New XXX Kahani
मैं एक शादी शुदा औरत हूँ। मैं हाउस वाइफ हूँ और सारा दिन घर पर ही रहती हूँ। मैं खाली समय में सेक्स विडियो देखन और नई नई चुदाई कहानियां पढना पसंद करती हूँ। मेरी एक सहेली ने मुझे नॉन वेज स्टोरी के बारे में बताया था, तब से मैं रोज यहाँ की मस्त स्टोरीज पढ़ती हूँ। New XXX Kahani
आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी में घटी एक सच्ची घटना है। मैं इस समय वाराणसी में रह रही थी। मेरे पति के गुजरने के बाद मेरे ससुर की नजर मुझ पर ख़राब हो गयी।
मेरे बच्चे नही हुए थे क्यूंकि शादी के २ साल बाद ही मेरे हसबैंड चल बसे। उन्होंने २० लाख का बीमा करवा रखा था अपना ताकि अगर उनको कुछ हो जाए तो मैं बेसहारा ना रहू, पर मेरे लालची ससुर ने वो २० लाख रुपये मुझसे जबरन छीन लिए और अपने पास रख लिए।
मेरे ससुर हरिनारायण एक वकील थे और बड़े तानाशाह टाइप के आदमी थे। पैसो के बारे में बात करने के लिए मेरे पापा आये और जब उन्होंने मेरे ससुर से पूछा की मेरे २० लाख रुपये उन्होंने क्यों ले लिए तो वो बोले की उन्होंने मेरी भलाई के लिए ही ऐसा किया है।
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मेरे पापा एक सीधे साधे आदमी थे और क़ानूनी दांव पेंच नही जानते थे। मेरे हसबैंड के मरने के बाद मैं पड़ोस के एक लड़के सोनू से प्यार करने लगी। जब मेरे ससुरजी कचेहरी में रहते, तो मैं सोनू को घर में बुला लेती और उससे खूब बाते करती। एक दो बार मैंने सोनू से चुदवा भी लिया था। वो मेरा बहुत ख्याल रखता था।
सोनू में मुझे मेरा पति (प्रशांत) नजर आता था, इसलिए मैं उससे प्यार करने लगी थी। एक दिन दोपहर में मेरा सोनू से चुदवाने के बड़ा दिल कर रहा था। मैंने उसे फोन कर दिया और बुला लिया। जब सोनू घर में आ गया, तो हम दोनों प्यार करने लगे। सोनू ने मुझे बाहों में भर लिया और गालों पर चूमने लगा।
“मैथिलि… आज तो तुम बड़ी सुंदर लग रही हो… आज तो तुम मेरी जान ही ले लोगी!!” सोनू बोला.
मैंने आसमानी रंग की सिल्क साड़ी पहन रखी थी और एक विधवा होने के बाद भी मैंने पूरा मेकअप कर रखा था। सोनू ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे रसीले होठ चूसने लगा। मैं भी उसका बराबर सहयोग करने लगी। वो बार बार मेरे नीचे वाले होठ काटकर मुझे कामोत्तेजित कर रहा था।
कुछ देर बाद मैं पूरी तरह से सोनू की हो गयी और मैंने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी, फिर उसने भी यही किया। उसने भी अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और हम दोनों गर्मागर्म चुम्बन में लीन हो गए थे। सोनू का हाथ मेरे ब्लाउस पर आ गया।
वो धीरे धीरे मेरे स्वादिस्ट भरे हुए ३८” के मम्मे दबाने लगा। हम दोनों कई मिनटों तक एक दुसरे की जीभ चूसते और पीते रहे। फिर सोनू मुझको अंदर बेडरूम में ले गया। एक एक कर उसने मेरे कसे ब्लाउस की एक एक बटन खोल दी और ब्लाउस निकाल दिया।
