवाने लगी। मासी की चूत अपना पानी छोड़ रही थी। मासी को मै छप छप को आवाज के साथ चोद रहा था।
मासी की चूत का गिरता पानी मैंने अपने हाथों में ले लिया। थोड़ा सा खुद चख के मासी को चखा दिया। मासी ने अपने चूत के माल को थूक दिया। मैने मासी कों खड़ा किया। मासी की एक टांग उठाकर मैने मासी की चूत में लंड डाल दिया। मासी बार बार अपनी चूत से माल निकाल रही थी। मैंने मासी की चूत चोद कर उसका भरता लगा डाला।
मासी अपनी चूत पर उंगलियों से मसाज कर रही थी। मैंने मासी को लिटा दिया। उनकी दोनों टांगो को उठाकर मै उन्हें आगे पीछे करके चोद रहा था। मासी की चूत पानी छोड़ रही थी। मैंने मासी की चूत से अपना गीला लंड बाहर निकाला। मैंने मासी की गांड में अपना लंड घुसाने लगा। मासी मेरे लंड से गांड मारवाने से डर रही थी।
मासी की चूत का तो कीमा बन चुका था। मैंने मासी के मना करने पर भी मैंने अपना लंड मासी की गांड में घुसा दिया। मासी जोर जोर से “….आ आ आ आ अह्हह्ह…अई…अई ….ईईईई ईईई मर गयी….मर गयी—-मर गयी…मैं तो आजजजजज!!” चिल्लाने लगी। मासी की गांड भी फाड़ डाली। मासी रोने लगी।
मैंने अपना लंड उनकी गांड में पेलता रहा। कुछ देर बाद मासी के गांड का दर्द आराम होते ही मासी भी गांड उठा उठा के मरवाने लगी। मासी की कभी गांड मारता तो कभी उनकी चूत में लंड घुसा के गीली करके मासी के गांड में पेल देता था। मैं लेट गया। मासी के गांड की छेद को लंड से लगाकर बैठा लिया।
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मासी अब खुद ही गांड मरवा रही थी। मैं मासी की दोनो चूंचियों को निचोड़ रहा था। मासी जल्दी जल्दी ऊपर नीचे हो रही थी। मैंने मासी की गांड में अपना लंड उठा उठा के पेलने लगा। मासी की गांड में पूरा लंड घुसेड़ देता था। मासी की चीखे निकल जाती। फिर भी मासी “..उंह उंह उंह हू… हूँ…हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह…अई… अई…अई…..” करती रहती और गांड उठा उठा के मरवाती रहती। मैं कब झड़ने वाला हो रहा था। मासी को मैंने बैठा दिया।
मैंने मासों की चेहरे पर अपना लंड घुमा घुमा के मुठ मार रहा था। मैंने मासी की चेहरे को अपने लंड के माल से धो दिया। मासी ने जीभ से मेरे लंड के माल का स्वाद चखा। मासी ने अपना चेहरा साफ किया। पूरी रात मासी और हम नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे। रात में मैंने कई बार चुदाई की। दो तीन दिन बाद मैं अपने घर चला आया। मासी की चूत जब भी मुझे चोदनी होती है। मैं लखनऊ चला जाता हूँ। मासी भी जब मेरे घर आती है। मै उनकी खूब चुदाई करता हूँ।