मेरे ३८” का बड़े बड़े मम्मे मेरी ब्रा में किसी कबूतर की तरह कैद थे। मेरे आशिक सोनू ने मेरे कैदी बने कबूतरों को ब्रा की घुटन से आजाद कर दिया और ब्रा निकाल दी। मेरे बला के २ बड़े बड़े चुचचे मेरे आशिक सोनू के सामने थे।
सोनू बहुत अधिक चुदासा हो गया था और मेरे खूबसूरत सफ़ेद चिकने मम्मो को वो अपने हाथ में लेकर किसी आटे की तरह वो जोर जोर से मसलने लगा। “आआआआअह्हह्हह…. ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह… अई.. अई.. अई…. अई.. मम्मी….” मैं बड़ी तेज से चिल्लाई।
सोनू किसी कामांध आदमी की तरह मेरे सफ़ेद मम्मे तेज तेज दबाने लगा और मजा लेने लगा। फिर वो मुंह में लगाकर मेरे दूध किसी छोटे बच्चे की तरह पीने लगा। मेरे दोनों दूध मेरे आशिक सोनू के हाथ में थे, वो मेरे मम्मो को दबा रहा था और किसी आटे की तरह मसल रहा था।
मेरी छातियाँ उसके मुंह में थी और वो मजे लेकर चूस रहा था। मैं “….हाईईईईई, उउउहह, आआअहह” चिल्लाने के सिवा कुछ नही कर सकती थी। फिर सोनू ने मेरी साड़ी निकाल दी और मेरे पेटीकोट के नारे को वो बाँवला होकर चूमने लगा।
फिर बड़ी प्यार से उसने मेरा नारा खोल दिया और आसमानी रंग का पेटीकोट उसने निकाल दिया। फिर मेरी पेंटी भी उसने निकाल दी। अब मैं अपने आशिक के सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। दोस्तों, मैं बहुत सुंदर और गोरी चिकनी थी किसी राजकुमारी की तरह।
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सोनू मुझपर पूरी तरह से आसक्त हो गया था और आज कसके मेरी बुर चोदना चाहता था। मैं भी उससे चुदवाना चाहती थी क्यूंकि उसकी शक्ल मेरे पति(प्रशांत) से बहुत मिलती थी। सोनू मेरे पैर को उठाकर अपने मुंह तक ले गया और होठो से चूमने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो कामातुर होकर मेरे पैर की एक एक ऊँगली को चूस रहा था। फिर वो टखने और खूबसूरत गोल गोल गोरे घुटनों को किस करने लगा। मेरी चिकनी संगमर जैसी दिखने वाली जांघ को देखकर तो जैसे सोनू पागल ही हो गया था। मेरी खूबसूरत जांघ को तो दांत से काट रहा था और मुझे छेड़ रहा था।
अंत में मेरा आशिक सोनू मेरी चूत पर आ गया। जैसे ही उसने मेरी चूत पर ऊँगली रखी, मैं “……मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलकर मैं चिल्लाई। फिर सोनू अपने होठ लगाकर मेरी बुर पीने लगा और मजा लेने लगा।
मैं पूरी तरह से चुदासी हो गयी थी। मैं काम की अग्नि में जल रही थी, मैं खुद ही अपने दूध को अपने हाथ से कस कसकर दबाने लगी। मेरा आशिक सोनू मुझ पर प्यार के सितम और जुलुम कर रहा था। वो मेरी चूत को अच्छे से जीभ लगाकर चूस, चाट और पी रहा था।
मैं तो जैसे पागल ही हो गयी थी। फिर सोनू मेरे चूत के दाने को दिल लगाकर पीने लगा और मुझे भरपूर मजा देने लगा। मैं तो जन्नत की सैर करने लगी। मैं तो जैसे चाँद तारो में उड़ रही थी। सोनू मेरे चूत के दाने को दांत से काट काटकर उपर तक खीच लेता था।
मेरी चूत में काम की अग्नि प्रजवलित हो चुकी थी। हाँ सच में मैं आज अपने आशिक से कसकर चुदवाना चाहती थी। फिर सोनू ने अपनी उँगलियों से मेरी चूत के होठ खोल दिए और असली चूत मजे लेकर पीने लगा। उसकी खुदरी जीभ मेरी नाजुक चूत में गड और चुभ रही थी। पर मजा पूरा आ रहा था।
फिर सोनू ने मेरी चूत में पास रखी सब्जिओं से एक बैगन उठाकर डाल दिया और जल्दी जल्दी बैंगन से मेरी चूत चोदने लगा।“……उई..उई..उई…. माँ….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ…. अहह्ह्ह्हह..” मैं जोर से चिल्लाई। पर सोनू पर कोई असर ना हुआ।
वो लगातर बिना रुके उस मोटे १० इंच के लम्बे बैगन से मेरी चूत चोदता ही रहा। बैगन तो मुझे असली लौड़े का मजा दे रहा था। आज मैं जमकर मजा ले रही थी। मेरा आशिक मुझ जैसी विधवा को चोदने का पुन्य का काम कर रहा था।
वो मेरी बुर को बैगन से लगातर चोदता ही चला गया और मेरी इधर हालत खराब होने लगी। मेरा गला सुख रहा था। सोनू जल्दी जल्दी उस लम्बे और मोटे बैगन को मेरे भोसड़े में डालकर अंदर बाहर कर रहा था।“ही ही ही ही ही… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ..” मैं चिल्ला रही थी।
फिर सोनू ने बैगन निकाल लिया और अपना ८ इंची लंड मेरी बुर में डाल दिया। वो नामुराद मेरे उपर लेट गया और मेरे संतरे जैसे रसीले होठ को वो चूसते चूसते वो मुझे चोदने लगा। चुदाई के नशे से मेरी आँखे अपने आप बंद होने लगी।
सोनू मेरी जैसी विधवा की चूत में जल्दी जल्द तेज तेज धक्के अपने लौड़े से लगाने लगा। मेरी आँखों के सामने तो अँधेरा ही छाने लगा। सोनू मेरी बड़ी मस्त ठुकाई कर रहा था। इस तरह हम लोगो को सेक्स और सम्भोग करते आधे घंटे गुजर गये।
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मै अपनी कमर और गांड हवा में उपर तक उठाने लगी। मेरी चूत अपना पानी छोड़ने वाली थी। मेरा बॉयफ्रेंड सोनू मुझे किसी कुत्ते की तरह जल्दी जल्दी चोद रहा था, जैसे मैं उसकी असली बीवी हूँ। फिर वो तेज तेज धक्के मेरी चूत में देने लगा। मेरा बदन अकड़ गया और मैंने उसे अपने पति की तरह बाहों में कस लिया।
वो पेलम पेलम धक्के मारता रहा। इसी बीच मैं झड़ गयी और मेरी चूत ने अपना रस मेरे बॉयफ्रेंड सोनू के लंड पर छोड़ दिया। एक बार मेरी ठुकाई पूरी हो चुकी थी। हम दोनों साथ में नंगे नंगे ही लेते रहे और दुनियाभर की बातें करते रहे।
वो लगाकर मेरी चूत को सहलाता और उसने ऊँगली करता रहा। दोस्तों फिर हम दोनों सो गये। अचानक दरवाजे पर बहु बहू की आवाज सुनाई दी। मेरे ससुर कचेहरी से आ चुके थे। मेरी तो गांड फट गयी। सोनू पूरी तरह से नंगा था और मेरे बगल ही लेता हुआ था।
“अबे भाग भोसड़ी आंधी आई…… जल्दी से भाग जा वरना मेरा ससुर तेरी और मेरी हम दोनों की गांड मार लेगा” मैंने कहा.
“बहू… इतनी देर क्यों लग रही है… दरवाजा खोलो!!” मेरे ससुर आक्रामक होकर चिल्लाए.
मैं तो पूरी तरह से नंगी थी। ब्रा, पेंटी और ब्लाउस पहनने का समय मेरे पास था नही। इतने में मेरा आशिक सिर्फ अन्दरविअर पहनकर और बाकी कपड़े साथ में लेकर पंहुचा तो ससुर से उसे पकड़ लिया।
“चोर चोर!!!पकड़ो पकड़ो…. मारो मारो!” ससुर लात मुकों से सोनू तो उड़ाने लगे। वो समझे की घर में कोई चोर घुसा है।
“मैं कोई चोर नही हूँ, मैं आपकी बहु मैथिलि से प्यार करता हूँ, उसी से मुझसे चुदवाने के लिए बुलाया था!!!” सोनू जल्दबाजी में बक गया बिना सोचे की उसके बाद क्या होगा।
ससुर को शक हो गया की मैं उससे चुदवा रही थी। उन्होंने दरवाजे पर धाड़ से एक लात मारी तो कुण्डी खुल गयी। मैं चड्डी पहन चुकी थी और ब्रा पहन रही थी। मैं पूरी तरह से नंगी थी और मेरी साड़ी बेड पर पड़ी हुई थी।
बेड की चादर पर सोनू के लंड से निकला हुआ माल की कई बुँदे टपकी हुई थी। ये सब देखकर मेरे ससुर का खून खौल गया, उन्होंने एक डंडे से सोनू की जमकर धुनाई की। वो किसी तरह जान बचाकर भागा। ससुर मेरे कमरे में घुस जाए और मुझे माँ बहन की गाली बकने लगे।
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“बहन की लौड़ी!! मेरे सामने तो किसी सती सावित्री की तरह साड़ी पहनकर रहती है… और मेरे जाने के बाद पराये मर्दों से चुदवाती है। तो आज मैं तेरे लंड की भूख को मिटा देता हूँ!!” ससुर बोले.
और उन्होंने मेरे दोनों गालो को चाटें मार मारकर लाल कर लिया और मेरे बाल पकड़कर मुझे किसी कैदी की तरह खीचते हुए उसी बेडरूम में ले आये जहाँ पर अपने आशिक सोनू के साथ रास रचा रही थी। ससुर ने मुझे बिस्तर पर पटक दिया और मेरी पेंटी निकाल दी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अपने सारे कपड़े निकालकर फुल नंगे हो गये। उन्होंने अपने लौड़े पर ढेर सारा तेल लगा लिया और मेरे पैर खोलकर मेरी चूत में डाल दिया और जल्दी जल्दी हौंक हौंक कर चोदने लगे। मेरे ससुर मुझे जल्दी जल्दी पेलने लगा। मुझे कूट कूटकर वो चोदने लगे।
जैसा मेरी चूत पर कपड़े धो रहे हो। ससुर के झटके मुझे बड़े मीठे लग रहे थे। वो तो मेरे स्वर्गवासी पति और मेरे बॉयफ्रेंड सोनू से भी तेज तेज मुझे ले रहे थे। खा पी रहे थे। वो मुझे खट खट करके चोदने लगे, मुझे लगा की मैं परमात्मा तक पहुच रही हूँ।
गुस्सैल ससुर में सच में बहुत ताकत और उर्जा थी। इतनी जोर जोर से तो मेरा स्वर्गवासी पति प्रशांत भी मुझे नही चोद खा पाता था। मुझे पेलते पेलते वो मेरे नारियल को भी जोर जोर से मसल रहे थे और दबा रहे थे। ये सब बहुत शानदार और कमाल का था दोस्तों।
मैं अपने सगे ससुर से चुदवा रही थी और इश्वर के करीब पहुच रही थी। वो मुझे अपनी औरत समज के चोद रहे थे। दोस्तों, मैं उच्च स्तर का मानसिक और शरीरिक सुख महसूस कर रही थी। मेरी चूत में खलबली मची हुई थी। मेरी चूत से मीठी आनंदमई तरंगे निकल रही थी जो मेरी जाँघों और नाभि दोनों तरफ जा रही थी।
मैं “उ उ उ उ ऊऊऊ…. ऊँ.. ऊँ… ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो…” करके चिल्ला रही थी। ससुर बहुत कलाकर आदमी साबित हो चुके थे। वो कामशास्त्र के सम्पूर्ण ज्ञाता साबित हो चुके थे। किसी लौडिया को किस तरह से अच्छे से चोदा जाता है, ये ससुर जी अच्छे से जानते थे।
उनका लौड़ा मजे से मेरी चिकनी चूत में फिसल रहा था और अंदर बाहर हो रहा था। मैं मजे से चुदवा रही थी और आ आहा माँ माँ माँ आ हा हा हा !! की सिसकारी ले रही थी। मुझको लग रहा था की ससुर का लौड़ा अपना माल मेरी चूत में छोड़ने वाला है।
फिर कुछ देर बाद ससुर ने मुझे चोदते चोदते सीने से लगा लिया। मुझे अपनी बाहों में भर लिया जैसे कोई आदमी अपनी औरत को भर लेता है। फिर पापा ताबड़तोड़ धक्के मारने लगे। “बहन की लौड़ी …ले आज!! जी भरकर मोटा लंड खा ले!!” वो चिल्लाए और मुझे जल्दी जल्दी पेलने लगे।
फिर उन्होंने अपना गर्म गर्म माल मेरी चूत में ही छोड़ दिया। २ गोरी गोरी गोल मटोल जाँघों के बीच में मेरी सावली सलोनी गदराई चूत के क्या कहने थे।ससुर तो जैसे मेरी चूत को एक नजर इत्मीनान से देखने चाहते थे। वो रुक गये और मेरी बुर के दर्शन करने लगे।
उसकी आँखों में वासना के अंगारे साफ़ साफ़ मैं सुलगते हुए देख रही थी। वो मुझे रगड़कर चोदना चाहता था। ज्यूँही उन्होंने मेरी सावली सलोनी चूत पर ऊँगली रखी, मैं मचल गयी। “सी सी सी सी.. हा हा हा…” मैं चिल्ला दी। अपनी उँगलियों को ससुर ने बड़ी सावधानी से मेरी चूत पर फिराई और चूत को छू कर देखा।
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मैं मजे से आह आह हा हा करके चुदवाने लगी। ससुर जी के मोटे लौड़े से मेरी चूत सिकुड़ गयी थी। बड़ी कसी कसी रगड़ थी वो। चुदते चुदते मेरे पेट में मरोड़ उठने लगी। इसके साथ ही मेरे बदन में बड़ी अजीब सुखद लहरें उठने लगी, जो मेरी चुदती चूत से उठ रही थी और पूरे बदन में फ़ैल रही थी। मैं फटर फटर करके चुदवा रही थी। ससुर को कुछ समझाने की जरुरत नही थी। वो सब जानते थे। किसी तेज तर्रार लडके की तरह वो मेरे साथ संभोग कर रहे थे।
कुछ देर बाद मेरा वो बहुत जादा चुदासा हो गये और बिना रुके किसी मशीन की तरह मेरी चूत मारने लगा। मैं “उई.. उई.. उई…. माँ…. माँ…. ओह्ह्ह्ह माँ… अहह्ह्ह्हह..” करके जोर जोर से चिल्लाने लगी। मेरे ससुर ने बदल बदलकर मेरी चूत और गांड सारी रात मारी और मेरी चूत से खून निकाल दिया। मैं अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाती हूँ, ये सच जानने के बाद मेरे ससुर रोज रात में मेरी चूत और गांड मारते है। मैं मजबूर हूँ और कुछ नही कर पाती।
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